खुली अर्थव्यवस्था : समष्टि अर्थशास्त्र

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1.भुगतान संतुलन की निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता है ?

(A) क्रमबद्ध लेखा रिकार्ड                    

(B) निश्चित समय अवधि

(C) व्यापकता                                     

(D) इनमें से सभी

Ans. (D)

2. भुगतान संतुलन का घाटा किसके द्वारा ठीक किया जा सकता है ?

(A) आयात प्रतिस्थापन                      

(B) निर्यात संवर्द्धन

(C) उत्पादन वृद्धि                               

(D) इनमें से सभी

Ans. (D)

3. एकाधिकारी अवस्था में किसी वस्तु का उत्पादन होता है

(A) एक से अधिक                             

(B) दो से अधिक

(C) सिर्फ एक                                    

(D) कोई नहीं

Ans. (C)

4. समग्र रूप से अंतर्राष्ट्रीय पद्धति की विशेषता है-

(A) वर्गीकृत पद्धति                            

(B) बहुविकल्पीय पद्धति

(C) पद्धतियों का योग                        

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

5. विदेशी विनिमय दर का निर्धारण होता है-

(A) सरकार द्वारा                              

(B) मोल-जोल द्वारा

(C) विश्व बैंक द्वारा                          

(D) माँग एवं पूर्ति द्वारा

Ans. (D)

6. अर्जेंटिना ने यूरो बोर्ड पद्धति को अपनाया-

(A) 1991 में                                                

(B) 1981 में

(C) 1996 में                                       

(D) 1961 में

Ans. (A)

7. विदेशी विनिमय बाजार के ……… रूप हैं-

(A) हाजिर या चालू बाजार                

(B) वायदा बाजार

(C) (A) एवं (B) दोनों                         

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

8. भुगतान शेष का चालू खाता ……… वास्तविक सौदों को दर्शाता है-

(A) अल्पकालीन                                 

(B) दीर्घकालीन

(C) अति दीर्घकालीन                          

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

9. अनुकूल भुगतान संतुलन विनिमय दर में कमी लाता है-

(A) गलत                                          

(B) सही

(C) (A) एवं (B) दोनों                         

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

10. कुछ देश अपनी मुद्राओं को जोड़ते हैं-

(A) पौंड से                                        

(B) रुपये से

(C) येन से                                         

(D) डॉलर से

Ans. (D)

11. भुगतान शेष की संरचना में कौन-सा खाता शामिल होता है ?

(A) चालू खाता                                  

(B) पूँजी खाता

(C) (A) एवं (B) दोनों                         

(D) बचत खाता

Ans. (C)

12. यूरोपियन मुद्रा संघ का गठन किया गया-

(A) जनवरी 1999 में                          

(B) फरवरी 1999 में

(C) मार्च 1999 में                              

(D) अप्रैल 1999 में

Ans. (A)

13. विदेशी विनिमय की माँग के प्रमुख स्रोत हैं-

(A) विदेश में निवेश

(B) विदेशी वस्तुओं का आयात

(C) पर्यटन

(D) इनमें से सभी

Ans. (D)

14. यूरोप के देशों की सामान्य मुद्रा है-

(A) डॉलर                                           

(B) पौंड

(C) यूरो                                             

(D) स्टर्लिंग

Ans. (C)

15. एक देश का शेष विश्व के साथ निश्चित समयावधि में किए गये समस्त आर्थिक लेन-देन का विस्तृत ब्यौरा है-

(A) व्यापार संतुलन                                     

(B) भुगतान संतुलन

(C) माँग और पूर्ति संतुलन                

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (B)

16. विनियम दर का अर्थ है-

(A) एक विदेशी मुद्रा के लिए कितनी देशी मुद्रा देनी होगी

(B) एक विदेशी मुद्रा के लिए कितनी दूसरी विदेशी मुद्रा बनी होगी

(C) विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री दर

(D) इनमें से सभी

Ans. (D)

17. निम्न में से भुगतान शेष की परिभाषा किसने दी ?

(A) मार्शल                                         

(B) बेन्हम

(C) कीन्स                                         

(D) अदृश्य मदें

Ans. (B)

18. भुगतान शेष के अंतर्गत निम्न में कौन-सी मदें सम्मिलित हैं ?

(A) दृश्य मदें                                     

(B) अदृश्य मदें

(C) पूँजी अन्तरण                              

(D) उपर्युक्त सभी

Ans. (D)

19. भुगतान संन्तुलन में असंतुलन का निम्न में से कौन आर्थिक कारण है ?

(A) अन्तर्राष्ट्रीय संबंध                       

(B) राजनीतिक अस्थिरता

(C) व्यापार चक्र                                 

(D) इनमें से कोई नहीं

Ans. (C)

20. भुगतान संतुलन के दृश्य मदों के अंतर्गत किसे सम्मिलित किया जाता है ?

