वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. किसी ट्रांजिस्टर के धारा वृद्धि-गुणांक a तथा b में संबंध है,
जहाँ α =
(A) α = β/1+β
(B) β = α/1+α
(C) β = α
(D) α = β2/1+β2
Answer ⇒ (A)
2. P-कोटि के जरमेनियम अर्द्धचालक………. से मादित होता है
(A) आरसेनिक
(B) ऐन्टीमनी
(C) इंडियम
(D) फॉसफोरस
Answer ⇒ (A)
3. एक गैस डायोड में होता है
(A) केवल एनोड
(B) केवल कैथोड
(C) नली में केवल गैस
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (D)
4. AND गेट के लिए बुलियन व्यंजक है :
(A) = Y
(B) A + B = Y
(C) A . B = Y
(D) = Y
Answer ⇒ (C)
5. 15 का द्विचर-तुल्यांक है :
(A) (10111)2
(B) (10010)2
(C) (1111)2
(D) (111000)2
Answer ⇒ (C)
6. इनमें से कोई संबंध सही है किसी भी ट्रांजिस्टर के लिए :
(A) α > β
(B) β > α
(C) β = α
(D) αβ = 1
Answer ⇒ (B)
7. ‘NAND’ गेट के दोनों निवेश जोड़ दिये जाते हैं तो यह बन जाता है :
(A) OR GATE
(B) AND GATE
(C) NOT GATE
(D) XOR GATE
Answer ⇒ (C)
8. एक अर्द्धचालक डायोड में P-side को पृथ्वी से एवं n-side को -2V से जोड़ा जाता है। डायोड :
(A) चालन करेगा
(B) चालन नहीं करेगा
(C) भंजक हो जाएगा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
9. ट्रांजिस्टर में विद्युत चालन का कारण :
(A) होल
(B) इलेक्ट्रॉन
(C) होल एवं इलेक्ट्रॉन
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
10. P-प्रकार एवं N-प्रकार का अर्द्धचालक :
(A) विद्युतीय उदासीन
(B) विद्युतीय धनात्मक
(C) विद्युतीय ऋणात्मक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
11. अवक्षय क्षेत्र में होते हैं :
(A) केवल इलेक्ट्रॉन
(B) केवल विबर (होल)
(C) इलेक्ट्रॉन एवं विबर (होल), दोनों ही
(D) इलेक्ट्रॉन एवं विबर (होल), दोनों ही नहीं
Answer ⇒ (D)
12. सिलिकॉन का ऊर्जा अन्तराल 1.14ev है। अधिकतम तरंगदैर्घ्य जिसपर कि सिलिकॉन, ऊर्जा का अवशोषण प्रारम्भ कर देगा, वह कहाँ होगी :
(A) 10877 Å
(B) 1087.7 Å
(C) 108.77 Å
(D) 10.877 Å
Answer ⇒ (A)
13. ट्रांजिस्टर के α एवं β की धारा गुणांकों में संबंध हैः
(A) 1/α = 1/β – 1
(B) α = β/1 + β
(C) β = α/1 + α
(D) α = β/β – 1
Answer ⇒ (B)
14. यदि A = 1, B = 0 तब A.B + A . A बुलियन बीजगणित के अनुसार निम्नांकित में किसके बराबर होगा :
(A) A
(B) B
(C) A + B
(D) A . B
Answer ⇒ (A)
15. अन्तः अर्द्धचालक में विद्युत् चालन सम्भव है –
(A) उच्च ताप पर
(B) प्रत्येक ताप पर जो 0 K से ऊपर हो
(C) केवल 100°C पर
(D) केवल 0°C पर
Answer ⇒ (A)
16. सूत्र σ = e(neμe + nhμh) में σ क्या है ?
(A) प्रतिरोधकता
(B) चालकता
(C) घनत्व
(D) प्वाइसन अनुपात
Answer ⇒ (B)
17. वैसी युक्ति जो सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करता है, उसे कहते हैं –
(A) सौर सेल
(B) शुष्क सेल
(C) संचायक सेल
(D) बटन सेल
Answer ⇒ (A)
18. सौर सेल पैनेल का उपयोग किया जाता है-
(A) कृत्रिम उपग्रह में
(B) चन्द्रमा पर
(C) मंगल ग्रह पर
(D) कहीं भी नहीं
Answer ⇒ (A)
19. अग्र अभिनति P-N संधि डायोड जिसमें प्रकाश उत्सर्जित होता है, कहे जाते हैं –
(A) प्रकाश उत्सर्जक डायोड
(B) फोटो डायोड
(C) जेनर डायोड
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
20. GaP संधि द्वारा अधिकांश प्रकाश उत्सर्जित होता है –
(A) लाल और हरा
(B) लाल और पीला
(C) लाल और बैंगनी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
21. जब L.E.D उत्क्रम अभिनति में होता है तो क्या होता है ?
(A) प्रकाश उत्सर्जित नहीं होता है
(B) प्रकाश उत्सर्जित होता है
(C) प्रकाश अवशोषित भी नहीं होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
22. NOT gate बनाने के लिए उपयोग होता है
(A) npn ट्रांजिस्टर जिसका उत्सर्जक उभयनिष्ठ है
(B) npn ट्रांजिस्टर जिसका आधार उभयनिष्ठ है
(C) ppn ट्रांजिस्टर जिसका उत्सर्जक उभयनिष्ठ है
(D) pnp ट्रांजिस्टर जिसका आधार उभयनिष्ठ है
Answer ⇒ (A)
23. द्विआधारी संख्या का 111 का मान है –
(A) एक
(B) तीन
(C) सात
(D) एक सौ ग्यारह
Answer ⇒ (C)
24. बूलियन बीजगणित में Y = A + B का मतलब है –
(A) Y बराबर है A तथा B के
(B) Y बराबर है A तथा B के योग के
(C) Y बराबर नहीं है A या B के
(D) Y बराबर है दोनों A तथा B के
Answer ⇒ (A)
25. बूलियन बीजगणित Y = A . B का मतलब है –
(A) Y बराबर है A तथा B के गुणनफल का
(B) Y बराबर है A तथा B के
(C) Y बराबर है A या B के
(D) Y बराबर नहीं है A या B के
Answer ⇒ (B)
26. दी गयी सत्यता सारणी निरूपित करती है –
A | B | Y |
0 | 0 | 1 |
1 | 0 | 1 |
0 | 1 | 1 |
1 | 1 | 0 |
(A) NAND-द्वार
(B) NOR-द्वार
(C) NOT-द्वार
(D) XOR-द्वार
Answer ⇒ (B)
27. निम्नलिखित तर्किक परिपथ का आउटपुट है-
(A) Y =
(B) Y = +
(C) Y = A . B
(D) Y = .
