वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. एक इलेक्ट्रॉन V वेग से समरूप चुम्बकीय क्षेत्र B के समानान्तर चलता है, तो इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव किया गया महत्तम बल होगा
(A) BeV
(B) eV / B
(C) B / eV
(D) Zero
Answer ⇒ (A)
2. एक वोल्टमीटर का प्रतिरोध G ओम है तथा परास V वोल्ट है। इसकी परास को बढ़ाकर nV करने हेतु श्रेणीक्रम में आवश्यक प्रतिरोध होगा :
(A) nG
(B) (n – 1)G
(C) G / n
(D) G / n – 1
Answer ⇒ (B)
3. त्वरित आवेश उत्पन्न करती है :
(A) अल्फा किरणें
(B) गामा किरणें
(C) बीटा किरणें
(D) विद्युत चुम्बकीय तरंग
Answer ⇒ (D)
4. समान आवेश के 2 कण A तथा B समान विभवान्तर में त्वरित होने के बाद एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करके तथा R1 एवं R2 त्रिज्याओं के क्रमशः वृत्तीय मार्गों को बनाते हैं तो A एवं B द्रव्यमानों का अनुपात है।
(A) (RI/R2)½
(B) (RI/R2)
(C) (RI/R2)
(D) RIR2
Answer ⇒ (C)
5. 30°C पर आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। उसका पथ हो जाता है –
(A) वृत्ताकार
(B) हेलिकल
(C) दीर्घवृत्तीय
(D) सीधी रेखा
Answer ⇒ (B)
6. एक गैलवेनोमीटर की सुग्राहिता 60 भाग/ऐम्पियर है। यदि गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध 20Ω है तो व्यवहार किये शंट का मान होगा –
(A) 4Ω
(B) 5Ω
(C) 20Ω
(D) 20 / 7 Ω
Answer ⇒ (A)
7. जब किसी आम्मापी को शंट किया जाता है तो इसकी सीमा क्षेत्र –
(A) बढ़ती है
(B) घटती है कि पर
(C) स्थिर होती है।
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
8. 1 ऐम्पियर परिसर सीमा के एक आम्मापी के प्रतिरोध 0.9Ω है, जिसका परिसर 10 ऐम्पियर करने के लिए आवश्यक शंट होगा –
(A) 0.1Ω
(B) 0.01 Ω
(C) 0.9 Ω
(D) 1 Ω
Answer ⇒ (A)
9. दूरी r से पृथक् दो पतले लम्बे समानान्तर तारों में प्रत्येक में I धारा प्रवाहित है। प्रति इकाई लम्बाई के परिमाण के बल दूसरे के कारण एक तार द्वारा अनुभव होता है, जिसका मान होता है –
(A) μ0I2 / r2
(B) μ0I2 / 2πr
(C) μ0I / 2πr
(D) μ0I / 2πr2
Answer ⇒ (B)
10. विधुत धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज की थी –
(A) ऐम्पियर ने
(B) ऑस्ट्रेड ने
(C) फ्लेमिंग ने
(D) फैराडे ने
Answer ⇒ (B)
11. एक सीधे चालक में 10 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित है। यह 1.5 वेबर/मी०2 तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र से 30° का कोण बनाते हुए रखा है तो 1 मीटर लम्बाई के चालक पर बल लगेगा-
(A) 7.5 न्यूटन
(B) 15 न्यूटन
(C) 75 न्यूटन
(D) 150 न्यूटन
Answer ⇒ (A)
12. धारावाही वृत्तीय कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रहता है
(A) कुण्डली के तल में
(B) कुण्डली के तल के लम्बवत्
(C) कुण्डली के तल से 45° पर
(D) कुण्डली के तल से 180° पर
Answer ⇒ (B)
13. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है –
(A) सीधे धारावाही तार से
(B) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसके केन्द्र पर का
(C) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसकी अक्ष पर
(D) परिनालिका में धारा के प्रवाह से उसके भीतर
Answer ⇒ (D)
14. लॉरेन्ज बल का सूत्र है –
(A) = q
.
