हम बीमार क्यों होते हैं
बहुविकल्पीय प्रश्न
1.BCG टीके का प्रयोग इसके निरोध के लिए किया जाता है
(a) न्यूमोनिया
(b) ट्यूबरकुलोसिस
(c) पोलियो
(d) अमीबिआसिस
Ans :- b
2. AIDS प्रायः इसके द्वारा उत्पन्न होता है।
(a) मैथुन
(b) रक्त आधान
(c) प्लैसन्टीय आधान
(d) उपर्युक्त सभी
Ans :- d
3. कॉलरा इसके कारण होता है
(a) प्रोटोजोअन
(b) फंगस
(c) वाइरस
(d) बैक्टीरियम
Ans :- d
4. पीलिया इसका रोग है
(a) किडनी
(b) लिवर
(c) पैंक्रियास
(d) डिओडिनम
Ans :- b
5. AIDS वाइरस में होता है
(a) एकल लड़ DNA
(b) युग्म लड़ DNA
(c) एकल लड़ RNA
(d) युग्म लड़ RNA.
Ans :- c
6. T.B. का रोगकारक है
(a) सैलमोनेला
(b) माइकोबैक्टीरियम
(c) स्ट्रेप्टोकॉक्स
(d) न्यूमोकॉकस
Ans :- b
7. इम्यूनो डेफीसिएन्सी सिण्ड्रोम विकसित होने का कारण हो सकता है-
(a) खराब लिवर
(b) खराब थाइमस
(c) AIDS वाइरस
(d) कमजोर असंक्राम्य तन्त्र
Ans :- c
8. T.B. का उपचार इसके द्वारा किया जाता है
(a) ग्रिजियोफुल्विन
(b) यूबिक्वीनोन
(c) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(d) एनसिटॉल
Ans :- c
9. निम्नलिखित में से कौन-सा जीवाणुक रोग है
(a) पोलियोमाइलिटिस
(b) फाइलेरियासिस
(c) टिटेनस
(d) मलेरिया
Ans :- c
10. AIDS इसके द्वारा फैलता है
(a) समलिंग कामुकता
(b) जीवन की अनश्वर रीति
(c) संक्रमित सूई और सिरिंज
(d) उपर्युक्त सभी
Ans :- d
11. AIDS इसके कारण होता है
(a) सहायक – कोशिकाओं की संख्या में कमी
(b) हन्ता – कोशिकाओं की संख्या में कमी
(c) स्वअसंक्राम्यता
(d) इन्टरफेरॉनों का अनुत्पादन
Ans :- a
12. निम्नलिखित में से संक्रामक रोग है
(a) डायबिटीज
(b) क्वाशिओरकर
(c) हाइपरटेन्शन
(d) डिफ्थीरिया
Ans :- d
13. टाइफॉइड इसके द्वारा उत्पन्न होता है
(a) एशरिकिआ
(b) गिआर्डिया
(c) सैलमोनेला
(d) शिजेला
Ans :- d
14. निम्नलिखित में से कौन अमेलित है
(a) लेप्रोसी-बैक्टीरियल संक्रमण
(b) AIDS – बैक्टीरियल संक्रमण
(c) मलेरिया-प्रोटोजोअन संक्रमण
(d) एलिफैन्टिआसिस – नीमैटोड संक्रमण
Ans :- c
15. ज्वर, सरसाम, मंदनब्ज़, उदीय दर्द और गुलाबी रंगे के ददोरा इस रोग को सूचित करते हैं-
(a) टाइफॉइड
(b) मीजल्स
(c) टिटैनस
(d) चिकेनपॉक्स
Ans :- a
16. एड्स का एक कारण है-
(a) आनुवंशिक विकार
(b) विटामिन में कमी
(c) हॉरमोन असन्तुलन
(d) स्वच्छन्द यौन सम्पर्क
Ans :- d
17. सर्दी-जुकाम तथा इन्फ्लुन्जा के विषाणु फैलते हैं-
(a) वायु द्वारा
(b) जल तथा भोजन द्वारा
(c) त्वचीय स्पर्श द्वारा
(d) यौन सम्पर्क द्वारा
Ans :- a
18. हैजे तथा मियादी बुखार के जीवाणु फैलते हैं-
(a) वायु द्वारा
(b) जल तथा भोजन द्वारा
(c) त्वचीय स्पर्श द्वारा
(d) यौन सम्पर्क द्वारा
Ans :- b
19. एड्स का संचरण लेता है-
(a) रोगग्रस्त व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति को देने से
(b) एक ही सूई द्वारा इन्जेक्शन लगाने से
(c) यौन सम्पर्क से
(d) उपर्युक्त सभी
Ans :- d
20. एक व्यक्ति को सिर दर्द से सकता है०
(a) परीक्षा के तनाव के कारण
(b) अधिक कार्य के कारण
(c) मस्तिष्क ज्वर के कारण
