वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. एक आयनिक यौगिक में ‘A’ ion इकाई सेल के घन के कोणों पर है तथा ‘B’ion फलकों के केन्द्रों पर है, इस यौगिक का सरलतम सूत्र होगा।
(A) AB
(B) A2B
(C) AB3
(D) A3B
Answer ⇒ (C)
2. निम्नलिखित में कौन प्रतिचुंबकीय है ?
(A) Cr3+
(B) V2+
(C) Sc3+
(D) Ti3+
Answer ⇒ (C)
3. निम्नलिखित में से बेरवादार ठोस कौन-सा है ?
(A) हीरा
(B) ग्रेफाइट
(C) सामान्य लवण
(D) ग्लास
Answer ⇒ (A)
4. एक धातु जिसकी बनावट हेक्सागोनल क्लोज पैक्ड आकृति है उसकी समन्वयन संख्या होती है?
(A) 6
(B) 12
(C) 8
(D) 4
Answer ⇒ (B)
5. घनाकार क्रिस्टल में ब्रेबेस जालकों की संख्या होती है –
(A) 3
(B) 1
(C) 4
(D) 14
Answer ⇒ (A)
6. सदृश परमाणु वाले एक फलक केन्द्रित घनाकार इकाई सेल में चतुष्फलक रिक्तियों की संख्या है –
(A) 8
(B) 4
(C) 6
(C) 6
(D) 12
Answer ⇒ (A)
7. निम्नलिखित में कौन-सा गुण क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ का नहीं है ?
(A) विभिन्न दिशाओं में समान गुण
(B) सुस्पष्ट द्रवणांक मा.
(C) निश्चित ज्यामितीय आकृति
(D) उच्च अंतराण्विक बल
Answer ⇒ (A)
8. उस आयनिक यौगिक की चतुष्फलकीय आकृति होती है जिसमें r+/r – का मान निम्नलिखित में किसके बराबर होता है ?
(A) 0.414 से 0.732
(B) 0.732 से 1.00
(C) 0.155 से 0.225
(D) 0.225 से 0.414
Answer ⇒ (D)
9. फलक केन्द्रित इकाई सेल में चतुष्फलकीय रिक्तियों की कुल संख्या होती है –
(A) 6
(B) 8
(C) 10
(D) 12
Answer ⇒ (B)
10. धनायन अन्तराकाश स्थान में उपस्थित हो जाते हैं –
(A) फ्रेंकेल दोष
(B) शॉटकी दोष
(C) रिक्तिका दोष
(D) धातु न्यूनता दोष
Answer ⇒ (A)
11. शॉट्की दोष (Schottky defect) पाया जाता है –
(A) NaCl
(B) KCl
(C) CSCl
(D) इनमें से सभी में
Answer ⇒ (D)
12. पारा (Mercury) का प्रतिरोध (resistance) शून्य हो जाता है –
(A) 4k पर
(B) 10k पर
(C) 20k पर
(D) 25k पर
Answer ⇒ (A)
13. BCC संरचना में केन्द्र में अवस्थित परमाणु निम्न यूनिट सेल से साझा करता है।
(A) 1 यूनिट सेल
(B) 4 यूनिट सेल
(C) 3 यूनिट सेल
(D) 2 यूनिट सेल
Answer ⇒ (A)
14. सोलर सेल में उपयोग किए जाने वाले पदार्थ में होता है –
(A) Cs
(B) Si
(C) Sn
(D) Ti
Answer ⇒ (B)
15. कैलसियम फ्लोराइड (CaF2) के संरचना में धनायन तथा ऋणायन का कोआर्डिनेशन संख्या (Coordination number) क्रमशः होता है।
(A) 6 तथा 6
(B) 8 तथा 4
(C) 4 और 4
(D) 4 और 8
Answer ⇒ (B)
16. सहसंयोजक (covalent) ठोस है –
(A) रॉक साल्ट
(B) बर्फ
(C) क्वार्ज
(D) शुष्क बर्फ
Answer ⇒ (C)
17. आयोडिन है –
(A) आयनिक ठोस
(B) परमाणविक ठोस
(C) आणविक ठोस
(D) सहसंयोजन ठोस
Answer ⇒ (C)
18. किस यूनिट सेल के लिए ∝ = β = 90°, a=b≠c
(A) क्यूबिक (cubic)
(B) ट्राइक्लीनिक
(C) हेक्सागोनल
(D) टेट्रागोनल
Answer ⇒ (D)
19. ट्राइक्लीनिक (Triclinic) क्रिस्टल का अक्षीय कोण होता है :
(A) ∝ = β = y 90°
(B) ∝ = y = 90°, β≠ 90°
(C) ∝ ≠ β ≠ y ≠ 90°
(D) ∝ = β = y ≠ 90°
Answer ⇒ (C)
20. ठोस AICL , में AI की Coordination number होती है –
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8
Answer ⇒ (C)
21. NaCl क्रिस्टल में प्रत्येक crआयन कितने Na’ आयन से घिरा रहता है ?
(A) 4
(B) 6
(C) 1
(D) 2
Answer ⇒ (B)
22. जिंक ब्लैण्ड (Zns) में सल्फाइड आयन (S–) की व्यवस्था है
(A) सरल क्यूबिक
(B) hcp
(C) bcc
(C) fcc
Answer ⇒ (D)
23. 8 : 8 प्रकार की पैकिंग उपस्थित है ।
(A) MgF2
(B) CsCL
(C) KCl
(D) Naci
Answer ⇒ (B)
24. BCC का Coordination number होता है।
(A) 8
(B) 6
(C) 4
(D) 12
Answer ⇒ (A)
25. जिंक ब्लैण्ड (zinc blande) Zns, में Zn का Coordination number है।
(A) 6
(B) 4
(C) 8
(D) 12
Answer ⇒ (B)
26. टेट्राहेड्रॉल (Tetrahedral) आकृति के लिए त्रिज्या अनुपात है –
(A) 0 से 0.155
(B) 0.225 से 0.414
(C) 0.155 से 0.225
(D) 0.414 से 0.732
Answer ⇒ (B)
27. ccp संरचना तथा bcc संरचना में मुक्त या अनाध्यासित दिकस्थान (free space) के प्रतिशत क्रमशः हैं।
(A) 30% तथा 26%
(B) 26% तथा 32%
(C) 32% तथा 48%
(D) 48% तथा 26%
Answer ⇒ (B)
28. यदि K+ तथा F- की त्रिज्या क्रमशः 133 Pm तथा 136 Pm हो तो KF में K+तथा F के बीच की दूरी होगी
(A) 269 Pm
(B) 134.5 Pm
(C) 136 Pm
(D) 3 Pm
Answer ⇒ (B)
29. एक धातु का रवाकरण हेक्सागोनल क्लोज पैक (hep) संरचना में होता है, तो धातु की कॉर्डिनेशन संख्या है –
(A) 12
(B) 8
(C) 4
(D) 6
Answer ⇒ (A)
30. कमरे के तापक्रम पर सोडियम धातु की bcc संरचना में किनारे की लम्बाई a=4.29 Å है। सोडियम परमाणु की त्रिज्या है।
(A) 1.40Å
(B) 2.65 Å
(C) 1.85 Å
(D) 2.15 Å
Answer ⇒ (C)
31. CsCI के लिए r+/r – = 093 है तो इसकी सम्भावित संरचना है –
(A) टेट्राहेड्राल
(B) स्क्वायर प्लेनर
(C) आक्टाहेड्राल
(D) bcc
Answer ⇒ (D)
32. किसी आयनिक ठोस की सम्भावित संरचना टेट्राहेड्राल होगी यदि इसके का मान होगा –
(A) 0.414 से 0.732
(B) 0.225 से 0.414
(C) 0.155 से 0.225
(D) 0.732 से 1.0
Answer ⇒ (B)
33. ऊष्मा और विद्युत का अच्छा चालक है –
(A) एन्थ्रासाइट कोक
(B) हीरा
(C) ग्रेफाइट
(D) चारकोल
Answer ⇒ (C)
34. Transistor बनाने के लिए सामान्यतः निम्न तत्वों का उपयोग किया जाता है:
(A) C तथा Si
(B) Ga तथा In
(C) P तथा As
(D) Si तथा Ge
Answer ⇒ (D)
35. अणुचुम्बकीय यौगिक (Paramagnetic compound) में इलेक्ट्रॉन होते हैं:
(A) साझा
(B) अयुग्मित
(C) युग्मित
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
36. धातु आयन के रंगीन ज्वाला लौ का कारण है –
(A) फ्रेंकेल दोष
(B) शॉट्की दोष
(C) धातु की कमी का दोष
(D) धातु अधिकता का दोष
Answer ⇒ (D)
37. ग्रेफाइट है ?