Answer ⇒ (C)
28. दिखाये गये दो तार्किक द्वारों का संयोग निरूपित करता है –
(A) NAND-द्वार
(B) NOR-द्वार
(C) NOT-द्वार
(D) XOR-द्वार
Answer ⇒ (A)
29. निम्नलिखित में से कौन से आंकिक सिग्नल निरूपित करता है ?
(A)
(B)
(C)
(D)
Answer ⇒ (D)
30. निम्नलिखित तार्किक परिपथ का आउटपुट है –
(A) Y =
(B) Y = +
(C) Y = A . B
(D) Y = .
Answer ⇒ (A)
31. दिखाये गये दो तार्किक द्वारों के संयोग निरूपित करते हैं
(A) NAND-द्वार
(B) NOR-द्वार
(C) NOT-द्वार
(D) XOR-द्वार
Answer ⇒ (B)
32. एक प्रवर्द्धक दोलित्र से इस प्रकार भिन्न है कि
(A) एक प्रवर्द्धक में निवेश नहीं किया जाता है जबकि दोलित्र में निवेश किया जाता है
(B) एक दोलित्र में कोई निवेश नहीं किया जाता है जबकि प्रवर्द्धक में निवेश किया जाता है।
(C) ट्रांजिस्टर का उपयोग प्रवर्द्धक में होता है, दोलित्र में नहीं
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
33. एक प्रवर्द्धक से दोलित्र बनाने में फीडबैक होता है
(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) कभी धनात्मक कभी ऋणात्मक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
34. प्रेरणिक सम्बद्धता (inductive coupling) में प्रयुक्त होता है
(A) स्थिर वैद्युत प्रेरण
(B) परस्पर प्रेरण
(C) स्वप्रेरण
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
35. एक ट्रांजिस्टर स्विच की भाँति व्यवहार करता है
(A) सक्रिय क्षेत्र में
(B) कट ऑफ स्टेट
(C) सर्तृप्त अवस्था
(D) (B) एवं (C) दोनों
Answer ⇒ (D)
36. निवेश प्रतिरोध, ज्ञात संकेतों में इस प्रकार परिभाषित होता है –
(A) ri =
(B) ri =
(C) ri =
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
37. दशमलव अंक पद्धति की संख्या 27 की द्विआधारी पद्धति में समतुल्य संख्या होगी
(A) 11011
(B) 10111
(C) 11001
(D) 10011
Answer ⇒ (A)
38. परिपथ में धारा क्या होगी ?
(A) 3/40 A
(B) 1/10 A
(c) 3/50 A
(D) 3/10 A
Answer ⇒ (C)
39. eV में क्रमश: Ge और Si में बैंड रिक्तता है
(A) 0.7, 1.1
(B) 1.1, 0.7
(C) 1.1, 0
(D) 0, 1.1
Answer ⇒ (A)
40. एक डायोड प्रयुक्त हो सकता है।
(A) a.c. को d.c. में परिवर्तन के लिए
(B) d.c. को a.c. में परिवर्तन के लिए
(C) एम्पलीफाइर के रूप में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
41. दशमिक संख्या 25 को द्विआधारी में लिखें।
(A) (1100)2
(B) (1001)2
(C) (11001)2
(D) (11101)2
Answer ⇒ (C)
42. NOR gate का लॉजिक संकेत है –
(A)
(B)
(C)
(D)
Answer ⇒ (A)
43. मूल गेट (बेसिक गेट) हैं –
(A) AND, OR
(B) NAND, NOR
(C) OR, NOT
(D) AND, OR, NOT
Answer ⇒ (D)
44. एक npn ट्रांजिस्टर से निकलनेवाली धारा 2mA तथा संग्राही धारा 1.8 mA है। बेस धारा का मान होगा।
(A) 2mA
(B) 0.2 mA
(C) 1.8 mA
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
45. यदि A = 1, B = 0,C=1 तो का मान होगा –
(A) 1
(B) 0
(C) 10
(D) 101
Answer ⇒ (A)
46. संक्रिया का लौजिक गेट है
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
47. कौन-सा PN-जंक्शन अग्र अभिनत (forward biased) है ?
