वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ संयोजक तार बनाने के लिए सर्वाधिक उत्तम है?
(A) नाइक्रोम
(B) टंग्सटन
(C) ताँबा
(D) मैंगनीज
Answer ⇒ (C)
2. एक आयताकार टुकड़े की भुजाओं की माप 2 सेमी०, 3 सेमी० एवं 4 सेमी० है। इसकी समांतर सतहों के बीच अधिकतम और न्यूनतम प्रतिरोध का अनुपात होगाः
(A) 4 : 1
(B) 3 : 1
(C) 2 : 1
(D) 6 : 1
Answer ⇒ (A)
3. फ्यूज-तार किस पदार्थ से निर्मित होती है ?
(A) ताँबा
(B) टंगस्टन
(C) लेड-टिन मिश्रधातु
(D) नाइक्रोम
Answer ⇒ (A)
4. दो सेलों का विद्युत वाहक बल क्रमशः e1 एवं e2 है तथा आंतरिक प्रतिरोध क्रमशः r1 एवं r2 है। इन सेलों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। इनका समतुल्य विद्युत वाहक बल होगा :
(A) (e1r1 + e2r2)/(r1 +r2)
(B) e2 + e1
(C) e2 + e1/2
(D) e2 + e1/4
Answer ⇒ (B)
5. तीन प्रतिरोधक जिनमें से प्रत्येक का प्रतिरोध R है, भिन्न-भिन्न तरीकों से संयोजित किये गये हैं। इनमें से कौन प्राप्त नहीं हो सकता ?
(A) 3R
(B) 2R/4
(C) R/3
(D) 2R/3
Answer ⇒ (B)
6. एक दस ओम तार की लम्बाई को खींचकर तीगणा लम्बा कर दिया जाता है। तार का नया प्रतिरोध होगा :
(A) 10 ohm
(B) 30 ohm
(C) 90 ohm
(D) 100 ohm
Answer ⇒ (C)
7. एक 220V, 1000 W बल्ब को 110V स्रोत से जोड़ा जाता है। बल्ब के द्वारा खपत की गई शक्ति होगी :
(A) 750 w
(B) 500w
(C) 250 w
(D) 1000 W
Answer ⇒ (C)
8. किर्कहॉफ का प्रथम नियम (ΣI=0) एवं द्वितीय नियम (ΣIR = ΣE) क्रमशः आधारित है :
(A) आवेश संरक्षण एवं संवेग संरक्षण
(B) ऊर्जा संरक्षण एवं आवेश संरक्षण
(C) संवेग संरक्षण एवं आवेश संरक्षण
(D) आवेश संरक्षण एवं ऊर्जा संरक्षण
Answer ⇒ (D)
9. तापक्रम बढ़ाने पर यदि प्रतिरोध घटता है तो वह है :
(A) अतिचालक
(B) अर्द्धचालक
(C) विद्युतरोधी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
10. चित्र में A का विभव 10 Volt है। पृथ्वी में प्रवाहित धारा होगी :
(A) 10 एम्पियर
(B) 3.3 एम्पियर
(C) -10 एम्पियर
(D) 0 एम्पियर
Answer ⇒ (A)
11. एक हीटर (100W, 200V) के तार को बीच से दो टुकड़े कर समानान्तर क्रम में जोड़कर 200V विभवान्तर के स्रोत से जोड़ा जाता है। कितनी शक्ति प्राप्त होगी:
(A) 40 w
(B) 50 w
(C) 25 w
(D) 200 w
Answer ⇒ (A)
12. चित्र में मीटर ब्रीज प्रदर्शित है। ‘x’ का मान होगा :
(A) 10 ओम
(B) 3 ओम
(C) 9 ओम
(D) 10 ओम
Answer ⇒ (A)
13. ह्विटस्टोन ब्रिज में भुजा प्रतिरोध P, Q, R एवं S हो तो संतुलन की स्थिति में :
(A) P+ Q = R + S
(B) P / Q = R / S
(C) QP = S / R
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
14. एक धातु का घनत्व ‘d’ एवं विशिष्ट प्रतिरोध ‘p’ है। इससे एक तार बनाना है, जिसकी लम्बाई ‘l’ तथा प्रतिरोध R हो। धातु को कितना द्रव्यमान चाहिए।
(A) pl2d / R
(B) p2l2d / R
(C) pcld / 2
(D) p2l2d2 / R
Answer ⇒ (A)
15. आपको एक-एक ओम का तीन प्रतिरोध दिया गया है। इनके संयोजन से न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त किया जा सकता है
(A) 1 ओम
(B) ½ ओम
(C) 2 ओम
(D) 1/3 ओम
Answer ⇒ (D)
16. दिये गये चित्र में ‘a‘ तथा ‘b’ के बीच समतुल्य प्रतिरोध है
(A) 1 Ω
(B) 3 Ω
(C) 6 Ω
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
17. एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध होता है
(A) अनन्त
(B) शून्य
(C) 50000 Ω
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
18. R के किस मान के लिए धारा I महत्तम होगी ?
(A) R = r
(B) R = r/2
(C) R = 2r
(D) R = r/4
Answer ⇒ (D)
19. आदर्श आमीटर का प्रतिरोध
(A) शून्य होता है
(B) बहुत कम होता है ।
(C) बहुत अधिक होता है
(D) अनन्त होता है
Answer ⇒ (A)
20. एक प्रतिरोधक का प्रतिरोध R है। यह चर प्रतिरोध की श्रेणी में है। आरंभ में दोनों के प्रतिरोध तुल्य हैं। आरंभिक कुल प्रतिरोध होगा –
(A) R
(B) 2R
(C) R/2
(D) शून्य
Answer ⇒ (B)
21. एक प्रतिरोधक का प्रतिरोध R है। यह चर r प्रतिरोध की श्रेणी में है तथा एक सेल (Emf=ℇ) इनके आड़े लगा है। आरंभ में दोनों के प्रतिरोध तुल्य हैं। चर प्रतिरोध का मान एकसमान दर से कम किया जाता है। परिपथ से धारा –
(A) घटती जाएगी
(B) बढ़ती जाएगी
(C) बढ़ते-बढ़ते एक अचर मान को प्राप्त हो जाएगी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
22. दिखाये गये परिपथ के बिन्दुओं A एवं B के बीच तुल्य प्रतिरोध होगा
(A) R
(B) R / 2
(C) 2R
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
23. परिपथ में x के निम्न में किस मान के लिए गैलवेनोमीटर की धारा शून्य होगी ?
