वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. विधुत-चुम्बकीय तरंग को ध्रुवित किया जा सकता है
(A) लेंस द्वारा
(B) दर्पण द्वारा
(C) पोलैरॉइड
(D) प्रिज्म द्वारा
Answer ⇒ (C)
2. यंग के द्वि-छिद्र प्रयोग में रचनात्मक व्यतिकरण उत्पन्न करने वाले दो तरंगों के बीच पथान्तर का मान नहीं होता है
(A) nλ
(B) (n + 1/2)λ
(C) (2n + 1)λ
(D) (2n + 1)λ/2
Answer ⇒ (A)
3. प्रकाश किरणों के तीखे कोट पर मुड़ने की घटना को कहते हैं :
(A) अपवर्तन
(B) विवर्तन
(C) व्यतिकरण
(D) ध्रुवण
Answer ⇒ (B)
4. यदि व्यतिकरण करते हुए दो तरंगों के आयाम का अनुपात 4 : 3 हो तो महत्तम और न्यूनतम तीव्रताओं का अनुपात होगा :
(A) 16 : 9
(B) 9 : 16
(C) 49 : 1
(D) 1 : 49
Answer ⇒ (C)
5. निम्नलिखित में किसे प्रकाश के तरंग-सिद्धांत से नहीं समझा जा सकता है ?
(A) परावर्तन
(B) अपवर्तन
(C) विवर्तन
(D) प्रकाश-विधुत प्रभाव
Answer ⇒ (D)
6. एक ऐसी परिघटना जो यह प्रदर्शित करती है कि कोई तरंग अनुप्रस्थ है, वह है:
(A) प्रकीर्णन
(B) विवर्तन
(C) व्यतिकरण
(D) ध्रुवण
Answer ⇒ (D)
7. यंग के द्वि-स्लिट प्रयोग में अधिकतम तीव्रता ‘I0‘ है। यदि एक स्लिट को बंद कर दिया जाय, तब तीव्रता होती हैः
(A) I0
(B) I0/4
(C) I0/3
(D) I0/2
Answer ⇒ (B)
8. माध्यम का अपवर्तनांक (μ) तरंगदैर्घ्य (λ) से संबंधित है –
(A) μ ∝ λ
(B) μ ∝ μ 1/λ
(C) μ ∝ λ2
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (D)
9. इन्द्रधनुष प्राकृतिक उदाहरण है
(A) अपवर्तन का
(B) परावर्तन का
(C) अपवर्तन, परावर्तन एवं वर्ण विक्षेपण
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
10. एक द्विछिद्र प्रयोग में प्रकाश की जगह इलेक्ट्रॉन पुंज का प्रयोग किया गया। इलेक्ट्रॉन की संख्या का ग्राफ पर्दे पर निरूपित करता है
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
11. विधुत चुम्बकीय तरंग का ध्रुवण किया जा सकता है –
(A) लेंस द्वारा
(B) दर्पण द्वारा
(C) पोलैरॉइड द्वारा
(D) प्रिज्म द्वारा
Answer ⇒ (C)
12. जब प्रकाश की एक किरण ग्लास स्लैब में प्रवेश करती है, तो इसका तरंगदैर्घ्य
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) आँकड़े पूर्ण नहीं हैं
Answer ⇒ (D)
13. n अपवर्तनांक वाले शीशे की पट्टी में पथ की लंबाई t का समतुल्यांक निर्वात में ……….. पथ की लंबाई है।
(A) (n – 1)t
(B) nt
(C) (n / t -1)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
14. मृगमरीचिका का कारण है –
(A) अपवर्तन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(B) विवर्तन
(C) प्रकीर्णन
(D) व्यतिकरण
Answer ⇒ (A)
15. आसमान का रंग नीला दिखने का कारण है –
(A) प्रकीर्णन
(B) व्यतिकरण
(C) ध्रुवण
(D) विवर्तन
Answer ⇒ (A)
16. सौर प्रकाश में उपस्थित काली रेखाओं को कहा जाता है –
(A) फ्रॉन हॉफर रेखाएँ
(B) टेल्यूरिक रेखाएँ
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
17. शुद्ध स्पेक्ट्रम प्राप्त किया जाता है –
(A) सूक्ष्मदर्शी से
(B) स्फेरोमीटर से
(C) स्पेक्ट्रोमीटर से
(D) प्रिज्म से
Answer ⇒ (C)
18. सौर स्पेक्ट्रम में बैंगनी रंग से लाल रंग की ओर –
(A) विचलन घटता है और अपवर्तनांक भी घटता है
(B) विचलन घटता है और अपवर्तनांक बढ़ता है
(C) विचलन बढ़ता है और अपवर्तनांक भी बढ़ता है
(D) विचलन बढ़ता है और अपवर्तनांक कम होता है
Answer ⇒ (A)
19. श्वेत प्रकाश का स्पेक्ट्रम प्रिज्म से प्राप्त करने में न्यूनतम विचलन होता है –
(A) पीले
(B) लाल
(C) नीले
(D) बैंगनी रंग के प्रकाश के लिए
Answer ⇒ (B)
20. दृश्य स्पेक्ट्रम के रंगों में अधिक तरंगदैर्घ्य होता है –
(A) लाल
(B) पीला
(C) आसमानी
(D) बैंगनी
Answer ⇒ (A)
21. सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम है –
(A) संतत
(B) रेखिल स्पेक्ट्रम
(C) काली रेखा का स्पेक्टम
(D) काली पट्टी का स्पेक्ट्रम
Answer ⇒ (A)
22. सतत स्पेक्ट्रम किससे पाया जाता है ?