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
48. दिखाये गये PN-जंक्शन पर आवेश वितरण का ग्राफ है-
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
49. शून्य डिग्री केल्विन पर, जर्मेनियम का टुकड़ा
(A) अर्द्धचालक होता है
(B) सुचालक होता है
(C) कुचालक होता है
(D) अधिकतम चालकता
Answer ⇒ (C)
50. निवेश A तथा निर्गम X के लिए दिखाया गया परिपथ है
(A) AND
(B) NAND
(C) NOT
(D) OR
Answer ⇒ (C)
51. बैक-टू-बैक pn जंक्शन के आविष्कारक थे
(A) जे बारडीन
(B) डब्ल्यू एच ब्राट्टेन
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) डब्ल्यू शॉकले
Answer ⇒ (D)
52. LED से प्रकाश पाने के लिए बैंड गैप का परास है
(A) 1.8 eV-3eV
(B) 3 eV-6eV
(C) 1.0 eV – 1.8 eV
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
53. p-type अर्द्धचालक प्राप्त करने के लिए जर्मेनियम में त्रिसंयोजक मिलाया जाता है लेकिन n-type प्राप्त करने के लिए मिलाया जाता है –
(A) चतु:संयोजक
(B) पंच संयोजक
(C) त्रिसंयोजक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
54. चित्र में दिखाया गया लॉजिक गेट है
(A) OR
(B) NOR
(C) NAND
(D) AND
Answer ⇒ (D)
55. दिखाया गया सत्यता सारिणी है –
Input | Output | |
A | B | C |
0 | 0 | 0 |
0 | 1 | 1 |
1 | 0 | 1 |
1 | 1 | 0 |
(A) OR gate
(B) AND gate
(C) NOR gate
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (D)
56. कुचालक पदार्थ में संयोजक बैण्ड तथा चालकता बैण्ड के बीच होता है –
(A) चौड़ा बैण्ड गैप
(B) पतला बैण्ड गैप
(C) कोई रिक्त स्थान नहीं होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
57. सुचालक पदार्थ में संयोजक बैण्ड तथा चालन बैण्ड के बीच –
(A) चौड़ा बैण्ड गैप होता है
(B) पतला बैण्ड गैप होता है
(C) कोई रिक्त स्थान नहीं होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
58. अर्द्धचालक पदार्थ में संयोजन बैण्ड तथा चालन बैण्ड के बीच –
(A) चौड़ा बैण्ड गैप होता है
(B) पतला बैण्ड गैप होता है
(C) न तो पतला ही, न तो चौड़ा ही बैण्ड गैप होता है
(D) कोई गैप नहीं होता है
Answer ⇒ (B)
59. चालक पदार्थों का चालन बैण्ड इलेक्ट्रॉनों से –
(A) अंशतः भरा रहता है
(B) पूर्णतः खाली रहता है
(C) पूर्णतः भरा होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
60. N-प्रकार अर्द्धचालकों में मुख्य धारावाहक होते हैं –
(A) प्रोटॉन
(B) होल
(C) α-कण
(D) इलेक्ट्रॉन
Answer ⇒ (D)
61. P-प्रकार अर्द्धचालकों में मुख्य धारावाहक होते हैं
(A) इलेक्ट्रॉन
(B) होल
(C) फोटॉन
(D) प्रोटॉन
Answer ⇒ (B)
62. ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध –
(A) बढ़ाता है
(B) घटता है
(C) नियत रहता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
63. अर्द्धचालक में विद्युत् चालकता का कारण है –
(A) केवल इलेक्ट्रॉन
(B) केवल छिद्र
(C) इलेक्ट्रॉन एवं छिद्र दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
64. n-टाइप का जर्मेनियम प्राप्त करने के लिए जर्मेनियम में मिलाया गया अपद्रव्य होना चाहिए –
(A) त्रिसंयोजक
(B) चतुः संयोजक
(C) पंच संयोजक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
65. P-प्रकार का अर्द्धचालक प्राप्त करने के लिए जरमेनियम या सिलिकन में मिलाया गया अपद्रव्य होना चाहिए –
(A) त्रिसंयोजक
(B) चतुः संयोजक
(C) पंच संयोजक
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
66. आवर्त सारणी के तृतीय ग्रुप के तत्त्वों के अपद्रव्य को जरमेनियम या सिलिकन में मिलाने से वे हो जाते हैं –
(A) एक रोधी (insulator)
(B) एक N-प्रकार अर्द्धचालक
(C) एक P–प्रकार अर्द्धचालक
(D) प्रकाश-चालकीय
Answer ⇒ (C)
67. P-N संधि डायोड का उपयोग करते हैं एक –
(A) प्रवर्धक
(B) दोलन
(C) माडुलेटर
(D) दिष्टकारी की तरह
Answer ⇒ (D)
68. प्रत्यावर्ती विभव लगाने पर एक दिष्ट धारा उत्पन्न करने वाले संयंत्र का नाम है –
(A) दिष्टकारी
(B) ट्रान्सफार्मर
(C) ऑसिलेटर
(D) फिल्टर
Answer ⇒ (A)
69. पूर्ण तरंग दिष्टकारों के रूप में संधि डायोड का व्यवहार करने के लिए आवश्यक होती है –
(A) एक डायोड की
(B) दो डायोड की
(C) तीन डायोड की
(D) चार डायोड की
Answer ⇒ (B)
70. निवेशी वोल्टेज / धारा को बढ़ाने वाले यंत्र को कहते हैं –
(A) प्रवर्धक
(B) दोलित
(C) दिष्टकारी
(D) डायोड
Answer ⇒ (A)
71. डायोड का उपयोग करते हैं एक –
(A) प्रवर्धक की तरह
(B) दोलन की तरह
(C) मॉडुलेटर की तरह
(D) रेक्टिफायर की तरह
Answer ⇒ (D)
72. किसी ट्रांजिस्टर परिपथ में विभिन्न धाराओं के बीच का संबंध होता है-
(A) Ic =Ib + Ie
(B) Ic = Ib + Ic
(C) Ic = Ib x Ie
(D) Ie = Ib/ Ic
Answer ⇒ (B)
73. OR-द्वार का बूलियन व्यंजक है –
(A) Y = A + B
(B) Y = A . B
(C) Y =
(D) Y =
Answer ⇒ (A)
74. NAND गेट के लिए बूलियन व्यंजक है
(A) = γ
(B) = γ
(C) A.B = γ
(D) A + B = γ
Answer ⇒ (A)
75. AND-द्वार के लिए बूलियन व्यंजक है
(A) = Y
(B) A+B = Y
(C) A.B = Y
(D) AB = Y
Answer ⇒ (C)
76. NOT-द्वार के लिए बूलियन व्यंजक है-
(A) Y =
(B) Y =
(C) Y =
(D) Y = AB
Answer ⇒ (A)
77. NOR-द्वार के लिए बूलियन व्यंजक है –
(A) Y =
(B) Y =
(C) A . B = Y
(D) Y = A + B
Answer ⇒ (B)
78. जिस तर्क द्वार के दोनों निवेशी को केवल अवस्था 1 में रहने पर ही निर्गम प्राप्त होता है, वह तर्क द्वार है –
(A) OR
(B) AND
(C) NOR
(D) NAND
Answer ⇒ (B)
79. यदि किसी लॉजिक गेट का निर्गम (Y) का मान उसके दोनों निवेशों के गुना (A . B) से प्राप्त होता है, तो वह गेट है –
(A) OR
(B) AND
(C) NOR
(D) NOT
Answer ⇒ (B)
80. यदि किसी लॉजिक गेट के दोनों निवेशों को अवस्था 0 में रहने पर निर्गम 1 प्राप्त होता है तब वह लॉजिक गेट है अवश्य है –
(A) AND
(B) OR
(C) NOT
(D) NOR
Answer ⇒ (D)
81. दिया गया सत्य तालिका किस तर्क द्वार को निरूपित करता है?