(B) = q
x
(C) F = q / νB
(D) F = νBsinθ / q
Answer ⇒ (B)
15. लॉरेन्ज बल की दिशा ज्ञात करने का नियम है
(A) फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम
(B) फ्लेमिंग का दाएँ हाथ का नियम विपरित
(C) मैक्सवेल का दाएँ हाथ का कार्क-स्क्रू नियम, कामको
(D) ऐम्पियर का तैरने का नियम
Answer ⇒ (A)
16. एक तार में विधुत धारा पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित हो रही है जो कि उत्तर की ओर दिष्ट चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है तो तार पर कार्यशील बल की दिशा होगी –
(A) पूर्व की ओर
(B) पश्चिम की ओर
(C) ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर
(D) ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर
Answer ⇒ (D)
17. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में I लम्बाई का एक चालक चुम्बकीय क्षेत्र की बल यो रेखाओं के समानान्तर रखा हुआ है। यदि चालक में I धारा I बहती है तो इस पर लगने वाला बल है –
(A) IBI
(B) IB / l
(C) शून्य
(D) Il / B
Answer ⇒ (C)
18. दो लम्बे सीधे तार में समान धारा I प्रवाहित है तथा दोनों के बीच की दूरी r है और एक दूसरे पर F बल लगाते हैं। यदि धारा को 2I बढ़ा दिया जाता है तथा दोनों के बीच की दूरी कम करके r / 2 कर दी जाती है तो बल का मान होगा –
(A) 8F
(B) 2F
(C) F / 2
(D) F / 8
Answer ⇒ (A)
19. चल कुण्डली धारामापी में कुण्डली के मध्य नरम लोहे की क्रोड रखते है ताकि –
(A) चुम्बकीय क्षेत्र समरूप हो जाए
(B) चुम्बकीय क्षेत्र का मान प्रबल एवं त्रैज्य हो
(C) चुम्बकीय क्षेत्र केवल त्रैज्य हो
(D) कुण्डली का प्रतिरोध शून्य हो।
Answer ⇒ (B)
20. दो कुण्डली इस प्रकार रखे गये हैं कि उनके तल एक-दूसरे के समकोणिक और एक ही केन्द्र हैं। यदि प्रत्येक कुण्डली में समान धारा प्रवाहित है और समान चुम्बकीय क्षेत्र B उत्पन्न होता है तो परिणामी क्षेत्र होगा –
(A) 2B
(B) √¯2B
(C) B / √¯2
(D) शून्य
Answer ⇒ (B)
21. r त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में I धारा प्रवाहित है, जिसे एक चुम्बकीय क्षेत्र B में रखा है तो तार पर बल होगा –
(A) BI r
(B) πBIr
(C) 2πBIr
(D) शून्य
Answer ⇒ (D)
22. समरूप वेग से चलायमान आवेश उत्पन्न करता है –
(A) केवल विद्युतीय क्षेत्र
(B) केवल चुम्बकीय क्षेत्र
(C) विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
23. ऋजु धारा की चुम्बकीय बल रेखाएँ होती हैं
(A) धारा के चारों ओर वृत्तीय
(B) धारा के समान्तर तथा सरल रेखीय
(C) धारा के अभिलम्बवत् तथा सरल रेखीय
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
24. शंट के प्रयोग में धारामापी की सुग्राहिता –
(A) घट जाती है
(B) बढ़ जाती है
(C) अपरिवर्तित रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
25. G प्रतिरोध के किसी गैल्वेनोमीटर से जब मुख्य धारा की 1 / n गुनी धारा भेजनी रहती है तब उसके लिए शंट का उपयोग किया जाता है, उसका प्रतिरोध –
(A) nG
(B) G / n
(C) (n – 1)G
(D) G / (n – 1)
Answer ⇒ (D)
26. एक सीधे धारावाही तार के गिर्द चुम्बकीय क्षेत्र B का रेखीय समाकलन होगा
(A) μ०i
(B) μ० / i
(C) i / μ०
(D) μ2०i
Answer ⇒ (A)
27. गैल्वेनोमीटर को वोल्टमीटर में परिवर्तित करने के लिए हमें क्या परिवर्तित करना चाहिए ?
