वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. विधुत या चुम्बकीय क्षेत्र निम्न में से किसे त्वरित नहीं करता है ?
(A) इलेक्ट्रॉन
(B) प्रोटॉन
(C) न्यूट्रॉन
(D) α-कण
Answer ⇒ (C)
2. एक रेडियो-समस्थानिक की अर्द्ध-आयु 5 वर्ष है। 15 वर्षों में क्षय होने वाले पदार्थ का अंश होगा:
(A) 1/15
(B) 1/8
(C) 7/8
(D) 14/15
Answer ⇒ (B)
3. निम्नलिखित युग्मों में कौन समभारिक युग्म है ?
(A) 1H1 और 1H2
(B) 1H2 और 1H3
(C) 6C12 और 6C13
(D) 15P30 और 14Si30
Answer ⇒ (D)
4. नाभिकीय-घनत्व का क्रम होता है :
(A) 103 कि.ग्रा./मी3
(B) 1017 कि.ग्रा./मी3
(C) 106 कि.ग्रा./मी3
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
5. नाभिकीय घनत्व की कोटि (kg/m3में ):
(A) 107
(B) 1017
(C) 1024
(D) 1027
Answer ⇒ (B)
6. नाभिकीय प्रतिक्रिया में, अपूर्ण पद है :
5B10 +2He4 → 7N13 +……..
(A) प्रोटॉन
(B) न्यूट्रॉन
(C) इलेक्ट्रॉन
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
7. रेडियो सक्रिय पदार्थ ( अर्द्ध आयु =2 घंटा ) का 32 ग्राम 10 घंटे में कितना क्षय होगा:
(A) 1 ग्राम
(B) 2 ग्राम
(C) 31 ग्राम
(D) 25 ग्राम
Answer ⇒ (C)
8. γ-किरणों की उच्च बेधन शक्ति का कारण है –
(A) कम तरंगदैर्घ्य
(B) अधिक तरंगदैर्घ्य
(C) आवेश का न होना
(D) अधिक आवेश का होना
Answer ⇒ (A)
9. निम्नलिखित में कौन विधुत्-चुम्बकीय तरंग वाले गुण का है ?
(A) अल्फा-किरणें
(B) बीटा-किरणें
(C) गामा-किरणें
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
10. γ-किरणों को होता है
(A) शून्य आवेश और शून्य द्रव्यमान
(B) एकांक धन आवेश और शून्य द्रव्यमान
(C) एकांक ऋण आवेश और शून्य-द्रव्यमान
(D) शून्य आवेश और परिमित द्रव्यमान
Answer ⇒ (A)
11. निम्नलिखित विधुत्-चुम्बकीय तरंगों में किसका तरंगदैर्ध्य सबसे छोटा होता है ?
(A) अवरक्त किरणें
(B) दृश्य प्रकाश किरणें
(C) गामा-किरणें
(D) रेडियो तरंगें
Answer ⇒ (C)
12. जब कोई रेडियोसक्रिय तत्त्व α-कण उत्सर्जित करता है, तो इसका द्रव्यमान संख्या –
(A) बढ़ती है; परन्तु परमाणु संख्या घटती है
(B) घटती है तथा इसकी परमाणु संख्या भी घटती है
(C) घटती है; परन्तु परमाणु-संख्या बढ़ती है
(D) वही रहती है; परन्तु परमाणु-संख्या घटती है
Answer ⇒ (B)
13. β-किरणें विक्षेपित होती हैं –
(A) गुरुत्वाकर्षण-क्षेत्र में
(B) केवल चुम्बकीय क्षेत्र में
(C) केवल विधुतीय क्षेत्र में
(D) चुम्बकीय एवं विधुतीय क्षेत्र दोनों में
Answer ⇒ (D)
14. निम्नलिखित में से किसकी भेदनक्षमता महत्तम है ?
