वस्तुनिष्ठ प्रश्न
[ 1 ] “कास्ट इन इण्डिया” नामक पुस्तक किसने लिखी ?
(A) सेनार्ट
(B) लेतुकर झा
(C) सच्चिदानंद
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (D)
[ 2 ] मुसलमानों में निम्न में से विवाह का कौन-सा प्रकार अस्थायी होता है ?
(A) निकाह
(B) मुताह
(C) फासिद
(D) मुबारत
Answer ⇒ (B)
[ 3 ] ‘झूम खेती’ किस समुदाय में प्रचलित है ?
(A) आदिवासी समुदाय
(B) सिख समुदाय
(C) ईसाई समुदाय
(D) मुस्लिम समुदाय
Answer ⇒ (A)
[ 4 ] धर्म की उत्पत्ति के “मानावाद” के सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया ?
(A) मैरेट
(B) टायलर
(C) मॉर्गन
(D) दुखीम
Answer ⇒ (B)
[ 5 ] हिन्दू विवाह का कौन-सा प्रकार परस्पर प्रेम पर आधारित है ?
(A) गंधर्व
(B) प्रजापत्य
(C) असुर
(D) राक्षस
Answer ⇒ (A)
[ 6 ] सोरोरेट क्या है ?
(A) साली विवाह
(B) बहु विवाह
(C) देवर विवाह
(D) बहुपति विवाह
Answer ⇒ (A)
[ 7 ] किस समाज में सेवा विवाह का प्रचलन है ?
(A) हिन्दू समाज में
(B) मुस्लिम समाज में
(C) जनजातीय समाज में
(D) सिख समाज में
Answer ⇒ (C)
[ 8 ] निम्न में से कौन नातेदारी की रीतियाँ नहीं है ?
(A) परिहार
(B) वर्गीकृत संज्ञायें
(C) परिहास संबंध
(D) माध्यमिक संबोधन
Answer ⇒ (B)
[ 9 ] निम्न में से किस संस्था ने सर्वप्रथम जनजातियों के लिए कल्याण कार्य शुरू किया ?
(A) सर्व सेवा संघ
(B) ईसाई मिशनरीज
(C) आदिम सेवा संघ
(D) सर्वकल्याण संस्थान
Answer ⇒ (B)
[ 10 ] मुसलमानों में कितने प्रकार के ‘मेहर’ का प्रचलन है ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
Answer ⇒ (B)
[ 11 ] भारतीय संविधान के अनुच्छेदों में से कौन-सा एक अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए सहायता अनुदान की बात करता है ?
(A) 275
(B) 244
(C) 164
(D) 334
Answer ⇒ (A)
[ 12 ] धर्म के सामाजिक सिद्धांत से कौन जुड़े हुए है ?
(A) दुर्खीम
(B) फ्रेजर
(C) टायलर
(D) मैक्समूलर
Answer ⇒ (A)
[ 13 ] आपसी सहमति से तलाक को मुसलमानों में कहा जाता है ?
(A) मुबारत
(B) मुताह
(C) खुला
(D) डावर
Answer ⇒ (C)
[ 14 ] निम्न में से किसने जाति व्यवस्था की उत्पत्ति के धार्मिक सिद्धांत की वकालत की ?
(A) होकार्ट एवं सेनार्ट
(B) हर्बट रिजले
(C) मजुमदार एवं मदन
(D) जी०एस० धुर्ये
Answer ⇒ (A)
[ 15 ] निम्न में से कौन जनजाति की विशेषता है ?
(A) समान भू-भाग
(B) समान भाषा
(C) समान संस्कृति
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (D)
[ 16 ] किस समाज में ‘पेशाच विवाह’ का प्रचलन था ?
(A) हिन्दू समाज में
(B) मुस्लिम समाज में
(C) सिख समाज में ।
(D) आदिवासी समाज में।
Answer ⇒ (A)
[ 17 ] “जाति एक अगतिशील वर्ग है।” यह ।। परिभाषा किसकी है।
(A) धुरिये
(B) रिजले
(C) हट्टन
(D) कुले
Answer ⇒ (A)
[ 18 ] किस विद्वान का कथन है ? “परिवार एक समूह है, जो यौन संबंधों पर आधारित होता है। इसका आकार छोटा होता है और यह बच्चों के जन्म एवं पालन-पोषण की व्यवस्था करता है।”
(A) ऑगबर्न और निमकॉफ
(B) एण्डरसन
(C) मेकाइवर
(D) जिसबर्ट
Answer ⇒ (C)
[ 19 ] सबसे छोटे परिवार को क्या कहते हैं ?
(A) मूल परिवार
(B) संयुक्त परिवार
(C) पितृसत्तात्मक परिवार
(D) मातृसत्तात्मक परिवार
Answer ⇒ (A)
[ 20 ] ऐसा परिवार जिसमें पुत्र के हाथ में सत्ता रहती है, क्या कहते हैं ?
(A) पितृवंशीय परिवार
(B) मातृवंशीय परिवार
(C) पितृसत्तात्मक परिवार
(D) मातृसत्तात्मक परिवार
Answer ⇒ (C)
[ 21 ] परिवार निर्माण के लिए किनका होना जरूरी है ?
(A) पिता-पुत्र
(B) माँ-पुत्री
(C) पति-पत्नी
(D) दो या दो से अधिक व्यक्ति
Answer ⇒ (C)
[ 22 ] ऐसे परिवार जिसमें एक स्त्री के कई पति होते हों, क्या कहते हैं ?
(A) एक विवाही परिवार
(B) बहुपत्नी-विवाही परिवार
(C) बहुपति विवाही परिवार
(D) बहु विवाही परिवार
Answer ⇒ (C)
[ 23 ] परिवार की उत्पत्ति के संबंध में एक विवाह के सिद्धांत के प्रतिपादक कौन हैं ?
(A) मार्गन
(B) हेनरी मेन
(C) वेस्टर मार्क
(D) कलेयर
Answer ⇒ (C)
[ 24 ] परिवार की उत्पत्ति के विकासवादी सिद्धांत के प्रमुख समाजशास्त्री कौन थे ?
(A) बैकोफन
(B) प्लेटो
(C) वेस्टर मार्क
(D) किंग्सले डेविस
Answer ⇒ (A)
[ 25 ] निम्न में से कौन जनजातीय समाज की समस्या नहीं है ?
(A) भूमि विलगाव
(B) छुआछूत
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 26 ] निम्न में से किसने जाति प्रथा की उत्पा पर प्रजातीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
(A) मार्गन
(B) रिजले
(C) नेसफील्ड
(D) ए० आर० देसाई
Answer ⇒ (B)
[ 27 ‘कास्ट एण्ड रेस इन इण्डिया’ पस्कर के लेखक कौन हैं ?
(A) हट्टन
(B) माइकल
(C) कुले
(D) धूरिये
Answer ⇒ (D)
[ 28: ‘जब एक वर्ग पूर्णतः आनुवंशिकता आधारित हो तो उसे हम जाति कहते हैं। यह कथन है –
(A) कुले का
(B) डेविस का
(C) मैकाइवर का
(D) जे० एन० हट्टन का
Answer ⇒ (A)
[ 29 ] ‘कास्ट, क्लास एण्ड पावर’ पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
(A) हट्टन
(B) श्रीनिवास
(C) वेनेई
(D) मजूमदार
Answer ⇒ (C)
[ 30 ] वह समूह कौन-सा है, जिसकी सदस्यता जन्म से निर्धारित होती है तथा आजन्म रहती है ?
(A) जाति
(B) वर्ग
(C) वर्ण
(D) धर्म
Answer ⇒ (A)
[ 31 ] भील नामक जनजाति किस राज्य में निवास करती है ?
(A) राजस्थान
(B) बिहार
(C) प ] बंगाल
(D) मेघालय
Answer ⇒ (A)
[ 32 ] जाति व्यवस्था का व्यवसायात्मक सिद्धांत के प्रतिपादक कौन है ?
(A) रिजले
(B) धूरिये
(C) नेसफिल्ड
(D) मार्क्स
Answer ⇒ (A)
[ 33 ] किस जनजाति में परीक्षा विवाह प्रचलित है ?
(A) नागा
(B) बिरहोर
(C) भील
(D) संथाल
Answer ⇒ (C)
[ 34 ] ‘महर’ का संबंध किस विवाह से है ?
(A) मुस्लिम
(B) हिन्दू
(C) सिख
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (A)
[ 35 ] मुस्लिम समुदाय में कितने प्रकार क विवाह प्रचलित है ?
(A) तीन
(B) चार
(C) पाँच
(D) छः
Answer ⇒ (A)
[ 36 ] कहाँ वस्तुएँ एवं सेवाएँ मुद्रा में खरीदी एवं बेची जाती है ?
(A) अस्पताल
(B) स्कूल
(C) बाजार
(D) ग्राम पंचायत
Answer ⇒ (C)
[ 37 ] जिन व्यक्तियों के बीच रक्त या विवाह का प्रत्यक्ष संबंध होता है, उसे किस श्रेणी का नातेदारी कहा जाता है ?
(A) प्राथमिक नातेदारी
(B) द्वितीयक नातेदारी
(C) तृतीयक नातेदारी
(D) उपर्युक्त कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
[ 38 ] जब व्यक्ति प्राथमिक नातेदार के प्राथमिक संबंधी होते है ] उसे किस श्रेणी का नातेदार कहा जाता है ?
