Physics , Definition, Types, Topics, Importance, & Facts in Hindi

भौतिक विज्ञान

1.इकाई समय में तय की गई दूरी चाल कहलाता है।

2. इकाई समय में निश्चित दिशा में तय की गई दूरी वेग कहलाता है।

3. सदिश राशियों को परिमाण और दिशा दोनों होते है, जबकि अदिश राशिओं में केवल परिमाण होता है।

4. चाल एक अदिश राशि है, जबकि वेग एक सदिश राशि है।

5. किसी वस्तु द्वारा निश्चित दिशा में स्थान परिवर्तन विस्थापन कहलाता है।

6. विस्थापन शून्य हो सकता है लेकिन तय की गई दूरी शून्य नहीं होता है।

7. वेग में प्रति इकाई समय में होने वाले परिवर्तन को उस पिण्ड का त्वरण (Acceleration) कहते है।

8. त्वरण और विस्थापन दोनों ही सदिश राशियाँ है ।

9. न्यूटन के प्रथम गति नियम के अनुसार ‘कोई वस्तु गतिशील है, तो वह गतिशील और स्थिर है तो वह स्थिर ही रहना चाहती है। जब तक की उस पर कोई बाहरी बल कार्य न करे।’

10. विराम के जड़त्व के कारण रूकी हुई गाड़ी को अकस्मात् चलने से यात्री पीछे की ओर झुक जाता है।

11. गति के जड़त्व के कारण चलती हुई गाड़ी को अचानक रूकने पर यात्री आगे की ओर झुक जाता है।

12. विराम जड़त्व के कारण डंडे से प्रहार करने पर कोर्ट की धूल झड़ जाती है

13. न्यूटन के प्रथम गति नियम से बल की परिभाषा प्राप्त होती है।

14. बल वह भौतिक कारण है जो किसी वस्तु पर है लगकर उसकी अवस्था में परिवर्तन लाता है या लाने की चेष्ठा करता है।

15. किसी पिण्ड द्वारा इकाई समय में ध्रुवान्तर पर बनाया गया कोण कोणीय वेग कहलाता है।

16. कोणीय वेग का मात्रक रेडियन प्रति सेकेण्ड होता है।

17. न्यूटन के प्रथम गति नियम को जड़त्त्व का नियम या गैलिलियो का नियम भी कहते है।

18.किसी वस्तु के मात्रा और वेग के गुणनफल को संवेग कहते है।

19. न्यूटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार- ‘किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के समनुपाती तथा द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है, और त्वरण की दिशा बल की दिशा में होती है।’

20. न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल का व्यंजक प्राप्त होता है।

21. यदि कोई बल किसी वस्तु पर बहुत ही कम समय तक कार्यरत रहे तो बल और समय के गुणनफल को उस वस्तु का आवेग कहते है।

22. जिस बल का परिणमी शून्य नहीं होता है, उसे असंतुलित बल कहा जाता है।

23. न्यूटन के तृतीय गति नियम के अनुसार- ‘प्रत्येक क्रिया के बराबर, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।’

24. संवेग संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार यदि कणों के किसी समूह पर कोई बाह्य बल नहीं लग रहा हो तो उस निकाय का कुल संवेग अपरिवर्तित रहता है।

25. अभिकेन्द्री बल (Centipetal Force) में, वस्तु वृताकार मार्ग पर चलती है, तो उस पर बल वृत के केन्द्र की ओर से कार्य करता है।

26. अपकेन्द्री बल (Centrifugal Force) में प्रतिक्रिया बल वृताकार पथ पर चलायमान वस्तु द्वारा अन्य वस्तु पर लगता है।

27. पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना तथा इलेक्ट्रॉन का नाभिक के चारों ओर घूमना अभिकेन्द्रीय बल का उदाहरण है।

28.कपड़ा सुखाने की मशीन तथा दूध से मक्खन निकालने वाली मशीन अपकेन्द्रीय बल के सिद्धांत पर कार्य करता है।

29. बल द्वारा एक पिण्ड को एक अक्ष के परितः घूमने की प्रवृति को बल आघूर्ण कहते है।

30. बल आघूर्ण एक सदिश राशि है और इसका मात्रक न्यूटन मी० होता है।

31. कार्य की माप लगाए गए बल तथा बल की दिशा में वस्तु के विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।