(A) मशीन                                         

(B) कपड़ा

(C) सीमेंट                                          

(D) इनमें से सभी

Ans. (D)

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. खुली अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं ?

Ans. खुली अर्थव्यवस्था उस अर्थव्यवस्था को कहा जाता है जिसमें किसी को किसी से भी व्यापार करने की छूट होती है।

2. विदेशी मुद्रा की पूर्ति को समझाइए ।

Ans. एक लेखा वर्ष की अवधि में एक देश को समस्त लेनदारियों के बदले जितनी मुद्रा प्राप्त होती है उसे विदेशी मुद्रा की पूर्ति कहते हैं।

विदेशी विनिमय की पूर्ति को निम्नलिखित बातें प्रभावित करती हैं-

1.निर्यात दृश्य व अदृश्य सभी मदें शामिल की जाती हैं।

2. विदेशों द्वारा उस देश में निवेश ।

3. विदेशों से प्राप्त हस्तांतरण भुगतान।

विदेशी विनिमय की दर तथा आपूर्ति में सीधा संबंध होता है। ऊँची विनिमय दर पर विदेशी मुद्रा की अधिक आपूर्ति होती है।

3. विदेशी मुद्रा की माँग एवं पूर्ति के तीन-तीन स्रोत बताइए।

 Ans. विदेशी मुद्रा की माँग निम्नलिखित कार्यों के लिए होती है- 

1. आयात का भुगतान करने के लिए।

2. विदेशी अल्पकालीन ऋणों के भुगतान के लिए।

3. विदेशी दीर्घकालीन ऋणों के भुगतान के लिए।

एक लेखा वर्ष की अवधि में एक देश को समस्त लेनदारियों के बदले जितनी मुद्रा प्राप्त होती है, उसे विदेशी मुद्रा की पूर्ति कहा जाता है। इसके स्रोत हैं-

1.निर्यात, 2. विदेशों द्वारा देश में निवेश तथा 3. विदेशों से प्राप्त भुगतान।

4. भुगतान शेष की संरचना के पूँजी खाते को समझाएँ ।

Ans. पूँजी खातों में दीर्घकालीन पूँजी के लेन-देन को दर्शाया जाता है। इस खाते में निजी व सरकारी पूँजी लेन-देन, बैंकिंग पूँजी प्रवाह में अन्य वित्तीय विनिमय दर्शाए जाते हैं। पूँजी खाते की मदें – इस खाते की प्रमुख मदें निम्नलिखित हैं–

1.सरकारी पूँजी का विनिमय इससे सरकार द्वारा विदेशों से लिए गए ऋण तथा विदेशों को दिए गए ऋणों के लेन-देन, ऋणों के भुगतान तथा ऋणों की स्थितियों के अलावा विदेशी मुद्रा भण्डार, केन्द्रीय बैंक के स्वर्ण भंडार विश्व मुद्रा कोष के लेन-देन आदि को दर्शाया जाता है।

2. बैंकिंग पूँजी : बैंकिंग पूँजी प्रवाह में वाणिज्य बैंकों तथा सहकारी बैंकों की विदेशी लेनदारियों एवं देनदारियों को दर्शाया जाता है। इसमें केन्द्रीय बैंक के पूँजी प्रवाह को शामिल नहीं करते हैं।

3. निजी ऋण : इसमें दीर्घकालीन निजी पूँजी में विदेशी निवेश ऋण, विदेशी जमा आदि को शामिल करते हैं। प्रत्यक्ष पूँजीगत वस्तुओं का आयात व निर्यात प्रत्यक्ष रूप से विदेशी निवेश में शामिल किया जाता है।

5. व्यापार संतुलन एवं भुगतान संतुलन में अंतर कीजिए ।

Ans. वर्तमान समय में प्रत्येक देश विदेशों से कुछ वस्तुओं और सेवाओं का आयात तथा निर्यात करता है। व्यापार एवं भुगतान संतुलन का संबंध दो देशों के बीच इनके लेन-देन से है। परंतु, व्यापार एवं भुगतान संतुलन एक ही नहीं हैं, वरन् इन दोनों में थोड़ा अंतर है। व्यापार संतुलन से हमारा अभिप्राय आयात और निर्यात के बीच अंतर से है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रत्येक देश कुछ “वस्तुओं का आयात तथा कुछ का निर्यात करता है। आयात तथा निर्यात की यह मात्रा हमेशा बराबर नहीं होती। आयात तथा निर्यात के इस अंतर को ही ‘व्यापार संतुलन’ कहते हैं।

