पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म का सिद्धांत

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1.किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकता की पूर्ति की क्षमता को कहते हैं इसकी-

(A) उत्पादकता

(B) सन्तुष्टि

(C) उपयोगिता

(D) लाभदायकता

Ans. (C)

2. एकाधिकार का माँग वक्र कैसा होता है ?

(A) बेलोचदार

(B) लोचदार

(C) पूर्णतया लोचदार

(D) पूर्णतया बेलोचदार

Ans. (A)

3. “पूर्ति अपनी माँग का सृजन स्वयं करती है।” किनका कथन है ?

(A) रिकार्डो

(B) जे० बी० से

(C) एडम स्मिथ

(D) मार्शल

Ans. (B)

4. किस प्रकार की फर्मों में दीर्घकाल में MC = MR = AC = AR होता है ?

(A) एकाधिकारी फर्म

(B) अल्पाधिकारी फर्म

(C) पूर्ण प्रतियोगी फर्म

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

5. निम्नांकित में से कौन पूर्ति वस्तु है ?

(A) विक्रय हेतु उपलब्ध स्टॉक

(B) भण्डारण गृह का कुल स्टॉक

(C) विक्रय हेतु प्रति इकाई एक निश्चित मूल्य पर प्रस्तुत की गई वस्तु की मात्रा

(D) वस्तुओं का वास्तविक उत्पादन

Ans. (C)

6. एकाधिकार एवं एकाधिकारी प्रतियोगिता में होता है-

(A) AR > MR

(B) AR = MR

(C) AR < MR

(D) इनमें से सभी

Ans. (A)

7. कीमत स्वीकारक फर्म सीमान्त आगम होता है-

(A) कीमत से कम

(B) शुद्ध लागत के समान

(C) कीमत में समान

(D) लागत के समान

Ans. (C)

8. आपूर्ति वक्र में दायीं ओर खिसकाव का कारण हो सकता है-

(A) तकनीकी प्रगति

(B) तकनीकी पिछड़ापन

(C) स्थिर तकनीकी

(D) या तो तकनीकी प्रगति या तकनीकी पिछड़ापन

Ans. (A)

9. एकाधिकार की निम्न में कौन-सी विशेषताएँ हैं ?

(A) फर्म कीमत निर्धारक होती है

(B) एक विक्रेता किंतु कई क्रेता

(C) कीमत-विभेद की सम्भावना

(D) इनमें से सभी

Ans. (A)

10. आपूर्ति लोच हमें आपूर्ति में प्रतिशत परिवर्तनात्मक बोध कराती है-

(A) कीमत में 10 प्रतिशत परिवर्तन के कारण

(B) कीमत में 100 प्रतिशत परिवर्तन के कारण

(C) 50 प्रतिशत कीमत परिवर्तन के कारण

(D) 1 प्रतिशत कीमत परिवर्तन के कारण

Ans. (D)

11. पूर्ति लोच की माप निम्न में किस सूत्र से ज्ञात की जाती है?

Ans. (A)

12. आपूर्ति वक्र में दायीं ओर खिसकाव का कारण हो सकता है-

(A) फर्मों की संख्या में कमी

(B) फर्मों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं

(C) फर्मों की संख्या में वृद्धि

(D) वस्तु की कीमत में परिवर्तन

Ans. (C)

13. प्रत्येक बाजार दशा में एक फर्म को संतुलन के लिए कौन-सी शर्त पूरी होनी आवश्यक है ?

(A) औसत आय (AR) = सीमांत लागत (MC)

(B) सीमांत आय (MR) = सीमांत लागत् (MC)

(C) सीमांत लागत (MC) वक्र सीमांत आय (MR) वक्र को नीचे से काटे

(D) (B) और (C) दोनों

Ans. (D)

14. औसत परिवर्तनशील लागत क्या है ?

(A) कुल परिवर्तनशील लागत x उत्पाद

(B) कुल परिवर्तनशील लागत + उत्पाद

(C) कुल परिवर्तनशील लागत – उत्पाद

(D) कुल परिवर्तनशील लागत : उत्पाद

Ans. (D)

15. फर्म का लाभ निम्नलिखित में किस शर्त को पूरा करने पर अधिकतम होगा ?

