1.यदि सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) 0.2 हो तो सीमान्त बचत प्रवृत्ति क्या होगी ?
(A) 0.8
(B) 0.2
(C) 0.4
(D) -0.2
Ans. (A)
2. निवेश गुणक क्या होगा यदि सीमान्त बचत प्रवृत्ति (MPS) 0.2 हो ?
(A) 200
(B) 5
(C) 2
(D) 1.20
Ans. (B)
3. आवश्यक वस्तुओं की माँग की लोच होती है-
(A) शून्य
(B) इकाई से अधिक
(C) असीमित
(D) इकाई से कम
Ans. (A)
4. माँग की लोच कितने प्रकार की होती है ?
(A) सात
(B) तीन
(C) पाँच
(D) (B) एवं (C) दोनों
Ans. (D)
5. निम्नांकित में से कौन-सा कथन सत्य है ?
(A) आवश्यक वस्तु की माँग की लोच शून्य होती है
(B) माँग की लोच गुणात्मक कथन है
(C) माँग की लोच मापने के लिए प्रतिशत विधि का प्रतिपादन मार्शल ने किया था
(D) माँग की लोच छः प्रकार की होती है
Ans. (A)
6. उदासीनता वक्र की क्या ढाल होती है
(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) शून्य
(D) इनमें कोई नहीं
Ans. (B)
7. माँग वक्र की ढाल सामान्यतः होती है-
(A) बायें से दायें ऊपर की ओर
(B) बायें से दायें नीचे की ओर
(C) x-अक्ष के समान्तर
(D) x-अक्ष पर लम्बवत
Ans. (B)
8. माँग का संकुचन तब होता है, जब-
(A) कीमत बढ़ती है और माँग घटती है
(B) कीमत बढ़ती रहती है और माँग बढ़ती है
(C) कीमत स्थिर रहती है और माँग घटती है
(D) कीमत घटती है लेकिन माँग स्थिर रहती है
Ans. (A)
9. एक खुली अर्थव्यवस्था में सामूहिक माँग का संघटक कौन है ?
(A) उपभोग
(B) निवेश
(C) उपभोग+सरकारी व्यय
(D) उपभोग+निवेश+सरकारी व्यय + शुद्ध निर्यात
Ans. (D)
10. ऐसी वस्तुएँ जिनका एक-दूसरे के बदले प्रयोग किया जाता है, कहलाती हैं-
(A) पूरक वस्तुएँ
(B) स्थानापन्न वस्तुएँ
(C) आरामदायक वस्तुएँ
(D) विलासिता वस्तुएँ
Ans. (B)
11. प्रभावपूर्ण माँग निर्भर करता है :
(A) समग्र माँग पर
(B) समग्र पूर्ति पर
(C) (A) और (B) दोनों पर
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
12. आयताकार अतिपरवलय माँग वक्र के सभी बिंदुओं पर माँग की लोच (ed) होती है
(A) इकाई के बराबर (ed = 1)
(B) शून्य (ed = 0)
(C) इकाई से अधिक (ed > 1)
(D) इकाई से कम (ed < 1)
Ans. (A)
16. MPC + MPS = ?
(A) अनन्त
(B) 2
(C) 1
(D) शून्य
Ans. (C)
17. यदि उपभोक्ता की आय (M) में वृद्धि होती है तो बजट सेट-
(A) बड़ा हो जाएगा
(B) छोटा हो जायेगा
(C) अपरिवर्तित रहेगा
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
18. एक युक्तिशील उपभोक्ता कैसे बंडल का चुनाव करता है ?
(A) सबसे अच्छा
(B) सबसे खराब
(C) सर्वाधिक अधिमान वाला
(D) (A) और (C) दोनों
Ans. (D)
19. माँग वक्र में किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग फलन है-
(A) अपने मूल्य का
(B) अन्य वस्तु के मूल्य का
(C) मौसम का
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
20. यदि माँग वक्र d (p) = a – bp हो तो शून्य मूल्य पर वस्तु में माँग की मात्रा क्या होगी ?
(A) -b
(B) a
(C) P
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
21. ऐसी वस्तुएँ जिनकी माँग की मात्रा आय की दिशा में गति करती है कहलाती हैं-
(A) निम्नस्तरीय वस्तुएँ
(B) सामान्य वस्तुएँ
(C) पूरक वस्तुएँ
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
22. सेटेरिस पारिबस का क्या अर्थ है ?
(A) यदि अन्य बातें समान रहें
(B) यदि सभी बातें समान रहें
(C) यदि कुछ बातें समान रहें
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
23. सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) को कैसे परिभाषित करते हैं ?
Ans. (C)
24. यदि सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) 0.7 हो तो सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) क्या होगी ?
(A) 0.7
(B) 0.25
(C) 0.3
(D) – 0.3
Ans. (C)
25. यदि सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) 0.1 हो तो निवेश गुणक क्या होगा ?
(A) 1
(B) 10
(C) 100
(D) 1.10
Ans. (B)
26. निम्न में कौन सार्वजनिक वस्तु की श्रेणी में आता है ?
(A) सड़कें
(B) सरकारी प्रशासन
(C) राष्ट्रीय सुरक्षा
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
27. उपभोग समीकरण C = C+CY में के विषय में क्या सही है ?
(A) C > 0
(B) न्यूनतम उपभोग का स्तर है
(C) मॉडल में दिया हुआ स्थिर मान है
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
28. गुणक में c क्या है ?
(A) उपभोग
(B) उपभोग का जीवन निर्वाह स्तर
(C) सीमांत उपभोग प्रवृत्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
29. यदि 0<c< 1 तो 1/1-c गुणक का न्यूनतम मान क्या होगा ?
(A) इकाई के बराबर
(B) इकाई से कम
(C) इकाई से अधिक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
30. किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग तथा वस्तु की कीमत के बीच प्रतिलोम संबंध कहलाता है-
(A) कीमत का नियम
(B) माँग का नियम
(C) वस्तु का नियम
(D) उपभोक्ता का नियम
Ans. (B)
31. निम्न में कौन संयोग स्थानापन्न वस्तुओं का है ?
(A) चाय एवं चीनी
(B) ब्रेड एवं मक्खन
(C) चाय एवं काफी
(D) कलम तथा स्याही
Ans. (C)
32. यदि बिजली की कीमत घटने पर एल0ई0डी0 बल्ब की माँग बढ़ जाए तो दोनों किस प्रकार की वस्तुएँ हैं ?
(A) पूरक
(B) स्थानापन्न
(C) विलासिता
(D) परम आवश्यकता
Ans. (A)
33. सीमांत उत्पाद वक्र एवं औसत उत्पाद वक्र का क्या आकार होता है ?
(A) अंग्रेजी अक्षर ‘U’ की तरह
(B) उल्टे ‘U’ की आकृति
(C) अंग्रेजी अक्षर ‘U’ की तरह
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
34. यदि कुल लागत TC, कुल परिवर्ती लागत VC तथा कुल स्थिर लागत FC हो तो कौन समीकरण सही है ?
(A) TC = VC + FC
(B) TC – VC = FC
(C) TC – FC = VC
(D) इनमें से सभी
Ans. (A)
35. निर्गत एवं – 1 इकाइयों की कुल उत्पादन लागत क्रमशः 50 रुपये एवं 40 रुपये हो तो सीमांत लागत क्या होगी ?
(A) 50 रुपये
(B) 90 रुपये
(C) 40 रुपये
(D) 10 रुपये
Ans. (D)
36. सीमांत लागत वक्र औसत लागत वक्र को किस बिंदु पर काटती है ?
(A) उच्चतम बिंदु
(B) न्यूनतम बिंदु
(C) बढ़ते हुए क्षेत्र में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
37. यदि किसी संतुलन की स्थिति से पूर्ति वक्र दायीं ओर शिफ्ट करता है, तो नये संतुलन में मूल्य एवं मात्रा में क्या परिवर्तन होगा ?
