प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन
महत्वपूर्ण तथ्य—
*प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम है।
*निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होती है। निर्वात के बाद हवा में प्रकाश की चाल अधिकतम होती है।
*अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहा जाता है।
*आवर्धन का ऋणात्मक मान यह बताता है कि प्रतिबिम्ब दर्पण की अपेक्षा उल्टा है।
*किसी वास्तविक वस्तु का आभासी प्रतिबिंब समतल दर्पण में बनता है।
*जल, काँच, प्लास्टिक लेंस के लिए प्रयोग किए जात हैं, लेकिन मिट्टी लेंस के लिए प्रयोग नहीं किए जाते हैं।
*उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है।
*अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।
*किसी लेंस की आवर्धन का S.I मात्रक मात्रक विहीन होती है।
*लेंसों में मुख्य फोकस की संख्या दो होती है।
*निर्गत किरण एवं अभिलंब के बीच के कोण को निर्गत कोण कहते हैं।
*हीरा का अपवर्तनांक वायु, बर्फ और काँच की तुलना में सर्वाधिक होता है।
*उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस कहते हैं।
*लेंस की क्षमता का मात्रक डाइऑप्टर होता है।
प्रकाश– प्रकाश वह कारक है जिसकी सहायता से हम वस्तुओं को देखते हैं।
प्रकाश–स्त्रोत– जिस वस्तु से प्रकाश निकलता है, उसे प्रकाश स्त्रोत कहा जाता है। जैसे- सूर्य, तारे, बिजली का जलता हुआ बल्ब, मोमबत्ति, लैंप, लालटेन, दीया आदि।
प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है।
प्रदीप्त वस्तुएँ– वे वस्तुएँ, जो प्रकाश उत्सर्जित करती है, उसे प्रदीप्त वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- सूर्य, बिजली का जलता बल्ब, जलती मोमबत्ति आदि।
अप्रदीप्त वस्तुएँ– वे वस्तुएँ जो प्रकाश उत्सर्जित नहीं करती है, उसे अप्रदीप्त वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- टेबुल, कुर्सी, पुस्तक, पौधे आदि।
प्रकाश का किरणपुंज– किरणों के समुह को प्रकाश का किरणपुंज कहते है।
प्रकाश का किरणपुंज मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
1.अपसारी किरणपुंज
2. समांतर किरणपुंज
3. अभिसारी किरणपुंज
1. अपसारी किरणपुंज– जब प्रकाश की किरणें एक बिंदु-स्त्रोत से निकलकर फैलती चली जाती है, तो इस प्रकार के किरणपुंज को अपसारी किरणपुंज कहते हैं।
2. समांतर किरणपुंज– जब प्रकाश की किरणें एक दूसरे के समांतर होती है, तो इस प्रकार के किरणपुंज को समांतर किरणपुंज कहते हैं।
पारदर्शी पदार्थ– वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं। जैसे- काँच, पानी, हवा आदि।
पारभाषा पदार्थ– वे पदार्थ जो उनपर पड़नेवाले प्रकाश के एक छोटे से भाग को ही अपने में से होकर जाने देते हैं, पारभाषी पदार्थ कहलाते हैं। जैसे- घिसा हुआ काँच, तेल लगा कागज, रक्त, दूध, चर्म, आँख की पलक आदि।
अपारदर्शी पदार्थ– वे पदार्थ जो प्रकाश को अपने में से होकर नहीं जाने देते, अपारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं। जैसे- लकड़ी, लोहा, पत्थर, अलकतरा, पेंट, धातु की पलेट आदि।
प्रकाश का परावर्तन– प्रकाश के किसी वस्तु से टकराकर लौटने को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
किरण–आरेख– प्रकाश की किरणों का पथ दर्शानेवाले चित्रों को किरण-आरेख कहा जाता है।
आपतित किरण– किसी सतह पर पड़ने वाली किरण को आपतित किरण कहते हैं। चित्र में AO आपतित किरण है।
परावर्तित किरण– जिस माध्यम में चलकर आपतित किरण सतह पर आती है उसी माध्यम में लौट गई किरण को परावर्तित किरण कहते हैं। चित्र में OB परावर्तित किरण है।
आपतन बिंदु– जिस बिंदु पर आपतित किरण सतह से टकराती है, उसे आपतन बिंदु कहते हैं। चित्र में O आपतन बिंदु है।
अभिलंब– किसी समतल सतह के किसी बिंदु पर खींचे हुए लंब को उस बिंदु पर अभिलंब कहते हैं। चित्र में ON अभिलंब है।
आपतन कोण– आपतित किरण, आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है, उसे आपतन कोण कहते हैं। चित्र में
∠NOA = i = आपतनकोण