(A) x-किरणों का
(B) कैथोड किरणों का
(C) α-किरणों का
(D) γ-किरणों का
Answer ⇒ (D)
15. β-किरणें तेजी से चलने वाले-
(A) प्रोटॉन हैं
(B) न्यूट्रॉन है
(C) इलेक्ट्रॉन हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
16. एक रेडियो समस्थानिक की अर्द्ध-आयु 5 वर्ष है। 15 वर्षों में क्षय होने वाले पदार्थ के परमाणुओं का अंश होता है –
(A) 1
(B) 1/8
(C) 7/8
(D) 5/8
Answer ⇒ (C)
17. रेडियो न्यूक्लाइड के अपक्षय नियतांक के व्युत्क्रम को कहा जाता है –
(A) अर्धायु
(B) कुल आयु
(C) औसत-आयु
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
18. रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्द्धायु है –
(A) log102 / λ
(B) 0.6931 x λ
(C) औसत आयु / 0.6931
(D) 0.6931 / λ
Answer ⇒ (D)
19. एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की औसत-आयु 100 वर्ष है तो उसकी अर्द्धायु होगी –
(A) 50 वर्ष
(B) 100×0.06/2 वर्ष
(C) 69.3 वर्ष
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
20. फौसिल के उम्र की गणना की जाती है –
(A) गामा-किरणों के अवशोषण द्वारा
(B) कार्बन डेटिंग द्वारा
(C) क्रोमोसोमों की संख्या की गिनती करके
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
21. निम्नलिखित प्रतिक्रिया में यूरेनियम के कितने द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाते हैं ?
92U235 + on1 → 56Ba141 + 36Kr92 +30n1 + 200 MeV
(A) 186200 मात्रक
(B) 0.215 मात्रक
(C) 4.655 मात्रक
(D) 0.12 x 10-19 किग्रा०
Answer ⇒ (B)
22. नाभिकीय विखण्डन के आविष्कारक थे –
(A) रदर-फोर्ड
(B) क्यूरी
(C) बेक्युरेल
(D) हॉन तथा स्ट्राशमैन
Answer ⇒ (D)
23. सूर्य ऊर्जा की अत्यधिक परिमाण विमुक्त करता है, इस प्रक्रिया को कहते हैं –
(A) संलयन
(B) विखण्डन
(C) दहन
(D) द्रवण
Answer ⇒ (A)
24. नाभिकीय प्रतिक्रिया में 1H3 + 1H2 → 2He4 + 0n1 विमुक्त ऊर्जा लगभग है –
(A) 200 MeV
(B) 17.5 MeV
(C) 12.5 MeV
(D) 2.5 MeV
Answer ⇒ (C)
25. यदि Δm नाभिक का द्रव्यमान हास है,M नाभिक का द्रव्यमान है तथा A परमाणु द्रव्यमान है, तो पैकिंग प्रैक्शन बराबर होंगे –
(A) Δm/A
(B) Δm/M
(C) Δmc2
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
26. यदि परमाणुZxA के नाभिक का द्रव्यमान M है तो –
(A) M < [ZmP + (A-Z)mn]
(B) M = [Zmp + (A-Z)mn]
(C) M > [Zmp + (A-Z)mn]
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
27. यदि I1,I2 एवं I3 क्रमशः α-,β-तथा ϒ-किरणों की आयनन शक्ति है तो –
(A) I1 > I2 > I3
(B) I1 < I2 < I3
(C) I1 > I2 किन्तु, I2 < I3
(D) I1 < I2 किन्तु, I2 > I3
Answer ⇒ (A)
28. इनमें गामा-किरणों की तरंग लम्बाई है –
(A) 0.07 Å
(B) 0.7 Å
(C) 7 Å
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
29. α-कण पर आवेश होता है –
(A) 9.6 x 10-10 e.s.u.
(B) 9.6 x 1020 कूलम्ब
(C) 9.6 x 1010 e.m.u.
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
30. निम्नलिखित में से किस क्षय में परमाणु संख्या बढ़ जाती है ?
(A) α-decay
(B) β+-decay
(C) β–-decay
(D) γ-decay
Answer ⇒ (C)
31. निम्नलिखित में से किस क्षय में परमाणु संख्या समान रह जाती है ?
(A) α-decay
(B) β+-decay
(C) β–decay
(D) γ-decay
Answer ⇒ (D)
32. रेडियोसक्रियता की इकाई है ।
(A) जूल
(B) MeV .
(C) a.m.u.