(A) सीमांत आगमन = सीमांत लागत

(B) सीमांत लागत वक्र सीमांत आगत रेखा के नीचे से काटती है

(C) दोनों (A) और (B)

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

16. यदि बाजार आपूर्ति वक्र बायी ओर खिसक रहा है तो कारण हो सकता है-

(A) फर्मों की संख्या में कमी

(B) फर्मों की अपरिवर्तनीय संख्या

(C) फर्मों की संख्या में वृद्धि

(D) वस्तु की कीमत में परिवर्तन

Ans. (A)

17. एकाधिकार फर्म के संतुलन की शर्त नहीं है-

(A) औसत आय= सीमांत लागत

(B) सीमांत आय = सीमांत लागत

(C) सीमांत लागत वक्र सीमांत आय वक्र को नीचे से काटे

(D) (A) एवं (B) दोनों

Ans. (A)

18. फर्मों के आपूर्ति वक्रों का क्षैतिज योग होता है.

(A) बाजार आपूर्ति वक्र

(B) व्यक्तिगत आपूर्ति वक्र

(C) बाजार माँग वक्र

(D) व्यक्तिगत माँग वक्र

Ans. (A)

19. एकाधिकार फर्म के संतुलन की शर्त है-

(A) औसत आय = औसत लागत

(B) सीमांत आय = सीमांत लागत

(C) सीमांत लागत वक्र की ढाल  सीमांत आय वक्र की ढाल

(D) (B) और (C) दोनों

Ans. (B)

20. उत्पादन शुल्क लगाने से-

(A) आपूर्ति वक्र बायीं ओर खिसक जाता है।

(B) आपूर्ति वक्र दायीं ओर खिसक जाता है।

(C) आपूर्ति वक्र का ऊपर की ओर संचरण होता है

(D) आपूर्ति वक्र पर नीचे की ओर संचरण होता है

Ans. (A)

21. निम्नलिखित में से कौन पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषता नहीं है ?

(A) क्रेताओं और विक्रेताओं की अत्यधिक संख्या

(B) वस्तु का एकरूपता

(C) विज्ञापन तथा विक्रय लागत

(D) बाजार का पूर्ण ज्ञान

Ans. (C)

22. यदि आपूर्ति वक्र बायीं ओर खिसकता है तो कारण हो सकता है-

(A) साधन आगतों की कीमत में कमी

(B) साधन आगतों की कीमत में वृद्धि

(C) साधन आगतों की सम्य कीमत

(D) साधन आगतों की शून्य कीमत

Ans. (B)

23. यदि आपूर्ति वक्र दायीं ओर खिसकता है तो कारण हो सकता है-

(A) साधन आगतों की कीमत में वृद्धि

(B) साधन आगतों की कीमत में कमी

(C) साधन आगतों की समान कीमत

(D) साधन आगतों की शून्य कीमत

Ans. (B)

24. किस अवस्था में एक फर्म संतुलन की अवस्था प्राप्त करता है ?

(A) MC वक्र MR वक्र को ऊपर से काटता है

(B) MC वक्र MR वक्र को समानान्तर होता है

(C) MC वक्र MR वक्र को नीचे से काटता है

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

25. संतुलन कीमत के निर्धारक घटक निम्नलिखित में कौन-से हैं ?

(A) वस्तु की माँग

(B) वस्तु की पूर्ति

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

26. निम्नलिखित में किसके अनुसार- “किसी वस्तु कीमत माँग और पूर्ति की शक्तियों द्वारा की निर्धारित होती है ?

(A) जेवन्स

(B) वालरस

(C) मार्शल

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

27. कीमत उस बिंदु पर निर्धारित होती है जहाँ-

(A) वस्तु की माँग अधिक हो

(B) वस्तु की पूर्ति अधिक हो

(C) वस्तु की माँग और वस्तु की पूर्ति बराबर हों

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

28. पूर्ण प्रतियोगी बाजार के लिए निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है ?

(A) कीमत निर्धारण माँग एवं पूर्ति शक्ति द्वारा होता है

(B) वस्तु की कीमत का निर्धारण उद्योग द्वारा होता है

(C) उद्योग की प्रत्येक फर्म कीमत प्राप्तकर्ता होती है

(D) उपर्युक्त सभी

Ans. (A)

29. निम्नलिखित में किसने कीमत निर्धारण प्रक्रिया में समय तत्व का विचार प्रस्तुत किया ?

(A) रिकार्डो

(B) वालरस

(C) मार्शल

(D) जे०के० मेहता

Ans. (C)

30. मार्शल ने पर्ति के आधार पर उत्पादन समय को कितनी अवधियों में बाँटा है ?