(A) गर्म ठोस से
(B) गर्म गैस से
(C) विसर्जन नली से
(D) सोडियम वाष्प लैंप से
Answer ⇒ (A)
23. रेखिल स्पेक्ट्रम मिलता है इन्हें उत्सर्जित करने पर –
(A) परमाणुओं को
(B) अणुओं को
(C) ठोस को
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
24. बैण्ड स्पेक्ट्रम मिलता है
(A) परमाणुओं से
(B) अणुओं से
(C) ठोस से
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
25. किसी प्रिज्म की विक्षेपण-क्षमता होती है –
(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) दोनों (A) और (B)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
26. जब लाल शर्ट पर हरा प्रकाश डालेंगे तो वह दिखाई देगा –
(A) काला
(B) पीला
(C) हरा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
27. जब दो प्रकाश-तरंगें व्यतिकरण करती हैं तो कुछ बिन्दुओं पर अंधेरा हो जाता है तो उस बिन्दुओं की प्रकाश ऊर्जा कहाँ चली जाती है ?
(A) ऊष्मा में बदल जाती है ।
(B) प्रकाश-ऊर्जा का पुनर्वितरण हो जाता है
(C) प्रकाश का विधुत में रूपांतरण हो जाता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
28. जब प्रकाश का अपवर्तन होता है तो निम्नलिखित में से कौन परिवर्तित नहीं होती ?
(A) तरंगदैर्घ्य
(B) आवृत्ति
(C) चाल
(D) आयाम
Answer ⇒ (B)
29. उत्सर्जन रेखीय स्पेक्ट्रम प्राप्त होता है
(A) सोडियम वाष्प लैंप से
(B) सूर्य के प्रकाश से
(C) विधुत्-लैंप से
(D) मोमबती से
Answer ⇒ (A)
30. “एक वस्तु निम्न ताप पर उस प्रकाश को अवशोषित करती है जो वह तापदीप्त अवस्था में उत्सर्जित करती है।” इस नियम को प्रतिपादित किया गया है –
(A) न्यूटन द्वारा
(B) किर्कहॉफ द्वारा
(C) फ्रॉनहॉफर द्वारा
(D) फैराडे द्वारा
Answer ⇒ (B)
31. प्रकाश के अनुप्रस्थ तरंग प्रकृति की पुष्टि करता है –
(A) व्यतिकरण
(B) परावर्तन
(C) ध्रुवण
(D) वर्ण विक्षेपण
Answer ⇒ (C)
32. अज्ञात आकारवाले एक सुदूर स्थित स्रोत से आनेवाले प्रकाश का तरंगाग्र होगा लगभग
(A) समतल
(B) दीर्घ वृत्तीय
(C) बेलनाकार
(D) गोलीय
Answer ⇒ (A)
33. यदि प्रकाश का तरंगदैर्घ्य λ,दो कलाबद्ध स्रोतों के बीच की दूरी d तथा पर्दा एवं स्रोत के बीच की दुरी D हो, तो व्यतिकरण फ्रिजों की चौडाई निम्नलिखित सबध से दी जाती है
(A) λ/Dd
(B) d/λD
(C) λD/d
(D) λd /D
Answer ⇒ (C)
34. यंग के दो रेखा-छिद्रों वाले प्रयोग में दोनों रेखा-छिद्रों की चौड़ाई समान है और प्रकाश-स्रोत इन रेखा-छिद्रों के सापेक्ष सममित रूप से (symmetrically) रखा गया है। केंद्रीय फ्रिंज पर तीव्रता I0 है। यदि एक रेखा-छिद्र को बंद कर दिया जाए तब इस बिन्दु पर तीव्रता होगी
(A) I0
(B) I0/2
(C) I0/4
(D) 4I0
Answer ⇒ (C)
35. यंग के दो रेखा-छिद्रों वाले प्रयोग में महत्तम तीव्रता I0 है। प्रयोग में जिस एकवर्ण प्रकाश का उपयोग किया जाता है, उसका तरंगदैर्घ्य λ है। रेखा-छिद्रों के बीच की दूरी d= 5λ है। एक रेखा-छिद्र के ठीक सामने 10d की दूरी पर स्थित पर्दे पर प्रकाश की तीव्रता होगी।
(A) I0/2
(B) I0
(C) I0/4
(D) 4/3I0
Answer ⇒ (A)
36. फ्रेनल दूरी (Fresnel distance) ZF का मान होता है
