वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.कारण को भावात्मक और निषेधात्मक उपाधियों का योग किसने माना है ?
(A) अरस्तू
(B) मिल
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (A)
2. कारण का गुणात्मक लक्षण क्या है ?
(A) यह पूर्ववर्ती घटना है
(B) यह अनौपचारिक घटना है
(C) यह तात्कालिक, नियत, अनौपचारिक, पूर्ववर्ती घटना है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
3. कौन से प्रमाण से सीमित ज्ञान प्राप्त होता है ?
(A) प्रत्यक्ष
(B) अनुमान
(C) उपमान
(D) शब्द
Ans. (B)
4. उपमान को किसकी श्रेणी में रखा जाता है ?
(A) शब्द की श्रेणी में
(B) प्रत्यक्ष की श्रेणी में
(C) अनुमान की श्रेणी में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (D)
5. किसका उपदेश ज्ञान का स्त्रोत है ?
(A) आम पुरुष
(B) आप्त पुरुष
(C) आप्त स्त्री
(D) (B) और (C) दोनों
Ans. (B)
6. अनुमान का दूसरा नाम क्या है ?
(A) उपमान
(B) शब्द
(C) अभाव
(D) अन्वीक्षा
Ans. (D)
7. प्रमा के कारण को क्या कहते हैं ?
(A) अप्रमा
(B) अप्रमाण
(C) प्रमाण
(D) इनमें से सभी
Ans. (C)
8. निम्न में से किस युक्ति का मानना है कि विश्व एक कार्य है और ईश्वर उसका कारण है ?
(A) तात्विक युक्ति
(B) प्रयोजनमूलक युक्ति
(C) विश्वमूलक युक्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
9. कारण-कार्य संबंध बतलाने वाले सिद्धांत में की क्या विशेषता है ?
(A) ये वैज्ञानिक सिद्धांत हैं
(B) ये अवैज्ञानिक सिद्धांत हैं
(C) ये धार्मिक सिद्धांत हैं
(D) ये नैतिक सिद्धांत हैं
Ans. (A)
10. प्रत्यक्ष ज्ञान के लिए क्या अनिवार्य है ?
(A) इन्द्रियों और विषयों का सन्निकर्ष
(B) व्याप्ति ज्ञान
(C) शब्द
(D) उदाहरण
Ans. (A)
11. व्याप्ति ज्ञान की भूमिका किस प्रमाण के लिए है ?
(A) प्रत्यक्ष
(B) अलौकिक प्रत्यक्ष
(C) अनुमान
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
12. अरस्तू के अनुसार कारण है- अनुसार कारण है-
(A) आकारिक
(B) अंतिम
(C) उपादान
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
13. निम्न में से कौन चिंतक कारणता के सिद्धांत से संबंधित हैं ?
(A) ह्यूम
(B) मिल
(C) अरस्तू
(D) इनमें से सभी
Ans. (A)
14. कर्म-सिद्धांत -कारणतावाद है-
(A) तार्किक
(B) न्यायिक
(C) नैतिक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
15. सत्कार्यवाद के रूप हैं-
(A) विवर्तवाद एवं आरम्भवाद
(B) विवर्तवाद
(C) विवर्तवाद एवं परिणामवाद
(D) परिणामवाद
Ans. (B)
16. निम्न में से किसने कहा है कि कारण भावात्मक और निषेधात्मक उपाधियों का योगफल है ?
(A) मिल
(B) अरस्तू
(C) ह्यूम
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
17. किसने कहा है-“मनुष्य सभी वस्तुओं का मापदण्ड है ” ?
(A) अरस्तू
(B) प्लेटो
(C) सोफिस्ट
(D) बेन
Ans. (A)
18. निम्नलिखित में से किस युक्ति को कारणतामूलक युक्ति कहा जा सकता है ?
(A) विश्वमूलक
(B) तात्विक
(C) प्रयोजनमूलक
(D) नैतिक
Ans. (C)
19. अंतक्रियावाद सिद्धांत के प्रवर्त्तक हैं-
(A) स्पीनोजा
(B) लाइबनीज
(C) देकार्त
(D) ह्यूम
Ans. (A)
20. ग्रीक दर्शन के जनक हैं-
(A) सुकरात
(B) थेल्स
(C) अरस्तु
(D) प्लेटो
Ans. (C)
21. किसने कहा है कि कार्य-कारण संबंध आदत और प्रथा के कारण बनते हैं ?
(A) देकार्त
(B) स्पीनोजा
(C) ह्यूम
(D) लाइबनीज
Ans. (C)
22. कारण होता है-
(A) पूर्ववर्ती
(B) अनौपाधिक
(C) नियत
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
23. अरस्तू के कारण के कितने प्रकार बताए हैं ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
Ans. (C)
24. निम्नलिखित में अरस्तू के कारण के प्रकार कौन-से हैं ?
