चुम्बकत्व एवं द्रव्य

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. चुंबकीय फ्लक्स का SI मात्रक है :

(A) ओम
(B) वेबर
(C) टेसला
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

2. ताँबा होता है :

(A) अनुचुंबकीय
(B) लौह चुंबकीय
(C) प्रति चुंबकीय
(D) अर्द्ध-चालक

Answer ⇒ (C)

3. निम्नलिखित में से किसकी चुंबकशीलता अधिक होती है ?

(A) प्रतिचुंबकीय
(B) अनुचुंबकीय
(C) लौह चुंबकीय
(D) अर्द्धचालक

Answer ⇒ (A)

4. दो समान चुंबक, जिनमें प्रत्येक का चुंबकीय आघूर्ण M है, परस्पर लंबवत रखे जाते हैं व एक क्रॉस का चिन्ह बनाते हैं। निकाय का परिणामी चुंबकीय आघूर्ण होगा :

(A) 2M
(B) शून्य
(C) √2 M
(D) M

Answer ⇒ (C)

5. यदि किसी चुम्बक को चुम्बकीय याम्योत्तर में इस तरह रखा जाए कि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तो उदासीन बिन्दु की संख्या होगी :

(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

6. ताम्बे का एक वलय क्षैतिज रखा गया है। उदग्र अक्ष के एक दण्डचुम्बक वलय के ऊपर के छोड़ दिया जाता है। तब –

(A) दण्ड का त्वरण ‘g’ होगा।
(B) ताम्बे का तार ठण्डा होता जाएगा।
(C) दण्ड का त्वरण ‘g’ से कम होगा।
(D) दण्ड का वेग ऊपर दिष्ट हो जाएगा।

Answer ⇒ (C)

7. एक प्रबल विधुत् चुम्बक बनाने के लिए कौन-सी वस्तु बहुत अधिक उपयुक्त होगी ?

(A) वायु
(B) नरम लोहा
(C) इस्पात
(D) ताँबे और निकेल की मिश्र धातु

Answer ⇒ (B)

8. द्रव और गैस –

(A) लौह चुम्बकीय पदार्थ नहीं होते हैं
(B) प्रति चुम्बकीय पदार्थ नहीं होते हैं
(C) अनुचुम्बकीय पदार्थ नहीं होते हैं
(D) निर्वात् के सदृश चुम्बकीय आचरण करते हैं

Answer ⇒ (A)

9. निम्नलिखित में किस धातु की चुम्बकीय प्रवृत्ति एक से कम और ऋणात्मक होती है ?

(A) फेरोमैग्नेटिक
(B) पारामैग्नेटिक
(C) डायमैग्नेटिक
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

10. चुम्बकीय प्रेरण चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - और चुम्बकन की तीव्रता  चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - के बीच सम्बन्ध है –

(A) लॉरेन्ज बल का सूत्र है - = 4π  चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है -
(B) लॉरेन्ज बल का सूत्र है - = 4π चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है -
(C) लॉरेन्ज बल का सूत्र है - = 4π चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है -. चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है -
(D) लॉरेन्ज बल का सूत्र है - = μ(चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है -)

Answer ⇒ (D)

11. अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति है –

(A) स्थिर
(B) शून्य
(C) अनंत
(D) चुम्बकीय क्षेत्र पर निर्भर

Answer ⇒ (A)

12. निकेल है –

(A) प्रति चुम्बकीय
(B) अनुचुम्बकीय
(C) लौह चुम्बकीय
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

13. लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति (χm) तथा परम ताप (T) में सम्बन्ध है –

(A) χm ∝ 1/T
(B) χm∝T
(C) χm ताप पर निर्भर नहीं करता है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

14. चुम्बक के दो ध्रुवों के बीच की दूरी को कहते हैं –

(A) चुम्बकीय लम्बाई
(B) चुम्बकीय क्षेत्र
(C) चुम्बकीय अक्ष
(D) चुम्बकीय आघूर्ण

Answer ⇒ (A)

15. एक चुम्बकीय सूई एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है तो वह अनुभव करता है –

(A) एक बल तथा एक बल-आघूर्ण
(B) एक बल किन्तु एक बल-आघूर्ण नहीं
(C) एक बल-आघूर्ण किन्तु बल नहीं
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

16. स्टील के एक तार-चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण M है। उसे अर्द्धवृत्ताकार चाप में मोड़ने पर उसका नया चुम्बकीय आघूर्ण होगा –

(A) M
(B) M/L
(C) 2M / π
(D) ML

Answer ⇒ (C)

17. एक चुम्बक के चुम्बकत्व का कारण उसके –

(A) इलेक्ट्रॉन की स्पिन है
(B) अन्तरिक्ष किरणे हैं
(C) पृथ्वी के अन्दर एक बड़े चुम्बक की उपस्थिति है
(D) पृथ्वी है

Answer ⇒ (A)

18. स्थायी चुम्बक के लिए किसे छोटा होना चाहिए ?

(A) धारणशीलता
(B) निग्रहणता
(C) दोनों (A) तथा (B)
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (D)

19. यदि चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान 595.6 है तो उसके सापेक्ष चुम्बकशीलता होगी –

(A) 595.6
(B) 596.6
(C) 594.6
(D) 593.6

Answer ⇒ (B)

20. परमाणु न्योन (Neon) की चुम्बकीय आघूर्ण बराबर है –

(A) शून्य के
(B) 1/2μ B के
(C) B के
(D) 3/2μ B के

Answer ⇒ (A)

21. लोहा, लौहचुम्बकीय है –

(A) सभी तापक्रमों पर
(B) N.T.P. पर केवल
(C) 770°C के ऊपर और
(D) 770°C के नीचे तापक्रमों पर

Answer ⇒ (D)

22. क्यूरी तापक्रम के ऊपर लौह-चुम्बकीय पदार्थ हो जाते हैं –

(A) पारामैगनेटिक
(B) डायमैगनेटिक
(C) अर्द्धचालक
(D) विधुतरोधी

Answer ⇒ (A)

23. वायु की चुम्बकीय प्रवृत्ति होती है –

(A) धनात्मक
(B) ऋणात्मक
(C) शून्य
(D) धनात्मक एवं ऋणात्मक

Answer ⇒ (C)

24. निम्नलिखित में से डायमैग्नेटिक कौन है?