(A) 5Ω
(B) 10Ω
(C) 20Ω
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
24. प्रतिरोधकता ताप गुणांक का SI मात्रक है
(A) Ω mK-1
(B) K-1
(C) Ω-1
(D) Sm-1
Answer ⇒ (B)
25. यदि ताप का मान 3°C से बढ़ा दिया जाय तो प्रतिरोधकता गुणांक का मान
(A) बढ़ जाएगा
(B) घट जाएगा
(C) लगभग समान रहेगा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
26. स्विच ऑन करने के बाद एक इलेक्ट्रिक बल्ब का ताप
(A) बढ़ता ही जाता है
(B) प्रथमतः बढ़ता है तब घटता है
(C) प्रथमतः घटता है तब बढ़ता है
(D) प्रथमत: बढ़ता है और तब स्थिर हो जाता है
Answer ⇒ (D)
27. 100 W हीटर के द्वारा उत्पन्न ताप 2 मिनट में किसके बराबर है ?
(A) 4 x 103 J
(B) 6 x 103 J
(C) 10 x 103J
(D) 12 x 103 J
Answer ⇒ (D)
28. 1000W हीटर, 230V से चिह्नित है उसका प्रतिरोध क्या है ?
(A) 22.9 Ω
(B) 32.9 Ω
(C) 42.9 Ω
(D) 52.9 Ω
Answer ⇒ (D)
29. निम्नलिखित में से कौन संबंध धारा घनत्व कहा जाता है ?
(A) I / A
(B) A / I
(C) I2 / A
(D) I3 /A2
Answer ⇒ (A)
30. दिये गये परिपथ में धारा है –
(A) 8.31 A
(B) 6.82 A
(C) 4.92 A
(D) 2.0 A
Answer ⇒ (D)
31. एक रॉड का प्रतिरोध 1Ω है। यह वर्ग के रूप में मोड़ा गया है। मिलने वाले कोने के पार प्रतिरोध क्या है ?
(A) 1Ω
(B) 3Ω
(C) 3 / 16Ω
(D) 3 / 4Ω
Answer ⇒ (C)
32. हमारे पास तीन बल्ब 40, 60 और 100 वाट के हैं। इनमें से सबसे कम प्रतिरोध किसका है ?
(A) 40 वाट बल्ब
(B) 60 वाट बल्ब
(C) 100 वाट बल्ब
(D) अज्ञात
Answer ⇒ (C)
33. एक 4kW का ब्यॉलर 2 घंटे प्रतिदिन उपभुक्त किया जाता है। 30 दिनों में उपभुक्त विद्युत ऊर्जा का मान बतावें।
(A) 60 इकाई
(B) 120 इकाई
(C) 240 इकाई
(D) 480 इकाई
Answer ⇒ (C)
34. एक 836 W का हीटर एक लीटर पानी गर्म करने के लिए 10°C से 40°C तक कितना समय लेगा ?
(A) 50 s
(B) 100s
(C) 150s
(D) 200s
Answer ⇒ (C)
35. 1kWh किसके बराबर होता है ?
(A) 105J
(B) 103J
(C) 3.6 x 104J
(D) 3.6 x 106J
Answer ⇒ (D)
36. स्वस्थ मनुष्य के शरीर का विद्युत प्रतिरोध है –
(A) 50,000 Ω
(B) 10,000 Ω
(C) 1,000 Ω
(D) 10 Ω
Answer ⇒ (A)
37. 10 एम्पियर की धारा एक तार से 10 सेकेण्ड तक प्रवाहित होती है। यदि तार का विभवान्तर 15 वोल्ट हो, तो किया गया कार्य होगा
(A) 150 J
(B) 75 J
(C) 1500 J
(D) 750 J
Answer ⇒ (C)
38. 5Ω प्रतिरोध के एक तार से जिसका विभवान्तर 7 वोल्ट है 20 मिनट तक धारा प्रवाहित होती है। उत्पन्न ऊष्मा है
(A) 140 कैलोरी
(B) 280 कैलोरी
(C) 700 कैलोरी
(D) 2800 कैलोरी
Answer ⇒ (D)
39. विद्युत परिपथ की शक्ति होती है –
(A) V.R.
(B) V2. R
(C) V2/R
(D) V2.R.I
Answer ⇒ (C)
40. एम्पियर घंटा मात्रक है –
(A) शक्ति का
(B) आवेश का
(C) ऊर्जा का
(D) विभवान्तर का
Answer ⇒ (B)
41. परिपथ में दिखाई गई धारिता पर आवेश होगा –
(A) 18μC
(B) 12μC
(C) 6μC
(D) 36μC
Answer ⇒ (A)
42. किरचॉफ का द्वितीय नियम है –
(A) आवेश संरक्षण नियम
(B) ऊर्जा संरक्षण नियम
(C) संवेग संरक्षण नियम
(D) कोणीय संवेग संरक्षण नियम
Answer ⇒ (B)
43. चित्र में दिखाए गए परिपथ में ∈1 = 10V, ∈2 = 6V दोनों सेल/बैटरी का emf है तथा r1 = 2Ω,r2 = 1Ω इनके आंतरिक प्रतिरोध हैं। C, D के बीच के सेल का विभवान्तर होगा –
(A) 6V से अधिक
(B) 6V से कम
(C) 10V से अधिक
(D) 10V से कम
Answer ⇒ (A)
44. व्हीटस्टोन सेतु से तुलना करता है
(A) प्रतिरोधों का
(B) धाराओं का
(C) विभवान्तरों का
(D) सभी का
Answer ⇒ (A)
45. मोबिलिटी का S.I. इकाई है –
(A) एम्पीयर . मीटर / न्यूटन
(B) सेकेण्ड / मीटर
(C) मीटर / सेकेण्ड.एम्पीयर
