वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. भूषण ने कौन-सी कविता लिखी है ?
[ A ] छप्पय
[ B ] पद
[ C ] कवित्त
[ D ] कड़बड़
Answer ⇒ (C)
2. ‘कवित्त’ शीर्षक कविता के कवि कौन है ?
[ A ] कबीर
[ B ] भूषण
[ C ] तुलसीदास
[ D ] सूरदास
Answer ⇒ (B)
3. भूषण रीति-काल की किस धारा के कवि है ?
[ A ] निर्गुण धारा के
[ B ] रीतियुक्त धारा के
[ C ] सगुण धारा के
[ D ] रीति-युक्त धारा के
Answer ⇒ (D)
4. कवित्त के प्रथम पद में कौन-सा रस है ?
[ A ] वीर-रस
[ B ] शृंगार रस
[ C ] करूण रस
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
5. कवित्त के द्वितीय पद में किस रस की अभिव्यंजना हुई है ?
[ A ] करूण रस
[ B ] शृंगार रस
[ C ] वीर एस
[ D ] वीभत्स रस
Answer ⇒ (A)
6. भूषण ने मुख्यतः किस भाषा में रचना की ?
[ A ] खड़ी बोली
[ B ] ब्रजभाषा
[ C ] अवधी
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
7. छत्रसाल की तलवार ने कौन-सा रूप धारण कर रखा है ?
[ A ] रौद्र रूप
[ B ] भयंकर रूप
[ C ] मधुर रूप
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
8. छत्रसाल की तलवार काली देवी को क्या प्रदान करती है ?
[ A ] प्रसाद
[ B ] भोजन
[ C ] गहने
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
9. ‘लागति लपकि कंठ-बैरिन के नागिन सी’ में कौन-सा अलंकार है ?
[ A ] श्लेष
[ B ] रूपक
[ C ] अनुप्रास
[ D ] उपमा
Answer ⇒ (C)
10. निम्नलिखित में कौन-सी रचना भूषण की है ?
[ A ] साकेत
[ B ] कामायनी
[ C ] भक्तमाल
[ D ] शिवराज भूषण
Answer ⇒ (D)
11. भूषण ने समुद्राग्नि से किसकी तुलना की है ?
[ A ] छत्रसाल की
[ B ] शिवाजी की
[ C ] राम की
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
12. भूषण के प्रथम दंड में कौन-सा रस है ?
[ A ] शृंगार रस
[ B ] भक्ति रस
[ C ] वीर रस
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
13. भूषण के द्वितीय छंद में किस रस की अभिव्यंजना हुई है ?
[ A ] वीर रस
[ B ] रौद्र रस
[ C ] भक्ति रस
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
14. “प्रलै-भानु, तम तोम’ में कौन अलंकार है ?
[ A ] रूपक
[ B ] अनुप्रास
[ C ] यमक
[ D ] उपमा
Answer ⇒ (A)
15. कौन सी कृति भूषण की है ?
[ A ] अष्टयाम
[ B ] शिवा बापनी
[ C ] साहित्यलहरी
[ D ] चित्ररेखा
Answer ⇒ (B)
16. “कवि भूषण’ की उपाधि दी थी –
[ A ] चित्रकुट के सोलंकी राजा रूद्रसाह ने
[ B ] भामासाह ने
[ C ] टोडरमल ने
[ D ] अकबर ने
Answer ⇒ (A)
17. भूषण ने किस रस को प्रमुखता दी ?
[ A ] श्रृंगाररस
[ B ] करुणरस
[ C ] रौद्ररस
[ D ] वीररस
Answer ⇒ (B)
18. ‘शिवराज भूषण में कितने अलंकारों का निरूपण हुआ है ?
