वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.निम्नलिखित में से कौन अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र की शाखा है ?
(A) पर्यावरणीय नीतिशास्त्र
(B) जैव-चिकित्सीय नीतिशास्त्र
(C) व्यवसाय नीतिशास्त्र
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
2. प्रयोजनात्मक युक्ति का संबंध किससे है ?
(A) ईश्वर के अस्तित्व से
(B) आत्मा के अस्तित्व से
(C) जड़ के अस्तित्व से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
3. पर्यावरण का संबंध किससे है ?
(A) केवल पशु से
(B) केवल मनुष्य से
(C) देवता से
(D) प्रकृति के संतुलन से
Ans. (D)
4. व्यापार नीतिशास्त्र किस दिशा में केन्द्रित है ?
(A) नैतिक शब्दों के विश्लेषण से
(B) सद्गुणों को बल प्रदान करने में
(C) व्यापार के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
5. नीतिशून्य कर्म का क्या अर्थ है ?
(A) वह कर्म जो नैतिक दृष्टिकोण से अनुचित है
(B) वह कर्म जिसे मनुष्यों को नहीं करना चाहिए
(C) (A) और (B) दोनों
(D) वह कर्म जिस पर नैतिक निर्णय नहीं दिया जाता है
Ans. (D)
6. नीतिशास्त्र किस विद्या को कहते हैं ?
(A) जो परम सत्ता की खोज करता है
(B) जौ नैतिक मापदण्डों की खोज करता है
(C) जो ज्ञान के साधन की खोज करता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
7. अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र का प्रणेता किसको माना जाता है ?
(A) मिल
(B) काण्ट
(C) पीटर सिंगर
(D) मूर
Ans. (B)
8. निम्नलिखित में से कौन चिकित्सा नीतिशास्त्र का विषय है ?
(A) सरोगेट माँ
(B) भ्रूण हत्या
(C) चिकित्सक-मरीज संबंध
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (D)
9. चिकित्सा नीतिशास्त्र की महत्वपूर्ण समस्या क्या है ?
(A) आत्म हत्या
(B) भ्रूण हत्या
(C) हिंसा
(D) धार्मिक हिंसा
Ans. (B)
10. पर्यावरण नीतिशास्त्र की विषय-वस्तु क्या है ?
(A) चिकित्सा से जुड़ी नैतिक समस्याएँ
(B) व्यवसाय से जुड़ी नैतिक समस्याएँ
(C) पर्यावरण से जुड़ी नैतिक समस्याएँ
(D) मीडिया से जुड़ी नैतिक समस्याएँ
Ans. (C)
11. नीति शून्य कर्म क्या है ?
(A) अच्छा कर्म
(B) अनुचित कर्म
(C) वैसा कर्म जिस पर नैतिक निर्णय नहीं दिया जाता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
12. नैतिक निर्णय क्या है ?
(A) वास्तविकता सूचक निर्णय
(B) वर्णनात्मक निर्णय
(C) तार्किक निर्णय
(D) मूल्य विषयक निर्णय
Ans. (D)
13. सर्वोच्च शुभ क्या है ?
(A) मात्र साधन है
(B) मात्र बाह्य है
(C) चरम लक्ष्य है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
14. व्यापार नीतिशास्त्र अध्ययन है-
(A) व्यापार के विस्तार का
(B) व्यापार के स्वामित्व का
(C) व्यापार के रखरखाव का
(D) व्यापार से जुड़ी नैतिकता का
Ans. (D)
15. मानवीय आचरण पर नैतिक निर्णय के लिए क्या अनिवार्य है ?
(A) व्यक्ति का देश
(B) व्यक्ति का रंग
(C) व्यक्ति की भाषा
(D) व्यक्ति का इच्छा स्वातंत्र्य
Ans. (D)
16. पर्यावरण के प्रकार है-
(A) भौतिक
(B) मानसिक
(C) आध्यात्मिक
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
17. प्रकृति के गुणों में होने वाले परिवर्तन को कहते हैं –
(A) विरूप परिवर्तन
(B) शाश्वत परिवर्तन
(C) आकारिक परिवर्तन
(D) अंतिम परिवर्तन
Ans. (A)
18. शिक्षा दर्शन का आधार-
(A) प्रकृतिवाद है
(B) आध्यात्मवाद है
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
19. निम्नलिखित में से कौन अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र की शाखा है ?