(d) उपर्युक्त में से कोई भी
Ans :- d
21. हम जल को स्वच्छ एवं जीवाणु रहित कर सकते है –
(a) उबालकर
(c) निथारकर
(b) फ्रिज में रखकर
(d) उपर्युक्त सभी
Ans :- a
22. रैबीज ……… के द्वारा होने वाला रोग है-
(a) विषाणु
(b) जीवाणु
(c) कवक
(d) प्रोटोजोआ
Ans :- a
23. क्षयरोग …………….के द्वारा हयेने वाला रोग है।
(a) विषाणु
(b) जीवाणु
(c) कवक
(d) प्रोटोजोआ
Ans :- b
24. मलेरिया ——- के द्वारा झेने वाला रोग है।
(a) विषाणु
(b) जीवाणु
(c) कवक
(d) प्रोटोजोआ
Ans :- d
25. दाद ………. के द्वारा होने वाला रोग है।
(a) विषाणु
(b) जीवाणु
(c) कवक
(d) प्रोटोजाओ
Ans :- c
26. असंचरणीय रोग है।
(a) एड्स और सिफिलिस
(b) धमनी काठिन्य एवं मधुमेह
(c) दाद और हैजा
(d) खसरा और चेचक
Ans :- b
27. रोगवाहक नहीं है
(a) कॉकरोच
(b) मक्खी
(c) नर एनोफिलीज
(d) मादा एनोफिलीज
Ans :- c
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.अच्छे स्वास्थ्य को तीन मूल शर्तों के नाम लिखें।
उत्तर- अच्छे स्वास्थ्य को तीन मूल शर्तों के नाम ये हैं-
(i) सन्तुलित आहार
(ii) स्वच्छ भोजन जल
(iii) शुद्ध एवं स्वच्छ हवा
2. ऐसे तीन रोगों के नाम लिखें जिन्हें स्वच्छ पेयजल का उपयोग कर फैलने से रोका जा सकता है।
उत्तर- अमीबीय पेचिश, कॉलेरा, टाइफॉयड ऐसे रोग हैं जिन्हें स्वच्छ पेयजल का उपयोग कर फैलने से रोका जा सकता है।
3. तीन संक्रामक रोगों के नाम लिखें।
उत्तर- तीन संक्रामक रोग ये हैं- (1) कॉलरा, (ii) इंफ्लुएंजा तथा (ii) न्यूमोनिया ।
4. दो असंक्रामक रोगों के नाम लिखें।
उत्तर- दो असंक्रामक रोग ये
(i) मधुमेह तथा (ii) कैंसर
5. ऐसे रोग जो बहुत लंबे समय तक बनी रहती है, क्या कहलाते हैं ?
उत्तर- ऐसे रोग जो बहुत लंबे समय तक बनी रहती है, चिरकालिक रोग कहलाते हैं।
6. सूक्ष्मजीव रोगाणुओं के कारण होनेवाले रोग क्या कहलाते हैं ?
उत्तर- सूक्ष्मजीव रोगाणुओं के कारण होनेवाले रोग संक्रामक रोग कहलाते हैं।
7. बाही कारकों द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलनेवाला रोग क्या कहलाता है ?
उत्तर- मलेरिया नामक रोग बाह्य कारकों द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलनेवाला रोग है।
8. हाइड्रोफोबिया रोग का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर- रेबीजा
9. टाइफायड रोग के कारक का नाम लिखें।
उत्तर- सालमोनेला टाइफी ।
10. AIDS का पूरा नाम लिखें।
उत्तर- AIDS का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिन्ड्रोम (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है।
11. HIV का पूरा नाम लिखें।
उत्तर- HIV का पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनोसिडेफिएंसी वायरस (Human Immune deficiency Virus) है।
12. क्षयरोग या टी० बी० किस संक्रामक बैक्टीरिया के कारण होता हैं
उत्तर- क्षयरोग या टी० बी० एक प्रकार के बैक्टीरिया माइकोबैक्टेरियम ट्युबरकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis ) के कारण होता है।
13. वैसा आहार जिसमें सभी पोषक तत्व समुचित मात्रा में उपलब्ध हो, क्या कहलाता है?