(D) क्यूरी
Answer ⇒ (B)
33. न्यूक्लियर घनत्व का क्रम होता है-
(A) 103
(B) 1017
(C) 106
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
34. किसी तत्त्व के दो समस्थानिकों के नाभिकों में अवश्य है –
(A) न्यूट्रॉन की समान संख्या
(B) प्रोटॉन की समान संख्या
(C) प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की समान संख्या
(D) प्रोटॉन की असमान संख्या
Answer ⇒ (B)
35. जब एक रेडियोसक्रिय परमाणु β-कण उत्सर्जित करता है तब इसका परमाणु भार –
(A) नहीं बदलेगा
(B) बदल जाएगा
(C) 2 से बदल जाएगा
(D) 4 से बदल जाएगा
Answer ⇒ (A)
36. स्थायी नाभिकों के N/Z का मान होता है –
(A) 1 – 1.6
(B) 1.6 – 2.0
(C) 3.0 – 4.0
(D) 4.0
Answer ⇒ (A)
37. क्षय गुणांक की S.I. इकाई है-
(A) हर्ट्ज
(B) मीटर
(C) प्रति मीटर
(D) कुछ नहीं
Answer ⇒ (A)
38. जीवाश्म की आयु पता की जाती है –
(A) कार्बन डेटिंग से
(B) x-ray से
(C) गामा किरण से
(D) लेजर से
Answer ⇒ (A)
39. सौर ऊर्जा का स्रोत है
(A) न्यूक्लियर विखंडन
(B) न्यूक्लियर संलयन
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
40. प्रथम नाभिकीय अभिक्रिया किसके द्वारा की गई ?
(A) चॉडविक
(B) आइंस्टीन
(C) पाऊली
(D) रदरफोर्ड
Answer ⇒ (D)
41. एक तत्त्व84X202 का एक नाभिक पहले एकα-कण तथा फिर एकβ-कण उत्सर्जित करता है। परिणामी नाभिक की परमाणु संख्या होगी
(A) 80
(B) 82
(C) 83
(D) 198
Answer ⇒ (C)
42. एक रेडियोधर्मी नाभिक की अर्द्धआयु 20 h है। 40 घंटे बाद रेडियोधर्मिता कितनी गुनी पाई जाएगी ?
(A) 1/4
(B) 1/8
(C) 1/2
(D) 1/16
Answer ⇒ (A)
43. 90Th230 के एक परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या है
(A) 90
(B) 140
(C) 230
(D) 320
Answer ⇒ (B)
44. इनमें कौन आवेश रहित है ?
(A) अल्फा कण
(B) बीटा कण
(C) फोटॉन कण
(D) प्रोटॉन
Answer ⇒ (C)
45. जितने समय में किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ की राशि अपने प्रारंभिक परिमाण की आधी हो जाती है उसे कहते हैं –
(A) औसत आयु
(B) अर्ध आयु
(C) क्षय नियतांक
(D) आवर्त काल
Answer ⇒ (B)
46. द्रव्यमान, ऊर्जा के समतुल्य है, सही संबंध है
(A) m = E
(B) m2 = E
(C) mc2 = E
(D) m = √E
Answer ⇒ (C)
47. निम्नलिखित में कौन विधुत्-चुम्बकीय प्रकृति की नहीं है ?
(A) एक्स-किरणें
(B) प्रकाश किरणें
(C) ϒ-किरणें
(D) β-किरणें
Answer ⇒ (D)
48. नाभिकों के मिलने और नए नाभिक (nucleus) के बनने और ऊर्जा के मुक्त होने की घटना को कहा जाता है
(A) नाभिकीय संलयन (fusion)
(B) नाभिकीय विखंडन (fission)
(C) श्रंखला अभिक्रिया (chain reaction)
(D) तत्त्वांतरण (transmutation)
Answer ⇒ (A)
49. निम्नलिखित में सबसे स्थायी कौन है ?
(A) 42He
(B) 126C
(C) 168 O
(D) 5626Fe
Answer ⇒ (D)
50. प्रति न्यूक्लियॉन द्रव्यमान क्षति को कहा जाता है –
(A) पैकिंग फैक्सन
(B) ऊर्जा ह्रास
(C) संवेग ह्रास
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
51. निम्नलिखित में से किसके उत्सर्जन से तत्त्व में परिवर्तन नहीं होता है ?
(A) α-decay
(B) β+-decay
(C) β–-decay
(D) ϒ-decay
Answer ⇒ (D)
52. निम्नलिखित में से किस क्षय में परमाणु संख्या घट जाती है ?
(A) α-decay
(B) β+-decay
(C) β–-decay
(D) ϒ-decay
Answer ⇒ (C)
53. नाभिकीय रिएक्टर में कन्ट्रोल रॉड (कैडमियम) का प्रयोग किया जाता है –
(A) न्यूट्रॉन की गति करने के लिए
(B) न्यूट्रॉन अवशोषित करने के लिए
(C) इनमें से कोई नहीं
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (B)
54. निम्नलिखित में किसे कैंसर के उपचार में प्रयोग किया जाता है ?