(A) पर्यावरणीय नीतिशास्त्र
(B) जैव-चिकित्सीय नीतिशास्त्र
(C) व्यवसाय नीतिशास्त्र
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
20. व्यापार नीतिशास्त्र अध्ययन है-
(A) आदर्शों का
(B) मूल्यों का
(C) लाभ का
(D) नैतिकता का
Ans. (C)
21. दण्ड की अवधारणा है-
(A) सामाजिक
(B) दार्शनिक
(C) नैतिक
(D) इनमें से सभी
Ans. (C)
22. शिक्षा दर्शन एक शाखा है-
(A) भौतिकविज्ञान का
(B) मनोविज्ञान का
(C) दर्शनशास्त्र का
(D) तर्कशास्त्र का
Ans. (C)
23. नियम के अनुकूल रहने पर क्या कहेंगे ?
(A) उचित
(B) अनुचित
(C) उचित एवं अनुचित
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
24. नैतिक दर्शन किस पद से जाना जाता है ?
(A) इयथास
(B) इथिकोस
(C) इथिक्स
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
25. व्यापार व्यवसाय है-
(A) अनैतिक
(B) क्रूर
(C) लाभोन्मुखी
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
26. ‘पर्यावरण’ शब्द किससे बना है ?
(A) इन्विरानर
(B) इन्वनार
(C) इन्वरानरर
(D) इनमें से सभी
Ans. (C)
27. शुभ के प्रकार हैं-
(A) सापेक्ष शुभ
(B) निरपेक्ष शुभ
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
28. पर्यावरणीय नीतिशास्त्र है-
(A) मनुष्य केन्द्रित
(B) जीवन केन्द्रित
(C) पशु केन्द्रित
(D) इनमें से सभी
Ans. (A)
29. सर्वोच्च शुभ किसे कहा जाता है ?
(A) सापेक्ष शुभ को
(B) निरपेक्ष शुभ को
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
30. निम्नलिखित में कौन दण्ड के सिद्धांत हैं ?
(A) निरोधक सिद्धांत
(B) सुधारक सिद्धांत
(C) प्रतिकारात्मक सिद्धांत
(D) ये सभी
Ans. (D)
31. नीतिशास्त्र एवं समाज दर्शन के बीच संबंध है-
(A) घनिष्ठ
(B) विरोधात्मक
(C) घनिष्ठ और विरोधात्मक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
32. पर्यावरण का संबंध है-
(A) पशु से
(B) मनुष्य से
(C) देवता से
(D) वनस्पति से
Ans. (D)
33. मानव की सामाजिक एकता पर विचार करने वाला दर्शन क्या कहलाता है ?
(A) आचार दर्शन
(B) समाज दर्शन
(C) धर्म दर्शन
(D) इनमें सभी
Ans. (B)
34. “नीतिशास्त्र मानव-आचरण का एक आदर्श निर्धारक विज्ञान है” यह उक्ति किनकी है ?
(A) मूरे
(B) मेकेंजी
(C) लिली
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
35. “नीतिशास्त्र शुभ और उचित आचरण का अध्ययन है”- यह परिभाषा किसने दी ?
(A) मूरे
(B) मेकेंजी
(C) जॉन द्वे
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
36. “दण्ड देने के पीछे एकमात्र उद्देश्य होता है कि व्यक्ति भविष्य में उस अपराध की पुनरावृत्ति न करे।” यह विचार दण्ड के किस
सिद्धांत से संबंधित है ?
(A) प्रतिशोधात्मक सिद्धांत
(B) निवर्तनवादी सिद्धांत
(C) सुधारवादी सिद्धांत
(D) इनमें सभी
Ans. (B)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नीतिशास्त्र की परिभाषा दें।
Ans. साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि नीतिशास्त्र चरित्र का अध्ययन करने वाला विषय माना जाता है।
भिन्न-भिन्न दार्शनिकों के द्वारा नीतिशास्त्रों को परिभाषा की कड़ी से बाँधने का प्रयास भी किया गया है।
Mackenzie के अनुसार, “शुभ और उचित आचरण का अध्ययन माना जाता है । “
विलियम लिली (William Lillie) के अनुसार, “नीतिशास्त्र एक आदर्श निर्धारक विज्ञान है। यह उन व्यक्तियों के आचरण का निर्धारण करता है जो समाज में रहते हैं।”
2. पर्यावरणीय नीतिशास्त्र क्या है ?