(A) Na
(B) CO
(C) द्रव्य 02
(D) He

Answer ⇒ (D)

25. एक स्थान पर नमन और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक क्रमश: 60° और 4 x 10-5 टेसला है। उस स्थान पर क्षेत्र का उदग्र घटक है –

(A) 4 x 10-5 T
(B) 4√3 x T-5T
(C) 4/√3 x 10-5 T
(D) इनमें से कोई नहीं 

Answer ⇒ (B)

26. निम्नलिखित में से चुम्बकीय प्रेरण का मात्रक कौन नहीं है ?

(A) वेबर/मीटर2
(B) जूल/ऐम्पियर/मीटर2
(C) न्यूटन/ऐम्पियर/मीटर3
(D) न्यूटन/ऐम्पियर2/मीटर

Answer ⇒ (C)

27. निम्नलिखित में से कौन सही नहीं है ?

(A) χ = M/H
(B) μH = H(1 + χ)
(C) μ = μ(1 + χ )
(D) μr = 1 + χ

Answer ⇒ (C)

28. पारामैग्नेटिक पदार्थों के लिए, चुम्बकीय प्रवृत्ति χ की परमताप पर निर्भरता निम्नलिखित होगी –

(A) χ ∝ T
(B) χ ∝ 1/T
(C) χ = eKT
(D) χ = स्थिरांक

Answer ⇒ (B)

29. डायमैगनेटिज्म, पारामैगनेटिज्म तथा लौहमैगनेटिज्म के सभी पदार्थों के सात्विक गुण हैं –

(A) डायमैगनेटिज्म
(B) पारामैगनेटिज्म
(C) फेरोमैगनेटिज्म
(D) उपर्युक्त सभी

Answer ⇒ (A)

30. यदि चुम्बक के ध्रुवों पर घड़ी-काँच (watch glass) में पारामैगनेटिक द्रव को रखा जाता है तो ज्यादा द्रव वहाँ जमा हो जाते हैं जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र होते हैं –

(A) शक्तिशाली
(B) कमजोर
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

31. पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का मान पृथ्वी के सतह पर लगभग होता है –

(A) 1 गॉस
(B) 4 गाँस
(C) 10-4 गॉस
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

32. विषुवत् रेखा पर चुम्बकीय नमन का मान होता है –

(A) 0°
(B) 30°
(C) 45°
(D) 90°

Answer ⇒ (A)

33. ध्रुव प्रबलता का S.I. मात्रक है –

(A) N
(B) N/Am
(C) Am
(D) T

Answer ⇒ (C)

34. स्थायी चुम्बक बनाने के लिए प्रयोग में लाते हैं

(A) स्टील
(B) नर्म लोहा
(C) ताँबा
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

35. एक छड़ चुम्बक जिसका आघूर्ण M है, बीच से 60° के कोण पर मोड़ दिया जाय तो चुम्बकीय आघूर्ण का मान हो जाएगा –

(A) M/2
(B) 2M
(C) M/3
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

36. दो चुम्बकीय बल क्षेत्रों के लिए टैजेण्ट नियम तब लागू होता है जब उनके बीच का कोण होता है –

(A) 45°
(B) 90°
(C) 0°
(D) 180°

Answer ⇒ (B)

37. क्यूरी ताप वह ताप होता है जिससे अधिक ताप पर

(A) लौह चुम्बकीय पदार्थ, अनुचुम्बकीय पदार्थ बन जाता है।
(B) लौह चुम्बकीय पदार्थ, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ बन जाता है।
(C) अनुचुम्बकीय पदार्थ, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ बन जाता है।
(D) अनुचुम्बकीय पदार्थ, लौह चुम्बकीय पदार्थ बन जाता है।

Answer ⇒ (A)

38. चुम्बकीय द्विध्रुव स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक होता है :

(A) U = चुम्बकीय द्विध्रुव स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक होता है.लॉरेन्ज बल का सूत्र है -
(B) U = चुम्बकीय द्विध्रुव स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक होता है x लॉरेन्ज बल का सूत्र है -
(C) U =-चुम्बकीय द्विध्रुव स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक होता है.लॉरेन्ज बल का सूत्र है -
(D) U = –चुम्बकीय द्विध्रुव स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक होता है+लॉरेन्ज बल का सूत्र है -

Answer ⇒ (C)

39. स्थायी चुम्बक बनाने के लिए पदार्थ की

(A) निग्राहिता (Coercivity) उच्च होनी चाहिए
(B) निग्राहिता कम होनी चाहिए
(C) चुम्बकीय धारणशीलता (Vetentivity) उच्च होनी चाहिए
(D) (A) तथा (C) दोनों

Answer ⇒ (D)

40. पृथ्वी का चुम्बकीय अक्ष और पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष के बीच का कोण लगभग होता है

(A) 0°
(B) 11°
(C) 23°
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

41. एक लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकशीलता μ है –

(A) μ >> 1
(B) μ = 1
(C) μ < 1
(D) μ = 0

Answer ⇒ (A)

42. जब चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता को चौगुना बढ़ा दिया जाता है, तो लटकती हुई चुम्बकीय सूई का आवर्तकाल होता है –

(A) दुगुना
(B) आधा
(C) चौगुना
(D) एक-चौथाई कम

Answer ⇒ (B)

43. ठंढा करने पर अनुचुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकन

(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) घटने के बाद बढ़ता है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