(A) प्राथमिक नातेदारी
(B) द्वितीयक नातेदारी
(C) तृतीयक नातेदारी
(D) उपर्युक्त कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 39 ] जब व्यक्ति द्वितीयक नातेदार का प्राथमिक नातेदार होता है तो इस श्रेणी के नातेदारी को क्या कहा जाता है ?
(A) प्राथमिक नातेदारी
(B) द्वितीयक नातेदारी
(C) तृतीयक नातेदारी
(D) उपर्युक्त कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
[ 40 ] जनजातीय विवाह का स्वरूप क्या होता है ?
(A) अन्तर्विवाही
(B) बहुविवाह
(C) स्प्रवर अन्तर्विवाही
(D) उपर्युक्त कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
[ 41 ] हिन्दू समाज में किस प्रकार के विवाह प्रचलित हैं ?
(A) बहुर्विवाह
(B) अन्तर्विवाह
(C) सप्तवर अन्तर्विवाह
(D) उपर्युक्त कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 42 ] ‘फैमिली’ शब्द की उत्पत्ति किस भाषा के शब्द से हुई है ?
(A) लैटिन
(B) फ्रेंच
(C) संस्कृत
(D) उर्दू
Answer ⇒ (A)
[ 43 ] ‘द एलिमेन्ट्री फॉर्स ऑफ रिलिजियस लाइफ’ पुस्तक किसने लिखी है ?
(A) मैक्स मूलर
(B) स्पेंन्सर
(C) दुर्खिम
(D) मैक्स वेबर
Answer ⇒ (C)
[ 44 ] भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के द्वारा लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्यों के लिए स्थान आरक्षित किया गया है ?
(A) अनुच्छेद 334
(B) अनुच्छेद 332
(C) अनुच्छेद 330
(D) अनुच्छेद 338
Answer ⇒ (A)
[ 45 ] इनमें से कौन जाति व्यवस्था की देन है ?
(A) शोषण
(B) असमानता
(C) जातिवाद
(D) उपरोक्त सभी
Answer ⇒ (C)
[ 46 ] प्रायः संयुक्त परिवार का कर्ता कौन होता है ?
(A) सबसे बुजुर्ग पुरुष
(B) सबसे बुजुर्ग महिला
(C) पढ़ा-लिखा व्यक्ति
(D) ज्येष्ठ पुत्र
Answer ⇒ (A)
[ 47 ] निम्नलिखित में क्या संयुक्त परिवार का प्रकार्य नहीं हैं ?
(A) सामाजिक सुरक्षा
(B) आर्थिक सुरक्षा
(C) व्यक्तिवादिता
(D) मानसिक सुरक्षा
Answer ⇒ (C)
[ 48 ] जाति का आधार क्या है ?
(A) भाग्य
(B) कर्म
(C) पुनर्जन्म
(D) जन्म
Answer ⇒ (D)
[ 49 ] निम्न में से कौन द्विज नहीं कहलाते हैं ?
(A) ब्राह्मण
(B) क्षत्रिय
(C) वैश्य
(D) शूद्र
Answer ⇒ (D)
[ 50 ] निम्न में से भारत के किस राज्य में आदिवासी आबादी सर्वाधिक है ?
(A) पश्चिम बंगाल
(B) छत्तीसगढ़
(C) उत्तर प्रदेश
(D) गुजरात
Answer ⇒ (B)
[ 51 ] भारतीय परिवारों पर नगरीकरण के प्रभाव के कारण हुआ है
(A) संयुक्त परिवार का विघटन
(B) स्त्री पुरुष में समान स्थिति
(C) विलम्ब विवाह
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (B)
[ 52 ] निम्न में से कौन परिवार की विशेषता है ?
(A) सार्वभौमिकता
(B) सीमित आकार
(C) भावनात्मक आधार
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (D)
[ 53 ] बहुपति विवाह किस जनजाति में पाया जाता है ?
(A) संथाल
(B) टोडा
(C) मुंडा
(D) खस
Answer ⇒ (B)
[ 54 ] ‘चाचा’ नातेदारी के किस श्रेणी के अंतर्गत आता है ?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 55 ] भारतीय समाज में सामाजिक स्तरीकरण का बुनियादी आधार क्या है ?
(A) धन एवं सम्पत्ति
(B) जाति
(C) परिवार
(D) धर्म
Answer ⇒ (B)
[ 56 ] भारत का सबसे बड़ा जनजातीय समूह कौन है ?
(A) संथाल
(B) मुंडा
(C) भील
(D) गोंड
Answer ⇒ (C)
[ 57 ] संयुक्त परिवार की प्रकृति होती है
(A) पूँजीवादी
(B) समाजवादी
(C) साम्यवादी
(D) अराजकतावादी
Answer ⇒ (B)
[ 58 ] ‘दि फेमिली’ नामक पुस्तक किसने लिखी ?
(A)बर्गेस एवं लॉक
(B) इलियट एवं मेटिल
(C) ऑगबर्न एवं निमकाफ
(D) मार्टिन यूमेचर
Answer ⇒ (A)
[ 59 ] ‘यौन-साम्यवाद’ के सिद्धांत के प्रतिपादकों में कौन प्रमुख हैं ?
(A) बैकोफन
(B) बेस्टर मार्क
(C) मार्गन
(D) एंडरसन
Answer ⇒ (C)
[ 60 ] निम्नलिखित में कौन सामाजिक स्तरीकरण का प्राणीशास्त्रीय आधार नहीं है ?
(A) लिंग भेद
(B) आयु
(C) जन्म
(D) संपत्ति
Answer ⇒ (B)
[ 61 ] सामाजिक स्तरीकरण के प्रकारों में कौन-सा इसका प्रकार नहीं है ?
(A) दास प्रथा
(B) जाति व्यवस्था
(C) समुदाय
(D) वर्ग
Answer ⇒ (C)
[ 62 ] निम्न विशेषताओं में से किसका संबंध जनजाति अर्थव्यवस्था से नहीं है ?
(A) मुनाफाखोरी
(B) वस्तु-विनिमय
(C) जीवन निर्वाह
(D) श्रम विभाजन
Answer ⇒ (A)
[ 63 ] निम्न में से कौन जनजाति की एक विशेषता नहीं है ?
(A) परिवारों का संकलन
(B) सामान्य भाषी
(C) अन्तर्विवाही
(D) अस्पृश्य
Answer ⇒ (D)
[ 64 ] कौन-सा आदिवासी समाज मातृ प्रधान है ?
(A) संथाल
(B) मुण्डा
(C) गारो
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
[ 65 ] कृषि के लिए कौन परिवार अनुकूल है ?
(A) एकल परिवार
(B) संयुक्त परिवार
(C) विस्तारित परिवार
(D) उपर्युक्त सभी
Answer : – B
[ 66 ] नायर जाति में पाये जाने वाले विवाह था –
(A) एक विवाही
(B) बहुपत्नी विवाही
(C) समूह विवाही
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (D)
[ 67 ] भारतीय समाज में सामाजिक स्तरीकरण का बुनियादी आधार क्या है ?
(A) धन एवं सम्पत्ति
(B) जाति
(C) परिवार
(D) धर्म
Answer ⇒ (B)
[ 68 ] परंपरागत सिद्धांत के अनुसार जाति प्रथा की उत्पत्ति –
(A) स्वतः हुई
(B) प्रजातीय मिश्रण के फलस्वरूप हुई
(C) चार वर्णों से हुई
(D) पेशे के चुनाव तथा इसकी भिन्नता के कारण हुई
Answer ⇒ (C)
[ 69 ] बाजार-विनिमय की विशिष्टता होती है—
(A) बहु प्रयोजन मुद्रा
(B) माँग का पूर्ति के द्वारा मूल्य निर्धारण
(C) अनौपचारिक अनुबंध
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (D)
[ 70 ] निम्नलिखित में कौन जाति नहीं है ?
(A) ब्राह्मण
(B) क्षत्रिय
(C) मुंडा
(D) अग्रवाल
Answer ⇒ (B)
[ 71 ] संपूर्ण जाति व्यवस्था की प्रतिष्ठा किस पर आधारित है ?
(A) क्षत्रिय
(B) ब्राह्मण
(C) यादव
(D) वैश्व
Answer ⇒ (D)
[ 72 ] जनजातियाँ सामान्यतः किस स्थान पर निवास करती हैं ?
(A) जंगलों एवं पहाड़ियों में
(B) नदियों के किनारे
(C) मैदानों में
(D) समुद्र तट पर
Answer ⇒ (A)
[ 73 ] किस सामाजिक वैज्ञानिक ने कहा? “बाजार का महत्त्व सिर्फ इसकी आर्थिक क्रियाओं तक सीमित नहीं है।”
(A) हार्डग्रो, एनी
(B) एल्फ्रेड गेल
(C) पाल कार्ल
(D) रूडनर, डेविड
Answer ⇒ (B)
[ 74 ] परिवार एवं विवाह पूरक अवधारणाएँ है: विवाह एक संस्था है, परिवार वह समिति है जिसमें संस्था सम्मिलित होती है’ यह किसने कहा है ?
