वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.निम्न में से कौन एकवादी है ?
(A) देकार्त्त
(B) स्पीनोजा
(C) सांख्य
(D) लाइबनीज
Ans. (B)
2. निम्नलिखित में से किस युक्ति को कारणतामलूक युक्ति कहा जा सकता है ?
(A) सत्तामूलक
(B) विश्वमूलक
(C) प्रयोजनमूलक
(D) नैतिक
Ans. (B)
3. किसके अनुसार यथार्थ ज्ञान सार्वभौम, अनिवार्य एवं नवीन होना चाहिए ?
(A) देकार्त्त
(B) लॉक
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (D)
4. किस ज्ञान सिद्धान्त के अनुसार ‘ज्ञान की प्राप्ति आगमनात्मक विधि से होती है’ ?
(A) बुद्धिवाद
(B) अनुभववाद
(C) वाद
(D) वस्तुवाद
Ans. (B)
5. सरल प्रत्यय और जटिल प्रत्यय का विचार किस अनुभववादी दर्शन में है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) इनमें कोई नहीं
Ans. (A)
6. जड़ में गति प्रदान करने वाली शक्ति को क्या कहते हैं ?
(A) निमित्त कारण
(B) उपादान कारण
(C) आकारिक कारण
(D) अंतिम कारण
Ans. (A)
7. ईश्वर की सत्ता के लिए सत्तामूलक युक्ति का किसने समर्थन किया है ?
(A) लॉक
(B) ह्यूम
(C) काण्ट
(D) देकार्त्त
Ans. (D)
8. ईश्वर की सत्ता के लिए नैतिक मुक्ति का किसने समर्थन किया है ?
(A) काण्ट
(B) देकार्त
(C) स्पीनोजा
(D) ह्यूम
Ans. (A)
9. सर्वेश्वरवाद के समर्थन कौन हैं ?
(A) ह्यूम
(B) लॉक
(C) स्पीनोजा
(D) काण्ट
Ans. (C)
10. निम्न में से किस युक्ति का कहना है कि ईश्वर का अस्तित्व ईश्वर के विचार से अनिवार्यतः फलित होता है ?
(A) विश्वमूलक युक्ति
(B) कारणतामूलक युक्ति
(C) तात्विक युक्ति
(D) प्रयोजनमूलक युक्ति
Ans. (C)
11. काण्ट के अनुसार ज्ञान का स्रोत क्या है ?
(A) अनुभव
(B) बुद्धि
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें कोई नहीं
Ans. (C)
12. किस बुद्धिवादी दार्शनिक के अनुसार द्रव्य स्वतंत्र, निरपेक्ष, विलक्षण और सार्वभौम है ?
(A) देकार्त
(B) स्पिनोजा
(C) लाइबनिज
(D) लॉक
Ans. (A)
13. विचार और विस्तार को ईश्वर का गुण किसने माना है ?
(A) स्पिनोजा
(B) देकार्त
(C) लाइबनिज
(D) बर्कले
Ans. (A)
14. किस बुद्धिवादी दार्शनिक ने पूर्व-स्थापित सामंजस्य का सिद्धांत प्रतिपादित किया है ?
(A) स्पिनोजा
(B) देकार्त
(C) लाइबनिज
(D) बर्कले
Ans. (C)
15. जन्मजात प्रत्ययों के विचार का खण्डन किस अनुभववादी दार्शनिक ने किया है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (A)
16. किस दार्शनिक ने कहा है कि सरल प्रत्ययों के निर्माण में हमारी बुद्धि निष्क्रिय रहती है ?
(A) स्पिनोजा
(B) लॉक
(C) लाइबनिज
(D) बर्कले
Ans. (A)
17. किस अनुभववादी ने जड़ पदार्थ का पूर्णतः निषेध किया और अध्यात्मवाद की स्थापना की है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (B)
18. किसने कहा है कि होना तथा प्रत्यक्ष दोनों एक है ?
(A) काण्ट
(B) ह्यूम
(C) बर्कले
(D) लॉक
Ans. (C)
19. किसने संस्कारों को प्राथमिक तथा प्रत्ययों को गौण माना है ?