(A) a/λ
(B) a2/λ
(C) λ/a
(D) λ/a2
Answer ⇒ (B)
37. प्रकाश तरंग होती है –
(A) अनुप्रस्थ तरंग
(B) अनुदैर्घ्य तरंग
(C) प्रगामी तरंग
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
38. तरंग व्यतिकरण में –
(A) अंतत: ऊर्जा का क्षय होता है
(B) अंततः ऊर्जा का लाभ होता है
(C) ऊर्जा का न तो लाभ होता है न क्षय, केवल ऊर्जा का पुनर्वितरण होता है
(D) कुछ नहीं कहा जा सकता
Answer ⇒ (C)
39. प्रकाश का व्यतिकरण संभव है –
(A) दो स्वतंत्र प्रकाश-स्रोतों द्वारा
(B) केवल एक ही मूल स्रोत से प्राप्त समान तरंगदैर्घ्य के दो तरंगों द्वारा
(C) दो स्वतंत्र तरंगों के भिन्न-भिन्न तरंगदैर्घ्य द्वारा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
40. संपोषी व्यतिकरण या रचनात्मक व्यतिकरण में किसी बिन्दु पर प्रकाश तरंगों की कला में अंतर होना चाहिए
(A) π का सम गुणज
(B) π का विषम गुणज
(C) π का सम तथा विषम गुणज
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
41. विनाशी व्यतिकरण में किसी बिन्दु पर प्रकाश तरंगों की कलान्तर होनी चाहिए –
(A) π का सम गुणज
(B) π का विषम गुणज
(C) π का सम तथा विषम गुणज
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
42. रचनात्मक या संपोषी व्यतिकरण के लिए तरंगों का पथान्तर होना चाहिए –
(A) λ का पूर्ण गुणज
(B) λ/2 का पूर्ण गुणज
(C) λ/2 का विषम गुणज
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
43. विनाशी व्यतिकरण के लिए पथांतर बराबर होना चाहिए –
(A) nλ के
(B) (2n+ 1)λ/2 के
(C) शून्य के
(D) अनंत के
Answer ⇒ (B)
44. यदि प्रकाश का तरंगदैर्घ्य λ, दो काल सम्बद्ध स्रोतों के बीच की दूरी d तथा पर्दा एवं स्रोत के बीच की दूरी D हो, तो व्यतिकरण की चौड़ाई निम्नलिखित सम्बन्ध से दी जाती है –
(A) λ/Dd
(B) d/λD
(C) λD/d
(D) λd/D
Answer ⇒ (C)
45. दो स्रोतों को कला-सम्बद्ध तब कहा जाता है, जब –
(A) उनके कलान्तर में बराबर परिवर्तन हो रहा है
(B) उनके कलान्तर नियत हैं।
(C) उनके कलान्तर में आवर्ती परिवर्तन होता है
(D) उनके कलान्तर में अनियमित परिवर्तन होता है
Answer ⇒ (B)
46. जब प्रकाश स्रोत तथा पर्दे के बीच की दूरी बढ़ा दी जाती है, तब फ्रिन्ज की चौड़ाई –
(A) बढ़ती है
(B) घटती है
(C) अपरिवर्तित रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
47. प्रकाश की अनुप्रस्थ तरंग प्रकृति की पुष्टि करता है –
(A) व्यतिकरण
(B) परावर्तन
(C) ध्रुवण
(D) वर्ण विक्षेपण
Answer ⇒ (C)
48. दो कला-सम्बद्ध एक वर्ण प्रकाश पुंज, जिनकी तीव्रताओं का अनुपात 1 : 4 है, एक-दूसरे पर अध्यारोपित होती है। महत्तम और न्यूनतम तीव्रताओं का अनुपात होगा –
(A) 5 : 1
(B) 5 : 3
(C) 3 : 1
(D) 9 : 1
Answer ⇒ (D)
49. व्यतिकरण करते दो प्रकाश-तरंगों की तीव्रताएँ 9 : 4 के अनुपात में है। अधिकतम और न्यूनतम तीव्रताओं का अनुपात है –
(A) 25 : 1
(B) 13 : 5
(C) 5 : 1
(D) 1 : 25
Answer ⇒ (A)
50. किसी अवरोध की कोर से प्रकाश का मुड़ना –
(A) विक्षेपण
(B) विवर्तन
(C) अपवर्तन
(D) व्यतिकरण कहलाता है
Answer ⇒ (B)