परावर्तन कोण– परावर्तित किरण, आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है, उसे परावर्तन कोण कहते हैं। चित्र में
∠NOB = r = परावर्तन कोण
प्रकाश के परावर्तन के निम्नलिखित दो नियम है—
1. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं।
2. आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है।
समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेवाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद उसी पथ पर वापस लौट जाती है।
प्रतिबिंब– किसी बिन्दु-स्त्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या जिस बिंदु से आती हुई प्रतित होती है, उसे उस बिंदु-स्त्रोत का प्रतिबिंब कहते हैं।
प्रतिबिंब दो प्रकार के होते हैं-
(1) वास्तविक प्रतिबिंब
(2) आभासी प्रतिबिंब
(1) वास्तविक प्रतिबिंब– किसी बिंदु-स्त्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर वास्तव में मिलती है, उसे उस बिंदु-स्त्रोत का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं।
(2) आभासी प्रतिबिंब– किसी बिंदु-स्त्रोत से आती प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं, उसे उस बिंदु-स्त्रोत का आभासी प्रतिबिंब कहते हैं।
ध्रुव– गोलीय दर्पण के मध्यबिंदु को दर्पण का ध्रुव कहते हैं। बिंदु P दर्पण का ध्रुव है।
वक्रता केन्द्र– गालीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है, उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता केन्द्र कहते हैं। बिन्दु C दर्पण का वक्रता केन्द्र है।
वक्रता त्रिज्या– गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं। चित्र में PC = R दर्पण की वक्रता त्रिज्या है।
प्रधान या मुख्य अक्ष– गोलीय दर्पण के ध्रुव से वक्रता केन्द्र को मिलानेवाली सरल रेखा को दर्पण का प्रधान या मुख्य अक्ष कहते हैं। चित्र में P तथा C को मिलानेवाली सरल रेखा PC मुख्य अक्ष है।
दर्पण– दर्पण या आईना एक प्रकाशीय युक्ति है जो प्रकाश के परावर्तन के सिद्धांत पर काम करता है।
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएँ–
1.प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
2. प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
3. प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है।
4. प्रतिबिंब पाशि्र्वक रूप से उल्टा होता है।
5. प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है जितना वस्तु दर्पण से आगे अर्थात् सामने रहता है।
अवतल दर्पण का फोकस– किसी अवतल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है, जहाँ मुख्य अक्ष के समांतर आती किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मिलती है।
उत्तल दर्पण का फोकस– किसी उत्तल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है। जहाँ से मुख्य अक्ष के समांतर आती किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद आती हुई प्रतीत होती है।
फोकस दूरी– फोकस F से दर्पण के ध्रुव P की दूरी को दर्पण की फोकस-दूरी कहते हैं।
अवतल दर्पण का उपयोग–
अवतल दर्पण का मुख्य उपयोग निम्नलिखित है।
1. अवतल दर्पण का उपयोग हजामती दर्पण (दाढ़ी बनाने के लिए) होता है।
2. टॉर्च, वाहनों के हेडलाइटों तथा सर्चलाइटों में अवतल दर्पण का उपयोग परावर्तकों के रूप में किया जाता है।
3. रोगियों के नाक, कान, गले, दाँत आदि की जाँच के लिए डॉक्टर अवतल दर्पण का उपयोग करते हैं।
4. सौर भट्ठीयों में सूर्य से आती ऊष्मा-ऊर्जा को बड़े-बड़े अवतल दर्पणों द्वारा छोटी जगह पर केंद्रित किया जाता है।
उत्तल दर्पण का उपयोग–
उत्तल दर्पण का उपयोग स्कूटर, मोटरकार तथा बस इत्यादि में साइड मिरर और पीछे देखने के आइने के रूप में होता है।
निर्देशांक चिह्न परिपाटी के अनुसार–
1. दर्पण के मुख्य अक्ष को निर्देशांक XX’ माना जाता है।
2. सभी दूरीयाँ गोलीय दर्पण के ध्रुव P से मापी जाती है।
3. आपतित प्रकाश की दिशा में मापी गई दूरियाँ धनात्मक होती है तथा आपतित प्रकाश की दिशा के विपरीत मापी गई सभी दूरियाँ ऋणात्मक होती है।
