जीवो में जनन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1.आम के फल में खाने वाला भाग है –

(A) बाह्य फल भित्ति
(B) मध्य फल भित्ति
(C) अन्तः फल भित्ति
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

2. समसूत्री विभाजन होता है ।

(A) कायिक कोशिका में
(B) जनन कोशिका में
(C) (A) एवं (B) दोनों में
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

3. बिना निषेचन के फल बनाने की प्रक्रिया को कहते हैं

(A) पौलिकार्पिक
(B) पार्थेनोकार्पिक
(C) पोमोकार्पिक
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

4. इनमें से किसमें आंतरिक निषेचन नहीं होता है

(A) पक्षी
(B) मेढ़क
(C) स्तनपायी
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

5. द्विखण्डन एक प्रकार का

(A) कायिक प्रवर्द्धन है
(B) अलैंगिक जनन है
(C) लैंगिक जनन है
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

6. इनमें से कौन अण्डज है

(A) एकिडना
(B) कँगारू
(C) गाय
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

7. इनमें से पूरे जीवन में एक ही बार पुष्पित होते हैं

(A) बांस
(B) आम
(C) ताड़
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

8. निम्नांकित में कौन द्विगुणित है ?

(A) पराग
(B) अंड
(C) (A) तथा (B)
(D) युग्मनज

Answer ⇒ (D)

9. किस फल का बीजचोल खाया जाता है ?

(A) शरीफा
(B) लीची
(C) जायफल
(D) इनमें से सभी को

Answer ⇒ (D)

10. समयुग्मकी पायी जाती है :

(A) शैवाल
(B) आवृत्तबीजी
(C) अनावृत्तजीवी
(D) इनमें से सभी

Answer ⇒ (A)

11. अंड-प्रजक निम्नांकित में कौन है ?

(A) सर्प
(B) मगरमच्छ
(C) मुर्गी
(D) इनमें से सभी

Answer ⇒ (D)

12. निम्नांकित में से कौन सत्य फल है?

(A) सेब
(B) नाशपाती
(C) काजूला
(D) नारियल

Answer ⇒ (D)

13. ‘मुकुलन’ द्वारा जनन किसमें होता है ?

(A) पेनिसिलियम
(B) पारामिशियम
(C) यीस्ट
(D) इनमें से सभी में

Answer ⇒ (C)

14.निम्नांकित में कौन मिथ्या फल है :

(A) सेब
(B) आम
(C) केला
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

15. इनमें द्विखण्डन किसमें पाया जाता है :

(A) जलकुम्भी
(B) कमल
(C) अमीबा
(D) सर्प

Answer ⇒ (C)

16. जेम्यूल्स बनते हैं

(A) हाइड्रा में
(B) स्पंज में
(C) ईस्ट में
(D) इनमें से सभी में

Answer ⇒ (B)

17. लीची का खाया जाने वाला भाग कहलाता है ?

(A) टेग्मेन
(B) भ्रूणपोष
(C) अध्यावरण
(D) बीज चोल

Answer ⇒ (D)

18. बिना निषेचन के फल निर्माण को क्या कहते हैं ?

(A) अपयुग्मन बात
(B) असंगजनन
(C) अनिषेकजनन
(D) इनमें से सभी

Answer ⇒ (C)

19. निम्नलिखित में सही का चुनाव करें :

(A) स्पोंज का जूस्पोर
(B) पेनिसिलियम में जिम्यूलस
(C) शैवाल में कोनिडिया
(D) हाइड्रा की कलिका (bud)

Answer ⇒ (D)

20. ईख (sugarcane) में ग्राफ्टिंग नहीं हो सकता है, क्योंकि

(A) vascular bundles बिखरे होते हैं।
(B) फ्लोएम जाइलम के अंदर की ओर होते हैं।
(C) ईख के पौधे कोमल (delicate) होते हैं।
(D) यह चोट को सहने में असमर्थ होता है।

Answer ⇒ (A)

21.किसके लिए लैंगिक प्रजनन जिम्मेदार है ?

(A) द्विगुणित अवस्था को बनाने हेतु
(B) Identical young ones के सृजन हेतु
(C) विकासवाद में कोई भूमिका नहीं
(D) एकगुणित (Haploid) अवस्था को बनाने हेतु

Answer ⇒ (A)

22. पुदीन (Mint) कायिक प्रवर्धन करता है :

(A) अन्तर्भूस्तरी (sucker)
(B) उपरिभूस्तरी (runner)
(C) भूस्तरी (offset)
(D) प्रकन्द (rhizome)

Answer ⇒ (A)

23. कुकुर (Dog) का संभावित जीवन काल……. … होता है।

(A) 20 वर्ष
(B) 15 वर्ष
(C) 10 वर्ष
(D) 5 वर्ष

Answer ⇒ (A)

24. शाख (scion) को वृन्त (stock) पर लगाया जाता है। इस प्रकार graft किये वृक्ष , के फल किसके पर निर्भर करेंगे ?

(A) शाख (scion)
(B) वृन्त (stock)
(C) (A), (B) दोनों
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

25. अगुणित कोशिकाओं के संलयन की प्रक्रिया को ………. कहते हैं।

(A) कोशिका चक्र
(B) अर्द्धसूत्री विभाजन को
(C) समसूत्री विभाजन
(D) संयुग्मन (syngamy)

Answer ⇒ (D)

26. …………. में पत्तियों के खण्डों द्वारा कायिक प्रजनन होता है ?

(A) एगेव एवं केलेंचोय
(B) बायोफिलम एवं केलेंचोय
(C) ऐसपेरेगस एवं ब्रायोफिलम
(D) क्राईसेंथियम एवं एगेव

Answer ⇒ (B)

27. रात में खिलने वाले पुष्प साधारणतः ………

(A) हल्के होते हैं
(B) छोटे होते हैं
(C) चमकीले रंगों वाले हैं
(D) गच्छों में खिलते हैं

Answer ⇒ (B)

28. उभयलिंगी प्राणी है :

(A) मुर्गी
(B) साँप
(C) (A) और (B) दोनों का
(D) केंचुआ

Answer ⇒ (D)

29. निम्न में से कौन द्विगुणित संरचना है ?

(A) अण्डाणु
(B) शुक्राणु
(C) युग्मनज
(D) इनमें से सभी

Answer ⇒ (C)

30. जन्म से लेकर प्राकृतिक मृत्यु के बीच की अवस्था को कहते हैं :

(A) जीवन-काल
(B) जीवन चक्र
(C) कायिक अवस्था
(D) सभी

Answer ⇒ (A)

31 . आकारिकी तथा आनुवंशिकी रूप से समान जीवों को कहते हैं :

(A) क्लोन
(B) सोमाक्लोन
(C) कॉस्मिड्स
(D) साइब्रिड्स

Answer ⇒ (A)

32. अमीबा में प्रजनन किस प्रकार होता है ?

(A) कोनिडिया
(B) कलिका
(C) जिम्मयूल्स
(D) द्विखंडन द्वारा

Answer ⇒ (D)

33. पेनिसिलियम में प्रजनन होता है :

(A) कलिका
(B) विखडन
(C) जिम्यूल्स
(D) कोनिडिया

Answer ⇒ (D)

34. मासिक चक्र किसमें होता है ?

(A) बंदर
(B) कपि
(C) मानव
(D) सभी

Answer ⇒ (D)

35. निम्नलिखित में से किसमें oestrus cycle नहीं होता है ?

(A) गाय
(B) भेड़ा
(C) बंदर की
(D) कुत्ता

Answer ⇒ (C)

36. निम्नलिखित में कौन द्विलिंगी नहीं है ?

(A) फीताकृमि
(B) कुत्ता
(C) जोंक
(D) स्पंज

Answer ⇒ (B)

37. निम्नलिखित में से किसमें युग्मक स्थानान्तरण के लिए जल की आवश्यकता नहीं

(A) शैवाल शिकागो
(B) ब्रायोफायट्स कराया
(C) टेरिडोफायट्स
(D) जिम्नोस्पर्म

Answer ⇒ (D)

38. भ्रूण के विकास की क्रिया को कहते हैं :

(A) viviparyo
(B) पार्थेनोजेनेसिस का
(C) embryogenesis
(D) स्पोरोजेनेसिस

Answer ⇒ (C)

39. युग्मक के संचयन को कहते हैं :

(A) परागण
(B) सिनगेमी किसी
(C) पार्थेनोजेनेसिस
(D) स्पोरोजेनेसिस

Answer ⇒ (B)

40. इसमें से कौन एकलिंगी नहीं है ?

