शिक्षा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. जे० कृष्णमूर्ति की इनमें से कौन सी रचना है ?

(A) रोज
(B) बातचीत
(C) सम्पूर्ण क्रांति
(D) शिक्षा

Answer ⇒ (D)

2. जे० कृष्णमूर्ति का जन्म कहाँ हुआ था ?

(A) उत्तरप्रदेश में
(B) आन्ध्रप्रदेश में
(C) मध्यप्रदेश में
(D) कर्नाटक में

Answer ⇒ (B)

3. माँ की मृत्यु के समय जे० कष्णमति कितने वर्ष के थे ?

(A) 10 वर्ष
(B) 12 वर्ष
(C) 15 वर्ष
(D) 20 वर्ष

Answer ⇒ (A)

4. जे० कृष्णमूर्ति की ‘शिक्षा’ कृति क्या है ?

(A) संभाषण
(B) निबंध
(C) संस्मरण
(D) एकांकी

Answer ⇒ (A)

5. मेधा कहाँ नहीं हो सकती है ?

(A) जहाँ स्वतंत्रता हो
(B) जहाँ भय हो
(C) जहाँ अनुशासनहीनता हो
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

6. लेखक के अनुसार कुछ परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लेने से कहीं ज्यादा कठिन क्या है ?

(A) जीवन में उन्नति करना
(B) जीवन खुशी पूर्वक व्यतीत करना
(C) जीवन को समझना
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

7. लेखक के अनुसार सच्ची शिक्षा हमें क्या देती है ?

(A) रोजगार
(B) प्रसिद्धि
(C) व्यापकता
(D) इनमें कोई नहीं

Answer ⇒ (C)

8. बचपन में किस वातावरण में रहना आवश्यक है ?

(A) स्वतंत्र
(B) अनुशासित
(C) दायित्वपूर्ण
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

9. जिंदगी का अर्थ क्या है ?

(A) धन कमाना
(B) प्रसिद्धि प्राप्त करना
(C) सत्य की खोज करना
(D) सत्य प्राप्त करना

Answer ⇒ (C)

10. जे कृष्णमूर्ति के अनुसार मानव के विचारों को, उसके सम्बन्धों तथा उसके प्रेम को कौन नष्ट कर देता है ?

(A) उत्साह
(B) नाराजगी
(C) खुशी
(D) भय

Answer ⇒ (D)

11. जे कृष्णमूर्ति के अनुसार, सम्पूर्ण विश्व किस ओर अग्रसर है ?

(A) विकास की ओर
(B) नाश की ओर ‘
(C) प्रतिस्पर्धा की ओर
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

12. ‘द फार्स्ट एंड लास्ट फ्रीडम’ किसकी कृति है ?

(A) मलयज की
(B) मोहन राकेश की
(C) जे० कृष्णमूर्ति की
(D) अब्दुल कलाम आजाद की

Answer ⇒ (C)

13. साम्यवादी किससे लड़ रहा है ?

(A) समाजवादी से
(B) पूँजीपति से
(C) सत्तावादी से
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B)

14. जे० कृष्णमूर्ति का जन्म कब हुआ था ?

(A) 12 मई 1895 को
(B) 18 जून 1892 को
(C) 23 मई 1898 को
(D) 15 अगस्त 1902 को

Answer ⇒ (A)

15. जे० कृष्णमूर्ति का पूरा नाम था ।

(A) जयंत कृष्णमूर्ति
(B) जिद्दू कृष्णमूर्ति
(C) जीवंत कृष्णमूर्ति
(D) जनेश कृष्णमूर्ति

Answer ⇒ (B)

16. ‘द फर्स्ट एंड लास्ट फ्रीडम’ किसकी कृति है ?

(A) अब्दुल कलाम आजाद
(B) पट्टाभि सीतारमैया
(C) जे० कृष्णमूर्ति
(D) जाबिर हुसैन

Answer ⇒ (C)

17. जे० कृष्णमूर्ति के संबंध में कौन-सा तथ्य सही है ?