4. दर्पण के अक्ष अर्थात् XX’ के लंबवत मापी गई दूरियाँ धनात्मक तब होती है जब वे अक्ष के ऊपर होती है, तथा ऋणात्मक तब होती है जब वे अक्ष के नीचे होती है।
Note : अवतल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या (R) तथा फोकस-दूरी (f) ऋणात्मक होती है।
उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या (R) तथा फोकस-दूरी (f) धनात्मक होती है।
आवर्धन– प्रतिबिंब की ऊँचाई और वस्तु की ऊँचाई के अनुपात को आवर्धन कहते हैं। इसे m से सूचित किया जाता है।
m = प्रतिबिंब की ऊँचाई/वस्तु की ऊँचाई
m = h’/h
प्रकाश का अपवर्तन– प्रकाश की किरणों के एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में जाने पर दिशा-परिवर्तन (अर्थात मुड़ने) की क्रिया को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।
जैसे- पानी की सतह पर पेंसिल का मुड़ा हुआ दिखना।
पानी से भरी हुई बाल्टी में रखा हुआ सिक्का ऊपर उठा हुआ प्रतित होना।
Note :
*प्रकाश की चाल निर्वात या शून्य में तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड (300000 km/h) होता है।
*प्रकाश की चाल पानी में दो लाख पच्चीस हजार किलोमीटर प्रति सेकंड (225,000 km/h) होता है।
*प्रकाश की चाल काँच में दो लाख किलोमीटर प्रति सेकंड (2,00,000 km/h) होता है।
*वायु की अपेक्षा पानी प्रकाशतः सघन माध्यम है।
*पानी की अपेक्षा काँच प्रकाशतः सघन माध्यम है।
*काँच की अपेक्षा पानी प्रकाशतः विरल माध्यम है।
प्रकाश के अपवर्तन की व्याख्या :-
आपतित किरण– दो माध्यमों को अलग करनेवाली सतह पर पड़नेवाली प्रकाश-किरण को आपतित किरण कहते हैं। चित्र में, PQ आपतित किरण है।
आपतन बिंदु– जिस बिंदु पर आपतित किरण दिए हुए माध्यमों को अलग करनेवाली सतह से टकराती है, उसे आपतन बिंदु कहते हैं।चित्र में Q आपतन बिंदु है।
अभिलंब– किसी सतह के किसी बिंदु पर खींचे गए लंब को उस बिंदु पर अभिलंब कहते हैं। चित्र में NQM अभिलंब है।
अपवर्तित किरण– दूसरे माध्यम में मुड़कर जाती हुई प्रकाश-किरण को अपवर्तित किरण कहते हैं। चित्र में QR अपवर्तित किरण है।
आपतन कोण– आपतित किरण, आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है, उसे आपतन कोण कहते है। चित्र में ∠NQP = i = आपतन कोण
अपवर्तन कोण– अपवर्तित किरण, आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब से जो कोण बनाती है, उसे अपवर्तन कोण कहते हैं। चित्र में ∠MQR = r = अपवर्तन कोण
*जब प्रकाश की किरण किसी प्रकाशतः सघन माध्यम से प्रकाशतः विरल माध्यम में जाती है, तो अभिलंब से दूर हट जाती है।
*जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है, तो अभिलंब की ओर मुड़ जाती है।
*जब प्रकाश की किरण दो माध्यमों को अलग करनेवाली सतह लंबवत पर पड़ती है, तो वह बिना मुड़े सीधी निकल जाती है।
*लंबवत पड़नेवाली किरण सिल्ली से सीधी निकल जाती है।
अपवर्तनांक– किसी माध्यम का अपवर्तनांक शून्य में प्रकाश की चाल और उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात को कहते हैं। अपवर्तनांक को n से सूचित किया जाता है।
किसी माध्यम का अपवर्तनांक = शून्य में प्रकाश की चाल/उस माध्यम में प्रकाश की चाल
जैसे—
काँच का अपवर्तनांक
= शून्य में प्रकाश की चाल/काँच में प्रकाश की चाल
= 300000 km per second / 200000 km per second
= 1.5
निरपेक्ष अपवर्तनांक– किसी माध्यम का निर्वात के अपेक्षा अपवर्तनांक को उस माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहलाता है।
आपेक्षिक अपवर्तनांक– दो माध्यमों के निरपेक्ष अपवर्तनांकों के अनुपात को आपेक्षिक अपवर्तनांक कहते हैं।
माध्यम 1 का माध्यम 2 के सापेक्ष अपवर्तनांक
= माध्यम 2 में प्रकाश की चाल/माध्यम 1 में प्रकाश की चाल
प्रिज्म– किसी कोण पर झुके दो समतल पृष्ठों के बीच घिरे किसी पारदर्शक माध्यम को प्रिज्म कहते हैं।
Note : प्रिज्म में 5 सतह और 12 किनारें होते हैं।
लेंस- लेंस किसी पारदर्शक पदार्थ का वह टुकड़ा है, जो दो निश्चित ज्यामितीय सतहों से घिरा रहता है।
लेंस दो प्रकार के होते हैं–
1. उत्तल लेंस- उत्तल लेंस दोनों किनारों की अपेक्षा बीच में मोटा होता है।