(A) तिलचट्टा
(B) कुत्ता
(C) गाय
(D) केंचुआ

Answer ⇒ (D)

41. मानव युग्मक में गुणसूत्र की संख्या है :

(A) 21
(B) 23
(C) 44
(D) 46

Answer ⇒ (B)

42. किसमें आंतरिक निषेचन होता है ?

(A) मछली
(B) उभयचर
(C) शैवाल
(D) आवृत्तबीजी

Answer ⇒ (D)

43. निषेचन तक की क्रिया में ovule विकसित होकर बीज बनता है जबकि carpel से क्या विकसित होता है ?

(A) पेरी स्पर्म
(B) पेरिकार्प
(C) टेस्टा
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

44. निम्नलिखित में कौन अंडज नहीं है :

(A) सर्प
(B) मुर्गी
(C) घड़ियाल
(D) मानव

Answer ⇒ (D)

45. इनमें किसमें केवल एक बार अपने जीवनकाल में पुष्प खिलते हैं ?

(A) बाँस
(B) आम
(C) लीची
(D) जामुन

Answer ⇒ (A)

46. निम्नांकित में से किसमें 12 वर्ष में सिर्फ एक बार पुष्प खिलते हैं ?

(A) सूर्यमुखी
(B) पीपल
(C) नीला कुरेंजी
(D) नीम

Answer ⇒ (C)

47. प्रकन्द का एक उदाहरण है :

(A) लहसुन
(B) नींबू
(C) अदरक
(D) प्याज

Answer ⇒ (C)

48. कलिका रोपण उदाहरण है :

(A) कायिक जनन का
(B) उत्तक संवर्धन का
(C) लैंगिक जनन का.
(D) प्रकीर्णन का

Answer ⇒ (A)

49. पेनिसीलियम नामक कवक में अलैंगिक जनन मुख्य रूप से किस संरचना के द्वारा होता है ?

(A) मुकुलन
(B) विखंडन
(C) कोनिडिया
(D) जेम्यूलस

Answer ⇒ (C)

50. इनमें कौन ठहरे हुए पानी में उगकर ऑक्सीजन खींच लेता है ?

(A) जलकुंभी
(B) हाइड्रिला
(C) कमल
(D) धान

Answer ⇒ (A)

51. गेमा (Gemma) द्वारा प्रजनन होता है : –

(A) उच्च श्रेणी के पौधों में
(B) निम्न श्रेणी के जन्तुओं में दिश
(C) कुछ ब्रायोफाइटा में
(D) स्तनियों में

Answer ⇒ (C)

52. एकलिंगता की स्थिति को उल्लिखित करने के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है ?

(A) समयुग्मकी पर
(B) उभयलिंगाश्रयी
(C) एकलिंगाश्रयी
(D) विषयम युग्मक

Answer ⇒ (C)

53. द्विनिषेचन का परिणाम होता है :

(A) बीजपत्र
(B) बीजाण्डकाय
(C) भ्रूणपोष
(D) भ्रूण

Answer ⇒ (C)

54. बीजाणुओं द्वारा जनन करने वाले पौधे जैसे- मॉर्स, फर्न सामान्यतः किस समूह में रखे जाते हैं ?

(A) स्पोरोफाइट्स
(B) थैलोफाइट्स
(C) क्रिप्टोगेम्स
(D) बायोफाइट्स

Answer ⇒ (C)

55. साइकस में परागण होता है :

(A) तीन कोशिकीय अवस्था में
(B) चार कोशिकीय अवस्था में
(C) दो कोशिकीय अवस्था में
(D) एक कोशिकीय अवस्था में

Answer ⇒ (A)

56. एन्थेसिस की परिघटना धित है कि

(A) परागकण निर्माण
(B) वर्तिकान पर परागकण का पहुँचना
(C) परागकोश का विकास
(D) पुष्प कलिका का खुलना

Answer ⇒ (D)

57. निम्न में से कौन पत्ती के अग्र भाग द्वारा जनन करता है ?

(A) वाकिंग फर्न
(B) स्प्राउट लीफ पौधा का
(C) मारकेसिया
(D) माँस

Answer ⇒ (A)

58. आलू के कन्द में ‘आँखें’ होती हैं :

(A) पुष्प कलिकाएँ आर
(B) प्ररोह कलिकाएँ
(C) कक्षस्थ कलिकाएँ
(D) मूल कलिकाएँ

Answer ⇒ (C)

59. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप उभयलिंगाश्रयी होता है ?

(A) मार्केन्शिया
(B) पाइनस
(C) साइकस
(D) पपीता

Answer ⇒ (B)

60. निम्न में से कौन एकलिंगी है ?

(A) सरसों
(B) उड़हुल
(C) पपीता
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

61. अंडाणु बनने की विधि को कहते हैं :

(A) अंडजनन
(B) अंडाशय
(C) अंडोत्सर्ग
(D) मादा जनन

Answer ⇒ (A)

62. शुक्राणु बनने की क्रियाविधि को कहते हैं :

(A) शुक्राणुजनन
(B) मादाजनन
(C) युग्मकजनन
(D) अंगजनन

Answer ⇒ (A)

63. अलैंगिक जनन में कितने जीव भाग लेते हैं ?

(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) एक भी नहीं

Answer ⇒ (A)

64. पौधों में अलैंगिक जनन निम्न में से किस विधि द्वारा हो सकता है ?

(A) मुकुलन
(B) विखंडन
(C) विभाजन
(D) सभी

Answer ⇒ (A)

65. कायिक जनन निम्न में से किस प्रकार होता है ?

(A) जड़
(B) स्तंभ
(C) पत्ती
(D) तीनों द्वारा

Answer ⇒ (D)

66. आलू में कायिक संचरण किसके द्वारा होता है ?

(A) पत्तियाँ
(B) स्तंभ
(C) जड़
(D) बीज

Answer ⇒ (B)

67. एक ही फल के भीतर परागकोशों से परागकणों का वत्तिकान में पहुँचना क्या कहलाता है ?

(A) स्वपरागण
(B) अंडोत्सर्ग
(C) परपरागण
(D) निषेचन

Answer ⇒ (A)

68. अंडाशय से अंडा निकलने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?

(A) अंडजनन
(B) अंडोत्सर्ग
(C) रजोचक्र
(D) शुक्राणुजनन

Answer ⇒ (B)

69. मानव मादा में अंडे का निषेचन कहाँ होता है ?

(A) अंडाशय में
(B) गर्भाशय में
(C) योनिमार्ग में काम
(D) फैलोपियन नलिका में

Answer ⇒ (D)

70. मानव नर में शुक्राणु भंडारण किस जनन अंग में होता है ?

(A) शिश्न
(B) शुक्रवाहिका
(C) एपिडिमिस
(D) वृषण

Answer ⇒ (C)

71. युग्मक में गुणसूत्र का सेट होता है :

(A) 2 n
(B) 3 n
(C) 4 n
(D) n

Answer ⇒ (D)

72. अलैंगिक जनन में जीवधारियों की उत्पत्ति कितने जनकों के भाग लेने से होती है ?

(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार

Answer ⇒ (A)

73. माता द्वारा दिए गए युग्मक और पिता द्वारा दिए गए युग्मक के संलयन से क्या बनता है ?