A | B | Y |
0 | 0 | 1 |
0 | 1 | 1 |
1 | 0 | 1 |
1 | 1 | 0 |
(A) NAND
(B) AND
(C) NOR
(D) XOR
Answer ⇒ (A)
82. 4N भरे स्तरों के निम्न ऊर्जा पट्टी को कहते हैं –
(A) संयोजी पट्टी
(B) चालन पट्टी
(C) फॉरबीडेन ऊर्जा पट्टी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
83. 4N खाली स्तरों के उच्च पट्टी को कहा जाता है –
(A) फॉरबीडेन ऊर्जा पट्टी
(B) चालन पट्टी
(C) संयोजी पट्टी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
84. धारा प्रवाह में शामिल इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं –
(A) कन्डक्शन बैण्ड में
(B) फॉरबीडेन ऊर्जा अन्तराल में
(C) वैलेन्स बैण्ड में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
85. अर्द्धचालक की स्थिति में फॉरबीडेन ऊर्जा अन्तराल की चौड़ाई लगभग होती है
(A) 0.01 eV
(B) 100 eV
(C) 10 eV
(D) 1 eV
Answer ⇒ (D)
86. ताप बढ़ने के साथ अर्धचालक का प्रतिरोध
(A) बढ़ता है
(B) घटता है
(C) कभी बढ़ता है और कभी घटता है
(D) अपरिवर्तित होता है
Answer ⇒ (B)
87. अर्द्धचालकों में अपद्रव्यों को डालने से
(A) वे रोधी (insulators) हो जाते हैं
(B) उनकी चालकता घट जाती है
(C) उनकी चालकता शून्य हो जाती है
(D) उनकी चालकता बढ़ जाती है
Answer ⇒ (D)
88. फॉरबीडेन ऊर्जा अन्तराल की चौड़ाई अधिकतम है
(A) धातुओं के लिए
(B) अर्द्धचालकों के लिए
(C) अचालकों के लिए
(D) किसी के लिए नहीं
Answer ⇒ (C)
89. विवर (होल) मोबाइल आवेश वाहक होता है
(A) कन्डक्शन बैण्ड में
(B) फॉरबीडेन ऊर्जा अन्तराल में
(C) वैलेन्स बैण्ड में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
90. ट्रांजिस्टर की क्रिया हेतु निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है ?
(A) आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों का आकार (size) और अपमिश्रण सांद्रता समान होनी चाहिए
(B) आधार क्षेत्र बहुत बारीक और अपमिश्रित होना चाहिए
(c) उत्सर्जक संधि अग्र अभिनति है और संग्राहक संधि उत्क्रम अभिनति है
(D) उत्सर्जक संधि और संग्राहक संधि दोनों ही अग्र अभिनति है
Answer ⇒ (B)
91. ट्रान्जिस्टर की धारा लाभ a परिभाषित होता है
(A) Ic/Ib द्वारा
(B) Ic/Ie द्वारा
(C) Ie/Ic द्वारा
(D) Ib/Ie द्वारा
Answer ⇒ (B)
92. पूर्ण-तरंगी दिष्टकारी में, यदि निवेश आवृत्ति 50 Hz है तो निर्गम आवृत्ति क्या
(A) 25
(B) 50
(C) 100
(D) 200
Answer ⇒ (C)
93. P-N-Pट्रांजिस्टर के लिए कॉमन आधार में α का मान 0.98 है तो कॉमन उत्सर्जक में धारा लाभ β का मान होगा –
(A) 4.9
(B) 0.49
(C) 49
(D) 0.98
Answer ⇒ (C)
94. N-P-N ट्रान्जिस्टर के लिए कॉमन आधार में β का मान 100 है तो कॉमन उत्सर्जक में धारा लाभ α का मान होगा –
(A) 0.99
(B) 1.01
(C) 0.92
(D) 0.95
Answer ⇒ (A)
95. ट्रान्जिस्टर के किस विन्यास में वोल्टता लाभ अधिकतम है ?
(A) कॉमन आधार में
(B) कॉमन उत्सर्जक में
(C) कॉमन संग्राहक में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
96. एक शुद्ध अर्द्धचालक का परम शून्य ताप पर व्यवहार है
(A) एक कुचालक की भाँति
(B) एक अति-चालक की भाँति
(C) एक N-प्रकार के अर्द्धचालक की भाँति
(D) एक धातु चालक की भाँति
Answer ⇒ (A)
97. N-प्रकार का अर्द्धचालक बनाने के लिए शुद्ध सिलिकॉन में मिलाया जाने वाला अशुद्ध परमाणु है :
(A) फॉसफोरस
(B) बोरॉन
(C) एण्टीमनी
(D) एल्यूमिनियम
Answer ⇒ (C)
98. जर्मेनियम क्रिस्टल को N-प्रकार का अर्द्धचालक बनाने के लिए उसमें मिलाये जाने वाले अपद्रव्य की संयोजकता होगी :
(A) 6
(B) 5
(C) 4
(D) 3
Answer ⇒ (B)
99. P–N संधि का अग्र अभिनति दशा में :
(A) कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है
(B) केवल P क्षेत्र से होल N क्षेत्र में प्रवेश करता है
(C) केवल N क्षेत्र से इलेक्ट्रॉन P क्षेत्र में प्रवेश करता है
(D) प्रत्येक क्षेत्र से बहुसंख्यक वाहक दूसरे क्षेत्र में प्रवेश करता है
Answer ⇒ (D)
100. प्रवर्धक के रूप में ट्रान्जिस्टर, ट्रायोड वाल्व की अपेक्षा श्रेष्ठ है क्योंकि –
(A) यह अधिक ताप परिवर्तन सहन कर सकता है
(B) इसकी निर्गत प्रतिबाधा उच्च होती है
(C) यह उच्च सामर्थ्य को सँभाल सकता है
(D) इसे ऊष्मक की आवश्यकता नहीं है
Answer ⇒ (D)
101.सक्रिय विधा में ट्रान्जिस्टर के लिए निम्न में से कौन-सा कथन सही है ?