(A) मूल्य बढ़ेगा, मात्रा घटेगी
(B) मूल्य घटेगा, मात्रा बढ़ेगी
(C) मूल्य बढ़ेगा, मात्रा बढ़ेगी
(D) मूल्य घटेगा, मात्रा घटेगी
Ans. (B)
38. निम्न में कौन बजट रेखा का सही समीकरण है ?
(A) P1x1 + P2 X2 < M
(B) P1x1 + p 2X2> M
(C) P 1 x1 + P2x2= M
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
39. वस्तु 1 का मूल्य घटने पर, बजट रेखा की प्रवणता (ढाल)–
(A) बढ़ जाती है
(B) घट जाती है
(C) स्थिर रहती है
(D) इनमें से सभी
Ans. (B)
40. माँग की लोच मापने के लिए प्रतिशत या आनुपातिक रीति का प्रतिपादन किसने किया ?
(A) मार्शल
(B) फ्लक्स
(C) हिक्स
(D) रॉबिस
Ans. (B)
41. तटस्थता वक्र का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया ?
(A) मार्शल
(B) गोसेन
(C) हिक्स एवं एलेन
(D) सैम्युलसन
Ans. (C)
42. उपयोगिता का गणनावाचक सिद्धांत निम्न में से किसने प्रस्तुत किया ?
(A) मार्शल
(B) पोगू
(C) हिक्स
(D) एलेन
Ans. (A)
43. निम्न में से कौन माँग की लोच मापने की विधि नहीं है ?
(A) प्रतिशत विधि
(B) आय प्रणाली
(C) कुल व्यय प्रणाली
(D) बिंदु विधि
Ans. (B)
44. तटस्थता वक्र का झुकाव होता है-
(A) बाएँ से दाएँ
(B) दाएँ से बाएँ
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
45. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है, तब सीमांत उपयोगिता
(A) शून्य होती है
(B) ऋणात्मक होती है
(C) धनात्मक होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
46. उदासीन वक्र विश्लेषण का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया है-
(A) गोसेन
(B) हिक्स एवं एलेन
(C) हिक्स
(D) सैम्यूलसन
Ans. (B)
47. यदि किसी वस्तु के मूल्य माँग की लोच eP = 0.5 हो, तो वस्तु की माँग सम-लोचदार है-
(A) लोचदार है
(B) पूर्णतः लोचदार है
(C) सापेक्षिक बेलोचदार है
(D) पूर्णतः बेलोचदार है
Ans. (A)
48. तटस्थता वक्र विश्लेषण किस अवधारणा पर आधारित है ?
(A) गणनावाचक माप
(B) क्रमागत माप
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
49. निम्न में से कौन माँग की लोच को प्रभावित करता है ?
(A) वस्तु की प्रकृति
(B) वस्तु का विविध उपयोग
(C) समय तत्व
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
50. किसी सामान्य वस्तु के माँग वक्र की ढाल होती है –
(A) ऋणात्मक
(B) धनात्मक
(C) शून्य
(D) अपरिभाषित
Ans. (A)
51. कॉफी के मूल्य में वृद्धि होने से चाय की माँग –
(A) बढ़ती है
(B) घटती है
(C) स्थिर रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
52. उत्पादक के निम्न में से कौन-से साधन हैं ?
(A) भूमि
(B) श्रम एवं पूँजी
(C) व्यवस्था
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
53. उदासीन वक्र की ढाल होती है-
(A) दायें से बायें
(B) बायें से दायें
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
54. माँग की लोच की माप निम्न में से किस विधि से की जाती है ?
(A) कुल व्यय रीति
(B) प्रतिशत या आनुपातिक रीति
(C) बिंदु रीति
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
55. उपयोगिता का क्रमवाचक सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया ?
(A) मार्शल
(B) पीगू
(C) हिक्स तथा एलेन
(D) रिकार्डों
Ans. (C)
56. माँग के निर्धारक तत्व हैं-
(A) वस्तु की कीमत
(B) आय स्तर
(C) संबंधित वस्तु की कीमत
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
57. सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम के प्रतिपादक हैं-
(A) गोसेन
(B) एडम स्मिथ
(C) चैपमैन
(D) हिक्स
Ans. (A)
58. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है, तब सीमांत उपयोगिता क्या होती है ?
(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
59. सम सीमांत उपयोगिता नियम का दूसरा नाम क्या है ?
(A) उपयोगिता ह्रास नियम
(B) प्रतिस्थापन का नियम
(C) गोसेन का प्रथम नियम
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
60. माँग वक्र नीचे झुकती है बायें से-
(A) दाहिनी ओर
(B) बायीं ओर
(C) सीधे
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
61. मूल्य वृद्धि से ‘गिफिन’ वस्तुओं की माँग-
(A) बढ़ जाती है
(B) घट जाती है
(C) स्थिर रहती है
(D) अस्थिर हो जाती है
Ans. (A)
62. निम्नलिखित में से कौन-घटक माँग की लोच को प्रभावित करते हैं ?
(A) आय स्तर
(B) वस्तुओं की प्रकृति
(C) कीमत स्तर
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
63. यदि किसी वस्तु के मूल्य में 40% परिवर्तन के कारण माँग में 60% परिवर्तन हो तो माँग की लोच है-
(A) 0.5
(B) -1.5
(C) 1
(D) 0
Ans. (B)
64. पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत एक फर्म के लिए माँग वक्र है-
(A) लोचदार
(B) पूर्णतया लोचदार
(C) बेलोचदार
(D) अत्यधिक लोचदार
Ans. (B)
65. माँग का नियम व्यक्त करता है-
(A) वस्तु की कीमत तथा माँगी गयी मात्रा के बीच संबंध को
(B) दो वस्तुओं की कीमत में संबंध को
(C) उपभोक्ता की आय तथा माँगी गयी मात्रा के बीच संबंध को
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
66. आय बढ़ने पर उपभोक्ता किन वस्तुओं की माँग घटा देता है ?
(A) निम्नकोटि की वस्तुएँ
(B) सामान्य वस्तुएँ
(C) गिफिन वस्तु
(D) (A) और (B) दोनों
Ans. (C)
67. उपभोक्ता का संतुलन उस बिंदु पर होता है, जहाँ-
(A) सीमांत उपयोगिता मूल्य
(B) सीमांत उपयोगिता < मूल्य
(C) सीमांत उपयोगिता > मूल्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
68. निम्न में से किसके द्वारा मूल माँग की लोच मापी जाती है ?
(A) माँग में प्रतिशत परिवर्तन/मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन
(B) मूल्य में परिवर्तन/माँग में परिवर्तन
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
69. माँग में संकुचलन तब होता है, जब-
(A) कीमत बढ़ती है और माँग घटती है
(B) कीमत बढ़ती है और माँग भी बढ़ती है
(C) कीमत स्थिर रहती है और माँग घटती है
(D) कीमत धाटती है लेकिन माँग स्थिर रहती है
Ans. (A)
70. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति निम्न में से कौन है ?
Ans. (B)
71. गुणात्मक साख नियंत्रण के अंतर्गत निम्नलिखित में किसे शामिल किया जाता है ?
(A) ऋणों की सीमान्त आवश्यकता में परिवर्तन
(B) साख की राशनिंग
(C) प्रत्यक्ष कार्यवाही
(D) उपर्युक्त सभी
Ans. (D)
72. आय में वृद्धि से कोई माँग वक्र-
(A) बायीं ओर खिसक जाता है
(B) दायीं ओर खिसक जाता है
(C) अपने स्थान पर स्थिर रहता है
(D) पहले बायीं ओर फिर दायीं ओर खिसक जाता है
Ans. (B)
73. भारत में द्वितीय पंचवर्षीय योजना की शुरुआत कब हुई ?
(A) 1950 ई० में
(B) 1956 ई० में
(C) 1970 ई० में
(D) 1980 ई० में
Ans. (B)
74. निम्न में से कौन सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम का अपवाद नहीं है ?