(A) दो

(B) तीन

(C) चार

(D) सात

Ans. (B)

31. माँग में परिवर्तन के निम्नलिखित में कौन-से कारण हैं ?

(A) उपभोक्ता की आय में परिवर्तन

(B) संबंधित वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन

(C) जनसंख्या वृद्धि

(D) उपर्युक्त सभी

Ans. (D)

32. निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है ?

(A) अति अल्पकाल में पूर्ति पूर्णतया बेलोच, कीमत केवल माँग दशाओं से प्रभावित होती है

(B) पूर्ति व्रक की लोच समयावधि पर निर्भर करती है

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

33. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है-

(A) माँग के द्वारा

(B) पूर्ति के द्वारा

(C) माँग एवं पूर्ति दोनों के द्वारा

(D) सरकार द्वारा

Ans. (C)

34. बाजार मूल्य संबंधित होता है-

(A) अति अल्पकालीन मूल्य से

(B) सामान्य मूल्य से

(C) स्थायी मूल्य से

(D) इनमें से सभी

Ans. (A)

35. पूर्ण प्रतियोगिता में किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है-

(A) मोलभाव द्वारा

(B) उत्पादन लागत से

(C) सीमान्त उपयोगिता द्वारा

(D) माँग एवं पूर्ति द्वारा

Ans. (D)

36. पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म-

(A) कीमत को निर्धारित करती है

(B) कीमत को ग्रहण करती है

(C) (A) तथा (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

37. अति अल्पकाल में पूर्ति होगी-

(A) पूर्णत: लोचदार

(B) पूर्णतः बेलोचदार

(C) लोचदार

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

38. एक फर्म का माँग वक्र पूर्ण लोचदार होता है-

(A) पूर्ण प्रतियोगिता कीर

(B) एकाधिकार

(C) एकाधिकारी प्रतियोगिता

(D) अल्पाधिकार

Ans. (D)

39. एक पूर्ण प्रतियोगी फर्म को निम्नलिखित का सामना करना पड़ता है-

(A) स्थिर कीमत

(B) स्थिर औसत आगम

(C) स्थिर सीमान्त आगम

(D) उपरोक्त सभी

Ans. (D)

40. फर्म को लाभ मिलता है जब-

(A) AR > AC

(B) AC > AR

(C) AR = AC

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (A)

41. किस बाजार में AR = MR ?

(A) एकाधिकार

(B) एकाधिकारी प्रतियोगिता

(C) (A) तथा (B) दोनों में

(D) पूर्ण प्रतियोगिता

Ans. (D)

42. पूर्ति के नियम को निम्नलिखित में कौन-सा फलन प्रदर्शित करता है ?

(A) S = f (P)

(B) S = 1/P

(C) S = f(Q)

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (A)

43. पूर्ति में कमी के निम्नलिखित में कौन-से कारण है ?

(A) उत्पादन लागत में वृद्धि

(B) स्थानापन्न वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि

(C) उद्योग में फर्मों की संख्या में कमी

(D) उपर्युक्त सभी

Ans. (D)

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. अल्पकालं तथा दीर्घकाल में अन्तर बताएँ ।

Ans. अल्पकाल यह समयावधि है जिसमें उत्पादन के कुछ साधन परिवर्ती होते हैं और कुछ स्थिर अल्पकाल में कंवल परिवर्ती साधनों में परिवर्तन किया जा सकता है। इसके विपरीत दीर्घकाल एक लम्बी समयावधि है। इसमें उत्पादन के सभी साधन परिवर्ती होते हैं।

2. अल्पकाल तथा अति अल्पकाल में अन्तर स्पष्ट करें।

Ans. अल्पकाल तथा अति अल्पकाल में अन्तर (Difference between short period and very short period)- अति अल्पकाल से अभिप्राय उस समय अवधि से है जब बाजार में पूर्ति बेलांचदार होती है जैसे-सब्जियाँ, दूध आदि की पूर्ति । ऐसी अवधि में कीमत के घटने-बढ़ने से पूर्ति को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता। पूर्ति अपरिवर्तनशील रहती है।

3. अल्पकाल में किसी फर्म का पूर्ति वक्र क्या है ?