(A) कम प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर से श्रेणी क्रम जोड़ना
(B) उच्च प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर
(C) कम प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर जोड़ना चाहिए
(D) उच्च प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर जोड़ना चाहिए
Answer ⇒ (D)
28. दो समांतर धारावाही तारों की आपसी दूरी 3cm तथा धाराएं 2i एवं i हैं । बिन्दु P पर चुम्बकीय प्रेरण शून्य है। बाईं तार से P की दूरी है
(A) 1 cm
(B) 2 cm
(C) 1.5 cm
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
29. एक आदर्श परिनालिका की धारा दुगुनी कर देने पर इसके अंदर चुम्बकीय प्रेरण सदिश का परिमाण –
(A) दुगुना हो जाएगा
(B) समान रहेगा
(C) आधा रह जाएगा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
30. यदि एक आदर्श परिनालिका को इसकी लंबाई के लम्बवत् तल से काट दिया जाय तो इसके अक्ष पर छोर पर चुम्बकीय प्रेरण होगा –
(A) μoni
(B) 2μ०ni
(C) 1/2μ०ni
(D) 4μ०ni
Answer ⇒ (C)
31. एक आमीटर का प्रतिरोध R है तथा मापन-सीमा I है। इसका मापन परास n गुना बढ़ाने के लिए समानांतर क्रम में जोड़े जाने वाले प्रतिरोध का मान है –
(A) nR
(B) (n – 1)R
(C) R / n
(D) R / n – 1
Answer ⇒ (D)
32. एक तार द्वारा एक बार वर्ग तथा दूसरी बात वृत्त बनाया जाता है। इनके केन्द्रों पर चुम्बकीय प्रेरण क्रमशः B1 तथा B2 हैं। तब B1 : B2 होगा
(A) 2√‾2 : π2
(B) 2√¯2 : π
(C) 1 : 2
(D) 2 : 1
Answer ⇒ (B)
33. जब किसी ऐमीटर को शंट किया जाता है तो इसकी माप सीमा –
(A) बढ़ती है ।
(B) घटती है
(C) स्थिर रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
34. क्षेत्रफल A के वृत्ताकार लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B है। लूप का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
Answer ⇒ (D)
35. गैल्वेनोमीटर को वोल्टमीटर बनाने में जरूरत है –
(A) उच्च प्रतिरोध का
(B) निम्न प्रतिरोध का
(C) संधारित्र का
(D) प्ररण कुंडली का
Answer ⇒ (A)
36. दो गतिशील आवेशों के बीच लगता है –
(A) केवल कूलम्ब बल
(B) चुम्बकीय बल भी
(C) नाभिकीय बल
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
37. एक वृत्ताकार कुण्डली में 100 फेरे हैं जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या 8.0 cm तथा प्रवाहित धारा 0.40 A है। कुण्डली के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र (प्रेरण) का परिमाण है
(A) 3.1 x 10-4 T
(B) 3.14 x 10-4 T
(C) 3.1415 x 10-4 T
(D) 3.14159 x 10-4 T
Answer ⇒ (A)
38. व्योमस्थ खींचे क्षैतिज बिजली के तार में 90A की विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम अशा प्रवाहित हो रही है। तार से 1.5m नीचे स्थित बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण है
(A) 1.2 x 10-5 T
(B) 1.24 x 10-5 T
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
39. धनात्मक दिशा में B= 3000G का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र लगाया गया है। एक आयताकार धारावाही लूप की विभिन्न स्थितियों में स्थायी संतुलन की स्थिति है –
Answer ⇒ (C)
40. चुम्बकीय क्षेत्र की विमा है –
(A) I-1 ML०T-2
(B) I०MLT-2
(C) IMLT-1
(D) IM-1L-1T-2
Answer ⇒ (A)
41. किसी आवेशित कण को चुंबकीय क्षेत्र रेखा के अनुदिश गति दी जाती है। कण पर कार्यकारी बल होगा
(A) वेग की दिशा में रवि
(B) वेग की दिशा के विपरीत
(C) वेग की दिशा के लंबवत
(D) शून्य
Answer ⇒ (D)
42. क्षेत्रफल A वाले एक वृत्ताकार लूप के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र B है। लूप का चुंबकीय आघूर्ण होगा
Answer ⇒ (C)
43. एक आवेशित कण को विराम से एकसमान चुंबकीय और विद्युतीय क्षेत्र में, जो एक-दूसरे के समांतर हैं, छोड़ा जाता है। कण की गति होगी
(A) सरल रेखा में
(B) वृत्त में
(C) हेलिक्स (helix) में
(D) साइक्लॉयड (cycloid) में
Answer ⇒ (A)
44. चुम्बकीय क्षेत्र (या चुम्बकीय प्रेरण) का S.I. मात्रक है –
(A) टेसला (T)
(B) वेबर (Wb)
(C) हेनेरी (H)