(D) कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
46. विद्युत वाहक बल की विमा है –
(A) ML2T-2
(B) ML2T2I-1
(C) MLT-2
(D) ML2T-3I-1
Answer ⇒ (D)
47. चित्रानुसार G से कोई धारा नहीं जा रही है। ε का मान होगा –
(A) 12 V
(B) 7 V
(C) 7.2 V
(D) 6 V
Answer ⇒ (C)
48. दो सेलों को, जिनके विद्युत वाहक बल ε1 और ε2 तथा आंतरिक प्रतिरोध r1 और r2 है, समानांतर क्रम में जोड़ा गया है। इसका समतुल्य वि०वा० बल होगा –
Answer ⇒ (B)
49. विद्युत हीटर में जिस तत्त्व का व्यवहार किया जाता है वह है
(A) ताँबा
(B) प्लेटिनम
(C) टंगस्टन
(D) निक्रोम
Answer ⇒ (D)
50. शोषित विद्युत ऊर्जा –
(A) विभवांतर के समानुपाती होती है
(B) विभवांतर के व्युत्क्रमानुपाती है।
(C) विभवांतर के वर्ग के समानुपाती होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
51. ह्वीटस्टोन ब्रिज से मापा जाता है –
(A) उच्च प्रतिरोध
(B) निम्न प्रतिरोध
(C) उच्च तथा निम्न प्रतिरोध
(D) विभवांतर
Answer ⇒ (A)
52. दर्शाए गए नेटवर्क की सेलवाली शाखा में प्रवाहित धारा I है
(A) 0.2A
(B) 0.4A
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
53. चित्र में प्रत्येक प्रतिरोध 1Ω है। सेल से जाती धारा होगी
(A) 4A
(B) 5A
(C) 10A
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
55. किलोवाट-घंटा (kWh) मात्रक है
(A) शक्ति का
(B) ऊर्जा का
(C) बलाघूर्ण का
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
56. ताँबे के एक तार तथा जरमेनियम के तार को कमरे के ताप से 80 K तक ठंडा किया जाता है। तब प्रतिरोध
(A) दोनों तारों का घटेगा
(B) दोनों तारों का बढ़ेगा
(C) ताँबे के तार का घटेगा तथा जरमेनियम के तार का बढ़ेगा
(D) जरमेनियम के तार का घटेगा तथा ताँबे के तार का बढ़ेगा
Answer ⇒ (C)
57. यदि 0.005Ω के एक प्रतिरोध को I मेगाओम (MΩ) प्रतिरोध के समांतर क्रम में जोड़ दिया जाए तो तुल्य प्रतिरोध होगा
(A) एक मेगाओम से कम, परंतु 0.005Ω से अधिक
(B) 0.005Ω से कम
(C) 0.005Ω से अधिक, परंतु 1Ω से कम
(D) 1Ω से अधिक, परंतु 1 मेगाओम (MΩ) से कम
Answer ⇒ (B)
58. एक सूखे सेल का विद्युत-वाहक बल 1.5V है और आंतरिक प्रतिरोध 0.5Ω है। यदि यह सेल एक बाहरी प्रतिरोध में 1A की धारा भेजता हो, तो सेल का विभवांतर होगा
(A) 1.5 V
(B) 1 V
(C) 0.5 V
(D) O V
Answer ⇒ (B)
59. एक तार में 1μA धारा प्रवाहित होती है। यदि इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 x 10-19C हो, तो प्रति सेकेण्ड तार से प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
(A) 0.625 x 1013
(B) 0.625 x 1019
(C) 1.6 x 10-19
(D) 1.6 x 1019
Answer ⇒ (A)
60. यदि एक 60 W तथा एक 40 W का बल्ब श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाए तो
(A) 60W वाला बल्ब ज्यादा प्रकाशित होगा
(B) 40W वाला बल्ब ज्यादा प्रकाशित होगा
(C) दोनों एक तरह प्रकाशित होगा।
(D) सिर्फ 60 W वाला बल्ब प्रकाशित होगा
Answer ⇒ (B)
61. एक 0.05 Ω प्रतिरोध वाले एमीटर को 1.5 V विद्युत वाहक बल के सेल से जोड़ा जाता है। अगर 2.0 A की धारा परिपथ में बहती है, तो सेल का आंतरिक प्रतिरोध है
(A) 1.0 Ω
(B) 0.9 Ω
(C) 0.8 Ω
(D) 0.7 Ω
Answer ⇒ (D)
62. किसी धातु का ताप बढ़ने पर उसका प्रतिरोध –
(A) बढ़ता है का
(B) घटता है
(C) नियत रहता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
63. निम्नलिखित में से कौन शक्ति की इकाई नहीं है ?
(A) वाट
(B) एम्पियर x वोल्ट
(C) ओम / एम्पियर2
(D) एम्पियर x ओम
Answer ⇒ (C)
64. नीचे दिखाये परिपथ में धारा का मान क्या होगा ?