(A) मैलिनोवस्की
(B) रीवर्स
(C) लॉवी
(D) वेस्टर मार्क
Answer ⇒ (A)
[ 75 ] आधुनिक परिवारों में नातेदारी माता एवं पिता दोनों के जन्म के परिवारों के साथ जोड़ी जाती है, ऐसे परिवार को कहते हैं ]
(A) पितृ-बन्ध
(B) द्विपक्षीय समूह
(C) एक पक्षीय समूह
(D) मातृ-स्वजन
Answer ⇒ (B)
[ 76 ] निम्नलिखित में कौन-सा जाति का मानक नहीं है ?
(A) वंशानुगत व्यवसाय
(B) अन्तर्विवाह
(C) बहुर्विवाह
(D) पदानुक्रम
Answer ⇒ (B)
[ 77 ] नातेदारी व्यवहार की उस प्रथा को क्या कहा जाता है, जिसमें बुआ की विशिष्ट भूमिका होती है ?
(A) परिहार
(B) परिहास
(C) मातुलेय
(D) पितृध्वेय
Answer ⇒ (D)
[ 78 ] भारत में नातेदारी व्यवस्था का अध्ययन किसने किया है ?
(A) कर्वे
(B) कपाडिया
(C) देसाई
(D) श्रीनिवास
Answer : -A
[ 79 ] ‘Family Kinship and Marriage in India’ नामक पुस्तक का संपादक कौन है ?
(A) कर्वे
(B) कपाडिया
(C) देसाई
(D) पेट्रिशिया ओबराय
Answer ⇒ (D)
[ 80 ] जाति प्रथा की उत्पत्ति में प्रजातीय सिद्धांत के प्रतिपादक हैं –
(A) रिजले
(B) कुले
(C) हट्टन
(D) ब्लंट
Answer ⇒ (A)
[ 81 ] जाति (कास्ट) का मूल शब्द ‘कास्टा’ किस भाषा का शब्द है ?
(A) लैटिन
(B) फ्रेंच
(C) रोमन
(D) पुर्तगाली
Answer ⇒ (D)
[ 82 ] किसने कहा धर्म किसी आध्यात्मिक शक्ति में विश्वास है ?
(A) टायलर
(B) फ्रेजर
(C) दुर्थीम
(D) मॉलिनोस्की
Answer ⇒ (A)
[ 83 ] ‘चाची’ नातेदारी के किस श्रेणी के अंतर्गत
आती है ?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 84 ] निम्न में से कौन-सा हिन्दू विवाह का उद्देश्य है ?
(A) धार्मिक कर्त्तव्य
(B) पुत्र प्राप्ति
(C) रति
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (D)
[ 85 ] निम्न में से कौन-सी जनजाति उत्तरी-पूर्वी भारत की नहीं है ?
(A) नागा
(B) कूकी
(C) बोडा
(D) खस
Answer : – C
[ 86 ] मुस्लिम विवाह है एक-
(A) संस्कार
(B) समझौता
(C) मित्रता
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
[ 87 ] किस समाज में हठ विवाह का प्रचलन है ?
(A) हिन्दू समाज में
(B) मुस्लिम समाज में
(C) जनजातीय समाज में
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
[ 88 ] सहपलायन विवाह, विवाह का एक प्रकार है
(A) जनजातिय समाज में
(B) हिन्दू समाज में
(C) मुस्लिम समाज में
(D) ईसाई समाज में
Answer ⇒ (A)
[ 89 ] परिवीक्षा विवाह, विवाह का एक प्रकार है –
(A) जनजातीय समाज में
(B) हिन्दू समाज में
(C) मुस्लिम समाज में
(D) ईसाई समाज में
Answer ⇒ (A)
[ 90 ] “ भारत में विवाह और परिवार” किसने लिखी ?
(A) ए० एम० शाह
(B) जी० एस० घुर्ये
(C) के० एम० कपाडिया
(D) डब्ल्यू ० आई० वार्नर
Answer ⇒ (C)
[ 91 ] किस विद्वान ने समाज को ‘सामाजिक संबंधों के जाल’ के रूप में परिभाषित किया ?
(A) पार्सन्स
(B) मर्टन
(C) फिक्टर
(D) मेकाईवर एवं पेज
Answer ⇒ (D)
[ 92 ] वर्ग व्यवस्था है एक –
(A) खुली व्यवस्था
(B) बन्द व्यवस्था
(C) न ही खुली न ही बंद
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
[ 93 ] ‘सोसायटी इन इण्डिया’ किसने लिखी ?
(A) मेंडलबम
(B) के० एम० कपाड़िया
(C) ए० एम० शाह
(D) डब्ल्यू० आई० वार्नर
Answer ⇒ (A)
[ 94 ] निम्नलिखित में से बंद स्तरीकरण का उदाहरण कौन-सा है ?
(A) वर्ग
(B) सत्ता
(C) जाति
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (C)
[ 95 ] निम्न में से कौन से कारक भारतीय जाति व्यवस्था में परिवर्तन के उत्तरदायी है ?
(A) औद्योगिकरण
(B) पंचायती राज
(C) जजमानी व्यवस्था
(D) प्रभु जाति
Answer ⇒ (A)
[ 96 ] इनमें से कौन आदिम अर्थव्यवस्था का दूसरा स्तर है ?
(A) शिकार एवं भोजन संग्रह स्तर
(B) कृषि स्तर
(C) पशुचारण स्तर
(D) औद्योगिक स्तर
Answer ⇒ (C)
[ 97 ] निम्न में से कौन एक वर्ग नहीं है ?
(A) डॉक्टर
(B) शिक्षक
(C) ब्राह्मण
(D) वकील
Answer ⇒ (C)
[ 98 ] ‘सोसायटी’ नामक पुस्तक के लेखक है –
(A) मेकाईवर एवं पेज
(B) ए० डब्ल्यू० ग्रीन
(C) फेयर चाइल्ड
(D) जॉनसन
Answer ⇒ (A)
[ 99 ] निम्न में से किन्होंने धर्म की समाजशास्त्रीय अवधारणा प्रस्तुत किया है ?
(A) दुर्थीम
(B) फ्रेजर
(C) टायलर
(D) मेकाईवर
Answer ⇒ (A)
[ 100 ] निम्न में से कौन सामाजिक परिवर्तन का कारक है ?
(A) तकनीकी
(B) जनसंख्या
(C) संस्कृति
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (D)
[ 101 ] मार्क्स ने सामाजिक परिवर्तन के लि किस कारक को उत्तरदायी माना है –
(A) भौगोलिक
(B) सांस्कृतिक
(C) आर्थिक
(D) जनसंख्यात्मक
Answer ⇒ (C)
[ 102 ] खासी नामक जनजाति किस राज्य में निवास करती है ?
(A) राजस्थान
(B) बिहार
(C) मेघालय
(D) मध्य प्रदेश
Answer ⇒ (C)
[ 103 ] ‘मामा’ नातेदारी के किस श्रेणी के अंतर्गत आता है ?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
[ 104 ] विनिमय विवाह का स्वरूप किस समाज में प्रचलित है ?
(A) हिन्दू समाज
(B) सिख समाज
(C) आदिवासी समाज
(D) मुस्लिम समाज
Answer ⇒ (C)
[ 105 ] ‘मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ ?
(A) 1955
(B) 1986
(C) 2001
(D) 2005
Answer ⇒ (B)
[ 106 ] ‘कास्ट, क्लास एण्ड ओकुपेशन’ नामक पुस्तक किसने लिखा है ?
(A) आर०के० मुखर्जी
(B) जी०एस० घुर्ये
(C) डी०एन० मजुमदार
(D) एस०सी० दूबे
Answer ⇒ (B)
[ 107 ] किस वर्ष ‘हिन्द दत्तक’ ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम पारित किया गया ?
(A) 1956
(B) 1955
(C) 1965
(D) 2000
Answer ⇒ (A)
[ 108 ] ‘हिन्दु किनशिप’ नामक पुस्तक के लेखक कौन है ?
(A) इरावती कार्वे
(B) आई०पी० देसाई
(C) एस०सी०दूबे
(D) के०एम० कपाडिया
Answer ⇒ (D)
[ 109 ] जी०पी० मरडॉक ने कितने प्रकार के द्वितीयक नातेदारों का उल्लेख किया ?
(A) 33
(B) 44
(C) 50
(D) 65
Answer ⇒ (A)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.मुख्यमंत्री साइकिल योजना क्या है ?
Ans ⇒ मुख्यमंत्री साइकिल योजना राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है। आरम्भ में इसके तहत केवल नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को निःशुल्क साइकिल दी जाती थी। बाद में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को भी इस योजना में शामिल किया गया। उन्हें भी निःशुल्क साइकिल मिलने लगा। वर्तमान में इस योजना के तहत नौवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को साइकिल के लिए 2500 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि उन्हीं छात्र-छात्राओं को दी जाती है जिनकी स्कूल में उपस्थिति 75 प्रतिशत होती है।
2. लिंग समानता क्या है ?
Ans ⇒ पुरुष एवं महिला के बीच लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करना लिंग समानता कहलाता है। भारतीय संविधान द्वारा लिंग समानता का प्रावधान किया गया है।
3. बाल मजदूरी की दो समस्याओं का वर्णन करें।
Ans ⇒ बाल मजदूरी की दो समस्याएँ निम्नलिखित हैं –
(i) बाल मजदूरी के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं, जिसके कारण उनमें शिक्षा का अभाव पाया जाता है।
(ii) बाल मजदूरों को कम मजदूरी दी जाती है।
4. मौसमी बेरोजगारी क्या है ?