(A) आण्विक ठोस
(B) सहसंयोजक ठोस
(C) आयनिक ठोस
(D) धात्विक ठोस
Answer ⇒ (B)
38. किस यूनिट सेल में परमाणुओं की संख्या सबसे अधिक होती है।
(A) bcc
(B) hcp
(C) fcc
(D) क्यूबिक
Answer ⇒ (C)
39. फ्रेंकल तथा शॉट्की दोनों दोष होते हैं –
(A) NaCl
(B) AgCl
(C) AgBr
(D) KCI
Answer ⇒ (C)
40. शुद्ध सिलिकॉन को फास्फोरस से डोप करने से –
(A) धात्विक सुचालक
(B) कुचालक
(C) n-प्रकार का अर्द्धचालक
(D) p-प्रकार का अर्द्धचालक
Answer ⇒ (C)
41. निम्नलिखित एनीसोट्रॉपी (Anisotropy) दर्शाता है –
(A) काँच
(B) बेरियम क्लोराइड
(C) लकड़ी
(D) पेपर
Answer ⇒ (B)
42. वह पदार्थ जिसका OK पर शून्य प्रतिरोध होता है –
(A) सुचालक
(B) अतिसुचालक
(C) कुचालक
(D) अर्द्धचालक
Answer ⇒ (B)
43. इनमें कौन क्रिस्टलीय ठोस का गुण नहीं है –
(A) एनीसोट्रापीक
(B) आइसोट्रॉपीक
(C) कड़ा
(D) घना
Answer ⇒ (B)
44. एवोग्रडो संख्या (N) बराबर है –
(A) 6.023 x 1024
(B) 6.023 x 1023
(C) 6.023 x 10-23
(D) 11.2
Answer ⇒ (B)
45. क्षारकीय धातु हैलाइडों के रंगीन होने की सामान्य कारण है :
(A) अन्तराकाशी स्थल
(B) F-केन्द्र
(C) शॉट्की दोष
(D) फ्रेंकेल दोष
Answer ⇒ (B)
46. अन्तः केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका में मुक्त दिक्स्थान की प्रतिशतता है :
(A) 34%
(B) 28%
(C) 30%
(D) 32%
Answer ⇒ (D)
47. (Na20) में सोडियम की कीआर्डिनेशन संख्या कितनी है ?
(A) 6
(B) 4
(C) 8
(D) 2
Answer ⇒ (C)
48. निम्नलिखित में कौन ऑक्साइड धातु की तरह विद्युतीय गुण दर्शाता है ?
(A) Sio2
(B) MgO
(C) So2(s)
(D) CrO2
Answer ⇒ (C)
49. निम्नलिखित में कौन बेरवादार ठोस है ?
(A) Graphite
(B) Quartz Glass (SiO,)
(C) Chrome Alum
(D) Silicon Carbide (Sic)
Answer ⇒ (B)
50. किसी फलक केन्द्रित घनीय जालक में एक एकक कोष्ठिक कितने फलकों द्वारा समान रूप से सहभाजित होती है ?
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8
Answer ⇒ (C)
51. x एवं Yतत्त्वों से बना एक यौगिक एक ऐसी घनीय संरचना में क्रिस्टलीकृत होता है जिसमें x के परमाणु घन के कोनों पर और Y के परमाणु फलक केन्द्रों पर होते हैं। इस यौगिक का सूत्र है :
(A) XY3
(B) X3Y
(C) XY
(D) XY2
Answer ⇒ (A)
52. एलुमिनियम (परमाणु द्रव्य =27) का क्रिस्टलीकरण 4Å कोर की लम्बाई वाले घनीय तंत्र में होता है। इसका घनत्व 2.7g/cm3 इस एकक कोष्ठिका का प्रकार है
(A) सरल
(B) फलक केन्द्रित
(C) अंतः केन्द्रित
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
53. एक आयनिक यौगिक की एकक कोष्ठिक में घन के कोनों पर A के आयन और घन के फलकों के केन्द्रों पर B के आयन हैं। यह यौगिक का मूलानुपाती सूत्र होगा-
(A) AB
(B) A2B
(C) AB3
(D) A3B
Answer ⇒ (C)
54. सहसंयोजक ठोस में जालक बिन्दु को अध्यासित करने वाले कोण होते हैं :
(A) परमाणु
(B) आयनस
(C) अणु
(D) इलेक्ट्रॉन
Answer ⇒ (A)
55. Ge धातु को थोड़े से In (इण्डियम) से डोपित करने पर हमें प्राप्त होता है :
(A) n-प्रकार का अर्धचालक
(B) p-प्रकार का अर्धचालक
(C) विद्युत्रोधी
(D) दिष्टकारी
Answer ⇒ (B)
56. जब क्रिस्टल में ऋणायनिक रिक्तियों (valency) द्वारा इलेक्ट्रॉन फंसा लिये जाते है तो त्रिटि कहलाती है :
(A) शॉटकी दोष
(B) फ्रेंकल दोष
(C) स्टॉइकियोमीट्री
(D) ƒ-केन्द्र
Answer ⇒ (D)
57. यदि NaCI जालक में Na+ एवं c–आयनों के बीच की दूरी Xpm हो तो एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई होगी :
(A) 4/Xpm
(B) X/4pm
(C)X/2pm
(D) 2Xpm
Answer ⇒ (D)
58. Na एवं Mg का क्रिस्टलीकरण क्रमशः bcc एवं fcc प्रकार के क्रिस्टलों में होता है। उनके क्रिस्टलों में परमाणुओं की संख्या है:
(A) 4 एवं 2
(B) 9 एवं 14
(C) 14 एवं 9
(D) 2 एवं 4
Answer ⇒ (D)
59. यदि हम जर्मेनियम के क्रिस्टल जालक में पंच संयोजी अशुद्धि मिलाते हैं जो निर्मित अर्द्ध-चालक का प्रकार होगा :
(A) p–प्रकार
(B) n-प्रकार
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
60. निम्नलिखित आयनिक यौगिकों में से किसके क्रिस्टल में धनायनों और ऋणायनों के – केन्द्रों के बीच की दूरी अधिकतम होती है ?
