प्रश्न 1. काल किसे कहते हैं ? काल के कितने भेट होते है।
उत्तर⇒ उस रूपान्तर को ‘काल’ कहते हैं, जिससे उसके कार्य-व्यापार का समय और उसकी पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का बोध हो।
काल के तीन भेद हैं – (1) वर्तमान काल, (2) भूतकाल, (3) भविष्यतकाल
प्रश्न 2. वर्तमान काल किसे कहते हैं ? इसके भेदों को सोदाहरण लिखे ।
उत्तर⇒क्रियाओं के व्यापार की निरन्तरता को वर्तमान काल कहते हैं । इसमें क्रिया का आरम्भ हो चुका होता है। जैसे-वह खाता है। यहाँ ‘खाने। काकी व्यापार चल रहा है, समाप्त नहीं हुआ।
वर्तमान काल के पाँच भेद हैं – (1) सामान्य वर्त्तमान, (2) तात्कालिक वर्तमान, (iii) पूर्ण वर्तमान, (iv) संदिग्ध वर्तमान,
(v) सम्भाव्य वर्त्तमान ।
(i).सामान्य वर्त्तमान-क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया का वर्तमान काल में होना पाया जाय, ‘सामान्य वर्तमान’ कहलाता है । जैसे-वह आता है; वह देखता है।
(ii). तात्कालिक वर्तमान- इससे यह पता चलता है कि क्रिया वर्तमान काल में – हो रही है । जैसे-मैं पढ़ रहा हूँ; वह जा रहा है।
(iii). पूर्ण वर्तमान-इससे वर्तमान काल में कार्य की पूर्ण सिद्धि का बोध होता है। जैसे-वह आया है; लड़के ने पुस्तक पढ़ती है।
(iv). संदिग्ध वर्तमान-जिससे क्रिया के होने में सन्देह प्रकट हो पर उसकी वर्तमानता में सन्देह न हो । जैसे-राम खाता होगा; वह पढ़ता होगा ।
(v). सम्भाव्य वर्त्तमान-इससे वर्तमानकाल में काम के पूरा होने की सम्भावना रहती है । जैसे-वह आया हो; वह लौटा हो ।
प्रश्न 3. भूतकाल किसे कहते हैं? इसके भेदों को सोदाहरण लिखें।
उत्तर⇒ जिस क्रिया से कार्य की समाप्ति का बोध हो, उसे भूतकाल की क्रिया कहते हैं । जैसे-लड़का आया था; वह खा चुका था; मैंने गाया ।
भूतकाल के छह भेद हैं-
(i). सामान्य भूत, (ii).आसन्न भूत, (iii).पूर्ण भूत, (iv).अपूर्ण भूत, (v).सन्दिग्ध भूत, (vi). हेतुहेतुमद् भूत ।
(i).सामान्य भूत – जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान न हो । जैसे-मोहन आया; सीता गयी ।
(ii). आसन्न भूत-इससे क्रिया की समाप्ति निकट भूत में या तत्काल ही सूचित होती है । जैसे-मैंने आम खाया है । मैं चला हूँ।
(iii). पूर्ण भूत-क्रिया के उस रूप को पूर्ण भूत कहते हैं, जिससे क्रिया की समाप्ति के समय का स्पष्ट बोध होता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय बीता है । जैसे-उसने मुरारी को मारा था; वह. आया था । ।
(iv).अपूर्ण भूत – इससे यह ज्ञात होता है कि क्रिया भूतकाल में हो रही थीं, किन्त उसकी समाप्ति का पता नहीं चलता । जैसे-सुरेश गीत गा रहा था; गीता सो रही थी।
(v). संदिग्ध भूत – इसमें यह सन्देह बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ या नहीं। जैसे-तुमने गाया होगा; तू गाया होगा ।
(vi). हेतुहेतुमद् भूत – इससे यह पता चलता है कि क्रिया भूतकाल में होने वाली थी पर किसी कारण न हो सकी । जैसे-मैं आता; तू जाता; वह खाता ।
प्रश्न 4. भविष्यत् काल काल किसे कहते हैं ? इसके भेदों को सोदाहरण लिखें।
उत्तर⇒भविष्य में होने वाली क्रिया को भविष्यत् काल की क्रिया कहते हैं । जैसे-वह कल घर जायेगा ।
भविष्यत् काल के तीन भेद हैं-
(i). सामान्य भविष्यत् (ii). सम्भाव्य भविष्यत् और (iii). हेतुहेतुमद् भविष्यत् ।
(i). सामान्य भविष्यत् – इससे यह प्रकट होता है कि क्रिया सामान्यतः भविष्य में होगी । जैसे-मैं पढूंगा; वह जायेगा ।