(A) K40
(B) Co60
(C) Sr90
(D) I131
Answer ⇒ (B)
55. किसी परमाणु का नाभिक (Nucleus) बना होता है –
(A) प्रोटॉन से
(B) प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से
(C) अल्फा -कण से
(D) प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से
Answer ⇒ (D)
56. परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन एक साथ रह पाते हैं –
(A) नाभिकीय बल
(B) गुरुत्वाकर्षी बल
(C) कूलम्ब बल
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
57. एक अल्फा कण बना होता है –
(A) एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन से
(B) दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन से
(C) दो प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन से
(D) केवल एक प्रोटॉन से
Answer ⇒ (B)
58. परमाणु क्रमांक है –
(A) नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या
(B) α-कणों की संख्या
(C) नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
59. एक तत्त्व की परमाणु-संख्या Z और द्रव्यमान-संख्या A है। इसके एक परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या होगी ?
(A) A + z
(B) A
(C) A – Z
(D) z
Answer ⇒ (C)
60. हीलियम परमाणु की सही रचना है –
(A) एक प्रोटॉन, एक न्यूट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन
(B) दो प्रोटॉन, एक न्यूट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन
(C) दो प्रोटॉन, दो न्यूट्रॉन, दो इलेक्ट्रॉन
(D) दो प्रोटॉन, दो न्यूट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन
Answer ⇒ (C)
61. परमाणु के नाभिक में अवश्य रहेगा –
(A) प्रोटॉन
(B) न्यूट्रॉन
(C) इलेक्ट्रॉन
(D) पोजिट्रॉन
Answer ⇒ (A)
62. न्यूट्रॉन की खोज करने का श्रेय निम्नलिखित में किन्हें है?
(A) टॉमसन को
(B) रदरफोर्ड की
(C) नील्स बोर को
(D) चैडविक को
Answer ⇒ (D)
63 7N14 की नाभिक में होता है –
(A) 7 इलेक्ट्रॉन और 7 न्यूट्रॉन
(B) 7 इलेक्ट्रॉन और 7 प्रोटॉन
(C) 7 प्रोटॉन और 7 न्यूट्रॉन
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
64. यूरेनियम की द्रव्यमान संख्या 235 और परमाणु-क्रमांक 92 है। यूरेनियम परमाणु में प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या होगी क्रमशः-
(A) 92, 143 तथा 92
(B) 92 तथा 143 .
(C) 143,92 तथा 92
(D): 135,0 तथा 0
Answer ⇒ (A)
65. निम्नलिखित में किसे विभाजित नहीं किया जा सकता है ?
(A) परमाणु
(B) धन-आयन
(C) नाभिक
(D) प्रोटॉन
Answer ⇒ (D)
66. निम्नलिखित में कौन आवेशरहित कण है ?
(A) α-कण
(B) β-कण
(C) प्रोटॉन
(D) फोटॉन
Answer ⇒ (C)
67. जिस प्रक्रिया द्वारा एक भारी नाभिक लगभग समान द्रव्यमान वाले दो हल्के नाभिकों में विभक्त हो जाता है, उसे कहा जाता है
(A) संलयन
(B) विखंडन
(C) प्रकाश-विधुत् प्रभाव
(D) रेडियो सक्रियता
Answer ⇒ (B)
68. सूर्य की ऊर्जा का कारण है
(A) नाभिकीय विखंडन .
(B) नाभिकीय संलयन
(C) गैसों का जलना
(D) ऊपर में कोई नहीं .
Answer ⇒ (B)
69. नाभिकीय अभिक्रिया में संरक्षित भौतिक राशियाँ है –
(A) कुल आवेश
(B) रेखीय संवेग
(C) कोणीय संवेग
(D) उपरोक्त सभी
Answer ⇒ (D)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. आइसोटोप तथा आइसोबार से आप क्या समझते हैं ?