(A) LiF
(B) CsF
(C) CsI
(D) Lil
Answer ⇒ (C)
61. क्रिस्टल में शॉटकी दोष होता है जब :
(A) क्रिस्टल जालक से असमान संख्या में ऋणायन लुप्त हो जाते हैं
(B) क्रिस्टल जालक से समान संख्या में धनायन तथा ऋणायन लुप्त हो जाते हैं
(C) कोई आयन अपना सामान्य स्थान छोड़कर अन्तराकाशी स्थान प्राप्त कर लेता है
(D) क्रिस्टल का घनत्व बढ़ जाता है
Answer ⇒ (B)
62. A और B तत्वों द्वारा निर्मित एक यौगिक घनीय संरचना में क्रिस्टलीकृत होता है जिसमें A के परमाणु घन के केन्द्र पर और B के परमाणु फलक केन्द्रों पर होते हैं। यौगिक का सूत्र है :
(A) AB3
(B) AB
(C) A3B
(D) A2B2
Answer ⇒ (A)
63. जब गलित जिंक को ठोस अवस्था तक ठण्डा किया जाता है, यह hep संरचना प्राप्त करता है। जिंक परमाणु के निकटतम पड़ोसियों की संख्या होगी :
(A) 4
(B) 6
(C) 8
(D) 12
Answer ⇒ (D)
64. पोटैशियम bce जालक में क्रिस्टलीकृत होता है। अतः क्रिस्टल संरचना में तत्व की उपसहसंयोजन संख्या है :
(A) 0
(B) 4
(C) 6
(D) 8
Answer ⇒ (D)
65. किसमें hep क्रिस्टल संरचना होती है ?
(A) NaCl
(B) CsCl
(C) Zn
(D) RbCl
Answer ⇒ (C)
66. किसी ठोस जालक में धनायन जालक स्थल छोड़ कर एक अन्तराकाशी स्थिति में स्थित है। यह जालक दोष है :
(A) अन्तराकाशी दोष
(B) रिक्ति दोष
(C) फ्रेंकेल दोष
(D) शॉट्की दोष
Answer ⇒ (C)
67. पोटैशियम का क्रिस्टलीकरण होता है :
(A) फलक केन्द्रित घनीय जालक में
(B) अंतः केन्द्रित घनीय जालक में
(C) सरल घनीय जालक में
(D) विषमलंबाक्ष जालक में
Answer ⇒ (B)
68. विभिन्न प्रकार के क्रिस्टलों में जालक व्यवस्था की कुल संख्या होती है :
(A) 7
(B) 3
(C) 10
(D) 14
Answer ⇒ (D)
69. क्रिस्टल जालक में प्रति परमाणु अष्टफलकीय रिक्तिकाओं की संख्या होती है :
(A) 1
(B) 2
(C) 4
(D) 8
Answer ⇒ (B)
70. सोडियम क्लोराइड की क्रिस्टल संरचना में CIआयन्स की व्यवस्था होती है :
(A) fcc
(B) bcc
(C) fec और bcc दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
71. जिनका यूनिट सेल परिमाण a= 0.352 nm, b = 0.352 nm,c= 0.498 nm,∝=β= 90° एवं r=120° है।
(A) क्यूबिक
(B) हेक्सागोनल
(C) आर्थोरोम्बिक
(D) रॉवोहेड्रल
Answer ⇒ (B)
72. सोडियम Na+ आयन का सहसंयोजन संख्या कितना होता है ?
(A) चार
(B) तीन
(C) छः
(D) पाँच
Answer ⇒ (C)
73. क्रिस्टल में संभावित आकाशीय जालक के कितने प्रकार हैं ?
(A) 23
(B) 7
(C) 230
(D) 14
Answer ⇒ (D)
74. फ्रेंकेल दोष किसमें होता है ?
(A) सोडियम क्लोराइड में
(B) ग्रेफाइट में
(C) सिल्वर ब्रोमाइड में
(D) हीरा में
Answer ⇒ (C)
75. रॉक साल्ट प्रकार की संरचना में प्रत्येक आयन की समन्वयन संख्या क्या होती है ?
(A) 1
(B) 3
(C) 5
(D) 6
Answer ⇒ (D)
76. क्रिस्टल एकक सेल की कौन-सी बिन्दुक त्रुटि संबन्द्ध ठोस के घनत्व को बदल देती –
(A) शॉटकी त्रुटि
(B) फ्रेंकेल त्रुटि
(C) धातु आधिक्य त्रुटि
(D) धातु निम्नतम त्रुटि
Answer ⇒ (A)
77. (Na20) में सोडियम की कोआर्डिनेशन संख्या कितनी है ?
(A) 6
(B) 4
(C) 8
(D) 2
Answer ⇒ (B)
78. निम्नलिखित में कौन अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है ?
(A) हीरा
(B) ग्रेफाइट
(C) काँच
(D) साधारण नमक
Answer ⇒ (C)
79. Mgo की संरचना NaCIकी तरह होती है।Mgका कोऑर्डिनेसनसंख्या (Coordination number) है।
(A) 2
(B) 6
(C) 4
(D) 8
Answer ⇒ (B)
80. जो धातु हेक्सागोनल क्लोज पैक्ड संरचना का रवा बनाता है, उसकी सहसंयोजन संख्या (कोऑर्डिनेशन संख्या) होगी-
(A) 12
(B) 8
(C) 4
(D) 6
Answer ⇒ (A)
81. bcc जालक (lattice) एकक कोष्ठिका में रिक्त स्थान है।
(A) 26%
(B) 48%
(C) 23%
(D) 32%
Answer ⇒ (D)
82. क्रिस्टलीय दोष के लिए निम्न कथन सही है।
(A) शॉट्की दोष से क्रिस्टलीय ठोस के घनत्व पर कोई प्रभाव नहीं होता है
(B) फ्रेंकेल दोष से क्रिस्टलीय ठोस का घनत्व घटता है
(C) फ्रेंकेल दोष एक प्रकार का dislocation defect है
(D) फ्रेंकेल दोष क्षारीय धातु के हैलाइड में पाया जाता है
Answer ⇒ (C)
83. हीरा के एक यूनिट सेल में कार्बन परमाणुओं की संख्या है-
(A) 6
(B) 1
(C) 4
(D) 8
Answer ⇒ (D)
84. किसी घनीय क्लोज पैकिंग संरचना (cubicclosepacked structure) के प्रति परमाण में अष्टफलकीय रिक्ति (octahedral voids) की संख्या है :
(A) 1
(B) 3
(C) 2
(D) 4
Answer ⇒ (A)
85. निम्नलिखित में किस तत्त्व से सिलिकॉन (Si) को मिश्रित करने (doping) से p-प्रकार का अर्द्धचालक (semiconductor) प्राप्त होता है।
(A) सेलेनियम (Se)
(B) बोरान (B)
(C) जरमेनियम (Ge)
(D) आरसेनिक (As)
Answer ⇒ (B)
86. ठोस क्षारीय धातु के हैलाइड का रंगीन दिखने का कारण है –
(A) शॉट्की दोष
(B) फ्रेंकेल दोष
(C) F-केन्द्र
(D) अन्तराकाशी स्थल
Answer ⇒ (C)
87. फलक केन्द्रित यूनिट सेल का एक यूनिट, दूसरे यूनिट सेल के कितने संख्या से बराबर-बराबर साझा करते हैं ?