44. लौह चुम्बक की चुम्बकशीलता

(A) चुम्बकीय क्षेत्र पर निर्भर है
(B) चुम्बकीय क्षेत्र से स्वतंत्र है
(C) चुम्बकीय क्षेत्र के समानुपाती है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

45. चुम्बकीय आघूर्ण का S.I. मात्रक होता है –

(A) JT-2
(B) Am2
(C) JT
(D) Am-1

Answer ⇒ (B)

46. प्रति-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकशीलता

(A) अधिक होती है
(B) बहुत कम होती है
(C) शून्य रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

47. कुछ पदार्थों की चुम्बकशीलता 1 से कम है। उनकी घुम्बकीय प्रवृति –

(A) धनात्मक और बड़ी होगी
(B) धनात्मक और छोटी होगी
(C) शून्य होगी
(D) ऋणात्मक होगी

Answer ⇒ (D)

48. निम्नलिखित में किनकी चुम्बकशीलता अधिक होगी ?

(A) अनुचुम्बकीय
(B) प्रतिचुम्बकीय
(C) लौह चुम्बकीय
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

49. प्रति चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति –

(A) धनात्मक और 1 से छोटी होती है
(B) धनात्मक और 1 से बड़ी होती है
(C) ऋणात्मक होती है
(D) शून्य होती है

Answer ⇒ (C)

50. लोहे का परमाणु है –

(A) अनुचुम्बकीय
(B) प्रतिचुम्बकीय
(C) लौह चुम्बकीय
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

51. ताँबा होता है –

(A) प्रतिचुम्बकीय
(B) लौह चुम्बकीय
(C) अनुचुम्बकीय
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

52. निम्नलिखित में से कौन शैथिल्य प्रदर्शित करते हैं ?

(A) अनुचुम्बकीय
(B) प्रति चुम्बकीय
(C) लौह चुम्बकीय पदार्थ
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

53. दंडचुम्बक की ज्यामितीय लंबाई (Lg) तथा चुम्बकीय लंबाई (Lm) में संबंध होता है –

(A) Lm = 5/6 Lg
(B) Lm = 6/5 Lg
(C) Lm = Lg
(D) Lm = 2Lg

Answer ⇒ (A)

54. यदि चुम्बक (M) को लंबाई के दो भाग में विभक्त किया जाय तो एक टुकड़े का आघूर्ण होगा –

(A) M/2
(B) 2 M
(C) 4M
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

55. किसी चुम्बक को 90° से घुमाने में किया गया कार्य होगा –

(A) MB
(B) MB cosθ
(C) MB sinθ
(D) MB (1 – sinθ)

Answer ⇒ (A)

56. चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् तल में नमन सूई रहती है

(A) क्षैतिज
(B) उस स्थान के नमन कोण पर झुकी हुई
(C) क्षैतिज से 45° के कोण पर
(D) उदग्र

Answer ⇒ (D)

57. किसी चुम्बकीय शैथिल्य लूप का क्षेत्रफल समानुपाती होता है –

(A) प्रतिएकांक आयतन में उत्पन्न ऊष्मा
(B) चुम्बकीय तीव्रता
(C) ध्रुव प्रबलता
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

58. विक्षेप चुम्बकत्वमापी की सूई के नीचे समतल दर्पण प्रयोग में लिया जाता है –

(A) विस्थापनाभास दूर करने के लिए
(B) चुम्बकीय याम्योत्तर में लाने के लिए
(C) सूई को देखने के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

59. यदि डोरी में ऐंठन रह जाती है तो एक अतिरिक्त बलआघूर्ण उत्पन्न हो जाता है जो चुम्बक के दोलन के आवर्तकाल को –

(A) बढ़ा देता है
(B) घटा देता है
(C) दुगुना कर देता है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

60. यदि किसी चुम्बक को इस प्रकार रखा जाय कि उसका उत्तर ध्रुव पूर्व की ओर हो तो उदासीन बिन्दु होंगे –

(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

61. चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोलिक याम्योत्तर से बना कोण कहलाता है –

(A) दिक्पात्
(B) नमन
(C) पृथ्वी के क्षेत्र का क्षैतिज अवयव
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

62. ध्रुव प्रबलता की विमा है –

(A) [AL]
(B) AL2]
(C) [AT]
(D) [A2T2]

Answer ⇒ (A)

63. किसी स्थान पर पृथ्वी के क्षेत्र के क्षैतिज एवं उदग्र अवयव क्रमशः BH और BV हैं तथा उस स्थान पर नमन δ है, तो –

(A) BV = Bcosδ
(B) BV= B Htanδ
(C) BV = Bsinδ
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

64. किसी चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण है

(A) अदिश राशि
(B) सदिश राशि
(C) उदासीन राशि
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

65. चुम्बकीय आघूर्ण चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - की दिशा होती है –

(A) उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर
(B) दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर
(C) चुम्बकीय अक्ष के लम्बवत्
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

66. चुम्बकीय आघूर्ण की विमा है –

(A) [AL2]
(B) [AL]
(C) [A2L2]
(D) [M°L°T°]

Answer ⇒ (A)

67. यदि किसी छड़ चुम्बक को लम्बाई के लम्बवत् दो भागों में विभक्त कर दिया जाए, तो निम्नलिखित में किसका मान अपरिवर्तित रहेगा ?

(A) आधा प्राबल्य
(B) जडत्व-आघर्ण
(C) चुम्बकीय आघूर्ण
(D) चुम्बकीय-लम्बाई

Answer ⇒ (A)

68. किसी चुम्बक को लम्बाई के लम्बवत् दो बराबर भागों में बाँटने पर चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण –

(A) आधा हो जाता है
(B) दुगुनी होती है
(C) अपरिवर्तित रहती है याना
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

69. m ध्रुव प्रबलता वाले किसी चुम्बक को दो भागों में इसके अक्ष के अनुदिश इस प्रकार बाँटा जाता है कि प्रत्येक भाग की लम्बाई पूर्व लम्बाई के समान हो, परन्तु इसकी चौड़ाई आधी हो तब प्रत्येक भाग की ध्रुव प्रबलता होगी –

(A) m
(B) 2/m
(C) 2m
(D) m/4

Answer ⇒ (C)

70. निम्नलिखित में किस स्थान पर नमन का मान शून्य होगा ?