(A) ह्यूम
(B) लॉक
(C) काण्ट
(D) बर्कले
Ans. (A)
20. ह्यूम के अनुभववाद की प्रमुख मांयता क्या है ?
(A) कार्य-कारण अनिवार्य नहीं है
(B) कार्य-कारण सम्भाव्य है
(C) अनिवार्यता बाह्य-वस्तु तथा घटना में नहीं, हमारे मन में है
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
21. किसने कहा है कि बुद्धिवाद का अन्त अंधविश्वास में तथा अनुभववाद का अन्त संशयवाद में होता है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (D)
22. ज्ञान के साधन के संबंध में बुद्धिवादियों की प्रमुख मांयता क्या है
(A) टैबुला रासा
(B) संस्कार और प्रत्यय
(C) जन्मजात प्रत्यय
(D) संशयवाद
Ans. (C)
23. मन और शरीर के बीच देकार्त किस प्रकार के संबंध को स्वीकार करते हैं ?
(A) समानान्तरवाद
(B) अन्तर्क्रियावाद
(C) नित्यवाद
(D) नियतत्वाद
Ans. (B)
24. बुद्धिवादियों के अनुसार ज्ञान का स्वरूप क्या है ?
(A) सार्वभौम
(B) निश्चित
(C) अनिवार्य
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
25. किसने कहा है कि दर्शनशास्त्र का ज्ञान भी गणित के ज्ञान की तरह सुस्पष्ट सुभिन्न होनी चाहिए ?
(A) देकार्त
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) लॉक
Ans. (A)
26. ‘डिस्कोर्स ऑन मेथड’ ग्रंथ किसकी रचना है ?
(A) लाईबनिज
(B) स्पिनोजा
(C) देकार्त
(D) लॉक
Ans. (C)
27. ज्ञान के साधन के रूप में सहज-ज्ञान और निगमन को किसने स्वीकार किया है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) देकार्त
Ans. (D)
28. सन्देह का देकार्त के दर्शन में क्या स्थान है ?
(A) दार्शनिक विचार का प्रारम्भ बिंदु
(B) सत्य का साधन
(C) प्रथम असंदिग्ध सत्य की खोज का साधन
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
29. आधुनिक पाश्चात्य दर्शन का पिता कहलाता है :
(A) स्पिनोजा
(B) लाइबनिज
(C) देकार्त
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
30. स्वयं अर्थात् आत्मा की सत्ता को देकार्त किस आधार पर साबित करते हैं ?
(A) मैं खाता हूँ इसलिए मेरी आत्मा है
(B) मैं टहलता हूँ इसलिए मेरी आत्मा है
(C) मैं खेलता हूँ इसलिए मेरी आत्मा है
(D) मैं सोता हूँ इसलिए मेरी आत्मा है
Ans. (D)
31. संस्कार और प्रत्ययों का विचार किस अनुभववादी में पाया जाता है ?
(A) ह्यूम
(B) लॉक
(C) बर्कले
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
32. किस आधुनिक पाश्चात्य अनुभववादी ने अपने पूर्व के कारण- कार्य सिद्धांत की पूर्व मान्यताओं को धराशायी कर दिया ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) स्पिनोजा
Ans. (C)
33. काण्ट के समीक्षावाद पर प्रभाव है-
(A) बुद्धिवाद का
(B) अनुभववाद का
(C) (A) और (B) दोनों का
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
34. देकार्त के बाद किस आधुनिक बुद्धिवादी ने मन और शरीर को एक ही माना है ?
(A) लाइबनीज
(B) स्पिनोजा
(C) लॉक
(D) बर्कले
Ans. (B)
35. किस बुद्धिवादी दार्शनिक ने कहा है कि चिद् बिंदु शाश्वत होते हैं-
(A) देकार्त
(B) स्पिनोजा
(C) लाइबनिज
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
36. बुद्धिवाद और अनुभवाद का टकराव किसके दर्शन में समाप्त होता है ?
(A) लाइबनीज
(B) ह्यूम
(C) बर्कले
(D) काण्ट
Ans. (D)
37. निम्नलिखित में से कौन एक कथन सही है ?