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8
Answer ⇒ (C)
88. फलक केन्द्रित क्रिस्टलीय ठोस के प्रत्येक यूनिट सेल में परमाणुओं की संख्या होती –
(A) 6
(B) 8
(C) 4
(D) 5
Answer ⇒ (C)
89. क्रिस्टलीय ठोस में शॉट्की दोष पाया जाता है जब
(A) क्रिस्टलीय ठोस का घनत्व बढ़ता है
(B) धनायन तथा ऋणायन के असमान संख्या अपने स्थान से हटे रहते हैं
(C) आयन अपना सामान्य स्थान छोड़ कर अन्तराकाशी स्थल में चला जाता है –
(D) धनायन तथा ऋणायन के समान संख्या अपने स्थान से हट जाते हैं –
Answer ⇒ (D)
90. Mgo की संरचना NaCIकी तरह होती है।Mg का कोऑर्डिनेसन संख्या है।
(A) 2
(B) 6
(C) 4
(D) 8
Answer ⇒ (B)
91. सर्वाधिक क्लोज पैकिंग किस क्रिस्टलीय जालक रचना में होती है –
(A) सरल घनीय
(B) फलक केन्द्रित
(C) अन्तः केन्द्रित
(D) उपरोक्त सभी
Answer ⇒ (B)
92. फेरोमैगनेटिक है।
(A) Ni
(B) Co
(C) Cro3
(D) सभी
Answer ⇒ (D)
93. वह पदार्थ जिसका OK पर शून्य प्रतिरोध होता है –
(A) सुचालक
(B) अतिसुचालक
(C) कुचालक
(D) अर्द्धचालक
Answer ⇒ (B)
94. अंतःकेन्द्रित परमाणु की कोआर्डिनेशन संख्या होती है –
(A) 4
(B) 6
(C) 8
(D) 12
Answer ⇒ (C)
95. सर्वाधिक फेरोमैगनेटिज्म पाया जाता है –
(A) Fe
(B) Ni
(C) CO
(D) इसमें कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
96. निम्नलिखित एनीसोट्रॉपी दर्शाता है –
(A) काँच
(B) बेरियम क्लोराइड
(C) लकड़ी
(D) पेपर
Answer ⇒ (B)
97. सोडियम क्लोराइड की संरचना होती है –
(A) अन्तः केन्द्रित घनीय जालक
(B) फलक केन्द्रित घनीय जालक
(C) समतलीय वर्गाकार
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
98. Fe3O4 ठोस होता है –
(A) अनुचुम्बकीय
(B) प्रतिचुम्बकीय
(C) लौहचुम्बकीय
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
99. किस अणु का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है ?
(A) NF3
(B) BF3
(C) Clo2
(D) CH2CI2
Answer ⇒ (B)
100. LiCl, NaCl और KCI के विलयन का अनन्त तनुता पर समतुल्यांक सुचालकता का सही क्रम है-
(A) LiCl > NaCl > KCI
(B) KCI > NaCl > LiCl
(C) NaCl > KCI > LiCl
(D) LiCl > KCI > NaCl
Answer ⇒ (B)
101. bcc इकाई सेल में मुक्त खाली जगह का प्रतिशत है –
(A) 32%
(B) 34%
(C) 28%
(D) 30%
Answer ⇒ (A)
103.निम्नलिखित में कौन-से जोड़े में क्रमशः चतुष्फलकीय वॉयड और अष्टफलकीय वॉयड होता है ?
(A) bcc और fcc
(B) hep और सिम्पल क्यूबिक
(C) hcp और ccp
(D) bcc और hep
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. क्रिस्टलीय ठोस क्या हैं?
उत्तर :- वे ठोस जिनमें घटक कणों की दीर्घ परास व्यवस्था होती है, क्रिस्टलीय ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ– चाँदी, ताँबा, सोडियम क्लोराइड आदि।
प्रश्न 2. अक्रिस्टलीय ठोस को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :- एक ठोस अक्रिस्टलीय कहलाता है, जब इसके अवयवी कणों की लघु परास व्यवस्था होती है।
प्रश्न 3. आण्विक ठोस से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक सरल विविक्त अणुओं से बने होते हैं, वे आण्विक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ– आयोडीन, सल्फर, सफेद फास्फोरस आदि।
प्रश्न 4. आयनिक ठोस की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :- जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक धनायनों और ऋणायनों से बने होते हैं, वे आयनिक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ– सोडियम क्लोराइड, धातु ऑक्साइड, धातु सल्फाइड आदि।
प्रश्न 5. धात्विक ठोस को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- जो ठोस धातुओं के गुण प्रकट करते हैं, धात्विक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ– सोना, चाँदी, ताँबा आदि।
प्रश्न 6. सह-संयोजक ठोस से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :- जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक परमाणुओं से बने होते हैं, वे सह-संयोजक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ -हीरा, ग्रेफाइट, सिलिका आदि।
प्रश्न 7. सोडियम क्लोराइड का टुकड़ा सोडियम धातु से कठोर होता है। क्यों?
उत्तर :- NaCl (सोडियम क्लोराइड) में Na+ तथा Cl– के मध्य आयनिक बन्ध होता है जिसके कारण ये अपेक्षाकृत कठोर होते हैं। सोडियम धातु में धात्विक बन्ध होता है जो आयनिक बन्ध की तुलना में कमजोर होता है, इसलिए सोडियम धातु NaCl की तुलना में नर्म होता है।
प्रश्न 8. रॉक साल्ट प्रकार की संरचना में प्रत्येक आयन की उपसहसंयोजन संख्या क्या होती है?
उत्तर :- रॉक साल्ट प्रकार की संरचना में प्रत्येक आयन की उपसहसंयोजन संख्या 6 होती है।
प्रश्न 9. आयनिक क्रिस्टलों में 12 उप-सहसंयोजन संख्या क्यों नहीं पायी जाती है?
उत्तर :- घनीय रिक्तिको के निर्माण के लिए त्रिज्या अनुपात परास 0.732 से 1.0 होता है। अतः उप-सहसंयोजन संख्या 8 से अधिक नहीं हो सकती है।
प्रश्न 10. क्या किसी दिये गये तत्त्व के षट्कोणीय निविड संकुलन तथा घनीय निविड संकुलन संरचना के घनत्व समान हो सकते हैं? समझाइए।
उत्तर :- दोनों प्रकार की संरचना में घेरा गया कुल आयतन समान (74%) होता है एवं दोनों संरचनाओं में उप-सहसंयोजन संख्या 12 होती है। अतः दोनों संरचनाओं में घनत्व समान होंगे।
प्रश्न 11. एक क्रिस्टलीय ठोस में ऑक्साइड आयन घनीय निविड संकुलन संरचना में व्यवस्थित है। धनायन A समान रूप से अष्टफलकीय तथा चतुष्फलकीय रिक्तियों में वितरित है। यदि सभी अष्टफलकीय रिक्तियाँ भरी हों तब ठोस का सूत्र क्या है?
उत्तर :- ऑक्साइड आयनों की घनीय निविड संकुलन संरचना में प्रति एकक कोष्ठिका 4 ऑक्साइड आयन होने चाहिए। प्रत्येक ऑक्साइड आयन 2 चतुष्फलकीय रिक्तियों तथा एक अष्टफलकीय रिक्तियों से सम्बन्धित होता है। अत: 4 अष्टफलकीय तथा 8 चतुष्फलकीय रिक्तियाँ होनी चाहिए। चूंकि सभी अष्टफलकीय रिक्तियाँ A द्वारा घेरी जाती हैं। अत: अष्टफलेकीय रिक्तियों में 4 धनायन A होंगे तथा समान संख्या में धनायन A चतुष्फलकीय रिक्तियों में होंगे। अत: 4 ऑक्साइड आयन तथा 8 धनायन A होंगे। अतः ठोस का सूत्र A 80,या A20 होगा।
प्रश्न 12. घनीय निविड संकुलन संरचना युक्त 1 मोल यौगिक में अष्टफलकीय रिक्तियाँ कितनी होंगी?
उत्तर :- अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = संकुलन में परमाणुओं की संख्या
= 1 मोल = 6.023 × 1023
प्रश्न 13. संकुलन दक्षता (क्षमता) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :- क्रिस्टल में उपलब्ध कुल स्थान का परमाणुओं द्वारा घेरा हुआ अंश संकुलन दक्षता कहलाता है। यह प्रायः प्रतिशत में व्यक्त की जाती है।
यदि किसी क्रिस्टल संरचना की एकक कोष्ठिका में उपस्थित परमाणुओं द्वारा कोष्ठिका का घेरा हुआ, आयतन Voccu और एकक कोष्ठिका का कुल आयतन Vcell है, तो
संकुलन क्षमता = x 100
प्रश्न 14. किसी तत्त्व x की परमाणु त्रिज्या 3.6Å है। इसकी एकक कोष्ठिका में सन्निकट पड़ोसी कण की दूरी क्या होगी?