51. तेल की पतली फिल्म या साबुन का पानी रंगीन दिखता है, इसका कारण है प्रकाश का –
(A) परावर्तन
(B) अपवर्तन
(C) वर्ण-विक्षेपण
(D) व्यतिकरण
Answer ⇒ (D)
52. सीधी कोर से प्राप्त विवर्तन फ्रिन्जें –
(A) समान चौड़ाई की होती है
(B) समान चौड़ाई की नहीं होती है
(C) ज्यामितीय छाया में बनती हैं
(D) इनमें से कोई कथन सही नहीं है
Answer ⇒ (B)
53. फ्रेनेल वर्ग के विवर्तन में प्रकाश-स्रोत अवरोधक से –
(A) सीमित दूरी पर होती है
(B) सटे होती है
(C) अनन्त दूरी पर होती है
(D) इनमें से कोई कथन सही नहीं है
Answer ⇒ (A)
54. यंग के द्विरेखाछिद्र प्रयोग में स्लिटों के बीच अंतराल को आधा करने पर तथा स्लिट व पर्दे के बीच की दूरी दुगुनी करने पर प्रिज्म की चौड़ाई
(A) वही रहेगी
(B) आधी हो जाएगी
(C) चार गुनी हो जाएगी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
55. जब कोई प्रकाश किरण किसी अपवर्तक माध्यम पर ध्रुवण कोण पर आपतित होती है, तब परावर्तित प्रकाश होता है
(A) अंशतः समतल ध्रुवित
(B) पूर्णतः समतल ध्रुवित
(C) इनमें से कोई नहीं
(D) प्रकाशीय तंतु
Answer ⇒ (B)
56. ब्रूस्टर का नियम है
(A) μ = sin ip
(B) μ = cos ip
(C) μ = tan ip
(D) μ tan2 ip
Answer ⇒ (C)
57. एकवर्णी प्रकाश के दो स्रोत कला-सम्बद्ध तब कहे जाते हैं जब उनकी –
(A) तीव्रता बराबर हो
(B) आयाम बराबर हो
(C) कलांतर नियत
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
58. दो कलाबद्ध स्रोतों के कारण प्रकाश के व्यतिकरण में फ्रिन्ज की चौड़ाई है –
(A) तरंग-लम्बाई के समानुपाती
(B) तरंग-लम्बाई के व्युत्क्रमानुपाती
(C) तरंग-लम्बाई के वर्ग के समानुपाती
(D) तरंग-लम्बाई के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती
Answer ⇒ (A)
59. द्विक्-प्रिज्म के न्यून कोण के बढ़ाने से फ्रिज की चौड़ाई –
(A) बढ़ेगी
(B) घटेगी
(C) वही रहेगी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
60. फ्रान्हॉफर विवर्तन में प्रकाश के स्रोत रखे जाते हैं अवरोध से
(A) निश्चित दूरी पर
(B) संपर्क में
(C) अनन्त दूरी पर
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
61. समतल ध्रुवित प्रकाश में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता सदिश के कंपन होते हैं
(A) सभी दिशाओं में
(B) एक तल में
(C) एक-दूसरे के लम्बवत् दिशा में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
62. साबुन का बुलबुला प्रकाश में रंगीन दिखता है जिसका कारण है –
(A) प्रकाश का ध्रुवण
(B) प्रकाश का प्रकीर्णन
(C) प्रकाश का अपवर्तन
(D) प्रकाश का व्यतिकरण
Answer ⇒ (D)
63. दो कला-बद्ध स्रोत आभासी है –
(A) यंग के द्विस्लिट प्रयोग में
(B) लोयाड के दर्पण में
(C) फ्रेजनेल के द्विक प्रिज्म में
(D) उपर्युक्त सभी में
Answer ⇒ (C)
64. हाइजेन के द्वितीयक तरंग के सिद्धांत का व्यवहार होता है –
(A) तरंगाग्र के ज्यामितीय नये स्थान प्राप्त करने में
(B) तरंगों के अध्यारोपण के सिद्धांत की व्याख्या करने में
(C) व्यतिकरण घटना की व्याख्या करने में
(D) ध्रुवण की व्याख्या करने में
Answer ⇒ (A)
65. प्रकाश किस प्रकार के कंपनों से बनती है ?