(A) युग्मक
(B) युग्मनज
(C) संतति
(D) क्लोम

Answer ⇒ (B)

74. वह प्रक्रिया जिसके द्वारा नर युग्मक एवं मादा युग्मक बनते हैं, कहलाती है :

(A) निषेचन
(B) भ्रूणजनन
(C) युग्मकजनन
(D) आकारजनन

Answer ⇒ (C)

75. तीन परतवाली संरचना जिसके अंदर एक नयी गुहा आद्यंत्र (Archenteron) बन गयी होती है, कहलाती है

(A) ब्लास्टूला
(B) गैस्टुला रानी
(C) विद्लन
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

76. वह जीव या पौधा जिसके शरीर में नर तथा मादा दोनों प्रकार के जनन पाए जाते हैं, कहलाता है :

(A) स्पोर
(B) संयुग्मन
(C) उभयलिंगी
(D) एकलिंगी

Answer ⇒ (C)

77. किस प्रकार के जनन करने वाले प्राणियों में अधिक विभिन्नताएँ देखने को मिलती

(A) लैंगिक जनन
(B) अलैंगिक जनना
(C) युग्मकजनन
(D) कायिकजननाय

Answer ⇒ (A)

78. वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत जीव समजात शिशुओं को जन्म देकर अपनी प्रजाति को निरंतर बनाए रखता है, कहलाती है:

(A) जनन
(B) लैंगिक जनन
(C) अलैंगिक जनन
(D) युग्मकजनन

Answer ⇒ (A)

79. जंतु, जो शिशुओं को जन्म देते हैं, कहलाते हैं :

(A) अंडज
(B) जरायुज
(C) उभयचर(B)
(D) द्विलिंगी

Answer ⇒ (B)

80. अंडे से लेकर वयस्क तक बनने की संपूर्ण प्रक्रिया को कहते हैं :

(A) गर्भाधान
(B) निषेचन
(C) परिवर्धन
(D) विद्लन

Answer ⇒ (A)

81. प्लाज्मोटोमी किसमें होता है

(A) हाइड्रा
(B) ओबेलया
(C) ओपेलिना
(D) प्लाज्मोडियम

Answer ⇒ (C और D)

82. किसी अनिषेचित अंडज से बीज के विकास को कहते हैं :

(A) विविपेरस
(B) पार्थेनोकोपी
(C) एपोगेमी
(D) एपोस्पोरी

Answer ⇒ (B)

83. एकबीजपत्री में ग्राफ्टिंग बिरले ही सफल होता है क्योंकि :

(A) एकबीजपत्री में बंद वैस्कुलर बंडल होता है
(B) एकबीजपत्री कैम्बियमविहीन होते हैं
(C) समानान्तर venation होता है
(D) एक से अधिक सही

Answer ⇒ (B)

84. एफाइरा लार्वा ऑरेलिया में पाया जाता है। इसका निर्माण किस विधि से होता है ?

(A) रिजेनरेशन
(B) विखंडीकरण
(C) टूटन
(D) स्ट्रोबाइलेसन

Answer ⇒ (D)

85. जिरोन्टोलोजी में किसका अध्ययन होता है ?

(A) पक्षी
(B) अस्थि
(C) Ageing
(D) पृथ्वी

Answer ⇒ (C)

86. निम्नलिखित में से किसमें बिना निषेचन द्वारा प्रजनन की क्षमता होती है ?

(A) मकड़ा
(B) गाय
(C) मधुमक्खी
(D) केंचुआ

Answer ⇒ (C)

87. प्याज के युग्मक में गुणसूत्र की संख्या होती है :

(A) 8
(B) 16
(C) 24
(D) 32

Answer ⇒ (B)

88. किसी अनावृत्तबीजी में endosperm (भ्रूणपोष) है :

(A) अगुणित
(B) द्विगुणित
(C) त्रिगुणित
(D) चतुर्गुणित

Answer ⇒ (C)

89. किसी पुष्प के अंडाशय होते हैं :

(A) अगुणित
(B) द्विगुणित
(C) त्रिगुणित
(D) चतुर्गुणित

Answer ⇒ (B)

90. पौधों में अर्धसूत्री विभाजन किसमें होता है ?

(A) मूल छोर
(B) परागकण
(C) तना के छोर
(D) परागकोष

Answer ⇒ (D)

91. किसी छोटे भाग/टुकड़े के संपूर्ण शरीर के निर्माण को कहते हैं :

(A) Morphallaxis
(B) epimorphosis
(C) Morphogenesis
(D) Metabolism

Answer ⇒ (A)

92. द्विनिषेचन किसमें पाया जाता है ?

(A) आवृत्तबीजी
(B) अनावृत्तबीजी
(C) टेरिडोफाइट्स
(D) ब्रायोफायट्स

Answer ⇒ (A)

94. पिस्टिया में कायिका प्रवर्धन किसके द्वारा होता है ?

(A) स्टॉलोन
(B) ऑफसेट
(C) रनर
(D) सकर

Answer ⇒ (B)

95. घरेलू मक्खी के Meiocytes में गुणसूत्र की संख्या होती है :

(A) 8
(B) 12
(C) 34
(D) 21

Answer ⇒ (B)

96. निम्नलिखित में से किस प्राणी में ओवो-भिभिपेरिटी होता है ?

(A) मुर्गी
(B) प्लेटीपस
(C) रैटल सर्प
(D) इकिडना

Answer ⇒ (C)

97. पार्थेनोजेनेसिस पाया जाता है :

(A) एक्सोलोटल लार्वा में
(B) मिरासिडियम में
(C) सर्केरिया में
(D) स्पोरोसिस्ट एवं रेडिया लार्वा में

Answer ⇒ (D)

98. यदि नर आकारिकी में मादा से भिन्न हो, तो इसे कहते हैं :

(A) हेटेरोगैमी
(B) होमोगैमी
(C) लैंगिक द्विरूपता
(D) हरमाफ्रोडाइटिजिग

Answer ⇒ (C)

99. पीडोजेनेसिस किस लार्वा में पाया जाता है ?

(A) टीनिया
(B) फैसियोला
(C) राना
(D) तितली

Answer ⇒ (B)

100.किसमें तिर्यक द्विखंडन पाया जाता है ?

(A) मोनोसिस्टिस
(B) प्लाज्मोडियम
(C) प्लैनेरिया
(D) सिराटियम

Answer ⇒ (D)

101.प्राणियों में यौवनावस्था के बाद आता है :

(A) कायिक अवस्था
(B) प्रजनन अवस्था
(C) प्रौढ़ावस्था
(D) वृद्धावस्था

Answer ⇒ (B)

102. निम्नलिखित में कौन-सा सही क्रम है ?

(A) युग्मकजनन – संयुग्मन – भ्रूण जनन – युग्मजा
(B) संयुग्मन – युग्मकजनन – युग्मज – भ्रूण जनन नायक
(C) युग्मकजनन – संयुग्मन – युग्मज – भ्रूण जनना
(D) युग्मज – भ्रूण जनन – संयुग्मन – युग्मकजनन

Answer ⇒ (C)

103. शब्द Homothallic एवं Monoecious का प्रयोग किसके लिए किया जाता है ?

(A) द्विलिंगी अवस्था के लिए
(B) एकलिंगी अवस्था के लिए
(C) स्टामिनेट पुष्प के लिए
(D) पिस्टीलेट पुष्प के लिए

Answer ⇒ (A)

104. तोता का सबसे अधिक उम्र क्या है ?

(A) 90 वर्ष
(B) 25 वर्ष
(C) 500 वर्ष
(D) 140 वर्ष

Answer ⇒ (D)

105.निम्नलिखित में कौन-सा पौधा द्विलिंगी है ?

(A) पपीता
(B) खजूर
(C) नारियल
(D) इनमें से कोई दो

Answer ⇒ (C)

106.कौन-सा द्विलिंगी जानवर है ?

(A) केंचुआ, हाइड्रा तथा जोंक
(B) तिलचट्टा, ऐसकेरिस तथा हाइड्रा
(C) केंचुआ, ऐसकेरिस तथा जोंक
(D) ऐस्केरिस, तिलचट्टा तथा हाइड्रा

Answer ⇒ (A)

107.अगुणित गुणसूत्र किसमें पाया जाता है ?

(A) जाइगोट
(B) युग्मक
(C) भ्रूण
(D) बीज

Answer ⇒ (B)

108.किसी आवृत्तबीजी (Angiosperms) में कितने युग्मक परागनलिका में होते हैं ?

(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) अनेक

Answer ⇒ (B)

109.किस अवस्था में शब्द Dioecious का उपयोग होता है ?

(A) द्विलिंगी
(B) एकलिंगी
(C) उभयलिंगी
(D) गाइनेंड्रोमार्फ

Answer ⇒ (B)

110.बाँस जाति में पुष्पन (Flowering) होता है

(A) पूरे जीवनकाल में एक बार
(B) 12 वर्ष में एक बार
(C) प्रतिवर्ष
(D) 50-100 वर्ष में दो बार

Answer ⇒ (A)

111. ड्रोसोफिला (Fruit fly) के Meiocyte में गुणसूत्र की संख्या होती है :

(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 8

Answer ⇒ (D)

112.घड़ियाल एवं मे फ्लाई (May fly) का जीवनकाल होता है क्रमशः

(A) 15 वर्ष 1 सप्ताह
(B) 30 वर्ष, 1 सप्ताह
(C) 45 वर्ष, 1 महीना
(D) 60 वर्ष, 1 दिन

Answer ⇒ (D)

113.Nodes को ‘आँख’ कहते हैं जो निम्नलिखित में से किसमें नया पौधा बनता है ?