उत्तर :- d = 2r = 2 x 3.6 Å = 7.2 Å.
प्रश्न 15. फ्रेंकेल दोष AgCl क्रिस्टलों के घनत्व को परिवर्तित क्यों नहीं करता है?
उत्तर :- चूँकि फ्रेंकेल दोषयुक्त क्रिस्टल में आयनों की संख्या समान रहती है इसलिए यह दोष क्रिस्टलों के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं करता है।
प्रश्न 16. क्रिस्टलों में कौन-सा बिन्दु दोष सम्बन्धित ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता है?
उत्तर :- फ्रेंकेल दोष
प्रश्न 17. फ्रेंकेल दोष उपस्थित होने पर भी क्रिस्टल के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है, क्यों?
उत्तर :- फ्रेंकेल दोष में धनायन अपने जालक बिन्दुओं से हटकर अन्तराकाशी स्थानों में आ जाते हैं, इसलिए क्रिस्टल के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
प्रश्न 18. शॉटकी तथा फ्रेंकेल दोषों का क्रिस्टल की उदासीनता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :- शॉटकी तथा फ्रेंकेल दोष उपस्थित होने पर क्रिस्टल उदासीन (neutral) बने रहते हैं।
प्रश्न 19. CaCl2, AgCI क्रिस्टल में मिलाने पर शॉटकी दोष उत्पन्न करता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- विद्युत उदासीनता बनाए रखने के लिए 2Ag2+ आयन 1 Ca2+ द्वारा प्रतिस्थापित होंगे। अत: प्रत्येक Ca2+ आयन के प्रवेश पर जालक स्थल में एक छिद्र उत्पन्न होता है।
प्रश्न20. F- केन्द्र क्या है?
उत्तर :- वह स्थान जहाँ ऋणायन रिक्तिका में इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है, F- केन्द्र कहलाता है।
प्रश्न 21. रिक्तिका को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :- धातु परमाणुओं अथवा आयनों को जब क्रिस्टल में संकुलित किया जाता है, तब इनके मध्य उपस्थित स्थान रिक्तिका कहलाता है।
प्रश्न 22. एक लवण का नाम लिखिए जिसे AgCl में मिलाकर धनायन रिक्तियाँ उत्पन्न की जा सकती हैं।
उत्तर :- CdCl2 अथवा SrCl2
प्रश्न 23. क्षारीय धातु हैलाइडों के रंग के लिए उत्तरदायी नॉन-स्टॉइकियोमिट्री बिन्दु दोष का नाम लिखिए।
उत्तर :- धातु आधिक्य अथवा ऋणायनिक रिक्तिकाएँ अथवा F- केन्द्र।
प्रश्न 24. आप किस प्रकार NaCl संरचना को CsCl प्रकार की संरचना में एवं CsCl को NaCl प्रकार की संरचना में परिवर्तित करेंगे?
उत्तर:- CsCl प्रकार की संरचना को NaCl प्रकार की संरचना में गर्म करके तथा NaCI पर उच्च दाब आरोपित करके CSCl प्रकार की संरचना प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 25. साधारण नमक शुद्ध सफेद के स्थान पर कभी-कभी पीला दिखाई देता है? क्यों?
उत्तर :- ऐसा जालक स्थलों में ऋणायनों के स्थान पर इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण होता है। ये स्थल F- केन्द्रों की तरह कार्य करते हैं।
प्रश्न 26. जिंक ऑक्साइड सफेद होता है लेकिन गर्म करने पर यह पीला पड़ जाता है। समझाइए।
उत्तर :- जब जिंक ऑक्साइड को गर्म किया जाता है तब यह निम्न समीकरण के अनुसार ऑक्सीजन खोता है।
ZnO → Zn2+ + 1/2 O2 + 2e–
Zn2+ अन्तराकाशी रिक्तिकाओं में व्यवस्थित हो जाते हैं तथा इलेक्ट्रॉन विद्युत उदासीनता बनाए रखने के लिए पड़ोसी अन्तराकाशी रिक्तियों में व्यवस्थित हो जाते हैं। इससे धातु आधिक्य दोष उत्पन्न होता है। अन्तराकाशी रिक्तियों में इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण यह पीला होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनों द्वारा श्वेत प्रकाश के अन्य रंगों को अवशोषित कर लिया जाता है।
प्रश्न 27. अर्द्धचालकों की विद्युत चालकता पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :- ताप वृद्धि से अर्द्धचालकों की विद्युत चालकता बढ़ जाती है।
प्रश्न 28. गर्म करने पर चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर :- गर्म करने पर इलेक्ट्रॉन चक्रण अनियमित रूप से अभिविन्यसित (aligned) हो जाने के कारण
लौहचुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाते हैं।
प्रश्न 29. ठोस कठोर क्यों होते हैं?
उत्तर :- ठोस कठोर होते हैं, क्योंकि इनके अवयवी कण अत्यन्त निविड संकुलित होते हैं। इनमें कोई स्थानान्तरीय गति नहीं होती है तथा ये केवल अपनी माध्य स्थिति के चारों ओर कम्पन कर सकते हैं।
प्रश्न 30. ठोसों का आयतन निश्चित क्यों होता है?
उत्तर :- ठोस के अवयवी कणों की स्थिति नियत होती है तथा वे गति के लिए स्वतन्त्र नहीं होते हैं। इसलिए इनका आयतन निश्चित होता है।
प्रश्न 31. निम्नलिखित को अक्रिस्टलीय तथा क्रिस्टलीय ठोसों में वर्गीकृत कीजिए पॉलियूरिथेन, नैफ्थेलीन, बेन्जोइक अम्ल, टेफ्लॉन, पोटैशियम नाइट्रेट, सेलोफेन, पॉलिवाइर्निल क्लोराइड, रेशा काँच, ताँबा।
उत्तर :-
अक्रिस्टलीय ठोस – पॉलियूरिथेन, फ्लॉन, सेलोफेन, पॉलिवाइनिल, क्लोराइड, रेशा काँच।
क्रिस्टलीय ठोस – नैफ्थेलीन, बेन्जोइक अम्ल, पोटैशियम नाइट्रेट, ताँबा।
प्रश्न 32. काँच को अतिशीतित द्रव क्यों माना जाता है?
उत्तर :- क्योंकि यह ठोस होते हुए भी द्रवों के कुछ गुण प्रदर्शित करता है। द्रवों के समान इसमें प्रवाहित होने का गुण होता है। इसका यह गुण पुरानी इमारतों के काँच में देखा जा सकता है जो तली पर कुछ मोटा होता है। यह केवल तभी सम्भव है जबकि यह अत्यन्त मन्द गति से द्रवों के समान प्रवाहित हो।
प्रश्न 33. एक ठोस के अपवर्तनांक का मान सभी दिशाओं में समान प्रेक्षित होता है। इस ठोस की प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए। क्या यह विदलन गुण प्रदर्शित करेगा?