2. अवतल लेंस- यह दोनों किनारों की अपेक्षा बीच में पतला होता है।
प्रकाश के अपवर्तन के नियम :-
प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैंः
1. आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब और अपवर्तित किरण तीनों एक ही समतल में होते हैं।
2. किन्ही दो माध्यमों और प्रकाश के किसी विशेष वर्ण के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) और अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है।
यदि आपतन कोण i हो और अपवर्तन कोण r हो, तो प्रकाश के अपवर्तन के द्वितीय नियम से,
sin i/sin r =एक नियतांक
स्नेल के नियम- किन्ही दो माध्यमों और प्रकाश के किसी विशेष वर्ण के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) और अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है।
यदि आपतन कोण i हो और अपवर्तन कोण r हो, तो प्रकाश के अपवर्तन के स्नेल के नियम से,
sin i/sin r = एक नियतांक
उत्तल लेंस के निम्नलिखित तीन रूप होते हैं-
1. उभयोत्तल लेंस–जिनके दोनों तल उत्तल हो, उसे उभयोत्तल लेंस कहते हैं।
2. समतलोत्तल लेंस–जिनका एक तल समतल और दूसरा उत्तल हो, उसे समतलोत्तल लेंस कहते हैं।
3. अवतलोत्तल लेंस–जिसका एक तल अवतल और दूसरा उत्तल हो, उसे अवतलोत्तल लेंस कहते हैं।
अवतल लेंस के निम्नलिखित तीन रूप होते हैं-
1. उभयावतल लेंस–जिनके दोनों तल अवतल हो, उसे उभयावतल लेंस कहते हैं।
2. समतलावतल लेंस–जिनका एक तल समतल और दूसरा अवतल हो, उसे समतलावतल लेंस कहते हैं।
3. उत्तलावतल लेंस–जिसका एक तल उत्तल और दूसरा अवतल हो, उसे उत्तलावतल लेंस कहते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. प्रकाश की किरण गमन करती है –
( A ) सीधी रेखा में
( B ) टेढी रेखा में
( C ) किसी भी दिशा में
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) सीधी रेखा में
2. प्रकाश का वेग न्यूनतम होता है ?
( A ) निर्वात में
( B ) जल में
( C ) वायु में
( D ) कांच में
Ans ⇒ ( D ) कांच में
3. मोटर गाड़ी के चालक के सामने लगा रहता है ?
( A ) समतल दर्पण
( B ) उतल दर्पण
( C ) अवतल दर्पण
( D ) उतल लेंस
Ans ⇒ ( B ) उतल दर्पण
4. मोटर कार के हेडलाइट में किसका प्रयोग होता है ?
( A ) समतल दर्पण
( B ) उतल दर्पण
( C ) अवतल दर्पण
( D ) उतल लेंस
Ans ⇒ ( C ) अवतल दर्पण
5. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब होता है –
( A ) वास्तविक
( B ) काल्पनिक
( C ) दोनों
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) काल्पनिक
6. लेंस की क्षमता का SI मात्रक होता है-
( A ) डाईऑप्टर
( B ) ल्युमेन
( C ) लक्स
( D ) ऐंग्स्ट्रम
Ans ⇒ ( A ) डाईऑप्टर
7. प्रकाश की किरणों का पथ दर्शाने वाले चित्रों को कहा जाता है-
( A ) किरण आरेख
( B ) फोकस
( C ) किरण पुंज
( D ) इनमे सभी
Ans ⇒ ( A ) किरण आरेख
8. 2D क्षमता वाले लेंस का फोकसांतर होता है-
( A ) 20 सेमी
( B ) 30 सेमी
( C ) 40 सेमी
( D ) 50 सेमी
Ans ⇒ ( D ) 50 सेमी
9. किसी उत्तल लेंस का फोकसांतर 50 सेमी है, तो उसकी क्षमता होगी –
( A ) +5D
( B ) -5D
( C ) -2D
( D ) +2D
Ans ⇒ ( D ) +2D
10. प्रकाश के किरणों के समूह को कहते हैं-
( A ) प्रकाश स्रोत
( B ) किरण पुंज
( C ) प्रदीप्त
( D ) प्रकीर्णन
Ans ⇒ ( B ) किरण पुंज
11. उत्तल लेंस की क्षमता होती है-
( A ) ऋणात्मक
( B ) धनात्मक
( C ) ( A ) और ( B ) दोनो
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) धनात्मक
12. अवतल लेंस की क्षमता होती है-
( A ) ऋणात्मक
( B ) धनात्मक
( C ) ( A ) और ( B ) दोनो
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) ऋणात्मक
13. उत्तल लेंस को कहते हैं-
( A ) अभिसारी लेंस
( B ) द्वि-उत्तल लेंस
( C ) अपसारी लेंस
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) अभिसारी लेंस
14. अवतल लेंस को कहते हैं-
( A ) अभिसारी लेंस
( B ) द्वि- अवतल लेंस
( C ) अपसारी लेंस
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( C ) अपसारी लेंस
15. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है ?