(A) अदरक
(B) ब्रायोफायलम
(C) एलोकेसिया
(D) आलू

Answer ⇒ (D)

114.गतिशील सिलियायुक्त बीजाणु को कहते हैं :

(A) Aplanospores
(B) कोनिडिया
(C) जूस्पोर्स
(D) उस्पोर्स

Answer ⇒ (C)

115.यदि दो युग्मक देखने में समान लगें, तो कहते हैं :

(A) आइसोगैमिट्स
(B) हैटेरोगैमिट्स
(C) Anisogametes
(D) Exogamy

Answer ⇒ (A)

116.मानव के अर्द्धसूत्रीभाजन कोशिका (Melcyte) में गुणसूत्र की संख्या होती है :

(A) 40
(B) 42
(C) 44
(D) 46

Answer ⇒ (D)

117.कोई भी प्राणी एक अपवाव को छोड़कर अमर नहीं है।

(A) एककोशीय जीव
(B) हरित पादप
(C) स्पोज
(D) सायनोबैक्टिरिया

Answer ⇒ (A)

118.संतान जो लगभग एक-दूसरे के Identical हो, साथ ही उनके Parent के भी Identical हो, कहलाता है :

(A) Twins
(B) प्रतिलिपि बनाता है
(C) ड्रोन्स
(D) क्लोन

Answer ⇒ (D)

119.गैमीट के निर्माण को कहते हैं :

(A) गैमीटोजेनेसिस
(B) सायटोकायनेसिस
(C) स्पोरोजेनेसिस
(D) मियोसायट

Answer ⇒ (A)

120.निम्न में से कौन उभयलिंगाश्रयी पादप नहीं है ?

(A) पपीता
(B) सरसों
(C) मक्का
(D) उड़हुल

Answer ⇒ (A)

121.जब संतति की उत्पत्ति एकल जनक द्वारा होती है तब यह क्या कहलाता है ?

(A) लैंगिक जनन
(B) अलैंगिक जनन
(C) (A) और (B) दोनों
(D) आंतरिक निषेचन

Answer ⇒ (B)

122.अंड प्रजक है

(A) मुर्गी
(B) साँप
(C) मगरमच्छ
(D) इनमें से सभी

Answer ⇒ (D)

123.द्विगुणित है

(A) अंडा
(B) पराग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) युग्मनज

Answer ⇒ (D)

124.निम्नलिखित में से कौन जंतु उभयलिंगी नहीं है ?

(A) फीता कृमि
(B) केंचुआ
(C) घरेलू मक्खी
(D) जोंक

Answer ⇒ (C)

125.एसीटाबुलेरिया निम्न में से क्या है ?

(A) एकल कोशिका प्रोटीन
(B) शैवाल
(C) प्रोटोजोआ
(D) जीवाणु

Answer ⇒ (B)

126.निम्नांकित में से किस पौधे के प्रजातियों में बीज का उत्पादन असंगजनन द्वारा होता है-

(A) एस्ट्रेर्सिया एवं घास
(C) साइट्रस एवं आम
(B) सरसों
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

127. इनमे किसे ‘बंगाल का आतंक’ कहा गया है

(A) अगेव
(B) जलकुम्भी
(C) केला
(D) ब्रायोफिलम

Answer ⇒ (B)

128. मद चक्र (oestrus cycles)पाई जाती है

(A) गाय
(B) भेड़
(C) कुत्ता
(D) इन सभी में

Answer ⇒ (D)

129. शल्क कंद (Bulb) का उदाहरण है :

(A) अदरक
(B) दूब घास
(C) प्याज
(D) आलू

Answer ⇒ (C)

130. स्तनधारियों में निषेचन कहा होता है :

(A) अंडाशय
(B) वासिय भाग
(C) गर्भाशय
(D) फैलोपियन नली

Answer ⇒ (D)

131.प्राकृतिक अनिषेकजनन (Parthenogenesis) पाया जाता है

(A) मक्खी
(B) मधुमक्खी में
(C) मच्छर में
(D) इनमे सभी में

Answer ⇒ (B)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जनन किसे कहते हैं?
उत्तर :- वह क्रिया जिसमें जीव अपने समान जीव को उत्पन्न करता है, जनन कहलाती है।

प्रश्न 2. जनन कितने प्रकार का होता है?
उत्तर :-

1.लैंगिक जनन तथा

2.अलैंगिक जनन।

प्रश्न 3. मुकुलन पर टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर : मुकुलन (Budding) – इस प्रकार का विभाजन यीस्ट (Yeast) एवं कुछ जीवाणुओं में पाया जाता है। इस प्रक्रिया में कोशिका में बाह्य वृद्धि होकर एक या एक-से-अधिक छोटी रचनाएँ बन जाती हैं तथा केन्द्रक सूत्री-विभाजन (mitosis) द्वारा (Lindgreen, 1949 के अनुसार) विभाजित होकर दो भागों में बँट जाता है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार केन्द्रक का यह विभाजन असूत्री विभाजन या अमाइटोसिस (amitosis) प्रकार का होता है। प्रत्येक मुकुल (bud) मातृ कोशिका से अलग होकर यीस्ट की नई कोशिका में परिवर्तित हो जाती है। इस क्रिया को मुकुलन (budding) कहते हैं। जब ये उर्द्ध रचनाएँ (outgrowths) अपनी मातृ-कोशिका से अलग नहीं होती तो श्रृंखला बनाती हैं, जिसे स्युडोमाइसीलियम कहते हैं। परन्तु अन्त में ये अलग हो जाती हैं।

प्रश्न 4. कृत्रिम कायिक प्रवर्धन की दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर :-

1.कलम लगाना

2.दाब कलम

प्रश्न 5. पौधों में जनन की कितनी विधियाँ पायी जाती हैं? प्रत्येक का संक्षेप में वर्णन कीजिए। 
उत्तर :- पौधों में जनन की विधियाँ
पौधों में मुख्य रूप से जनन की निम्नलिखित दो विधियाँ पायी जाती हैं –
1. अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) – यह जनन का एक सामान्य प्रकार है जिसमें केवल एक ही जीव या जनक (Parents) भाग लेता है। इस विधि में वयस्क बनने के बाद जीव अपनी हूबहू प्रतिलिपियों (identical copies) के रूप में सन्ततियाँ उत्पन्न करता है। अतः जनक तथा सन्ततियों के बीच आनुवंशिक पदार्थ एवं लक्षणों में कोई अन्तर नहीं होता है। इसीलिए अलैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न सन्ततियों को क्लोन (clone) कहते हैं। ऐसा जनन अपेक्षाकृत तीव्र दर से होता है। इसके लिए शरीर में कोई विशिष्ट ऊतक या अंग नहीं होते।

2. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) – लैंगिक जनन की प्रक्रिया जटिल होती है। इसके लिए शरीर में विशेष प्रकार के जननांग (reproductive organs) होते हैं। शरीर की सामान्य दैहिक कोशिकाओं (somatic cells) से भिन्न प्रकार की दो अगुणित (haploid = n) कोशिकाओं का संयुग्मन लैंगिक जनन की आधारभूत प्रक्रिया होती है। इन अगुणित कोशिकाओं को लैंगिक कोशिकाएँ (sex cells) या युग्मक (gamets) कहते हैं। शरीर की दैहिक कोशिकाएँ द्विगुणित (diploid) होती हैं। लैंगिक कोशिकाएँ प्रमुख जननांगों अर्थात् जनदों (gonads) की जनन कोशिकाओं (germ cells) में विशेष प्रकार के अर्धसूत्री या मीयोटिक विभाजन (reductional or meiotic division) से बनती हैं। इनके बनने की इस प्रक्रिया को युग्मकजनन (gametogenesis) कहते हैं।