उत्तर :- चूँकि ठोस के अपवर्तनांक का मान सभी दिशाओं में समान है। अत: यह समदेशिक प्रकृति का है। अतः यह अक्रिस्टलीय ठोस है। यह स्वच्छ विदलने गुण प्रदर्शित नहीं करेगा।
प्रश्न 34. उपस्थित अन्तराआण्विक बलों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों को विभिन्न संवर्गों में वर्गीकृत कीजिए-पोटैशियम सल्फेट, टिन, बेंजीन, यूरिया, अमोनिया, जल, जिंक सल्फाइड, ग्रेफाइट, रूबिडियम, आर्गन, सिलिकन कार्बाइड।
उत्तर :- पोटैशियम सल्फेट = आयनिक, टिन = धात्विक, बेंजीन = आण्विक (अध्रुवीय), यूरिया = आण्विक (ध्रुवीय), अमोनिया = आण्विक (हाइड्रोजन आबन्धित), जल = आण्विक (हाइड्रोजन आबन्धित), जिंक सल्फाइड = आयनिक, ग्रेफाइट = सहसंयोजी, रूबिडियम = धात्विक, आर्गन = आण्विक (अध्रुवीय), सिलिकन कार्बाइड = सहसंयोजी या नेटवर्क।
प्रश्न 35. ठोस A, अत्यधिक कठोर तथा ठोस एवं गलित अवस्थाओं में विद्युतरोधी है और अत्यन्त उच्च दाब पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है?
उत्तर :- सहसंयोजी अथवा नेटवर्क ठोस, जैसे- SiC
प्रश्न 36. आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत चालक होते हैं, परन्तु ठोस अवस्था में नहीं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- गलित अवस्था में आयनिक यौगिक वियोजित होकर मुक्त आयन देते हैं तथा विद्युत चालन करते हैं। ठोस अवस्था में आयन गति करने के लिए मुक्त नहीं होते हैं। अत: ये ठोस अवस्था में विद्युत चालन नहीं करते हैं।
प्रश्न 37. किस प्रकार के ठोस विद्युत चालक, आघातवर्थ्य और तन्य होते हैं?
उत्तर :- धात्विक ठोस
प्रश्न 38. ‘जालक बिन्द’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :- प्रत्येक जालक बिन्दु ठोस के एक अवयवी कण को प्रदर्शित करता है। अवयवी कण परमाणु, अणु या आयन हो सकते हैं। किसी विशेष क्रिस्टलीय ठोस की आकृति के लिए जालक बिन्दु उत्तरदायी होते हैं।
प्रश्न 39. एकक कोष्ठिका को अभिलक्षणित करने वाले पैरामीटरों के नाम बताइए।
उत्तर :-
1. एकक कोष्ठिका की कोर की विमाएँ (a, b,c) – परस्पर लम्बवत् हो सकती हैं अथवा नहीं।
2. कोरों के मध्य के कोण (a,B तथा γ)
प्रश्न 40. निम्नलिखित में विभेद कीजिए –
1.षट्कोणीय और एकनताक्ष एकक कोष्ठिका
2. फलक केन्द्रित तथा अंत्य-केन्द्रित एकक कोष्ठिका
उत्तर :-
1. षट्कोणीय एकक कोष्ठिका में,
a = b ≠ c; α = β = 90° तथा γ = 120°
एकनताक्ष एकक कोष्ठिका में
a ≠ b ≠ c तथा α = γ = 90° तथा β = 90°
2. fcc में अवयवी कण सभी 8 कोनों एवं सभी 6 फलकों के केन्द्रों पर व्यवस्थित होते हैं। अंत्य- केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी कण सभी 8 कोनों तथा दो विपरीत फलकों के केन्द्रों पर स्थित होते हैं।
प्रश्न 41. स्पष्ट कीजिए कि एक घनीय एकक कोष्ठिका के
1.कोने और
2. अन्तःकेन्द्र पर उपस्थित परमाणु का कितना भाग सन्निकट कोष्ठिका से सहभाजित होता है?
उत्तर
1.कोने पर उपस्थित परमाणु 8 एकक कोष्ठिकाओं से सहभाजित होता है। अतः एक एकक कोष्ठिका के लिए इसका योगदान 1/8 होता है।
2. अन्त:केन्द्र पर उपस्थित परमाणु किसी भी अन्य एकक कोष्ठिका द्वारा सहभाजित नहीं होता है।
प्रश्न 42. एक अणु की वर्ग निविड संकुलित परत में द्विविमीय उप-सहसंयोजन संख्या क्या होगी?
उत्तर :- द्विविमीय निविड संकुलित परत में परमाणु 4 सन्निकट परमाणुओं को स्पर्श करता है अत: इसकी उप-सहसंयोजन संख्या 4 होगी।
प्रश्न 43. एक यौगिक षट्कोणीय निविड़ संकुलित संरचना बनाता है। इसके 0.5 मोल में रिक्तियों की संख्या कितनी होगी? उनमें से कितनी रिक्तियाँ चतुष्फलकीय हैं?
हल :- यौगिक के 0.5 मोल में परमाणुओं की संख्या = 0.5 x 6.022 x 1023
= 3.011 x 1023
अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = संकुलन में परमाणुओं की संख्या
= 3.011 x 1023
चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या = 2 x संकुलन में परमाणुओं की संख्या
= 2 x 3.011 x 1023 = 6.022 x 1023
∴ रिक्तियों की कुल संख्या = (3.011 + 6.022) x 1023
= 9.033 x 1023
प्रश्न 44. एक यौगिक दो तत्त्वों M तथा N से बना है। तत्त्व N, ccp संरचना बनाता है और M के परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों के 1/3 भाग को अध्यासित करते हैं। यौगिक का सूत्र क्या है।
हल :- माना ccp में N परमाणु = n
∴ चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या = 2n
चूँकि M परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों का 1/3 भाग घेरते हैं।
अतः M परमाणुओं की संख्या =
M : N = : n = 2 : 3
अत: सूत्र M2N2 होगा।
प्रश्न 45. निम्नलिखित में से किस जालक में उच्चतम संकुलन क्षमता है?
1.सरल घनीय,
2. अन्तः केन्द्रित घन और
3. षट्कोणीय निविड संकुलित जालक
उत्तर :-
संकुलन क्षमताएँ निम्न हैं –
1.सरल घनीय = 52.4%,
2. अन्तः केन्द्रित घनीय = 68%,
3. षट्कोणीय निविड संकुलित = 74%
अतः षट्कोणीय निविड संकुलित व्यवस्था में अधिकतम संकुलन क्षमता होती है।
प्रश्न 46. एक तत्त्व का मोलर द्रव्यमान 2.7 x 10-2 kg mol-1 है। यह 405 pm लम्बाई की भुजा वाली घनीय एकक कोष्ठिका बनाता है। यदि उसका घनत्व 2.7 x 103 kg m-3 हो तो घनीय एकक कोष्ठिका की प्रकृति क्या होगी?
हल :- चूँकि प्रति एकक कोष्ठिका में तत्त्व के चार परमाणु हैं, अत: घनीय एकक कोष्ठिका फलक-केन्द्रित (fcc) या घनीय निविड संकुलित होगी।
प्रश्न 47. जब एक ठोस को गर्म किया जाता है तो किस प्रकार का दोष उत्पन्न हो सकता है? इससे कौन-से भौतिक गुण प्रभावित होते हैं और किस प्रकार?
उत्तर :- रिक्तिका दोष; गर्म करने पर ठोस के कुछ परमाणु अथवा आयन जालक स्थल को पूर्णतः छोड़ देते। हैं। परमाणुओं अथवा आयनों के क्रिस्टल को पूर्णतः छोड़ने के कारण पदार्थ का घनत्व कम हो जाता है।
प्रश्न 48. निम्नलिखित किस प्रकार का स्टॉइकियोमीट्री दोष दर्शाते हैं?
1.ZnS
2. AgBr
उत्तर :-
1. फ्रेंकेल दोष
2. फ्रेंकेल तथा शॉटकी दोष दोनों।
प्रश्न 49. समझाइए कि एक उच्च संयोजी धनायन को अशुद्धि की तरह मिलाने पर आयनिक ठोस में रिक्तिकाएँ किस प्रकार प्रविष्ट होती हैं?