(A) वे प्रायः लिखते थे .
(B) वे उपन्यासकार थे
(C) वे प्रसिद्ध नाटककार थे
(D) वे प्रायः बोलते थे, संभाषण करते थे

Answer ⇒ (D)

18. ‘शिक्षा’ पाठ के रचयिता कौन है ?

(A) महात्मा गाँधी
(B) विनोबा भावे
(C) जगदीशचंद्र माथुर
(D) जे० कृष्णमूर्ति

Answer ⇒ (D)

19. जे कृष्णमूर्ति का जन्म किस राज्य में हआ था ?

(A) आंध्र प्रदेश में
(B) उत्तर प्रदेश में
(C) राजस्थान में
(D) उड़ीसा में

Answer ⇒ (A)

20. लोडबेटर किनमें “विश्व शिक्षक’ के रूप देखते थे ?

(A) राधाकृष्णन में
(B) राजेन्द्र प्रसाद में
(C) गाँधी में
(D) जे० कृष्णमूर्ति में

Answer ⇒ (D)

21. जे० कृष्णमूर्ति की इनमें से कौन-सी रचना है ?

(A) रोज
(B) संपूर्ण क्रान्ति
(C) बातचीत
(D) शिक्षा

Answer ⇒ (D)

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. शिक्षा का क्या अर्थ है एवं इसके क्या कार्य हैं ? स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ मानव जीवन के सर्वांगीण विकास का अर्थ शिक्षा है। इसमें मनुष्य का साक्षरता बुद्धिमत्ता, जीवन-कौशल व अन्य सभी समाजोपयोगी गुण पाये जाते हैं। शिक्षा के अन्तर्गत विद्यार्थी का विद्यालय जाना, विविध विषयों की पढ़ाई करना, परीक्षाएँ उत्तीर्ण होना, जीवन में ऊँचा स्थान प्राप्त करना, दूसरों से स्पर्धा करना, संघर्ष करना एवं जीवन के सर्व पहलुओं का समुचित अध्ययन करना-ये सारी चीजें शिक्षा के अन्तर्गत आती हैं। साथ ही जीवन को ही समझना शिक्षा है।

शिक्षा के कार्य-शिक्षा का कार्य केवल मात्र कुछ नौकरियों और व्यवसायों के योग्य बनाना ही नहीं है बल्कि संपूर्ण जीवन की प्रक्रिया बाल्यकाल से ही समझाने में सहयोग करना है एवं स्वतंत्रतापूर्ण परिवेश हेतु प्रेरित करना भी।

2. जीवन क्या है ? इसका परिचय लेखक ने किस रूप में दिया है ?

उत्तर ⇒ लेखक जे. कृष्णमूर्ति ने जीवन के व्यापक स्वरूप को हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। जीवन बडा अदभत. असीम और अगाध तत्व है। जीवन अनंत रहस्यों से युक्त एक विशाल साम्राज्य है, जिसमें मानव कर्म करते हैं। जीवन समुदायों, जातियों और देशों का पारस्परिक सघष है। जीवन ध्यान है, जीवन धर्म है, जीवन गूढ़ है, जीवन विराट है, जीवन सुख-दुख और भय से युक्त होते हुये भी आनंदमय है।

जीवन का परिचय देते हुए लेखक का मानना है कि इसमें अनेक विविधताओं, अनंतताओं के साथ रहस्य अनेकों भी मौजूद हैं। यह कितना विलक्षण है। प्रकृति में उपस्थित पक्षीगण, फूल, वैभवशाली वृक्षों, सरिताओं, आसमान के तारों में भी लेखक को जीवन का रूप दिखाई पड़ता है। लेखक जे. कृष्णमूर्ति ने जीवन का परिचय सर्वरूपों में दिया है।

3. ‘बचपन से ही आपका ऐसे वातावरण में रहना अत्यंत आवश्यक है जो स्वतंत्रतापूर्ण हो।’ क्यों ?