संयुग्मन में भाग लेने वाली दो लैंगिक कोशिकाएँ भिन्न प्रकार की होती हैं – एक नर युग्मक कोशिका तथा दूसरी मादा युग्मक कोशिका इनके संयुग्मन से बनी द्विगुणित कोशिका को युग्मनज अर्थात् जाइगोट (zygote) कहते हैं। इसी से नई सन्तान का प्रारम्भ होता है। जनन कोशिकाओं के अर्धसूत्री विभाजन द्वारा बनी युग्मक कोशिकाओं में जनन कोशिकाओं के जोड़ीदार अर्थात् समजात गुणसूत्रों (homologous chromosomes) का बँटवारा अनियमित एवं संयोगिक (random) होता है। फिर युग्मनजों (zygotes) के बनने में नर व मादा युग्मक का संयुग्मन भी संयोगिक होता है। इसके कारण युग्मनजों के जीन प्रारूप (genotypes) जनन कोशिकाओं के जीन प्रारूपों से कुछ भिन्न होते हैं। इसी कारण लैंगिक जनन के फलस्वरूप बनी सन्तति माता-पिता से थोड़ी भिन्न दिखाई देती है।

प्रश्न 6. टिप्पणी लिखिए-ब्रायोफाइट्स में वर्षी प्रजनन। 
उत्तर :- ब्रायोफाइट्स के युग्मकोभिद् में अनेक प्रकार का वर्षी प्रजनन होता है। उदाहरणार्थ-विखण्डन, जेमा, कन्दे, पुंतन्तु, पत्र-प्रकलिका द्वारा। विखण्डन विधि में बहुकोशिकीय जनक पौधे का शरीर दो या दो से अधिक टुकड़ों में विखण्डित हो जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा पुनरुद्भवन द्वारा एक नई वयस्क सन्तति में विकसित हो जाता है। कभी-कभी पौधे की पत्ती व तने के अग्र भाग पर बहुकोशिकीय एवं हरे रंग की रचनाएँ निकलती हैं, जिन्हें जेम्यूल कहते हैं। ये अलग होकर अंकुरण द्वारा नये पौधे को जन्म देती हैं। पौधों के कन्द तथा पुंतन्तु भी नये पौधों को जन्म देते हैं। ब्रायोफाइट्स में पत्र-प्रकलिकाओं द्वारा भी वर्दी प्रजनन होता है। वे कलिकाएँ जिनमें खाद्य-पदार्थ संचित रहता है, पत्र-प्रकलिकाएँ कहलाती हैं। ये कलिकाएँ मातृ पौधे से टूटकर भूमि पर गिर जाती हैं। तथा अनुकूल मौसम में इनमें अपस्थानिक जड़े निकल आती हैं जो भूमि से जल एवं खनिज लवणों का अवशोषण करती हैं तथा प्रकलिकाएँ वृद्धि करके नवीन पौधे बनाती हैं।

प्रश्न 7. सूक्ष्म प्रवर्धन (माइक्रो प्रोपेगेशन) पर एक टिप्पणी लिखिए। 
या ऊतक संवर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर :- यह कायिक प्रवर्धन की सबसे आधुनिक विधि है। इस विधि में मातृ पौधे के थोड़े से ऊतक से हजारों की संख्या में पादपों (plants) को प्राप्त किया जा सकता है। यह विधि ऊतक तथा कोशिका संवर्धन तकनीकी (tissue and cell culture technique) पर आधारित है।

इस विधि में जिस पौधे से प्रवर्धन करना होता है, उसके किसी भाग से ऊतक (tissue) का छोटा भाग अलग कर लिया जाता है। अब इस ऊतक की अजर्म परिस्थितियों (aseptic conditions) में किसी उचित संवर्धन माध्यम (culture medium) में वृद्धि कराते हैं। यह ऊतक पोषक पदार्थों का अवशोषण करके वृद्धि करता है जिससे कोशिकाओं के गुच्छे बन जाते हैं जिन्हें कैलस (callus) कहा जाता है। इस कैलस को लम्बे समय तक गुणन के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर कैलस का एक छोटा टुकड़ा दूसरे ऐसे माध्यम पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है जहाँ यह वृद्धि करके नन्हे पौधे के रूप में विकसित होता है। इस पादप को निकालकर मृदा में लगा दिया जाता है। इस विधि में एक बार ऊतक संवर्धन करके लम्बे समय तक पौधे प्राप्त किए जाते हैं और ये अधिक संख्या में प्राप्त होते हैं। यह विधि आर्किड्स (Orchids), कार्नेशन्स (Carnations), गुलदाऊदी (Crysanthemum) एवं सतावर (Asparagus) में अधिक सफल है। इस विधि से मशरूमों (Mushrooms) का भी संवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 8. कायिक जनन किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है? प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन का विस्तृत वर्णन कीजिए।  
या प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन पर टिप्पणी लिखिए। 
या पौधों में कायिक जनन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर :- पौधों में कायिक जनन
कायिक जनन प्रजनन की अथवा नए पौधे के पुनर्निर्माण (regeneration) की क्रिया है। इस क्रिया में नया पौधा मातृ पौधे के किसी भी कायिक भाग से बनता है। इसके सभी लक्षण व गुण मातृ पौधे के समान ही होते हैं। कायिक जनन को कायिक प्रवर्धन (vegetative propagation) के नाम से भी जाना जाता है।

मातृ पौधे के कायिक अंगों द्वारा नये पादपों का बनना कायिक जनन या कायिक प्रवर्धन कहलाता है।
यह क्रिया निम्न पादपों (lower plants) में सामान्य रूप से देखने को मिलती है जबकि उच्च श्रेणी के पौधों (higher plants) में यह केवल निम्न दो प्रकार से होती है –

1.प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन (Natural vegetative propagation)

2. कृत्रिम कायिक प्रवर्धन (Artificial vegetative propagation)

प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन :- 
यह क्रिया प्रकृति में मिलती है। इस क्रिया के अन्तर्गत पादप का कोई अंग अथवा रूपान्तरित भाग मातृ पौधे से अलग होकर नया पौधा बनाता है। यह क्रिया अनुकूल परिस्थितियों में होती है। पौधे का कायिक भाग; जैसे-जड़, तना व पत्ती इस क्रिया में भाग लेते हैं। ये भाग इस प्रकार से रूपान्तरित होते हैं कि वे अंकुरित होकर नया पौधा बना सकें। विभिन्न प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन की विधियाँ अग्रवत् हैं

(A) भूमिगत तना :- 
तने का मुख्य भाग अथवा कुछ भाग भूमिगत वृद्धि करता है तथा एक प्रकार से भोजन संग्रह करने वाले अंग के रूप में रूपान्तरित हो जाता है। परन्तु इस पर कक्षस्थ कलिकाएँ मिलती हैं जिनसे नया पौधा विकसित होता है अथवा शाखाएँ निकलती हैं जो मृदा से बाहर आकर नया पौधा बना लेती हैं। उदाहरण के लिए –

(i) कन्द (Tuber) – वृद्धि असमान (diffuse) होती है; जैसे – आलू (potato)। इस पर आँख (eye) मिलती है, जिसमें कक्षस्थ कलिका (axillary bud) शल्क पत्रों से ढकी रहती है। यह कक्षस्थ कलिका अनुकूल समय में अंकुरित होकर नया पौधा बना लेती है। निश्चित पर्व सन्धियाँ नहीं मिलती हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 1 Reproduction in Organisms Q.1.1

(ii) प्रकन्द (Rhizome) – यह भूमिगत तना मृदा के भीतर समानान्तर अथवा क्षैतिज (horizontal) वृद्धि करता है। इस पर पर्व (internode) व पर्वसन्धियाँ (nodes) मिलती हैं। पर्व संघनित (condensed) होते हैं। पर्वसन्धियाँ शल्कपत्रों से ढकी रहती हैं जिनमें कक्षस्थ कलिका मिलती है। इन कक्षस्थ कलिकाओं से नए पौधे निकलते हैं; जैसे—अदरक (ginger), हल्दी (Curcuma) आदि।

(iii) घनकन्द (Corm) – यह भूमिगत तना मृदा में ऊर्ध्व वृद्धि करता है। इसमें पर्वसन्धियों (node) पर शल्कपत्रों से कलिकाएँ ढकी रहती हैं जिनसे नया पोधा बनता है; जैसे – अरबी (Colocasia), केसर (Crocus), जिमीकन्द (Amorphophalus) आदि।