(A) चुम्बकीय विषुवत् रेखा पर
(B) उत्तरी ध्रुव पर
(C) दक्षिणी ध्रुव पर
(D) 45° के देशान्तर पर

Answer ⇒ (A)

71. m ध्रुवीय प्रबलता वाले चुम्बक को चार भागों में इस प्रकार बाँटा जाता है कि इसकी लम्बाई और चौड़ाई पहले चुम्बक की आधी हो जाती है। तब प्रत्येक भाग की चुम्बकीय प्रबलता होगी –

(A) m/4
(B) m/8
(C) m/2
(D) 4m

Answer ⇒ (C)

72. यदि दो ध्रुवों की ध्रुवीय प्रबलता और उनके बीच की दूरी दुगनी करी तब ध्रुवों के बीच लगा बल –

(A) घटकर आधा हो जाता है
(B) अपरिवर्तित रहता है
(C) बढ़कर दुगुना हो जाता है
(D) चार गुना हो जाता है

Answer ⇒ (B)

73. ज्यों-ज्यों चुम्बकीय विषुवत् रेखा से पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव की ओर जाया जाता है त्यों-त्यों नमन –

(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) नियत रहता है
(D) पहले बढ़ता है और तब घटता है

Answer ⇒ (B)

74. चुम्बकीय प्रेरण का S.I. मात्रक है –

(A) वेबर (Wb)
(B) टेसला (T)
(C) फैराड (F)
(D) ऐम्पियर x मीटर (Am)

Answer ⇒ (B)

75. ध्रुव प्राबल्य m से निर्वात् r में दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है –

ध्रुव प्राबल्य m से निर्वात् r में दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है

Answer ⇒ (A)

76. किसी एकल ध्रुव से दूरी पर चुम्बकीय प्रेरण का मान व्युत्क्रमानुपाती होता है –

(A) r के
(B) ν2 के
(C) 1/r के
(D) 1/r2 के

Answer ⇒ (B)

77. किसी छड़ चुम्बक के कारण अक्षीय स्थिति में किसी बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण, चुम्बकीय आघूर्ण (दक्षिणी ध्रुवों से उत्तरी ध्रुव की ओर) के होता है –

(A) समानांतर
(B) प्रतिसमानांतर
(C) लम्बवत्
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

78. निरक्षीय स्थिति में चुम्बक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय आघूर्ण (दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर) के होता है –

(A) समानांतर
(B) प्रतिसमानांतर
(C) लम्बवत्
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

79. किसी छोटे छड़ चुम्बक के मध्य बिन्दु से समान दूरी पर अक्षीय स्थिति तथा निरक्षीय स्थिति में चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात होता है

(A) 1 : 2
(B) 2 : 1
(C) √2 : 1
(D) 1 : √2

Answer ⇒ (B)

80. ध्रुव प्रबलता m से r दूरी पर चुम्बकीय विभव का मान होता है –

ध्रुव प्रबलता m से r दूरी पर चुम्बकीय विभव का मान होता है

Answer ⇒ (B)

81. चुम्बकीय द्वि-ध्रुव की अक्षीय स्थिति में मध्य बिन्दु r दूरी पर चुम्बकीय विभव समानुपाती होता है –

(A) rके
(B) 1/r के
(C) r2 के
(D) 1/r2 के

Answer ⇒ (D)

82. एक छड़-चुम्बक के मध्य बिन्दु से चुम्बक की लम्ब रेखा पर स्थित किसी बिन्दु पर –

(A) चम्बकीय क्षेत्र शन्य होता है
(B) चुम्बकीय विभव शून्य होता है ।
(C) चुम्बकीय क्षेत्र तथा विभव दोनों शन्य है
(D) कोई शून्य नहीं होता है

Answer ⇒ (B)

83. यदि किसी चुम्बक को चुम्बकीय याम्योत्तर की दिशा में इस प्रकार रखा जाए कि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तब उदासीन बिन्दुओं की संख्या होगी –

(A) दो
(B) चार
(C) सोलह
(D) असंख्यक

Answer ⇒ (A)

84. एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित चुम्बक पर क्रियाशील बल-युग्म का आघूर्ण एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित चुम्बक पर होता है

(C) एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित चुम्बक पर =  + लॉरेन्ज बल का सूत्र है -
(B) एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित चुम्बक पर =  x लॉरेन्ज बल का सूत्र है -
(C) एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से निलंबित चुम्बक पर = . ( x लॉरेन्ज बल का सूत्र है -)
(D) सुन्य

Answer ⇒ (B)

85. चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - चुम्बकीय-आघूर्ण वाले चुम्बक को चुम्बकीय क्षेत्र  में θ कोण से घुमाने में किया गया कार्य होता है –

(A) MB sinθ
(B) MB cosθ
(C) MB (1 – cosθ)
(D) MB (1 – sinθ)

Answer ⇒ (C)

86. जब किसी चुम्बक को मध्य बिन्दु से किसी चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया जाता है तो इस पर बल-युग्म महत्तम तब होगा जब चुम्बक का अक्ष, चुम्बकीय –

(A) क्षेत्र के समानांतर हो
(B) क्षेत्र के लम्बवत् हो
(C) क्षेत्र से 45° का कोण बनाता है
(D) क्षेत्र से 60° का कोण बनाता है

Answer ⇒ (B)

87. चुम्बकीय प्रेरण और चुम्बकन की तीव्रता M के बीच सम्बन्ध है - आघूर्ण के चुम्बक को चुम्बकीय क्षेत्र  की दिशा से 180° कोण से विक्षेपित करने में किया गया कार्य –