(D) फैराड (F)
Answer ⇒ (A)
45. चुम्बकीय क्षेत्र या चुम्बकीय प्रेरण की विमा है –
(A) [A-1ML०T-2]
(B) [A०MLT-2]
(C) [AM-1LT-2]
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
46. लम्बे सीधे चालक से I ऐम्पियर धारा प्रवाहित होने से इससे r दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र होता है –
(A) 2μ०I / 4πr
(B) μ०I / 4πr
(C) 1 / 4πμ० . I / r
(D) 4πr / 3μ०I
Answer ⇒ (A)
47. n समान फेरोंवाली तथा त्रिज्या r की एक वृत्ताकार धारावाही कुण्डली में धारा I स्थापित है, तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है –
(A) In / 2μ०r
(B) 2μ०I / 4πr
(C) μ०2I / r
(D) μ०nI / 2r
Answer ⇒ (D)
48. r त्रिज्या और n फेरों वाली किसी वृत्ताकार कुण्डली जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही है, उसके केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण समानुपाती होता है –
(A) I और r
(B) n और r
(C) I और 1/ r
(D) I और 1/n
Answer ⇒ (C)
49. एक 5T वाला चुम्बकीय क्षेत्र बराबर होगा –
(A) 5 -Wb / m2
(B) 5 x 105 Wb / m2
(C) 5 x 10-2 Wb / m2
(D) 5 x 102
Answer ⇒ (A)
50. विधुत धारा व्यक्त करने वाली एक सीधे तार के समीप किसी बिन्दु पर चुम्बकीय-क्षेत्र अनुक्रमानुपाती होता है –
(A) तार से बिन्दु की दूरी के
(B) तार से बिन्दु की दूरी के वर्ग के
(C) दूरी के व्युत्क्रम के
(D) दूरी पर वर्ग के व्युत्क्रम के
Answer ⇒ (C)
51. दो समांतर तारों में विपरीत दिशाओं में धाराएँ प्रवाहित होती हैं। वे
(A) एक-दूसरे को विकर्षित करते हैं
(B) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं
(C) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगते हैं
(D) एक-दूसरे की धाराओं को नष्ट करते हैं
Answer ⇒ (A)
52. बॉयो सावर्त नियम का गणितीय रूप है
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
53. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर के बनाने का सिद्धान्त है –
(A) धारा का चुम्बक पर प्रभाव
(B) धारा का ऊष्मीय प्रभाव
(C) धारा का रासायनिक प्रभाव
(D) चुम्बक का धारा पर प्रभाव
Answer ⇒ (D)
54. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर में प्राप्त धारा का मान समानुपाती है –
(A) विक्षेप θ के
(B) प्रतिरोध R के
(C) चुम्बकीय क्षेत्र B के
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
55. सामान्य संकेतों में चल कुण्डली गैलवेनोमीटर का सुग्राहित का मान होता है –
(A) C/NBA
(B) NBA/C
(C) N2BA/C
(D) C2/NBA
Answer ⇒ (B)
56. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर की सुग्राहिता बढ़ायी जा सकती है –
(A) कुण्डली में फेरों की संख्या घटाकर
(B) चुम्बकीय फ्लक्स को बढ़ाकर
(C) कुण्डली के क्षेत्रफल को घटाकर
(D) प्रति एकांक एठन को बढ़ाकर
Answer ⇒ (B)
57. गैलवेनोमीटर में शंट का व्यवहार किया जाता है –
(A) उसकी सुग्राहिता बढ़ाने के लिए
(B) उसका प्रतिरोध बढ़ाने के लिए
(C) विधुत-धारा के कारण उसे टूटने से बचाने के लिए
(D) उपर्युक्त में कोई भी नहीं ।
Answer ⇒ (C)
58. जब G प्रतिरोध वाले गैलवेनोमीटर को एक शंट S के समानांतर जोड़ा जाता है तो परिपथ के प्रतिरोध में होने वाली कमी होती है –
(A) G – S
(B) G2/S + G
(C) G + S
(D) G + 2S
Answer ⇒ (B)
59. G प्रतिरोध वाले गैलवेनोमीटर के समानांतर में S प्रतिरोध का शंट लगा हो, तब शंट से प्रवाहित धारा होती है –
(A) G/S + G I
(B) S + G I
(C) शून्य
(D) अनंत
Answer ⇒ (A)
60. गैलवेनोमीटर से प्रवाहित धारा होती है –
(A) G/S + G I
(B) S/S + G I
(C) शून्य
(D) अनंत
Answer ⇒ (B)
61. एक गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध G है। गैलवेनोमीटर से मुख्य धारा का 1% ( या मुख्य धारा का 1/100) प्रवाहित होगा –
(A) G/100
(B) G/99
(C) G/90
(D) 99G/100
Answer ⇒ (B)
62. एक गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध G है। इसमें S ओम का शंट लगाया जाता है। इसके श्रेणी में कितना प्रतिरोध जोड़ा जाय की मुख्य परिपथ में धारा का मान अपरिवर्तित रहती है ?
