वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता किसकी रचना है ?
[ A ] जयशंकर प्रसाद
[ B ] सुभद्रा कुमारी चौहान
[ C ] रघुवीर सहाय
[ D ] शमशेर बहादुर सिंह
Answer ⇒ (B)
2. सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कहाँ हुआ था ?
[ A ] वाराणसी
[ B ] कानपुर
[ C ] इलाहाबाद
[ D ] फैजाबाद
Answer ⇒ (C)
3. सुभद्रा कुमारी चौहान को किस पार्टी का एम०एल०ए० चना गया था ?
[ A ] समाजवादी पार्टी
[ B ] भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
[ C ] भारतीय जनता पार्टी
[ D ] काँग्रेस
Answer ⇒ (D)
4. सुभद्रा कुमारी चौहान किस वर्ग की कवयित्री मानी जाती है ?
[ A ] कटु यथार्थभाव धारा
[ B ] राष्ट्रीय भाव धारा
[ C ] भक्ति भाव धारा
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
5. सुभद्रा कुमारी चौहान की कौन-सी कृति नहीं है ?
[ A ] बिखरे मोती
[ B ] मुकुल
[ C ] प्रायश्चित
[ D ] त्रिधारा
Answer ⇒ (C)
6. ‘ सुभद्रा कुमारी चौहान की कौन सी कृति है ?
[ A ] इरावती
[ B ] पद्मावती
[ C ] काठ का सपना
[ D ] सभा के खेल
Answer ⇒ (D)
7. “सुभद्रा जी के साहित्य में अपने युग के मूल उद्वेश, उसके भिन्न-भिन्न रूप, अपनी आमरणहीन प्रकृत शैली में प्रकट हुए हैं।” यह किसका कथक है ?
[ A ] मुक्ति बोध
[ B ] अशोक वाजपेयी
[ C ] रघुवीर सहाय
[ D ] जयशंकर प्रसाद
Answer ⇒ (A)
8. सुभद्रा कुमारी चौहान के अनुसार, माँ के लिए अपने मन को समझाना कब कठिन हो जाता है ?
[ A ] भाई के मृत्यु होने पर
[ B ] पिता की मृत्यु होने पर
[ C ] पुत्र की मृत्यु होने पर
[ D ] पति की मृत्यु होने पर
Answer ⇒ (C)
9. ‘पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता में कवयित्री का खिलौना क्या है ?
[ A ] उनका पुत्र
[ B ] उनका तोता
[ C ] उनका छोटा भाई
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
10. सुभद्रा कुमारी चौहान अपनी पढ़ाई छोड़कर किस आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाने लगी ?
[ A ] सविनय अवज्ञा आन्दोलन
[ B ] असहयोग आन्दोलन
[ C ] भारत छोड़ो आन्दोलन
[ D ] दिल्ली चलो आन्दोलन
Answer ⇒ (B)
11. ‘पुत्र वियोग’ कविता में कवयित्री ने अपने असामायिक मृत-पुत्र के लिए किस शब्द का प्रयोग नहीं किया है ?
[ A ] खिलौना
[ B ] छौना
[ C ] खोया धन
[ D ] अनमोल रतन
Answer ⇒ (D)
12. सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन सूना-सूना क्यों हो रहा है ?
[ A ] पति के दूर जाने के कारण
[ B ] जेल जाने के कारण
[ C ] पुत्र के असमय निधन के कारण
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
13. सुभद्रा कुमारी चौहान स्वयं को असहाय क्यों कहती है?
[ A ] पिता वियोग के कारण
[ B ] पुत्र-वियोग के कारण
[ C ] पति-वियोग के कारण
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
14. “पुत्र वियोग’ कविता में कवयित्री के किसके लिए पत्थर को देवता मानकर पूजा की ?
[ A ] अपने लिए
[ B ] पति के लिए
[ C ] भाई के लिए
[ D ] पुत्र के लिए
Answer ⇒ (D)
15. ‘गुलामी का नशा’ किसकी रचना है?