(A) E-B संधि अग्र और B-C पश्च होती है
(B) E-B संधि पश्च और B-C अग्र होती है
(C) E-B, B-C दोनों संधियाँ अग्र होती हैं
(D) E-B, B-C दोनों संधियाँ पश्च होती हैं
Answer ⇒ (A)
102. P–N–P ट्रान्जिस्टर की तुलना में N–P–N ट्रान्जिस्टर श्रेष्ठ है क्योंकि-
(A) यह सस्ता होता है
(B) इसमें ऊर्जा का ह्रास कम होता है
(C) इसमें इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह अधिक होता है
(D) यह अधिक शक्ति सहन करने की क्षमता रखता है
Answer ⇒ (C)
103. यदि किसी अर्द्धचालक में छिद्रों एवं इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमशः NP तथा Ne हो तो –
(A) Np > Ne
(B) Np = Ne
(C) Np < Ne
(D) Np ≠ Ne
Answer ⇒ (B)
104. अर्द्धचालकों में अशुद्धि मिलाने की क्रिया को कहा जाता है-
(A) डोपिंग
(B) हाइब्रीडायजेशन
(C) अनुशीलन
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
105. कॉमन बेस तथा कॉमन इमिटर एम्पलिफायर के करेन्ट गेन के बीच संबंध होता है –
(A) β = 1- α / α
(B) β = α / 1 – α
(C) α = β / 1 – α
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
106. डायोड को कहा जाता है –
(A) फ्लेमिंग वाल्व
(B) रिचार्डसन वाल्व
(C) एडीसन वाल्व
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
107. संयोजक ऊर्जा बैण्ड तथा चालन ऊर्जा बैण्ड के बीच के अन्तराल को कहते है –
(A) फर्मी बैण्ड
(B) बैण्ड गैप
(C) संयोजक बैण्ड
(D) चालन बैण्ड
Answer ⇒ (B)
108. एक अर्द्धचालक को T1 K से T2 K ताप पर ठंडा किया जाता है, तो इसका प्रतिरोध –
(A) बढ़ेगा
(B) घटेगा
(C) नियत रहेगा
(D) पहले घटेगा फिर बढ़ेगा
Answer ⇒ (A)
109. यदि ट्रांजिस्टर के धारा नियतांक α तथा β है तो –
(A) αβ = 1
(B) β > 1, α < 1
(C) α = β
(D) β < 1,α > 1
Answer ⇒ (B)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ठोस में किस प्रकार ऊर्जा पट्टी (बैण्ड) बनता है ? समझाएँ।
अथवा, ठोसों में ऊर्जा पट्टी के बनावट की व्याख्या उपयुक्त आरेख द्वारा करें।
Ans⇒ ठोसों में ऊर्जा पट्टी (बैण्ड) – ठोसों में परमाणु अपने पड़ोसी परमाणुओं द्वारा घिरा होता है तथा परमाणु में इलेक्ट्रॉन के इस ऊर्जा स्तर के कारण केवल सबसे बाहरी कक्षाओं में रूपान्तरित होता है, क्योंकि सबसे बाहरी कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन एक से अधिक परमाणु द्वारा साझेदारी करता है।
माना कि एक छोटा सिलिकॉन के रवा N परमाणु से बना है सिलिकॉन के परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2p2, 3s23p2 है। इसके बाहरी कक्षा के 3s उपकक्षा में 2 इलेक्ट्रॉन तथा 3p उपकक्षा में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं। सबसे बाहरी कक्षा में, 2n s-स्तर 2N इलेक्ट्रॉन द्वारा पूरे भरे होते हैं। जबकि 6N के बाहर सबसे बाहरी कक्षा में, p-स्तर में, केवल 2N भरे होते हैं। चित्रानुसार सिलिकॉन परमाणु में ऊर्जा स्तर प्रदर्शित है।
सिलिकॉन परमाणु में वास्तविक अन्तर परमाण्विक विलगाव को r = a द्वारा व्यक्त किया जाता है।
माना कि सिलिकॉन परमाणु एक-दूसरे के नजदीक रखे हैं। इस तरह की रवा लैटिस में अंतिम वास्तविक स्थिति (r = a) है।
(i) जब r = d1 है तो एक परमाणु के सबसे बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन एक-दूसरे के साथ नहीं मिलते हैं। इसलिए, d पर N परमाणु के प्रत्येक का अपना ऊर्जा स्तर होता है।
(ii) जब r = d2 है, तो सबसे बाहरी कक्षाओं (3s2 तथा 3p2) के इलेक्ट्रॉनों के बीच दूरी हो जाती है, जिसके कारण प्रत्येक परमाणु के स्तर 3s तथा 3p के ऊर्जा कुछ रूपान्तरित हो जाते हैं। इसलिए वहाँ अधिक संख्या के सटे रिक्त ऊर्जा स्तर हो जाता है। 2N, s-स्तर को समान ऊर्जा नहीं होता है, किन्तु छोटे ऊर्जा पट्टी (बैण्ड) में फैल जाते हैं। उसी प्रकार 6N, p-स्तर पर भी छोटे ऊर्जा बैण्ड में फैल जाते हैं। फलस्वरूप विलगित परमाणु के s तथा p स्तर के बीच ऊर्जा अन्तराल कम हो जाता है।
(iii) जब r = d है, तो 3s तथा 3p स्तरों के बीच ऊर्जा गायब हो जाते हैं और सभी 8N स्तर (2N s-स्तर तथा 7N p-स्तर) एक ऊर्जा बैण्ड बनाते हुए नियमित रूप में बँट जाता है।
(iv) जब r = a है, तो 4N भरे स्तरों के बैण्ड तथा 4N रिक्त ऊर्जा स्तरों के बैण्ड, एक ऊर्जा गैप द्वारा एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं। 4N भरे स्तरों के निम्न ऊर्जा बैण्ड को (वैलेन्स बैण्ड) संयोजी पट्टी कहते हैं, जबकि 4N खाली स्तरों के उच्च ऊर्जा बैण्ड को चालन पट्टी (कण्डक्शन बैण्ड) कहते हैं। दोनों के बीच के ऊर्जा अन्तराल को फॉरबिडेन ऊर्जा अन्तराल कहते हैं।