Ans. पर्यावरण के अंतर्गत हमारे परिवेश या आस-पड़ोस की वस्तुएँ, जीव-जंतु इत्यादि – सम्मिलित किए जाते हैं। इसमें वायु, जल, मिट्टी, पेड़-पौधे, वनस्पति इत्यादि आ जाते हैं। मानव ‘परिवेश की समस्त जीवित और निर्जीव वस्तुएँ मानव के अस्तित्व के लिए ही नहीं वरन् समस्त पृथ्वी के लिए अनिवार्य है। मानव समेत, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, झाड़ी, घास-पात, मिट्टी आदि सभी प्रकृति के अंग है। इसके बीच एक आंतरिक सम्बन्ध है। इसी संबंध की दृष्टि से जब हम प्रकृति का अवलोकन करते हैं तो प्रकृति को ही पारिस्थितिकी (Ecology) कहते हैं। मानव का इस प्रकृति की अन्य वस्तुओं से निर्भरता का संबंध है। ये परस्पर एक-दूसरे पर अपने अस्तित्व के लिए निर्भर हैं। इसी पारिस्थितिकी (Ecology) में आहार चक्र जलचक्र एवं ऋतु परिवर्तन आदि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अंतः व्यक्ति अपने अस्तित्व के लिए प्रकृति पर निर्भर करता है।
अतः पर्यावरणीय नीतिशास्त्र का अर्थ उस नीतिशास्त्र से है जो यह बताता है कि परिवेश को किस प्रकार से सन्तुलित बनाया जाये कि मानव के साथ-साथ सभी जीवधारियों को समान लाभ प्राप्त हो सके।
3. अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र क्या है ?
Ans. अनुप्रयुक्त अथवा जैव नीतिशास्त्र को सही ढंग से परिभाषित करना थोड़ा कठिन है, क्योंकि अभी यह एक नयी विधा है। जैव नीतिशास्त्र के लिए अंग्रेजी में Bio-ethics शब्द का. प्रयोग होता है। Bio ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ Life अथवा ‘जीवन’ है और ‘Ethics’ का अर्थ आचारशास्त्र है। इस दृष्टि से यह जीवन का आधार है। अतः हम कह सकते हैं कि “स्वास्थ्य की देख-रेख और जीवन-विज्ञान के क्षेत्र में मानव आचरण का एक व्यवस्थित अध्ययन अनुप्रयुक्त नीतिशास्त्र कहलाता है।’
4. क्या पर्यावरणीय नीतिशास्त्र का अध्ययन प्रासंगिक है ?
Ans. नीतिशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान होने के नाते इस बात की भी अध्ययन करता है। कि मनुष्य या समाज के बीच एक पूर्ण सम्बन्ध हो तथा व्यक्ति के अधिकार एवं कर्तव्य उचित कार्यों के लिए पुरस्कार और अनुचित दंड का निर्धारण भी करता है। नीतिशास्त्र में पर्यावरण सम्बन्धी बातों का भी अध्ययन किया जाता है इसलिए पर्यावरणीय नीतिशास्त्र का अध्ययन प्रासंगिक है।
5. जल प्रदूषण क्या है ?”
Ans. जल की भौतिक, रासायनिक तथा जैवीय विशेषताओं में (मानव स्वास्थ्य तथा जलीय जीवों पर) हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करने वाले परिवर्तनों को जल प्रदूषण कहते हैं।
जल में स्वयं शुद्धिकरण की क्षमता होती है परंतु जब मानव जनित स्रोतों से उत्पन्न प्रदूषकों का जल में इतना अधिक जमाव हो जाता है कि जल की सहन शक्ति तथा स्वयं शुद्धिकरण की क्षमता से अधिक हो जाता है तो जल प्रदूषित हो जाता है।
6. ध्वनि प्रदूषण क्या है ?
Ans. ध्वनि की भौतिक, रासायनिक तथा जीविय विशेषताओं में (मानव स्वास्थ्य तथा जीवों पर) हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करने वाले परिवर्तन को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर सरकार द्वारा बनायी कानून भी सख्त होती है। इस प्रकार ध्वनि प्रदूषण से शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्तियों में असंतोष उत्पन्न होता है।
7. व्यावसायिक नीतिशास्त्र की परिभाषा दें। –
अथवा व्यावसायिक नीतिशास्त्र क्या है ?