(A) S/G + S
(B) G/S + G
(C) G2/G + S
(D) SG/G + S
Answer ⇒ (C)
63. एक गैलवेनोमीटर को आमीटर में बदलने के लिए जोड़ा जाता है –
(A) समानांतर में निम्न प्रतिरोध
(B) श्रेणी में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
Answer ⇒ (A)
64. एक गैलवेनोमीटर को वोल्टमीटर में परिवर्तित किया जा सकता है –
(A) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
(B) श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर क्रम में उच्च प्रतिरोध
Answer ⇒ (B)
65. एक वोल्टमीटर को आमीटर में बदला जा सकता है –
(A) इसके समानांतर में उच्च प्रतिरोध को जोड़कर
(B) इसके श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध को जोड़कर
(C) इसके समानांतर क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोड़कर
(D) इसके श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोड़कर
Answer ⇒ (C)
66. एक आदर्श आमीटर का प्रतिरोध होता है –
(A) कम
(B) अधिक
(C) अनंत
(D) शून्य
Answer ⇒ (D)
67. एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध होता है –
(A) कम
(B) अधिक
(C) अनंत
(D) शून्य
Answer ⇒ (C)
68. एक वोल्टमीटर प्रतिरोध R ओम एवं V वोल्ट है। इसका मापन परास n गुना बढ़ाने के लिए इसके श्रेणी में जोड़े जाने वाले प्रतिरोध का मान है –
(A) nR
(B) (n – 1)R
(C) R/n
(D) R/n – 1
Answer ⇒ (B)
69. चुम्बकीय बल क्षेत्र का S.I. मात्रक होता है
(A) वेबर
(B) टेसला
(C) गॉस
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
70. किसी ऊर्ध्वाधर तार में विद्युत धारा का प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर हो रहा है। यदि किसी इलेक्ट्रॉन पुंज को क्षैतिजतः तार की ओर भेजा जाय तो उसमें विक्षेप होगा –
(A) दाहिनी तरफ
(B) ऊपर की ओर
(C) नीचे की ओर
(D) बायीं तरफ
Answer ⇒ (B)
71. एक आवेश ‘q’ विद्युत क्षेत्र ‘E’ तथा चुम्बकीय क्षेत्र ‘B’ की संयुक्त उपस्थिति में गतिमान हो, तो उस पर लगने वाला बल होगा –
(A) q ( x
)
(B) q
(C) q { + (
x
) }
(D) q { + (
x
) }
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. समानांतर धाराओं के बीच लगते हुए आकर्षण बल से ऐम्पियर की परिभाषा दें।
Ans ⇒ यदि दो समानांतर धाराएँ I1 तथा I2 प्रवाहित हैं, जिनके बीच की दूरी r है, तो तार के प्रति मीटर लम्बाई पर लगने वाला आकर्षण बल, न्यूटन/मीटर (निर्वात) है।
यदि, I1 = I2 = I, r = 1 मीटर
तथा, F = 2 x 10-7 न्यूटन/मीटर
माना जाए तो हम पाते हैं कि
अतः यदि दो समानांतर धारावाही तार निर्वात में एक मीटर की दूरी पर रखे जाएँ जिनसे समान प्रबलता की इतनी धारा प्रवाहित की जाए कि तार के प्रति मीटर लम्बाई पर 2 x 10-7 न्यूटन का बल लगे, तो प्रत्येक तार से प्रवाहित धारा का मान एक ऐम्पियर कहलाता है।
2. धारा सुग्राहिता से आप क्या समझते हैं ? किसी चलकुण्डली गैलवेनोमापी की सुग्राहिता किन तथ्यों पर निर्भर करती है ?
Ans ⇒ धारा सुग्राहिता – एक माइक्रो-ऐम्पियर की धारा द्वारा एक मीटर दूर स्थित स्केल पर उत्पन्न मिलीमीटर में जितना विक्षेप होता है, उसे धारा सुग्राहित कहते हैं।
चलकुण्डली गैलवेनोमापी की सुग्राहिता – हम जानते हैं कि i = Kθ = किसी दिये गये धारा के लिए जितना अधिक विक्षेप होगा, उतना ही कम परिवर्तन गुणांक
का मान होगा। अतः गैलवेनोमापी की सुग्राहिता परिवर्तन गुणांक के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अतः धारा सुग्राहिता
जहाँ n कुण्डली में लपेटों की संख्याएँ A कुण्डली का क्षेत्रफल, H चुम्बकीय क्षेत्र तथा C उत्पन्न बलयुग्म है।
इस प्रकार, सुग्राहिता निम्न तथ्यों पर आधारित है –
(i) सुग्राहिता लपेटों की संख्या, कुण्डली का क्षेत्रफल तथा चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के समानुपाती होती है।
(ii) सुग्राहिता प्रति इकाई परोड़ के ऐंठन बल आघूर्ण अर्थात् बल-युग्म C के व्युत्क्रमानुपाती होती है, जहाँ जिसमे η फास्फर ब्रॉज की दृढ़ता गुणांक, r फास्फर ब्रॉज तार की त्रिज्या तथा 1 फास्फर ब्रौंज तार की लम्बाई है।
उपर्युक्त सभी तथ्य सुग्राहिता के अत्यधिक होने की पुष्टि करता है। इसीलिए निलम्बित चल कुण्डली गैलवेनोमापी अत्यधिक सुग्राही है।
3. गैल्वेनोमापी को आम्मापी में कैसे बदला जाता है ?