(A) 0 A
(B) 10-3A
(C) 1A
(D) 0.10 A
Answer ⇒ (D)
65. चित्रानुसार धारा I का मान होगा –
(A) 2A
(B) 10A
(C) 5A
(D) शून्य
Answer ⇒ (C)
66. 2Ω तथा 4Ω के दो प्रतिरोधA तथा B के समांतर परिपथ से होकर एक विद्युत धारा प्रवाहित होती है। A तथा B में उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात है –
(A) 2 : 1
(B) 1 : 2
(C) 4 : 1
(D) 1 : 4
Answer ⇒ (A)
67. जब किसी धातु प्रतिरोध का ताप बढ़ाया जाता है तब उसकी चालकता एवं प्रतिरोधकता का गुणनफल –
(A) बढ़ता है
(B) घटता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
68. समान लम्बाई और 10Ω के समान प्रतिरोध वाले चार तार वर्गाकार आकृति में जुड़े हैं। वर्ग के दो विपरीत कोणों के बीच तुल्य प्रतिरोध है –
(A) 10 Ω
(B) 40 Ω
(C) 20 Ω
(D) 104 Ω
Answer ⇒ (A)
69. 40 watt तथा 60 watt के दो बल्ब श्रेणीक्रम में जोड़े जायें तो उनकी सम्मिलित शक्ति होगी –
(A) 100 watt
(B) 2400 watt
(C) 30 watt
(D) 24 watt
Answer ⇒ (D)
70. विद्युत्-धारा का मात्रक है –
(A) ऐम्पियर
(B) कूलम्बन
(C) फैराड
(D) वोल्ट
Answer ⇒ (A)
71. एक तार में 1μA धारा प्रवाहित होती है। यदि इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 x 10-19C हो, तो प्रति सेकेण्ड तार से प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
(A) 0.625 x 1013
(B) 0.625 x 1019
(C) 1.6 x 10-19
(D) 1.6 x 1019
Answer ⇒ (B)
72. एक विद्युत्-परिपथ में विभवांतर मापा जाता है
(A) ऐम्पियर (A) में
(B) वोल्ट (V) में
(C) ओम (Ω) में
(D) वाट (W) में
Answer ⇒ (B)
73. प्रतिरोध का S.I. मात्रक है –
(A) वेबर (Wb)
(B) हेनरी (H)
(C) ऐम्पियर (A)
(D) ओम (Ω)
Answer ⇒ (D)
74. प्रतिरोध का विमा है –
(A) [ML2T-3A-2]
(B) [MLT-2A-2]
(C) [MLT-2A-1]
(D) [MLT-2A]
Answer ⇒ (A)
75. किसी तार का प्रतिरोध R, लम्बाई l, अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल A तथा विशिष्ट प्रतिरोधक q हो, तब –
(A) R = p l / A
(B) R = A l / q
(D) p = qAl
(C) p = Rl / A
Answer ⇒ (A)
76. विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता का S.I. मात्रक है
(A) Ω m
(B) Ω m2
(C) A m
(D) Ω m-1
Answer ⇒ (A)
77. विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता की विमा है –
(A) [ML3T-3A-2]
(B) [ML3T-3 A-2]
(C) [MLT-2A-2]
(D) [MLT-2A-1]
Answer ⇒ (A)
78. समान प्रतिरोध वाले n प्रतिरोधों को पहले श्रेणीक्रम में और फिर समानांतर क्रम में जोड़ा जाता है। श्रेणीक्रम के कुल प्रतिरोध तथा समानांतर क्रम के कुल प्रतिरोधों का अनुपात होगा –
(A) n2
(B) n
(C) √¯n
(D) n4
Answer ⇒ (A)
79. आपको 1Ω के तीन प्रतिरोध दिए गए हैं। इससे संयोजन से न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त किया जा सकता है –
(A) 1Ω
(B) 1 / 2 Ω
(C) 2 Ω
(D) 1 / 3 Ω
Answer ⇒ (D)
80. चार प्रतिरोध-कुण्डलियाँ जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 4 ओम है, समानांतर क्रम में जोड़ी गई हैं। उनका संयुक्त प्रतिरोध होगा –
(A) 1 ओम
(B) 4 ओम
(C) 16 ओम
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
81. यदि 0.005 ओम के एक प्रतिरोध 1 मेगा ओम के समानांतर में जोड़ दिया गया है, तो तुल्य प्रतिरोध होगा –
(A) एक मेगा ओम से कम परन्तु 0.005 ओम से अधिक
(B) 0.005 ओम से कम ।
(C) 0.005 ओम से अधिक परन्तु 1 ओम से कम
(D) एक ओम से अधिक परन्तु 1 मेगा ओम से कम
Answer ⇒ (B)
82. किसी सेल का वि०वा० बल मापा जा सकता है –
(A) वोल्टमीटर द्वारा
(B) ऐमीटर द्वारा
(C) गैलवेनोमीटर द्वारा
(D) विभवमापी द्वारा
Answer ⇒ (D)
83. वि०वा० बल की विमा है –
(A) [ML2T-2]
(B) [A-1ML2T-2]
(C) [MLT-2 ]
(D) [A-1ML2T-3]
Answer ⇒ (A)
84. यदि 1Ω प्रतिरोध वाले तार की लम्बाई खींचकर दुगुनी कर दी जाय तो प्रतिरोध हो जाएगा –
(A) 2 Ω
(B) 1 / 2 Ω
(C) 4 Ω
(D) 1 / 4 Ω
Answer ⇒ (C)
85. एक सूखे सेल का वि०वा० बल 1.5V हो और आंतरिक प्रतिरोध 0.5 Ω है। यदि यह सेल एक बाहरी प्रतिरोध में 1A की धारा भेजता है, तो सेल का विभवांतर होगा –
(A) 1.5 V
(B) 1V
(C) 0.5V
(D) 0V
Answer ⇒ (B)
86. चालकों के जाल से धारा प्रवाह को समझने के लिए उपयोग होता है –
(A) ओम के नियम का
(B) किर्कहॉफ के नियम का
(C) जूल के नियमों का
(D) फैराडे के नियमों का
Answer ⇒ (B)
87. विद्युत्-परिपथ किसी बिन्दु पर सभी धाराओं का बीजगणितीय योग होता है –
(A) शून्य
(B) अनन्त
(C) धनात्मक
(D) ऋणात्मक
Answer ⇒ (A)
88. हीट-स्टोन ब्रिज का उपयोग होता है
(A) सिर्फ उच्च प्रतिरोध के मापन में
(B) सिर्फ अल्प प्रतिरोध के मापन में
(C) उच्च एवम् अल्प दोनों ही प्रतिरोध के मापन में
(D) विभवान्तरों के मापन में
Answer ⇒ (C)
89. चित्रानुसार धारा I का मान होगा –
(A) 1 / 45 A
(B) 1 / 15 A
(C) 1 / 10 A
(D) 7 / 5 A
Answer ⇒ (C)
90. चालक के अन्दर विद्युतीय क्षेत्र (E) तथा इलेक्ट्रॉनों की शिथिलता काल (T) हो, तो अनुगमन वेग होगा –
(A) Vd = eET / m
(B) Vd = neA
(C) Vd = meE / T
(D) Vd = me2E / T
Answer ⇒ (A)
91. अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A वाले किसी चालक तार से प्रवाहित धारा I होती है –
(A) I = neAVd
(B) I = ne2AVd
(C) I = neA / Vd
(D) I = n2e2AVd
Answer ⇒ (A)
92. यदि विद्युतीय क्षेत्र E तथा अनुगमन वेग Vd हो तब संचालकता होगा –
(A) E / Vd
(B) Vd / E
(C) E.Vd
(D) E2Vd