(A) ईथर-कण
(B) वायु-कण
(C) विधुत् और चुम्बकीय क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
66. प्रकाश के तरंग गति-सिद्धान्त के अनुसार, प्रकाश के वर्ण के निर्यायक हैं –
(A) आयाम
(B) तरंग की चाल
(C) आवृत्ति
(D) तरंग-लम्बाई
Answer ⇒ (C)
67. द्वितीयक तरंगिकाओं की धारणा के आविष्कारक हैं –
(A) फ्रेनेल
(B) मैक्सवेल
(C) हाइजेन
(D) न्यूटन
Answer ⇒ (C)
68. जब पोलेराइड को घुमाया जाता है तो प्रकाश की तीव्रता नहीं बदलती है। ऐसा तब होता है जब आपतित प्रकाश
(A) पूर्ण रूपेण समतल ध्रुवित होती है
(B) अंशत: समतल युक्ति होती है
(C) अध्रुवित होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
69. तरंगों के दो स्रोत कलाबद्ध कहे जाते हैं यदि दोनों –
(A) के कंपन के आयाम समान होते हैं
(B) समान तरंग-लम्बाई की तरंगें उत्पन्न करते हैं
(C) समान वेग की तरंगें उत्पन्न करते हैं
(D) नियत कलान्तर में होते हैं
Answer ⇒ (D)
70. ध्रुवणकोण की स्पर्शज्या पदार्थ के अपवर्तनांक के बराबर होती है। यह नियम कहलाता है –
(A) मैलस के नियम
(B) ब्रूस्टर के नियम
(C) ब्रैग के नियम
(D) कॉम्पटन के नियम
Answer ⇒ (B)
71. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में संपोषी व्यतिकरण उत्पन्न करने वाली तरंगों के बीच पथान्तर का मान नहीं होता है
(A) nλ
(B) (n + 1)λ
(C) (2n + 1)λ
(D) (2n + 1)λ/2
Answer ⇒ (D)
72. यंग के प्रयोग में यदि प्रकाश की तरंग-लम्बाई दुगुना कर दिया जाय तो फ्रिंज की चौड़ाई –
(A) वही रहेगी
(B) दुगुनी हो जाएगी
(C) आधी हो जाएगी
(D) चार गुनी हो जाएगी
Answer ⇒ (B)
73. एक पतले फिल्म के रंग का कारण है
(A) प्रकीर्णन
(B) व्यतिकरण
(C) वर्ण-विक्षेपण
(D) विवर्तन
Answer ⇒ B
74. यदि एक पतली पारदर्शक सीट को यंग द्वि-स्लिट के सामने रखा जाय तो फ्रिज की चौड़ाई –
(A) बढ़ेगी
(B) घटेगी
(C) अपरिवर्तित रहेगी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
75. प्रकाश तंतु संचार निम्न में से किस घटना पर आधारित है ?
(A) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
(B) प्रकीर्णन
(C) परावर्तन
(D) व्यतिकरण
Answer ⇒ (A)
76. दो उन तरंगों के व्यतिकरण से उत्पन्न अधिकतम परिणामी आयाम का मान होगा, जिसे प्रकट किया जाता है
y1 = 4 sin wt andy2 = 3 cos wt
(A) 7
(B) 5
(C) 1
(D) 25
Answer ⇒ (B)
77. तरंग का कलान्तर ϕ का पथान्तर Δx से सम्बद्ध है –
(A) λ/π ϕ
(B) π/λ ϕ
(C) λ/2π ϕ
(D) 2π/λ ϕ
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रकाश के प्रकीर्णन से क्या तात्पर्य है ? किस रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सर्वाधिक तथा किस रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन न्यूनतम है ?
Ans ⇒ जब प्रकाश ऐसे कणों पर पड़ता है जिसका आकार, प्रकाश के तरंगदैर्ध्य की तुलना में छोटा है तो प्रकाश विभिन्न दिशाओं में प्रकीर्णित हो जाता है। इसे प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। वैज्ञानिक रेले के अनुसार, प्रकीर्णित प्रकाश की तीव्रता प्रकाश की तरंगदैर्घ्य के चतुर्थघात के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अर्थात्
चूँकि बैगनी प्रकाश का तरंगदैर्घ्य सबसे कम तथा लाल रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक है। अतः बैगनी प्रकाश का प्रकीर्णन सर्वाधिक तथा लाल प्रकाश का प्रकीर्णन न्यूनतम है।
2. तरंगाग्र क्या है ? हाइजेन का द्वितीयक तरंगिका-सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ तरंगाग्र – प्रकाश के किसी बिन्दु-स्रोत से समान दूरी पर चारों तरफ ईथर के कणों के कंपन की कलाएँ समांगी माध्यमों में समान होती हैं। वैसे समान-कंपन कला वाले कणों को स्पर्श करती हुई काल्पनिक सतह को तरंगाग्र कहा जाता है। समांगी माध्यमों में बिन्दु-स्रोतों के लिए तरंगाग्र गोलाकार होते हैं। बिन्दु सोतों से तरंग के संचरण को उस स्रोत से उत्पन्न गोलाकार तरंगाय के प्रसार के रूप में व्यक्त किया जाता है।
चित्रानुसार समय के बढ़ने के साथ स्रोत से निकला तरंगाग्र आगे की तरफ प्रसारित होता जाता है और इसके पहले वाले स्थानों पर दूसरे तरंगाग्र प्रसारित होकर आते-जाते हैं। बिन्दु–स्रोत से निकली किरणें गोलाकार तरंगाग्रों की त्रिज्याएँ हैं। अतः प्रकाश की किरणें इसके तरंगारों पर अभिलम्ब होती हैं। गोलीय तरंगाग्रे संकेन्द्री वृत्तों द्वारा प्रदर्शित हैं।