(A) नशीली वस्तु का उपभोग
(B) मुद्रा का संचय
(C) दुर्लभ वस्तु का संग्रह
(D) रोटी तथा दूध
Ans. (D)
75. उपभोक्ता संतुलन के लिए वस्तु की-
(A) मूल उपयोगिता = मूल्य
(B) सीमांत उपयोगिता = मूल्य
(C) औसत उपयोगिता = मूल्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
76. उपभोक्ता की सर्वाधिक संतुष्टि के लिए-
(A) वस्तु की सीमांत उपयोगिता उसके मूल्य के समान होनी चाहिए
(B) वस्तु की सीमांत उपयोगिता उसके मूल्य से अधिक होनी चाहिए
(C) सीमांत उपयोगिता और मूल्य का कोई संबंध नहीं है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
77. निम्नलिखित में से किसके परिवर्तन से माँग में परिवर्तन नहीं होता ?
(A) मूल्य में परिवर्तन
(B) रुचि तैथा फैशन में परिवर्तन
(C) आय में परिवर्तन
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (D)
78. प्रायः अनिवार्य आवश्यकताओं की वस्तुओं की माँग की लोच-
(A) बेलोचदार होती है
(B) लोचदार होती है
(C) अत्यधिक बेलोचदार होती है
(D) पूर्णतया बेलोचदार होती है
Ans. (C)
79. जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है, तब कुल उपयोगिता-
(A) अधिकतम होती है
(B) घटने लगती है
(C) घटती दर से बढ़ती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
80. विलासिता वस्तुओं की माँग-
(A) बेलोचदार होती है
(B) लोचदार होती है
(C) अत्यधिक लोचदार होती है
(D) पूर्णतया बेलोचदार होती है
(A) Ans. (C)
81. किसी वस्तु की माँग बेलोचदार होती है, क्योंकि-
(A) उस वस्तु पर आय का बहुत बड़ा भाग व्यय किया जाता है
(B) उस वस्तु का प्रयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है
(C) उस वस्तु के उपभोग को भविष्य के लिए टाला जा सकता
(D) उस वस्तु का उपभोग करने की व्यक्ति को आदत पड़ जाती है
Ans. (D)
82. मार्शल के अनुसार किसी वस्तु की उपयोगिता को-
(A) मुद्रा में मापा जा सकता है
(B) मुद्रा में नहीं मापा जा सकता है
(C) संख्यात्मक रूप में मापा जा सकता
(D) (A) एवं (C) दोनों
Ans. (A)
83. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सत्य है ?
(A) अनिवार्य वस्तुओं की माँग लोचदार होती है
(B) विलासिता की वस्तुओं की माँग अधिक लोचदार होती है
(C) जिन वस्तुओं के बदले में अन्य वस्तुएँ उपयोग की जा सकती हैं, उनकी माँग बेलोचदार होती है।
(D) जिन वस्तुओं का उपभोग कुछ समय के लिए टाला जा सकता है, उनकी माँग बेलोचदार होती है
Ans. (B)
84. एक पूर्णतया बेलोचदार माँग वक्र-
(A) x- अक्ष के समांतर होगी
(B) समकोणीय हाइपरबोला होगी
(C) y- अक्ष के समांतर होगी
(D) समतल होगी
Ans. (C)
85. अर्थशास्त्र में ‘माँग’ शब्द से तात्पर्य है-
(A) वस्तु की उपभोग की जाने वाली मात्रा
(B) एक निश्चित कीमत पर वस्तु की उपभोग की जाने वाली मात्रा
(C) बाजार में उपस्थित वस्तु की मात्रा
(D) उत्पादकों द्वारा उत्पादित वस्तु
Ans. (B)
86. सम-सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार उपभोक्ता के संतुलन की शर्त है-
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) अपरिभाषित
Ans. (C)
87. कीमत या बजट रेखा की ढाल होती है-
Ans. (A)
88. माँग की लोच को मापने का सूत्र निम्न में से कौन-सा है ?
Ans. (A)
89. निम्नांकित सारणी से माँग की लोच ज्ञात करें-
प्रति इकाई मूल्य (रुपये में) | माँगी गई मात्रा (कि०ग्रा० में) |
10
9 |
20
25 |
(A) 2.00
(B) 2.50
(C) 3.00
(D) 3.50
Ans. (B)
90. उपभोक्ता के बचत के सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया ?
(A) मार्शल
(B) डु पोन्ट
(C) हिक्स
(D) सैम्यूअलसन
Ans. (A)
91. स्थायी पूँजी के उपभोग को क्या कहते हैं ?
(A) पूँजी निर्माण
(B) मूल्य ह्रास
(C) निवेश
(D) इनमें से सभी
Ans. (B)
92.माँग में परिवर्तन का निम्नलिखित में कौन सा कारण है ?
(A) उपभोक्ता की आय में परिवर्तन
(B) संबंधित वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन
(C) जनसंख्या वृद्धि
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
93. एक ऋजुरेखी माँग वक्र के मध्य बिंदु पर माँग की लोच-
(A) शून्य होगी
(B) इकाई होगी
(C) अनंत होगी
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
94. निम्न में कौन-सा कथन सही है ?
(A) उपयोगिता का अर्थ आवश्यकता की संतुष्टि शक्ति है।
(B) उपयोगिता इच्छा की तीव्रता का फलन है।
(C) वस्तु के उपभोग की इच्छा उपयोगिता को जन्म देती है।
(D) उपर्युक्त सभी
Ans. (D)
95. उपयोगिता की निम्न में कौन-सी विशेषताएँ हैं ?
(A) उपयोगिता एक मनोवैज्ञानिक धारणा है
(B) उपयोगिता व्यक्तिपरक होती है
(C) उपयोगिता का विचार सापेक्षिक है
(D) उपर्युक्त सभी
Ans. (D)
96. उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन किया जाता है-
(A) सूक्ष्म अर्थशास्त्र में
(B) व्यापक अर्थशास्त्र में
(C) आय सिद्धांत में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
97. गोसेन का प्रथम नियम निम्न में कौन-सा है?
(A) माँग का नियम
(B) सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम
(C) समसीमान्त उपयोगिता नियम
(D) उपभोक्ता की बचत
Ans. (B)
98. निम्न में कौन-सा कथन सही है ?
(A) जब तक सीमान्त उपयोगिता धनात्मक है, तब तक कुल उपयोगिता बढ़ती है।
(B) जब सीमान्त उपयोगिता शून्य हो जाती है, तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है।
(C) जब सीमान्त उपयोगिता ऋणात्मक होती है, तब कुल उपयोगिता घटने लगती है।
(D) उपर्युक्त सभी
Ans. (D)
99. सीमान्त उपयोगिता कैसे निकालते हैं ?
Ans. (A)
100. उदासीनता वक्र होता है-
(A) मूल बिंदू की ओर उन्नतोदर
(B) मूल बिंदू की ओर अवनतोदर
(C) (A) एवं (B) दोनों सत्य हैं
(D) उपर्युक्त सभी सत्य हैं
Ans. (A)
101. उपयोगिता का संबंध होता है-
(A) लाभदायकता से
(B) नैतिकता से
(C) मानव आवश्यकता की पूर्ति से
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
102. उपयोगिता की माप की जा सकती है
(A) मुद्रा के द्वारा
(B) वस्तुओं के विनियम द्वारा
(C) वस्तु के वजन द्वारा
(D) इनमें से काई नहीं
Ans. (A)
103. किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकता की पूर्ति की क्षमता को कहते हैं-
(A) उत्पादकता
(B) संतुष्टि
(C) उपयोगिता
(D) लाभदायकता
Ans. (C)
104. एक वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त होने वाली उपयोगिता के योग को क्या कहते हैं ?
(A) सीमान्त उपयोगिता
(B) कुल उपयोगिता
(C) अधिकतम संतुष्टि
(D) अतिरिक्त उपयोगिता
Ans. (B)
105. पूँजी की सीमान्त क्षमता या उत्पादकता-
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
106. अतिपरवलयाकार माँग वक्र निम्न में से क्या दिखलाता है ?