उत्तर :- विद्युत उदासीनता बनाए रखने के लिए उच्च संयोजकता वाले धनायन द्वारा निम्न संयोजकता वाले दो या अधिक धनायन प्रतिस्थापित होते हैं। अत: कुछ धनायन रिक्तियाँ जनित होती हैं, जैसे- यदि आयनिक ठोस Na+ cl– में Sr2+ की अशुद्धि मिलाई जाती है तब दो Na+ जालक बिन्दु रिक्त हो जाते हैं तथा इनमें से एक Sr2+ आयन द्वारा घिर जाती है तथा अन्य रिक्त रहती हैं।
प्रश्न 50. जिन आयनिक ठोसों में धातु आधिक्य दोष के कारण ऋणायनिक रिक्तिका होती हैं, वे रंगीन होते हैं। उपयुक्त उदाहरण की सहायता से समझाइए।
उत्तर :- इसको सोडियम क्लोराइड (Na+ cl–) का उदाहरण लेकर समझा सकते हैं। जब इसके क्रिस्टलों को सोडियम वाष्प की उपस्थिति में गर्म करते हैं तब कुछ Cl– आयन अपने जालक स्थलों को छोड़कर सोडियम से संयुक्त होकर NaCl बना लेते हैं। इस अभिक्रिया के होने के लिए सोडियम परमाणु इलेक्ट्रॉन खोकर Na+ आयन बनाते हैं। ये इलेक्ट्रॉन क्रिस्टल में विसरित होकर Cl– आयनों द्वारा जनित ऋणायनिक रिक्तिकाओं को घेर लेते हैं। क्रिस्टल में अब सोडियम का आधिक्य होता है। अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों द्वारा घेरे गए स्थल F- केन्द्र कहलाते हैं। ये क्रिस्टल को पीला रंग प्रदान करते हैं, क्योंकि वे दृश्य प्रकाश की ऊर्जा का अवशोषण करके उत्तेजित हो जाते हैं।
प्रश्न 51. वर्ग 14 के तत्त्व को n- प्रकार के अर्द्धचालक में उपयुक्त अशुद्धि द्वारा अपमिश्रित करके रूपान्तरित करना है। यह अशुद्धि किस वर्ग से सम्बन्धित होनी चाहिए?
उत्तर :- अशुद्धि वर्ग 15 से सम्बन्धित होनी चाहिए।
प्रश्न 52. किस प्रकार के पदार्थों से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाए जा सकते हैं-
लौहचुम्बकीय अथवा फेरीचुम्बकीय? अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
उत्तर :- लौहचुम्बकीय पदार्थ श्रेष्ठ स्थायी चुम्बक बनाते हैं क्योंकि इनमें धातु आयन छोटे क्षेत्रों में व्यवस्थित होते हैं, जिन्हें डोमेन कहते हैं। प्रत्येक डोमेन सूक्ष्म चुम्बक के रूप में कार्य करता है। ये डोमेन अनियमित रूप में व्यवस्थित होते हैं। जब इन पर चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है तब वे चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित हो जाते हैं तथा प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र बनाते हैं। बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र के हटा लेने पर भी डोमेन व्यवस्थित रहते हैं। इस प्रकार लौहचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 53. निम्नलिखित के लिए धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए।
1.सरल घनीय,
2. अन्त:केन्द्रित घनीय,
3. फलक-केन्द्रित घनीय।
(यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं।)
उत्तर :-
1. सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता
सरल घनीय जालक में परमाणु केवल घन के कोनों पर उपस्थित होते हैं। घन के किनारों (कोरों) पर कण एक-दूसरे के सम्पर्क में होते हैं (चित्र-6)। इसलिए घन के कोर अथवा भुजा की लम्बाई ‘a’ और प्रत्येक कण का अर्द्धव्यास r निम्नलिखित प्रकार से सम्बन्धित होता है –
a = 2r
घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3
चूँकि सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल 1 परमाणु होता है।
अतः अध्यासित दिक्स्थान का आयतन = 4/3 πr3
∴ संकुलन क्षमता
2. अन्तः केन्द्रित घनीय जालक में संकुलन क्षमता
संलग्न चित्र से यह स्पष्ट है कि केन्द्र पर स्थित परमाणु विकर्ण पर व्यवस्थित अन्य दो परमाणुओं के सम्पर्क में है।
Δ EFD में,
b2 = a2 + a2 = 2a2
b = √2a
अब Δ AFD में,
c2 = a2 + b2 = a2 + 2a2 = 3a2
c= √3a
काय विकर्ण 4r की लम्बाई 47 के बराबर है, जहाँ r गोले (परमाणु) का अर्द्धव्यास है क्योंकि विकर्ण पर उपस्थित तीनों गोले एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं। अतः
√3a = 4r
a = r
अतः यह भी लिख सकते हैं कि r = a
इस प्रकार की संरचना में परमाणुओं की कुल संख्या 2 है तथा उनका आयतन 2 x (4/3) πr3 है।
3. फलक-केन्द्रित घनीय जालक में संकुलन क्षमता
संलग्न चित्र से, Δ ABC में,
AC2 = b2 = BC2 + AB2
= a2 + a2 = 2a2
या b = √2a
यदि गोले का अर्द्धव्यास r हो तो
b= 4r = √2a
या a = = 2√2r
या r =
इस प्रकार की संरचना में परमाणुओं की कुल संख्या चार होती है तथा उनका आयतन 4 x πr3 है।
प्रश्न 54. यदि अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या हो तथा निविड संकुलन में परमाणुओं की त्रिज्या हो तो r एवं R में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
हल :- अष्टफलकीय रिक्ति में स्थित गोला चित्र 9 में छायांकित वृत्त द्वारा प्रदर्शित है। रिक्ति के ऊपर तथा नीचे उपस्थित गोले चित्र-9 में प्रदर्शित नहीं हैं। अब चूंकि ABC एक समकोण त्रिभुज है, अत: पाइथागोरस सिद्धान्त लागू करने पर,
AC2 = AB2 + BC2
(2R)2 = (R + r)2 + (R + r)2
= 2(R + r)2
4R2 = 2(R + r)2
(√2R)2 = (R + r)2
√2R = R + r
r = √2R – R
r = (√2 – 1)R
r = (1.414 – 1)R
r = 0.414 R
प्रश्न 55. फेरिक ऑक्साइड में ऑक्साइड आयन के षट्कोणीय निविड़ संकुलन में क्रिस्टलीकृत होता है जिसकी तीन अष्टफलकीय रिक्तियों में से दो पर फेरिक आयन उपस्थित होते हैं। फेरिक ऑक्साइड का सूत्र ज्ञात कीजिए।
हल :- माना निविड संकुलित संरचना में ऑक्साइड (O2-) आयनों की संख्या = x
∴ अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = x
∴ इन रिक्तियों का 2/3 भाग फेरिक आयनों (Fe3+) द्वारा भरा है।
अत: उपस्थित Fe3+ आयनों की संख्या 2/3 × x = 2x/3
Fe3+ : O2- = 2x/3 : x = 2 : 3
अतः फेरिक ऑक्साइड का सूत्र Fe2O3 होगा।
प्रश्न 56. बैण्ड सिद्धान्त के आधार पर
1.चालक एवं रोधी
2. चालक एवं अर्द्धचालक में क्या अन्तर होता है?