32. कार्य करने की दर शक्ति कहलाता है जबकि कार्य करने की क्षमता उर्जा कहलाता है।

33. कार्य और ऊर्जा का मात्रक जूल है, जबकि शक्ति का मात्रक वाट है।

34. ऊँचाई पर स्थित वस्तु, स्प्रिंग, बाँध बनाकर रोके गए जल आदि में स्थितिज उर्जा होती है।

35. घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा स्थितिज होती है।

36. ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार “ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है।”

37. एक अश्व शक्ति (HP) 746 वाट के बराबर होता है।

38. वह न्यूनतम वेग जिसमे प्रक्षेपित करने पर कोई पिण्ड पृथ्वी के गुरूत्वीय क्षेत्र से बाहर निकल जाये, उसे पलायन वेग कहते है।

39. चन्द्रमा पर g का मान पृथ्वी के g का 1/6 गुणा होता है।

40. पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान 11.2 किमी/से होता है, जबकि सौरमंडल के लिए पलायन वेग 42 किमी/से होता है तथा चन्द्रमा का 2.4 किमी./से

41. भूस्थिर उपग्रह का घुर्णन काल 24 घंटे के तुल्य होता है, तथा वह पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर दिखाई देता है।

42. दाब का SI मात्रक न्यूटन /वर्ग मीटर या पास्कल होता है।

43. वायुदाब मापी (बैरोमीटर) का पारा का अचानक बढ़ जाना यह सूचित करता है कि मौसम स्वच्छ रहेगा।

44. पृष्ठ तनाव के कारण वर्षा की बुंदे गोलाकार तथा शेविंग ब्रश को जल से निकालने पर इसके केश आपस में सटे रहते हैं।

45. केशिकत्व (Capillarity) के कारण लालटेन की बत्ती में तेल ऊपर चढ़ता है।

46. ब्लॉटिंग पेपर से स्याही का सुखाया जाना भी केशिकत्व के कारण होता है।

47. ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंग का उदाहरण है, जबकि प्रकाश तरंगे अनुप्रस्थ तरंग होती है।

48. आवृति को Hz (हर्ट्ज) में मापा जाता है।

49. हवा में ध्वनि का वेग 332 m/s जल में 1400 m/s तथा लोहे में 5000 m/s होता है।

50. ध्वनि का वेग पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

51. ध्वनि की चाल तरंगदैर्ध्य एवं आयाम पर निर्भर नहीं करती है।

52. एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि की आवृत्ति नहीं बदलती है।

53. 20Hz से नीचे की आवृत्ति वाले ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तथा 20Hz से 20000Hz के बीच की आवृत्ति वाले तरंगो को श्रव्य तरंग कहा जाता है।

54. 20000Hz से उपर के तरंगों को पराश्रव्य तरंगे कहा जाता है। 20Hz से 20000Hz के बीच के तरंगो को मानव कान सून सकता है।

55. कुत्ता, बिल्ली एवं चमगादड़ आदि 20000Hz से उपर की तरंगों को सून सकते है।

56. पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग समुद्र की गहराई, ट्यूमर का पत्ता लगाने, वायुयान तथा घड़ियों के पूर्जो को साफ करने में किया जाता है।

57. प्रतिध्वनि सुनने के लिए श्रोता एवं परावर्तक सतह के बीच कम से कम 17 मी० की दूरी होनी चाहिए।

58. लोलक का आवर्त्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।

59. कान पर ध्वनि का प्रभाव 1/10 सेकेण्ड तक रहता है।

60. Cp – Cv = R मेयर सूत्र के नाम से जाना जाता है।

61. ध्वनि के अपवर्तन के कारण ध्वनि दिन की अपेक्षा रात में अधिक दूरी तक सुनाई पड़ता है।

62. दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है।

63. संवेग दुगुना करने पर गतिज ऊर्जा चार गुनी हो जाती है।

62. भूस्थिर उपग्रह पश्चिम से पूरब की ओर घुमता है।

63. वायुमंडलीय दाबमापी (बैरोमीटर) का पाठयांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आँधी तथा जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा आने की संभावना होती है।

