वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘हँसते हुए मेरा अकेलापन’ के लेखक कौन हैं ?
(A) उदय प्रकाश
(B) मलयज
(C) मोहन राकेश
(D) जगदीशचन्द्र माथुर
Answer ⇒ (B)
2. मलयज की कौन सी रचना है ?
(A) तिरिछ
(B) जूठन
(C) सिपाही की माँ
(D) हँसते हुए मेरा अकेलापन
Answer ⇒ (D)
3. मलयज का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) छतीसगढ़
(B) अलीगढ़
(C) आजमगढ़
(D) रामगढ़
Answer ⇒ (C)
4. मलयज ने किंस मंत्रालय में नौकरी की ?
(A) कृषि मंत्रालय
(B) रेल मंत्रालय
(C) वित्त मंत्रालय
(D) शिक्षा मंत्रालय
Answer ⇒ (A)
5. मलयज के पिता का क्या नाम था ?
(A) रामनाथ वर्मा
(B) त्रिलोकी नाथ वर्मा
(C) दीनानाथ वर्मा
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
6. मलयज के अनुसार, किस कर्म के बिना मानवीयता अधूरी है ?
(A) रचनात्मक कर्म
(B) आत्मपरक कर्म
(C) श्रेयकर्म
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
7. मलयज छात्र जीवन में किस रोग से ग्रसित थे ?
(A) मधुमेह
(B) कैंसर
(C) क्षयरोग
(D) हैजा
Answer ⇒ (C)
8. सेब बेचने वाली लड़की की आयु कितनी थी ?
(A) सात-आठ साल
(B) दस-बारह साल
(C) पन्द्रह-सोलह साल
(D) इक्कीस-बाइस साल
Answer ⇒ (A)
9. सूचना केन्द्र में लेखक को आकर्षित करनेवाला अधेड़ व्यक्ति कौन था ?
(A) बलभद्र मिश्रा
(B) बलभद्र ठाकुर
(C) बलभद्र शर्मा
(D) बलभद्र वर्मा
Answer ⇒ (B)
10. निम्नलिखित में से कौन-सी मलयज की आलोचना है ?
(A) भाषा विज्ञान
(B) रससिद्धान्त
(C) कविता से साक्षात्कार
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
11. पेड़ किसलिए काटे जा रहे है ?
(A) बेचने के लिए
(B) ईधन के लिए
(C) घर बनाने के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
12. कौन-सी रचना मलयज की है ?
(A) रसातल यात्रा
(B) हुंकार
(C) जख्म पर फूल
(D) सदियों का संताप
Answer ⇒ (C)
13. मेलंयज ने ‘जख्म पर फूल’ नामके कविता कब लिखी ?
(A) 1970 ई० में
(B) 1971 ई० में
(C) 1972 ई० में
(D) 1973 ई० में
Answer ⇒ (B)
14. मलयज की माँ का नाम क्या था ?
(A) प्रभावती
(B) कलावती
(C) हीरावती
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
15. मलयज ने एम०ए० किस विश्वविद्यालय से किया ?
(A) बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
(B) जोधपुर विश्वविद्यालय ।
(C) इलाहाबाद विश्वविद्यालय
(D) पटना विश्वविद्यालय
Answer ⇒ (C)
16. सुरक्षा कहाँ हो सकती है ?
(A) घर के भीतर
(B) अँधेरे में
(C) पलायन में
(D) चुनौती को झेलने में
Answer ⇒ (D)
17. रेचने और भोगने का रिश्ता कैसा होता है ?
(A) द्वंद्वात्मक
(B) सहयोगात्मक
(C) नकारात्मक
(D) निषेधात्मक
Answer ⇒ (A)
18. हँसते हुए मेरा अकेलापन के लेखक है ।
(A) मोहन राकेश
(B) मलयज
(C) उदय प्रकाश
(D) अज्ञेय
Answer ⇒ (B)
19. मलयज का जन्म हुआ था ।
(A) 1935 ई० में
(B) 1942 ई० में
(C) 1944 ई० में
(D) 1936 ई० में
Answer ⇒ (A)
20. मलयज का मूल नाम था ।
(A) रमेश श्रीवास्तव
(B) भरत जी श्रीवास्तव
(C) सुधाकर श्रीवास्तव
(D) रामेश्वर श्रीवास्तव
Answer ⇒ (B)
21. कौन-सी रचना मलयज की है ?
(A) एक चादर मैली सी
(B) भीनी-भीनी बीनी चदरिया
(C) कविता से साक्षात्कार
(D) मौत मुस्कुराई
Answer ⇒ (C)
22. कौन-सी रचना मलयज की नहीं है ?
(A) जख्म पर धूल
(B) संवाद और एकालाप
(C) ‘रामचंद्र शुक्ल’
(D) सुनो राधिके
Answer ⇒ (D)
23. कविता-संग्रह है ।
(A) ‘जख्म पर धूल’
(B) रामचंद्र शुक्ल’
(C) ‘हँसते हुए मेरा अकेलापन’
(D) ‘कविता से साक्षात्कार’
Answer ⇒ (A)
24. “हँसते हुए मेरा अकेलापन’ किस विधा में लिखित है ?
(A) पत्र विधा में
(B) डायरी विधा में
(C)कथा विद्या में
(D) जीवनी विद्या में
Answer ⇒ (B)
25. ‘हर आदमी उस संसार को रचता है जिसमें वह जीता है और भोगता है।” यह कथन किसका है ?