(A) MB
(B) 2MB
(C) शून्य
(D) अनंत

Answer ⇒ (B)

88. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से किसी चुम्बक को 90° से घुमाने में सम्पन्न कार्य हैं –

(A) 0
(B) MB / 2I
(C) 1MB
(D) 2MB

Answer ⇒ (C)

89. चुम्बकीय विभव (Magnetic Potential) का मात्रक है –

(A) J Am
(B) JA-1 m-1
(C) JA-1 m-2
(D) JA-2 m-2

Answer ⇒ (B)

90. निर्वात् या हवा की चुम्बकशीलता μ का मान होता है –

(A) 4π x 10-7 हेनरी/मीटर
(B) 4π x 10-9 हेनरी/मीटर
(C) 4πx 10-7 हेनरी/मीटर
(D) 4π x 107 हेनरी/मीटर

Answer ⇒ (A)

91. पृथ्वी की ध्रुव पर नमन (dip) का मान होता है –

(A) 0°
(B) 90°
(C) 45°
(D) 180°

Answer ⇒ (B)

92. पृथ्वी की विषुवत् रेखा पर निर्बाध लटकी चुम्बकीय सूई –

(A) उदग्र रहती है
(B) 45° कोण पर झुकी रहती है
(C) क्षैतिज रहती है
(D) 60° कोण पर झुकी रहती है

Answer ⇒ (C)

93. जब नमन कोण δ हो तब tanδ का मान सामान्य संकेतों में होगा –

(A) Bν/BH
(B) BH/Bν
(C) Bν.BH
(D) B2ν/B2H

Answer ⇒ (A)

94. विधुत चुम्बक (electromagnet) बनाने के लिए पदार्थ में होनी चाहिए –

(A) उच्च चुम्बकीय प्रवृत्ति
(B) उच्च चुम्बकीय धारणशीलता
(C) उच्च शैथिल्य
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

95. M चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक को दो समान टुकड़े में तोड़ा जाता है तो प्रत्येक नये टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण है –

(A) M
(B) M/2
(C) 2M
(D) Zero

Answer ⇒ (B)

96. चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है, जो निर्दिष्ट होती है –

(A) दक्षिण से उत्तर ध्रुव
(B) उत्तर से दक्षिण ध्रुव
(C) पूरब से पश्चिम दिशा
(D) पश्चिम से पूरब दिशा

Answer ⇒ (A)

97. एक तार जिसका चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण M तथा लम्बाई L है, को त्रिज्या r के अर्द्धवृत्त के आकार में मोड़ा जाता है। नया द्विध्रुव आघूर्ण क्या होगा ?

(A) M
(B) M/2π
(C) M/π
(D) 2M/π

Answer ⇒ (A)

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. चुम्बकीय बल रेखाओं से क्या समझते हैं ? इसके प्रमुख तीन गुणों को लिखें।

Ans ⇒ चुम्बकीय बल रेखाएँ – चुम्बकीय क्षेत्र में खींची गयी वे वक्र रेखाएँ जिनके किसी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।
चुम्बकीय बल रेखाओं के तीन प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं –
(i) इनके किसी भी बिन्दु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा बताती है।
(ii) ये सदैव बिन्दु वक्र के रूप में होती हैं।
(iii) ये एक-दूसरे को कभी नहीं काटती हैं।

2. चुम्बकीय क्षेत्र में किसी छड़ चुम्बक पर कार्य करने वाल बल आघूर्ण (बल-युग्म) क्या है ? व्यंजक प्राप्त करें।

Ans ⇒ बल-आघूर्ण – चित्रानुसार माना कि m ध्रुव सामर्थ्य तथा 2l लम्बाई की एक छड़ चुम्बक SN, एक समान चुम्बकीय क्षेत्र B में रखा है, जा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के साथ θ कोण बनाता है।
बल-आघूर्ण

बल आघूर्ण (बल-युग्म) के परिमाण τ = MBsinθ
यदि B = 1 तथा θ = 90° तो sinθ = 1 तथा m = τ
इस प्रकार, किसी चुम्बकीय द्विध्रुव का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण वैसे बल आघूर्ण के बराबर है जो इकाई ध्रुव सामर्थ्य के द्विध्रुव को समान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् रखने से प्राप्त होता है।

3. किसी बिंदु पर चुम्बकीय विभव तथा चुम्बकीय तीव्रता को परिभाषित करें। दोनों में क्या सम्बन्ध है ? लिखें।

Ans ⇒ किसी बिंदु पर चुम्बकीय विभव – किसी बिन्दु पर चुम्बक की इकाई उत्तरी ध्रुव को अनन्त से उस बिन्दु तक ले जाने में जितना कार्य होता है उसे उस बिन्दु पर का चुम्बकीय विभव कहते हैं। इसे V द्वारा सूचित किया जाता है। इसका मात्रक जूल प्रति ऐम्पियर मीटर है।

किसी बिन्दु पर चुम्बकीय तीव्रता – किसी बिन्दु पर चुम्बक की इकाई ध्रुव को अनन्त से उस बिन्दु तक ले जाने में जितना बल लगता है उसे उस बिन्दु पर की चुम्बकीय तीव्रता कहते हैं, जिसे E द्वारा सूचित किया जाता है। इसका मात्रक वेबर/मीटर² या टेसला या न्यूटन-ऐम्पियर-मीटर है।

चुम्बकीय तीव्रता तथा चुम्बकीय विभव में सम्बन्ध – किसी बिन्द पर चुम्बकीय तीव्रता ऋणात्मक चुम्बकीय विभव प्रवणता के बराबर है।
इसलिए, चुम्बकीय तीव्रता तथा चुम्बकीय विभव में सम्बन्ध है।
अतः चुम्बकीय तीव्रता = ऋणात्मक चुम्बकीय विभव प्रवणता।