( A ) जल
( B ) काँच
( C ) प्लास्टिक
( D ) मिट्टी
Ans ⇒ ( D ) मिट्टी
16. किस दर्पण से हमेशा वस्तु से छोटा प्रतिबिम्व प्राप्त होता है ?
( A ) समतल
( B ) उत्तल
( C ) अवतल
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) उत्तल
17. किस दर्पण से वस्तु का बड़ा प्रतिबिब बनता है ?
( A ) समतल
( B ) अवतल
( C ) उत्तल
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) अवतल
18. प्रकाश के परावर्तन के कितने नियम हैं ?
( A ) एक
( B ) दो
( C ) तीन
( D ) चार
Ans ⇒ ( B ) दो
19. जब प्रकाश की किरण हवा से कांच में प्रवेश करती हैं तो मुड़ जाती हैं –
( A ) अभिलम्ब से दूर
( B ) अभिलम्ब के निकट
( C ) अभिलम्ब के समानान्तर
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) अभिलम्ब के निकट
20. फोटोग्राफी कैमरा का अभिदृश्यक होता है –
( A ) उत्तल लेंस
( B ) अवतल लेंस
( C ) उत्तल दर्पण
( D ) अवतल दर्पण
Ans ⇒ ( A ) उत्तल लेंस
21. साइड मिरर के रूप में प्रयुक्त होता है-
( A ) अवतल दर्पण
( B ) उत्तल दर्पण
( C ) उत्तल लेंस
( D ) प्रिज्म
Ans ⇒ ( B ) उत्तल दर्पण
22. एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी 10 सेमी है तो उसकी वक्रता त्रिज्या होगी –
( A ) 10 सेमी
( B ) 20 सेमी
( C ) 5 सेमी
( D ) 40 सेमी
Ans ⇒ ( B ) 20 सेमी
23. निर्गत किरण एवं अभिलम्ब के बीच के कोण को कहते हैं-
( A ) आपतन कोण
( B ) परावर्तन कोण
( C ) निर्गत कोण
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( C ) निर्गत कोण
24. सरल सूक्ष्मदर्शी में किसका उपयोग होता है ?
( A ) अवतल दर्पण
( B ) उत्तल दर्पण
( C ) अवतल लेंस
( D ) उत्तल लेंस
Ans ⇒ ( D ) उत्तल लेंस
25. किस लेंस के द्वारा सिर्फ काल्पनिक प्रतिबिम्ब तनता है ?
( A ) उत्तल
( B ) अवतल
( C ) वाईफोकल
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) अवतल
26. परावर्तन के नियम से निर्धारित होता है
( A ) आपतन कोण = परावर्तन कोण
( B ) परावर्तन कोण = अपवर्तन कोण
( C ) आपतन कोण = विचलन कोण
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) परावर्तन कोण = अपवर्तन कोण
27. काल्पनिक प्रतिबिम्ब होता है-
( A ) सीधा
( B ) उल्टा
( C ) दोनों
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) सीधा
28. लेंस में मुख्य फोकस की संख्या कितनी होती है ?