64. आपेक्षिक घनत्व को हाइड्रोमीटर से मापा जाता है।

65. लोलक की लम्बाई बढ़ने पर आवर्तकाल बढ़ जाता है।

66. पारा -39°C पर जमता है।

67. ठोसों में उष्मा का संचरण चालन विधि द्वारा ही होता है।

68. गैसों तथा द्रवों में ऊष्मा का संचरण संवहन विधि द्वारा होता है।

69. सोनोमीटर एक स्वरमापी है।

70. 4°C पर जल का घनत्व सबसे अधिक तथा आयतन सबसे न्यूनत्तम होता है।

71. पृथ्वी पर सूर्य से उष्मा, विकिरण द्वारा प्राप्त होती है।

72. आसमान में बादल छाये रहने पर वातावरण में गर्मी महसूस होती है।

73. वायुमंडल संवहन विधि द्वारा गर्म होती है।

74. वायु तथा निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिकत्तम (3 x 108 m/s) होती है।

75. बैंगनी रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।

76. आकाश का रंग नीला प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है।

77. पृथ्वी को चन्द्रमा और सूर्य के बीच में आने के कारण चन्द्र ग्रहण लगता है।

78. चन्द्रमा को पृथ्वी और सूर्य के बीच में आने के कारण सूर्य ग्रहण लगता है।

79. अगर दो दर्पण एक दूसरे के समानांतर हो, तो उनके बीच रखी वस्तु का अनन्त प्रतिबिम्ब बनता है।

80. सोलर कुकर, परावर्तक दूरबीनों, सर्चलाइट, रोगियों के नाक, कान, गले आदि की जाँच तथा हजामती दर्पण के रूप में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है।

81. प्रकाश के अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते तथा पानी के अन्दर रखी छड़ी टेढ़ी दिखाई पड़ती है।

82. हीरे का चमकना, रेगिस्तान में मरीचिका बनना तथा कांच में आए दरार का चमकना पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होता है।

83. उत्तल दर्पण का उपयोग मोटरकार में साईड मिरर के रूप में होता है।

84. लेंस की क्षमता का मात्रक डाईऑप्टर होता है।

85. इंद्रधनुष के बीच का रंग हरा होता है।

86. लाल, हरा एवं नीला रंग को प्राथमिक रंग कहा जाता है।

87. स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी होती है।

88. इंद्रधनुष सूर्य के ठीक विपरीत दिशा में बनता है।

89. निकट दृष्टि दोष (Myopia) के निवारण के लिए अवतल लेंस का प्रयोग होता है।

89. पानी के अन्दर हवा का बुलबुला जिसकी सतह उत्तल होती है, अवतल लेंस की भाँति कार्य करता है।

90. किसी रंग का प्रकीर्णन उसके तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।

91. लाल रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक तथा बैंगनी रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है।

92. अंतरिक्ष से देखने पर आकाश काला दिखाई पड़ता है।

93. काले रंग की वस्तु सभी रंगों को अवशोषित करती है।.

94. रंगीन टेलीविजन के प्राथमिक रंग लाल, हरा, नीला होता हैं।

95. जिन दो रंगों को मिलाने से श्वेत रंग बनता है, उसे पूरक वर्ण कहते है।

96. जिन पदार्थों से होकर विद्युत आवेश सरलता से प्रवाहित होता है, उसे चालक कहते है।

97. चाँदी विद्युत का सबसे अच्छा चालक है।

98. जिन पदार्थों से होकर आवेश का प्रवाह नहीं होता है, अचालक कहलाते है।

99. लकड़ी, रबर तथा कागज अचालक है।

100. वैसे पदार्थ जिनकी विद्युत चालकता चालक एवं अचालक के बीच होती है, अर्द्धचालक कहलाते है।

101. किसी पिण्ड का भार वह बल है, जिससे पृथ्वी उसे अपने केन्द्र की ओर खींचती है।

102. जब बल द्वारा किसी वस्तु में विस्थापन उत्पन्न किया जाता है, तो इसे कार्य होना समझा जाता है।

103. कार्बन, सिलिकॉन, एवं जर्मेनियम आदि अर्द्धचालक पदार्थ है।

104. जरा दृष्टि दोष (Prebyopla) के निवारण के लिए बाइफोकल लेंस का प्रयोग होता है।

105. अबिन्दुकता (Astigmatism) के निवारण के लिए बेलनाकार लेंस का प्रयोग किया जाता है।