Ans. आइसोटोप (समस्थानिक) – तत्त्व के परमाणु जिसकी परमाणु संख्या समान किन्तु द्रव्यमान संख्या असमान हो, आइसोटोप कहलाते हैं। इस तरह के तत्त्वों को रासायनिक या विभिन्न टेकनीक विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है जैसे –
(a) 8O16, 8O17, 8O18 (b) 17Cl35, 17Cl37 (c) 82pb206, 82pb207, 82pb208 ।
आइसोबार (समभारिक)- तत्त्व के परमाणु जिसकी द्रव्यमान संख्या समान किन्त परमाण संख्या असमान हो, आइसोबार कहलाते हैं। इनके रासायनिक गुण विभिन्न हैं। जैसे –
(a) 18Ar16 तथा 20Ca40
(b) 32Ge76 तथा 34Se76
(c) 1H3 तथा 2He3
(d) 3Li7 तथा 4Be7 ।
2. आइसोटोन (समन्यूट्रॉनिक) क्या है ?
Ans. आइसोटोन (समन्यूट्रॉनिक) – समान न्यूट्रॉनों की संख्या वाले न्यूक्लाई को आइसोटोन कहते हैं, इसके लिए, परमाणु संख्या (Z) तथा परमाणु द्रव्यमान (A) दोनों का मान विभिन्न है, किन्तु (A – Z) का मान समान है। जैसे –
(a) 3Li7 तथा 4Be7 (b) 1H3 तथा 2H4 (C) 11Na23 तथा 12Mg24 ।
3. तापीय न्यूट्रॉन से आप क्या समझते हैं ?
Ans. तापीय न्यूट्रॉन – वैसे न्यूट्रॉन तापीय न्यूट्रॉन कहलाते हैं जो मोडरेटर के हाइड्रोजन न्यूक्लाई के विरुद्ध संघटक के कारण कम हो जाते हैं। ऐसे न्यूट्रॉन (3/2KT) कमरे के तापक्रम पर ऊर्जा रखते हैं तथा 92U235 न्यूक्लाई के विखण्डन में उपयोगी होते हैं।
जैसे – 92U235 + 0n1 92U235 → 56Ba141 + 36Kr92 + 30n1 + 200 MeV (ऊर्जा)।
4. द्रव्यमान अवगुण तथा पैकिंग फ्रैक्शन क्या है ?
Ans. द्रव्यमान अवगुण – न्यूक्लिऑन बनने के द्रव्यमानों के योग के बीच अन्तर तथा नाभिक के विराम द्रव्यमान को द्रव्यमान अवगुण कहते हैं। इसे Δm द्वारा सूचित किया जाता है।
माना कि तत्त्व ZXA का एक परमाणु है, जिसका द्रव्यमान संख्या A तथा परमाणु संख्या Z है। mp तथा mn क्रमशः प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन का द्रव्यमान है, तो बने न्यूक्लिऑन का द्रव्यमान = Zmp + (A – Z)mn.
माना कि m(ZXA) नाभिक का द्रव्यमान है, तो द्रव्यमान अवगुण
Δm = [Zmp + (A – Z)mn] – m (ZXA)
पैकिंग फ्रैक्शन – प्रति न्यूक्लिऑन द्रव्यमान अवगुण को पैकिंग फ्रैक्शन कहते हैं। इस प्रकार, पैकिंग फ्रैक्शन = Δm/A
5. बंधन ऊर्जा क्या है ? समझाएँ। बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन क्या है ?
Ans. बंधन (बाइण्डिग) ऊर्जा – नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन 10-4 मीटर के क्रम में छोटे स्थान में सीमित होते हैं। वैसे छोटी दूरी पर दो प्रोटॉनों के बीच एक-दूसरे पर अत्यधिक विकर्षण बल लगता है। इसलिए नाभिक के बाँधने के लिए कुछ परिणामों में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसे नाभिक का बंधन ऊर्जा कहते हैं। वैसे ऊर्जा की आपूर्ति नाभिक के न्यूक्लिऑन द्वारा होती है। द्रव्यमान अवगुण Δm आवश्यक बंधन ऊर्जा की आपूर्ति करता है। इसलिए, द्रव्यमान अवगुण के समतुल्य ऊर्जा को नाभिक की बंधन ऊर्जा कहते हैं।
आइन्सटीन के द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता सम्बन्ध के अनुसार बंधन ऊर्जा = Δmc2 जूल, जहाँ Δm, किलोग्राम में द्रव्यमान अवगुण तथा c प्रकाश का वेग है। किसी नाभिक का बंधन ऊर्जा, अनन्त दूरी में न्यूक्लिऑन के अलग करने में किये गये कार्य को कहा जाता है।