(A) अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं
(B) अधिकार और कर्तव्य सापेक्ष हैं
(C) अधिकार कर्तव्य का विरोधी
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
38. ज्ञान के साधन के दृष्टिकोण से कौन-सी दार्शनिक परंपरा एकांगी है ?
(A) बुद्धिवाद
(B) अनुभववाद
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
39. ‘क्रिटिक ऑफ प्योर रीजन’ के लेखक कौन हैं ?
(A) काण्ट
(B) देकार्त
(C) ह्यूम
(D) लाइबनीज
Ans. (A)
40. ह्यूम के शुद्ध अनुभववाद की परिणति किस विचारधारा में होती है ?
(A) संशयवाद
(B) बुद्धिवाद
(C) परमार्थवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
41. जिस अनुभववाद की उत्पत्ति लॉक के दर्शन में होता है उसका तार्किक उत्कर्ष किसके अनुभववाद में होता है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (C)
42. काण्ट ने ज्ञान की किन विशेषताओं को स्वीकार किया है ?
(A) सार्वभौमिकता
(B) अनिवार्यता
(C) नवीनता
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
43. सरल प्रत्यय और जटिल प्रत्यय का विचार किस अनुभववादी के दर्शन में पाया जाता है ?
(A) लॉक
(B) ह्यूम
(C) बर्कले
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
44. किस अनुभववादी के अनुसार वस्तुओं का ज्ञान संस्कार और प्रत्यय के द्वारा होता है ?
(A) बर्कले
(B) ह्यूम
(C) लॉक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
45. बुद्धिवाद ज्ञान के स्रोत के संबंध में क्या मानता है ?
(A) ज्ञान का स्रोत मूलतः बुद्धि और अनुभव दोनों है
(B) ज्ञान का प्रारम्भ संवेदनाओं से होता है
(C) ज्ञान का स्रोत केवल बुद्धि है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
46. किसने कहा है कि ‘संवेदन बिना ज्ञान के अन्धा है और शुद्ध बोध बिना संवेदनों के खोखला है’ ?
(A) देकार्त
(B) स्पिनोजा
(C) लॉक
(D) काण्ट
Ans. (D)
47. बुद्धिवाद का आदर्श क्या है ?
(A) गणित
(B) रेखागणित
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
48. किसने कहा है कि ‘मैं सोचता हूँ इसलिए मैं हूँ’ ?
(A) स्पिनोजा
(B) बर्कले
(C) लॉक
(D) देकार्त
Ans. (D)
49. किसने कहा है कि ज्ञान प्रागनुभविक संश्लेषणात्मक निर्णय है ?
(A) देकार्त
(B) काण्ट
(C) स्पिनोजा
(D) लाईबनीज
Ans. (B)
50. देकार्त आत्मा, ईश्वर जैसा सत्ता के ज्ञान का प्रारम्भ कहाँ से मानते हैं ?
(A) इन्द्रियों से
(B) कल्पना से
(C) परिकल्पना से
(D) स्वतः सिद्ध जन्मजात प्रत्यय से
Ans. (D)
51. इन्द्रिय प्रत्यक्ष को ज्ञान का साधन किसने माना है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
52. निम्न में से कौन अनुभववादी नहीं है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (C)
53. अंतःक्रियावाद सिद्धांत है-
(A) देकार्त का
(B) स्पिनोजा का
(C) लाइबनीज का
(D) लॉक का
Ans. (A)
54. भारतीय दर्शन में यथार्थ ज्ञान कहलाता है-
(A) अप्रमा
(B) प्रमा
(C) ख्याती
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
55. निम्न में से कौन एक बुद्धिवादी है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) देकार्त
(D) काण्ट
Ans. (D)
56. प्रागनुभविक ज्ञान संबंधित है-
(A) अनुभव से
(B) बुद्धि से
(C) दोनों से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
57. निम्नलिखित में से अनुभववादी तर्कशास्त्री कौन है ?