उत्तर- संतुलित आहार ।
14. लौह खनिज की कमी से होनेवाला रोय क्या कहलाता है?
उत्तर – एनीमिया रोग
15. ऐसे रोग जो बहुत समय तक बने रहते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर- चिरकालिक रोग कहलाते है।
16. हार्मोन की गड़बड़ी से हमारे शरीर में होनेवाले किन्हीं दो रोगों के नाम लिखें।
उत्तर- (1) मधुमेह या डायबीटिज (2) भीमकायत्व या जायटि
17. शरीर में किस हार्मोन के ज्यादा बनने से जायगैटिज्म नामक रोग होता है?
उत्तर- वृद्धि हार्मोन के ज्यादा बढ़ने से होता है।
18. एनसेफलाइटिस तथा चेचक किस श्रेणी के सूक्ष्म रोगाणु से होनेवाले रोग हैं?
उत्तर- वाइरस श्रेणी के सूक्ष्म रोगाणु द्वारा ।
19. सूक्ष्मजीव रोगाणुओं के कारण होनेवाले रोग क्या कहलाता है?
उत्तर – संक्रामक रोग।
20. असंक्रामक रोग के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर- मधुमेह, कैंसर ।
21. संचाहित रोग के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर- मलेरिया, डायरिया ।
22. मलेरिया रोग किस परजीवी के कारण होता है?
उत्तर- मादा एनोफेलीज नामक परजीवी के कारण।
23. अमीबी पेचिश किस प्रोटोजोआ के संक्रमण से होता है?
उत्तर- एंटअमीबा हिस्टोलिटिका प्रोटोजोआ के कारण।
24. टाइफॉइड नामक रोग के रोकथाम के लिए लगाए जानेवाला टीका क्या कहलाता है।
उत्तर- TAB (Typhoid Antibacterial)
25. DOTS के द्वारा किस रोग की चिकित्सा की जाती है?
उत्तर- टीबी ।
26. इंटरफेटॉन की सूई किस रोग के नियंत्रण में सहायक है ?
उत्तर- हेपेटाइटिस।
27. रैबडो वाइरस के कारण होनेवाले रोग का नाम बताएं।
उत्तर- रोबिज
28. रेबिज नामक रोग अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर- हाइड्रोफोबिया ।
29. पोलियो से ग्रसित अंग में रोग की तीव्रता कम करने के लिए उपचार की कौन-सी विधि अपनाई जाती है?
उत्तर – फिजियोथेरापी ।
30. पोलियो वाइरस से सुरक्षा के लिए बच्चों को पिलाए जानेवाली दवा की बूंद क्या कहलाता है ?
उत्तर- OPV (Oral Polio Vaccine)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.स्वास्थ्य की परिभाषा ( WHO के अनुसार ) क्या है?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा स्वास्थ्य की परिभाषा इस प्रकार की गयी है – “वह स्थिति जिसमें पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सम्पन्नता हो, न कि केवल बीमारियों या पीड़ा का न होना। “
2. रोग किसे कहते हैं
उत्तर- अंग्रेजी में रोग को Disease कहते हैं जिसका शाब्दिक अर्थ है (Disease) आसानी या सुविधा का न होना । अर्थात् रोग की परिभाषा किसी कारणवश शरीर के अंगों की कुसंक्रिया (ठीक से कार्य न करने) की स्थिति के रूप में दी जा सकती है। दूसरे शब्दों में, शरीर में किसी प्रकार के दोष (विकार) को रोग कहते हैं।
3. रोगलक्षण किसे कहते हैं?
उत्तर- वैसे संकेत जो शारीरिक अंगों के सामान्य कार्य न करने से मिलते हैं तथा जिसे केवल रोगी ही महसूस कर सकता है, रोगलक्षण (Symptom ) कहलाता है।
4. रोगों का सामान्य चिन्ह क्या है?