माना कि एक गोलीय सतह है σ जिसका केन्द्र बिन्दु स्रोत S है जो प्रकाश का पल्स उत्साहित करता है। t = 0 समय में 6 पर प्रकाशीय विक्षोभ का कण पहुँचता है तथा कम समयावधि के लिए अन्त करता है जिसमें धनात्मक तथा ऋणात्मक विक्षोभ उत्पन्न होता है। σ पर के ये कणें तब गोलीय तरंगिकाएँ भेजते हैं जो σ के चारों तरफ फैल जाते हैं। t समय में इन तरंगिकाओं में प्रत्येक की त्रिज्याएँ vt होती है। गोलीय ∑ सभी द्वितीयक तरंगिकाओं के ज्यामितीय आरेख हैं जो प्राथमिक तरंगाग्र से σ = 0 समय में उत्सर्जित हुए थे।
यह स्पष्ट है कि ∑ के बगल के बिन्दु पर बहुत-से द्वितीयक तरंगिकाएँ केवल धनात्मक विक्षोभ पर मिलती हैं। इसलिए σ से द्वितीयक तरंगिकाएँ, इस प्रकार अध्यारोपित होती हैं कि वे द्वितीयक तरंगिकाओं के ज्यामितीय आरेख पर नये तरंगाग्र उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार सतह के बहुत-से बिन्दुओं जो कि तरंगाग्र द्वारा पहुँचते हैं, द्वितीयक तरंगिकाओं के स्रोत हो जाते हैं। किसी दिये गये बाद के समय में इन तरंगिकाओं के ज्यामितीय आरेख उस समय के तरंगाग्र के नया स्थान द्वारा प्रदर्शित होता है।
3. प्रकाश के व्यतिकरण से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ प्रकाश के व्यतिकरण – समान तरंग-लम्बाई के दो या दो से अधिक प्रकाश-तरंगों के अध्यारोपण के कारण किसी स्थान पर उत्पन्न परिणामी प्रदीपन-तीव्रता के अधिकतम तथा न्यूनतम होने की परिवर्तन की घटना प्रकाश का व्यतिकरण कहलाता है।
जब परिवर्तित प्रदीपन-तीव्रता अधिकतम होती है तब व्यतिकरण संपोषी व्यतिकरण तथा जब परिवर्तित प्रदीपन-तीव्रता न्यूनतम होती है तब व्यतिकरण विनाशी व्यतिकरण कहलाती है। जिसमें अवयवी तरंगें विपरीत कलाओं में संयोजित होती हैं किन्तु संपोषी व्यतिकरण में अवयवी तरंगें एक ही कला में संयोजित होती हैं।
4. प्रकाश का विवर्तन क्या है ? समझाएँ।
Ans ⇒ प्रकाश का विवर्तन – प्रकाश के ऋतरेखीय संचरण के सिद्धान्त क अनुसार किसी छोटे प्रकाश स्रोत से निकले किरण-पंज के सामने यदि अपारदर्शी अवरोध रख दी जाती है तो अवरोध के दूसरी तरफ रखे पर्दे पर अवरोध की जो ज्यामितीय छाया बनती है उसके अंधकारमय क्षेत्र की तरफ भी कुछ प्रकाशित किरणें मुड़ जाती हैं। अवरोध के किनारे से प्रकाश की तरगा के मुड़ जाने की घटना प्रकाश का विवर्तन कहा जाता है। तरंग के विवर्तन का प्रभाव अवरोध के आकार तथा तरंग की तरंग-लम्बाई पर निर्भर करता है। अवरोध का आकार तरंग की तरंग-लम्बाई से कम होने पर विवर्तन का प्रभाव काफी स्पष्ट होता है। छाया की सीमा से प्रकाशित क्षेत्र की तरफ धीरे-धीरे पहले अधिक प्रकाशित तथा कम प्रकाशित पट्टियों में टूटी हुई दिखती है। इन पट्टियों को विवर्तन फ्रिन्ज कहते हैं।
चित्रानुसार S स्रोत से निकली प्रकाश किरणें AB अवरोध आपतित होती है। YX पर्दा है जिस पर A’ B’ ज्यामितीय छाया बनते हैं। A’ के ऊपर तथा B’ के नीचे समान रूप से प्रकाशित होती है। किन्तु AB के किनारे से मुड़ने से प्रकाश किरणें A’B’ के कुछ भागों में A’ से ऊपर तथा B’ से नीचे भी कुछ फ्रिन्जे प्राप्त होती हैं। यह घटना प्रकाश का विवर्तन कहलाता है।
5. प्रकाश के ध्रुवण से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ प्रकाश का धुवण – प्रकाश तरंग की प्रकृति अनुप्रस्थ होती है तथा प्रकाश के कंपन संचरण की दिशा के अभिलम्बवत् होती है। साधारण प्रकाश अध्रुवित प्रकाश कहलाते हैं। किसी बिन्दु पर किरण के सापेक्ष असंख्य अनुप्रस्थ दिशाएँ होती हैं। किसी विशेष दिशा में प्रकाश के कंपन को ले जाने की घटना प्रकाश का ध्रुवण कहलाता है। प्रकाश के कम्पन को किसी एक दिशा में ले जाने के क्रम में विभिन्न प्रकाश के रवा व्यवहार किये जाते हैं। वैसे रवा जो प्रकाश के कंपन को एक दिशा में ले जाते हैं, प्रकाशीय संक्रिया कहलाते हैं। जब अध्रुवित या साधारण प्रकाश प्रकाशीय संक्रिया रखा पर आपतित होता है तो संचरण के बाद प्रकाश का कंपन रवा के अक्ष से समानान्तर हो जाता है तथा इस प्रकार दिशा स्थित हो जाता है। इस तरह संचरित प्रकाश ध्रुवित प्रकाश कहलाता है।
6. प्रकाश में डॉप्लर प्रभाव क्या है ?