(A) पूर्णतया बेलोचदार माँग
(B) पूर्णतया लोचदार माँग
(C) इकाई माँग लोच
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
107. लोचपूर्ण विनिमय दर के निम्नलिखित में कौन-सा गुण हैं ?
(A) सतत समायोजन
(B) सरल प्रणाली
(C) पूँजी निर्माण में वृद्धि
(D) (A) और (B) दोनों
Ans. (D)
108. किसी वस्तु के मल्य में 20% परिवर्तन के कारण माँग में 40% परिवर्तन हो तो माँग की लोच क्या होगी ?
(A) 0.5
(B) 2
(C) 1
(D) 2.5
Ans. (B)
109. सम विच्छेद बिंदु तब उत्पन्न होती है जब-
(A) TR = TC
(B) MR = MC
(C) TR > TC
(D) (A) और (B) दोनों
Ans. (D)
110. जब औसत उत्पाद (AP) अधिकतम होता है तब सीमांत उत्पाद (MP)-
Ans. (A)
111. सीमांत अवसर लागत निम्न में से कौन है ?
Ans. (B)
112. किस प्रकार की वस्तुओं के मूल्य में कमी होने से माँग में वृद्धि नहीं होती है ?
(A) अनिवार्य वस्तुएँ
(B) आरामदायक वस्तुएँ
(C) विलासिता वस्तुएँ
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. उत्पादन संभावना वक्र से आप क्या समझते हैं ?
Ans. वस्तु के पूर्व निर्धारित स्तरों पर उत्पादन होने की दशा में दूसरी वस्तु के अधिकतम संभव उत्पादन को दर्शाने वाली रेखा ही उत्पादन संभावना वक्र है। सामान्यतः यह वक्र दाहिनी ओर ढालू होता है।
2. उदासीनता वक्र की ढाल मूल बिन्दु की ओर उन्नतोदर क्यों होती है ?
Ans. प्रतिस्थापन की सीमान्त दर में लगातार गिरावट के कारण उदासीनता वक्र की ढाल मूल बिन्दु की ओर उन्नतोदर या उत्तल होती है।
3. समउत्पाद वक्र को समझावें।
Ans. परिवर्तन साधन की एक अतिरिक्त इकाई उत्पादन के एक स्थिर साधन पर लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है उसे सम उत्पाद कहा जाता है। सम उत्पाद वक्र धनात्मक होता है जो उत्पादन में वृद्धि को दर्शाता है।
4. उदासीन वक्र के निर्माण की विधि लिखें।
Ans. उदासीन वक्र का निर्माण (Construction of Indifference Curve) उदासीन वक्र के निर्माण के लिए तटस्थता तालिकों की आवश्यकता होती है। तटस्थता तालिका ऐसी तालिका को कहते हैं जिसमें दो वस्तुओं के ऐसे दो वैकल्पिक संयोगों को प्रदर्शित किया जाता है
जिसमें उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्राप्त होती है। जब तालिका के विभिन्न संयोगों को एक वक्र में प्रस्तुत किया जाता है तो उसे तटस्थता वक्र ऋणात्मक ढलान वाला होता है क्योंकि उपभोक्ता दोनों वस्तुओं का उपभोग करना चाहता और कम वस्तुओं की तुलना में अधिक वस्तुओं को प्राथमिकता देता है।
5. माँग का नियम क्या है ?
Ans. माँग का नियम वस्तु की कीमत और उस कीमत पर माँगी जाने वाली मात्रा के गुणात्मक संबंध को बताता है। उपभोक्ता अपनी मनोवैज्ञानिक पद्धति के अनुसार अपने व्यावहारिक जीवन में ऊँची कीमत पर वस्तु की कम मात्रा खरीदता हैं और कम कीमत पर वस्तु की अधिक मात्रा । उपभोक्ता की इसी मनोवैज्ञानिक उपभोग प्रवृत्ति पर माँग का नियम आधारित है। माँग का नियम यह बताता है कि अन्य बातें समान रहने पर वस्तु की कीमत एवं वस्तु की मात्रा में विपरीत संबंध पाया जाता है। दूसरे शब्दों में, अन्य बातें समान रहने की दशा में किसी वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी माँग में कमी हो जाती है तथा इसके विपरीत कीमत में कमी होते पर वस्तु के माँग में वृद्धि हो जाती है।
6. माँग अनुसूची क्या है ?
Ans. जिस अनुसूची में किसी वस्तु की विभिन्न कीमतों पर खरीदी गई मात्रा के सम्बन्ध को दर्शाया जाता है उसे माँग अनुसूची कहा जाता है।
7. माँग फलन क्या है ?
Ans. वस्तु की माँग और इसे प्रभावित करने वाले घटकों के बीच फलनात्मक सम्बन्ध को माँग फलन कहते हैं।
प्रो. वाटसन के अनुसार, “किसी बाजार में एक निश्चित समय पर किसी वस्तु का ‘माँग ‘फलन’ उस वस्तु की खरीदी जा सकने वाली विभिन्न मात्राओं तथा उन मात्राओं को निर्धारित करने वाले तत्वों के बीच के सम्बन्ध को व्यक्त करता है।”
8. माँग वक्र क्या है ?
अथवा, माँग वक्र की प्रकृति का वर्णन करें।
Ans. जब माँग तालिका को एक रेखाचित्र द्वारा व्यक्त किया जाता है तो इसे माँग वक्र कहते हैं। माँग वक्र यह दर्शाता है कि विभिन्न कीमतों पर किसी वस्तु की कितनी मात्राएँ खरीदी जाएँगी। माँग वक्र का झुकाव ऊपर से नीचे दाहिनी ओर होता है।
9. माँग को प्रभावित करने वाले किन्हीं पाँच कारकों का उल्लेख करें।
अथवा, माँग के निर्धारकों की व्याख्या करें।
Ans. वे तत्व जो किसी वस्तु की माँगी गई मात्रा को प्रभावित करते हैं माँग को निर्धारित करने वाले तत्त्व कहलाते हैं। ये मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं-
1. संबंधित वस्तुओं की कीमतें (Prices of related goods) – प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दी गई वस्तु की माँग में वृद्धि हो जाती है। जैसे चाय की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी प्रतिस्थापन वस्तु कॉफी की माँग में वृद्धि हो जाती है। एक पूरक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दी गई वस्तु की माँग में कमी हो जाती है। पेट्रोल की कीमत में वृद्धि होने पर मोटर गाड़ी की माँग में कमी हो जाती है।
2. आय (Income) – उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर वस्तु की माँग में वृद्धि हो जाती है यह वस्तु पर निर्भर करता है कि वस्तु सामान्य वस्तु है अथवा घटिया वस्तु है ।
3. रुचि, स्वभाव आदत (Taste, Preference and Habit) – यदि रुचि, स्वभाव और आदत में परिवर्तन अनुकूल हो तो वस्तु की माँग में वृद्धि होती है।
4. जनसंख्या – जनसंख्या बढ़ने पर माँग बढ़ती है और इसमें कमी होने पर माँग में कमी आती है।
5. संभावित कीमत – वस्तु की संभावित कीमत बढ़ने या घटने पर उसकी वर्तमान माँग में वृद्धि या कमी आयेगी।
10. माँग में वृद्धि तथा माँग में कमी में अन्तर बताएँ ।
Ans. माँग में वृद्धि तथा माँग में कमी (Increase in demand and decrease in demand)-
माँग में वृद्धि (Increase in demand)
1.कीमत के स्थिर रहने पर अन्य तत्त्वों में परिवर्तन होने पर माँग में होने वाली वृद्धि की माँग में वृद्धि कहते हैं।
2. माँग में वृद्धि की स्थिति में उसी कीमत पर वस्तु की अधिक मात्रा खरीदी जाती है या अधिक कीमत पर उतनी ही मात्रा
3. माँग में वृद्धि की स्थिति में माँग वक्र दाईं ओर खिसक जाता है जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है-
माँग में कमी (Decrease in demand)
1.कीमत के स्थिर रहने पर अन्य तत्त्वों में परिवर्तन होने पर माँग में होने वाली गिरावट को माँग में कमी कहते हैं।
2. माँग की कमी की स्थिति में उसी कीमत पर कम मात्रा खरीदी जाती है या कम कीमत पर उतनी ही मात्रा ।
3. माँग की कमी की स्थिति में माँग वक्र बाईं ओर खिसक जाता है जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है-
11. माँग के नियम की विशेषताएँ लिखें।
Ans. माँग के नियम की विशेषताएँ (Characteristics of law of demand) – माँग के नियम के अनुसार किसी वस्तु की कीमत और माँग की गई मात्रा में विपरीत संबंध होता है।
1.यह नियम माँग में परिवर्तन की दिशा का बोध कराता है, न कि उसकी मात्रा में परिवर्तन का
2. इस नियम के अनुसार कीमत और माँग में आनुपातिक संबंध नहीं है।
3. यह नियम वस्तु की कीमत में परिवर्तन का उसकी माँगी गई मात्रा पर प्रभाव बताता है, न कि माँग में परिवर्तन का वस्तु की कीमत पर।
12. माँग के नियम के मुख्य अपवाद लिखें।
Ans. माँग के नियम के मुख्य अपवाद (Exceptions to the law of demand) – माँग के नियम के मुख्य अपवाद निम्नलिखित हैं-
1.घटिया वस्तुएँ (Inferior Goods ) – प्रायः घटिया वस्तुओं पर माँग का नियम लागू नहीं होता । घटिया वस्तुओं की माँग उनकी कीमत गिरने से कम हो जाती है।
2. दिखावे की वस्तुएँ ( Prestigious Goods) – माँग का नियम प्रतिष्ठामूलक वस्तुओं जैसे – हीरे-जवाहरात तथा अन्य वस्तुएँ जैसे कीमती वस्त्र, ए० सी०, कार आदि पर लागू नहीं होता।
3. अनिवार्य वस्तुएँ (Essential Goods) – अनिवार्य वस्तुएँ जैसे अनाज, नमक, दवाई आदि पर माँग का नियम लागू नहीं होता
4. फैशन ( Fashion ) – फैशन में आने वाली वस्तुओं पर भी माँग का नियम लागू नहीं होता।
13. माँग की लोच से आप क्या समझते हैं ?