106. इन्द्रधनुष प्रकाश के वर्ण विक्षेपण के कारण बनता है।

107. संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में दो उत्तल लेंस का प्रयोग होता है।

108. नेत्र दान में कॉर्निया का दान किया जाता है।

109. मानव नेत्र के रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा एवं वस्तु से छोटा होता है।

110. रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब स्थायी नहीं होता है।

111. काँच की छड़ को रेशम से रगड़ने पर काँच में धनात्मक तथा रेशम में ऋणात्मक विद्युत उत्पन्न होती है।

112. परमाणु विद्युतः उदासीन होता है।

113. प्रत्येक पदार्थ के परमाणु में एक नाभिक होता है जिसमें प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन विद्यमान होते है।

114. प्रोटॉन धन आवेशित, इलेक्ट्रॉन ऋणावेशित जबकि न्यूट्रॉन आवेशहीन कण है।

115. तड़ित चालक (Ligntining Conductor) का प्रयोग तड़ित के दौरान बहुत ऊँचे भवनों की सुरक्षा के लिए किया जाता है।

116. तड़ित चालक ताँबा का बनाया जाता है।

117. दीर्घ दृष्टि दोष (Hypermetropia) के निवारण के लिए उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है।

118. विद्युत सेल में रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

119. 1 किलोवाट घंटा को 1 यूनिट कहा जाता है।

120. किसी विद्युत धारा को लवण के जलीय विलयन में प्रवाहित करने पर विलयन का विद्युत अपघट्न हो जाता है।

121. बिजली के हीटर या इस्तरी में नाइक्रोम के तार का प्रयोग होता है।

122. ट्यूब लाईट में काँच की लम्बी टयूब के अन्दर की दीवारों पर फॉस्फर का लेप होता है।

123. ट्यूब के दोनों किनारों पर बेरियम ऑक्साइड के तंतु लगे रहते है।

124. लेकलांशे सेल में वैद्युत अपघट्य के रूप में अमोनियम क्लोराईड और जिंक क्लोराइड का लेप होता है।

125. डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत उर्जा में बदलता है।

126. डायनेमो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।

127. विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

128. सस्ता फ्यूज तार ताँबा, टिन तथा सीसा के मिश्रधातु का बना होता है।

129. विद्युत बल्ब का आविष्कार थॉम्स एल्वा एडीसन ने किया था।

130. चुम्बक को स्वतंत्रता पूर्वक लटकाने पर वह सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर रूकती है।

131. चुम्बकों के समान ध्रुवों के बीच विकर्षण एवं असमान ध्रुवों के बीच आकर्षण होता है।

132. चुम्बक को हथौड़े से पीटने या गर्म करके लाल बना देने से उसका चुम्बकत्व खत्म हो जाता है।

133. पृथ्वी के ध्रुवों पर नमन कोण का मान 90° तथा विषुवत रेखा पर होता है।

134. चुम्बकत्व की असली पहचान विकर्षण तथा प्रतिकर्षण है।

135. कार्बन डेटिंग 14 (Carban Dating) विधि का उपयोग कर जीवाश्मों, प्राचीन पादपों की आयु आदि का पता लगाया जाता है।

136. पुरानी चट्टानों तथा पृथ्वी की आयु के अंकन में यूरेनियम डेटिंग का प्रयोग किया जाता है।

137. X-किरणों की खोज 1895 में रॉन्टजन ने की थी।

138. परमाणु बम का सिद्धांत नाभिकीय विखंडन पर आधारित है।

139. विद्युत वाहक बल का मान विभवान्तर से सदैव अधिक होता है।

140. नाभिकीय रिएक्टर में ईंधन के रूप में यूरेनियम का प्रयोग होता है।

141. नाभिकीय रिएक्टर में होने वाले अभिक्रिया के नियंत्रण के लिए कैडमियम या बोरॉन की छड़ों का प्रयोग किया जाता है।

142. नाभिकीय रिएक्टरों में न्यूट्रॉनों की गति को धीमा करने के लिए भारी जल या ग्रेफाइट को मन्दक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

143. हाइड्रोजन बम का निर्माण नाभिकीय संलयन पर अधारित है।

144. सूर्य और तारो में ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन है।