(A) जॉन लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) इनमें सभी
Ans. (D)
58. ब्रह्मसूत्र के रचयिता हैं-
(A) गौड़पाद
(B) बर्कले
(C) शंकर
(D) निम्बार्क
Ans. (C)
59. निम्नलिखित में से कौन एक बुद्धिवादी एवं अनुभववादी नहीं है ?
(A) काण्ट
(B) स्पिनोजा
(C) ह्यूम
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
60. बुद्धिवाद का समर्थक है-
(A) देकार्त
(B) लाइबनीज
(C) स्पिनोजा
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
61. अनुभववाद के समर्थक हैं-
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) इनमें से सभी
Ans. (D)
62. पूर्व स्थापित सामंजस्य सिद्धांत संबंधित है-
(A) देकार्त से
(B) कायट से
(C) लाइबन्त्सि से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
63. किस तर्क ने जगत के अस्तित्व के आधार पर ईश्वर का अस्तित्व प्रमाणित किया है ?
(A) जगत-संबंधी तर्क
(B) प्रयोजनमूलक तर्क
(C) कारणता-संबंधी तर्क
(D) सत्तावादी तर्क
Ans. (D)
64. काण्ट के ज्ञान संबंधी विचार को कहते हैं-
(A) अनुभववाद
(B) समीक्षावाद
(C) बुद्धिवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
65. काण्ट के अनुसार ज्ञान है-
(A) प्रागनुभविक निर्णय
(B) अनुभव सापेक्ष निर्णय
(C) संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णय
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
66. किस दर्शनिक ने कहा है-“ज्ञान संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णय है” ?
(A) काण्ट
(B) हेगल
(C) लाईबनिज
(D) स्पिनोजा
Ans. (D)
67. अयथार्थ ज्ञान कहलाता है-
(A) अप्रमा
(B) प्रमा
(C) प्रमाण
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
68. “ज्ञान की प्राप्ति जन्मजात प्रत्यय से होती है।” ऐसा मानना है
(A) बुद्धिवाद का
(B) अनुभववाद का
(C) समीक्षावाद का
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (D)
69. ज्ञानशास्त्रीय सिद्धांत के रूप में ‘समीक्षावाद’ देन है –
(A) देकार्त्त का
(B) स्पिनोजा का
(C) बर्कले का
(D) काण्ट का
Ans. (D)
70. “ज्ञान की प्राप्ति निगमनात्मक विधि से होती है” यह किस ज्ञान सिद्धांत के अनुसार ?
(A) बुद्धिवाद
(B) अनुभववाद
(C) समीक्षावाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (D)
71. किसके अनुसार– “यथार्थ ज्ञान सार्वभौम, अनिवार्य और नवीन होना चाहिए” ?
(A) काण्ट
(B) स्पीनोजा
(C) लॉक
(D) ह्यूम
Ans. (D)
72. अनुभववाद के समर्थक हैं-
(A) देकार्त
(B) स्पीनोजा
(C) ह्यूम
(D) काण्ट
Ans. (B)
73. “मैं सोचता हूँ इसलिए मैं हूँ”—यह कथन है-
(A) देकार्त का
(B) लॉक का
(C) ह्यूम का
(D) प्लेटो का
Ans. (C)
74. निम्न में से कौन चिंतक संदेहवाद से संबंधित है ?
(A) लॉक
(B) स्पीनोजा
(C) ह्यूम
(D) प्लेटो
Ans. (D)
75. “हमें अनुभव सिर्फ प्रत्ययों का ही होता है, इसलिए सिर्फ़ प्रत्यय ही वास्तविक है।” ऐसा किसने कहा है ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) ह्यूम
(D) स्पीनोजा
Ans. (B)
76. समीक्षावाद सिद्धांत का संबंध किनसे है ?
(A) लॉक
(B) स्पीनोजा
(C) बर्कले
(D) काण्ट
Ans. (D)
77. ‘व्यक्ति बनो’ यह वक्तव्य है-
(A) ब्रेडले का
(B) सोरोकीन का
(C) हिगेल का
(D) काण्ट का
Ans. (A)
78. किस दर्शनिक ने कहा है-“ज्ञान संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णय है” ?