[ A ] सुभद्रा कुमारी चौहान की
[ B ] ठाकुर रामनाथ सिंह की
[ C ] ठाकुर लक्ष्मण सिंह की
[ D ] इनमें किसी की नहीं
Answer ⇒ (B)
16. सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम क्या था ?
[ A ] ठाकुर लक्ष्मण सिंह
[ B ] ठाकुर दीनदयालु सिंह
[ C ] ठाकुर रामेश्वर सिंह
[ D ] ठाकुर रामप्रीत सिंह
Answer ⇒ (D)
17. “बिखरे मोती’ क्या है ?
[ A ] उपन्यास
[ B ] काव्य संकलन
[ C ] निबंध संकलन
[ D ] कहानी संग्रह
Answer ⇒ (D)
18. “सरोज स्मृति’ किसकी रचना है?
[ A ] पंत
[ B ] निराला
[ C ] महादेवी वर्मा
[ D ] सुभद्रा कुमारी चौहान
Answer ⇒ (B)
19. नास्थवेट गर्ल्स स्कूल में सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रिय मित्र कौन थी ?
[ A ] महादेवी वर्मा
[ B ] मन्नु भंडारी
[ C ] ममता कालिया
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
20. सुभद्रा कुमारी चौहान का प्रतिनिधि कविता संग्रह कौन है ?
[ A ] त्रिधारा
[ B ] मुकुल
[ C ] अनामिका
[ D ] गीतिका
Answer ⇒ (B)
21. सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ ?
[ A ] 16 अगस्त, 1904 को
[ B ] 20 जुलाई, 1920 को
[ C ] 18 मई, 1930 को
[ D ] 12 अगस्त, 1905 को
Answer ⇒ (A)
22. सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम क्या था ?
[ A ] ठाकर राजनाथ सिंह
[ B ] ठाकर हरिनाथ सिंह
[ C ] ठाकुर रामनाथ सिंह
[ D ] ठाकुर जगमोहन सिंह
Answer ⇒ (C)
23. सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता कौन-सी है ?
[ A ] प्यारे नन्हे बेटे को
[ B ] पुत्र वियोग
[ C ] हार-जीत
[ D ] गाँव का घर
Answer ⇒ (B)
24. “पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता किस काव्य-संग्रह से ली गई है ?
[ A ] ‘चित्राधार’ से
[ B ] ‘लहर’ से
[ C ] ‘मुकुल’ से
[ D ] ‘दीपशिखा’ से
Answer ⇒ (C)
25. ‘कुली प्रथा’ किसकी कृति है ?
[ A ] ठाकुर लक्ष्मण सिंह की
[ B ] मुल्कराज आनंद की
[ C ] प्रेमचंद की
[ D ] ममता कालिया की
Answer ⇒ (A)
26. पुत्र वियोग किसकी रचना है ?
[ A ] सुभ्रदा कुमारी चौहान
[ B ] रघुवरी सहाय
[ C ] अज्ञेय
[ D ] मुक्तिबोध
Answer ⇒ (A)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. कवयित्री का खिलौना क्या है ?
उत्तर- कवयित्री का खिलौना उसका बेटा है। बच्चों को खिलौना प्रिय होता है, वह उनकी सर्वोत्तम प्रिय वस्तु होती है। उसी प्रकार कवयित्री के लिए उसका बेटा उसके जीवन का सर्वोत्तम उपहार है। इसलिए वह कवयित्री का खिलौना है।
2. पत्र के लिए माँ क्या-क्या करती है ?
उत्तर- पुत्र के लिए माँ निजी सुख-दुख भूल जाती है। उसे अपनी सुख-सुविधा के विषय में सोचने का अवकाश नहीं रहता। वह उसके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का पूरा ध्यान रखती है। बेटा को ठंड न लग जाए अथवा बीमार न पड़ जाए, इसके लिए उसे सदैव गोद में लेकर उसका मनोरंजन करती रहती है। उसे लोरी-गीत सुनाकर सुलाती है। उसके लिए मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करती है तथा मन्नतें माँगती है।
3. माँ के लिए अपना मन समझाना कब कठिन है और क्यों ?