Ans ⇒ भारत के अधिकांश लोग कृषि के साथ जुड़े हुए हैं। कृषि का कार्य मौसम पर निर्भर करता है। फसलों के बोने और काटने के समय श्रम की माँग बढ़ जाती है। अन्य दिनों श्रमिक बेकार रहते हैं। यह बेरोजगारी मौसम विशेष में रहता है इसलिए इसे मौसमी बेरोजगारी कहा जाता है।
5. तीन तलाक की अवधारणा को स्पष्ट करें।
Ans ⇒ तीन तलाक को तलाक-उल-बिद्दत भी कहा जाता है। जब कोई मुसलमान अपनी शादी को तोड़ना चाहता है तो वह पत्नी को तीन बार तलाक कहता है। तीन बार पत्नी को तलाक कहने पर पत्नी से उसका तलाक या विवाह-विच्छेद हो जाता है।
6. कालाधन क्या है ?
Ans ⇒ वह धन जो अवैध तरीके से हासिल किया जाता है या जिस पर कर नहीं चुकाया जाता है काला धन कहलाता है। अर्थव्यवस्था के विकास में काला धन बाधक होता है।
7. बिहार में जातीय तनाव के दो कारणों की चर्चा करें।
Ans ⇒ बिहार में जातीय तनाव के दो कारण निम्नलिखित हैं –
(i) राजनीतिक सत्ता की प्राप्ति की इच्छा के चलते जातीय तनाव पाया जाता है।
(ii) जातीय गुटों का गठन कर हर जाति अपने सदस्यों को अधिकतम लाभ दिलाने का प्रयास करता है, जिसके वजह से भी जातीय तनाव पाया जाता है।
8. नशाबंदी क्या है ?
Ans ⇒ वैसे वस्तुएँ जिसके सेवन से नशा होता है उसके खरीद-बिक्री पर कानून द्वारा रोक लगाना नशाबंदी कहलाता है।
9. एड्स से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डिफिशियेन्सी सिन्ड्रोम है। यह एक भयानक बीमारी है जो पूरी दुनिया में फैली हुई है। इसके फैलने के निम्नलिखित कारण हैं –
(i) रोगग्रस्त पुरुष या स्त्री से यौन सम्बन्ध स्थापित करना।
(ii) दूषित इंजेक्शन का इस्तेमाल करना।
(iii) एक से अधिक लोगों से यौन सम्बन्ध रखना।
(iv) नशे की आदत होना जो इंजेक्शन के द्वारा लिए जाते हैं।
10. महिलाओं के प्रजनन अधिकार का विश्लेषण करें।
Ans ⇒ प्रत्येक विवाहित महिला की इच्छा होती है कि वह गर्भधारण करे और सन्तान को जन्म दे। सन्तान उत्पन्न करना ही महिलाओं का प्रजनन अधिकार है। यह अधिकार उस पति और परिवार के लोगों से प्राप्त होती है।
11. समेकित बाल विकास योजना की विवेचना करें।
Ans ⇒ समेकित बाल विकास योजना एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जरूरतें पूरी करता है। यह छोटे बच्चों को पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य सुविधा और स्कूल पूर्व शिक्षा जैसी सुविधाएँ एकीकृत रूप से पहुंचाता है। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना इसका उद्देश्य है।
12. द्वितीयक नातेदारी क्या है ?
Ans ⇒वैसे व्यक्ति जो हमारे प्राथमिक नातेदार के प्राथमिक सम्बन्धी होते हैं वे हमारे द्वितीयक नातेदार होते हैं। चाचा हमारे द्वितीयक नातेदार हैं, क्योंकि वे पिता के प्राथमिक सम्बन्धी हैं।
13. सरपंच के दो कार्यों का वर्णन करें।
Ans ⇒ (i) सरपंच न्यायिक मामले की सुनवाई कर अपना फैसला सुनाता है।
(ii) गाँव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए शांति दल का गठन करना है।
14. राष्ट्रीय एकता क्या है ?
Ans ⇒ वह भावना जो नागरिकों में अपने देश के प्रति प्रेम एवं भाईचारा प्रदर्शित करती है इसे राष्ट्रीय एकता कहा जाता है। यह विभिन्न जातियों, धर्मों, भाषाओं एवं प्रदेशों के लोगों को एक सूत्र में बाँधती है। भारत इसका उदाहरण है। यहाँ अनेक विभिन्नताओं बीच एकता पायी जाती है।
15. भ्रष्टाचार क्या है ?
Ans ⇒ किसी स्पष्ट या अस्पष्ट लाभ के लिए कानून तथा समाज के विरोध में किया जानेवाला कार्य भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचारी व्यक्ति सहयोग, सेवा, कर्त्तव्य और नियम-कानून के प्रति निष्ठा की भावना को त्याग कर केवल अपनी ही स्वार्थ की पूर्ति में लगा रहता है।
16. अल्पसंख्यक किसे कहा जाता है ?
Ans ⇒ आम तौर पर किसी समाज में जिस धर्म को मानने वाले या किसी खास भाषा बोलने वालों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम होती है उसे अल्पसंख्यक कहा जाता है। भारत में इस्लाम, इसाई, सिक्ख, बौद्ध, जैन और पारसी धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक हैं। .
17. तस्करी क्या है ?
Ans ⇒ तस्करी एक आर्थिक अपराध है। वर्जित सामग्री या वस्तु को चोरी-छीपे तथा गैर कानूनी तरीके से एक देश से दूसरे देश में लाना तस्करी कहलाता है। आज कल अफीम, चरस, हिरोइन, सोना, हथियार, विस्फोटक सामग्री, दुर्लभ कलाकृतियों का तस्करी किया जा रहा है।
18. जातिवाद क्या है ?
Ans ⇒ जातिवाद एक जाति के सदस्यों की वह भावना है जो अपनी जाति के हित के सम्मुख अन्य जातियों के हितों की अवहेलना और हनन करने के लिए प्रेरित करती है। यह व्यक्ति-व्यक्ति के बीच घृणा, द्वेष एवं प्रतिस्पर्धा को जन्म देती है।
19. सम्प्रदायवाद की परिभाषा दें। अथवा, साम्प्रदायिकता क्या है ?
Ans ⇒ सम्प्रदायवाद का अभिप्राय उस भावना से है जो व्यक्ति के मन में अपनी जाति, धर्म या सम्प्रदाय के प्रति निष्ठा की भावना पैदा करती है जिससे व्यक्ति अपनी जाति, धर्म और सम्प्रदाय को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है। भारत में सम्प्रदायवाद पूर्ण रूप से धार्मिक भावना और धार्मिक अन्धविश्वास से सम्बन्धित है।
20. अर्द्ध बेरोजगारी क्या है ?
Ans ⇒ कभी-कभी मिलों, कारखानों और कार्यालयों में आवश्यकता से अधिक लोग नियक्त कर लिए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में उनके लिए काम कम होता है। इस वजह से उन्हें सुविधाएँ और वेतन कम मिलता है। इस स्थिति को अर्द्धबेरोजगारी कहा जाता है।
21. आकस्मिक बेरोजगारी क्या है ?
Ans ⇒ आकस्मिक रूप से मजदूरों की संख्या में वृद्धि होने के फलस्वरूप जो बेरोजगारी उत्पन्न होती है उसे आकस्मिक बेरोजगारी कहा जाता है।
22. धर्म क्या है ?
Ans ⇒ अलौकिक शक्तियों से सम्बन्धित विश्वासों की उस व्यवस्था को धर्म कहा जाता है जो मानव अनुभवों से प्रचालित होते हुए भी मानवीय शक्ति से परे किसी रहस्यपूर्ण शक्ति का बोध कराती है।
23. सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया का उल्लेख करें।
Ans ⇒ वह प्रक्रिया जो समाज में परिवर्तन लाती है उसे सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया कहा जाता है। सामाजिक परिवर्तन की मुख्य प्रक्रियाएँ हैं-औद्योगिकरण, नगरीकरण, संस्कृतिकरण, पश्चमीकरण, आधुनिकीकरण तथा धर्मनिरपेक्षीकरण।
24. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ उपनिवेशवाद का संबंध साम्राज्यवादी व्यवस्था से रहा है। साम्राज्यवाद की नीति रही है अपनी साम्राज्य का विस्तार करना जिसके अंतर्गत वे किसी दूसरे देश पर राजनैतिक अधिकार जमाकर उसका आर्थिक शोषण करना। इंग्लैण्ड, फ्रांस आदि यूरोपीय देश उपनिवेशवाद के पोषक रहे हैं। इंग्लैण्ड ने भारत को अपना उपनिवेश बनाया यानी इस पर राजनैतिक स्वामित्व प्राप्त कर इसका भरपूर आर्थिक शोषण किया।
25. नव-उपनिवेशवाद क्या है ?