(ii). सम्भाव्य भविष्यत् – जिससे भविष्य में किसी कार्य के होने की सम्भावना हो । जैसे-सम्भव है, रमेश कल आये ।
(iii). हेतहेतुमद्भविष्यत् – इसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करता है। जैसे-वह आये तो मैं जाऊँ; वह कमाये तो खाये ।
कारक – जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो, उसे कारक कहा जाता है।जैसे – ‘कृष्ण ने पाण्डवों से कौरवों का नाश करवा दिया।
कारक के मुख्य भेद छः माने जाते हैं-
कर्ता कारक – क्रिया के करने वाले को कर्त्ता कहते हैं । अतः, शब्द के जिस रूप से क्रिया करने वाले का पता चले, उसे कर्त्ता कारक कहते हैं । जैसे—लड़का खेल रहा है। सूर्य चमकता है।
कर्म कारक – जिस पदार्थ पर कर्त्ता की क्रिया का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। जैसे ‘राम ने श्याम को पीटा’ इस वाक्य में कर्ता ‘राम’ की क्रिया ‘पीटना’ का फल श्याम पर पड़ता है अर्थात् यहाँ श्याम पीटा जाता है, अतः ‘श्याम’ को कर्म कहा जायेगा।
करण कारक – करण साधनरूप कारक होता है। अतः, जिस शब्द की सहायता से क्रिया का पार होता है, उसे करण कारक कहते हैं। इसकी विभक्ति ‘से’, ‘द्वारा’, ‘के द्वारा’ या ‘के साथ’ है। जैसे मोहन चाकु से फल काट रहा है। मोहन ने यह किताब नौकर द्वारा भिजवाई है।
सम्प्रदान कारक – जिसके लिए क्रिया की जाती है या जिसे कुछ दिया जाता है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं। संप्रदान के परसर्ग हैं के लिए, के वास्ते, के हेतु, को आदि । जैसे—राम ने राजीव को गाय दी । इस वाक्य में ‘राजीव को’ सम्प्रदान कारक है, क्योंकि गाय उसे ही दी गयी है।
अपादान कारक – संज्ञा तथा सर्वनाम के जिस रूप से उससे किसी का अलग होना, डरना, उत्पन्न होना आदि पता चले, उसे अपादान कारक कहते हैं। जैसे वृक्ष से पत्ता गिरता है। यहाँ ‘वृक्ष से’ अपादान कारक है। हम लखनऊ से आए हैं।
सम्बन्ध कारक – जिस संज्ञा या सर्वनाम से किसी दूसरे शब्द का सम्बन्ध या लगाव जान पड़े, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। जैसे राम की गाय चरती है। यहाँ ‘राम की गाय’ में ‘गाय’ का सम्बन्ध ‘राम’ से है, अतः ‘राम की’ को सम्बन्ध कारक कहा जायेगा।
अधिकरण कारक – क्रिया या आधार को सूचित करनेवाली संज्ञा या सर्वनाम के स्वरूप को अधिकरण कारक कहते हैं।
(i) कभी-कभी ‘में’ के अर्थ में ‘पर’ और ‘पर’ के अर्थ में ‘में’ का प्रयोग होता हैं। जैसे तुम्हारे घर पर चार आदमी हैं घर में । दूकान पर कोई नहीं था = दूकान में । नाव जल में तैरती है—जल पर ।
(ii). कभी-कभी अधिकरण कारक की विभक्तियों का लोप भी हो जाता है। – जैसे वह संध्या समय गंगा-किनारे जाता है।
सम्बोधन कारक – संज्ञा के जिस रूप से किसी को बुलाया, पुकारा. या सम्बोधित किया जाए, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। जैसे हे प्रभु ! मेरा उद्धार करो। यहाँ ‘हे प्रभु !’ सम्बोधन कारक है।
कर्ता के ‘ने’ चिह्न का प्रयोग – कर्ता के ‘ने’ चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है
(i) सामान्य, आसन्न, पूर्ण और संदिग्ध भूतकालों की क्रियाओं में कर्ता के ‘ने’ , चिह्न का प्रयोग होता है। जैसे—राम ने रोटी खाई । श्याम ने भात खाया है। रंजन
ने पढ़ा होगा आदि।
(ii) जब ‘संयुक्त क्रिया’ के दोनों खण्ड सकर्मक हों, तो ‘अपूर्णभूत’ और ‘हेतुहेतुमद् भूत’ को छोड़कर शेष सभी भूत कालों में ‘ने’ चिह्न का प्रयोग होता है।