उत्तर- माँ के लिए अपने मन को समझाना तब कठिन हो जाता है, जब वह अपना बेटा खो देती है। बेटा माँ की अमूल्य धरोहर होता है। माँ की आँखों का तारा होता है। माँ का सर्वस्व यदि क्रूर नियति द्वारा उससे छीन लिया जाता है, उसके बेटे की मृत्यु हो जाती है तो माँ के लिए अपने मन को समझाना कठिन होता है।
4. पुत्र को ‘छौना’ कहने से क्या भाव छुपा है, उसे उद्घाटित करें।
उत्तर- ‘छौना’ का अर्थ होता है हिरण आदि पशुओं का बच्चा। ‘पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता में कवयित्री ने ‘छौना’ शब्द का प्रयोग अपने बेटा के लिए किया है। हिरण अथवा बाघ का बच्चा बड़ा भोला तथा सुन्दर दीखता है। इसके अतिरिक्त चंचल तथा तेज भी होता है। अतः, कवयित्री द्वारा अपने बेटा को छौना कहने के पीछे यह विशेष अर्थ भी हो सकता है।
5. कविता का भावार्थ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर- ‘पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता में अपने बेटे की मौत के बाद शोकाकुल माँ के मन में उठनेवाले अनेक निराशाजनक तथा असंयमित विचार तथा उससे उपजी विषादपूर्ण मन:स्थिति को उद्घाटित किया गया है। कवयित्री अपने बेटे के आकस्मिक तथा अप्रत्याशित निधन से मानसिक तौर पर अशान्त है। वह अपनी विगत स्मृतियों को याद कर उद्विग्न है। एक माँ के हृदय में उठनेवाले झंझावात की वह स्वयं भुक्तभोगी है। कविता में कवयित्री द्वारा नितांत मनोवैज्ञानिक तथा स्वाभाविक चित्रण किया गया है।
वस्तुतः कवयित्री ने अपने बेटे की मौत से उपजे दुःखिया माँ के शोकपूर्ण उद्गारों का स्वाभाविक एवं मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया है। ऐसी युक्तियुक्तपूर्ण एवं मार्मिक प्रस्तुति अन्यत्र दर्लभ है। महादेवी वर्मा की एक मार्मिक कविता इस प्रकार है, जो माँ की ममता को प्रतिबिंबित करती है, “आँचल में है दूध और आँखों में पानी।”
6. इस कविता को पढ़ने पर आपके मन पर क्या प्रभाव पड़ा, उसे लिखिए ?
उत्तर- पुत्र वियोग’ कविता में कवयित्री ने अपने बेटा की मृत्यु तथा उससे उपजे विषाद की अभिव्यक्ति की है।
मेरे मन में भी कुछ इसी प्रकार के मनोभावों का आना स्वाभाविक है। किसका हृदय संवेदना से नहीं भर उठेगा? कौन कवयित्री के शोकोद्गारों की गहराई में गए बिना रहेगा।
एक माँ का अपने बेटे की दिन-रात देखभाल करना, बीमारी, ठंड आदि से रक्षा के लिए उसे गोदी में खिलाते रहना, स्वयं रात में जागकर उसे लोरी गीत सुनाकर सुलाना, अपने दाम्पत्य जीवन की खुशी को संतान पर केन्द्रित करना, अंत में नियति के क्रूर-चक्र की चपेट में बेटा की मौत ! इन सारे घटनाक्रमों से मैं मानसिक रूप से अशांत हो गया। मुझे ऐसा अहसास हुआ जैसे यह त्रासदी मेरे साथ हुई। कविता में कवयित्री ने अपनी सम्पूर्ण संवेदना को उड़ेल दिया है, मन में करुणा उमड़ पड़ी तथा असह्य दर्द की अनुभूति होती है।
7. कवयित्री स्वयं को असहाय और विवश क्यों कहती हैं ?