( A ) दो
( B ) एक
( C ) तीन
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) दो
29. सर्चलाइट का परावर्तक सतह होता है –
( A ) उत्तल
( B ) अवतल
( C ) समतल
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) अवतल
30. दाढ़ी बनाने में कौन सा दर्पण प्रयुक्त होता है-
( A ) समतल
( B ) उतल
( C ) अवतल
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ ( C ) अवतल
31. एक उत्तल लेंस की क्षमता 1 डाइऑप्टर है, तो उस लेंस की फोकस दूरी है :
( A ) + 10 cm
( B ) – 10 cm
( C ) + 100 cm
( D ) – 100 cm
Ans ⇒ ( C ) + 100 cm
32. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ –15 cm है। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं :
( A ) दोनों अवतल
( B ) दोनों उत्तल
( C ) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
( D ) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
Ans ⇒ ( A ) दोनों अवतल
33. प्रकाश के अपवर्तन के कितने नियम हैं :
( A ) 1
( B ) 2
( C ) 3
( D ) 4
Ans ⇒ ( B ) 2
34. किसी माध्यम के अपवर्तनांक का मान होता है :
( A ) sin i / sin r
( B ) sin r / sin i
( C ) sin i x sin r
( D ) sin i + sin r
Ans ⇒ ( A ) sin i / sin r
35. एक उत्तल लेंस होता है :
( A ) सभी जगह समान मोटाई का
( B ) बीच की अपेक्षा किनारों पर मोटा
( C ) किनारों की अपेक्षा बीच में मोटा
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( C ) किनारों की अपेक्षा बीच में मोटा
36. अवतल लेंस का आवर्धन (m) बराबर होता है :
( A ) u/v
( B ) uv
( C ) u+v
( D ) v/u
Ans ⇒ ( D ) v/u
37. गोलीय दर्पण में फोकसांतर एवं वक्रता त्रिज्या के बीच संबंध है :
( A ) r = 2f
( B ) f=r
( C ) f= 2/r
( D ) r= f/2
Ans ⇒ ( A ) r = 2f
38. सोलर कुकर में प्रयोग किया जाता है :
( A ) अवतल दर्पण का
( B ) उत्तल दर्पण का
( C ) समतल दर्पण का
( D ) उत्तल तथा अवतल दर्पण का
Ans ⇒ ( A ) अवतल दर्पण का
39. उत्तल लेंस में बना प्रतिबिंब होता है :
( A ) बराबर और सीधा
( B ) वास्तविक और उलटा
( C ) वास्तविक और सीधा
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( B ) वास्तविक और उलटा
40. उत्तल लेंस में जब बिंब f और 2f के बीच रखा जाता है, तब बना प्रतिबिंब होता है :
( A ) बड़ा और वास्तविक
( B ) छोटा और वास्तविक
( C ) छोटा और काल्पनिक
( D ) बड़ा और काल्पनिक
Ans ⇒ ( A ) बड़ा और वास्तविक
41. दो वक्रीय पृष्ठों से घिरे ठोस माध्यम को कहते हैं :
( A ) गोलीय दर्पण
( B ) त्रिज्या
( C ) गोलीय लेंस
( D ) समतल दर्पण
Ans ⇒ ( C ) गोलीय लेंस
42. वह गोलीय दर्पण जो बाहर की तरफ वक्रित हो, कहलाता है:
( A ) अवतल दर्पण
( B ) समतल दर्पण
( C ) उत्तल दर्पण
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( C ) उत्तल दर्पण
43. गोलीय दर्पण के परावर्त्तक पृष्ठ के केन्द्र को दर्पण का कहा जाता हैं ?
( A ) मध्य
( B ) ध्रुव
( C ) गोलार्द्ध
( D ) अक्ष
Ans ⇒ ( B ) ध्रुव
44. किसी लेंस द्वारा उत्पन्न आवर्धन का SI मात्रक क्या है ?
( A ) मी.
( B ) सेमी.
( C ) मिमी
( D ) मात्रकविहीन
Ans ⇒ ( D ) मात्रकविहीन
45. लेंस के केन्द्रीय बिन्दु को कहते हैं :
( A ) वक्रता केन्द्र
( B ) प्रकाशिक केन्द्र
( C ) द्वारक केन्द्र
( D ) अक्ष केन्द्र
Ans ⇒ ( B ) प्रकाशिक केन्द्र
46. किसी शब्दकोश में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन सा लेंस पसंद करेंगे ?
( A ) 50 सेमीo फोकस दूरी का अवतल लेंस
( B ) 50 सेमीo फोकस दूरी का उत्तल लेंस
( C ) 5 सेमीo फोकस दूरी का अवतल लेंस
( D ) 5 सेमीo फोकस दूरी का उत्तल लेंस
Ans ⇒ ( D ) 5 सेमीo फोकस दूरी का उत्तल लेंस
47. इनमें से कौन दर्पण का सूत्र है ?
( A ) 1/v + 1/u = 1/f
( B ) 1/u – 1/v = 1/f
( C ) 1/v + u/1 = 1/f
( D ) v/1 + 1/u = 1/f
Ans ⇒ ( A ) 1/v + 1/u = 1/f
48. गोली दर्पण का वक्रता केंद्र को किस अक्ष से निरूपित किया जाता है ?
( A ) C
( B ) P
( C ) O
( D ) F
Ans ⇒ ( A ) C
49. निर्वात्त में प्रकाश की छाल है?