Ans. लाभ कमाने वाली फर्म अल्पकाल में किसी दी गई कीमत पर उत्पाद की जितनी मात्रा का चयन उत्पादन के लिए करती है उसे आपूर्ति वक्र कहा जाता है।

4. विनिमय काल तथा दीर्घकाल में संबंध लिखें।

Ans. समयावधि जितनी अधिक होती है उतने ही व्यापार प्रतिबन्ध जैसे प्रशुल्क, कोट, विनिमय दर आदि समयोजित हो जाती हैं। विभिन्न मुद्राओं में मापी जाने वाले उत्पाद की कीमत समान होनी चाहिए लेकिन लेन-देन का स्तर भिन्न-भिन्न हो सकता है। इसलिए लम्बी समयावधि में दो देशों के बीच विनिमय दर दो देशों में कीमत स्तरों के आधार पर समायोजित होती हैं। इस प्रकार देशों में विनिमय की दर दो देशों में कीमतों में अन्तर के आधार पर निर्धारित होती है।

5. एकाधिकारी प्रतियोगिता में सीमान्त आगम तथा औसत आगम में सम्बन्ध बताएँ ।

Ans. एकाधिकारी प्रतियोगिता में सीमान्त आगम तथा औसत आगम में सम्बन्ध (Relationship between MR and AR under Monopolistic Competition)- एकाधिकारी प्रतियोगिता में फर्म अपनी कीमत कम करके अधिक माल बेच सकती है। अतः माँग वक्र ( औसत आगम वक्र) ऊपर से नीचे की ओर ढालू होता है। जब AR वक्र नीचे की ओर होता है तो MR वक्र इसके नीचे होता है। इस बात का स्पष्टीकरण नीचे तालिका तथा रेखाचित्र से किया गया है-

6. पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा तथा कुल आगम में क्या सम्बन्ध है ?

Ans. पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा तथा कुल आगम में सम्बन्ध (Relation between price line and perfect competition under perfect competition)- पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत तथा कुल आगम में महत्त्वपूर्ण सम्बन्ध है। कीमत रेखा के नीचे का क्षेत्र कुल आगम के बराबर होता है। पूर्ण प्रतियोगिता में प्रत्येक फर्म कीमत को स्वीकार करती है। उद्योग द्वारा निर्धारित कीमत को इसे स्वीकार करना पड़ता है वह दी हुई कीमत पर अपने उत्पाद की जितनी चाहे इकाइयाँ बेच सकती है। अतः कुल आगम कीमत तथा बेची गई इकाइयों का गुणनफल होगा। रेखाचित्र में वस्तु की कीमत OP है। PA कीमत रेखा है। फर्म की विक्रय की मात्रा OQ है। अतः कुल आगम OP × OQ होगा। यह OQRP आयत के क्षेत्रफल को प्रदर्शित करता है। अतः हम कह सकते हैं कि पूर्ण प्रतियोगिता में कुल आगम कीमत रेखा के नीचे का क्षेत्रफल के बराबर है।

7. कुल आगम कब घटना प्रारम्भ कर देती है ?

Ans. जब सीमान्त आगम (MR) ऋणात्मक होता है, तब कुल आगम (TR) घटना प्रारम्भ कर देती है।

8. एक पूर्ण प्रतियोगी फर्म में श्रम के श्रेष्ठ चयन की शर्त क्या है ?

Ans. पूर्ण प्रतियोगी फर्म में श्रम में श्रेष्ठ चयन की शर्त (Condition for optimal choice of labour in perfectly competitive firm ) – श्रम बाजार मे श्रम की माँग फर्मों द्वारा की जाती है। श्रम से अभिप्राय श्रमिकों के कार्य के घंटों से है न कि श्रमिकों की संख्या से प्रत्येक फर्म का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्त करना है। फर्म को अधिकतम लाभ तभी प्राप्त होता है। जबकि नीचे दी गई शर्त पूरी होती है-

W=MRP, MRP, = MR x MP,

पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में सीमान्त आगम कीमत के बराबर होता है और कीमत सीमान्त उत्पाद के मूल्य के बराबर होती है। अतः श्रम के आदर्श (श्रेष्ठ) चयन की शर्त मजदूरी दर तथा सीमान्त उत्पाद के मूल्य में समानता है।

9. पूर्ति के नियम की व्याख्या कीजिए ।

Ans. पूर्ति का नियम (Law of supply) – अन्त बातें पूर्ववत् रहने पर वस्तु की कीमत बढ़ने पर उनकी पूर्ति बढ़ जाती है और कीमत घटने पर उसकी पूर्ति घट जाती है। वस्तु की कीमत और वस्तु की पूर्ति में सीधा सम्बन्ध होता है। वस्तु की कीमत बढ़ने पर उत्पादक के लाभ बढ़ने लगते हैं। इसलिए उत्पादक वस्तु की अधिक पूर्ति करते हैं। इसके विपरीत, कीमत कम होने पर लाभ कम होने लगते हैं, जिससे उत्पादक वस्तु की पूर्ति को कम कर देता है। पूर्ति के नियम को निम्नलिखित सारणी और चित्र द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं-