Ans ⇒ गैल्वेनोमापी के समानान्तर क्रम में बहुत कम प्रतिरोध के एक मोटे तार को शंट के रूप में जोड़कर आम्मापी के रूप में व्यवहार किया जा सकता है। फिर एक मानक यंत्र से मिलाकर गैल्वेनोमापी के स्केल को ऐम्पियर में अंशांकित कर लिया जाता है।
4. गैल्वेनोमापी को वोल्टमापी में कैसे बदला जाता है ?
Ans ⇒ गैल्वेनोमापी के श्रेणीक्रम में बाह्य रूप से उपयुक्त उच्च प्रतिरोध जोड़कर वोल्टमापी के रूप में व्यवहार किया जाता है। फिर एक मानक यत्र से मिलाकर गैल्वेनोमापी के स्केल को वोल्ट में अशांकित कर लिया जाता है।
5. ऐम्पियर का परिपथीय नियम की व्याख्या कीजिए।
Ans ⇒ ऐम्पियर के परिपथीय नियम के अनुसार किसी बन्द परिपथ के लिए चुम्बकीय क्षेत्र का रेखीय समाकलन, उस परिपथ से गुजरने वाली धारा और μ0 के गुणनफल के बराबर होता है। गणितीय रूप में इसे निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
∮B.dl = μ0I
यह बन्द पथ या परिपथ के आकार या आकृति पर निर्भर नहीं करता है।
इसको समझने के लिए अनन्त लम्बाई का एक धारावाही चालक लीजिए, जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही हो। r त्रिज्या का एक वृत्ताकर लूप लीजिए। हम जानते हैं कि तार के चारों तरफ वृत्ताकार चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ होती हैं। इस प्रकार लूप के प्रत्येक बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र dl के समान्तर होता है। B का परिमाण भी लूप के प्रत्येक बिन्दु पर समान होता है।
∮ B.dl = B∑dl (∵ θ = 0)
अब वृत्ताकार लूप के अनुदिश ∑B.dl = B.2πr परन्तु बायो-सेवार्ट नियम के अनुसार
इस प्रकार बायो-सेवार्ट के नियम से ऐम्पियर के नियम को व्युत्पन्न किया गया है।
परन्तु dl = rd
चित्र में ऐसे ही एक बन्द लूप को दिखाया गया है। तार बिन्दु O से होकर गुजरता है। बन्द लूप को अनेक छोटे-छोटे अवयवों dl में बाँट कर,
∑B.dl = B∑dl
चूँकि प्रत्येक छोटे अवयव के लिए, B dl के समान्तर है।
चूंकि पूरे लूप के लिए केन्द्र पर ∑dθ = 2π
यह नियम धारा के किसी भी संयोजन तथा किसी भी बन्द परिपथ के लिए लागू होता है।
6. चुम्बकीय द्विध्रुव से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ चुम्बकीय द्विध्रुव-एक-दूसरे से बहुत कम दूरी पर स्थित बराबर परिमाण के विपरीत ध्रुवों के संयोग को चुम्बकीय द्विध्रुव कहते हैं। छोटे (अत्यल्प) छड़ चुम्बक को चुम्बकीय द्विध्रुव कहा जा सकता है।
वैसी सभी संरचनाएँ जिसे किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखने से बल-युग्म का अनुभव करता है, जिससे वह क्षेत्र की दिशा में संरेखित होने की प्रवृति रखती है, चुम्बकीय द्विध्रुव कहलाते हैं। चुम्बकीय द्विध्रुव की चुम्बकीय लम्बाई अत्यल्प होती है क्योंकि इसके ध्रुवों को अलग नहीं किया जा सकता है। वास्तव में चुम्बकीय द्विध्रुव एक धारा लूप भी होता है।
7. चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा चुम्बकीय बल क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव पर लगने वाले यांत्रिक आघूर्ण के आधार पर करें।
Ans ⇒ चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण – किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित धारा-लूप (चुम्बकीय द्विध्रुव) पर लगने वाले बल-युग्म की तुलना विद्युतीय क्षेत्र में स्थित विद्युतीय द्विध्रुव पर लगने वाले बल-युग्म से की जाती है। हम जानते हैं कि चुम्बकीय क्षेत्र B में क्षेत्रफल A की धारा लूप पर लगने वाला बल आघूर्ण τ = iABsinθ जहाँ θ क्षेत्र की दिशा तथा लूप-तल के अभिलम्ब के बीच का कोण है। एक लूप के स्थान पर N लूपों से बनी धारावाही कुण्डली होने पर कार्यकारी बल-आघूर्ण τ = pEsinθ.