( A ) 3 × 108 m/s
( B ) 2 × 108 km/s
( C ) 3 × 109 m/s
( D ) 3 × 10110m/s
Ans ⇒ ( A ) 3 × 108 m/s
50. दंत विशेषज्ञ मरीजों के दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए किस दर्पण का उपयोग करते हैं ?
( A ) अवतल दर्पण
( B ) समतल दर्पण
( C ) उतल दर्पण
( D ) सभी
Ans ⇒ ( A ) अवतल दर्पण
51. पतले लेंस की आवर्धन क्षमता होती है?
( A ) कम
( B ) अधिक
( C ) संतुलित
( D ) सभी
Ans ⇒ ( A ) कम
52. मोटे लेंस की आवर्धन क्षमता होती है?
( A ) कम
( B ) अधिक
( C ) संतुलित
( D ) कोई नही
Ans ⇒ ( B ) अधिक
53. अवतल दर्पण के ध्रुव और मुख्य फोकस के बीच रखे बिंब का प्रतिबिंब की प्रकृति होती है?
( A ) आभासी तथा उल्टा
( B ) आभासी एवं सीधी
( C ) काल्पनिक एवं सीधी
( D ) सभी
Ans ⇒ ( B ) आभासी एवं सीधी
54. उत्तल लेंस का प्रकाशिक केद्र और मुख्य फोकस के बीच रखे विब का प्रतिबिम की प्रकृति होती है?
( A ) आभासी तथा उल्टा
( B ) आभासी एवं सीधी
( C ) काल्पनिक एवं सीधी
( D ) इनमे से कोई नही
Ans ⇒ ( B ) आभासी एवं सीधी
55. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस पर रखे बिंब का प्रतिबिंध की स्थिति होती है?
( A ) वक्रता केंद्र पर
( B ) मध्य विन्दु पर
( C ) अनंत पर
( D ) सभी पर
Ans ⇒ ( C ) अनंत पर
56. उत्तल लेंस के मुख्य फोकस पर रखे प्रतिबिंध की स्थिति होती है?
( A ) वक्रता केंद्र पर
( B ) फोकस एवं वक्रता केंद्र के बिच
( C ) अनंत पर
( D ) ध्रुव एवं वक्रता केंद्र के बिच
Ans ⇒ ( C ) अनंत पर
57. अवतल लेंस के मुख्य फोकस पर रखे बिंब का प्रतिबिंब की स्थिति होती है?
( A ) फोकस एवं वक्रता केंद्र के बिच
( B ) प्रकाशिक केन्द्र और फोकस के बीच
( C ) ध्रुव एवं वक्रता केंद्र के बिच
( D ) इनमे से कोई नही
Ans ⇒ ( B ) प्रकाशिक केन्द्र और फोकस के बीच
58. अवतल लेंस के सामने अनंत पर रखे बिंब का प्रतिबिंब की स्थिति होती है?
( A ) वक्रता केंद्र पर
( B ) फोकस पर
( C ) अनंत पर
( D ) ध्रुव पर
Ans ⇒ ( B ) फोकस पर
59. अवतल दर्पण के सामने अनंत पर रखे बिंब का प्रतिबिंब की स्थिति होती है?
( A ) वक्रता केंद्र पर
( B ) अनंत पर
( C ) ध्रुव पर
( D ) फोकस पर
Ans ⇒ ( D ) फोकस पर
60. लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से गुजरने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तन के पश्चात्…?
( A ) विचलन के साथ निर्गत होती है
( B ) सात रंगों में विभक्त हो जाती है
( C ) विना विचलन के निर्गत होती है.
( D ) इनमे से कोई नही
Ans ⇒ ( B ) सात रंगों में विभक्त हो जाती है
61. मुख्य फोकस से गुजरने वाली प्रकाश किरण उत्तल लेंम से अपवर्तन के पश्चात्….?
( A ) मुख्य अक्ष के विपरीत जाती है
( B ) निर्गत किरण मुख्य अक्ष के समांतर जाती है
( C ) मुख्य अक्ष से दूर
( D ) उसी पथ के अनुदिश वापस परावर्तित हो जाती है.
Ans ⇒ ( B ) निर्गत किरण मुख्य अक्ष के समांतर जाती है
62. मुख्य अक्ष के समांतर आनेवाली कोई प्रकाश किरण अवतल लेंस से अपवर्त्तन के पश्चात्…?
( A ) मुख्य अक्ष के विपरीत जाती है
( B ) उसी पथ के अनुदिश वापस परावर्तित हो जाती है.