[ A ] 110
[ B ] 112
[ C ] 108
[ D ] 105
Answer ⇒ (D)
19. भूषण की कृति नहीं है –
[ A ] भूषण हजारा
[ B ] भूषण उल्लास
[ C ] दुषण उल्लास
[ D ] हर्षोल्लास
Answer ⇒ (D)
20. भूषण के प्रिय नायक है –
[ A ] छत्रपति शिवाजी और छत्रसाल
[ B ] राणा प्रताप और राणा साँगा
[ C ] अकबर और मान सिंह
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
21. शिवाजी के पुत्र का नाम था –
[ A ] रुद्रप्रताप
[ B ] शाहूजी
[ C ] भानुप्रताप
[ D ] यजसेन
Answer ⇒ (B)
22. ‘शिवा बावनी’ में कितने मुक्तक हैं ?
[ A ] पचपन
[ B ] एक सौ बावन
[ C ] बावन
[ D ] दो सौ बावन
Answer ⇒ (C)
23. ‘छत्रसाल दशक’ में छंद हैं –
[ A ] एक सौ दस
[ B ] दो सौ दस
[ C ] तीन सौ दस
[ D ] दस
Answer ⇒ (D)
24. भूषण के पिता का नाम था –
[ A ] रत्नाकार त्रिपाठी
[ B ] नंदन त्रिपाठी
[ C ] भृगुनंदन त्रिपाठी
[ D ] शत्रुघ्न त्रिपाठी
Answer ⇒ (A)
25. ‘शिवराजभूषण’ किसकी कृति है ?
[ A ] मतिराम की
[ B ] भूषण की
[ C ] पद्याकार की
[ D ] बिहारी की
Answer ⇒ (B)
26. भूषण किस काल के कवि थे ?
[ A ] भक्तिकाल के
[ B ] आधुनिक काल के
[ C ] रीतिकाल के
[ D ] वीरगाथा काल के
Answer ⇒ (C)
27. ‘शिवाबावनी’ में कितने मुक्तक है ?
[ A ] पचास
[ B ] वावन
[ C ] छप्पन
[ D ] साठ
Answer ⇒ (B)
28. चिंतामणि त्रिपाठी भूषण के कौन थे ?
[ A ] भाई
[ B ] चाचा
[ C ] भतीजा
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
29. ‘शिवाचावनी’ में किसकी वीरता का बखान है ?
[ A ] शिवाजी की
[ B ] भूषण की
[ C ] महाराणा प्रताप की
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
30. ‘छत्रसाल दशक’ किसकी कृति है ?
[ A ] द्विजदेव की
[ B ] जयदेव की
[ C ] भूषण की
[ D ] मतिराम की
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. शिवाजी की तुलना भूषण ने किन-किन-से की है ?
उत्तर ⇒ शिवाजी की तुलना भूषण ने इन्द्र, राम, परशुराम, चीता, सिंह (मृगराज) कृष्ण, आदि से की है।
2. भूषण रीतिकाल की किस धारा के कवि हैं ? वे अन्य रीतिकालीन कवियों से कैसे विशिष्ट हैं ?
उत्तर ⇒ भूषण रीतिकाल के रीतिमुक्त धारा के कवि हैं। भूषण रीतिकालीन कवियों से अलग या विशिष्ट इस संदर्भ में हैं कि उन्होंने रीतिकालीन कविता जो शृंगारिक होती थी उससे अलग हटकर वीर काव्यों की रचना की।
3. शिवाजी की तुलना भूषण ने मृगराज से क्यों की है ?