Answer ⇒ (B)
93. किसी धातु के तार को गर्म करने पर उसका प्रतिरोध –
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) शून्य हो जाता है
Answer ⇒ (B)
94. 1 ओम प्रतिरोध वाले एक समरूप तार को चार बराबर टुकड़ों में काटकर उन्हें समानांतर क्रम में जोड़ दिया जाय, तो संयोग का समतुल्य प्रतिरोध होगा –
(A) 4 ओम
(B) 1 ओम
(C) 1 / 4 ओम
(D) 1 / 16 ओम
Answer ⇒ (D)
95. किर्कहॉफ का बिन्दु नियम (point rule) पालन करता है –
(A) ऊर्जा की संरक्षणता का सिद्धान्त
(B) आवेश की संरक्षता का सिद्धान्त
(C) संवेग की संरक्षणता का सिद्धान्त
(D) द्रव्यमान की संरक्षता का सिद्धान्त
Answer ⇒ (B)
96. परिपथ का गुण जो विद्युतीय ऊर्जा को ताप में बदलता है, कहलाता है –
(A) प्रतिरोध
(B) धारा
(C) वोल्टता
(D) विद्युत वाहक बल
Answer ⇒ (A)
97. किसी चालक में विद्युत् धारा के प्रवाह का कारण है
(A) प्रतिरोध में अन्तर
(B) तापक्रम में अंतर
(C) विद्युतीय विभव में अन्तर
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
98 12Ω प्रतिरोध का एक तार वृत्त के रूप में मोड़ दिया गया है। व्यास के किनारे के बीच प्रतिरोध होगा –
(A) 3 Ω
(B) 6 Ω
(C) 9 Ω
(D) 12 Ω
Answer ⇒ (A)
99. समान धातु के तीन तारों का द्रव्यमानों 1 : 2 : 3 के अनुपात में है तथा उसकी लम्बाइयाँ 3 : 2:1 के अनुपात में हैं तो विद्युतीय प्रतिरोध का अनुपात होगा –
(A) 1: 1 : 1
(B) 1 : 2 :3
(C) 9 : 4 : 1
(D) 27 : 6 : 1
Answer ⇒ (D)
100. किसी कार की संचायक बैटरी का विद्युतवाहक बल 12 V तथा आंतरिक प्रतिरोध 0.4Ω है। इससे प्राप्त अधिकतम विद्युत धारा का मान होगा
(A) 40 A
(B) 20 A
(C) 30 A
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
101. दो तारों A तथा B समान पदार्थ तथा लम्बाइयों के बने हैं। A का व्यास B के दुगुना है, तो A का प्रतिरोध B की तुलना में होगा –
(A) बराबर
(B) दुगुना
(C) आधा
(D) 1 / 4 गुना
Answer ⇒ (D)
102. इनमें से कौन सही है ?
(A) धारा अदिश है और धारा घनत्व सदिश है
(B) धारा सदिश है और धारा घनत्व अदिश है।
(C) दोनों सदिश है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
103.2 V विद्युत् वाहक बल का सेल जब परिपथ में जोड़ा जाता है तो 5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है। इसका आन्तरिक ओम में होगा –
(A) 0.4
(B) 10
(C) 2.5
(D) 7
Answer ⇒ (A)
104.नियत विभवांतर में किसी विद्युतीय परिपथ में प्रतिरोध को आधा कर देने से उत्पन्न ताप हो जाता है
(A) आधा
(B) दुगुना
(C) चार गुना
(D) अपरिवर्तित
Answer ⇒ (B)
105.यदि विद्युत् बल्ब में धारा 3% से बढ़ायी जाती है तो उसकी शक्ति बढ़ेगी
(A) 6%
(B) 1.5%
(C) 3%
(D) 1%
Answer ⇒ (A)
106. एक तार की लम्बाई को खींचकर दुगुना कर दिया जाता है। यदि खींचने के पूर्व इसका प्रतिरोध R है तो खींचने के बाद इसका प्रतिरोध होगा-
(A) 4R
(B) R
(C) 2R
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
107. विभवांतर की शुद्ध माप के लिए आप किसे पसंद करेंगे ?
(A) 50 ओम प्रतिरोध वाला विभवमापी
(B) 1000 ओम प्रतिरोध वाला विभवमापी
(C) 10000 ओम प्रतिरोध वाला विभवमापी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
108. यदि दो सेल जिनके विद्युत् वाहक बल e1 तथा e2 हों और उन सेलों से विभवमापी के तार पर संतुलन की लम्बाई क्रमशः l1 तथाl2 हों तो –
(A) e1 x e2 = l 1 x l 2
(B) e1 / e2 = l 1 / l 2
(C) e1 / e2 = l 2 / l 1
(D) e1 x e2 = l 1 / l 2
Answer ⇒ (B)
109. इलेक्ट्रॉन वोल्ट द्वारा मापा जाता है –
(A) आवेश
(B) विभवान्तर
(C) धारा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (D)
110. ऋणावेश का प्रवाह होता है –
(A) निम्न विभव से उच्च विभव की ओर
(B) उच्च विभव से निम्न विभव की ओर
(C) विभव से स्वतंत्र होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
111. चित्रानुसार प्रतिरोध x का मान संतुलन की स्थिति में होगा
(A) 30 Ω
(B) 60 Ω
(C) 40 Ω
(D) 50 Ω
Answer ⇒ (C)
112. ताप वैद्युत युग्म में प्रवाहित धारा को कहा जाता है –
(A) सीबेक धारा
(B) जूल धारा
(C) पेल्टियर धारा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
113. हीट स्टोन ब्रिज का व्यवहार किया जाता है मापने में –
(A) वि०वा० बल
(B) धारा
(C) प्रतिरोध
(D) आवेश
Answer ⇒ (C)
114. ताप-वैद्युत युग्म एक साधन है जो रूपांतरित करता है –
(A) विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में
(B) यांत्रिक ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में
(C) ऊष्मा ऊर्जा को विद्यत ऊर्जा में
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
115. किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध बढ़ता है –
(A) तापमान बढ़ने से
(B) अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल बढ़ने से
(C) लम्बाई घटने से
(D) अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल घटने से
Answer ⇒ (A)
116. किसी चालक के संवहन वेग (Vd) तथा आरोपित विद्युत क्षेत्र (E) के बीच सम्बन्ध है –
(A) Vd ∝ √¯E
(B) Vd ∝ E
(C) Vd ∝ E2
(D) Vd = Constant