उत्तर ⇒ बचपन से ही स्वतंत्रतापूर्ण वातावरण में रहना आवश्यक है जहाँ भय की गुंजाइश नहीं हो। मनचाहे कार्य करने की स्वतंत्रता नहीं बल्कि ऐसा वातावरण जहाँ स्वतंत्रतापूर्वक जीवन की संपूर्ण प्रक्रिया समझी जा सके। जिससे सच्चे जीवन का विकास संभव हो पाये। क्योंकि भयपूर्ण वातावरण मनुष्य का ह्रास कर सकता है विकास नहीं। इसलिए लेखक जे० कृष्णमूर्ति का यह सत्य और सार्थक कथन है कि बचपन से ही आपका ऐसे वातावरण में रहना अत्यंत आवश्यक है जो स्वतंत्रतापूर्ण हो।

4. जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती, क्यों ?

उत्तर ⇒ मेधा वह शक्ति है जिससे मनुष्य सिद्धान्तों की अनुपस्थिति में भी निर्भयतापूर्वक सोचता है ताकि वह सत्य और यथार्थ को समझ सके। यदि मनुष्य भयभीत रहता है तो कभी मेधावी नहीं हो सकेगा। किसी प्रकार की महत्वाकांक्षा चाहे आध्यात्मिक हो या सांसारिक-चिन्ता और भय का निर्माण करती है। जबकि ठीक इसके विपरीत निर्भीक वातावरण में मेधा का जन्म होता है। इसलिये जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती।

5. जीवन में विद्रोह का क्या स्थान है ?

उत्तर ⇒ जीवन में अनुभवों के उच्च शिखर पर विद्रोह का स्थान तय हआ है। अधिकांश व्यक्ति किसी-न-किसी रूप में भयभीत रहता है। गहराई से इसकी अद्भुत सौंदर्य क्षमता का मनुष्य तभी एहसास कर पाता है, जब वह प्रत्येक वस्तु के साथ विद्रोह करता है। संगठित धर्म के खिलाफ, परम्परा के खिलाफ और सड़े हुए समाज के खिलाफ जब कोई विद्रोह करता है तो उसे वास्तविक जीवन के सत्य का साक्षात्कार होता है। विद्रोह से लक्ष्य की प्राप्ति होती है। इससे समस्याग्रस्त जीवन समाधान पा लेता है। अत: जीवन में विद्रोह का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है।

6. नूतन विश्व का निर्माण कैसे हो सकता है ?

उत्तर ⇒ समाज में सर्वत्र भय का संचार है, लोग एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या-द्वेष से भरे हुए । इस स्थिति से दूर पूर्ण स्वतंत्र निर्भयतापूर्ण वातावरण बनाकर एक भिन्न समाज का निर्माण हैं। कर हम नूतन विश्व का निर्माण कर सकते हैं। हमें स्वतंत्रतापूर्ण वातावरण तैयार करना होगा जिसमें व्यक्ति अपने लिए सत्य की खोज कर सके, मेधावी बन सके। क्योंकि सत्य की खोज तो केवल वे ही कर सकते हैं जो सतत इस विद्रोह की अवस्था में रह सकते हैं, वे नहीं, जो परंपराओं को स्वीकार करते हैं और उनका अनुकरण करते हैं। हमें सत्य, परमात्मा अथवा प्रेम तभी उपलब्ध हो सकते हैं जब हम अविच्छिन्न खोज करते हैं, सतत् निरीक्षण करते हैं और निरंतर सीखते हैं। इस तरह हमारे समाज में न ईर्ष्या द्वेष और न भय का वातावरण रहेगा, मेधाशक्ति का पूर्ण उपयोग हो । स्वतंत्रतापूर्ण व्यक्ति जीवन जिएगा तो निसंदेह ही नूतन विश्व का निर्माण होगा।

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