Ans ⇒ उपनिवेशवाद का बदला हुआ रूप नव-उपनिवेशवाद है। इसका तात्पर्य है की आज भी विकशित देश अपनी आर्थिक ओर सैन्य शक्ति की सहायता से कमजोर देशो को अपनी शर्ते मानने के लिए मजबूर कर रहे है। वैश्विकरण तथा उदारीकरण के नाम पर अमेरिका ओर यूरोप की बहुराष्ट्र्ये कंपनिया का बढ़ता हुआ आर्थिक प्रभाव नव-उपनिवेशवाद के रूप को ही स्पस्ट करता है कुटनीतिक चालो के द्वारा आतंकवाद या मानवाधिकार के नाम पर ऐसे देशो द्वारा अपने से कमजोर देशो को बिभिन्न प्रकार के समझौतों के लिए बाह्य करना भी उपनिवेशवाद के इसी रूप का उदाहरण है।
26. भारत में उपनिवेशवाद से आये किन्ही दो परिवर्तनों का उल्लेख करे ।
Ans ⇒ भारत एक लंबी अवधि तक इंग्लैंड का उपनिवेश रहा। इस कारण भारतीय सामाजिक आर्थिक संरचना में अनेक परिवर्तन हुए। अंग्रेजों ने यहां जमींदारी व्यवस्था आरंभ की। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से अधिकाधिक लगान वसूल करना था।
दूसरा परिवर्तन यह हुआ कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गई क्योंकि अंग्रेजों की नीति भारत के कुटीर और लघु उद्योगों को समाप्त कर इंग्लैंड में बनने वाली वस्तुओं की खपत कोबढाने की थी।
27. भूमंडलीकरण से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ भूमंडलीकरण एक बहुआयामी अवधारणा है जो मुलत: अर्थव्यवस्था से संबंधित है सी० रंगराजन के अनुसार भूमंडलीकरण का अभिप्राय आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न पक्षों में समन्वय है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अर्थव्यवस्थाओं तथा समाज के बीच सूचना, विचारों, तकनीकों, वस्तुओं और सेवाओं तथा वित्त के बीच समन्वय की प्रक्रिया के साथ भूमण्डलीकरण संबंधित है। विभिन्न देशों के लोग तथा समाज उस प्रक्रिया से जुड़े हैं। गिडेन्स के अनुसार भूमण्डलीकरण को समय तथा स्थान के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।
भूमण्डलीकरण के तीन प्रमुख प्रेरक हैं – 1. बाजार की खोज, 2. बहुराष्ट्रीय निवेश तथा 3. प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्प्यूटर नेटवर्क।
28. आधुनिकीकरण से आप क्या समझते हैं ? अथवा, आधुनिकीकरण की प्रमुख विशेषताओं की चर्चा करें।
Ans ⇒ डेनियल लर्नर ने सर्वप्रथम आधुनिकीकरण की अवधारणा की चर्चा की। इसका संबंध विवेकीकरण में परिवर्तन लाने वाली एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई भी परम्परागत या अर्द्धपरंपरागत समाज उच्च तकनीकी पर आधारित समाज की ओर अग्रसर होता है और इस दरम्यान उसकी तकनीकी अवस्था, मूल्य व्यवस्था, वैचारिकी एवं सामाजिक संरचना में बदलाव आता है।
आधुनिकीकरण की विशेषता – आधुनिकीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
1.इसमें पारलौकिक मूल्यों की जगह लौकिक या सांसारिक मूल्यों को अधिक महत्त्व दिया जाता है।
2. प्रौद्योगिक विकास इसका आवश्यक आधार है।
3. इसका संबंध खुली हुई सामाजिक व्यवस्था से है, बन्द सामाजिक व्यवस्था से नहीं। अतः गतिशीलता में वृद्धि होती है। ..
4. यह परिवर्तन में रुचि लेता है।
5. यह लोगों को महत्त्वाकांक्षी होने की प्रेरणा देता है।
6. नगरीकरण की वृद्धि इसका मुख्य आधार है।
7. लोकतांत्रिक मूल्यों में वृद्धि होती है।
29. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ हरित क्रांति का तात्पर्य ऐसे आन्दोलन से है जो कृषि उत्पादन में वृद्धि से सम्बन्धित है। इस क्रांति के कारण अब देश में जरूरत से ज्यादा अनाज का उत्पादन होता है और देश में खाद्यान्न की कमी नहीं है। गेहूँ के उत्पादन पर इस क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। इसलिए कुछ लोग इसे गेहूँ क्रांति भी कहते हैं।
30. पर्यावरण विनाश पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans ⇒ पर्यावरण के महत्त्वपूर्ण घटक हैं-जल, वायु, मृदा और ध्वनि। इन घटकों से मनुष्य का आरंभ से ही घनिष्ठ संबंध रहा है। मनुष्य अपने क्रियाकलापों से इन घटकों को प्रदूषित कर रहा है। पेड़-पौधे तथा जंगलों को काटकर मनुष्य वायु प्रदूषण को बढ़ाता है। इसके अलावे कल-कारखाने तथा फैक्ट्रियाँ स्थापित की गई हैं उनकी चिमनियों जो धुआँ निकलता है वह भी वायु को प्रदूषित कर रहा है। इन कल-कारखानों के कारण जल भी प्रदूषित हो रहा है, क्योंकि इनके गंदे तथा विषैले पानी नदियों में गिराये जाते हैं। आज वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है। इस प्रदूषण के कारण हृदय रोग तथा बहरेपन की बीमारियाँ हो रही हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.ग्रामीण तथा नगरीय समुदाय में अंतर स्पष्ट करें।
Ans ⇒ ग्रामीण तथा नगरीय समुदाय में निम्नलिखित अन्तर पाया जाता है –
S.N | ग्रामीण समुदाय | नगरीय समुदाय |
1. | 1. आबादी कम होने के कारण इसका आकार छोटा होता है। | 1. आबादी अधिक होने के कारण इसका आकार बड़ा होता है। |
2. | 2. इसका वातावरण प्राकृतिक होता है। | 2. इसका वातावरण प्राकृतिक नहीं होता है। |
3. | 3. इसकी आबादी में समानता पायी जाती है। | 3. इसकी आबादी में विभिन्नता पायी जाती |
4. | 4. इसमें जाति के आधार पर स्तरीकरण पाया जाता है। | 4. इसमें वर्ग के आधार पर स्तरीकरण होता है। |
5. | 5. इसमें प्रत्यक्ष सहयोग पाया जाता है। | 5. इसमें अप्रत्यक्ष सहयोग पाया जाता है। |
6. | 6. इसमें गतिशीलता कम पायी जाती है। | 6. इसमें अपेक्षाकृत अधिक गतिशीलता पायी जाती है। |
7. | 7. इसका मुख्य व्यवसाय कृषि होता है। | 7. इसका मुख्य व्यवसाय गैर-कृषि होता है। |
8. | 8. इसमें लोगों का जीवन स्तर निम्न होता है। | 8. इसमें जीवन स्तर उच्च होता है। |
9. | 9. इसमें संयुक्त परिवार पाया जाता है। | 9. इसमें एकांकी परिवार पाये जाते हैं। |
10. | 10. इसमें लोगों के बीच प्राथमिक संबंध पाया जाता है। | 10. इसमें लोगों के बीच द्वितीयक संबंध पाया जाता है। |
2. भारतीय पारिवारिक व्यवस्था में होने वाले आधुनिक परिवर्तनों की चर्चा करें। अथवा, संयुक्त परिवार में वर्तमान परिवर्तनों का वर्णन करें।
Ans ⇒ औद्योगिकीकरण तथा नगरीकरण के फलस्वरूप भारतीय पारिवारिक व्यवस्था में अनेक परिवर्तन हुए जो निम्नलिखित हैं –
1.पहले की तुलना में संयुक्त परिवार का आकार छोटा होता जा रहा है।
2. प्राथमिक सम्बन्धों के स्थान पर द्वितीयक अथवा दिखावे के सम्बन्धों में वृद्धि हो रही है।
3. वर्तमान समय में कर्ता की स्थिति बदल गई है। अब उसकी स्थिति एक निरंकुश शासक की नहीं है, बल्कि ऐसे राजनीतिक नेता के समान है जो अपनी स्थिति को बनाये रखने के लिए सभी सदस्यों की शक्ति के अनुसार उसकी भावनाओं का ध्यान रखता है।
4. परिवार में युवकों तथा स्त्रियों के अधिकार में वृद्धि हुई है।
5. परिवार के रूढ़िवादी धर्म और कर्मकाण्डों को अब महत्त्व नहीं दिया जाता है। फलतः धर्म के प्रति उदासीनता बढ़ी है।
6. अपनी रूचि और योग्यता के अनुसार व्यवसाय करने के कारण एक से अधिक व्यवसायों के द्वारा परिवार के सदस्य जीविका उपार्जित करते हैं।
7. पहले संयुक्त परिवार सामाजिक सुरक्षा, सांस्कृतिक सीख, धार्मिक प्रशिक्षण मनोरंजन तथा आर्थिक सुविधाएँ देने का कार्य करती थी। आज ये सभी कार्य दूसरे संगठनों और समितियों को हस्तांतरित हो गये हैं। इस प्रकार संयक्त परिवार के कार्यों में कमी आयी है।
3. नातेदारी के प्रकारों की व्याख्या करें। ‘ अथवा, नातेदारी की श्रेणियों की व्याख्या करें।
Ans ⇒ नातेदारी वह व्यवस्था है जिसके अंतर्गत केवल रक्त संबंध ही नहीं आते हैं, बल्कि वे सभी संबंध इस व्यवस्था में शामिल है, जिन्हें समाज मान्यता प्रदान करता है।
नातेदारी व्यवस्था विभिन्न व्यक्तियों को सामाजिक निकटता के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित करती है, जो इस प्रकार हैं –
1. प्राथमिक नातेदार – जिन व्यक्तियों के बीच रक्त या विवाह का प्रत्यक्ष संबंध होता है, उन्हें एक-दूसरे का प्राथमिक नातेदार कहा जाता है। उदाहरणार्थ-पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई-बहन, भाई-भाई, बहन-बहन, माता-पुत्र, माता-पुत्री आदि।
2. द्वितीयक नातेदार-जो व्यक्ति हमारे प्राथमिक नातेदार के प्राथमिक संबंधी होते हैं, वे हमारे द्वितीयक नातेदार होते हैं। उदाहरणार्थ-चाचा, नाना, मामा आदि।
3. तृतीयक नातेदार –द्वितीयक नातेदारों के प्राथमिक संबंधी तृतीयक नातेदार होते हैं। उदाहरणार्थ-ममेरे, फुफेरे तथा मौसेरे भाई-बहन एक-दूसरे के तृतीयक नातेदार होते हैं।
4. जाति व्यवस्था बंद व्यवस्था है, लेकिन वर्ग खुला व्यवस्था है। कैसे ?