Answer ⇒ (B)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. किसी धातु में मुक्त इलेक्ट्रॉन तथा मुक्त इलेक्ट्रॉनों के अनुगमन वेग से आप क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन – किसी पदार्थ के परमाणुओं में जो इलेक्ट्रॉन नाभिक के समीप की कक्षाओं में होता है वह नाभिक के धनावेश के द्वारा प्रबल आकर्षण बल से बँधे रहते हैं। किन्तु नाभिक से दूरी वाली कक्षाओं के इलेक्ट्रॉनों पर यह बल बहत होता है। इसलिए इनमें से अनेक इलेक्टॉन अपने परमाणुओं से अलग होकर पूरे पदार्थ से स्वतन्त्रतापूर्वक घूमते रहते हैं, जिन्हें मुक्त इलेक्ट्रॉन कहते हैं।
यही इलेक्ट्रॉन आवेश को पदार्थ के एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है। अतः किसी ठोस पदार्थ की विद्युत् चालकता उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करती है। जिन धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक होती है वह विद्युत का अच्छा चालक होती है। चाँदी, ताँबा, सोना, ऐल्युमिनियम इत्यादि विद्युत् का अच्छा चालक है। जिन धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या कम या शून्य होती है उसमें विद्युत् का प्रवाह नहीं होता है तथा वे विद्युत् अचालक कहलाते हैं।
अनुगमन वेग – जब किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर आरोपित किया जाता है तो वे इलेक्ट्रॉन को त्वरित गति न देकर तार की लम्बाई की दिशा में एक अल्प नियत वेग दे पाता है, इलेक्ट्रॉन के उस निश्चित वेग को अनुगमन वेग कहते हैं। इसे vd द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।।
2. विद्युतधारा तथा अनुगमन वेग में क्या सम्बन्ध है ? वर्णन करें।
Ans ⇒ विद्युतधारा तथा अनुगमन वेग में सम्बन्ध – किसी चालक में प्रवाहित धारा की प्रबलता चालक के किसी अनुप्रस्थ परिच्छेद में प्रति संकेण्ड गुजरने वाली विद्युत् आवेशों के परिमाण से मापी जाती है। माना कि किसी धातु के तार के सिरों पर कोई विभवान्तर आरोपित करने से उसमें F प्रबलता का विद्युतीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है तो धातु के मुक्त इलेक्ट्रॉन इससे विपरीत दिशा में vd अनुगमन वेग से चलने लगते हैं। तार के किसी परिच्छेद से t सेकेण्ड गुजरने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा प्रवाहित आवेश q होने पर उस तार में विद्युत्धारा की प्रबलता, i = q/t ।
माना कि तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A, उसके प्रति इकाई आयतन में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या n तथा इलेक्ट्रॉन का अनुगमन वेग vd है, तो इकाई सेकेण्ड में तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद में से गुजरने वाली इलेक्ट्रॉनों की संख्या, n = Avd। इस प्रकार t से. में तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद से गुजरने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = (nAvd)t। 1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश e है तो t से. में तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद से गुजरने वाले आवेश का परिमाण q = (nAvd)t x e
3. धारा घनत्व से आप क्या समझते हैं ? धारा घनत्व तथा अनुगमन वेग में सम्बन्ध स्थापित करें।
Ans ⇒ धारा घनत्व – किसी चालक तार के प्रति इकाई अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल में से गुजरने वाली धारा चालक का धारा घनत्व कहलाता है। इसे J द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। अतः इसका मात्रक ऐम्पियर/मी.² तथा विमा सूत्र [IL–²] है।
धारा घनत्व तथा अनुगमन वेग में सम्बन्ध – हम जानते हैं कि i = neAvd।
4. प्रतिरोध पर तापक्रम का क्या प्रभाव होता है ? प्रतिरोध तापक्रम गुणांक क्या है ?
Ans ⇒ प्रतिरोध पर तापक्रम का प्रभाव – तापक्रम बढ़ने से धातु का प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि तापक्रम के बढ़ने से धातु के धनायनों का कम्पन आयाम बढ़ जाता है और वह मुक्त इलेक्ट्रॉनों के मार्ग को अधिक अवरुद्ध कर देता है।
माना कि °C पर ताप का प्रतिरोध R0 तथा t°C पर तार का प्रतिरोध R1 है तो R1 = R0(I + αt) जहाँ α एक नियतांक है, जिसे धातु की तार का प्रतिरोध तापक्रम गुणांक कहते हैं।
तार के प्रतिरोध में आंशिक वृद्धि ।
अतः प्रति एकांक तापक्रम वृद्धि के कारण चालक के प्रतिरोध में जो आंशिक वृद्धि होती है, उसे चालक का तापक्रम गुणांक कहते हैं।
5. किसी पदार्थ के विशिष्ट प्रतिरोध से आप क्या समझते हैं ? इसका S.I. मात्रक लिखें।
Ans ⇒ विशिष्ट प्रतिरोध – किसी तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उसके एकांक परिच्छेद क्षेत्रफल वाले एकांक लम्बाई के तार का प्रतिरोध है।
माना कि किसी तार के पदार्थ का प्रतिरोध R, प्रतिच्छेद का क्षेत्रफल A, लम्बाई 1 है, तो जहाँ ρ उस पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध है।
जब 1 = I और A = 1 जो ρ = R।
किसी तापक्रम और समान लम्बाई एवं क्षेत्रफल के अनुप्रस्थ परिच्छेद के तारों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है। अतः विशिष्ट प्रतिरोध चालक पदार्थ का लाक्षणिक गुण है। विशिष्ट प्रतिरोध का S.I. मात्रक ओम मीटर (π – m) है।
इसका विमीय सूत्र [ML3T-31-2] है।
6. किसी पदार्थ की विशिष्ट विद्युतीय चालकता क्या है ?
Ans ⇒ विशिष्ट चालकता – किसी पदार्थ के विशिष्ट प्रतिरोध के व्युत्क्रम को उस पदार्थ की विशिष्ट चालकता कहते हैं। इसे प्रायः द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
S.I. में इसका मात्रक ओम-1 मीटर-1 = महो/मीटर = साइमेन/मीटर है।
7. पदार्थ की प्रतिरोधकता पर ताप का क्या प्रभाव है ? ताप बढ़ने से पदार्थ की विद्युत् चालकता क्यों घटती है ?