4. चुम्बकीय तीव्रता से आप क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ चुम्बकीय तीव्रता – किसी चुम्बक की इकाई आयतन में अणओं के विद्युतीय धारा लूपों के चुम्बकीय आघूर्णों के सदिश योग को चुम्बकीय तीव्रता
कहते हैं। इसे I द्वारा सूचित किया जाता है।
∴  किसी चुम्बक की चुम्बकीय तीव्रता,
चुम्बकीय तीव्रता से आप क्या समझते हैं
संक्षेप में, किसी चुम्बक का इकाई आयतन में उपस्थित चुम्बकीय आघूर्णॊ को चुम्बकीय तीव्रता कहते हैं। इसका मात्रक ऐम्पियर/मीटर है।

5. चुम्बकशीलता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति से आप क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ चुम्बकशीलता – किसी माध्यम में चुम्बकीय प्रेरण तथा चुम्बकीय क्षेत्र के अनुपात को पदार्थ की चुम्बकशीलता कहते हैं। इसे μ द्वारा सूचित किया जाता है।
चुम्बकशीलता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति से आप क्या समझते हैं

चुम्बकीय प्रवृत्ति – किसी माध्यम में चुम्बकीय तीव्रता तथा चुम्बकीय क्षेत्र के अनुपात को पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं। इसे X द्वारा सूचित किया जाता है।
चुम्बकीय प्रवृत्ति

6. अनुचुम्बकीय पदार्थ या अनुचुम्बकत्व क्या है ? समझाएँ।

Ans ⇒ अनुचुम्बकीय पदार्थ या अनुचुम्बकत्व-वैसे पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं जिन्हें चुम्बकीय क्षेत्र में धागा से बाँध कर स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर वे चुम्बकीय बल रेखाओं के समानान्तर अर्थात् कमजोर क्षेत्र से हटकर शक्तिशाली क्षेत्र में चले आते हैं। इस प्रकार के गुण अनुचुम्बकत्व कहलाते हैं। जैसे-Pt, Mn, Pd, Os, O2, Al, Cr, CuSO4, Na, CuCl2 इत्यादि। इनकी सापेक्षिक चुम्बकशीलता एक से थोड़ा ज्यादा किन्तु चुम्बकीय प्रवृत्ति से
अनुचुम्बकीय पदार्थ या अनुचुम्बकत्व क्या हैकम तथा धनात्मक है, जो तापक्रम के व्युत्क्रमानुपाती है। इनकी चुम्बकीय तीव्रता एक साथ रैखिक रूप में बदलते हैं तथा कम ताप तथा बहुत अधिक क्षेत्र पर संतृप्तता को प्राप्त करते हैं। ये B-सदिश शैथिल्य नहीं दर्शाते हैं।

7. चुम्बकीय फ्लक्स से क्या अभिप्राय है ? समझाएँ।

Ans ⇒ चुम्बकीय फ्लक्स – चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी तल से उसके लम्बवत् गुजरनेवाली बल रेखाओं की संख्या को उस तल से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं। इसे प्रायः φ (फाई) से प्रदर्शित किया जाता है।
चुम्बकीय फ्लक्समाना कि एक तल जिसका क्षेत्रफल A है जो समान चुम्बकीय क्षेत्र B के लम्बवत् रखा है । चित्रानुसार (a) में इस तल से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स, = BA है।
फिर चित्रानुसार (b) में चुम्बक क्षेत्र B तलपर खींचे गये अभिलम्ब से θ कोण बनाता है तब तल से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स, φ चुम्बकीय क्षेत्र B से इस तल के लम्बवत् घटक Bcosθ तथा तल के क्षेत्रफल A के गुणनफल के बराबर है। अतः φ = BAcosθ है।
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर है।
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर, अतः चुम्बकीय क्षेत्र B का मात्रक वेबर/मीटर² है।
इसलिए B को चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व भी कहते हैं। B का मात्रक न्यूटन/ऐम्पियर-मीटर भी है। इसका एक अन्य मात्रक टेसला है। अत: 1 टेसला = 1 वेबर/मीटर² = 1 न्यूटन/ऐम्पियर-मीटर
φ का विमा सूत्र [ML²T-2 I-1] है।

8. चुम्बकशीलता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में सम्बन्ध करें।

Ans ⇒ चुम्बकशीलता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में सम्बन्ध – किसी माध्यम में चुम्बकीय प्रेरण B तथा चुम्बकन क्षेत्र H के अनुपात को उस माध्य की चुम्बकशीलता कहते हैं। इसे द्वारा व्यक्त किया जाता है। अतः μ = P है।
चुम्बकीयन तीव्रता I तथा चुम्बकन क्षेत्र H के अनुपात को पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं। इसे X द्वारा व्यक्त किया जाता है। अतः है, जिससे X = I/H है जिससे I = XH प्रत्येक माध्यम की चुम्बकशीलता उसकी चुम्बकीय प्रवृत्ति से सम्बद्ध होती है।
चुम्बकशीलता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में सम्बन्ध करें

9. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ या प्रतिचुम्बकत्व क्या है ?