Ans ⇒ जाति व्यवस्था का आधार जन्म है। इस कारण व्यक्ति की सामाजिक प्रस्थिति का निर्धारण जन्म से होता है। एक व्यक्ति जिस जाति में जन्म लेता है उसी की सदस्यता उसे मिलती है। आजीवन वह इसमें परिवर्तन नहीं कर सकता। इस व्यवस्था के अनुसार व्यक्ति अपनी जाति या उपजाति में विवाह करता है। इस व्यवस्था के अनुसार खान-पान तथा सामाजिक सहवास से संबंधित कुछ नियम पाये जाते हैं। प्रत्येक जाति का अपना परंपरागत व्यवसाय होता है और व्यक्ति से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने परंपरागत व्यवसाय को ही अपनाये और उसी से जीविकोपार्जन करे। अतः स्पष्ट है कि जाति बंद व्यवस्था है।
इसके विपरीत वर्ग खुला व्यवस्था है। व्यक्ति अपनी योग्यता और कुशलता से निम्न वर्ग से उच्च वर्ग में जा सकता है और अपनी सम्पत्ति गवाकर उच्च वर्ग से निम्न वर्ग में आ सकता है।
5. अनुसूचित जातियों के लिए उपलब्ध संवैधानिक प्रावधानों का विवरण दीजिए।
Ans ⇒ सरकार ने अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति की है जो उसकी शिकायतों और समस्याओं से संबंधित रिपोर्ट संसद में प्रति वर्ष रखता है और इनके कल्याण के विषय में सुझाव देता है। सरकार ने इनके कल्याण के लिए निम्नलिखित कार्य किए हैं –
1.विधानमंडलों में प्रतिनिधित्व –संविधान के अनुसार इन लोगों की जनसंख्या के अनुपात के आधार पर लोकसभा और राज्यसभा एवं विधानसभाओं में स्थान सुरक्षित कर दिए गए हैं। पंचायती राज संस्थाओं में भी यह व्यवस्था की गई है।
2. सरकारी नौकरियों में आरक्षण –भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 को यह निर्णय लिया था कि खुली प्रतियोगिता से जो नौकरियाँ दी जाती हैं उन्हें अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत स्थान सुरक्षित रखे जायें तथा आयु सीमा व शैक्षिक सीमा में भी कुछ छूट दी जाय।
3. शिक्षा संबंधी सुविधाएँ –अनुसूचित जातियों के छात्रों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्तियाँ, निःशुल्क शिक्षा, पुस्तकें तथा लेखन सामग्री खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
4. तकनीकी व व्यावसायिक प्रशिक्षण –इन लोगों के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग तथा अन्य औद्योगिक व व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों में कुछ स्थान सुरक्षित रखे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने अधीन मेडिकल कॉलेजों में 20 प्रतिशत अन्य स्थान सुरक्षित किए हैं।
5. कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए अनुदान –इनकी दशा सुधारने के लिए इन्हें कुटीर उद्योग खोलने के लिए भी सरकार ने प्रोत्साहन दिया है।
6. गृह निर्माण –सरकार ने अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को आसान किस्तों पर मकान दिलाने तथा इनके निर्माण के लिए सहायता प्रदान की है।
7. योजनाओं में कल्याण कार्य –प्रत्येक पंचवर्षीय योजना में अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए धन राशि व्यय की गई है। इस वर्ग के सामाजिक आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाने के लिए पर्याप्त धनराशि व्यय करने की व्यवस्था की गई है।
6. अनुसूचित जातियों की स्थिति में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत कीजिए।
Ans ⇒ कानून बना देने से ही अनुसूचित जातियों की स्थिति में सुधार नहीं लाया जा सकता है। इसके लिए लोगों की मनोवृत्तियों को बदलकर स्वस्थ सामाजिक वातावरण का निर्माण करना होगा। कुछ भी हो, अस्पृश्यता के उन्मूलन एवं हरिजनों की दशा में सुधार लाने के निम्नलिखित सुझाव उपयोगी साबित हो सकते हैं –
1.शिक्षा और प्रचार-प्रसार के द्वारा जाति प्रथा के स्वरूप में परिवर्तन किया जाना चाहिए। यह कार्य धीरे-धीरे करना होगा। एकदम सफलता प्राप्त होने में संदेह है।
2. ग्रामों का विकास नवीन आधारों पर किया जाना चाहिए। ग्रामों में विद्यमान सामाजिक कुरीतियों और अन्धविश्वासों को समाप्त करना चाहिए। यह काम समाज-सुधारकों एवं समाज के उत्तरदायी व्यक्तियों की सहायता से संभव है।
3. अपवित्र व्यवसायों को मशीनीकरण द्वारा दूर किया जाना चाहिए ताकि घृणित व्यवसायों की संख्या कम-से-कम हो सके।
4. शारीरिक श्रम के प्रति सम्मान की भावना को विकसित किया जाना चाहिए।
5. अनुसूचित जाति के आर्थिक व सामाजिक सुधार के लिए सामान्य और प्रौद्योगिक शिक्षा पर अधिक बल दिया जाना चाहिए ताकि अज्ञानता व अन्धविश्वास का अंश हरिजनों से दूर हो सके और आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके।
6. स्वास्थ्य और नैतिक स्तर के विकास के लिए अनुसूचित जाति की उचित आवास संबंधी योजनाओं को तीव्र गति से लागू किया जाना चाहिए और इनके लिए मकान बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इनके मकान उच्च जातियों के लोगों के पास बनाए जाएँ।
7. अनुसूचित जाति के लिए मनोरंजन की सुविधा व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि अंधविश्वास एवं बुरी आदतों को दूर करके इन लोगों में नैतिकता का एक उचित मानदंड बनाए रखा जा सके। अधिकांश अनुसूचित जाति समुदाय अंधविश्वास व रूढ़िवादिता के शिकार हैं।
8. सामाजिक सुरक्षा संबंधी कार्यक्रमों पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है। इसके द्वारा अधिकांश विपत्तिग्रस्त अस्पृश्य लोगों को शारीरिक व मानसिक सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। भारत में आज भी अधिकांश अनुसूचित जाति के लोग जीवन की न्यूनतम जीवन-स्तर को बनाये रखने में असमर्थ हैं।
9. सभी सार्वजनिक उत्सवों, त्यौहार, मेला आदि में सब जातियों के लोगों को सम्मिलित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह कार्य नगर व ग्राम के नेताओं व सुधारकों की सहायता से संभव हो सकेगा।
10. नगर में जातियों के आधारों पर छात्रावास नहीं रहने चाहिए। सब जाति के लोगों के एक जैसे छात्रावास में रहने से अस्पृश्यता धीरे-धीरे कम होगी।
7. भारत के प्रमुख जनजातीय आंदोलनों की विवेचना करें।
Ans ⇒ भारत के प्रमुख जनजातीय आंदोलन निम्नलिखित हैं-:
(i) संथाल विद्रोह – औपनिवेशिक शासन व्यवस्था तथा शोषण के खिलाफ सिद्धू कान्हू द्वारा संचालित संथाल जनजाति के लोगों ने इसका सूत्रपात किया।
(ii) बिरसा आंदोलन – बिरसा आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा प्रदान की। इसके नेता बिरसा मुण्डा ने जनजातियों को एक नई राह दिखलाई । इन्होंने आदिवासियों में जनमत का निर्माण किया । 25 दिसम्बर, 1899 को इस आंदोलन की शुरूआत हुई है।
(iii) ताना भगत आंदोलन – ताना भगत उराँव जनजाति की एक शाखा है। यह आंदोलन कृषि अर्थव्यवस्था, जनजातीय संस्कृति तथा उसमानता से सम्बंन्धित है। इसकी शुरूआत 1914 ई. में जतरा भगत के नेतृत्व में हुई ।
(iv) झारखण्ड आंदोलन – स्वतंत्रता के बाद विभिन्न राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संगठनों के द्वारा झारखंड आंदोलन की शुरूआत की गई । इसके फलस्वरूप 15 नवम्बर, 2000 को झारखण्ड राज्य की स्थापना की गई।
(v) बोडो आंदोलन – 1950 ई० में असम के बोडो भाषायी जनजातियों ने पृथक् राज्य की स्थापना के लिए इस आन्दोलन की शुरूआत की जो अभी जारी है। इन आंदोलनों के अतिरिक्त नागा आंदोलन, मिजो आंदोलन, खासी विद्रोह, भील भगत आंदोलन आदि प्रमुख जनजातीय आंदोलन हैं।