Ans. माँग की लोच की धारणा हमें मूल्य तथा माँग के परिवर्तन के निश्चित सम्बन्ध को बताती है। मेयर्स के अनुसार, “मूल्य में होने वाले किसी सापेक्षिक परिवर्तन से खरीदी जाने वाली मात्रा में जो सापेक्षिक परिवर्तन होता है, उसका माप ही माँग की लोच है।” अतः माँग की लोच वह दर है जिस पर मूल्य में परिवर्तन होने से माँग की मात्रा में परिवर्तन होता है
14. माँग की लोच कब इकाई होती है ?
Ans. जब वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन और वस्तु की माँगी गई मात्रा में प्रतिशत बराबर होता है, तो माँग की लोच इकाई के बराबर होती है।
15. माँग की लोच मापने की कुल व्यय विधि समझाएँ ।
Ans. माँग की लोच को मापने की कुल व्यय विधि (Total outlay method to measure the elasticity of demand) – इस विधि के अन्तर्गत कीमत परिवर्तन के फलस्वरूप वस्तु एवं होने वाले कुल व्यय पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता हैं इस विधि से केवल यह ज्ञात किया जा सकता है कि माँग की कीमत लोच इकाई के बराबर है, इकाई से अधिक है अथवा इकाई से कम | इस प्रकार इस विधि के अनुसार माँग की लोच तीन प्रकार की होती है- 1. इकाई से अधिक लोचदार, 2. इकाई के बराबर लोच तथा 3. इकाई से कम लोचदार माँगा
1.इकाई से अधिक लोचदार माँग (Greater than unit)- जब कीमत के कम होने पर कुल व्यय बढ़ता है और उसके बढ़ने पर कुल व्यय घटता है तब माँग की लोच इकाई से अधिक होती है।
2. इकाई के बराबर लोच (Unitary elastic ) – जब कीमत में परिवर्तन होने पर कुल व्यय स्थिर रहता है, तब माँग की लोच इकाई के बराबर होती है।
3. इकाई से कम लोचदार माँग (Less than unit ) – जब कीमत बढ़ने से कुल व्यय वढ़ता है और कीमत के कम होने पर कुल व्यय घटता है तो उस समय माँग की लोच इकाई से कम होती है।
16. माँग की कीमत लोच का एकाधिकारी, वित्तमंत्री तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से क्या महत्त्व है ?
Ans. 1. एकाधिकारी के लिए महत्त्व (Importance for Monopolist)-एकाधिकारी वस्तु की कीमत का निर्धारण वस्तु की माँग की लोच के आधार पर करता है। यदि वस्तु की माँग लोचदार है तो वह नीची कीमत निर्धारित करेगा। इसके विपरीत यदि माँग बेलोचदार है तो एकाधिकारी ऊंची कीमत निर्धारित करेगा।
2. वित्त मंत्री या सरकार के लिए महत्त्व (Importance for Finance Minister or Government) – सरकार अधिकतर उन वस्तुओं पर कर लगाती है जिनकी माँग बेलोचदार होती है ताकि अधिक से अधिक आगम प्राप्त हो सके। इसके विपरीत लोचदार वस्तुओं पर कर लगाने से उनकी माँग कम हो जाती है जिससे सरकार को करों के रूप में कम आगम प्राप्त हो सकती है।
3. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्त्व (Importance in International Trade) – जिन वस्तुओं की माँग बेलोचदार है उनके लिए एक देश अन्य देशों से अधिक कीमत ले सकता है।
17. व्यक्तिगत माँग वक्र तथा बाजार माँग वक्र में अन्तर बताएँ ।
Ans. व्यक्तिगत माँग वक्र तथा बाजार माँग वक्र में अन्तर (Difference between individual demand curve and market demand curve ) – व्यक्तिगत माँग वक्र वह वक्र है जो किसी वस्तु की विभिन्न कीमतों पर एक उपभोक्ता द्वारा उस वस्तु की माँगी गई मात्राओं को प्रकट करता है। इसके विपरीत बाजार माँग वह वक्र है जो किसी वस्तु की विभिन्न कीमतों पर बाजार के सभी उपभोक्ताओं द्वारा माँगी गई मात्राओं को प्रकट करता है। बाजार माँग वक्र को व्यक्तिगत वक्रों के समस्त जोड़ के द्वारा खींचा जाता है।
18. माँग की आय लोच समझाइये |
Ans. माँग की आय लोच से अभिप्राय इस बात की माप करने से है कि उपभोक्ता की आय में परिवर्तन के परिणामस्वरूप उसकी माँगी गई मात्रा में कितना परिवर्तन होता है। माँग की आय लोच को मापने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
19. माँग की लोच के विभिन्न प्रकारों को समझाइए ।
Ans. स्वभाव के दृष्टिकोण के आधार पर माँग की लोच को तीन भागों में बाँटा गया है-
1. कीमत माँग की लोच कीमत माँग की लोच का मतलब मूल्य एवं आय के बीच आनुपातिक सम्बन्ध से होता है।
2. आय माँग की लोच-आय माँग की लोच आय तथा माँग के बीच आनुपातिक सम्बन्ध को बतलाती है।
3. आड़ी माँग की लोच – आड़ी माँग की लोच पूरक वस्तुओं के अन्तर्गत मूल्य एवं माँग के बीच आनुपातिक सम्बन्ध को बतलाती है।
20. इच्छा और माँग में अंतर स्पष्ट करें।
Ans. इच्छाएँ अनन्त और असीमित होती हैं, परंतु इन असीमित इच्छाओं की पूर्ति के साधन सीमित होते हैं। इसका संबंध मनुष्य की कल्पनाओं से होता है।
एक निश्चित कीमत पर एक उपभोक्ता किसी वस्तु की जितनी मात्रा खरीदने को इच्छुक तथा योग्य होता है, उसे माँगी गई मात्रा कहा जाता है। इस प्रकार माँगी गई वह मात्रा जो एक निश्चित कीमत पर खरीदी जाती है माँग कहलाती है।
21. माँग में विस्तार एवं वृद्धि में अन्तर स्पष्ट करें।
Ans. माँग में विस्तार एवं वृद्धि में निम्नलिखित अन्तर हैं-
माँग का विस्तार (Extension in Demand)
1.यह एक ऐसी दशा है, जिसमें अन्य बातों के समान रहने पर केवल कीमत में कमी के कारण वस्तु की माँग बढ़ जाती है।
2. इसका अर्थ है वस्तु की कम कीमत पर वस्तु की अधिक माँग।
3. माँग वक्र पर ऊपर से नीचे की ओर संचलन होता है।
4. माँग वक्र नहीं बदलता ।
माँग में वृद्धि (Increase in Demand)
1.यह एक ऐसी दशा है, जिसमें कीमत के अलावा अन्य घटकों के कारण वस्तु की माँग में वृद्धि होती है।