Ans ⇒ प्रतिचुम्बकीय पदार्थ या प्रतिचुम्बकत्व – वैसे पदार्थ प्रति चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं जिन्हें धागे के द्वारा निलम्बन शीर्ष से बाँधकर चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर वे शक्तिशाली क्षेत्र से हटकर कमजोर क्षेत्र में अर्थात् चुम्बकीय बल रेखा के लम्बवत् आकर स्थित हो जाते हैं। इस प्रकार के गुण प्रति चुम्बकत्व कहलाते हैं। जैसे – Sb, Bi, Zn, Cu, Ag, Pb, H2O, C2H5OH, H2, He, Au, P, NaCl, N2, Hg हवा इत्यादि।
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ या प्रतिचुम्बकत्व क्या है

इनकी सापेक्षिक चुम्बकशीलता एक से कम है, किन्तु चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान कम या ऋणात्मक है और तापक्रम पर निर्भर नहीं करता है। इनकी चुम्बकीय तीव्रता चुम्बकीय क्षेत्र के साथ रैखिक रूप से बदलती है। ये B-सदिश शैथिल्य नहीं दर्शाते हैं।

10. चुम्बकत्व के लिए गाउस के नियम को लिखें।

Ans ⇒ गाउस के नियम – किसी भी बंद सतह से गुजरने वाला कुल चुम्बकीय फ्लक्स हमेशा शून्य होता है।
φB = ∑B.ΔS = 0

11. चुम्बकत्व में क्यूरी के नियम को समझाएँ।

Ans ⇒ इस नियम के अनुसार चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता I, चुम्बकीय प्रेरण B के समानुपाती तथा तापक्रम T के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
चुम्बकत्व में क्यूरी के नियम को समझाएँ

जहाँ C नियतांक है तथा इसे क्यूरी का नियतांक कहते हैं।

12. (a) एक सदिश को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए तीन राशियों की आवश्यकता होती है। उन तीन स्वतंत्र राशियों के नाम लिखिए जो परंपरागत रूप से पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होती है।
(b) दक्षिण भारत में किसी स्थान पर नति कोण का मान लगभग 18° है। ब्रिटेन में आप इससे अधिक नति कोण की अपेक्षा करेंगे या कम की ?
(c) यदि आप ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न शहर में भू-चुंबकीय क्षेत्र रेखाओंका नक्शा बनाएँ तो ये रेखाएँ पृथ्वी के अंदर जाएगी या इससे बाहर आएगी।
(d) एक चुम्बकीय सूई, जो ऊर्ध्वाधर तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है, यदि भू-चुंबकीय या दक्षिण ध्रुव पर रखी हो तो यह किस दिशा में संकेत करेगी ?
(e) यह माना जाता है कि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र लगभग एक चुम्बकीय द्विध्रुव के क्षेत्र जैसा है जो पृथ्वी के केन्द्र पर रखा है और जिसका द्विध्रुव आघूर्ण 8 x 1022 JT-1 है। कोई ढंग सुझाइए, जिससे इस संख्या की परिमाण की कोटि जाँची जा सके।
(f) भू-गर्भशास्त्रियों का मानना है कि मुख्य N-S चुम्बकीय धुवों के अलावा पृथ्वी की सतह पर कोई अन्य स्थानीय ध्रुव भी है, जो विभिन्न दिशाओं में विन्यास है। ऐसा होना कैसे संभव है ?

Ans ⇒ (a) (i) चुम्बकीय दिक्पात (ii) नमन (iii) पृथ्वी के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र।
(b) जब विषुवत रेखा से ध्रुव की ओर जाया जाता है तब नमन शून्य से 90° तक बढ़ता है। भारत की तुलना में ब्रिटेन चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव के समीप है। इसलिए ब्रिटेन में नमन दक्षिण भारत की तुलना में अधिक होगा।

(c) चूँकि मेलबॉर्न पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध, जहाँ पृथ्वी के चुंबक का उत्तरी ध्रुव है, के निकट है। अतः चुंबकीय बल रेखाएँ पृथ्वी के अंदर से आती प्रतीत होती है।
(d) भू–चुम्बकीय ध्रुव पर BH = 0 अतः चुंबकीय सूई किसी भी दिशा में संकेत करेगी।
(e) पृथ्वी के सतह पर निरक्षीय पर द्विध्रुव के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
पृथ्वी के सतह पर निरक्षीय पर द्विध्रुव के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
यह वास्तव में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कोटि में है।
(f) पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र लगभग द्विध्रुव क्षेत्र है। पृथ्वी के अन्दर चुम्बकीय खनिज के रहने से N-S ध्रुव होता है।

13. (a) ठंढा करने पर किसी अनुचुंबकीय पदार्थ का नमूना अधिक चुंबकन क्यों प्रदर्शित करता है ?
(b) अनुचुम्बकत्व के विपरीत प्रति चुम्बकत्व पर ताप का प्रभाव लगभग नहीं होता है क्यों ?
(c) यदि एक टोरॉइड में विस्मथ का क्रोड लगाया जाय तो इसके अंदर चुम्बकीय क्षेत्र उस स्थिति की तुलना में (तनिक कम होगा या (तनिक) ज्यादा होगा, जबकि क्रोड खाली हो?
(d)क्या किसी लौह-चुंबकीय पदार्थ की चुंबकशीलता चुम्बकीय क्षेत्र पर निर्भर करती है ? यदि हाँ तो उच्च चुम्बकीय क्षेत्रों के लिए मान कम होगा या अधिक ?
(e) किसी लौह चुंबक की सतह के प्रत्येक बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ सदैव लंबवत होती है, (यह तथ्य उन स्थिर वैद्युत क्षेत्र रेखाओं के सदश है जो कि चालक की सतह के प्रत्येक बिन्दु पर लंबवत होती हैं।) क्यों ?
(f) क्या किसी अनुचुम्बकीय नमूने का अधिकतम संभव चुंबकन, लौह चुंबक के चुम्बकन के परिमाण की कोटि का होगा ?