प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा – प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा वैसी ऊर्जा है जो नाभिक से एक न्यूक्लिऑन के बाहर करने के लिए आवश्यक है। इसका मान न्यूक्लिऑनों की संख्या द्वारा बंधन ऊर्जा में भाग देने पर प्राप्त होता है।
इस प्रकार, प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा = बंधन ऊर्जा /A है।
6. नाभिकीय विखण्ड से आप क्या समझते हैं ? समझाएँ।
Ans. नाभिकीय विखण्डन-जब किसी बड़े तत्त्व के नाभिक पर न्यटॉन की बमबारी की जाती है तो उससे दो छोटे-छोटे तत्त्वों का निर्माण होता है, जिसके साथ-साथ अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमुक्त होती है। इस घटना को नाभिकीय विखण्डन कहते हैं, जैसे-जब यूरेनियम-235 जैसे बने तत्त्वों के नाभिक पर न्यूट्रॉन की बमबारी करने से उसके भारी नाभिक ही लगभग बराबर भागों में क्रमशः बेरियम-141 तथा क्रिप्टन-92 बनाते है साथ ही अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमुक्त्त होता है, इस घटना को नाभिकी विखण्डन कहते हैं।
92U235 + on1 → 92U235 → 56Ba141 + 36Kr92 + 30n1 + 200 Mev
नाभिक जो इस प्रकार टूटते हैं, वे विखण्डित नाभिक कहलाते हैं। यही परमाणु बम का सिद्धान्त है।
नाभिक के द्रव बूँद मॉडल नाभिकीय विखण्डन क्रिया की स्पष्ट जानकारी देता है। यूरेनियम-235 के एक विखण्डन में तीन न्यूट्रॉन विमुक्त होता है, जिससे नये विखंडन उत्पन्न होता है, तो यूरेनियम-235 न्यूकेलेइड अत्यधिक मात्रा में अधिक वेग से ऊर्जा विमुक्त करती है, जिसे नाभिकीय शृंखला प्रतिक्रिया कहते हैं। जब ये नियंत्रित नहीं होते हैं तो परमाणु बम हो जाते हैं किन्तु इन्हें नियंत्रित करने पर ये विद्युत उत्पन्न करते हैं।
7. नाभिकीय संलयन क्या है ? समझाएँ।
Ans. नाभिकीय संलयन- नाभिकीय संलयन वैसी घटना या प्रक्रिया है जिसमें दो हलके तत्त्व आपस में मिलकर एक नये तत्त्व बनाते हैं जिसके साथ-साथ अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमुक्त होती है। यह हाइड्रोजन बम का सिद्धान्त है। यह विश्वास किया जाता है कि सूर्य की ऊर्जा नाभिकीय संलयन
प्रक्रिया के कारण ही है।
सामान्यतया नाभिकीय संलयन प्रक्रिया संभव नहीं होती है। इस क्रिया के लिए अत्यधिक ताप की आवश्यकता होती है, जिस ताप पर न्यूकेलेइड का संलयन संभव होता है।
हाइड्रोजन बम में निम्नलिखित प्रतिक्रियाएँ होती हैं –
1H2 (ड्यूटेरियम) + 1H2 (ड्यूटेरियम) → 2He4(हीलियम) + 23.9 MeV
1H2 (ड्यूटेरियम) + 1H2 (ड्यूटेरियम) → 2He4 + (हीलियम) + 0n1 + 17.6 MeV
हाइड्रोजन बम परमाणु बम से बहुत ज्यादा विनाशकारी शक्तिवाला है।
8. भारी नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या प्रोटान से ज्यादा क्यों होती है ?
Ans. भारी नाभिक के स्थायित्व के लिए प्रोट्रॉनों के मध्य क्रियाशील प्रतिकर्षण बल को संतुलित करना आवश्यक होता है। इसलिए इस प्रतिकर्षण बल की क्षतिपूर्ति के लिए नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या प्रोटोन की संख्या से अधिक होती है जिससे नाभिक को अधिक नाभिकीय बल मिलता है।।
9. U238 का α-क्षय ऊर्जा की दृष्टि से संभव है तो क्यों नहीं सारे U238 एक साथ क्षय हो जाते हैं। इनका अर्द्धकाल ज्यादा क्यों है?