8. जनजाति क्या है ? जनजाति के प्रमुख समस्याओं की व्याख्या करें।
Ans ⇒ ‘जनजाति’ शब्द ऐसे समुदायों के लिए प्रयुक्त होता है, जो बहुत पुराने हैं और उपमहाद्वीपीय के सबसे पुराने अधिवासी हैं। जनजातियाँ ऐसे समुदाय थे, जो किसी लिखित धर्मग्रंथ के अनुसार किसी धर्म का पालन नहीं करते थे। उनका कोई संगठन नहीं था, न ही समुदाय कठोर रूप में वर्गों में बंटे हुए थे। इनकी सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि उनमें जाति जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी, न ही वे हिन्दू थे और न ही किसाना। जनजातीय इलाकों व लोगों की स्थिति स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् कुछ सम्मानजनक नहीं थी। इन लोगों पर काफी दबाव था। इन इलाकों में वनों की कटाई व कारखानों की स्थापना इत्यादि के कारण यहाँ के व्यक्तियों को आश्रय स्थल छोड़ना पड़ा। परन्तु लंबे संघर्ष के बाद इन जातियों के हितों के बारे में सोचा गया है। झारखंड और छत्तीसगढ़ को अलग-अलग राज्यों का दर्जा मिल गया है। परन्तु पहले मिली असफलताओं के कारण इन सफलताओं का कोई ज्यादा सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनेक राज्य कई दशकों से ऐसे विशेष कानूनों के अंतर्गत जीवनयापन कर रहे हैं जिससे वहाँ के निवासियों की नागरिक स्वतंत्रताएँ सीमित हो गई हैं। झारखंड और छत्तीसगढ़ को अपने नवार्जित राज्यत्व का अभी पूरा-पूरा उपयोग करना है। इन राज्यों की राजनीतिक व्यवस्था बड़ी संरचना के शिकंजे से निकलकर स्वायत्त नहीं हुई है।
इसके अतिरिक्त मणिपुर या नागालैण्ड जैसे राज्यों को ‘उपद्रवग्रस्त क्षेत्र’ घोषित किया गया है। इन राज्यों के नागरिकों को भारत के अन्य नागरिकों की तरह अधिकार प्राप्त नहीं है। सशस्त्र विद्रोह, सरकार द्वारा इन जातियों के व्यक्तियों के दमन के लिए उठाये गये कठोर कदम और फिर भड़के विद्रोहों के दुश्चक्र में पूर्वोत्तर राज्यों की अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति को भारी हानि पहुँची है।
परन्तु इन इलाकों में सरकार द्वारा धीरे-धीरे शिक्षा का प्रचार किये जाने से इन वर्गों के लोगों व जातियों का विकास हो रहा है।
9. बाजार किस प्रकार एक सामाजिक संस्था है ?
अथवा, एक सामाजिक संस्था के रूप में बाजार की विवेचना करें।
Ans ⇒ मूल रूप से बाजार एक सामाजिक संस्था है। बाजार को संचालित करने वाले नियमों से जुड़ी हुई नैतिकता, आर्थिक क्रियाओं पर सरकार का नियंत्रण, सामाजिक श्रम विभाजन, आर्थिक क्रियाओं पर सामाजिक मल्यों का प्रभाव, समाज विरोधी वस्तओं का बहिष्कार. वस्तओं के मूल्य पर सामाजिक उपयोगिता का प्रभाव आदि ऐसी विशेषताएँ हैं जो बाजार को एक सामाजिक संस्था के रूप में स्पष्ट करती है।
इस सम्बन्ध में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं –
(i) बाजार को किसी सामाजिक संरचना से अलग करके नहीं समझा जा सकता। प्रत्येक समाज में व्यक्ति की आर्थिक क्रियाएँ उन मूल्यों से प्रभावित होती हैं जिन्हें समाज के लिए उपयोगी माना जाता है।
(ii) बाज़ार श्रम विभाजन की प्रक्रिया पर आधारित है। श्रम विभाजन मूल रूप से एक सामाजिक तथ्य है जिसे दुर्थीम ने अपने सिद्धान्त में वर्णित किया है।
(iii) हाटों और बाजारों में व्यक्तियों के बीच सामाजिक अंतः क्रिया पनपती है, अतः बाजार को सामाजिक सम्बन्धों की व्यवस्था से अलग करके नहीं समझा जा सकता।
(iv) बाजार अनेक नियमों की एक व्यवस्था है जिसका रूप संस्था के ही समान है।
10. पिछड़ा वर्ग अथवा कमजोर वर्ग पर एक लेख लिखिए।
Ans ⇒ कमजोर वर्ग की अवधारणा – संवैधानिक दृष्टि से कमजोर वर्ग या पिछड़ा वर्ग या दलित वर्ग के अन्तर्गत अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जनजातियाँ, अल्पसंख्यक आदि आते हैं। इसमें समाज के सभी साधनहीन वर्गों को सम्मिलित किया गया है। भारतीय संविधान भ्रातृत्व एवं समानता पर अधिक जोर देता है। इसी कारण संविधान निर्माताओं ने विचार किया कि यदि समानता के सिद्धान्त को वास्तविकता प्रदान करनी है तो इन दलित वर्गों, दुर्बल एवं कमजोर वर्गों का विकास करना होगा और अन्य उच्च वर्गों एवं सवर्ण वर्गों (हिन्दुओं) की भाँति ही इन्हें भी विकास की सुविधायें प्रदान करनी होंगी। यद्यपि संविधान में इस वर्ग को परिभाषित नहीं किया गया है फिर भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 में इस सदर्भ में इस प्रकार उल्लेख किया गया है-“राज्य जनता के दुर्बल अंगों के विशेषतया अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा एवं अर्थ-सम्बन्धी हितों की विशेष सावधानी से रक्षा करेगा और सामाजिक अन्याय तथा सभी प्रकार के शोषण से उनकी रक्षा करेगा।” भारतीय संविधान इस विषय में स्पष्ट कुछ नहीं कहता है कि इसमें अनुसूचित जनजातियों के अलावा भी किन-किन वर्गों को सम्मिलित किया गया है। कुछ समाजशास्त्रियों एवं अर्थशास्त्रियों ने इसे परिभाषित करने का प्रयास किया है। इसके लिए उन्होंने प्रमुख रूप से सामाजिक-आर्थिक मापदंड निर्धारित किये हैं। इन समाजशास्त्रियों ने कमजोर वर्ग की कुछ विशेषताओं का उल्लेख किया है जो निम्नलिखित हैं –
1.वे व्यक्ति जिनकी आय निर्धनता रेखा (Poverty Line) के नीचे हो और जो अपने जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं : जैसे-भोजन, वस्त्र, आवास व चिकित्सा की सुविधाओं को पूरा नहीं कर पाते हों।
2. वे व्यक्ति जो पूर्णतया दैनिक मजदूरी पर ही आश्रित हों और वह भी अनियमित और ऋतुओं के परिवर्तन पर आश्रित हो।
3. वे व्यक्ति जिनके पास इतनी पूँजी न हो कि जिससे वे कच्चा माल खरीद सकें और अन्य उत्पादित वस्तुओं को क्रय कर सकें।
4. लघु (Small) तथा सीमान्त (Marginal) कृषक जो सिंचाई आदि की सुविधाओं से वंचित हों।
5. वे व्यक्ति जो निरन्तर कार्य करते रहने के बाद भी ऋणग्रस्त हों और जिनका शोषण किया जाता हो।
6. वे व्यक्ति जो मानवीय ऊर्जा और पशु ऊर्जा के सहारे ही जीवन यापन करें अर्थात् स्वयं व परिवार के लोग कार्य करें व पशुओं से कार्य लें।
इस प्रकार से उपर्युक्त सभी मापदंडों के आधार पर कमजोर वर्ग के अन्तर्गत समाज से उस वर्ग को शामिल किया जा सकता है जो सामाजिक, आर्थिक सुविधाओं से वंचित जो, शोषित हो, पिछड़ा हो। इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों, लघु व सीमान्त कृषकों, भूमिहीन और बंधुआ मजदूरों एवं परंपरागत कारीगरों को इस वर्ग में शामिल किया गया है।
पिछड़ा वर्ग के विकास की प्रमुख विशेषताएँ (Problems of development of Backward Class) :
भारत में कमजोर वर्ग के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियाँ, अनुसूचित जातियाँ तथा अन्य पिछडे वर्ग या जातियाँ आती हैं। इनके विकास की कुछ सामान्य समस्याएँ हैं और कुछ पथक-पथक समस्याएँ हैं। सामान्य समस्याओं के अंतर्गत निम्नलिखित समस्याएँ बतायी जा सकती हैं
(i) आर्थिक समस्याएँ; जैसे-निर्धनता, बेरोजगारी, कृषि पर आश्रितता तथा आर्थिक शोषण आदि, (ii) निरक्षरता, (iii) सामाजिक पिछड़ापन, (iv) स्वास्थ्य विषयक समस्याएँ (v) राजनीतिक एकीकरण की समस्याएँ आदि।
11. भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणामों की चर्चा करें।