145. X-किरणों का उपयोग यांत्रिकी में, उद्योगों में, जासूसी में, कला में, अनुसंधान तथा चिकित्सा जगत में टूटी हड्डियों का पता लगाने में किया जाता है।

146. कोबाल्ट- 60 का प्रयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है।

147. चाय बनाने के लिए विद्युत द्वारा केतली में पानी संवहन विधि द्वारा गर्म होती है।

148. इन्द्रधनुष आकाश में वर्षा के बाद सूर्य के ठीक विपरीत दिशा में बनता है।

149. ट्यूबलाइट में आर्गन गैस पारे के साथ भरी जाती है जबकि मुख्य रूप में नाइट्रोजन होती है।

150. चुम्बक मुख्यतः लोहे और इस्पात के बनाये जाते है।

151.  सबसे पहले नाभिकीय रिएक्टर शिकागो में बनाया गया था।

152. गुरुत्वीय त्वरण g का मान 9.8 m/s होता है, जबकि सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक G का मान 6.6734 x 10-11 Nm2  /  Kg2   होता है।

153. G की इकाई Nm2  /  Kg है।

154. ध्रुवों पर g का मान महत्तम तथा विषुवत रेखा पर न्यूनतम होता है।

155. पृथ्वी के केन्द्र पर g का मान शून्य होता है।

156. जल पृष्ठ पर तरंगे, ऊर्जा की वाहक होती है।

157. पारा, थर्मामीटर के नली को नहीं भिंगोता ।

158. केल्विन मापक्रम का शून्य – 273°C होता है।

159. सूर्य एक गैसीय गोला है, जिसमें 74% हाइड्रोजन, 25% हीलियम और 1% अन्य तत्व होता है।

160. एक प्रकाश वर्ष 9.46 x 1012 किमी० या 9.46 x 1015 मी० के बराबर होता है।

161. पृथ्वी द्वारा सूर्य के चक्कर लगाने में किया गया कार्य शून्य होता है।

162. वाशिंग मशीन अपकेन्द्रण के सिद्धांत पर कार्य करती है।

163. पहाड़ों पर खाना देर से पकता है, क्योंकि यहाँ वायुमण्डलीय दाब कम होने के कारण जल का क्वथनांक कम हो जाता है।

164. रेल की पटरियों के बीच कुछ जगह छोड़ दी जाती है, क्योंकि पटरियाँ गर्मियों में उष्मा पाकर प्रसारित होती है।

165. जल के जमने से इसका आयतन बढ़ता है, यही कारण है कि जाड़ो में कभी-कभी नल के पाईप फट जाता है।

166. केन्डिला ज्योति तीव्रता का मात्रक है।

167. सीस्मोग्राफ द्वारा भुकम्प तरंगों को मापा जाता है।

168. साबुन के बुलबुला व्यक्तिकरण के कारण रंगीन दिखाई पड़ता है।

169. भूस्थिर उपग्रह की पृथ्वी से ऊँचाई 36000 किमी. होती है।

170. ग्रहों को कक्षा में नियमित रखने वाले बल को गुरूत्वीय बल कहते है।

171. बरनौली प्रमेय के अनुसार, जिस स्थान पर द्रव का वेग अधिक होता है वहाँ दाब कम होता है।

172. बरनौली के प्रमेय के अनुसार गहरा जल शांत बहता है।

173. रॉकेट की गति और जेट विमान संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है।

174. जब प्रकाश वायु से कॉच में प्रवेश करता है, तो इसकी चाल घट जाती है।

175. ट्रॉसफार्मर का क्रोड नर्म लोह का बना होता है।

176. रेडियो का सुनना अनुनाद के कारण संभव है।

177. कमरे में रखे रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खोल देने पर कमरे का ताप बढ़ जाता है।

178. साइकिल में हवा भरते समय पम्प बैरल रूद्धोष्म परिवर्तन के कारण गर्म हो जाता है।

179. कम घनत्व के कारण बादल वायुमंडल में तैरते है।

180. मैक- नम्बर का प्रयोग जहाजों के लिए किया जाता है।

181. दूध से क्रीम अलग करने पर दूध का घनत्व बढ़ जाता है।

182. डॉप्लर प्रभाव का प्रयोग अकाशीय पिण्डों के वेग ज्ञात करने में किया जाता है।

183. यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m एवं प्रकाश का वेग C है, तो इसके द्रव्यमान से सम्बद्ध उर्जा, E=mc2 होती है।

183. किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बनाता है, उसे उस स्थान का नमन कोण कहते है।

184. किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिक्पात कोण कहते है।

185. अस्थायी चुम्बक बनाने के लिए नर्म लोहे का प्रयोग किया जाता है जबकि स्थायी चुम्बक बनाने के लिए इस्पात का प्रयोग किया जाता है।

186. शुद्ध फ्यूज टीन का बना होता है।

187. प्राकृतिक नुम्बक फेरस लौह ऑक्साइड (Fe3 O4) है, जिसका आकार निश्चित नहीं होता है।

188. ट्रांसफॉर्मर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।

189. माइक्रोफोन विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है।

190. कैथोड किरणें अदृश्य किरणें होती है।

191. कैथोड किरणों का वेग प्रकाश के वेग का 1/10 गुणा होता है।

192. हवाई जहाज में फाउंटन पेन से स्याही बाहर निकल जाती है, क्योंकि ऊँचाई बढ़ने से वायुदाब में कमी होती है।

193. एक स्थिर चुम्बक का हमेशा उत्तर-उत्तर तथा दक्षिण-दक्षिण को दर्शाती है।

194. एक बार 105 पास्कल के बराबर होता है।

195. बर्फ के दो टुकड़ो को आपस में दबाने पर टुकड़े आपस में चिपक जाते है क्योंकि दाव अधिक होने से बर्फ का ग्लनांक घट जाता है।

196. जब प्रकाश वायु से काँच में जाता है तो उसका तरंगदैर्ध्य घटता है।

197. बैंगनी रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।

198. श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण होता है।

199. उत्पलायन वल में डूबे भाग के बराबर आयतन, द्रव के भार के आयतन बराबर होता है।

200. किसी वस्तु का भार निर्वात में अधिकत्तम होता है।

201. पृष्ठ तनाव का मात्रक न्यूटन प्रति मीटर (Nm-1) होता है।

202. दूर की वस्तुओं को देखने के लिए टेलिस्कोप का प्रयोग किया जाता है।

203. पृथ्वी के भौगोलिक तथा चुम्बकीय अक्ष के बीच का कोण 18° होता है।

204. फ्यूज तार का ग्लनांक बहुत कम होता है।

205. पराश्रव्य तरंगों का उपयोग संकेत भेजने में किया जाता है।

206. तापक्रम बढ़ने से हवा का घनत्व घटता है।

207. बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है यही कारण है कि वह पानी में तैरता रहता है।

208. सर्वाधिक आघातवर्ध्य धातु सोना है।

209. बर्फ और ढलवाँ लोहा को गर्म करने पर इसका आयतन घट जाता है।

210. गर्म करने पर ठोस पदार्थों का घनत्व सामान्यतः घटता है।

211. बर्फ एवं ढलवाँ लोहा को गर्म करने पर घनत्व बढ़ता है।

212. बर्फ की गुप्त उष्मा 80 किलो कैलारी होती है।

213. ध्वनि का प्रसारण निर्वात में संभव नहीं है।

214. चन्द्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण प्रतिध्वनि नहीं सुनाई पड़ती है।

215. उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिम्ब हमेशा काल्पनिक, सीधा तथा वस्तु से छोटा होता है।

216. घर्षण बल की अनुपस्थिति के कारण बर्फ पर चलने में कठिनाई होती है।

217. पृष्ठ तनाव के कारण दो भींगे काँच को हटाने में अधिक बल लगाना पड़ता है।

218. काँच की छड़ को गर्म करने पर उसके सिरे पृष्ठ तनाव के कारण ही गोल हो जाते है।

219. हवाई जहाज के ‘ब्लैक बॉक्स’ का रंग नारंगी होता है।

220. आकाश में तारे अपवर्तन के कारण टिमटिमाते है।

221. वर्णक्रम में सर्वाधिक प्रकीर्णन बैंगनी रंग का होता है।

222. बेतार तरंग की खोज वैज्ञानिक हट्स ने की थी।

223. गैलीलियों की दूरदर्शी में अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है।