Ans ⇒ प्रकाश स्रोत एवं प्रेक्षक के बीच आपेक्षिक गति के कारण आवृत्ति में होने वाले आभासी परिवर्तन को डॉप्लर प्रभाव कहा जाता है। यदि प्रेक्षक स्रोत की ओर चले तो प्रकाश तरंग की आवृत्ति में आभासी वृद्धि अर्थात् तरंगदैर्ध्य में आभासी कमी होती है और यह दृश्य प्रकाश के स्पेक्ट्रम के नीले वर्ण की ओर विस्थापित होगी। तरंगदैर्ध्य की इस कमी को Blue shift कहते हैं। इसके विपरीत यदि प्रेक्षक स्रोत से दूर चले तो प्रकाश की आवृत्ति में आभासी कमी के कारण तरंगदैर्ध्य में आभासी वृद्धि होती है और यह दृश्य प्रकाश के स्पेक्ट्रम के लाल वर्ण की ओर विस्थापित होगी। इसे Red shift कहते हैं। सिद्धान्तों के अनुसार प्रकाश के आभासी तरंगदैर्ध्य (λ) एवं यथार्थ तरंगदैर्ध्य (λ) के बीच निम्नलिखित सम्बन्ध है
जहाँ V = प्रकाश स्रोत की चाल तथा C = प्रकाश की चाल।
7. किसी लेंस के विभेदन क्षमता से संबंधित किसी गोलीय द्वारक के विवर्तन के महत्त्व को समझाएँ।
Ans ⇒ गोलीय द्वारक पर विवर्तन के कारण किसी बिन्दु-वस्तु का प्रतिबिंब, बिन्द-प्रतिबिंब न होकर एक चकती की तरह केन्द्रीय अधिकता जिसके चारों तरफ दीप्त एवं अदीप्त छल्ले होते हैं।
लेंस का विभेदन क्षमता जहाँ D = लेंस का द्वारक, λ = तरंगदैर्ध्य।
अतः किसी लेंस के विभेदन क्षमता गोलीय, सतह (जैसे नेत्र लेंस) पर विवर्तन का उच्च सीमा निर्धारित करता है।
8. व्यतिकरण एवं विवर्तन में अंतर स्पष्ट करें।
Ans ⇒ व्यतिकरण एवं विवर्तन में निम्नलिखित अंतर है –
S.L | व्यतिकरण | विवर्तन |
1. | व्यतिकरण की घटना दो कला संबंध स्रोतों से आने वाले दो पृथक-पृथक तरंगाग्रों के अध्यारोपण से होती है। | विवर्तन की घटना एक ही तरंगाग्र के विभिन्न बिन्दुओं से आने वाली द्वितीयक तरंगिकाओं के अध्यारोपण के कारण होती है। |
2. | व्यतिकरण फ्रिजें प्रायः समान चौड़ाई की होती है। | विवर्तन फ्रिजें समान चौड़ाई की नहीं होती है। |
3. | सभी दीप्त फ्रिजें पर तीव्रता समान होती है। | क्रमिक दीप्त फ्रिजें पर तीव्रता घटती जाती है। |
4. | सभी अदीप्त फ्रेजों पर तीव्रता एक-सी होती है। | सभी अदीप्त फ्रिजें पर तीव्रता शून्य होती है अथवा प्रायःबढ़ती है। |
9. ध्रुवित-प्रकाश उत्पन्न करनेवाला एक युक्ति का नाम लिखें। एक ग्राफ बनाएँ जो यह साबित करें कि पारगमित प्रकाश की तीव्रता ध्रुवक तथा विश्लेषक के बीच के कोण पर निर्भर करता है।
Ans ⇒ नाइकोल प्रिज्म ।
ग्राफ –
10. जब प्रकाश की किरणें विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, तो उसकी गति घटती है। गति में यह कमी क्या प्रकाश ऊर्जा में कमी का द्योतक है ?