(A) द्रव्य कारण
(B) आकारिक कारण
(C) अंतिम कारण
(D) इनमें सभी
Ans. (D)
25. पदार्थ में विद्यमान योग्य शक्ति को कौन-सा कारण कहते हैं ?
(A) द्रव्य कारण
(B) आकारिक कारण
(C) योग्य/निमित्त कारण
(D) अंतिम कारण
Ans. (C)
26. आगमन का आकारिक आधार है-
(A) प्रकृति-समरूपता
(B) निरीक्षण
(C) प्रयोग
(D) कारण-कार्य नियम
Ans. (D)
27. कार्य-कारण नियम आगमन का किस प्रकार का आधार है ?
(A) वास्तविक
(B) आकारिक
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
28. कारण कार्य का है-
(A) पूर्ववर्ती
(B) अनुवर्ती
(C) सहपरिणाम
(D) भी पूर्ववर्ती है तो कभी अनुवर्ती
Ans. (A)
29. अनेक कारणों के मेल से उत्पन्न संयुक्त कार्य को कहते हैं-
(A) कारण-संयोग
(B) कार्य सम्मिश्रण
(C) बहुकारणवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
30. कार्य-कारण नियम है-
(A) वैज्ञानिक
(B) सामाजिक
(C) दार्शनिक
(D) सामान्य
Ans. (A)
31. परिणाम की दृष्टि से कारण-कार्य से क्या है ?
(A) बड़ा
(B) छोटा
(C) बहुकारणवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
32. पदार्थ सिद्धांत संबंधित है-
(A) न्याय दर्शन
(B) वैशेषिक दर्शन
(C) सांख्य दर्शन
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
33. कारण होता है-
(A) अनौपाधिक
(B) पूर्ववर्ती
(C) नियत
(D) उपरोक्त सभी
Ans. (D)
34. कारण का गुणात्मक लक्षण है-
(A) पूर्ववर्ती घटना है
(B) अनौपाधिक घटना है
(C) तात्कालिक, नियत, अनौपाधिक, पूर्ववर्ती घटना है
(D) इनमें से सभी
Ans. (C)
35. बहुकारणवाद का अर्थ है-
(A) कारणों का संयोग
(B) कार्यों का सम्मिश्रण
(C) एक घटना का एक कारण होना
(D) एक घटना के भिन्न समय में भिन्न कारण होना
Ans. (D)
36. कारण की सही परिभाषा क्या है ?
(A) कारण एक पूर्ववर्ती घटना है
(B) कारण एक अनुवर्ती घटना है
(C) कारण अनौपचारिक पूर्ववर्ती घटना है
(D) कारण एक नियत, अनौपचारिक एवं तात्कालिक पूर्ववर्ती घटना है
Ans. (D)
37. कारण क्या है ?
(A) केवल भावात्मक स्थितियों का योग
(B) केवल निषेधात्मक स्थितियों का योग
(C) भावात्मक एवं निषेधात्मक स्थितियों का योग
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
38. किसी कार्य की उत्पत्ति में कौन अनिवार्य है ?
(A) निषेधात्मक उपाधियों की उपस्थिति
(B) भावात्मक उपाधियों की उपस्थिति
(C) निषेधात्मक उपाधियों की अनुपस्थिति
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
39. सही कथन क्या है ?
(A) कारण उपाधिक का एक अंग है
(B) कभी पूर्ववर्ती है तो कभी अनुवर्ती
(C) कारण और उपाधिक बराबर है
(D) उपाधि कारण का अंश नहीं है
Ans. (B)
40. मिल के अनुसार कारण है-
(A) भावात्मक उपाधियों का योग
(B) निषेधात्मक उपाधियों का योग
(C) भावात्मक एवं निषेधात्मक उपाधियों का योग
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. कारणता की परिभाषा दीजिए।
Ans. कारण वह है जो किसी कार्य के पहले आने वाली घटना है, जो कि नियमित रूप से उस कार्य के पहले आती है । इस परिभाषा के अन्तर्गत दो मुख्य बातें बतायी गयी हैं- 1. कारण एक नियमित घटना है, 2. कारण एक पूर्ववर्ती घटना है। यही कारणता सिद्धांत है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक घटना या कार्य के पीछे कोई-न-कोई कारण अवश्य होता है।
2. अरस्तू ने अन्ततः दो कारण को क्यों स्वीकारा ?