उच्चतम ऊर्जा स्तर जिसके शून्य केल्विन पर वैलेन्स बैण्ड में एक इलेक्ट्रॉन रह सकता है, फर्मी स्तर कहलाती है। तापक्रम के बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन ऊर्जा अवशोषित करता है तथा उत्तेजित हो जाता है। उत्तेजित इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तरों पर कूद जाता है। उच्च ऊर्जा स्तरों में ये इलेक्ट्रॉन तुलना में नाभिक से अधिक दूर होते हैं तथा निम्न ऊर्जा स्तरों में इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक मुक्त होते हैं। वैलेन्स बैण्ड तथा कण्डक्शन बैण्ड के तुलनात्मक स्थिति पर निर्भर करते हुए ठोस कण्डक्शन (चालक), अचालक तथा अर्द्ध-चालक की तरह आचरण करते हैं।
2. सौर सेल क्या है ? इसकी उपयोगिता कृत्रिम उपग्रहों में क्या है ? समझाएँ।
Ans⇒ सौर-सेल – सौर सेल ऐसी युक्ति है जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। सैलेनियम से तैयार किये गए सौर से आपतित प्रकाश ऊर्जा का 0.6% ही विद्युत में परिवर्तित कर सकते हैं। आजकल सौर सेल प्रायः सिलिकॉन, जरमेनियम तथा गैलियम जैसे अर्द्धचालकों के बनाए जाते हैं, जिनकी दक्षता अधिक होती है
वैसी संधि डायोड जिसमें P- या N- प्रकार में एक को बहुत पतला इस प्रकार बनाया जाता है कि डायोड पर पड़ते हुए प्रकाश ऊर्जा उसकी संधि पर पहुँचने के पहले ज्यादा अवशोषित नहीं होता है, प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, सौर सेल कहलाते हैं। जैसे- प्रकाश-चालकीय सेल जिसका वर्णन इसके पहले यूनिट में प्रकाश-विद्युत (फोटो) सेल में है।
प्रकाश पड़ने पर अर्द्धचालकों की चालकता बढ़ जाती है। सौर सेल में अपद्रव्य मिश्रित अर्द्धचालक पदार्थ की परतें इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि प्रकाश पड़ने पर उसके दो भागों में विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है।
वर्ग सेमी॰ आकार के सौर सेल द्वारा 60 मिली ऐम्पियर धारा लगभग 0.4 से 0.5 वोल्ट पर उत्पन्न होती है। सौर सेल पैनेल में अनेक सौर सेल विशेष क्रम में व्यवस्थित होते हैं, जिससे विभिन्न कार्यों के लिए पर्याप्त परिणाम में विद्युत प्राप्त की जा सकती है।
सौर सेल पैनेल का उपयोग कृत्रिम उपग्रह में किया जाता है।
सौर सेल के अन्य उपयोग निम्नलिखित हैं –
(a) समस्त कृत्रिम उपग्रहों तथा अंतरिक्ष अन्वेषक यान मुख्यतः सौर पैनलों द्वारा उत्पादित विद्यत पर निर्भर करता है।
(b) यह प्रकाश व्यवस्था, जल पम्पों, रेडियो तथा दूरदर्शन के अभिग्राहियों को प्रचालित करने में उपयोगी है।
(c) यह प्रकाश ग्रह में तथा तट से दूर निर्मित खनिज तेल के कुएँ खोदने के रिंग को विद्युत ऊर्जा प्रदान करने में उपयोगी है।
3. चालकों के लक्षणों की व्याख्या ऊर्जा पट्टी (बैण्ड) के आधार पर करें।
Ans⇒ ऊर्जा बैण्ड के आधार पर चालकों के लक्षणों के व्याख्या –
चित्रानुसार धातुओं (चालकों) की ऊर्जा बैण्ड रचना वैसी होती है जिसमें कण्डक्शन बैण्ड तथा वैलेन्स बैण्ड कण्डक्शन बैण्ड एक-दूसरे से ओवरलैप (एक दूसरे पर चढ़े) होते हैं या कण्डक्शन बैण्ड अंशतः भरे होते हैं।
Zn में वैलेन्स बैण्ड कण्डक्शन बैण्डों पर चढ़े होते हैं तथा Na में अंशतः भरे होते हैं। फर्मी स्तर के नीचे से बहुत-से इलेक्ट्रॉन उच्च स्तरों में जा सकते हैं, जो कि फर्मी स्तर के ऊपर होते हैं।
वैसे इलेक्ट्रॉन मुक्त इलेक्ट्रॉन की भाँति व्यवहार करते हैं। जब चालकों से विद्युत क्षेत्र आरोपित किया जाता है तो ये मुक्त इलेक्ट्रॉन विद्युतीय क्षेत्र की दिशा के विपरीत दिशा में गतिशील हो जाते हैं। दूसरे शब्दों में उससे एक धारा प्रवाहित करना प्रारम्भ करने पर विद्युतीय क्षेत्र आरोपित हो जाता है तथा वैसा ठोस चालक कहा जाता है।
4. ट्रान्जिस्टर क्या है ? N-P-N तथा P-N-P ट्रान्जिस्टर में अंतर स्पष्ट करें।
Ans⇒ ट्रान्जिस्टर – ट्रान्जिस्टर एक अर्द्ध-चालक युक्ति है जिसका व्यवहार प्रवर्धन, दोलित्र आदि के लिए होता है। यह एक तीन सेक्सन अर्द्धचालक है। तीनों सेक्सन इस प्रकार संयोजित होते हैं कि दो के किनारों को समान प्रकार का वाहक होता है। जब सेक्शन उसे अलग करता है तो विपरीत प्रकृति के वाहक प्राप्त होते हैं। इसलिए यह दो प्रकार का N-P-N तथा P-N-P ट्रान्जिस्टर होता है। इसके तीनों सेक्शन उत्सर्जक E, आधार B तथा संग्राहक C कहलाते हैं।