उत्तर – रोगों के सामान्य चिन्ह ( Sign ) वैसी स्थिति है जो शरीर की कार्यिक एवं रचना के आदर्श स्वरूप में परिवर्तन को दर्शाते हैं।
5. चिरकालिक रोगों की परिभाषा दें।
उत्तर- ऐसे रोग जो बहुत समय तक बने रहते हैं, चिरकालिक (Chronic) रोग कहलाते हैं। चिरकालिक रोग सामान्यतः पूर्णरूप से ठीक नहीं होते हैं। इनके लक्षणों को दवाओं के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
जैसे—दमा (Asthma), गठिया (Arthritis), टी० बी० या ट्युबरकुलोसिस (Tuberculosis), मधुमेह (Diabetes) इत्यादि
6. संक्रामक रोग किसे कहते हैं?
उत्तर- सूक्ष्मजीव रोगाणुओं (Pathogens) के कारण होनेवाले रोग, संक्रामक रोग (Infections Disease) कहलाते हैं। कॉलरा, इंफ्लुएंजा, न्यूमोनिया, ट्युबरकुलोसिस या टी० बी०, एड्स, मलेरिया, फाइलेरिया संक्रामक रोग के कुछ उदाहरण हैं।
7. निर्जलीकरण को रोकने के उपाय बतायें।
उत्तर- निर्जलीकरण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
(i) (OORS या चीनी का घोल मरीजों को दिया जाना चाहिये ।
(ii) पीने का जल शुद्ध एवं संक्रमणरहित होना चाहिये।
(iii) नमक और नींबू के घोल का प्रयोग करना चाहिये।
8. किस श्रेणी के रोग संचारित रोग कहलाते हैं ?
उत्तर- संचारित रोग वायु द्वारा संक्रमित भोजन एवं पेयजल द्वारा, कीटों तथा अन्य जन्तुओं द्वारा तथा शारीरिक द्रव्य के माध्यम से फैलते हैं। जैसे-मलेरिया रोग मादा एनोफेलीज नामक मच्छर के काटने से फैलते हैं। अतः संचारित श्रेणी के रोग संचारित रोग कहलाते हैं। अधिकतर संक्रामक रोगों को संचारित रोग की श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है।
9. पल्स पोलियो कार्यक्रम क्या है?
उत्तर- पल्स पोलियो कार्यक्रम (Pulse Polio Pragramme) पोलियो नामक रोग के विरुद्ध हमारे देश में चलाया जा रहा एक अभियान है। पोलियो सूक्ष्मजीव वायरस के कारण होने वाला रोग है । इस रोग में शरीर की मांसपेशियाँ तथा तंत्रिका प्रभावित हो हैं जिससे लकवा जैसी स्थिति है हो सकती है। पल्स पोलियो कार्यक्रम के अन्तर्गत इसका टीका पाँच वर्ष के शिशुओं को चरणबद्ध तरीके से दी जाती है। पोलियो के टीके को दवा की खुराक की तरह मुख से पिलायी जाती है। पल्स पोलियो प्रोग्राम की जानकारी आम जनता को समाचार-पत्रों, पोस्टरों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन जैसे संचार माध्यमों से दी जाती है।
10. क्षयरोग का संक्रमण कैसे होता है।
उत्तर- क्षयरोग या टी० बी० जीवाणुजनित संक्रामक रोग हैं। यह एक प्रकार के बैक्टीरिया माइकोबैक्टेरियम ट्युबरकुलोसिस के कारण होता है। शरीर में पहुंचने के बाद यह बैक्टीरिया एक जहरीला पदार्थ ट्युबरकुलीन मुक्त करता है। यह रोगाणु सामान्यतः फेफड़ा को प्रभावित कर उसके ऊतकों को क्षतिग्रस्त कर देता है। रोग का समुचित इलाज न होने पर यह फेफड़ा के अतिरिक्त आहारनाल, मस्तिष्क तथा हड्डियों तक फैलकर उन्हें भी प्रभावित करता है। मनुष्य के शरीर में टी० बी० के बैक्टीरिया का उद्भव अवधि कुछ सप्ताह से कई वर्षों तक का होता है। यह रोग है के संक्रमित रोगी के थूक, कफ, खाँसी के माध्यम से फैलता है। क्षयरोग से ग्रसित गाय के दूध को बिना अच्छी तरह उबाले पीने से फैलनेवाला संक्रामक रोग है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.अच्छे स्वास्थ्य की मूल शर्तें क्या हैं ?