उत्तर- कवयित्री असमय पुत्र की मृत्यु के कारण उसे आगे का सहारा नहीं दीखता है इसलिए वह अपने को असहाय और विवश कहती है। जब उसका पुत्र उसके साथ था तो वह उस खिलौने की भाँति उसी में खोयी रहती थी जिस प्रकार बच्चे माँ अपने बच्चों का तरह-तरह से ध्यान रखती है। कहीं उसे सर्दी न लग जाए। कहीं उसे लू न लग जाए। कभी उसे लोरियाँ गाकर सुनाती, कभी थपकी देकर इसमें माँ का मन लगा रहता था। परन्तु पुत्र के बिछड़ने के साथ ही वह असहाय हो जाती है और केवल उसके वियोग में आँसू बहाने को विवश हो जाती है।
8. ‘पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता का सारांश लिखें। अथवा, “पुत्र वियोग’ शीर्षक कविता का भावार्थ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर- सुभद्रा कुमारी चौहान मूलतः राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा की कवयित्री हैं। परन्तु सामाजिकता पर ध्यान गया है उनका। कवयित्री इस कविता में एक माँ की पुत्र की असमय मृत्यु होने पर उसकी स्थिति क्या हो सकती है उसी का चित्रण किया है इस कविता में। कवयित्री कहती है कि आज पूरा विश्व, संसार हँस रहा है, सभी ओर खुशी की लहर है परन्तु इस विश्व में सिर्फ एक मैं दु:खी हूँ जो मेरा ‘खिलौना’ खो गया है। ‘खिलौना’ यहाँ पुत्र के प्रतीक के रूप में आया है। एक बच्चे के लिए सबसे प्यारी वस्तु उसका खिलौना होता है। यदि उसका खिलौना खो जाता है तो वह दुखी हो जाता है परन्तु जैसे ही मिलता है खुशी का ठिकाना न रहता है। उसी तरह एक माँ के लिए पुत्र खिलौने की भाँति ही होता है। माँ जिधर से आती है बच्चे को पुचकारती हुई आती है। बच्चा उसकी जिन्दगी का अहम हिस्सा हो जाता है। वह एक पल भी उसके बिना रह नहीं पाती। माँ अपने पुत्र को कहीं जाने नहीं देती इसलिए कि उसे कहीं सर्दी न लग जाए। अतः आँचल की ओट में अपने गोद से नहीं उतारती। पुत्र जैसे ही ‘माँ’ पुकारा कि माँ सब काम छोड़ते हुए दौड़ी चली आयी। ये पंक्तियाँ माँ का पुत्र के प्रति प्रगाढ़ प्रेम को दर्शाती हैं। यही नहीं बच्चा जब नहीं सोता है तब उसे थपकी दे-देकर लोरी सुनाकर सुलाती है। अपने पुत्र के मुख पर मलिनता देखकर रात भर जाग कर बिताती है।
माँ अपने पुत्र की खुशी या उसे पाने के लिए क्या-क्या नहीं करती। पत्थर जैसे अमूर्त को मूर्त मानकर उसकी पूजा करती है। कहीं नारियल, बताशे, कहीं दूध चढ़ाकर शीश नवाती है। फिर भी इतना करने के बावजूद उसका पुत्र (खिलौना) छिन ही जाता है। इसलिए वह असहाय हो जाती है। उसके प्राण व्याकुल हो जाते हैं।
उसकी शांति छिन जाती है। वह सोचती है कि मैंने अनमोल धन खो दिया है और फिर इसे मैं नहीं पा सकती। इस कारण माँ का जीवन सूना-सूना सा हो जाता है। पुत्र की याद में रोते रहना नियति बन गयी है। उसे जीवन नीरस लगने लगता है। उसे लगता है काश ! एक बार भी यदि पा जाती तो जी भरकर उसे प्यार करती। वह कल्पना करती है कि मेरे भैया, बेटे, अब माँ को छोड़कर तुम नहीं जाना। परन्तु जो विछुड़ गया वह पुनः मिलता कहाँ।. अतः कवयित्री कहती है कि बेटा खोकर मन को समझाना बड़ा कठिन है। भाई-बहन, पिता सब भूल सकते हैं तुम्हें, परन्तु रात-दिन की साथिन माँ तुम्हें कैसे भूल सकती है।