(A) जयशंकर प्रसाद का
(B) ‘अज्ञेय’ का
(C) मलयज का
(D) प्रेमचंद का
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. डायरी क्या है ?
उत्तर ⇒ डायरी दैनिक वृत्त की पुस्तक है, इसे दैनंदिनी भी कहा जाता है। इसमें जीवन के प्रतिदिन की घटनाओं व अनुभवों का वर्णन होता है। किसी व्यक्ति की डायरी से उसके मन के भाव, उसके जीवन के लक्ष्य, जीवन की स्थितियाँ परिलक्षित होती है। डायरी किसी के जीवन का दर्पण है।
2. किस तारीख की डायरी आपको सबसे प्रभावी लगी और क्यों ?
उत्तर ⇒ हमें 3 मार्च 81 की डायरी सबसे ज्यादा प्रभावली लगी। इस तिथि की डायरी में लेखक ने मनुष्य जीवन का बड़ा ही सटीक एवं यथार्थ चित्र प्रस्तुत किया है। मनुष्य विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों को झेलते हुए इस संसार में अपना अस्तित्व बनाये रखने का प्रयास करता है। वह तनाव में जीता है। लक्ष्य प्राप्ति की इच्छा से वह सदा प्रयत्नशील रहता है। मानव-जीवन इस विशिष्टता से विशेष प्रभावित होता है।
3. ‘धरती का क्षण’ से क्या आशय है ?
उत्तर ⇒ लेखक कविता के मूड में जब डायरी लिखते हैं तो शब्द और अर्थ के मध्य की दूरी अनिर्धारित हो जाती है। शब्द अर्थ में और अर्थ शब्द में बदलते चले जाते हैं, एक दूसरे को पकड़ते-छोड़ते हुए। शब्द और अर्थ का जब साथ नहीं होता तो वह आकाश होता है जिसमें रचनाएँ बिजली के फूल की तरह खिल उठती हैं किन्तु जब इनका साथ होता है तो वह धरती का क्षण होता है और उसमें रचनाएँ जड़ पा लेती हैं। प्रस्फटन का आदि मोत पा जाती है। अतः यह कहना उचित है कि शब्द और अर्थ दोनों एक-दूसरे के पूरक है।
4. रचे हुए यथार्थ और भोगे हुए यथार्थ में क्या संबांध है ?
उत्तर ⇒ मनुष्य अपना-अपना यथार्थ स्वयं रचता है और उस रचे हये यथार्थ का दसरो को दे देता है। प्रत्येक का भोगा हुआ यथार्थ एक दिया हुआ यथार्थ है। भोगा दसरों के दिये हए हिस्से होते हैं। हिस्से यथार्थ का एक सामूहिक नाम है। का रिश्ता द्वंद्वात्मक होते हुए भी इन दोनों की जड़े एक-दूसरे में हैं और वहीं से ले जा पोषण रस पाती है। ये दोनों एक-दूसरे को बनाते-मिटाते भी रहते हैं। हर आदमी ऐसे को रचता है, जिसमें वह जीता है और भोगता है। लेकिन रचा हुआ यथार्थ से भोग यथार्थ अलग होता है, ऐसा कहा जा सकता है।
5. लेखक के अनुसार सुरक्षा कहाँ है ? वह डायरी को किस रूप में देखना चाहता है ?
उत्तर ⇒ लेखक मलयज के अनुसार सुरक्षा डायरी में नहीं, बल्कि सूरज के पूर्ण प्रकाश में है। अंधेरे में तो पल भर की धुक-धुकी के साथ छुपा जा सकता है। किन्तु लड़ने, पिसने, खटने और चुनौती को स्वीकारने में ही वास्तविक जीवन है। पलायन व स्वयं को बचाने में जीवन की सुरक्षा नहीं बल्कि साहस के साथ चुनौती को स्वीकार कर पूर्ण संघर्षरत प्रकाशित जीवन जीने में ही सुरक्षा माननी चाहिये, लेखक का अभिमत भी ऐसा ही है।
6. हरिचरण को हरचरना क्यों कहा गया है ?
उत्तर ⇒ हरिचरण तत्सम (संस्कृतनिष्ठ) शब्द है और वह संभ्रांत नाम की संस्कृति का परिचायक है तथा हरचरणा ग्रामीण संस्कृति का शब्द है। हरिचरण विशिष्ट आदमी का प्रतिनिधि हो सकता है। हरिचरण शब्द से परिस्थिति के अनुकूल गाँव की फटेहाली, उसकी गरीबी एवं उसका क्षोभ व्यक्त नहीं होता है जो हरिचरण से होता है। इसलिए कवि ने हरिचरण को हरचरणा कहा है।
7. डायरी का लिखा जाना क्यों मुश्किल है ?
उत्तर ⇒ डायरी मन का कूड़ा है। डायरी में शब्दों और अर्थों के बीच तटस्थता कम रहती है। डायरी में व्यक्ति अपने मन की बातों को कागज पर उतारता है। वह अपने यथार्थ को अपने ढंग से अपने समझने योग्य शब्दों में लिखता है। डायरी खुद के लिए लिखी जाती है, दूसरों के लिए नहीं। डायरी लिखने में अपने भाव के अनुसार शब्द नहीं मिल पाते हैं। यदि शब्दों का भंडार है भी तो उन शब्दों के लायक वे भाव ही न होते हैं। डायरी में मुक्ताकाश भी होता है, तो सूक्ष्मता भी। शब्दार्थ और भावार्थ मेल के कारण डायरी का लिखा जाना मुश्किल है।