Ans ⇒ प्रतिरोधकता और श्रांतिकाल आपस में निम्न रूप से सम्बन्धित है –
.
जिसके अनुसार प्रतिरोधकता श्रान्तिकाल के व्युत्क्रमानुपाती होती है। l लम्बाई तथा A अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के तार का प्रतिरोध
.
किसी दिए गए तार के लिए l, A तथा n नियतांक हैं, अतः प्रतिरोध
.
श्रान्तिकाल इलेक्ट्रॉनों के लैटिस आयनों धातु के धनात्मक आयन के साथ दो लगातार संघट्टों के बीच का औसत समय होता है। यदि इलेक्ट्रॉन का माध्य मुक्त पथ (दो लगातार संघट्टों के मध्य औसत दूरी) λ है तथा वर्ग
ताप बढ़ने के साथ इलेक्ट्रॉन की वर्ग माध्य मूल चाल बढ़ जाती है (vrms ∝ T) तथा माध्यम मुक्त पथ घट जाता है (लैटिस के दोलन का आयाम बढ़ जाता है) इसलिए लैटिस से इलेक्ट्रॉनों के संघट्ट आदि सहजता से होने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप ताप बढ़ने से तार की प्रतिरोधकता और इसलिए प्रतिरोध बढ़ जाता है। दूसरे शब्दों में, ताप बढ़ने से चालक की चालकता घट जाती है।
8. इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग से क्या तात्पर्य है ? व्याख्या कीजिए।
Ans ⇒ ठोस चालक में आयनों का एक नियमित विन्यास ही है और मुक्त इलेक्ट्रॉन किसी एक परमाणु से बंधे नहीं होते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉन पदार्थ के सम्पूर्ण आयतन में इधर-इधर घूम सकते हैं।
आयन जो इलेक्ट्रॉनों से अत्यधिक भारी होते हैं, निश्चित स्थिति के परितः दोलन करते हैं, आयनों की माध्य से एक नियमित आवर्ती प्रारूप (Regular Periodic Pattern) बनता है, जिसे लैटिस कहते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉन लैटिस स्थितियों पर आयनों से टकराते हैं या पारस्परिक बलों से प्रभावित होते हैं। प्रत्येक ऐसी घटना पर इलेक्ट्रॉन की चाल एवं दिशा अव्यवस्थित रूप से बढ़ जाती है। इसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉन टेढ़े-मेढ़े पथ (Zig-Zag Path) पर गति करता है।
इलेक्ट्रॉन का अनुगमन 1 हो, तो अनुगमन वेग Vd = 1/t
अनुगमन वेग वह औसत घटक है, जिससे इलेक्ट्रॉन विद्युत् क्षेत्र के विपरीत दिशा में अनुगमन करते हैं।
मान लीजिए τ लगातार संघट्टों के बीच इलेक्ट्रॉन का माध्य मुक्त समय (mean free time) है तथा विद्युत् क्षेत्र E के कारण उसमें उत्पन्न त्वरण a है।
इससे स्पष्ट होता है कि इलेक्ट्रॉन का अनुगमन वेग विद्युत क्षेत्र के अनुक्रमानुपाती होता है।
9. सेल के आन्तरिक प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।
10. तापक्रम के साथ कुचालक और अर्द्धचालक की प्रतिरोधकता में बदलाव के लिए संबंध स्थापित करें।
11. प्रतिरोधों के समूहीकरण में समतुल्य प्रतिरोध के लिए व्यंजक प्राप्त करें।
Ans ⇒ प्रतिरोध का समूहीकरण दो तरह से किया जाता है –
(i) श्रेणीक्रम में (ii) समानान्तर क्रम में।
(i) श्रेणीक्रम में – दो प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में कहा जाता है, यदि उनमें से केवल एक अंत्य बिन्दु संयोजित होता है। यदि एक तीसरा प्रतिरोधक दोनों के श्रेणी संयोजन से जोड़ा जाता है तो तीनों को श्रेणीक्रम में संयोजित कहते हैं।
मान लिया कि R1, R2 तथा R3 तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं तथा 1 धारा इससे प्रवाहित हो रही है।
इस तरह के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध से धारा समान रूप से प्रवाहित होती है लेकिन विभवान्तर अलग-अलग होता है।
यदि V1, V2 तथा V3 क्रमशः R1, R2, R3, के बीच विभवान्तर हो तो
V1 = IR1, V2 = IR2, V3 = IR3
यदि समतुल्य विभव V हो तो
V = V1 + V2 + V3
IR = IR1 + IR2 + IR3
R = R1 + R2 + R3
यदि n बराबर प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हों, तो समतुल्य प्रतिरोध
Rs = nR
(ii) समानान्तर क्रम में – दो या दो से अधिक पार्श्व में संयोजित कहे जाते हैं यदि सभी प्रतिरोधकों के एक सिरे आपस में जुड़े हों और उसी दूसरे सिरे भी आपस में संबंधित हों।
मान लिया कि R1, R2 तथा R3 तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। इस तरह के संयोजन में विभवान्तर समान रहता है किन्तु धारा अलग-अलग होती हैं। मानलिया कि धारा I1, I2 तथा I3 है और विभवान्तर V है।
12. विद्युतीय कार्य, ऊर्जा तथा शक्ति से क्या समझते हैं ?