10. पूर्ति के नियम के अपवाद बताइये ।

Ans. अपवाद (Exceptions) :-

1.कीमत में और परिवर्तन की आशा ।

2. कृषि वस्तुओं की स्थिति में चूँकि कृषि मुख्य रूप से प्रकृति पर निर्भर करती हैं जो अनिश्चित होती है।

3. उन पिछड़े देशों में जिनमें उत्पादन के लिए पर्याप्त साधन नहीं पाये जात

4. उच्च स्तर की कलात्मक वस्तुएँ।

11. ‘पूर्ति अनुसूची’ एवं ‘पूर्ति वक्र’ से आप क्या समझते हैं ?

Ans. एक निश्चित अवधि में बाजार में विभिन्न कीमतों पर किसी वस्तु की विभिन्न मात्राएँ बेची जाती हैं। इसे यदि तालिका द्वारा दर्शाया जाता है तो उसे पूर्ति अनुसूची कहा जाता है। परंतु जब विभिन्न कीमतों तथा उनपर बेची जाने वाली वस्तु की मात्रा को जब रेखाचित्र द्वारा दर्शाया जाता है तो उसे पूर्ति वक्र कहा जाता है।

12. व्यक्तिगत पूर्ति तथा बाजार पूर्ति में अंतर स्पष्ट कीजिए।

Ans. किसी वस्तु की एक फर्म द्वारा बाजार में की गई पूर्ति को व्यक्तिगत पूर्ति कहते हैं, जबकि इसके विपरीत किसी वस्तु की बाजार में उन सभी फर्मों द्वारा की गई पूर्ति जो उस वस्तु का उत्पादन या विक्रय करती है, बाज़ार पूर्ति कहलाती है। बाजार पूर्ति को उद्योग पूर्ति भी कहा जाता है।

13. बाजार पूर्ति से क्या अभिप्राय है ? इसे कैसे प्राप्त किया जाता है ?

Ans. बाजार पूर्ति (Market Supply) – बाजार पूर्ति से अभिप्राय विभिन्न कीमतों पर बाजार के सभी विक्रेताओं की एक सामूहिक पूर्ति से है। व्यक्तिगत पूर्ति के जोड़ने से बाजार पूर्ति प्राप्त होती है। मान लो एक बाजार में गेहूँ के तीन विक्रेता (A, B तथा C) हैं। इनकी पूर्ति को जोड़ने से हमें बाजार पूर्ति प्राप्त होगी। बाजार पूर्ति को नीचे तालिका की सहायता से समझाया गया है-

14. किसी वस्तु की पूर्ति तथा स्टॉक में क्या अंतर है ?

Ans. किसी वस्तु की उपलब्धता उसकी पूर्ति है, जबकि वस्तु का संग्रहण स्टॉक है। माँग पर पूर्ति निर्भर है. किन्तु स्टॉक पर पूर्ति निर्भर नहीं करती है।

15. क्या होगा यदि बाजार में प्रचलित कीमत-

(a) संतुलन कीमत से अधिक है

(b) संतुलन कीमत से कम है ?

Ans. (a) बाजार में प्रचलित कीमत के संतुलन कीमत से अधिक होने पर यह सोचते हुए कि दूसरे स्थानों से यहाँ पर अधिक लाभ कमा सकते हैं, फर्म बाजार में प्रवेश करेंगी। परिणामस्वरूप प्रचलित कीमत पर बाजार में आधिक्य पूत्तिं होगी। यह आधिक्य पूर्ति बाजार मूल्य में कमी लाएगी और बाजार कीमत कम होकर संतुलन कीमत के बराबर हो जाएगी।

(b) इस स्थिति में बहुत सी फर्म जिन्हें हानि हो रही होगी व फर्मों इस उद्योग से बाहार निकल आएँगी। परिणामस्वरूप प्रचलित बाजार मूल्य पर आधिक्य माँग की स्थिति उत्पन्न होगी। आधिक्य माँग बाजार मूल्य में वृद्धि लाएगी और बाजार मूल्य संतुलन कीमत कम हो जाएगी।

16. पूर्ण प्रतिस्पर्धी फर्म की दो विशेषताओं का उल्लेख करें।

Ans. पूर्ण प्रतिस्पर्धी फर्म की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1.पूर्ण प्रतिस्पर्धी फर्म कीमत स्वीकारक होती है।

2. फर्मों का उद्योग में स्वतंत्र प्रवेश और निकास होता है।

17. पूर्ण प्रतियोगिता में किसी फर्म के माँग वक्र की प्रकृति क्या होगी ? अथवा, पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा की क्या प्रकृति होती है ?