उत्तर- अच्छे स्वास्थ्य की मूल
(i) सन्तुलित आहार (Balanced Diet ) – सन्तुलित आहार अर्थात् एक ऐसा आहार जिसमें सभी पोषक तत्त्व (जैसे- कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज और विटामिन ) समुचित मात्रा में उपलब्ध हों। – व्यक्तिगत हों
(ii) व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वास्थ्य (Personal and Domestic Hygiene ) – व्यक्तिगत और घरेलू स्तरों पर स्वच्छता भी स्वस्थ रहने की महत्वपूर्ण मूल शों में एक है। हमें प्रतिदिन सनान करना चाहिये और साफ कपड़े पहनना चाहिये । यदि कपड़े साफ और शरीर स्वच्छ न हो शर्ते इस प्रकार हैं तो इनकी गंदगी सूक्ष्मजीवाणुओं की वृद्धि में सहायक हो जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिये घर को साफ एवं हवादार रखना भी आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर घर कीटाणुओं (Germs) के पनपने का क्षेत्र बन जाता है। यह भी आवश्यक है कि घर के आस-पास के स्थान साफ हाँ और कहीं पानी का ठहराव न हो। ऐसे स्थान मच्छर, मक्खी की वृद्धि में सहायक होते हैं।
(iii) स्वच्छ भोजन एवं जल (Clean food and Water ) – उत्पन्न करनेवाले जीव एवं रसायन, भोजन एवं पेयजल के माध्यम से आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। अत: स्वच्छ भोजन एवं जल का सेवन स्वास्थ्यकर जीवन के लिये अनिवार्य है। इन्हें अच्छी तरह धो-पोछकर ही उनका सेवन करना चाहिये । पके हुये भोजन को साफ-सुथरे एवं ढंके हुए बर्तन में रखना चाहिये । मिलावट वाले खाद्य-पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिये। जल में भी रोग फैलानेवाले अनेक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इसलिये यदि शुद्ध पेयजल उपलब्ध न हो तो पानी को उबालकर पीना स्वास्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है। इससे रोग फैलानेवाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है। स्वस्थ रहने के लिये शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल का सेवन अत्यंत आवश्यक है।
(iv) शुद्ध एवं स्वच्छ हवा (Pure and clean air ) – एवं स्वच्छ वायु अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिक आवश्यकताओं में एक है। प्रदूषित वायु में साँस लेने से श्वसन संबंधी रोग जैसे दमन, ब्रॉन्काइटिस उत्पन्न हो जाते हैं। स्वच्छ वायु के लिये घर पर्याप्त हवादार होना चाहिये। रसोईघर में चिमनी या पंखों (Exhaust ) का प्रयोग करना चाहिये।
(v) व्यायाम एवं विश्राम (Exercise and Relaxation) – व्यायाम और विश्राम शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिये आवश्यक है। नियमित व्यायाम स्वस्थ रहने में सहायक होता है। वे लोग जो नियमित व्यायाम करते हैं उन्हें दिल के दौरे एवं हृदय संबंधी रोग होने की संभावना कम होती है। नियमित व्यायाम पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इससे रात में अच्छी नींद भी आती है। व्यायाम विशेषकर उन लोगों के लिये आवश्यक है जो एक ही स्थान पर बैठकर बहुत देर तक काम करते हैं। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिये विश्राम एवं नींद भी अत्यंत आवश्यक है। ये शरीर को आराम एवं पुनः काम करने के योग्य बनाने में सहायक है। ये तनाव को भी कम करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को नियमित तथा पूर्ण अवधि तक सोना चाहिये। विश्राम करने के विभिन्न तरीके हैं। जैसे—संगीत सुनना, पार्क में घूमना, कोई खेल खेलना, पढ़ना इत्यादि ।
(vi) दुर्व्यसन का न होना (wo addiction) – व्यसन एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति मनोवैज्ञानिक या कार्यिक तौर पर किसी ऐसे परनिर्भर हो जाता है जो उसके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। सामान्यतः जब हम व्यसन के विषय में बात करते हैं तो हमारा तात्पर्य धुम्रपान, मादक द्रव (ट्रग्स) लेने से होता है। व्यसन स्वास्थ्य समस्या को उत्पन्न करती है। शराब पीना, मानसिक एवं शारीरिक चुस्ती को कम करती है और ज्यादा शराब का सेवन तंत्रिका तंत्र और यकृत को हानि पहुंचाता है । धुम्रपान श्वसन संबंधी बीमारियों, हृदय रोग और कैंसर जैसे भयानक रोग पैदा करती है। तंबाकू चबाना, मुँह का कैंसर और दांतों की समस्याओं को पैदा करती है। मादक द्रव, जैसे- हेरोइन, कोकीन, हशीश तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। अतः स्वस्थ जीवन-यापन हेतु किसी भी दुर्व्यसन से दूर रहना चाहिये।
2. संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर- संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
(i) संक्रमणरहित शुद्ध पेयजल का प्रयोग करना ।
(ii) अपशिष्ट पदार्थों का उचित निबटारा करना ।
(iii) सूक्ष्म रोगाणुओं के वाहकों का नियंत्रण रोगाणु को नष्ट करनेवाली दवाओं से करना । (iv) शरीर में प्रभावशाली प्रतिरक्षक तंत्र का होना या प्रविष्ट, जैसे- टीका या वैक्सीन द्वारा
3. टीकाकरण क्या है?