2. इसका अर्थ है वस्तु की उसी कीमत पर अधिक माँग अथवा ऊँची कीमत पर वस्तु की उतनी ही माँग ।
3. माँग वक्र दायें या ऊपर की ओर स्थानान्तरित हो जाता है।
4. माँगे वक्र बदला जाता है।
22. किन्हीं तीन वस्तुओं का नाम बतायें जिनकी माँग लोचदार हो।
Ans. तीन लोचदार वस्तुएँ निम्नलिखित हैं-
1.रेडियो 2. टेलीविजन 3. स्कूटर।
23. किसी वस्तु की माँग के तीन प्रमुख निर्धारक तत्त्वों की व्याख्या कीजिए।
Ans. वस्तु की माँग के तीन निर्धारक तत्त्व हैं-
1.वस्तु की कीमत (Pix): जब X वस्तु की कीमत बढ़ती है तब माँग की मात्रा घटती है और इसमें विपरीत भी होती है।
2. उपभोक्ता की आय : उपभोक्ता के आय के बढ़ने या घटने से सामान्य वस्तु की माँग बढ़ती या घटती है।
3. सम्भावित कीमत : वस्तु की सम्भावित कीमत के बढ़ने/घटने से उसकी वर्तमान माँग में वृद्धि या कमी हो जाएगी।
24. संबंधित वस्तु की कीमत में परिवर्तन का वस्तु की माँग पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans. वस्तुएँ तब संबंधित होती है जब
1.एक वस्तु की कीमत दूसरी वस्तु (v) की माँग को प्रभावित करती है अथवा
2. एक वस्तु की माँग दूसरी वस्तु की माँग में वृद्धि या कमी लाती – है संबंधित वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी माँग में कमी आती है जबकि कीमत में कमी आने पर माँग में वृद्धि होती है।
स्थानापन्न वस्तुओं में से एक वस्तु की माँग तथा दूसरी वस्तु की कीमत में धनात्मक संबंध होता है अर्थात् एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी स्थानापन्न वस्तुओं की माँग बढ़ती है तथा कीमत कम होने पर माँग कम होती है।
पूरक वस्तुओं के संदर्भ में एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी पूरक वस्तु की माँग कम हो जाएगी तथा कीमत कम हो जाने पर पूरक वस्तु की माँग बढ़ जाएगी।
25. उपभोक्ता माँग वक्र कब शिफ्ट करता है ?
Ans. वस्तुओं की कीमतों और किसी उपभोक्ता के अधिमान दिए हुए होने पर यदि उसकी आय में वृद्धि होती है, तो प्रत्येक कीमत पर वस्तु के लिए माँग में परिवर्तन होता है। इस प्रकार माँग वक्र शिफ्ट हो जाता है। सामान्य वस्तुओं के लिए माँग वक्र का शिफ्ट दाई ओर तथा निम्न स्तरीय वस्तुओं के लिए माँग वक्र का शिफ्ट बाईं ओर होता है।
26. उपभोक्ता संतुलन से क्या अभिप्राय है ?
Ans. अर्थशास्त्र में उपभोक्ता संतुलन से अभिप्राय उस स्थिति से है जब एक उपभोक्ता दी हुई आय से एक या दो वस्तुओं को इस प्रकार खरीदता है कि उसे अधिकतम संतुष्टि होती है और उसमें परिवर्तन लाने की कोई प्रवृत्ति जुड़ी होती है।
27. उपभोग फलन की व्याख्या करें।
Ans. कीन्स के अनुसार किसी अर्थव्यवस्था का कुल उपभोग व्यय मुख्य रूप से आय पर निर्भर करता है अथवा यह कहा जा सकता है कि उपभोग आय का फलन है। अर्थात् C-1(9) अर्थात् उपभोग (c) आय (1) का फलन है। इस प्रकार उपभोग एवं आय का संबंध उपभोग फलन कहलाता है। उपभोग फलन बताता है कि आय के स्तर में वृद्धि होने पर उपभोग में प्रत्यक्ष वृद्धि होती है। लेकिन आय के अंशतः बढ़ने पर उपभोग व्यय की वृद्धि आय की वृद्धि से कम होती है।
28. उपयोगिता से आप क्या समझते हैं ? इसकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
Ans. उपयोगिता (Utility) – उपयोगिता पदार्थ का वह गुण है जिसमें किसी आवश्यकता की संतुष्टि होती है। प्रो० एडवर्ड के शब्दों में ” अर्थशास्त्र में उपयोगिता के अर्थ उस संतुष्टि आनन्द या लाभ से है जो कसी व्यक्ति को धन या सम्पत्ति के उपभोग से प्राप्त होती है।” उपयोगिता का सम्बन्ध प्रयोग मूल्य (value use) से होता है। जिन वस्तुओं में प्रयोग मूल्य होता है, उसमें उपयोगिता विद्यमान होती है। उपयोगिता आवश्यकता की तीव्रता का फलन है।
उपयोगिता की विशेषताएँ (Characteristics of utility) –
1.उपयोगिता भावगत (subjective) है। यह व्यक्ति के स्वभाव, आदत व रुचि पर निर्भर करती है।
2. वस्तुओं की उपयोगिता समय तथा स्थान के साथ बदलती रहती है।
3. उपयोगिता का लाभदायकता से कोई निश्चित सम्बन्ध नहीं होता।
4. उपयोगिता कारण है तथा संतुष्टि परिणाम है।
5. उपयोगिता का किसी वस्तु को स्वादिष्टता से कोई सम्बन्ध नहीं होता।
29. प्रारम्भिक उपयोगिता, सीमान्त उपयोगिता तथा कुल उपयोगिता से आपका क्या अभिप्राय है ?
Ans. 1. प्रारंभिक उपयोगिता (Initial Utility) – किसी वस्तु की प्रथम इकाई के उपभोग करने से जो उपयोगिता प्राप्त होती है, उसे प्रारम्भिक उपयोगिता कहते हैं। मान लो एक संतरा खाने में 10 इकाइयों (यूनिटों) की उपयोगिता प्राप्त होती है तो यह उपयोगिता प्रारम्भिक उपयोगिता कहलाएगी।
2. सीमान्त उपयोगिता (Marginal Utility)- किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग करने से कुल उपयोगिता में जो वृद्धि होती है, उसे सीमान्त उपयोगिता कहते हैं। मान लो एक आम खाने से कुल उपयोगिता 10 यूनिट है और दो आम खाने से कुल उपयोगिता 18 यूनिट है। ऐसी अवस्था में दूसरे आम से प्राप्त होने वाली सीमान्त उपयोगिता 8 ( 18-10) होगी। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि किसी वस्तु की अन्तिम इकाई से प्राप्त होने वाली उपयोगिता सीमान्त उपयोगिता कहलाती है।
3. कुल उपयोगिता (Total Utility) – किसी निश्चित समय में कुल इकाइयों के उपभोग से प्राप्त उपयोगिता कुल उपयोगिता होती है। कुल उपयोगिता की गणना करने के लिए सीमान्त उपयोगिताओं को जोड़ा जाता है।
30. सीमान्त उपयोगिता तथा उपयोगिता में क्या संबंध है ?