Ans ⇒ (a) संरेखित द्वि-ध्रुव को तितर-बितर करने की प्रवृत्ति निम्न ताप पर घटता है क्योंकि अनियमित ऊष्मीय गति घटता है। फलतः अनुचुम्बकीय पदार्थ अधिक चुंबकन प्रदर्शित करता है।

(b) प्रति चुंबकीय पदार्थ में प्रेरित द्वि-ध्रुव आघूर्ण चुम्बकीत करने वाला क्षेत्र के विपरीत दिशा में होता है। इसलिए इसके अणुओं की अनियमित ऊष्मीय गति इसके चुम्बकत्व को प्रभावित नहीं करता है। यही कारण है कि प्रति चुम्बकीय पदार्थ के चुम्बकत्व पर ताप का प्रभाव नहीं पड़ता है।

(c) बिस्मथ प्रति चुम्बकीय पदार्थ है, इसलिए क्रोड में क्षेत्र क्रोड के खाली होने की तुलना में कम होता है।
(d) नहीं। लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकशीलता (μ) आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र (H) पर निर्भर करता है और H के बीच वक्र से स्पष्ट है कि H के निम्न मान के लिए μ अधिक होता है।
μ = B/ H
(e) लौह चुम्बकीय पदार्थ के लिए μr > 1 अतः क्षेत्र रेखाएँ इस माध्यम से सतह पर लम्बवत् होती है।
(f) हाँ। अनुचुम्बकीय पदार्थ में अधिकतम संभव चुम्बकन लौह चुंबक के चुम्बकन समान कोटि का हाता है। किन्तु अनुचुम्बकीय पदार्थ के लिए उच्च चुम्बकीय क्षेत्र की आवश्यकता होती है जो व्यवहार में संभव नहीं है।

14. (a) लौह-चुंबकीय पदार्थ के चुंबकन वक्र की अनुत्क्रमणीयता, डोमेनों के आधार पर गुणात्मक दृष्टिकोण से समझाइए।
(b) नर्म लोहे के एक टुकड़े के शैथिल्य पाश का क्षेत्रफल, कार्बन-स्टील को बार-बार चुंबकन चक्र से गुजारा जाए तो कौन-सा टुकड़ा अधिक ऊष्मा ऊर्जा का क्षय करेगा ?
(c) लौह चुम्बक जैसा शैथिल्य पाश प्रदर्शित करने वाली कोई प्रणाली स्मृति संग्रहण की युक्ति है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
(d) कैसेट के चुम्बकीय फीतों पर पर्त चढ़ाने के लिए या आधुनिक कम्प्यूटर में स्मृति संग्रहण के लिए, किस तरह के लौह चुम्बकीय पदार्थों का इस्तेमाल होता है ?
(e) किसी स्थान को चुम्बकीय क्षेत्र से परिरक्षित करना है। कोई विधि सुझाइए।

Ans ⇒ (a) जब चुम्बकन क्षेत्र बड़ा होता है तब अन्तर डोमेन की सीमा गायब होने लगता है और चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में डोमेन सजने लगते हैं। चुम्बकन क्षेत्र को कम करने पर डोमेन टूटता नहीं है। इस प्रकार चुम्बकन उत्क्रमणीय नहीं है।
(b) कार्बन-स्टील टुकड़ा, क्योंकि प्रति चक्र के एकांक आयतन में क्षय ऊष्मा शैथिल्य पाश के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
(c) लौह चुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकन पूर्णतः उत्क्रणीय नहीं है। जब लौह चुम्बकीय पदार्थ को चुम्बकन क्षेत्र में रखा जाता है। तब इसका डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में घूम जाता है और यह चुम्बकीत हो जाता है। चुम्बकन क्षेत्र को हटाने पर डोमेन पुनः प्रारम्भिक स्थिति में नहीं आता है। यह कुछ स्मृति को रख लेता है।
(d) इसके लिए निम्न प्रकार के पदार्थ काम में लाये जाते हैं
MnFe2O4; Fe Fe2O4, Ni Fe2O4 आदि ।
(e) नरम लोहा रिंग के द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र को घेर कर ऐसा किया जा सकता है।

15. नीचे दिए गए चित्रों में कई में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ गलत दर्शाई गई है। पहचानिए कि उनमें गलती क्या है ? इनमें कछ में वैद्युत-क्षेत्र रेखाएँ ठीक-ठीक दर्शाई गई है। बताइए वे कौन-से चित्र हैं ?
नीचे दिए गए चित्रों में कई में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ गलत दर्शाई गई है

Ans ⇒ (a) गलत – चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बिन्दु से चित्र के अनुसार बाहर की ओर नहीं निकलता है। लम्बे धनावेशित तार के कारण विद्युत क्षेत्र रेखाओं को निरूपित करता है।
(b) गलत – चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटती है। पुन: चुम्बकीय बल रेखाएँ बन्द लूप नहीं हो सकता है। धारावाही सीधा चालक के चारों ओर चुम्बकीय बल रेखाओं का बंद लूप होता है। विद्युत बल रेखाएँ बंद लूप नहीं बनाता है।
(c) गलत – चुम्बक के ध्रुवों के बीच में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ चित्रानुसार ध्रुव पर सरल रेखा नहीं हो सकता है। यह स्थिति विद्युत बल रेखाओं के लिए भी सत्य है।

16. क्यूरी-नियम क्या है ?

Ans ⇒ अनुचुंबकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति (K) पदार्थ के परम ताप (T) के व्युत्क्रमानुपाती होता है यानी K ∝ 1/T
इसे क्यूरी का नियम (Curie’s law) कहते हैं। लौह-चुंबकीय पदार्थ के लिए एक निश्चित ताप के ऊपर जिसे क्यूरी बिंदु (Curie point) कहा जाता है। K का मान अचानक कम हो जाता है और पदार्थ लौह-चुंबकीय से अनुचुंबकीय पदार्थ में बदल जाता है।

17. अनुचुंबकीय तथा प्रतिचुंबकीय पदार्थों के उन दो अभिलाक्षणिक गुणधर्मों का उल्लेख कीजिए, जो इन दो प्रकार के पदार्थ के व्यवहार में भेद दर्शाते हैं।

Ans ⇒

S.N अनुचुंबकीय पदार्थ प्रतिचुंबकीय पदार्थ
(i)  धनात्मक लेकिन बहुत छोटा होता है। ऋणात्मक लेकिन बहुत छोटा होता है।
(ii)  धनात्मक लेकिन बहुत छोटा होता है। ऋणात्मक लेकिन बहुत छोटा होता है।

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