(iv) शल्ककन्द (Bulb) – यह प्ररोह का वह रूपान्तरण है जहाँ तना छोटा होता है तथा इसे समानीत तने के चारों ओर रसीले गूदेदार शल्क पत्र मिलते हैं। शल्क पत्रों के कक्ष में कक्षस्थ कलिकाएँ होती हैं जो नये पौधे को जन्म देती हैं; जैसे – प्याज (Allium cepa), ट्यूलिप (Tulip), रजनीगंधा (Narcissus) आदि।

(B) अर्धवायवीय तना :- 
यह तना भूमि के समानान्तर क्षैतिज वृद्धि करता है। प्रत्येक पर्वसन्धि (node) से जड़े तथा प्ररोह (शाखा) निकलते हैं। कभी-कभी पर्वसन्धि का कुछ भाग मृदा में अथवा जल में मिलता है। उदाहरण के लिए –

(i) ऊपरी भूस्तारी (Runner) – यह तना विसर्गी होता है तथा मृदा के बाहर की ओर क्षैतिज रूप से मिलता है। प्रत्येक पर्वसन्धि (node) से जड़े फूटती हैं तथा प्ररोह (शाखा) निकलता है जो विपरीत दिशा में वायु में वृद्धि करता है। पर्वसन्धि से निकलती प्रत्येक शाखा एक नया पौधा बना लेती है; जैसे—दूब घास (Cyanodon), खट्टी बूटी (Oxalis), सेन्टेला (Centella) आदि।

(ii) भूस्तारी (Stolon) – इनमें पर्वसन्धियों से जड़े एवं वायवीय भाग निकलते हैं। भूस्तारी के टूटने पर प्रत्येक वायवीय शाखा स्वतन्त्र पौधा बन जाती है; उदाहरण–अरवी, केला आदि।
(iii) भूस्तारिका (Offset) – जलोभिद होने के कारण इनकी पर्वसन्धियाँ जल निमग्न होती हैं। प्रत्येक पर्वसन्धि से पत्तियों का एक समूह (tuft) निकलता है, जिसमें नीचे जड़ों का गुच्छा होता है जो मातृ पादप से अलग होकर नया पादप बनाता है; जैसे–समुद्र सोख (Water hyacinth), पिस्टिया (Pistia) आदि।

(iv) अन्त:भूस्तारी (Sucker) – मुख्य तना (पर्व) मृदा के भीतर क्षैतिज रूप (horizontal) में बढ़ता है। शाखाएँ प्रत्येक पर्वसन्धि से मृदा के बाहर निकल आती हैं; जैसे-पोदीना (mint)

(C) मूल
कुछ पौधों के मूल (जड़) कायिक प्रवर्धन करते हैं; जैसे – शकरकन्द (Ipomoea batatas), सतावर, डेहलिया (Dahelia), याम (Dioscored) आदि में अपस्थानिक कलिकाएँ (adventitious buds) निकलती हैं जो नया पौधा बना लेती हैं। कुछ काष्ठीय पौधों की जड़ों; जैसे-मुराया (Muraya), एल्बीजिया (Albuzzia), शीशम (Dalbergia) आदि से भी प्ररोह (shoot) निकलते हैं। जिनकी वृद्धि नए पौधे के रूप में होती है।

(D) पत्ती
पत्तियों द्वारा कायिक प्रवर्धन सामान्यतः कम ही मिलता है। कुछ पौधों; जैसे–ब्रायोफिल्लम (Bryophyllum) तथा केलेन्चो (Kalanchoe) में पत्ती के किनारों (leaf margins) पर पत्र कलिकाएँ बनती हैं जिनसे छोटे-छोटे पौधे विकसित होते हैं। बिगोनिया (Begonia) अथवा एलिफेन्ट इअर प्लान्ट में पत्र कलिकाएँ पर्णवृन्त तथा शिराओं आदि पर व पूर्ण सतह पर निकलती हैं।

(E) बुलबिल
ये प्रकलिकाएँ कायिक प्रवर्धन करने वाले जनन अंग हैं। ग्लोबा बल्बीफेरा (Globba bulbifera) में पुष्पक्रम के निचले भाग के कुछ पुष्प बुलबिल अथवा प्रकलिकाएँ बनाते हैं जो रूपान्तरित बहुकोशिकीय संरचनाएँ हैं। प्याज (Allium cepg), अमेरिकन एलोइ (Agave) आदि में भी प्रकलिकाएँ मिलती हैं जो बहुत-से पुष्पों के परिवर्तन से बनती हैं। प्रकलिकाएँ मातृ पौधे से अलग होकर नए पौधे के रूप में विकसित होती हैं।

डायोस्कोरिया बल्बीफेरा (Dioscored butbiferg) की जंगली प्रजाति तथा लिलियम बल्बीफेरम (Lilium bulbiferum) आदि में प्रकलिका (bulbil) पत्ती के अक्ष से निकलती है। खट्टी बूटी (Oxalis) में प्रकलिकाएँ कन्दिल मूल (tuberous root) के फूले हुए भाग से निकलती हैं। ये सभी प्रकलिकाएँ मातृ पादप से अलग होकर नए पादप में विकसित होती हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 1 Reproduction in Organisms Q.1.5

प्रश्न 9. जीवों के लिए जनन क्यों अनिवार्य है?
उत्तर :- 
जनन जीवों का एक अति महत्त्वपूर्ण लक्षण है। यह एक अति आवश्यक जैविक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा न सिर्फ जीवों की उत्तरजीविता में मदद मिलती है बल्कि इससे जीव-जाति की निरन्तरता भी बनी रहती है। जनन जीवों के अमरत्व में भी सहायक होता है। प्राकृतिक मृत्यु, वयता वे जीर्णता के कारण होने वाले जीव ह्रास की आपूर्ति, जनन द्वारा ही होती है। जनने से जीवों की संख्या बढ़ती है। जनन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा लाभदायक विभिन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानान्तरित होती हैं। अत: जनन जैव विकास में भी सहायक होता है। इन समस्त कारणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जनन जीवों के लिए अनिवार्य है।

प्रश्न 10. जनन की अच्छी विधि कौन-सी है और क्यों ?
उत्तर :- प्राय: लैंगिक जनन (sexual reproduction) को जनन की श्रेष्ठ विधि माना गया है। लैंगिक जनन के दौरान गुणसूत्रों की अदला-बदली होती है जिससे युग्मकों (gametes) में नये लक्षण विकसित होते हैं तथा नये जीव का विकास होता है जो अपने जनकों से भिन्न होता है। अतः लैंगिक जनन जैव विकास में सहायक होता है। लैगिक जनन द्वारा जीवों के जीवित रहने के अवसर अधिक होते हैं, क्योंकि आनुवंशिक विभिन्नताओं के कारण जीव अधिक क्षमतावान होता है। लैंगिक जनन से जीवों की संख्या भी बढ़ती है। अत: लैंगिक जनन ही, जनन की अच्छी विधि है।

प्रश्न 11. अलैगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई सन्तति को क्लोन क्यों कहा गया है ?
उत्तर :- आकारिकीय व आनुवंशिक रूप से एक समान जीव क्लोन (clone) कहलाते हैं। अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तति आनुवंशिक व आकारिकीय रूप से अपने जनक के एकदम समान होती है, अत: इसे क्लोन कहते हैं।

प्रश्न 12. लैगिक जनन के परिणामस्वरूप बनी सन्तति के जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं। क्यों ? क्या यह कथन हर समय सही होता है ?
उत्तर :- लैंगिक जनन के दौरान गुणसूत्रों का विनिमय होने से आनुवंशिक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। जो जनक से सन्तति में स्थानान्तरित होती हैं। युग्मकों की उत्पत्ति व निषेचन के कारण नये तथा बेहतर गुणों युक्त सन्तति का जन्म होता है। अत: लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप उत्पन्न सन्तति के जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं।

यह कथन सदैव सही नहीं होता है। जनकों के रोगग्रस्त होने पर वह रोग आने वाली पीढ़ियों में स्थानान्तरित हो जाता है।

प्रश्न 13. अलैगिक जनन द्वारा बनी सन्तति लैगिक जनन द्वारा बनी सन्तति से किस प्रकार से भिन्न है?
उत्तर :- अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तान आनुवंशिक व संरचनात्मक रूप से जनक के समान होती है अर्थात् अपने जनक का क्लोन (clone) होती है। इसके विपरीत लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तान आनुवंशिक रूप से जनक से भिन्न होती है।