( C ) निर्गत किरण मुख्य अक्ष के समांतर जाती है
( D ) निर्गत किरण मुख्य अक्ष से दूर जाती हैं
Ans ⇒ ( D ) निर्गत किरण मुख्य अक्ष से दूर जाती हैं
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रकाश क्या है ?
उत्तर⇒ दृष्टि के भौतिक अनुभूति को प्रकाश कहते हैं प्रकाश वस्तुओं को दृश्यमान बनाता है। कोई वस्तु उसपर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करती है और वह परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों द्वारा ग्रहण होता है तब हमें वस्तुओं को देखने योग्य बनाता है।
2. प्रकाश के अपवर्तन नियमों को लिखें।
उत्तर⇒प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर उसकी दिशा में होने वाले परिवर्तन की घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहा जाता है।
अपवर्तन के नियम –
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) प्रकाश के किसी खास रंग के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या में एक निश्चित अनुपात होता है जिसे अपवर्तनांक कहते हैं। इस नियम को स्नेल का नियम भी कहा जाता है।
3. आभासी प्रतिबिंब क्या है ?
उत्तर⇒ किसी स्रोत से आने वाला प्रकाश परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिंदु पर नहीं मिलता है, बल्कि परावर्तित अथवा अपवर्तित किरणों को पीछे बढ़ाने पर एक बिंदु पर मिले, तो आभासी प्रतिबिंब बनता है। यह प्रतिबिंब हमेशा सीधा और पर्दे पर लेना असम्भव है।
4. वास्तविक प्रतिबिम्ब क्या है ?
उत्तर⇒किसी स्रोत से आने वाला प्रकाश परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिन्दु पर मिलती है तो वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। वास्तविक प्रतिबिम्ब हमेशा उल्टा और पर्दे पर आसानी से लिया जा सकता है। हमारा नेत्र रेटिना, पर वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है।
5. क्रांतिक कोण (Critical Angle) किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो वह अभिलंब से परे हटती है अर्थात् विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण (∠r) सघन माध्यम में बने आपतित कोण (∠i) से बड़ा होता है। यदि विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण एक समकोण के समान हो जाए तो इसके सापेक्ष सघन माध्यम में बना आपतित कोण, क्रांतिक कोण कहलाता है।
6. विवर्तन क्या है ?
उत्तर⇒ यदि प्रकाश के पथ में रखी अपारदर्शी वस्तु अत्यन्त छोटी हो, तो प्रकाश सरल रेखा में चलने की बजाय इसके किनारों पर मुड़ने की प्रवृत्ति दर्शाता है इस प्रभाव को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं।
7 . पैरिस्कोप किसे कहते हैं इसके क्या उपयोग हैं ?
उत्तर ⇒ पैरिस्कोप एक यंत्र है जिसके द्वारा हम अपने में छिपी हुई वस्तुओं को देख सकते हैं। सैनिक खाइयों में छिपकर मैदानों- पहाड़ों को देख सकते हैं और पनडुब्बियों में बैठे सैनिकों, समुद्र तल का पर्यवेक्षण कर सकते हैं। किसी धुंध वाले दिन अवरक्त फोटोग्राफी भी इसकी सहायता से की जा सकती है। पैरिस्कोप समतल दर्पणों की सहायता से बनाए जा सकते हैं जो प्रकाश के परावर्तन-सिद्धांत पर कार्य करते हैं। उच्च कोटि के पैरिस्कोप में प्रिज्मों का प्रयोग किया जाता है।
8 . समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषताएँ लिखिए !
उत्तर ⇒ समतल दर्पण के सामने जितनी दूरी पर कोई वस्तु हो उसका बिंब उतना ही पीछे बनता है। समतल दर्पण में किसी वस्तु के पूरे बिंब को देखने के लिए दर्पण का आकार में उससे आधा होना आवश्यक होता है।
9 .अवतल दर्पणों के उपयोग लिखिए।
उत्तर ⇒ अवतल दर्पण के निम्न उपयोग हैं।
(i) बड़े आकार के अवतल दर्पणों का प्रयोग और ऊर्जा के लिए किया जाता है।
(ii) इनका प्रयोग वाहनों की हैडलाइट्स, लैपों, सर्चलाइट, टार्च आदि बनाने में किया जाता है।
(iii) शेविंग दर्पणों को बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है।
(iv) दंत चिकित्सक तथा विशेषज्ञ रोगी का परीक्षण करने के लिए इनका प्रयोग करते हैं।
10. प्रकाश का अपवर्तन क्या है ? इसके नियमों को लिखें।
उत्तर ⇒ प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं-
(i) आपतित किरण,अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) जब एक ही रंग के प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है तो आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होत%B