Ans. क्योंकि किसी भारी नाभिक (92U238) से α-कण का उत्सर्जन होता है जिसकी ऊर्जा लगभग 5.4MeV होती है। इस ऊर्जा के साथ α-कण विभव विरोध (26Mev) की ऊँचाई को पार नहीं कर पाता है। परन्तु रेडियो सक्रिय नाभिक द्वारा उत्सर्जित किसी भी 4-कण की ऊर्जा की मात्रा इतनी नहीं होती है।
फ पदार्थ की स्र्कियता ∞
अतः U238 की सक्रियता कम होने के कारण अर्द्धआयु काल अधिक होता है।
10. न्यूक्लियर रिएक्टर में भारी पानी को मंदक के रूप में क्यों प्रयोग किया जाता है ?
Ans. न्यूक्लियर रिएक्टर में विखण्डन अभिक्रिया से उत्सर्जित तीव्रगामी न्यूट्रॉन्स को धीमा करने के लिए मंदक के रूप में भारी जल का उपयोग किया जाता है। ताकि उत्सर्जित न्यूट्रॉन्स धीमे होने से पूर्व विखण्डन योग्य पदार्थ से पलायन कर जाए और श्रृंखला अभिक्रिया नियमित नहीं रह सके।
11. नाभिकीय समीकरण में किन संरक्षण नियमों का पालन किया जाता है ?
Ans. नाभिकीय समीकरण में द्रव्यमान – ऊर्जा संरक्षण नियमों का पालन किया जाता है।
(i) कुल आवेश संरक्षित रहता है।
(ii) न्यूक्लिऑनों की संख्या संरक्षित रहती है।
(iii) कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।
12. बंधक ऊर्जा क्या है ? समझावें बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन क्या है ?
Ans. बंधक ऊर्जा – नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन 10-4 मीटर के क्रम में छोटे स्थान में सीमित होते हैं। वैसी छोटी दूरी पर दो प्रोटॉनों के बीच एक-दूसरे पर अत्यधिक विकर्षण-बल लगता है। इसलिए नाभिक के बाँधने के लिए कुछ परिणामों में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसे नाभिक का बंधक ऊर्जा कहा जाता है।
प्रति न्यूक्लिऑन बंधक ऊर्जा – प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा वैसी औसत ऊर्जा है, जो नाभिक से एक न्यूक्लिऑन बाहर करने के लिए आवश्यक है। इसका मान न्यूक्लिऑनों की संख्या द्वारा बंधन ऊर्जा में भाग देने पर प्राप्त होता है।
∴ प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा =
13. रेडियोसक्रियता से आप क्या समझते हैं ? क्यूरी क्या है ?
Ans. रेडियोसक्रियता – जब किसी तत्त्वों या, यौगिकों में यों ही स्वतः कुछ विभेदित विकिरण उत्सर्जित होते रहते हैं, जो कि फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करते हैं, तो उस प्रकार की घटना रेडियोसक्रियता कहलाती है तथा जिस पदार्थ में यह घटना होती है, उसे रेडियोसक्रिय पदार्थ या, तत्त्व कहते हैं। जैसे-U, Po, Th इत्यादि।
हेनरी बेक्वेरल द्वारा 1895 ई० में सर्वप्रथम रेडियोसक्रियता का आविष्कार किया गया। फिर 1998 ई० में मैडम क्यूरी तथा स्मीडर द्वारा और फिर 1902 ई० में मैडम क्यूरी ने अपने पति पेरी क्युरी के साथ विशेष रूप से ‘Ra’ तथा ‘Po’ रेडियोसक्रिय तत्त्वों का आविष्कार किया। भारी तत्त्वों के परमाणु के विघटन में α, β तथा γ-किरणों के उत्सर्जन की घटना को रेडियोसक्रियता कहते हैं। किसी पदार्थ की रेडियोसक्रियता बाहरी तापक्रम एवं दाब पर प्रभावित नहीं होती है।
रेडियोसक्रियता की इकाई को क्यूरी कहते हैं।
14. रेडियोसक्रियता के नियमों को लिखें।
Ans. प्रथम नियम – रेडियोसक्रियता एक स्वतः घटनेवाली घटना है, जो कि भौतिक कारणों (अर्थात् तापमान, दाब) पर निर्भर नहीं करता है।
द्वितीय नियम – किसी रेडियोसक्रिय तत्व के विघटन में -कण या B कण उत्सर्जित हो सकते हैं, दोनों एक साथ नहीं।
तृतीया नियम – किसी रेडियोसक्रिय तत्त्व के विघटन होने वाले परमाणु की संख्या उस समय मौजूद परमाणु संख्या के सीधी समानुपाती होता है।