प्रश्न 14. अलैगिक तथा लैगिक जनन के मध्य विभेद स्थापित करो। कायिक जनन को प्रारूपिक अलैगिक जनन क्यों माना गया है ?
उत्तर :- अलैंगिक तथा लैंगिक जनन के मध्य विभेद निम्नलिखित हैं
UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 1 Reproduction in Organisms Q.6
कायिक जनन (vegetative reproduction), अलैंगिक जनन की ऐसी विधि है जिसमें पौधे के कायिक भाग से नये पौधे का निर्माण होता है। अतः इसमें एक ही जनक भाग लेता है तथा इसके द्वारा उत्पन्न सन्तति आनुवंशिक व आकारिकी में अपने जनक के समान होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कायिक जनन वास्तव में प्रारूपिक अलैंगिक जनन है।

प्रश्न 15. कायिक प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं ? कोई दो उपयुक्त उदाहरण दो।
उत्तर :- कायिक प्रवर्धन जनन की ऐसी विधि है जिसमें पौधे के शरीर का कोई भी कायिक भाग प्रवर्धक का कार्य करता है तथा नये पौधे में विकसित हो जाता है। मातृ पौधे के कायिक अंग; जैसे-जड़, तना, पत्ती, कलिका आदि से नये पौधे का पुनर्जनन, कायिक प्रवर्धन कहलाता है। कायिक प्रवर्धन के दो उदाहरण निम्न हैं –

1.अजूबा (Bryophyllum) के पौधे में पत्तियों के किनारों से पादपकाय उत्पन्न होते हैं जो मातृ पौधे से अलग होकर नये पौधे को जन्म देते हैं।

2. आलू के कन्द में उपस्थित पर्वसन्धियाँ (nodes) कायिक प्रवर्धन में सहायक होती हैं। पर्वसन्धियों में कलिकाएँ स्थित होती हैं तथा प्रत्येक कलिको नये पौधे को जन्म देती है।

प्रश्न 16. व्याख्या कीजिए –
(क) किशोर चरण
(ख) प्रजनक चरण
(ग) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था।
उत्तर :- 
(क) किशोर चरण (Juvenile phase) – सभी जीवधारी लैंगिक रूप से परिपक्व होने से पूर्व एक निश्चित अवस्था से होकर गुजरते हैं, इसके पश्चात् ही वे लैंगिक जनन कर सकते हैं। इस अवस्था को प्राणियों में किशोर चरण यो अवस्था तथा पौधों में कायिक अवस्था (vegetative phase) कहते हैं। इसकी अवधि विभिन्न जीवों में भिन्न-भिन्न होती है।

(ख) प्रजनक चरण (Reproductive phase) – किशोरावस्था अथवा कायिक प्रावस्था के समाप्त होने पर प्रजनक चरण अथवा जनन प्रावस्था प्रारम्भ होती है। पौधों में इस अवस्था को स्पष्ट पहचाना जा सकता है। क्योंकि पौधों में पुष्पन (flowering) प्रारम्भ हो जाता है। प्राणियों में भी अनेक शारीरिकी एवं आकारिकी परिवर्तन आ जाते हैं। इस चरण में जीव संतति उत्पन्न करने
योग्य हो जाता है। यह अवस्था विभिन्न जीवों में अलग-अलग होती है।

(ग) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था (Senescent phase) – यह जीवन चक्र की अन्तिम अवस्था अथवा तीसरी अवस्था होती है। प्रजनन आयु की समाप्ति को जीर्णता चरण या जीर्णावस्था की प्रारम्भिक अवस्था माना जा सकता है। इस चरण में उपापचय क्रियाएँ मन्द होने लगती हैं, ऊतकों का क्षय होने लगता है तथा शरीर के अंग धीरे-धीरे कार्य करना बन्द कर देते हैं और अन्ततः जीव की मृत्यु हो जाती है। इसे वृद्धावस्था भी कहते हैं।

प्रश्न 17. अपनी जटिलता के बावजूद बड़े जीवों ने लैगिक प्रजनन को पाया है, क्यों ?
उत्तर :- लैंगिक प्रजनन जटिल तथा धीमी गति से होने के बावजूद भी अनेक रूप से उत्तम है। इस प्रकार के जनन के दौरान गुणसूत्रों का विनिमय होने से नये लक्षण विकसित होते हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानान्तरित होते रहते हैं। गुणसूत्रों के आदान-प्रदान से विभिन्नताएँ भी उत्पन्न होती हैं, जो जैव विकास में सहायक होती हैं। अपने इन्हीं गुणों के कारण बड़े जीवों में लैंगिक जनन पाया जाता है।

प्रश्न 18. व्याख्या करके बताएँ कि अर्द्धसूत्री विभाजन तथा युग्मकजनन सदैव अन्तर-सम्बन्धित (अन्तर्बद्ध) होते हैं।
उत्तर :- लैंगिक जनन करने वाले जीवधारियों में प्रजनन के समय अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis) तथा युग्मकजनन (gametogenesis) प्रक्रियाएँ होती हैं। सामान्यतया लैंगिक जनन करने वाले जीव द्विगुणित (diploid) होते हैं। युग्मक निर्माण प्रक्रिया को युग्मकजनन (gametogenesis) कहते हैं। शुक्राणुओं के निर्माण को शुक्रजनन तथा अण्डाणुओं के निर्माण को अण्डजनन कहते हैं। इनका निर्माण क्रमशः नर तथा मादा जनदों (gonads) में होता है। युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है, अर्थात् युग्मक अगुणित (haploid) होते हैं। युग्मकजनन प्रक्रिया अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा होती है। अतः युग्मकजनन तथा अर्द्धसूत्री विभाजन क्रियाएँ अन्तरसम्बन्धित (अन्तर्बद्ध) होती हैं। निषेचन के फलस्वरूप नर तथा मादा अगुणित युग्मक संयुग्मन द्वारा द्विगुणित युग्माणु (diploid zygote) बनाता है। द्विगुणित युग्माणु से भ्रूणीय परिवर्धन द्वारा नए जीव का विकास होता है।

प्रश्न 19. प्रत्येक पुष्पीय पादप के भाग को पहचानिए तथा लिखिए कि वह अगुणित (n) है या द्विगुणित (2n)

1.अण्डाशय

2. परागकोश

3. अण्डा या डिम्ब

4. पराग

5. नर युग्मक

6. युग्मनज

उत्तर :- 
पुष्पीय भाग –

1. अण्डाशय (Ovary) – द्विगुणित (2n)

2. परागकोश (Anther) – द्विगुणित (2n)

3. अण्डा या डिम्ब (Ova) – अगुणित (n)

4. परागकण (Pollen grain) – अगुणित (n)

5. नर युग्मक (Male gamete) – अगुणित (n)

6. युग्मनज (Zygote) – द्विगुणित (2n)

[युग्मनज (zygote) शुक्राणु तथा अण्ड के मिलने से बनी द्विगुणित संरचना (2n) होती है।

प्रश्न 20. बाह्य निषेचन की व्याख्या कीजिए। इसके नुकसान बताइए।
उत्तर :- 
बाह्य निषेचन (External Fertilization) – शुक्राणु (नरे युग्मक) तथा अण्ड (मादा युग्मक) के संयुग्मन या संलयन को निषेचन कहते हैं। इसके फलस्वरूप द्विगुणित युग्माणु (diploid zygote) का निर्माण होता है। अधिकांश शैवालों, मछलियों में और उभयचर प्राणियों में शुक्राणु (नर युग्मक) तथा अण्ड (मादा युग्मक) का संलयन शरीर से बाहर जल में होता है, इसे बाह्य निषेचन (external fertilization) कहते हैं।

बाह्य निषेचन से हानियाँ (Disadvantages of External Fertilization) –

1.जीवधारियों को अत्यधिक संख्या में युग्मकों का निर्माण करना होता है जिससे निषेचन के अवसर बढ़ जाएँ अर्थात् इनमें युग्मक संलयन के अवसर कम होते हैं।

2. संतति अत्यधिक संख्या में उत्पन्न होती हैं।

3. संतति शिकारियों द्वारा शिकार होने की स्थिति से गुजरती है, इसके फलस्वरूप इनकी उत्तरजीविता जोखिमपूर्ण होती है अर्थात् सन्तानें कम संख्या में जीवित रह पाती हैं।