Ans ⇒ विद्युतीय कार्य – किसी चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक Q आवेश को ले जाने में किया गया कार्य W = VQ होता है। जहाँ V = विभव कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। इसका मात्रक जूल होता है। q जूल = 1 वोल्ट × कूलम्ब
विद्युतीय शक्ति – कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। यदि किसी परिपथ में एक जूल प्रति सेकेण्ड कार्य होता है तो परिपथ की शक्ति एक वाट होती है।
शक्ति के बड़े मात्रक – 1 किलोवाट = 103 वाट
1 मेगावाट = 106 वाट
1 अश्वशक्ति = 746 वाट ।
13. एक विभवमापी विभवांतर और धारा दोनों माप सकता है, कैसे ? समझावें।
Ans ⇒ विभवमापी एक ऐसा यंत्र है जो किसी सेल का वि० वा० बल या धारावाही चालक के दो छोरों के बीच का विभवांतर, बिना उससे धारा खींचे, मापता है। यह इस सिद्धान्त पर काम करता है कि किसी वि० वा० बल या विभवांतर को किसी दूसरे वि० वा० बल या विभवांतर से संतुलित किया जा सकता है। विभवमापी में एक वाहक सेल का वि० वा० बल एक लंबे समरूप तार पर वितरित रहता है। इसके दो बिंदुओं के बीच के विभवांतर को मापनेवाले वि० वा० बल या विभवांतर के आर-पार लगाया जाता है। जॉकी को खिसकाया जाता है ताकि दोनों एक-दूसरे को संतुलित करे। उस समय गैलवेनोमीटर में धारा का मान शून्य होता है। यदि 1 – संतुलित लंबाई, r = तार की एकांक लंबाई का प्रतिरोध, i = विभवमापी तार में धारा, तो मापे जानेवाले वि० वा० बल (विभवांतर) e = lri फिर जिस धारा को मापना है उसके परिपथ में एक मानक प्रतिरोधक का मान कम होना चाहिए ताकि परिपथ में धारा का मान परिवर्तित माना जाए। प्रतिरोध s के आर-पार विभवांतर को मानक कैडमियम सेल के वि० वा० बल से तुलना की जाती है। यदि s के आर-पार विभवांतर V हो और 11 संतुलित लंबाई हो तो V = l1ri ।
यदि कैडमियम सेल के वि० वा० बल के लिए संतुलित लंबाई I2 हो तो 1.018 = l2ri
14. किर्कहॉफ के नियमों को लिखें तथा समझावें।
Ans ⇒ किर्कहॉफ के निम्नलिखित दो नियम हैं-
(a) संधि नियम (प्रथम नियम) – किसी खुले परिपथ में या किसी विद्युतीय परिपथ के किसी भी संधि पर मिलने वाली समस्त धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है। इसे बिन्दु नियम भी कहा जाता है।
माना कि I1 तथा I2 धाराएँ O बिंदु पर AO तथा BO दिशा में और I3, I4 तथा I5 धाराएँ O बिंदु से OC, OD तथा OE दिशाओं में बाहर निकल रही हैं।
O संधि पर पहुँचने वाली धारा को धनात्मक तथा O संधि से बाहर निकलने वाली धाराओं को ऋणात्मक, तो प्रथम नियम को O संधि पर चित्रानुसार लागू करने पर हम पाते हैं कि
I1 + I2 + (-I3) + (-I4) + (-I5) = O
या, I1 + I2 – I3 – I4 – I5 = O
(b) लूप नियम (द्वितीय नियम) – किसी बंद परिपथ में लूप के विभिन्न भागों की धाराओं तथा प्रतिरोधों के गुणनफल का बीजगणितीय योग उस लूप के विद्युत लूप के विद्युत वाहक बल के बराबर होता है।
माना कि ABCA एक बंद परिपथ या लूप है। इसके AB, BC तथा AC भुजाओं में क्रमशः धाराओं का मान I1, I2, तथा I3, है, जिसका प्रतिरोध R1, R2, और R3 है। BC भुजा में E विद्युत वाहक बल से एक बैटरी जुड़ा है । द्वितीय नियम को लागू करने पर हम पाते हैं कि I1R1 + I2R2 – I3R3 = E होता है।
15. समझाएँ कि किसी सेल को वि. वा. बल वोल्टमीटर क्यों नहीं माप सकता है ?
Ans ⇒ किसी सेल से जुड़े वोल्टमीटर का पाठ्यांक उस सेल का विद्युत् वाहक बल नहीं देता है, क्योंकि उच्च प्रतिरोध वोल्टमीटर भी कुछ-न-कुछ धारा खींचता है। अतः वोल्टमीटर किसी सेल का वि. वा. बल नहीं माप सकता है। ज्ञात वि. वा. बल के मानक सेल के साथ तुलना कर किसी सेल का वि. वा. बल विभवमापी द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
16. एक तार धारा बहती है। क्या यह आवेशित हो जाता है ? अपने उत्तर का कारण दें।
Ans ⇒ तार आवेशित नहीं होती है। स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन को निश्चित दिशा में बहने के कारण तार में धारा उत्पन्न होती है। किन्तु तार में प्रोटॉनों की संख्या किसी क्षण इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होता है। इलेक्ट्रॉनों पर आवेश प्रोटॉन पर के आवेश के बराबर एवं विपरीत प्रकृति के होने से तार में परिणामी आवेश शून्य होता है।
17. अतिचालकता क्या है ? इसके दो उपयोग लिखें।
Ans ⇒ क्रान्तिक ताप पर चालक का प्रतिरोध समाप्त होना अतिचालकता की घटना है। विद्युत शक्ति को अतिचालक के तार से बिना ऊर्जा क्षय के अधिक दूरी तक संचारित किया जाता है। अतिचालक से बहुत तेजी से चलने वाला कम्प्यूटर बनाया जा सकता है।
18. दो विद्युत क्षेत्र रेखाएँ क्यों एक-दूसरे को काट नहीं सकती है? क्या दो समविभव सतह काट सकती हैं ?
Ans ⇒ दो विद्युत क्षेत्र रेखाएँ कभी भी एक-दूसरे को काट नहीं सकती है क्योंकि यदि काटती तो प्रतिच्छेद बिन्दु पर दो स्पर्श रेखाएँ होंगी जो कि एक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र के दो मान संभव नहीं है। दो समविभव सतह एक-दूसरे को नहीं काट सकती हैं।
19. धारावाही चालक में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता एवं समविभवी तल को परिभाषित करें।
Ans ⇒ वैद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता के उस बिन्दु पर रखे इकाई पर धनावेश आवेश पर लगने वाला बल है
.
समविभवी तल : वैसा तल जिसके सभी बिन्दुओं पर विभव का मान समान हो अर्थात् समविभवती तल के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर शून्य होता है।
20. प्रतिरोधकता का व्यंजक किसी चालक के लिए लिखें तथा व्यंजक के प्रत्येक अवयव को समझाइए।
जहाँ ρ = प्रतिरोधकता (resistivity)
R = चालक का प्रतिरोध (resistance)
A = चालक का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (area)
t = चालक की लम्बाई (length)