उत्तर- सबसे पहले मनुष्यों के लिये टीके का विकास के चेचक से हुआ। आगे चलकर इसी तरह कई रोगों से सुरक्षा के लिये विभिन्न तरीकों से टीके विकसित किये गये। टीके को शरीर लटिन शब्द Vacca तथा Vaccinia (Vacca cow, Vaccinia = cowPOX) से हुआ है।v में प्रवेश कराने की विधि टीकाकरण (Vaccination) कहलाता है। Vaccination की उत्पत्ति येकाकरण वह विधि है जिसके द्वारा सूक्ष्म रोगाणुओं को किसी विशिष्ट रसायन के माध्यम में विकसित कर अत्यंत कम मात्रा में किसी मनुष्य के शरीर में प्रवेश कराया जाता है। रोगाणुमिश्रित इस प्रकार का विशिष्ट रसायन टीका (Vaccine) कहलाता है। टीका सूर्य लगाकर या दवा के रुप में पिलाकर शरीर में प्रवेश कराया जाता है। किसी विशिष्ट रोग का टीका जब शरीर के अन्दर पहुँचता है तब शरीर का प्रतिरक्षक तंत्र है उस रोग के विरुद्ध एंटीबॉडीज बना लेता है। इस प्रकार उत्पन्न एंटीबॉडी शरीर में अस्थायी या स्थायी रूप से मौजूद रहता है। जब कभी वही रोगाणु वास्तव में शरीर के अन्दर अपने आप पहुँचता है, तब पहले से शरीर में मौजूद एंटीबॉडी उक्त विशेष रोगाणुओं को नष्ट कर देता है। इस प्रकार शरीर उस विशेष रोग से मुक्त रहता है। कॉलेरा, टाइफाइड, पोलियो, डिप्थेरिया, कुकुरखाँसी, टिटनस, चेचक (Small pox and measles), हेपेटाइटिस तथा रेबीज कुछ ऐसे प्रमुख रोग हैं जिनसे प्रतिरक्षा के लिये टीका विकसित हो चुके हैं। ऐसे रोगों के टीके का व्यवहार प्रभावी रूप से किया जा रहा है। टीकों का संरक्षण (Storage) सामान्यतः अत्यंत कम तापक्रम पर ये आसानी से नष्ट हो जाते हैं। संरक्षित टीकों का क्रियाशीलता भी एक निश्चित अवधि के भीतर उनका उपयोग नहीं होने पर वे स्वतः नष्ट हो जाते हैं। कई संक्रामक रोग पालतू जानवरों के माध्यम से भी मनुष्यों में फैलते हैं। अत: पालतू जानवरों का भी समय-समय पर टीकाकरण करवाना अनिवार्य है। कई संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिये टीकाकरण एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में चलाया जाता है। हमारे देश में भी मलेरिया उन्मूलन’ तथा ‘पल्स पोलियो’ अभियान के रूप में चलाये गये हैं जिसमें बहुत सफलता मिली है।
4. डायरिया या टाइफाइड रोग के कारण, रोग के लक्षण तथा उसकी रोकथाम के उपायों का उल्लेख करें।
उत्तर- डायरिया- बच्चों में होने वाली एक सामान्य बीमारी है। यह संक्रमित भोजन एवं पानी के उपयोग के कारण उत्पन्न होता है। इसमें 24 घंटों तक लागातार पतला पाखाना होता रहता है।
कारण – डायरिया, इशरशिया, कोली, शिगेला आदि जैसे बैक्टीरिया तथा प्रोटोजोआ एवं वायरस द्वारा उत्पन्न होता है।
लक्षण :-
(i) लगातार पतला पाखाना तथा उल्टी होना ।
(ii) शरीर में पानी की कमी के कारण रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है, उसकी आँखें धंसी नजर आती हैं, नाक में चींटी रेंगती महसूस होती है, जीभ तथा मुँह सूखा लगता है। अचानक भार में कमी, धीमी नाड़ी गति, गहरा श्वास तथा ज्वर या बेहोशी इसके लक्षण हैं।