(A) काण्ट
(B) हेगल
(C) लाईबनिज
(D) बरिह
Ans. (C)
79. काण्ट के अनुसार बुद्धि के कितने आकार हैं ?
(A) पाँच
(B) आठ
(C) दस
(D) बारह
Ans. (D)
80. काण्ट के ज्ञान-विचार को कहते हैं-
(A) समीक्षावाद
(B) अनुभववाद
(C) बुद्धिवाद
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
81. अनुभववाद और बुद्धिवाद का सिद्धांत है-
(A) एक-दूसरे का विरोधी
(B) एक-दूसरे का पूरक
(C) न तो विरोधी और न पूरक
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
82. बुद्धिवादी दार्शनिक के अनुसार ज्ञान के प्रकार हैं-
(A) साधारण ज्ञान
(B) दार्शनिक ज्ञान
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (C)
83. देकार्त, स्पीनोजा एवं लेबनीज ज्ञान के किस सिद्धांत को माननेवाले हैं ?
(A) अनुभववादी सिद्धांत
(B) बुद्धिवादी सिद्धांत
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (B)
84. निम्नलिखित में से कौन दार्शनिक ज्ञान को ‘संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णयों को एकतंत्र’ के रूप में परिभाषित करते हैं ?
(A) लॉक
(B) बर्कले
(C) काण्ट
(D) सुकरात
Ans. (A)
85. निम्नलिखित में कौन-सा कथन अनुभववाद से सम्बद्ध है ?
(A) ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन इन्द्रियानुभूति है
(B) विवेक ही ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन है
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans. (A)
86. समीक्षावाद का निर्माण होता है-
(A) अनुभववाद के भावात्मक अंशों को मिलाकर
(B) बुद्धिवाद के भावात्मक अंशों को मिलाकर
(C) अनुभववाद एवं बुद्धिवाद के भावात्मक अंशों को मिलाकर
(D) अनुभववाद एवं बुद्धिवाद के नकारात्मक अंशों को मिलाकर
Ans. (C)
87. ईश्वर के अस्तित्व संबंधी प्रमाण हैं-
(A) प्रयोजनात्मक युक्ति
(B) नैतिक युक्ति
(C) सत्तामूलक युक्ति
(D) उपरोक्त सभी
Ans. (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. काण्ट के अनुसार ज्ञान की परिभाषा दें।
Ans: काण्ट के अनुसार बुद्धि के बारह आकार हैं। वे हैं- अनेकता, एकता, सम्पूर्णता, व, अभाव, सीमित भाव, कारण- कार्यभाव, गुणभाव, अन्योन्याश्रय भाव, संभावना, वास्तविकता एवं अनिवार्यता ।
2. बुद्धिवाद के अनुसार ज्ञान की परिभाषा दें।
Ans. बुद्धिवाद के अनुसार वास्तविक ज्ञान का स्रोत तर्क चिंतन है। ज्ञान का विषय संसार के अस्थाई और परिवर्तनशील तथ्य नहीं है अर्थात ज्ञान की उत्पत्ति बुद्धि से होती है और बुद्धि के अलावा इसका अन्य कोई साधन नहीं है।
3. बुद्धिवाद का वर्णन करें।
अथवा, बुद्धिवाद की परिभाषा दें।
Ans. बुद्धिवाद के अनुसार बुद्धि या विवेक की ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन है। ज्ञान कीं कोई अंश बुद्धि से परे नहीं हैं। बुद्धिवाद के अनुसार ज्ञान दो प्रकार के होते हैं- साधारण ज्ञान और दार्शनिक ज्ञान। सांसारिक विषयों के संबंध में इन्द्रियों तथा किसी व्यक्ति से जो ज्ञान प्राप्ति होता – है उसे साधारण ज्ञान कहते हैं। दूसरी ओर दार्शनिक ज्ञान हम उसे कहते हैं जो वस्तुओं को यथार्थ – के रूप से व्यक्त करता है। अतः तार्किक ज्ञान सदा यथार्थ होता है। बुद्धिवाद का संबंध वस्तुत: तार्किक ज्ञान से होता है। बुद्धिवाद अनुभववाद का खण्डन करते हुए कहता है कि अनुभवजन्य ज्ञान में सार्वभौमिकता तथा अनिवार्यता का सदा अभाव रहता है, क्योंकि किसी वर्ग के भूत, भविष्य और वर्तमान सभी काल और देशों के पदार्थ का अनुभव करना संभव नहीं है। अतः ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन बुद्धि है।
4. किस अर्थ में हम ‘बुद्धिवाद’ शब्द का प्रयोग करते हैं ?