224. सोल्डर टिन और सीसा का मिश्रण होता है।

225. प्रकाश वर्ष दूरी की इकाई है।

226. डॉप्लर प्रभाव ध्वनि से संबंधित है।

227. एनीमोमीटर यंत्र का प्रयोग हवा की दिशा और वेग मापने में किया जाता है।

228. ट्यूब लाईट में मरक्यूरिक ऑक्साइड एवं ऑर्गन गैस का प्रयोग किया जाता है।

229. ‘हैली’ पुच्छल तारा 76 वर्षों बाद दिखाई देता है।

230. फोटो खींचनेवाले प्लेट पर प्रकाश पड़ने पर प्रकाश रासायनिक उर्जा में बदल जाता है।

231. प्रतिध्वनि’ सुनाई पड़ने का कारण ध्वनि का परावर्तन है।

232. भारत का प्रथम नाभिकीय उर्जा संयंत्र तारापुर में स्थापित हुआ था।

233. सूर्य और तारों में उर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन होता है।

234. द्रव बूँद का संकुचित होकर न्यूनत्तम क्षेत्र घेरने की प्रकृति का कारण पृष्ठ तनाव होता है।

235. स्त्रियों की आवाज का तारत्व पुरुषों की तुलना में अधिक होता है।

236. एक कृत्रिम उपग्रह में विद्युत उर्जा का स्रोत सौर सेल होती है।

237. उच्च तापमान को मापने के लिए पायरोमीटर यंत्र का प्रयोग होता है।

238. रेफ्रीजरेटर में थर्मोस्टेट एक सामान तापमान को बनाए रखता है।

239. धूप के चश्में की पावर 0 डायोप्टर होता है।

240. दूरबीन का आविष्कार गैलिलियो ने किया था।

241. तेल जल की सतह पर फैल जाता है क्योंकि तेल का पृष्ठ तनाव, पानी से कम होता है।

242. वस्तु की मात्रा बदलने पर घनत्व अपरिवर्तित रहेगा।

243. जल का वाष्प में बदलना एक भौतिक परिवर्तन है।

244. हवाई जहाज से यात्रा करते समय पेन से स्याही निकलने लगती है इसका कारण वायुदाब में कमी है।

245. जल की सतह के उपर का दृश्य देखने के लिए पनडुब्बी में पेरीस्कोप यंत्र का प्रयोग होता है।

246.  भिन्न-भिन्न तारों के भिन्न-भिन्न रंग इनके विकिरण की विविधता के कारण होते है।

247. वायुमंडल में प्रकाश के विसरण का कारण धूल-कण है।

248. ध्वनि तरंगे ठोस तथा गैस दोनों माध्यमों में चल सकती है।

249. लेजर बीम का उपयोग कैंसर चिकित्सा में होता है।

250. जैव अणु का संश्लेषण और टुट जाना उपापचय है।

251. काँच से होकर गुजरने पर प्रकाश की गति न्यूनतम होगी।

252. ‘ब्लैक होल सिद्धांत’ एस चन्द्रशेखर ने दिया था ।

253. ग्रह-गति नियम का प्रतिपादन जॉन्स केप्लर ने किया था।

254. माध्यम के तापमान में वृद्धि के साथ प्रकाश की गति वैसी ही रहती है।

255. लाल रंग के गुलाब को हरे रंग में देखने पर वह काला दिखाई देता है।

256. सरल सूक्ष्मदर्शी में बना प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा होता है।

257. SI पद्धति में बल का मात्रक ‘न्यूटन’ (N) जबकि CGS पद्धति में बल का मात्रक ‘डाइन’ होता है।

258. 1 न्यूटन = 105 डाईन होता है।

259. इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर अभिकेन्द्रीय बल के कारण चक्कर लगाते है।

260. सर्कस में मौत का कुआँ अपकेन्द्री बल का उदाहरण है।

261. कैंची, सड़सी, पीलाश प्रथम श्रेणी के उत्तोलक है।

262. सरौता (Nut Cracker), नींबू नीचोड़ने वाली मशीन द्वितीय श्रेणी के उत्तोलक है।  चिमटा (Tongs), किसान का हल तृतीय श्रेणी के उत्तोलक है।

263. वायु की अनुपस्थिति में समान ऊँचाई से गिराई गई दो भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों की वस्तुएँ पृथ्वी पर एक साथ पहुँचेगी।