Ans ⇒ भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में एक प्रमुख समाजशास्त्रीय तथ्य यहाँ की जाति व्यवस्था तथा उससे उत्पन्न होने वाले जातिगत भेदभाव रहे हैं। भारतीय समाज में लिंग भेद के परिणाम काफी रहे हैं। एक जाति दूसरे जाति के प्रति अपने सम्पर्क में आने की अनुमति नहीं दी जाती थी। प्रत्येक जाति अपनी संस्कृति, खान-पान, सामाजिक सम्पर्क के संबंधों, व्यवसायों, विवाह और छूआछूत के आधार पर एक-दूसरे से अलग समुदाय था। इसके परिणाम के अंतर्गत नजदीकी देशों द्वारा काफी फायदा उठाया जाने लगा था। भारतीय समाज में लिंग-भेद के कारण स्त्री-पुरुष का अनुपात असामान्य हो जायेगा। इसके कारण बहुपति विवाह, यौनाचार तथा यौन अपराध में वृद्धि होगी। निर्धन लड़कों का विवाह नहीं हो पायेगा। लड़कियाँ खरीद-बिक्री की वस्तु बन जायेगी। गरीब लोग अपनी लड़कियों को बेचेंगे। बेटी बेचनेवालों की संख्या में वृद्धि होगी।
12. साम्प्रदायिकता के दुष्परिणामों की चर्चा करें।
अथवा, साम्प्रदायवाद के संकट को स्पष्ट करें।
Ans ⇒ भारत में साम्प्रदायिकता लम्बी अवधि से फलती-फूलती रही है। यह राष्ट्रीय एकीकरण तथा राष्ट्र निर्माण में बाधक है। इसने निम्नलिखित बाधाएँ उत्पन्न की हैं
1. राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा – विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों में अलगाव के भाव पाये जाते हैं। अतः वे कभी भी सारे देश को एक बनाने एवं राष्ट्रीय उत्थान की बात नहीं सोचते। साम्प्रदायिकता ने भावात्मक एकता के लिए भी खतरा उत्पन्न किया है और हिन्दू तथा मुसलमान में परस्पर मनमुटाव और विरोधी भाव पैदा किया है। लोगों में तनाव और संघर्ष पैदा हुए। विभाजन, घृणा एवं अविश्वास की भावनाएँ तीव्र हुई। फलतः विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग एवं सहिष्णुता पैदा नहीं हो सकती।
2.तनाव एवं संघर्ष –इसके कारण किसी सम्प्रदाय का विकास नहीं हुआ। परन्तु उनके बीच अविश्वास, घृणा, पूर्वाग्रह एवं संघर्ष अवश्य पैदा हुए।
3. जान-माल की हानि –साम्प्रदायिक दंगों एवं उपद्रवों के कारण हजारों लोगों की जाने गयीं। मकान, दुकान, सरकारी कार्यालय, स्कूल, रेल, डाकतार, वाहनों आदि में आग लगा दी जाती है, जिससे अरबों रुपयों की सम्पत्ति नष्ट हो जाती है।
4. राजनीतिक दुष्परिणाम –इसके कारण देश में अस्थिरता उत्पन्न होती है। प्रशासन एवं सरकार के प्रति लोगों का विश्वास उठ जाता है। राजनीतिक दल सरकार की आलोचना करने लगते हैं। शांति की स्थापना के लिए न्याय एवं व्यवस्था खतरे में पड़ जाता है और उनमें असुरक्षा के भाव पैदा होते हैं। फलतः राष्ट्र निर्माण में बाधा उत्पन्न होती है।
5. आर्थिक विकास में बाधक –साम्प्रदायिक दंगों एवं उपद्रवों के समय कारखानों एवं उद्योगों में तोड़-फोड़ एवं आगजनी की घटनाओं से निर्माण कार्य बन्द हो जाता है। पूँजीपति ऐसे क्षेत्रों में पूँजी लगाना नहीं चाहते जहाँ साम्प्रदायिक तनाव पैदा होते रहते हैं। फलतः उस क्षेत्र का विकास रुक जाता है।
13. क्षेत्रवाद क्या है ? इसकी अवधारणा पर प्रकाश डालें। अथवा, क्षेत्रवाद से आप क्या समझते हैं ? इसकी विशेषताओं की चर्चा करें।
Ans ⇒ क्षेत्रवाद का अभिप्राय एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की. उस भावना से है, जिसके अंतर्गत वे अपनी एक विशेष भाषा, सामान्य संस्कृति, इतिहास और व्यवहार प्रतिमानों के आधार पर उस क्षेत्र से विशेष अपनत्व महसूस करते हैं तथा क्षेत्रीय आधार पर स्वयं को एक समूह के रूप में देखते हैं। क्षेत्रवाद में इस भावना का समावेश होता है कि एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र की संस्कृति, भाषा, प्रथाएँ, परम्पराएँ, जातीय विशेषताएँ तथा उपलब्धियाँ ही सर्वश्रेष्ठ हैं। अतः एक क्षेत्र विशेष के प्रति वहाँ के निवासियों की अंधभक्ति तथा पक्षपातपूर्ण मनोवृत्ति की क्षेत्रवाद है।
क्षेत्रवाद की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
1.क्षेत्रवाद स्थानीय देशभक्ति का एक विघटित रूप है जिसमें सम्पूर्ण देश की तुलना में एक विशेष क्षेत्र के हितों को अधिक महत्त्वपूर्ण समझा जाता है।
2. क्षेत्रीय नेतृत्व के द्वारा नियोजित रूप से क्षेत्रीय भावनाओं का प्रसार किया जाता है।
3. क्षेत्रवाद में पक्षपात का समावेश होता है।
4. इस मनोवृत्ति में एक विशेष क्षेत्र को एक पृथक राजनीतिक तथा सामाजिक इकाई के रूप में देखा जाता है।
5. सांस्कृतिक विरासत में भिन्नता होने से इसके प्रभाव में भी वृद्धि होती है।
6. क्षेत्रवाद का सीधा संबंध राजनीतिक और सरकार में प्रतिनिधित्व से है।
7. क्षेत्रवाद का आधार यह निर्मल विश्वास भी है कि क्षेत्रीय आधार पर संगठित हुए बिना उस क्षेत्र को सरकार द्वारा अधिक सुविधाएँ प्राप्त नहीं हो सकती।
14. क्षेत्रवाद के दुष्परिणामों की चर्चा करें।
Ans ⇒ एक क्षेत्र विशेष के प्रति वहाँ के निवासियों की अंधभक्ति तथा पक्षपातपूर्ण मनोवृत्ति को क्षेत्रवाद कहा जाता है। इसका हमारे सामाजिक, आर्थिक तथा राष्ट्रीय विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जो निम्नलिखित है –
1.स्वार्थी नेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जो क्षेत्रीय भावनाओं को उभारकर अपने स्वार्थ की पूर्ति में लगे रहते हैं।
2. यह सामाजिक न्याय के सभी सिद्धांतों का हनन करता है।
3. इससे क्षेत्रीय तनावों को प्रोत्साहन मिलता है।
4. यह साधनों के असंतुलित वितरण तथा आंदोलनकारी प्रवृत्ति को प्रोत्साहन देकर सामाजिक प्रगति को अवरुद्ध कर देता है।
5. इसके वजह से भाषावाद की समस्या भी उत्पन्न होती है।
6. यह राष्ट्रीय एकता को चुनौती देकर देश की प्रगति को अवरुद्ध करता है।
15. आधुनिकीकरण से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ आधुनिकीकरण की अवधारणा की चर्चा सर्वप्रथम डेनियल लर्नर ने की। आधुनिकीकरण का संबंध विवेकीकरण की प्रक्रिया से है। दरअसर आधुनिकीकरण हम उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके द्वारा कोई भी परम्परागत या अर्धपरम्परागत समाज उच्च तकनीकी पर आधारित समाज की ओर अग्रसर होता है और इस दरम्यान उसकी तकनीकी अवस्था, मूल्य व्यवस्था, वैचारिकी एवं सामाजिक संरचना में बदलाव आता है। आधुनिकीकरण की कई विशेषताएँ हैं जैसे-वैज्ञानिक मिजाज, बुद्धि एवं तर्कवाद, उच्च सहभागिता, सामाजिक गतिशीलता, परिवर्तन की वांछनीर में विश्वास, जोखिम उठाने की प्रवृति इत्यादि।
भारतीय समाज का आधुनिकीकरण ब्रिटिश काल से ही शुरू हो गया जब अंग्रेजों ने यहाँ नई आधुनिक शिक्षा व्यवस्था, नई प्रशासनिक व्यवस्था एवं भारतीय दण्डसंहिता आदि को लागू किया। योगेन्द्र सिंह का कहना है कि भारत एक परंपरागत देश रहा है अतः यहाँ परंपरा का आधुनिकीकरण हो रहा है। भारत में आज आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है क्योंकि लोगों का मिजाज वैज्ञानिक हो रहा है। परंपरागत मूल्यों की जगह आज आधुनिक मूल्यों को तेजी से अपनाया जा रहा है। भोजन के ढंग, पोशाक, आचार-व्यवहार आदि सभी क्षेत्रों में आधुनिकता के प्रभाव को देखा जा सकता है। न केवल विज्ञान एवं तकनीकी में वृद्धि हो रही है जिसके कारण वृहद पैमाने पर वस्तुओं का उत्पादन एवं क्रय-विक्रय हो रहा है बल्कि सामाजिक धरातल पर विषमता का उन्मूलन हो रहा है। न केवल समानता एवं सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।