Ans. सीमान्त उपयोगिता तथा कुल उपयोगिता में सम्बन्ध (Relationship between Marginal Utility and Total Utility)-
1. कुल उपयोगिता आरम्भ में लगातार बढ़ती है और एक निश्चित बिन्दु के पश्चात् यह घटनी शुरू हो जाती है, परन्तु सीमान्त उपयोगिता आरम्भ से ही घटना शुरू कर देती है।
2. जब कुल उपयोगिता बढ़ती है तो सीमान्त उपयोगिता धनात्मक होती है।
3. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है तब सीमान्त उपयोगिता शून्य होती है।
4. जब कुल उपयोगिता घटती है तब सीमान्त उपयोगिता ऋणात्मक होती हैं।
31. सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम समझाएँ ।
Ans. सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम (Law of diminishing marginal utility)- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम इस तथ्य की विवेचना करता है कि जैसे-जैसे उपभोक्ता किसी वस्तु की अगली इकाई का उपभोग करता है अन्य बातें समान रहने पर उसे प्राप्त होने वाली सीमान्त उपयोगिता क्रमशः घटती जाती है। एक बिन्दु पर पहुँचने पर यह शून्य हो जाती है और यदि उपभोक्ता इसके पश्चात् भी वस्तु की सेवन जारी रखता है तो यह ऋणात्मक हो जाती है।
इस नियम के लागू होने के दो मुख्य कारण हैं-
1.वस्तुएँ एक दूसरे की पूर्ण स्थानापन्न नहीं होती तथा
2. एक विशेष समय पर एक विशेष आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है।
32. सीमांत उपयोगिता और कुल उपयोगिता की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए इनके बीच अंतर को स्पष्ट करें।
Ans. एक वस्तु की विभिन्न इकाइयों के उपभोग से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता के जोड़ को कुल उपयोगिता कहा जाता है।
TU = MU1 + MU2 ………………….EMU
किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से कुल उपयोगिता में होने वाली वृद्धि को सीमान्त उपयोगिता कहते हैं।
MU = TUn – TUn – 1
MU और TU में अंतर :
1.MU घटती है तो TU घटती दर पर बढ़ती है।
2. MU शून्य तो TU अधिकतम
3. MU ऋणात्मक तो TU घटती है।
33. सम सीमांत उपयोगिता नियम क्या है ?
अथवा, सम सीमांत उपयोगिता नियम की सचित्र व्याख्या करें।
Ans. सम सीमांत उपयोगिता नियम यह बतलाता है कि उपभोग के क्रम में उपभोक्ता को अधिकतम संतोष की प्राप्ति तभी संभव होती है जबकि वह अपनी सीमित आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार खर्च करे ताकि विभिन्न वस्तुओं से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता बराबर हो जाय। इस प्रकार जिस बिंदु पर विभिन्न वस्तुओं से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता बराबर हो जाती है. वही बिंदु उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु या अधिकतम संतोष का बिंदु कहा जाता है। मार्शल’ का कहना है कि “यदि किसी व्यक्ति के पास कोई ऐसी वस्तु हो जो विभिन्न प्रयोगों में लायी जा सके तो वह उस वस्तु को विभिन्न प्रयोगों में इस प्रकार बाँटेगा जिसमें उसकी सीमांत उपयोगिता सभी प्रयोगों में समान रहे।” यह नीचे के रेखाचित्र से ज्ञात हो जाता है-
इस रेखाचित्र में XX’ रेखा X वस्तु को एवं YY’ रेखा Y वस्तु को बतलाती है। ये दोनों रेखाएँ एक-दूसरे को M बिंदु पर काटती है। यही बिंदु उपभोक्ता के संतुलन का बिंदु कहा जायेगा, क्योंकि यहीं पर दोनों वस्तुओं से प्राप्त सीमांत उपयोगिता एक-दूसरे के बराबर हो जाती है।
34. अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में अंतर स्पष्ट करें।
Ans. अंतिम वस्तुएँ तथा मध्यवर्ती वस्तुएँ में निम्नलिखित अंतर हैं-
अंतिम वस्तुएँ :-
1.इन्हें कच्चे माल के रूप में प्रयोग नहीं किया जाता है।
2. ये उत्पादन सीमा रेखा को पारकर चुकी होती है।
3. इन वस्तुओं की पुनः बिक्री नहीं की जाती है।
4. इन वस्तुओं के मूल्य में कोई मूल्य वृद्धि नहीं की जाती है।
5. इन वस्तुओं के अंतिम मूल्य को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
मध्यवर्ती वस्तुएँ :-
1.इन्हें कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
2. ये उत्पादन सीमा रेखा को पार नहीं कर चुकी होती है।
3. इन वस्तुओं की पुनः बिक्री की जाती है।
4. इन वस्तुओं के मूल्य में मूल्य वृद्धि की जाती है।
5. इन वस्तुओं के मूल्य को राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता है।
35. मध्यवर्ती वस्तुएँ किन्हें कहते हैं ?
अथवा, मध्यवर्ती वस्तुओं के दो उदाहरण दें।
Ans. वे वस्तुएँ जिनका उपयोग किन्हीं अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए किया जाता है उसे मध्यवर्ती वस्तुएँ कहते हैं। मिठाई बनाने के लिए दूध का उपयोग किया जाता है, बिस्कुट बनाने के लिए आटा का उपयोग किया जाता है। अतः दूध और आटा मध्यवर्ती वस्तुएँ हैं।
36. अंतिम वस्तुएँ किसे कहते हैं ?
Ans. अंतिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं जो अंतिम प्रयोगकर्त्ता द्वारा प्रयोग के लिए तैयार होती है तथा उत्पादन सीमा रेखा को पार कर चुकी है।
37. पूरक वस्तु और स्थानापन्न वस्तु में अंतर स्पष्ट करें।
Ans. पूरक वस्तु तथा स्थानापन्न वस्तु में निम्नलिखित अंतर हैं-
पूरक वस्तु :-
1.पूरक वस्तुएँ वे वस्तु हैं जिनका प्रयोग किसी आवश्यकता विशेष को संतुष्ट करने के लिए एक साथ किया जाता है। कार और पेट्रोल पूरक वस्तुएँ हैं।
2. पूरक वस्तुओं की स्थिति में एक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने से दूसरी वस्तु (पूरक वस्तु) की माँग कम हो जाती. है और एक वस्तु की कीमत में कमी होने से पूरक वस्तु की माँग बढ़ जाती है।
स्थानापन्न वस्तु :-
1.स्थानापन्न वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। चाय और कॉफी स्थानापन्न वस्तुएँ हैं।
2.स्थानापन्न वस्तुओं की स्थिति एवं वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दूसरी वस्तु (स्थानापन्न वस्तु) की माँग बढ़ जाती है। इसके विपरीत एक वस्तु कीमत में कमी से प्रतिस्थानापन्न वस्तु की माँग कम हो जाती है।
38. घटिया वस्तु के उदाहरण के साथ परिभाषित करें।
Ans. घटिया वस्तुएँ वे हैं जिनकी माँग आय बढ़ने के साथ घट जाती है और आय घटने के साथ माँग बढ़ जाती है। घटिया वस्तुओं का आय प्रभाव ऋणात्मक होता है। मोटा अनाज, मोटा कपड़ा आदि घटिया वस्तुओं के उदाहरण हैं।
39. सामान्य वस्तुओं और घटिया वस्तुओं में क्या अंतर है ?