Ans. बुद्धिवाद एक ज्ञानमीमांसीय सिद्धान्त है जिसके अनुसार ज्ञान की उत्पत्ति बुद्धि से होर्त है। मानव बुद्धि के द्वारा पदार्थों के प्रत्यय अंकित होते हैं। उन्हीं प्रत्ययों के माध्यम से पदार्थों का ज्ञान होता है। बुद्धिवाद की मान्यता है कि ज्ञान कहीं बाहर से नहीं आता वरन् मनुष्य के भीतर से ही प्राप्त होता है।
5. अनुभववाद की परिभाषा दें।
अथवा, अनुभववाद से आप क्या समझते हैं ?
Ans. अनुभववाद ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन इन्द्रियानुभूति को मानता है। अनुभववादियों के अनुसार सम्पूर्ण अनुभव की ही उपज है तथा बिना अनुभव से प्राप्त कोई भी ज्ञान मन में नहीं होता है। वस्तुतः अनुभववाद, बुद्धिवाद का विरोधी सिद्धान्त है। अनुभववादियों के अनुसार जन्म के समय मन साफ पट्टी के समान है और जो कुछ ज्ञान होता है उसके सभी अंग अनुभव से ही प्राप्त होते हैं। इसमें मन को निष्क्रिय माना जाता है। अनुभववाद के अनुसार आनुभविक अंग पृथक्-पृथक् संवेदनाओं के रूप में पाए जाते हैं। यदि इनके बीच कोई सम्बन्ध स्थापित किया जाय तो सहचार के नियमों पर आधारित यह सम्बन्ध बाहरी ही हो सकता है। अंततः अनुभववाद में पूरी गवेषणा न करने के कारण इसमें सदा यह दृढ़ विचार बना रहता है कि ज्ञान के सभी अंग आनुभविक है जब यह बात सिद्ध नहीं हो पाती, तब संदेहवाद इसका अंतिम परिणाम होता है।
6. बुद्धिवाद एवं अनुभववाद में क्या अंतर है?
Ans. तर्कवाद या बुद्धिवाद और अनुभववाद दोनों ही ज्ञानमीमांसीय सिद्धांतों का सम्बन्ध ज्ञान प्राप्त करने के स्रोत अर्थात् साधन से है। दोनों दो भिन्न साधनों को ज्ञान के स्रोत के रूप में स्वीकार करते हैं। इतना ही नहीं दोनों एक-दूसरे के द्वारा बतलाए गये ज्ञान के स्रोत को अस्वीकार भी कर देते हैं।
अनुभववाद के अनुसार ज्ञान की उत्पत्ति का साधन अनुभव है, बुद्धि नहीं बुद्धिवाद ज्ञान की उत्पत्ति का साधन बुद्धि या तर्क को मानता है, अनुभव को नहीं।
अनुभववाद के अनुसार सभी ज्ञान अर्जित हैं, इसलिए कोई भी ज्ञानं जन्मजात नहीं है। बुद्धि के अनुसार आधारभूत प्रत्यय जन्मजात होते हैं। उन्हें जन्मजात प्रत्ययों से अन्य ज्ञानों को बुद्धि तर्क के द्वारा निगमित करती है।
अनुभववाद के अनुसार बुद्धि अपने आप में निष्क्रिय है। क्योंकि पहले वह अनुभव से प्राप्त प्रत्ययों को ग्रहण करती है और उसके उपरान्त ही वह सक्रिय हो सकती है। बुद्धिवाद के अनुसार बुद्धि स्वभावतः क्रियाशील है क्योंकि अपने अन्दर से वह ज्ञान उत्पन्न करती है ।
अनुभववाद अनुसार विशेष वस्तुओं के ज्ञान के आधार पर आगमन विधि द्वारा सामान्य ज्ञान प्राप्त किया जाता है। अतः अनुभववाद तथ्यात्मक विज्ञान को आदर्श ज्ञान का स्रोत मानता है। बुद्धिवाद के अनुसार जन्मजात सहज प्रत्ययों से निगमन – विधि द्वारा सारा ज्ञान प्राप्त होता है। अतः बुद्धिवाद गणित विज्ञान को आदर्श ज्ञान का स्रोत मानता है।
7. काण्ट के ज्ञान- विचार को समीक्षावाद क्यों कहा जाता है ?