किसी विद्युतीय क्षेत्र E में क्षेत्र की दिशा से θ कोण पर स्थित किसी विद्युतीय द्विध्रुव पर कार्यकारी बल-आघूर्ण τ = pEsinθ.
जहाँ p विद्युतीय द्विध्रुव आघूर्ण है। समीकरण (i) तथा (ii) से स्पष्ट है कि राशि NiA = p, इसे चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे M द्वारा सूचित किया जाता है।
अतः किसी चुम्बकीय द्विध्रुव का चुम्बकीय आघूर्ण वह बल-आघूर्ण है तो इस द्विध्रुव को इकाई तथा समान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् रखने पर द्विध्रुव पर लगता है।
चुम्बकीय द्विध्रुव का मात्रक ऐम्पियर-मीटर² है तथा विमा सूत्र [IL²] है।
8. चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाने के लिए किये गये कार्य का व्यंजक प्राप्त करें।
Ans ⇒ चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाने के लिए किये गये कार्य का व्यंजक – चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित प्रत्येक चुम्बकीय द्विध्रुव पर एक बल-युग्म कार्य करता है जो कि द्विध्रुव को क्षेत्र की दिशा से संरेखित करने का प्रयत्न करता है। अतः द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से घुमाने के लिए कार्य करना पड़ता है।
माना कि किसी क्षण चुम्बकीय क्षेत्र B में स्थित चुम्बकीय द्विध्रुव क्षेत्र की दिशा से ए कोण बनाता है, तो इस पर लगने वाला बल-युग्म का आघूर्ण = MBsinθ, इस स्थिति में, द्विध्रुव को dθ कोण से विस्थापित करने के लिए आवश्यक कार्य dw = बल युग्म का आघूर्ण x विस्थापित कोण = MB sinθ x dθ
अतः चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से θ कोण घुमाने में किया गया कुल कार्य,
विशेष स्थिति : (a) चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से 180° घुमा देने पर किया गया कार्य,
w = MB (1 – cos180°) = MB[1 – (-1)] = 2MB है।
(b) चुम्बकीय द्विध्रुव को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से 90° घुमाने पर किया कार्य,
W = MB (1 – cos 90°) = MB (1 – 0) = MB है।
9. (a) किसी प्रकोष्ठ में एक ऐसा चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किया गया है जिसका परिणाम तो एक बिंदु पर बदलता है, पर दिशा निश्चित है पूर्व से पश्चिमी इस प्रकोष्ठ में एक आवेशित कण प्रवेश करता है। और अविचलित एक सरल रेखा में अचर वेग से चलता रहता है। आप कण के प्रारंभिक वेग के बारे में क्या कह सकते हैं ?
(b) एक आवेशित कण, एक ऐसे शक्तिशाली असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका परिमाण एवं दिशा दोनों एक बिंदु स दूसरे बिंदु पर बदलते जाते हैं, और एक जटिल पथ पर चलते हुए इसके बाहर आ जाता है। यदि यह मान लें कि चुम्बकीय क्षेत्र इसका किसी भी दूसरे कण से कोई संघट्ट नहीं होता तो क्या इसकी अंतिम चाल, प्रारंभिक चाल के बराबर होगी?
(c) पश्चिम से पूर्व की ओर चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे प्रकोष्ठ में प्रवेश करता है जिसमें उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एक समान वैधुत क्षेत्र है। वह दिशा बताइए जिसमें एक समान चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किया जाए ताकि इलेक्ट्रॉन को अपने सरल रेखीय पथ से विचलित होने से रोका जा सके।
Ans ⇒ (a) आवेशित कण का प्रारंभिक वेग की दिशा या तो चुम्बकीय क्षेत्र के समांतर या विपरीत दिशा में होता है क्योंकि अन्य दूसरे दिशा में इस क्रियाशील बल होगा जो कण की दिशा को बदलता है।
(b) चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा आवेशित गतिशील कण पर बल उसके गति के लंबवत होता है और चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा कार्य नहीं किया जाता है। अतः आवेशित कण का प्रारंभिक चरण अंतिम चाल के बराबर होगा यदि कण का किसी दूसरे कण से टक्कर न हो।
(c) विद्युत क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन उत्तर की ओर विक्षेपित होता है। इलेक्ट्रॉन अविक्षेपित रहेगा यदि चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल दक्षिण की ओर हो। चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल दक्षिण की ओर हो। चूंकि इलेक्ट्रॉन पश्चिम से पूर्व की ओर गतिशील है अतः फ्लेमिंग के बायीं हाथ के नियम से चुम्बकीय क्षेत्र B उदग्र रूप से नीचे की ओर आरोपित होना चाहिए।
10. चल कुंडली गैल्वेनोमीटर में रेखीय चुंबकीय क्षेत्र का क्या महत्व है ?