N-P-N ट्रान्जिस्तिर – चित्रानुसार (a) द्वारा N-प्रकार अर्द्ध-चालक के दो छोटे क्रिस्टल के बीच एक बहुत पतला टुकड़ा P-प्रकार का अर्द्धचालक होता है। केन्द्रीय टुकड़े, आधार (B) कहलाते हैं। जबकि बायीं तथा दायीं क्रिस्टल क्रमशः उत्सर्जक (E) तथा संग्राहक (C) कहलाते हैं।
इसमें उत्सर्जक (E) को ऋणात्मक विभव दिया जाता है जबकि संग्राहक (C) को आधार के सापेक्ष धनात्मक विभव दिया जाता है।
पुनः उत्सर्जन आधार N-P संधि बायीं तरफ अग्र अभिनति (फॉरवर्ड बायसित) होते हैं; जबकि आधार-संग्राहक P-N संधि बायीं तरफ पश्च अभिनति (रिवर्स बायसित) होते हैं। N-P-N ट्रान्जिस्टर के संकेत (b) चित्रानसार प्रदर्शित है। इसमें तीर के निशान इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा के विपरीत धारा की दिशा को प्रदर्शित करते हैं।
P-N-P ट्राजिस्टर – चित्रानुसार (a) द्वारा P-प्रकार के अर्द्धचालक दो छोटे क्रिस्टलों के बीच एक बहुत पतले टुकड़े N-प्रकार के अर्द्ध चालक हैं। केन्द्रीय टुकड़े आधार (B) कहलाते हैं जबकि बायीं तथा दायीं तरफ के क्रिस्टल क्रमशः उत्सर्जक (E) तथा संग्राहक (C) कहलाते हैं। उत्सर्जक को धनात्मक विभव दिया जाता है जबकि आधार के सापेक्ष संग्राहक को ऋणात्मक विभव दिया जाता है। इस प्रकार बायी तरफ उत्सर्जक आधार P-N संधि फॉरवर्ड बायस्ड होते हैं जबकि आधार संग्राहक N-P संधि दायीं तरफ रिवर्स बायस्ड होता है। इसका संकेत (b) चित्रानुसार प्रदर्शित है, जिसमें तीर की दिशा धारा की दिशा विवरों (होलों) के प्रवाह की दिशा को प्रदर्शित करता है।
संकेत में P-N-P तथा N-P-N ट्रान्जिस्टर में अन्तर क्रमशः उत्सर्जक के विपरीत दिशा के तरफ तीर के निशान तथा उसकी दिशा की तरफ तीर की निशान को प्रदर्शित करते हैं।
5. बीट क्या है ? समझाएँ।
Ans⇒ बाइनरी संख्या के प्रत्येक अंक को बीट कहा जाता है। प्रथम अक न्यूनतम महत्त्वपूर्ण बीट (L. S. B.) कहा जाता है, जबकि अंतिम अंक अधिकतम महत्त्वपूर्ण बीट (M. S. B.) कहा जाता है। बाइनरी संख्या पद्धति के आधार 2 होते हैं। दशमलव संख्या पद्धति में इकाई स्थान में अंक का गुणज 101 होता है, दसवें स्थान में अंक का गुणज 102 होता है, सौवें स्थान में अंक का गुणज 102 होता है और सो ऑन । बाइनरी संख्या पद्धति में अंक का गुणज 20, 21, 22………M. S. B. होता है।
6. बूलियन बीजगणित से आप क्या समझते हैं ?
Ans⇒ बूलियन बीजगणित – कम्प्यूटर पद्धति का इलेक्ट्रॉनिक परिपथ बलियन बीजगणित के सिद्धांत पर आधारित है। यह तार्किक कथन के साथ प्रस्तुत होता है कि उसके केवल दो मान या तो सही या गलत मान होता है। तार्किक कथन बूलियन चर कहलाते हैं, जिसके एक मान या तो सही या गलत होता है। बूलियन चर का सही मान 1 द्वारा तथा गलत मान 0 द्वारा व्यक्त होता है। इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में 1 तथा 0 संकेतों को, परिपथ अवयव जैसे स्विच, डायोड या ट्रान्जिस्टर को एक्टिव (active) तथा पैसिव (passive) अवस्था में निरूपित किया जाता है।
बुलियन बीजगणित में तीन बेसिक संचालक व्यवहार किये जाते है –
(i) OR, (ii) AND तथा (iii) NOT ।
(i) अतिरिक्त संकेत (+) को OR रूप में लिखा जाता है। इसका बूलियन व्यंजक निम्नलिखित हैं –
Y = A + B मतलब कि Y बराबर है A OR B
(ii) गुणा चिह्न (× या .) को AND रूप में लिखा जाता है। इसका बलियन व्यंजक निम्नलिखित हैं –
Y = A. B या A x B मतलब कि Y बराबर है A AND B.
(iii) बार संकेत (-) को NOT की तरह लिखा जाता है। इसका बूलियन व्यंजक निम्नलिखित है Y = A मतलब कि Y बराबर है NOT A NOT ऑपरेशन को नेगेशन भी कहा जाता है।
7. तार्किक द्वार क्या है ? समझाएँ।
Ans⇒ तार्किक द्वार – बायनरी सूचना के मनीपुलेशन (manipulation) तार्किक परिपथ द्वारा होता है, जिसे द्वार कहते हैं। द्वारा आंकित परिपथ होता है जो निविष्ट (इनपुट) तथा बहिर्गत (आउटपुट) वोल्टता के बीच तार्किक सम्बन्ध बताता है। इसलिए यह तार्किक द्वार कहलाता है।
तार्किक द्वार सामान्यतया आंकिक कम्प्यूटर में पाया जाता है। तीन प्रकार के बेसिक द्वार होते हैं जिसे OR द्वार, AND द्वार तथा NOT द्वार कहते हैं। प्रत्येक द्वार ग्राफिक संकेतों द्वारा प्रदर्शित होता है तथा इसका संचालन बूलियन बीजगणित फलन के सहारे वर्णित होता है। प्रत्येक द्वार के लिए बायनरी चारों का सम्बन्ध इनपुट-आउटपुट सत्यता सारणी में निरूपित किया जाता है।
8. सत्यता सारणी क्या है ?