उत्तर ⇒ लना कवि ने इन्द्र, समुद्र की आग, श्रीरामचन्द्रजी, पवन, शिव, परशुराम, जंगल की आग, शेर (चीता), सूर्य के प्रखर प्रकाश और कृष्ण से की है। छत्रपति शिवाजी के व्यक्तित्व में उपरोक्त सभी देवताओं के गुण विराजमान थे। जैसे-उपरोक्त सभी अंधकार, अराजकता, दंभ, अत्याचार को दूर करने में सफल हैं, ठीक उसी प्रकार मगराज अर्थात शेर के रूप में महाराज शिवाजी मलेच्छ वंश के औरंगजेब से लोहा ले रहे हैं। वे अत्याचार और शोषण-दमन के विरुद्ध लोकहित के लिए संघर्ष कर रहे हैं। छत्रपति का व्यक्तित्व एक प्रखर राष्ट्रवीर, राष्ट्रचिंतक, सच्चे कर्मवीर के रूप में हमारे सामने दृष्टिगत होता है। जिस प्रकार इन्द्र द्वारा यम का, वाड़वाग्नि द्वारा जल का, और घमंडी रावण का दमन श्रीराम करते हैं ठीक उसी प्रकार शिवाजी का व्यक्तित्व है। महावीर शिवाजी, भूषण कवि के राष्ट्रनायक हैं। इनके व्यक्तित्व के सभी पक्षों को कवि ने अपनी कविताओं में उद्घाटित किया है। छत्रपति शिवाजी को उनकी धीरता, वीरता और न्यायोचित सद्गुणों के कारण ही मृगराज के रूप में चित्रित किया है।
4. छत्रसाल की तलवार कैसी है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता में महाराजा छत्रसाल की तलवार की भयंकरता का चित्रण हुआ है। उनकी तलवार सूर्य की किरणों के समान प्रखर और प्रचण्ड है। उनकी तलवार की भयंकरता से शत्रु दल थर्रा उठता है।
उनकी तलवार युद्धभूमि में प्रलयंकारी सूर्य की किरणों की तरह म्यान से निकलती है। वह विशाल हाथियों के झूड को क्षणभर में काट-काटकर समाप्त कर देती है। हाथियों का झुण्ड गहन अंधकार की तरह प्रतीत होता है। जिस प्रकार सूर्य किरणों के समक्ष अंधकार का साम्राज्य समाप्त हो जाता है की ठीक उसी प्रकार तलवार की तेज के आगे अंधकार रूपी हाथियों का समूह भी मृत्यु को प्राप्त करता है।
छत्रसाल की तलवार ऐसी नागिन की तरह है जो शत्रुओं के गले में लिपट जाती है और मुण्डों की भीड़ लगा देती है, लगता है कि रूद्रदेव को रिझाने के लिए ऐसा कर रही है।
महाकवि भूषण छत्रसाल की वीरता धीरता से मुग्ध होकर कहते हैं कि हे बलिष्ठ और विशाल भुजा वाले महाराज छत्रसाल ! मैं आपकी तलवार का गुणगान कहाँ तक करूँ ? आपकी तलवार शत्रु-योद्धाओं के कटक जाल को काट-काटकर रणचण्डी की तरह किलकारी भरती हुई काल को भोजन कराती है।
5. आपके अनुसार दोनों छंदों में अधिक प्रभावी कौन है और क्यों ?
उत्तर ⇒ पाठ्य-पुस्तक के दोनों कवित्त छंदों में अधिक प्रभावकारी प्रथम छंद है। इसमें महाकवि भूषण ने राष्ट्रनायक छत्रपति शिवाजी के वीरोचित गुणों का गुणगान किया है। कवि ने अपने कवित्त में छत्रपति शिवाजी के व्यक्तित्व के गुणों की तुलना अनेक लोगों से करते हुए लोकमानस में उन्हें महिमा-मंडित करने का काम किया है।
कवि ने कथन को प्रभावकारी बनाने के लिए अनुप्रास और उपमा अलंकारों का प्रयोग कर अपनी कुशलता का परिचय दिया है। वीर रस में रचित इस कवित्त में अनेक प्रसंगों की तुलना करते हुए शिवाजी के जीवन से तालमेल बैठाते हुए एक सच्चे राष्ट्रवीर के गुणों का बखान किया है। इन्द्र, राम, कृष्ण, परशुराम, शेर, कृष्ण, पवन आदि के गुण कर्म और गुण धर्म से शिवाजी के व्यक्तित्व की तुलना की गयी है। वीर शिवाजी शेरों के शेर हैं, जिन्होंने अपने अभियान में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भाषा में ओजस्विता, शब्द प्रयोग में सूक्ष्मता, कथन के प्रस्तुतीकरण की दक्षता भूषण के कवि गुण हैं। अनेक भाषाओं के ठेठ और तत्सम, तद्भव शब्दों का भी उन्होंने प्रयोग किया है।