Ans. नैतिकता का सम्बन्ध हमारे व्यवहार, रीति-रिवाज या प्रचलन से है। व्यावसायिक नैतिकता का शाब्दिक अर्थ है- प्रत्येक व्यवसाय की अपनी एक नैतिकता है। व्यावसायिक नैतिकता का अर्थ किसी भी व्यवसाय के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अपने आचरण के औचित्य तथा अनौचित्य का मूल्यांकन है। व्यवसाय का संबंध कुछ ऐसे सीमित व्यक्तियों के उस समूह से होता है जिन्हें अपने व्यवसाय में विशेष योग्यता प्राप्त रहता है और समाज में वे अपने कार्यों को म लोगों की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह करते हैं। यद्यपि व्यवसाय जीवन-यापन का एक साधन है।
विकास हो तथा उसे रोजगार मिल सके। इसीलिए उन्होंने मूल्य युक्त तकनीक शिक्षा की वकालत की है।
8. पीटर सिंगर कौन है ?
Ans. पीटर सिंगर एक ऑस्ट्रेलियन नैतिक दार्शनिक है। पीटर सिंगर ने पर्यावरणीय समस्या के समाधान के लिए आचरण सम्बन्धी दस निर्देशों के पालन को आवश्यक बतलाया है। सिंगर के अनुसार मनुष्य को वे कार्य करने चाहिएं जिनसे पर्यावरण सुरक्षित रखा जा सके।
9. नीतिशास्त्र को आदेशमूलक विज्ञान क्यों कहते हैं ?
Ans. नीतिशास्त्र आदर्शमूलक विज्ञान है। यह मानव आचरण के औचित्य का निर्धारण करता है। परन्तु किसी कार्य को नैतिक दृष्टि से उचित या अनुचित हम तभी कह सकते हैं, जब वह कार्य मनुष्य की स्वतंत्र इच्छा द्वारा किया गया हो। अतः स्वतंत्र इच्छा के द्वारा किसी संकल्प का चयन नीतिशास्त्र का विषय है।
10. नीतिशास्त्र में किन कर्मों के संदर्भ में निर्णय दिये जाते हैं ?
Ans. नीतिशास्त्र मानव को सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करता है। अच्छा और बुरा, सही और गलत, गुण और दोष, न्याय और जुर्म जैसी अवधारणाओं को परिभाषित करके, नीतिशास्त्र मानवीय नैतिकता के प्रश्नों को सुलझाने का प्रयास करता है।
11. समाजदर्शन एवं नीतिशास्त्र के बीच सम्बन्धों की विवेचना करें।
Ans. नीतिशास्त्र का सीधा सम्बन्ध मनुष्य के उन लक्ष्यों (ends) से है जिन्हें प्राप्त करना मानव जीवन का उद्देश्य होता है। अतः समाज दर्शन का जितना गहरा सम्बन्ध नीतिशास्त्र से है उतना किसी अन्य शास्त्र से नहीं समाजदर्शन वास्तव में नीतिशास्त्र का एक अंग कहा जा सकता है। इसी तरह नीतिशास्त्र को भी समाज दर्शन का अंग कहने में कोई आपत्ति नहीं हो सकती। इसके बावजूद सुविधा की दृष्टि से हम दोनों में अन्तर स्पष्ट कर सकते हैं। नीतिशास्त्र मुख्य रूप से व्यक्तियों के आचरण (conduct) से सम्बन्धित है, दूसरी ओर समाज का निर्माण व्यक्तियों से ही होता है तथा वे लक्ष्य जिन्हें प्राप्त करने के लिए व्यक्ति तथा समाज प्रयत्न करते हैं लगभग समान होते हैं।
12. परिणामवाद क्या है ?
Ans. परिणामवाद मानदण्डक नीतिशास्त्र के सिद्धांतों में वह विचारधाराएँ हैं, जिनके अनुसार किसी क्रिया या व्यवहार की अच्छाई या बुराई का आंकलन अंततः इसी बुनियाद पर होता है कि उस किया का परिणाम अच्छा था या बुरा !