जैसे श्याम ने उत्तर बता दिया । दमन ने खाना खा लिया।
(iii) सामान्यतः अकर्मक क्रिया में ‘ने’ विभक्ति नहीं लगती, किन्तु कुछ ऐसी अकर्मक क्रियाएँ हैं। जैसे-नहाना, छींकना, थूकना, खाँसना। जिनमें ‘ने’ चिह्न का
प्रयोग अपवादस्वरूप होता है। इन क्रियाओं के बाद कर्म नहीं आता । जैसे उसने थूका । राम ने छींका। उसने खाँसा ।
(iv) जब अकर्मक क्रिया सकर्मक बन जाय तब ‘ने’ का प्रयोग होता है, अन्यथा नहीं। जैसे—उसने टेढ़ी चाल चली। उसने लड़ाई लड़ी।
(v). प्रेरणार्थक क्रियाओं के साथ, अपूर्णभूत को छोड़ शेष सभी भूतकालों में ‘ने’ का प्रयोग होता है। जैसे मैंने उसे पढ़ाया। उसने एक रुपया दिलवाया।
‘ने’ का प्रयोग कहाँ नहीं होता –
(i) सकर्मक क्रियाओं के कर्ता के साथ भविष्यत् काल में ‘ने’ का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता।
(ii) बकना, बोलना, भूलना — ये क्रियाएँ यद्यपि सकर्मक हैं, तथापि अपवादस्वरूप सामान्य, आसन्न, पूर्ण और सन्दिग्ध भूतकालों में कर्ता के ‘ने’ चिह्न का व्यवहार नहीं होता । यथा—वह बका; मैं बोला; वह भूला; मैं भूला ! हाँ, ‘बोलना’ क्रिया में कहीं-कहीं ‘ने’ आता है। जैसे उसने बोलियाँ बोलीं। वह बोलियाँ बोला’—ऐसा भी लिखा या कहा जा सकता है।
(iii).यदि संयुक्त क्रिया का अन्तिम खण्ड अकर्मक हो, तो उसमें ‘ने’ का प्रयोग नहीं होता। जैसे मैं खा चुका होऊँगा। वह पुस्तक ले आया।
(iv) जिन वाक्यों में लगना, जाना, सकना तथा चुकना सहायक क्रियाएँ आती हैं, उनमें ‘ने’ का प्रयोग नहीं होता। जैसे—वह खा चुका । मैं पानी पीने लगा।
कारक के भेदों के नाम चिन्हों सहित लिखे –
उत्तर⇒
S.N | कारक | चिन्ह |
1. | करता कारक | ने , शुन्य, (0) |
2. | कर्म कारक | को, शुन्य, (0) |
3. | कारण कारक | से |
4. | सम्प्रदान कारक | को, के लिए |
5. | अपादान कारक | से |
6. | सम्बन्ध कारक | का , के, की |
7. | अधिकरण कारक | में , पर |
8. | संबोधन कारक | हे , अरे, अजी, अहो |
1.’हे भगवान ! इस गरीब की रक्षा कर’ किस कारक का उदाहरण है ?
(A) कर्त्ता
(B) संबोधन
(C) संप्रदान
(D) अधिकरण
Ans : B
2. ‘कौआ पेड़ पर बैठा है’-किस कारक का उदाहरण है ?
(A) अधिकरण
(B) संबोधन
(C) कर्त्ता
(D) कर्म
Ans : A
3. ‘श्याम ने खाया’- किस काल का उदाहरण है ?
(A) भूतकाल का
(B) भविष्यत् काल का
(C) वर्तमान काल का
(D) सामान्य वर्त्तमान काल का
Ans : A
4. ‘मोहन जाता है’-किस काल के उदाहरण है ?
(A) वर्तमान काल का
(B) भूतकाल का
(C) भविष्यत् काल का
(D) पूर्ण भूतकाल का
Ans : A
5. ‘वह कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है’-कारक है-
(A) अपादान
(B) सम्प्रदान
(C) कर्त्ता
(D) करण
Ans : D
6. ‘को’ किस कारक का विभक्ति-चिह्न है ?
(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) करण
(D) सम्प्रदान
Ans : B
7. ‘वृक्ष पर पक्षी बैठे हैं।’ इस वाक्य में ‘पर’ कौन-सा कारक है ?
(A) कर्म
(B) सम्प्रदान
(C) अपादान
(D) अधिकरण
Ans : D
8. ‘गरीबों को वस्त्र दो’ वाक्य में कारक हैं-
(A) करण कारक
(B) अपादान कारक
(C) सम्प्रदान कारक
(D) कर्म कारक
Ans : D
9. लोग साँपों से बहुत डरते हैं। रेखांकित कारक का नाम बताएँ-
(A) अपादान कारक
(B) करण कारक
(C) कर्त्ता कारक
(D) संप्रदान कारक
Ans : B
10. इनमें से अपादान कारक की विभक्ति क्या है ?