Ans ⇒ विद्युत क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन उत्तर की ओर विक्षेपित होता है। इलेक्ट्रॉन अविक्षेपित रहेगा यदि चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल दक्षिण की ओर हो। चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल दक्षिण की ओर हो। चूँकि इलेक्ट्रॉन पश्चिम से पूर्व की ओर गतिशील है अतः फ्लेमिंग के बायीं हाथ के नियम से चुम्बकीय क्षेत्र उदग्र रूप से नीचे की ओर आरोपित होना चाहिए।
11. विद्युत चुम्बक तथा स्थायी चुम्बक के बीच दो अंतर लिखें।
Ans ⇒ विद्युत चुम्बक तथा स्थायी चुम्बक के बीच निम्नलिखित अंतर है –
S.L. | विद्युत चुम्बक | स्थायी चुम्बक |
(i) | यह अस्थायी प्रकृति का होता है। | यह स्थायी प्रकृति का होता है। |
(ii) | इसकी चुम्बकीय दिशा परिवर्तित हो सकती है। | इसकी चुम्बकीय दिशा परिवर्तित नहीं हो सकती है। |
12. एक धारावाही वृत्ताकार लूप एक चिकने क्षैतिज तल पर रखा है। क्या एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र इस प्रकार लगाया जा सकता है कि लूप अपनी ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों तरफ घूमने लगे।
Ans ⇒ नहीं। लूप को स्वयं के प्रति घूमाने के लिए चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित नहीं हो सकता है क्योंकि इसके लिए उदग्र दिशा में आघूर्ण की आवश्यकता होती है।
किन्तु = l
x
चूँकि क्षैतिज लूप का
उदग्र दिशा में होता है। अत: τ लूप के तल में होना चाहिए।
13. क्या गतिशील आवेश पर चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा कार्य किया जाता है ?
Ans ⇒ चुम्बकीय क्षेत्र में
वेग से गतिशील आवेश q पर क्रियाशील बल
m = q(
x
)
m की दिशा आवेश के वेग के लम्बवत हैं।
चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा किया गया कार्य W = .
cos90 = 0 चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा गतिशील आवेश पर किया गया कार्य = O.
14. गॉस के नियम और एम्पियर के नियम की तुलना करें।
Ans ⇒ गॉस के नियम से
ऐम्पियर के नियम से
अतः वि. क्षेत्र E के सतह समाकलन को आवेश से सम्बन्ध बताने वाला नियम गॉस नियम है। ऐम्पियर नियम चुम्बकीय क्षेत्र के रेखा समाकलन और धारा को संबंधित करता है।
15. एक धारावाही वृत्ताकार लूप एक समान बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। यदि लूप घूमने के लिए स्वतंत्र हो तो इसके स्थायी संतुलन का दिक विन्यास क्या होगा ? दर्शाइए कि इसमें कुल क्षेत्र (बाह्य क्षेत्र + लूप द्वारा उत्पन्न क्षेत्र) का फ्लक्स अधिकतम होगा।
Ans ⇒ लूप का सदिश क्षेत्रफल और बाह्य क्षेत्र की दिशा समान होने पर लूप स्थायी संतुलन में होता है। अतः ऐसी स्थिति में चुम्बकीय फ्लक्स महत्तम होगा।
16. समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत गतिशील आवेशित कण लेड में प्रवेश करता है और इस प्रकार अपना आधा गतिज ऊर्जा क्षय करता है। आवेशित कण के गति पथ का त्रिज्या बदलकर कितना होता है ?
Ans ⇒ चुम्बकीय क्षेत्र B में V वेग से गतिशील आवेश q के पथ का
त्रिज्या r = mv/qB
यदि आवेशित कण की गतिज ऊर्जा E हो तो
गतिज ऊर्जा आधा होने पर त्रिज्या घटकर प्रारंभिक त्रिज्या का 1/√2 गुना हो जाता है।
17. इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन समान विभवांतर के द्वारा त्वरित होता है और समरूप लम्बवत चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। प्रोटान के पथ की त्रिज्या इलेक्ट्रान के पथ के त्रिज्या से कितना बड़ा होता है ?
Ans ⇒ चूँकि इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन पर समान परिमाण में आवेश होता है तथा दोनों समान विभवांतर में त्वरित होता है। इसलिए दोनों के द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा समान होगा।
अर्थात् Ee = Ep = E (माना)