रोकथाम – (i) भोजन तथा अन्य दूसरे खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखना चाहिए।
(ii) फल एवं सब्जियों को प्रयोग से पहले अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
(iii) व्यक्तिगत साफ-सफाई रखी चाहिए। भोजन करने से पहले अच्छी तरह से साबुन से हाथ धोने चाहिए।
(iv) सामुदायिक स्वच्छता भी महत्त्वपूर्ण है।
(v) बासी एवं बिना ढंका खाना नहीं खाना चाहिए। पानी अथवा दही के साथ लेनी चाहिए। अवश्य लगवा
नियत्रण- (i) रोगी को पूर्ण आराम करना चाहिए ।
(ii) जीवाणु विरोधी दवाइयों तथा डायरियारोधी उपायों का उपयोग डायरिया के उपचार हेतु किया जाना चाहिए।
(iii) शरीर में पानी की कमी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा ORS लगातार देकर पूरी करनी चाहिए।
(iv) ईसबगोल की भूसी पानी अथवा दही के साथ लेनी चाहिए।
(v) कच्चे केले के उबले हुए गुदे के साथ जरूरत के अनुसार नमक, हल्दी चूर्ण तथा चूना का प्रयोग रोगी को आराम पहुँचाता है। टाइफाइड के कारण कसलमोनेला टाइफी ( Salmonella Typhis) नामक बैक्टीरिया के कारण होनेवाला संक्रामक रोग है ।
टाइफाइड का लक्षण- (i) तेज बुखार, कमजोरी, सिरदर्द, पसीना आना, नाड़ी की गति (pulse rate ) धीमी होना, प्रायः इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
(ii) टाइफाइड का बुखार करीब 3 सप्ताह तक लगा रहता है। इस समय रोगी की जीभ हमेशा सूखी रहने लगती है तथ्य जीभ की सतह पर सफेद हल्की परत जम जाती है। तेज बुखार रोगी को कँपकँपी भी होती है।
(iii) रोगी के छोटी आंत में कभी-कभी अल्सर (Ulcer) हो जाता है जिससे रक्त बहने लगता है
टाइफाइड का रोकथाम :-
(i) इस रोग को फैलने से रोकने के लिये सभी व्यक्तियों को स्वच्छता के महत्त्व का ज्ञान होना अत्यंत जरूरी है।
(ii) व्यक्तिगत सफाई के साथ-साथ रहने की जगह तथा पास-पड़ोस को साफ रखकर मक्खियों को पनपने से रोका जाना चाहिये ।
(iii) पेयजल और भोजन को संक्रमित होने से बचाना, इस रोग को फैलने से रोकने के लिये ‘अत्यंत आवश्यक है।
(iv) टाइफाइड को फैलने से रोकने के लिये रोगी को परिवार के अन्य सदस्यों से पूरी तरह अलग रखना चाहिये। रोगी के इस्तेमाल में लाये जानेवाले सामानों को किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को व्यवहार में नहीं लाना चाहिये ।
(v) आँत में अल्सर होने की संभावना को रोकने के लिये रोगी को हल्का तथा आसानी से पचनेवाला भोजन देना चाहिये। (vi) रोगी को पूर्णरूप से आराम करना अत्यावश्यक है। रोग से मुक्त होने के बाद भी 13 दिनों तक आराम करना अनिवार्य है। (vii) TAB (Typhoid Antibacterial या Typhoid Para A and B ) के टीके करीब 3 वर्षों तक टाइफाइड के संक्रमण से सुरक्षित रखते हैं। अत: प्रत्येक व्यक्ति को हर तीन वर्ष के बाद चिकित्सक से परामर्श कर TAB का टीका अवश्य लगवाना चाहिये।)