(A) ने
(B) को
(C) से
(D) के लिए
Ans : C
11. ‘तीर से बाघ मार दिया गया’ किस कारक का उदाहरण है ?
(A) संप्रदान
(B) अपादान
(C) संबोधन
(D) करण
Ans : D
12. ‘वह जाएगा’ किस काल का उदाहरण है ?
(A) वर्तमान काल का
(B) भूतकाल का
(C) संदिग्ध भूतकाल का
(D) भविष्यत काल का
Ans : D
13. रमेश जयपुर से दिल्ली जा रहा है। इस वाक्य में कारक है-
(A) संबंध
(B) अपादान
(C) करण
(D) सम्प्रदान
Ans : B
14. उत्तमपुरुष बहुवचन संबंध कारक है-
(A) तुम्हारा
(B) उसका
(C) मेरा
(D) हमारा
Ans : C
15. उसका सारा जीवन मनुष्य-सेवा में बीत गया। रेखांकित कारक का नाम बताएँ-
(A) अपादान कारक
(B) करण कारक
(C) संबंध कारक
(D) सम्प्रदान कारक
Ans : C
16. हे प्रभु! मेरी इच्छा पूर्ण करो। यह वाक्य किस कारक का उदाहरण है ?
(A) संबंध कारक
(B) अधिकरण कारक
(C) सम्बोधन कारक
(D) अपादान कारक
Ans : C
17. कारक के कितने भेद है ?
(A) सात
(B) आठ
(C) नौ
(D) दस
Ans : B
18. किस वाक्य में अपादान कारक है ?
(A) राम ने रावण को तीर से मारा।
(B) मोहन से अब सहा नहीं जाता।
(C) हिमालय से गंगा निकलती है।
(D) चाकू से फल काटो।
Ans : C
19. मेरी माँ से चला नहीं जाता। रेखांकित कारक का नाम बताइए-
(A) कर्त्ता कारक
(B) करण कारक
(C) अपादान कारक
(D) संप्रदान कारक
Ans : A
20. ‘के लिए’ किस कारक का चिह्न है ?
(A) कर्म
(B) सम्प्रदान
(C) संबंध
(D) अपादान
Ans : B
21. ‘मेरे घर से आपका घर पाँच किलोमीटर दूर है।” इस वाक्य में ‘घर’ में कौन-सा कारक है ?
(A) कर्म
(B) संबंध
(C) अपादान
(D) सम्बोधन
Ans : C
22. रमा पर बहुत कर्ज है। रेखांकित कारक का नाम बताएँ-
(A) अधिकरण कारक
(B) कर्म कारक
(C) कर्त्ता कारक
(D) संप्रदान कारक
Ans : A
23. वृक्ष से पत्ते गिरते हैं – इस वाक्य में ‘से’ किस कारक का चिह्न है ?
(A) कर्म
(B) करण
(C) अपादान
(D) अधिकरण
Ans : C
24. गीता को तेज बुखार है। रेखांकित कारक का नाम बताएँ-
(A) कर्म कारक
(B) सम्प्रदान कारक
(C) संबंध कारक
(D) कर्त्ता कारक
Ans : D
25. ‘वह घर से बाहर गया’- इस वाक्य में कौन-सा कारक है ?
(A) कर्त्ता
(B) कर्म
(C) करण
(D) अपादान
Ans : D
26. वह अपने वर्ग में सबसे तेज है- इस वाक्य में ‘में’ किस कारक का चिह्न है ?
(A) कर्म
(B) करण
(C) अपादान
(D) अधिकरण
Ans : D
27. ‘बिल्ली छत से कूद पड़ो’- किस कारक का उदाहरण है ?
(A) संप्रदानकारक
(B) संबंधकारक
(C) अपादानकारक
(D) करणकारक
Ans : C
28. निम्न में ‘सम्बोधन कारक’ का विभक्ति चिह्न कौन है ?
(A) ने
(B) से
(C) अरे
(D) को
Ans : C
29. ‘शीला ने सावित्री को जी भर कोसा’ किस कारक का उदाहरण है ?
(A) करण कारक
(B) सम्प्रदान कारक
(C) अपादान कारक
(D) कर्म कारक
Ans : D
30. ‘लड़के ने पुस्तक पढ़ी है’-किस ‘काल’ का उदाहरण है ?
(A) वर्तमान काल
(B) भूत काल
(C) भविष्यत काल
(D) सामान्य भविष्य
Ans : A