264. वायु की उपस्थिति में समान ऊँचाई से गिराई गई वस्तुओं में भारी वस्तु हल्के वस्तु की तुलना में पहले पृथ्वी पर पहुँचेगी।

265. पलायन वेग किसी पिंड के कक्षीय वेग का √2 गुणा होता है।

266. यदि पृथ्वी की कोणीय चाल (angular speed) में 17 गुणा वृद्धि कर दी जाए तो विषुवत रेखा पर घुमने वाली वस्तु का भार शून्य हो जाएगा।

267. स्प्रींग को अपनी सामान्य लम्बाई पर वापस लौटने के लिए लगने वाले बल को प्रत्यानयन बल कहते है।

268. पानी के अंदर ध्वनि सुनने वाला यंत्र हाइड्रोफोन कहलाता है।

269. एक नैनोमीटर 10-9 मीटर के बराबर होता है।

270. श्यानता की SI इकाई प्वाइज है।.

271. मैनोमीटर द्वारा गैस का दाब मापा जाता है।

272. सभी भारी रेडियो सक्रिय तत्व अंतिम रूप से सीसा में परिवर्तित होते है।

273. सौर सेल सौर ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

274. खाद्य ऊर्जा को हम कैलोरी में मापते है।

275. जब किसी पिण्ड की गति दुगुनी की जाती है। तो उसका संवेग दुगुना हो जाता है। 

276. एक चुम्बकीय क्षेत्र अल्फा एवं बीटा कण को विक्षेपित करता है।

277. ट्रांसफॉर्मर A. C. पर कार्य करता है।

278. एक अतिचालक (Superconductors) पैरा मैग्नेटिज्म ( अनुचुम्बकीय) दिखाता है।

279. फैराडे संख्या 9.65  x 107 कूलॉम के बराबर होता है।

280. इलेक्ट्रॉन-वोल्ट ‘ऊर्जा’ की इकाई है।

281. शुष्क सेल में कार्बन की छड़ एनोड का तथा जस्ते की बर्तन कैथोड का कार्य करती है।

282. टेलीफोन लाइन में प्रवाहित ऊर्जा विद्युत ऊर्जा के रूप में होती है।

283. एक धातु के तार में विद्युत का प्रवाह इलेक्ट्रॉन के कारण होता है।

284. ऑक्सीजन, प्लेटिनम, सोडियम, एल्युमीनियम, मैंगनीज आदि अनुचुम्बकीय पदार्थ है।

285. डायोड से धारा एक दिशा में बहती है।

286. गामा किरणों की वेधन क्षमता सर्वाधिक होती है।

287. प्रकाश के वेग को सर्वप्रथम रोमर ने नापा था।

288. डॉप्लर प्रभाव ध्वनि से संबंधित है।

289. ध्वनि की चाल 760 मील/घंटा होती है।

290. सबसे कम तरंग लम्बाई वाली किरणें गामा किरणें होती है।

291. फोटोग्राफी में उपयोगी हाइपो रासायनिक रूप से सिल्वर ब्रोमाइड है।

292. ध्वनि का वेग ठोस धातु या इस्पात या लोहे (5000 मी०/ से०) में सर्वाधिक होती है।

293. गैसों में हाइड्रोजन में ध्वनि की चाल सर्वाधिक होती है।

294. कैल्विन पैमाने के 373 K बिन्दु पर जल उबलता है।

295. ठोस की शुद्धता ग्लनांक बिन्दु के निर्धारण द्वारा ज्ञात की जाती है।

296. जल का अधिकत्तम घनत्व तथा न्यूनत्तम आयतन 4°C पर होता है।

297. जलते हुए विद्युत बल्ब के फिलामेंट का ताप 2000°C से 2500°C होता है।

298. समुद्र की दूरी मापने की इकाई नॉटिकल मील है।

299. एक नॉटिकल मील 1.852 किमी० के बराबर होता है।

300. वायुयान के चाल और ध्वनि के चाल के अनुपात को मैक संख्या कहते है।

301. साबुन का बुलबुला व्यतिकरण के कारण रंगीन दिखाई पड़ता है।

302. कार्य का C.G.S. पद्धति में मात्रक अर्ग होता है।

303. पदार्थ का लघुत्तम अंश क्वार्क है।

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