Ans. जर्मन दार्शनिक काण्ट का ज्ञानशास्त्रीय मत समीक्षावाद कहलाता है, क्योंकि समीक्षा के बाद ही इस सिद्धान्त का जन्म हुआ। काण्ट के समीक्षावाद के अनुसार बुद्धिवाद और अनुभववाद दोनों ही सिद्धान्तों में आंशिक सत्यता है। जिन बातों को बुद्धिवाद और अनुभववाद स्वीकार करते हैं, वे सत्य हैं, और जिन बातों का खण्डन करते हैं, वे गलत हैं- “They are justified in what they affirm but wrong in what they deny” । अनुभववाद के अनुसार संवेदनाओं के बिना ज्ञान में वास्तविकता नहीं आ सकती है और बुद्धिवाद के अनुसार सहजात प्रत्ययों के बिना ज्ञान में अनिवार्यता तथा असंदिग्धता नहीं आ सकती है। समीक्षावाद इन दोनों सिद्धान्तों के उपर्युक्त पक्षों को स्वीकार करता है। फिर अनुभववाद के अनुसार ज्ञान की अनिवार्यता के अनुसार संवेदनाओं को ज्ञान का रचनात्मक अंग नहीं माना जाता है। पर हमें दोनों सिद्धान्तों के इस अभावात्मक (Negative) पक्षों को अस्वीकार करना चाहिए। समीक्षावाद में बुद्धिवाद तथा अनुभववाद दोनों के भावात्मक अंशों को मिलाकर ग्रहण किया जाता है।
8. काण्ट के आलोचनात्मक दर्शन को रेखांकित करें।
Ans. काण्ट के आलोचनात्मक दर्शन में ज्ञानशक्तियों का समीक्षा प्रस्तुत की गई है साथ ही 17वीं और 18वीं शताब्दी के इन्द्रियवाद एवं बुद्धिवाद की समीक्षा है विचार सामग्री के अर्जन में इन्द्रियों की माध्यमिकता को स्वीकृति में काण्ट इन्द्रिवासियों से सहमत था ।
9. नैतिक संप्रत्यय के रूप में शुभ की व्याख्या करें।
Ans. शुभ से तात्पर्य मनुष्य के उन लक्ष्यों से है जिसके द्वारा वह अपना जीवन निर्विघ्नता से जी सके। वह जो भी कार्य करे शुभ हो। शुभ समाप्त हो । शुभ शुरूआत हो आदि। इस शुभ की इच्छा ही नैतिक संप्रत्यय के रूप में शुभ बन जाती है।
10. नैतिक प्रत्यय के रूप में अनुचित की परिभाषा दें।
Ans. ‘Wrong’ शब्द का अर्थ है वक्र अथवा प्रतिकूल । “किसी नियम के अनुकूल या प्रतिकूल रहने पर हम किसी सिद्धान्त या व्यवहार को उचित (right) या अनुचित (wrong) कहते हैं।” सत् या उचित द्वारा शुभ की प्राप्ति होती है और असत् या अनुचित द्वारा अशुभ (evil) की प्राप्ति । नैतिक नियमों को मापदंड मानकर ही किसी आचरण को उचित और अनुचित घोषित किया जाता है। ये नैतिक नियम देश, काल और पात्र के अनुसार बदलते रहते हैं। इन नियमों पर आश्रित उचित और अनुचित कर्मों के विचार भी बदलते रहते हैं। कोई कर्म जो एक स्थान और एक समय में उचित या सत् है, वही दूसरे स्थान और दूसरे काल में अनुचित या असत् प्रमाणित हो जाता है। अनुचित आचरण वह है, जो नैतिक नियम के विरुद्ध हो, यानी जिससे सर्वोच्च शुभ की प्राप्ति में सहायता न मिले।
11. ‘उचित’ को किस दृष्टिकोण से एक नैतिक प्रत्यय कहते हैं ?