Ans. पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा क्षैतिज अर्थात् X- अक्ष के समांतर होती है। पूर्ण प्रतियोगिता में उद्योग कीमत का निर्धारण करता है। फर्म उस कीमत को स्वीकार करती है। दी हुई कीमत पर एक फर्म एक वस्तु की जितनी भी मात्रा बेचना चाहती है, बेच सकती है। पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा न केवल OX- अक्ष के समांतर होती है। अपितु औसत आगम तथा सीमांत आगम वक्र को भी ढकती है। कीमत रेखा को पूर्ण प्रतियोगिता फर्म का माँग वक्र भी कहा जाता है।

18. फर्म के अधिकतम लाभ की शर्तें क्या हैं ?

Ans. फर्म के अधिकतम लाभ की शर्तें निम्नलिखित हैं-

1.सीमांत आगम तथा सीमांत लागत का संतुलन बिंदु पर आपस में बराबर होना चाहिए यानि MR = MC

2. सीमांत लागत वक्र सीमांत आगम रेखा को संतुलन बिंदु पर नीचे काटे ।

19. पूर्ति लोच को प्रभावित करने वाले घटकों का उल्लेख करें।

Ans. पूर्ति लोच को प्रभावित करने वाले मुख्य घटक निम्नलिखित हैं-

1.प्रयोग में लाए जाने वाले साधनों की प्रकृति

2. प्राकृतिक कारक

3. जोखिम

4. वस्तु की प्रकृति

5. उत्पादन लागत

6. समयावधि ।

20. पूर्ण स्पर्धी फर्म के माँग वक्र को चित्र द्वारा दर्शाएँ ।

Ans. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार के उस रूप का नाम है जिसमें विक्रेताओं की संख्या की कोई सीमा नहीं होती। फलतः कोई भी एक उत्पादक बाजार में वस्तु की कीमत पर प्रभाव नहीं डाल सकता।

पूर्ण प्रतिस्पर्धी फर्म माँग का चित्र निरूपण-

21. ‘पूर्ण प्रतिस्पर्धा में सभी फर्मों द्वारा समरूप वस्तु का उत्पादन होता है।’ स्पष्ट करें।

Ans. पूर्ण प्रतियोगिता वाले बाजार में विभिन्न फर्मों द्वारा बेची जाने वाली वस्तु क्रेताओं की दृष्टि से समरूप होती है। समरूपी उत्पादन के कारण कोई भी विक्रेता अपनी वस्तु का मूल्य बाजार के चालू मूल्य से अधिक नहीं ले सकता, क्योंकि ऐसा करने पर क्रेता अन्य विक्रेताओं सं वस्तु खरीदने लगेंगे।

22. एक पूर्णतया लोचहीन मान वक्र चित्रित करें।

Ans. एक पूर्णतया लोचहीन मान वक्र इस प्रकार चित्रित किया जाता है-

23. चित्र द्वारा दर्शाइए (a) इकाई लोच (b) अनन्त लोच (c) शून्य लोच।

Ans. (a) इकाई लोच (b) अनन्त लोच (c) शून्य लोच

24. अवस्फीतिक अन्तराल की अवधारणा को समझाइए ।

Ans. जब कुल पूर्ति कुल माँग से अधिक होती है, उत्पादन और रोजगार घटने लगता है। तथा व्यक्तियों की क्रय शक्ति घट जाती है तो ऐसी स्थिति को अवस्फीतिक अन्तराल कहा जाता है ।

25. स्फीतिक अंतराल और अवस्फीतिक अंतराल में क्या अंतर है ?

Ans. वह स्थिति जिसमें अर्थव्यवस्था में उत्पादन में वृद्धि नहीं होती केवल कीमतों में वृद्धि होती है तो उसे स्फीतिक अंतराल कहा जाता है। इसके विपरीत अवस्फीतिक अंतराल वह स्थ है जब कुल पूर्ति कुल मान से अधिक होती है। इसमें उत्पादन और रोजगार घटने लगता है तथा जनता की क्रय शक्ति घंट जाती है।

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