उत्तर :-
1.चालक एवं रोधी में अन्तर – अचालक अथवा रोधी में संयोजक बैण्ड तथा चालक बैण्ड के मध्य ऊर्जा-अन्तर बहुत अधिक होता है, जबकि चालक में ऊर्जा-अन्तर अत्यन्त कम होता है या संयोजक बैण्ड तथा चालक बैण्ड के बीच अतिव्यापन होता है।
2. चालक एवं अर्द्धचालक में अन्तर – चालक में संयोजक बैण्ड तथा चालक बैण्ड के बीच ऊर्जा-अन्तर अत्यन्त कम होता है। अथवा अतिव्यापन होता है, जबकि अर्द्धचालकों में ऊर्जा अन्तर सदैव कम ही होता है, कभी भी अतिव्यापन नहीं होता।
प्रश्न 57. उचित उदाहरणों द्वारा निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए
1.शॉट्की दोष
2. फ्रेंकेल दोष
3. अन्तराकाशी
4. F-केन्द्र
उत्तर :-
1. शॉट्की दोष (Schottky defect) – यह आधारभूत रूप से आयनिक ठोसों का रिक्तिका दोष है। जब एक परमाणु अथवा आयन अपनी सामान्य (वास्तविक) स्थिति से लुप्त हो जाता है तो एक जालक रिक्तता निर्मित हो जाती है; इसे शॉकी दोष कहते हैं। विद्युत उदासीनता को बनाए रखने के लिए लुप्त होने वाले धनायनों और ऋणायनों की संख्या बराबर होती है। शॉट्की दोष उन आयनिक पदार्थों द्वारा दिखाया जाता है जिनमें धनायन और ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं। उदाहरण के लिए– NaCl, KCl, CsCl और AgBr शॉट्की दोष दिखाते हैं।
2. फ्रेंकेल दोष (Frenkel defect) – यह दोष आयनिक ठोसों द्वारा दिखाया जाता है। लघुतर आयन (साधारणतया धनायन) अपने वास्तविक स्थान से विस्थापित होकर अन्तराकाश में चला जाता है। यह वास्तविक स्थान पर रिक्तिका दोष और नए स्थान पर अन्तराकाशी दोष उत्पन्न करता है। फ्रेंकेल दोष को विस्थापन दोष भी कहते हैं। यह ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता। फ्रेंकेल दोष उन आयनिक पदार्थ द्वारा दिखाया जाता है जिनमें आयनों के आकार में अधिक अन्तर होता है। उदाहरण के लिए– ZnS, AgCl, AgBr और AgI में यह दोष Zn2+ और Ag+ आयन के लघु आकार के कारण होता है।
3. अन्तराकाशी दोष (Interstitial defect) – जब कुछ अवयवी कण (परमाणु अथवा अणु) अन्तराकोशी स्थल पर पाए जाते हैं तब उत्पन्न दोष अन्तराकाशी दोष कहलाता है। यह दोष पदार्थ के घनत्व को बढ़ाता है। अन्तराकाशी दोष अनआयनिक ठोसों में पाया जाता है। आयनिक ठोसों में सदैव विद्युत उदासीनता बनी रहनी चाहिए। इससे इनमें यह दोष दिखाई नहीं देता है।
4. F-केन्द्र (F-centre) – जब क्षारकीय हैलाइड; जैसे- NaCl को क्षार धातु (जैसे- सोडियम) की वाष्प के वातावरण में गर्म किया जाता है तो सोडियम परमाणु क्रिस्टल की सतह पर जम जाते हैं। Cl– आयन क्रिस्टल की सतह में विसरित हो जाते हैं और Na+ आयनों के साथ जुड़कर NaCl देते हैं। Na+ आयन बनाने के लिए Na परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन निकल जाता है। निर्मुक्त इलेक्ट्रॉन विसरित होकर क्रिस्टल के ऋणायनिक स्थान को अध्यासित करते हैं, परिणामस्वरूप अब क्रिस्टल में सोडियम का आधिक्य होता है। अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों द्वारा भरी जाने वाली इन ऋणायनिक रिक्तिकाओं को F-केन्द्र कहते हैं। ये NaCl क्रिस्टलों को पीला रंग प्रदान करते हैं। यह रंग इन इलेक्ट्रॉनों द्वारा क्रिस्टल पर पड़ने वाले प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित करके उत्तेजित होने के परिणामस्वरूप दिखता है।
प्रश्न 58. निम्नलिखित को उचित उदाहरणों से समझाइए –
1.लौहचुम्बकत्व
2. अनुचुम्बकत्व
3. फेरीचुम्बकत्व
4. प्रतिलौहचुम्बकत्व
5. 12 – 16 और 13 – 15 वर्गों के यौगिक
उत्तर :-
1. लौहचुम्बकत्व (Ferromagnetism) – कुछ पदार्थ; जैसे-लोहा, कोबाल्ट, निकिल, गैडोलिनियम और CrO2 बहुत प्रबलता से चुम्बकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसे पदार्थों को लौहचुम्बकीय पदार्थ कहा जाता है। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थायी रूप से चुम्बकित किए जा सकते हैं। ठोस अवस्था में लौहचुम्बकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे खण्डों में एकसाथ समूहित हो जाते हैं, इन्हें डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। लौहचुम्बकीय पदार्थ के अचुम्बकीय टुकड़े में डोमेन अनियमित रूप से अभिविन्यसित होते हैं और उनकी चुम्बकीय आघूर्ण निरस्त हो जाता है। पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यसित हो जाते हैं (चित्र-12 (a)] और प्रबल चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न होती है। चुम्बकीय क्षेत्र को हटा लेने पर भी डोमेनों का क्रम बना रहता है और लौहचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बन जाते हैं। चुम्बकीय पदार्थों की यह प्रवृत्ति लौहचुम्बकत्व कहलाती है।
2. अनुचुम्बकत्व (Paramagnetism) – वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा आकर्षित होते हैं, अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। इन पदार्थों की यह प्रवृत्ति अनुचुम्बकत्व कहलाती है। अनुचुम्बकीय पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र की ओर दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं। ये चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में ही चुम्बकित हो जाते हैं तथा चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में अपना चुम्बकत्व खो देते हैं। अनुचुम्बकत्व का कारण एक अथवा अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति है, जो कि चुम्बकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। O2, Cu2+, Fe3+, Cr3+ ऐसे पदार्थों के कुछ उदाहरण हैं।
3. फेरीचुम्बकत्व (Ferrimagnetism) – जब पदार्थ में डोमेनों के चुम्बकीय आघूर्णो का संरेखण समान्तर एवं प्रतिसमान्तर दिशाओं में असमान होता है, तब पदार्थ में फेरीचुम्बकत्व देखा जाता है। [चित्र-12 (c)]। ये लोहचुम्बकत्व की तुलना में चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं। Fe3O4 (मैग्नेटाइट) और फेराइट जैसे MgFe2O4, ZnFe2O4, ऐसे पदार्थों के उदाहरण हैं। ये पदार्थ गर्म करने पर फेरीचुम्बकत्व खो देते हैं और अनुचुम्बकीय बन जाते हैं।
4. प्रतिलौहचुम्बकत्व (Antiferromagnetism) – प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुम्बकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक-दूसरे के विपरीत अभिविन्यसित होते हैं तथा एक-दूसरे के चुम्बकीय आघूर्ण को निरस्त कर देते हैं [चित्र-12 (b)]। जब चुम्बकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुम्बकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुम्बकत्व प्रतिलौहचुम्बकत्व कहलाता है।
5. 12 – 16 और 13 -15 वर्गों के यौगिक (Compounds of group 12-16 and 13-15) – वर्ग 12 के तत्वों और वर्ग 16 के तत्वों से बने यौगिक 12 – 16 वर्गों के यौगिक कहलाते हैं; जैसे- ZnS, HgTe आदि।
वर्ग 13 के तत्वों और वर्ग 15 के तत्वों से बने यौगिक 13 – 15 वर्गों के यौगिक कहलाते हैं; जैसे- GaAs, AlP आदि।