Ans. नैतिक नियमों को मापदंड मानकर ही किसी आचरण को उचित और अनुचित घोषित किया जाता है। ये नैतिक नियम देश, काल और पात्र के अनुसार बदलते रहते हैं। सत् और असत्, यानी उचित और अनुचित, शुभ और अशुभ कर्मों से संबद्ध हैं। प्रत्येक नियम के मूल में एक लक्ष्य होते हैं। परमशुभ या निःश्रेयस (highest good) की प्राप्ति ही नैतिक नियमों का लक्ष्य माना गया छिपा रहता है। लक्ष्यहीन नियम वस्तुतः नियम नहीं कहा जा सकता। नैतिक नियम भी उद्देश्यपूर्ण है। वही आचरण उचित (right) है, जो नैतिक नियमों के अनुकूल, अर्थात् सर्वोच्च शुभ की प्राप्ति में सहायक हो।
12. लॉक के ‘टैबूला रासा’ के विचार का वर्णन करें।
Ans. सत्रहवीं सदी में जॉन लॉक ने सीखने का एक सिद्धांत गढ़ा था, जो आज तक शैक्षिक कामकाजों से परिलक्षित होता रहता है। लॉक का मानना था कि जन्म के साथ हमारा मन कोरी
स्लेट (टेबुला रासा) की तरह होता है ।
13. ‘जन्मजात प्रत्यय’ के विचार और लॉक के ‘टैबूला रासा’ के विचार में क्या अन्तर है ?
Ans. जन्मजात विचार जन्म से ही प्राप्त नहीं होते हैं। बच्चे का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि उनमें भूख-प्यास, गर्मी- सर्दी आदि की अनुभूतियाँ जन्मजात होती हैं, परन्तु स्पष्ट रूप में कोई जन्मजात ज्ञान उनमें नहीं होता। इससे सिद्ध होता है कि यह ज्ञान जन्मजात नहीं है। जबकि लॉक के टैबूला रासा के अनुसार जन्म के साथ हमारा मन कोरी स्लेट (टेबुला रासा) की तरह होता है।
14. बर्कले का आत्मनिष्ठ प्रत्ययवाद क्या है ?
Ans. बर्कले के अनुसार आत्मा और उसके प्रत्यय ही एकमात्र सत्ताएँ हैं इसलिए बर्कले के दर्शन को अध्यात्मवाद कहा जाता है; क्योंकि अध्यात्मवाद के अनुसार ही परम सत्ता है । परन्तु इस अध्यात्मवाद की जड़ Esse Est Percipi के सिद्धांत पर आधारित हैं इसलिए इसे प्रत्ययवाद (Idealism) भी कहा जाता है। प्रत्ययवाद के अनुसार परम सत्ता वह है, जिसे युक्ति संगत मानसिक विचारों की राशि कहा जा सकता है। बर्कले का कहना है कि समस्त विश्व प्रत्यय है और इस दृष्टिकोण से इसे प्रत्ययवाद कहा जा सकता है।
15. बर्कले भौतिक वस्तुओं को भी प्रत्ययात्मक क्यों मानते हैं ?
Ans. बर्कले का विचार है कि किसी वस्तु का ज्ञान इन्द्रिय प्रत्यक्ष से होता है। जब हमारी इन्द्रियों का सम्पर्क किसी पदार्थ से होता है, तब उस पदार्थ के प्रत्यय हमारे मन में आते हैं तथा पदार्थ को हम जानते हैं। वह पदार्थ केवल प्रत्यय है। इसी कारण से बर्कले भौतिक वस्तुओं को भी प्रत्ययात्मक मानते थे।