प्रश्न 21. जूस्पोर (अलैगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेद करें।
उत्तर :- 
जूस्पोर (अलैंगिक चल बीजाणु) – यह नग्न, चल, कशाभिका युक्त संरचना है जो अलैंगिक जनन की इकाई है। इनका निर्माण जनक कोशिका के जीवद्रव्य से सूत्री विभाजन द्वारा होता है। इनके अग्र भाग पर स्थित कशाभिका जल में तैरने हेतु सहायक होती हैं। ये चलबीजाणु धानी में बनते हैं। उदाहरण – यूलोथ्रिक्स, क्लेमाइडोमोनास आदि।

युग्मनज (Zygote) – लैंगिक जनन के दौरान नर तथा मादा युग्मकों (gametes) के निषेचन से बनी रचना, युग्मनज कहलाती है। यह द्विगुणित (diploid = 2n) होता है तथा विकसित होकर भ्रूण अथवा लार्वा में परिवर्तित हो जाता है। लैंगिक जनन करने वाले जीवों का विकास युग्मनज से होता है। बाह्य निषेचन करने वाले जीवों में युग्मनज का निर्माण बाह्य माध्यम (जल) में होता है; जैसे – मेढ़क जबकि आन्तरिक निषेचन करने वाले जीवों में यह मादा के शरीर में विकसित होता है; जैसे – मनुष्य आदि।

प्रश्न 22. युग्मकजनन एवं भ्रूणोद्भव के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- 
UP Board Solutions for Class 12 Biology Chapter 1 Reproduction in Organisms Q.14

प्रश्न 23. एक पुष्प में निषेचन-पश्च परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- पुष्प में निषेचन-पश्च परिवर्तन (Post fertilization development in a flower)-पुष्पीय पौधों में दोहरा निषेचन तथा त्रिक संलयन (double fertilization and triple fusion) होता है। इसके फलस्वरूप भ्रूणकोष (embryo sac) में द्विगुणित युग्मनज (zygote) तथा त्रिगुणित प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक (primary endospermic nucleus) बनता है। इनसे क्रमशः भ्रूण (embryo) तथा भूणपोष (endosperm) बनता है। भ्रूणपोष विकासशील भ्रूण को पोषण प्रदान करता है। इसके साथ-साथ बीजाण्ड में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं जिसके फलस्वरूप बीजाण्ड से बीज तथा अण्डाशय से फलावरण (pericap) का निर्माण होता है।

1.बीजाण्डवृन्त – बीजवृन्त बनाता है।

2. अध्यावरण – बीजावरण बनाता है।

3. अण्डद्वार – बीजद्वार बनाता है।

4. बीजाण्डकाय (nucellus) – प्रायः नष्ट हो जाता है, कभी-कभी भोजन संचित होने के कारण पेरिस्पर्म (perisperm) बनाता है।

1.भ्रूणकोष (embryosac)

* अण्ड कोशिका (egg cell) – भ्रूण (embryo) बनाती है।

*सहायक कोशिकाएँ (synergids) – नष्ट हो जाती हैं।

*प्रतिमुख कोशिकाएँ (antipodal cells) – नष्ट हो जाती हैं।

*ध्रुवीय केन्द्रक (polar nuclei) – भ्रूणपोष बनाता है।

1. अण्डाशय की भित्ति – फलभित्ति बनाती है। बीज में भ्रूण सुप्तावस्था में रहता है। बीज चारों ओर से बाह्यकवच तथा अन्त:कवच (testa & tegmen) से बने अध्यावरण से घिरा होता है। भ्रूण बीजपत्रों के मध्य स्थित होता है। फलभित्ति की संरचना के आधार पर फल सरस अथवा शुष्क होते हैं।

प्रश्न 24. एक द्विलिंगी पुष्प क्या है? अपने आस-पास से पाँच द्विलिंगी पुष्पों को एकत्र कीजिए और अपने शिक्षक की सहायता से इनके सामान्य (स्थानीय) एवं वैज्ञानिक नाम पता कीजिए।
उत्तर :- द्विलिंगी पुष्प (Bisexual flower) – जब पुष्प में पुमंग (androecium) तथा जायांग (gynoecium) दोनों होते हैं तो पुष्प द्विलिंगी (bisexual) कहलाता है। सामान्यतया समीपवर्ती क्षेत्रों में पाए जाने वाले द्विलिंगी पुष्प जैसे –

1.सरसों – बेसिका कैम्पेस्ट्रिस (Brassica campestris)

2. मूली – रेफेनस सैटाइवस (Raphanus sativus)

3. मटर – पाइसम सटाइवम (Pisum sativum)

4. सेम – डॉलीकोस लबलब (Dolichos tablab)

5. अमलतास – केसिया फिस्टुला (Cassia fistula)

6. गुड़हल – हिबिस्कस रोजा सिनेन्सिस (Hibiscus rosa sinensis)

प्रश्न 25. किसी भी कुकुरबिट पादप के कुछ पुष्पों की जाँच कीजिए और पुंकेसरी व स्त्रीकेसरी पुष्पों को पहचानने की कोशिश कीजिए। क्या आप अन्य एकलिंगी पौधों के नाम जानते हैं?
उत्तर :- 
कुकुरबिट पादप पुष्प एकलिंगी होते हैं। नर पुष्प में जायांग अनुपस्थित होता है। पुष्प में पाँच पुंकेसर होते हैं। ये प्राय: 2 + 2 + 1 के रूप में संयुक्त रहते हैं। इनके परागकोश व्यावृत (twisted) होते हैं।

मादा पुष्प में पुमंग (androecium) अनुपस्थित होता है। जायांग त्रिअण्डपी, युक्ताण्डपी, एककोष्ठीय तथा अधोवर्ती अण्डाशय से बना होता है। इसमें भित्तिलग्न बीजाण्डन्यास होता है। अण्डाशय से विकसित सरल सरस फल पेपो (pepo) कहलाता है।
अन्य एकलिंगी पौधे –

1. मक्का – जिआ मेज (Zeq muys)

2. खजूर – फीनिक्स सिल्वेस्ट्रिस (Phoenix sylvestris)

3. पपीता – कैरिका पपाया (Carica papaya)

4. नारियल – कोकोस न्यूसीफेरा (Cocos nucifera)

प्रश्न 26. अण्डप्रजक प्राणियों की सन्तानों का उत्तरजीवन (सरवाइवल) सजीवप्रजक प्राणियों की तुलना में अधिक जोखिमयुक्त क्यों होता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- अण्डप्रजक (oviparous) प्राणियों में निषेचित अण्डे (युग्मनज) का विकास मादा प्राणी के शरीर से बाहर होता है। मादा कैल्सियमयुक्त कवच से ढके अण्डों को सुरक्षित स्थान पर निक्षेपित करती है। अण्डों में भ्रूणीय विकास के फलस्वरूप शिशु का विकास होता है। शिशु निश्चित अवधि के पश्चात अण्डे के स्फुटन के फलस्वरूप मुक्त हो जाता है। अण्डप्रजक में बाह्य परिवर्द्धन (external development) होता है। यह पर्यावरणीय प्रतिकूल परिस्थितियों तथा शिकारी प्राणियों से प्रभावित होता है। इसके फलस्वरूप इन प्राणियों की उत्तरजीविता अधिक जोखिमयुक्त होती है। अण्डप्रजक प्राणियों को विकास के लिए कम समय मिलता है। अत: इन जीवों में आन्तरिक परिपक्वता सजीवप्रजक की तुलना में कम होती है। जैसे – मत्स्य, उभयचर, सरीसृप तथा पक्षी वर्ग के प्राणी अण्डप्रजक होते हैं।

सजीवप्रजक (जरायुज – viviparous) में निषेचित अण्डे (युग्मनज) का परिवर्द्धन मादा प्राणी के शरीर में होता है। इसे आन्तरिक परिवर्द्धन (internal development) कहते हैं। शिशु का विकास पूरा होने के पश्चात् प्रसव द्वारा इनका जन्म होता है, शिशु का विकास आन्तरिक होने के कारण और परिवर्द्धन में अधिक समय लगने के कारण इनकी उत्तरजीविता अपेक्षाकृत कम जोखिमपूर्ण होती है। आन्तरिक परिवर्द्धन होने के कारण ये बाह्य वातावरण तथा बाह्य परभक्षी जीवों से सुरक्षित रहते हैं। यही कारण है कि सजीवप्रजक की उत्तरजीविता अण्डप्रजक की अपेक्षा अधिक होती है।

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