Ans ⇒ हम जानते हैं कि C = vλ
माध्यम में, V = vλ (जहाँ V < C क्योंकि λ घटता है)
ऊर्जा E = nv
ऊर्जा नहीं घटता क्योंकि प्रकाश का आवृत्ति (v) नहीं बदलता है।
11. एकवर्णीय प्रकाश तथा श्वेत प्रकाश के कारण एकल-झिरी विवर्तन प्रतिरूप की तुलना करें।
Ans ⇒ श्वेत प्रकाश के लिए केन्द्रीय अधिकता (C.M.) दूसरे अधिकता तथा न्यूनता के साथ रंगीन हो जाता है, क्योंकि सभी की चौड़ाई तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।
12. (a) हाइगेन के तरंग सिद्धांत के अवधारणाओं को लिखें।
(b) (i) दूर से आती प्रकाशपूँज तथा
(ii) किसी बिन्दु स्रोत से अपसारित प्रकाशपूँज के लिए तरंगाग्र के प्रकार को दर्शाएँ।
Ans ⇒ (a) हाइगेन के तरंग सिद्धांत के अवधारणाएँ–
(i) किसी स्रोत से निकले हुए तरंग जो की तरंग गति से आगे बढ़ता है, प्रकाश कहलाता है। (ii) प्रकाश जिस माध्यम में गमन करता है, उसे ईथर माध्यम कहा जाता है, जो कि अत्यधिक प्रत्यास्थ तथा कम घनत्व वाला होता है। (iii) प्रकाश का रंग उसके आवृत्ति पर निर्भर करती है।
(b) (i) दूर से आती प्रकाशपूँज (ii) किसी बिन्दु स्रोत से अपसारित प्रकाशपूँज।
13. जब एकवर्णीय प्रकाश दो माध्यमों को पृथक करने वाली सतह पर आपतित होता है, तब परावर्तित एवं अपवर्तित दोनों प्रकाश की आवृत्तियाँ समान होती है। स्पष्ट कीजिए, क्यों ?
Ans ⇒ जब एकवर्णीय प्रकाश दो माध्यमों को पृथक करने वाली सतह पर आपतित होता है, तब परावर्तित एवं अपवर्तित दोनों प्रकाश की आवत्तियाँ समान होती है, क्योंकि प्रकाश फोटॉन का बना होता है, तथा फोटॉन की ऊर्जा हमेशा समान होती है।
14. जब प्रकाश विरल से सघन माध्यम में गति करता है तो उसकी चाल में कमी आती है। क्या चाल में आई कमी प्रकाश तरंगों द्वारा संचारित ऊर्जा की कमी को दर्शाता है।
Ans ⇒ जब प्रकाश विरल से सघन माध्यम में गति करता है तो उसकी चाल में कमी आती है, चाल में आई कमी प्रकाश तरंगों द्वारा संचारित ऊर्जा की कमी को नहीं दर्शाता क्योंकि प्रकाश तरंगों द्वारा संचारित ऊर्जा तरंगों के आयाम पर निर्भर करता है न कि उसके चाल पर।
15. प्रकाश का एक संकीर्ण स्पंद एक माध्यम में भेजा जाता है। क्या आप आशा करते हैं कि स्पंद माध्यम में गति के साथ अपनी आकृति पूर्ववत् रखेगा ?
Ans ⇒ जैसा कि हम जानते हैं कि एक संकीर्ण स्पंद बहुत सारे छोटे-छोटे आवर्त तरंगों के मिलने से बना हो तथा सभी आवर्त तरंगों के पास विभिन्न तरंगदैर्ध्य है।
सुत्रानुसार, V = vλ अत: विभिन्न तरंगदैर्यों के स्पंद विभिन्न गति तथा विभिन्न आकृति के साथ गमन करेंगे।
16. प्रकाश की तरंग आवधारणा में, प्रकाश की तीव्रता का आकलन तरंग के आयाम के वर्ग से किया जाता है। प्रकाश को फोटॉन अवधारणा में प्रकाश की तीव्रता का आकलन करता है ?
Ans ⇒ प्रकाश की तरंग अवधारणा में, प्रकाश की तीव्रता का आकलन तरंग के माध्यम के वर्ग से किया जाता है तथा फोटॉन अवधारणा में प्रकाश की तीव्रता किसी इकाई क्षेत्रफल पर पड़ने वाले फोटॉन की संख्या से प्राप्त किया जाता है।
17. स्थिर जल में प्रकाश की चाल c/n है, जहाँ n जल का अपवर्तनांक है। प्रेक्षक के सापेक्ष चाल v से गतिमान जलधारा में प्रकाश की चाल क्या होगी ?
Ans ⇒ चूंकि प्रकाश की चाल जलधारा की चाल पर निर्भर करता है। इसलिए प्रेक्षण के सापेक्ष चाल V से गतिमान जलधारा में प्रकाश की चाल पहले से मौजूद चाल से अधिक होगा (अर्थात् c/n + होगा)।