Ans⇒ सत्यता सारणी – सत्यता सारणी वैसी सारणी होती है जो तार्किक द्वार के लिए सभी इनपुट/आउटपुट संभावनाओं को दिखाती है। इसे संयोगिता की सारणी भी कहा जाता है| OR द्वार, AND द्वार तथा NOT द्वार की सत्यता सारणी निम्नलिखित हैं :
9. XOR द्वार से आप क्या समझते हैं ?
Ans⇒ XOR द्वार – XOR द्वार वैसा द्वार है जो OR, AND तथा NOT द्वार के व्यवहार से प्राप्त होता है। इसे एक्सक्लुसिव OR द्वार भी कहा जाता है। चित्रानुसार (a) द्वार XOR द्वार चित्रानुसार (b) द्वारा इसके तार्किक संकेत तथा चित्रानुसार (b) द्वारा इसकी सत्यता सारणी प्रदर्शित है।
(c) XOR द्वार की सत्यता सारणी
XOR द्वार की स्थिति में आउटपुट केवल 1 है, जबकि इनपुट अनेक होते हैं।
10. OR द्वार, NOR द्वार, AND द्वार तथा NAND द्वार के तार्किक संकेत खींचें।
Ans⇒ OR द्वार के तार्किक संकेत :
निविष्ट (इनपुट) बहिर्गत (आउट पुट)
NOR द्वार के तार्किक संकेत:
निविष्ट (इनपुट) बहिर्गत (आउटपुट)
AND द्वार के तार्किक सकेत :
निविष्ट (इनपुट) बहिर्गत (आउटपुट)
NAND द्वार के तार्किक संकेत:
निविष्ट (इनपुट) बहिर्गत (आउटपुट)
11. दिए गए NOR द्वारा युक्त परिपथ की सत्यमान सारणी लिखिए और इस परिपथ द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए।
Ans⇒
1. ⇒ NOR द्वार
2. ⇒ NOR द्वार
12. नैज अर्द्ध चालक क्या है ? किसी नैज अर्द्धचालक को आप बाह्य n-अर्द्धचालक में कैसे परिवर्तित करेंगे
Ans⇒ नैज अर्द्धचालक – नैज अर्द्धचालक वैसा शुद्ध अर्द्धचालक होता है, जो किसी भी प्रकार के अशुद्धि से मुक्त होता है। किसी नैज अर्द्धचालक को पंच संयोजी परमाणुओं से अपमिश्रित कर बाह्य n-अर्द्धचालक में परिवर्तित किया जा सकता है।
13. किसी नैज अर्द्धचालक का अपमिश्रण से आप क्या समझते हैं ? अपमिश्रण किसी अर्द्धचालक के चालकता को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
Ans⇒ किसी नैज अर्द्धचालक में उचित अशुद्धियों को 106 : 1 अनुपात में मिलाने की विधि को अपमिश्रण कहा जाता है।
किसी अर्द्धचालक की चालकता अपमिश्रण करने से बढ़ता है, क्योंकि प्रत्येक अपमिश्रित परमाणु एक मुक्त आवेश वाहक देता है।
14. n-अर्द्धचालक तथा p-अर्द्धचालक में क्या अंतर है ?
Ans⇒
n-अर्द्धचालक | P-अर्द्धचालक |
(i) किसी शुद्ध अर्द्धचालक का पंच संयोजी परमाणु (अर्थात् P, As) से अपमिश्रण से n-अर्द्धचालक बनता है। | (i) किसी शुद्ध-अर्द्धचालक का त्रिसंयोजी परमाणु (अर्थात् Al, In) से अपमिश्रण से p-अर्द्धचालक बनता है। |
(ii) इनमें इलेक्ट्रॉन बहुमत आवेश वाहक है। | (ii) इनमें छिद्र बहुमत आवेश वाहक है। |
15. ट्रांजिस्टर α में तथा β क्या है ?
Ans⇒ उभयनिष्ठ आधार प्रवर्धक का विद्युत लाभ है।
यह 0.95 से 0.98 तक बदलता है।
β ⇒ उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक का विद्युत लाभ है।
β का मान 19 से 49 तक बदलता है।
16. p-अर्द्धचालक कैसे बनता है ? इसमें मौजूद बहुमत आवेश-वाहक के नाम लिखें। इसके लिए ऊर्जा-पट्टी चित्र बनाएँ।
Ans⇒ किसी शुद्ध अर्द्धचालक का त्रि-संयोजी परमाणु (अर्थात् Al, In) से अपमिश्रण से अर्द्धचालक बनता है। इसमें मौजूद बहुमत आवेश वाहक छिद्र होते हैं।
17. p-अर्द्धचालक के लिए ऊर्जा-पट्टी चित्र बनाएँ । तापमान के बढ़ने के साथ-साथ किस प्रकार ऊर्जा-पट्टी अंतराल परिवर्तित होता है ?
Ans⇒
तापमान के बढ़ने से कुछ बंधन टूटते हैं तथा मुक्त इलेक्ट्रॉन तथा छिद्र उत्पन्न करते हैं। इनकी उपस्थिति ऊर्जा-पट्टी अंतराल को घटाती है।
18 भैलेन्स बैंड, कंडक्शन बैंड एवं फारबिडेन बैंड में अंतर स्पष्ट करें।
Ans⇒ Valence energy band में Valence electrons होते हैं। यह आंशिक या पूर्णतः इलेक्ट्रॉन से भरा रहता है। यह कभी खाली नहीं होता। इस बैंड में इलेक्ट्रॉन में बाहरी विद्युतीय क्षेत्र से ऊर्जा लेने की क्षमता नहीं होती है। अतः इस बैंड में उपस्थित electrons धारा प्रवाह में कोई योगदान नहीं करते हैं।
Forbidden energy gap में इलेक्ट्रॉन नहीं रहते हैं। यह पूर्णतः खाली रहता है। इलेक्ट्रॉन को Valence band से conduction band में इलेक्ट्रॉन को shift करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को band gap energy (Eg) कहते हैं।