Ans. सामान्य वस्तुओं में आय माँग वक्र धनात्मक ढाल वाला होता है, अर्थात् बायें से दायें ऊपर चढ़ता हुआ होता है। श्रेष्ठ वस्तुओं का धनात्मक ढाल वाला आय माँग वक्र यह बतलाता है कि उपभोक्ता की आय में प्रत्येक वृद्धि उसकी माँग में भी वृद्धि करती है तथा इसके विपरीत आय की प्रत्येक कमी सामान्य दशाओं में माँग में भी कमी उत्पन्न करती है।
वे वस्तुएँ जिन्हें उपभोक्ता हेय दृष्टि से देखता है और पर्याप्त आय न होने पर उपभोग करता है, घटिया वस्तुएँ कहलाती हैं। जैसे-मोटा अनाज, मोटा कपड़ा आदि। ऐसी स्थिति में जैसे-जैसे उपभोक्ता की आय बढ़ती है वह घटिया वस्तुओं का उपभोग घटाकर श्रेष्ठ वस्तुओं का उपभोग बढ़ाता जाता है, अर्थात् घटिया वस्तुओं के लिए आय माँग वक्र ऋणात्मक ढाल वाला बायें से दायें नीचे गिरता हुआ होता है।
40. स्थानापन्न वस्तुओं से आप क्या समझते हैं ?
Ans. स्थानापन्न वस्तुएँ वे सम्बन्धित वस्तुएँ हैं जो एक-दूसरे के बदले एक ही उद्देश्य के लिए प्रयोग की जा सकती है। उदाहरण के लिए चाय और कॉफी स्थानापन्न वस्तुओं में से एक वस्तु (की माँग तथा दूसरी वस्तु की कीमत में धनात्मक सम्बन्ध होता है अर्थात् एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी स्थानापन्न वस्तु की माँग बढ़ती है तथा कीमत कम होने पर माँग कम होती है।
41. चाय की दो पूरक वस्तुओं का उदाहरण दें।
अथवा, पूरक वस्तु किसे कहते हैं ?
Ans. वे वस्तुएँ, जिनके प्रयोग के बिना दूसरे का प्रयोग संभव नहीं है, पूरक वस्तुएँ कहलाती है। चाय की दो पूरक वस्तुएँ हैं-दूध तथा चीनी ।
42. पूँजीगत वस्तुएँ क्या है ?
Ans. पूँजीगत वस्तुएँ उत्पादक की स्थिर परिसम्पत्तियाँ होती हैं, जिन्हें कई वर्षों तक प्रयोग किया है और इनका मूल्य भी उच्च होता है। इन वस्तुओं को प्रयोग करने से इनके मूल्य में कमी होती है, अर्थात् इनका मूल्य ह्रास होता है। जैसे-मशीन और प्लांट
43. उपभोग वस्तुएँ क्या हैं ?
अथवा, उपभोक्ता वस्तुएँ किसे कहते हैं ?
Ans. उपभोक्ता वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं जो मानवीय आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि करती है।
44. सार्वजनिक वस्तुएँ क्या हैं ?
Ans. सार्वजनिक वस्तुएँ उन वस्तुओं को कहा जाता है जिनका सामूहिक रूप से उपभोग किया जाता है।
45. सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण दें।
Ans. वे वस्तुएँ जिनकी माँग उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बढ़ती है तथा उपभोक्ता की आय घटने पर कम हो जाती है, सामान्य वस्तुएँ कहलाती हैं। जैसे- चावल, दाल इत्यादि ।
46. निजी व सार्वजनिक वस्तुओं में भेद स्पष्ट करें।
Ans. निजी एवं सार्वजनिक वस्तुओं में दो मुख्य अन्तर होते हैं जैसे-
1.निजी वस्तुओं का उपयोग व्यक्तिगत उपभोक्ता तक सीमित होता है लेकिन सार्वजनिक वस्तुओं का लाभ किसी विशिष्ट उपभोक्ता तक सीमित नहीं होता है, ये वस्तुएँ सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती है।
2.कोई भी उपभोक्ता जो भुगतान देना नहीं चाहता या भुगतान करने की शक्ति नहीं रखता – निजी वस्तु के उपभोग से वंचित किया जा सकता है। लेकिन सार्वजनिक वस्तुओं के उपभोग से किसी को वचित रखने का कोई तरीका नहीं होता है।
47. गिफिन विरोधाभास क्या है ? समझाएँ।
Ans. जब उपभोग की दो वस्तुओं में एक वस्तु घटिया वस्तु हो तथा दूसरी श्रेष्ठ वस्तु हो तब गिफिन का विरोधाभास उत्पन्न होता है घटिया वस्तुएँ वे होती हैं जिसका उपभोग अपनी सीमित आय से तथा श्रेष्ठ वस्तु की ऊँची कीमत के कारण करता है ऐसी दशा में घटिया वस्तु की कीमत में जब कमी होती है तब उपभोक्ता कीमत के घटने के कारण सृजित अतिरिक्त क्रयशक्ति से अच्छी वस्तु का उपभोग बढ़ा देता है तथा घटिया वस्तु का उपभोग घटा देता है। इस प्रकार घटिया वस्तु की कीमत में कमी होने पर उसकी माँग में कमी होती है। माँग के उस विरोधाभास को गिफिन . विरोधाभास के नाम से जाना जाता है।
48. अर्थशास्त्र में संतुलन से क्या अभिप्राय है ? समझायें।
Ans. संतुलन (Equilibrium) – भौतिक विज्ञान में संतुलन का अर्थ स्थिर अवस्था से लिया जाता है। संतुलन की अवस्था में परिवर्तन की सम्भावना नहीं होती या किसी प्रकार की गति नहीं होती किन्तु अर्थशास्त्र में संतुलन का अर्थ स्थिर अथवा अर्थव्यवस्था में गतिहीनता से नहीं लिया जाता । अर्थशास्त्र में संतुलन की अवस्था उस स्थिति को कहते हैं जिसमें गति तो होती है। परन्तु गति की दर में परिवर्तन नहीं होता। यह वह अवस्था है जिसमें अर्थव्यवस्था की कोई एक इकाई या भाग या सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था अपने इष्ट बिन्दु पर होती है और उनमें उस बिन्दु से हटने की कोई प्रवृत्ति नहीं होती।
49. प्रतिस्थापन प्रभाव किसे कहते हैं ?
Ans. वस्तु की कीमत में परिवर्तन से इसके प्रतिस्थापन्न वस्तुओं के मुकाबले सस्ते या महँगे होने के कारण जो इसकी माँग में परिवर्तन आते हैं उसे प्रतिस्थापन प्रभाव कहते हैं।
50. कीमत विभेद से क्या अभिप्राय है ?
Ans. कीमत विभेद से अभिप्राय है किसी एक वस्तु को विभिन्न उपभोक्ताओं को विभिन्न कीमतों पर बेचना एकाधिकारी की स्थिति में कीमत विभेद की संभावना हो सकती है। एकाधिकारी एक वस्तु को विभिन्न क्रेताओं को अलग-अलग कीमतों पर बेच सकता है।
51. प्रतिस्थापन प्रभाव और कीमत प्रभाव से क्या अभिप्राय है ?
Ans. प्रतिस्थापन प्रभाव ( Substitution Effect)- किसी वस्तु (चाय) की कीमत बढ़ने पर जब उपभोक्ता उसकी माँग पर कम और उसकी प्रतिस्थापन वस्तु (कॉफी) की माँग अधिक करते हैं तो इसे प्रतिस्थापन प्रभाव कहते हैं।
कीमत प्रभाव (Price Effect)- आय प्रभाव और प्रतिस्थापन प्रभाव के योग को कीमत प्रभाव कहते हैं।
52. मूल्य घटने पर बजट रेखा किस ओर बढ़ेगी ? चित्र द्वारा दर्शाएँ ।
Ans. किसी वस्तु का मूल्य घट्ने पर बजट रेखा दायीं और (ऊपर की ओर) बढ़ती है। जो नीचे दिए गये चित्र से स्पष्ट हैं-