Ans. अरस्तू ने चार कारण बताये हैं-उपादान कारण, आकारिक कारण, निमित्त कारण एवं अन्तिम कारण। अरस्तु इन चार कारणों में से दो कारणों को मौलिक तथा दो कारणों को गौण स्वीकार करते हैं। मौलिक कारण हैं – उपादान तथा आकारिक । इन्हें मौलिक इसलिए कहते हैं कि यह स्वतन्त्र है, जबकि निमित्त व लक्ष्य कारण पराश्रित होते हैं। जब तक निर्माता अपने मन किसी वस्तु के आकार को नहीं उभारता है, तब तक उस वस्तु के निर्माण का लक्ष्य उसके पास नहीं होता है तथा लक्ष्य के बगैर वह वस्तु को बनाने के लिए तैयार नहीं होता, भले ही उसके पास उपादा मौजूद हो।
3. कारण के स्वरूप की व्याख्या करें।
Ans. कारण वह है जो किसी कार्य के पहले आने वाली घटना है, जो कि नियमित रूप से उस कार्य के पहले आती है। इस परिभाषा के अन्तर्गत दो मुख्य बातें बतायी गयी हैं- (i) कारण एक नियमित घटना है, (ii) कारण एक पूर्ववर्ती घटना है। नियमित का अर्थ है जो हमेशा अपवाद रहित होकर घटित होती है। कारण केवल नियमित तथा पूर्ववर्ती नहीं होता है वरन् वह अनौपाधि क भी होता है। यह ठीक है कि कारण कार्य के पूर्व आता है, लेकिन किसी कार्य के पहले एक साथ कई घटनाएँ घटित होती हैं। वह समस्त घटनाएँ कारण नहीं होती हैं। उनमें से कुछ घटनाएँ अनावश्यक होती हैं और कुछ घटनाएँ कार्य सम्पादन के लिए आवश्यक होती हैं। उन आवश् घटनाओं में घटना कार्य का आसन्न या निकटवर्ती होती हैं, वही कारण कहलाती हैं। इन निकटवर्ती घटनाओं को तटवर्ती घटना भी कहा जाता है क्योंकि यह कार्य के तुरन्त पहले आती है। इस कारण नियत, पूर्ववर्ती, अनौपाधिक एवं तात्कालिक या आसन्न होता है। जे० एस० मिल ने कारण के इस स्वरूप को गुणात्मक लक्षण कहा है।
4. कारण कार्य नियम की व्याख्या करें।
Ans. कारण कार्य नियम आगमन का एक प्रबल स्तम्भ के रूप में आधार है। इसकी भी परिभाषा तार्किकों ने न देकर इसकी व्याख्या किए हैं। कारण कार्य नियम के अनुसार इस विश्व में कोई घटना या कार्य बिना कारण के नहीं हो सकती है। सभी घटनाओं के पीछे कुछ-न-कुछ कारण अवश्य छिपा रहता है। कारण संबंधी विचार अरस्तु के विचारणीय है। अरस्तु के अनुसार चार तरह के कारण हैं- 1. द्रव्य कारण 2: आकारिक कारण, 3. निमित्त कारण, 4. अंतिम कारण। यही चार कारण मिलकर किसी कार्य को उत्पन्न करते हैं। जैसे मकान के लिए ईंट, बालू, सीमेन्ट, द्रव्य कारण है। मकान का एक नक्शा बनाना आकारिक कारण है। राजमिस्त्री और मजदूर, ईंट, बालू, सीमेन्ट को तैयार कर उसे एक पर एक खड़ा कर तैयार करते हैं। इसमें एक शक्ति आती है जिसे Efficient cause या निमित कारण करते हैं।
5. क्या कारण को हमेशा कार्य का पूर्ववती रहना चाहिए ?
Ans. हाँ, कारण को हमेशा कार्य का पूर्ववर्ती रहना चाहिए। कारण कार्य के पूर्व आता है, लेकिन किसी कार्य के पहले एक साथ कई घटनाएँ घटित होती हैं। वह समस्त घटनाएँ कारण नहीं होती हैं। उनमें से कुछ घटनाएँ अनावश्यक होती हैं और कुछ घटनाएँ कार्य सम्पादन के लिए आवश्यक होती है। उन आवश्यक घटनाओं में घटना कार्य का आसन्न या निकटवर्ती होती हैं, वही कारण कहलाती है। इन निकटवर्ती घटनाओं को तटवर्ती घटना भी कहा जाता है क्योंकि यह कार्य के तुरन्त पहले आती हैं। किसी व्यक्ति की दुर्घटना हो जाती है तथा उसका इलाज अस्पताल में होता है। इसी दौरान उसकी मृत्यु भी हो जाती है। साधारण तौर पर दुर्घटना को मृत्य