व्यापार-संतुलन की अपेक्षा भुगतान संतुलन की धारणा अधिक विस्तृत एवं व्यापक है। इन दोनों के अंतर को समझने के लिए दृश्य एवं अदृश्य व्यापार के अंतर को स्पष्ट करना आवश्यक है। जब देश से निधि सहित वस्तुएँ किसी अन्य देश को निर्यात की जाती है अथवा बाहरी देशों से उनका आयात होता है, तो बंदरगाहों पर इनका लेखा कर लिया जाता है। इस प्रकार की मदों को विदेशी व्यापार की दृश्य मदें कहते हैं। परंतु, विभिन्न देशों के बीच आयात-निर्यात की ऐसी मदें, जिनका लेखा बंदरगाहों पर नहीं होता, विदेशी व्यापार की अदृश्य मदें कहलाती हैं। भुगतान संतुलन में विदेशी व्यापार की दृश्य तथा अदृश्य दोनों प्रकार की मदें आती हैं, जबकि व्यापार संतुलन में केवल विदेशी व्यापार की दृश्य मदों को शामिल किया जाता है। इस प्रकार, भुगतान संतुलन का क्षेत्र व्यापार संतुलन से अधिक विस्तृत होता है।

6. भुगतान संतुलन क्या है ?

Ans. भुगतान संतुलन का संबंध किसी देश के शेष विश्व के साथ सभी आर्थिक लेन-देन के लेखांकन के रिकार्ड हैं। प्रत्येक देश विश्व के अन्य देशों के साथ आर्थिक लेन-देन करता है। इस लेन-देन के फलस्वरूप उसे अन्य देशों से प्राप्तियाँ होती हैं तथा उसे अन्य देशों को भुगतान करना पड़ता है। भुगतान संतुलन इन्हीं प्राप्तियों एवं भुगतानों का विवरण हैं।

7. भुगतान शेष की परिभाषा दीजिए ।

Ans. किसी देश का भुगतान शेष किसी दिए हुए समय में सम्पूर्ण विश्व के साथ उसके लेन-देन का लेखा होता है। दृश्य और अदृश्य मदों के शुद्ध व्यापार और एकपक्षीय अंतरणों का योग चालू खाते पर शेष कहा जाता है।

बेन्हम के अनुसार, “किसी देश का भुगतान शेष किसी दिए हुए समय में सारे संसार के साथ उसके लेन-देन का लेखा है।”

किण्डलबर्गर के शब्दों में, “एक देश का भुगतान शेष उस देश के निवासियों तथा विदेशों के निवासियों के बीच किए गए समस्त आर्थिक सौदों का व्यवस्थित लेखा है।”

जेम्स इन्ग्राम के अनुसार, “भुगतान शेष उन सभी आर्थिक सौदों का संक्षिप्त लेखा है जो एक देश के निवासियों तथा शेष संसार के बीच एक निश्चित समय में किया जाता है। “

8. भुगतान शेष तथा व्यापार शेष में अंतर स्पष्ट करें।

Ans. भुगतान शेष और व्यापार शेष में निम्नलिखित अंतर है-

भुगतान शेष

1.भुगतान शेष में दृश्य अदृश्य और दोनों मदें शामिल हैं।

2. यह एक व्यापक अवधारणा है।

3. यह सदैव संतुलित रहता है।

4. विदेशी व्यापार का आशय समझने में यह कम अर्थवान तथा महत्त्वपूर्ण है।

व्यापार शेष

1.इसमें केवल दृश्य मदें होती है।

2. यह एक संकीर्ण अवधारणा है।

3. इसमें घाटा हो सकता है।

4. यह विदेशी व्यापार का आशय समझने में अधिक अर्थवान तथा महत्त्वपूर्ण है।

9. भुगतान शेष के संघटकों को बताइए।

 Ans. भुगतान शेष के चार संघटक हैं-

1.व्यापार शेष = निर्यात – आयात

2. चालू खाते का शेष = व्यापार शेष + निवल अदृश्य मदें

3. पूँजी खाते का शेष या पूँजी खाते का योग = विदेशी निवेश (निवल + विदेशी ऋण (निवल) + बैंकिंग (निवल ) + रुपये ऋण सेवा + अन्य पूँजी (निवल ) + भूल-चूक

4. समग्र शेष = चालू खाता – शेष + पूँजी खाता- शेष

10. भुगतान शेष के चालू खाता एवं पूँजी खाता में क्या अन्तर है ?

Ans. भुगतान शेष के चालू खाता एवं पूँजी खातां में निम्न अन्तर है-

चालू खाता

1.भुगतान शेष के चालू खाता में वस्तुओं एवं सेवाओं के आयात और निर्यात शामिल होता है।

2. भुगतान शेष के चालू खाते के शेष का देश की आय पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।

पूँजी खाता

1.भुगतान शेष के पूँजी खाता में विदेशी ऋणों का लेन-देन, ऋणों का भुगतान व प्राप्तियाँ, बैंकिंग पूँजी प्रवाह आदि को दर्शाया जाता है।

2. भुगतान शेष के पूँजी खाते के शेष का देश की राष्ट्रीय आय पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है। यह केवल परिसम्पत्तियों की मात्रा को दर्शाता है।

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