महत्वपूर्ण तथ्य
1.बहादुर’ शीर्षक पाठ साहित्य की कहानी – विद्या के अन्तर्गत आता है।
2.प्रस्तुत पाठ के लेखक का नाम श्री अमरकांत हैं।
3.लेखक का जन्म 1925 ई० में नागर बलिया (उत्तर प्रदेश) जिले के एक गाँव में हुआ था।
4.उन्हें कथा-लेखन के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ भी प्राप्त हो चुका है।
5.आजादी के बाद के हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण कथाकार अमरकांत की कहानियों में मध्यवर्ग विशेषकर निम्न मध्यवर्ग के जीवनानुभवों और जिजीविषा का बेहद प्रभावशाली और अन्तरंग चित्रण मिलता है।
6.प्रस्तुत कहानी में मँझोले शहर के नौकर की लालसा वाले एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में काम करनेवाले बहादुर की कहानी है- एक नेपाली गँवई गोरखे की।
7.इनके कई कहानी-संग्रह और उपन्यास हैं- ‘जिंदगी और जोंक’, ‘देश के लोग’, ‘मौत का नगर’, ‘मित्र – मिलन’, ‘कुहासा’ आदि।
8.लेखक को नौकर रखना अति आवश्यक हो गया था, क्योंकि उनके भाई और रिश्तेदारों के घर नौकर थे।
9.एक लड़का माँ से मार खाकर वहाँ से भाग आया था।
10.लेखक को बस स्टेशन पर उससे भेंट होती है।
11.लड़का अपना नाम दिलबहादुर बताता है। लेखक के यहाँ वह नौकर रहता है, जहाँ उसका नाम बहादुर हो जाता है।
12.बहादुर अति हँसमुख तथा मेहनती लड़का था। लेखक की पत्नी निर्मला ऐसे नौकर को पाकर अपने-आपको धन्य मानती थी।
13.बहादुर घर का सारा काम करने लगा, जैसे- सवेरे उठकर नीम के पेड़ से दातुन तोड़ना, घर की सफाई करना, कमरों में पोंछा लगाना, अँगीठी जलाना, चाय बनाना तथा पिलाना, दोपहर में कपड़े धोना, बर्तन मलना आदि।
14.वह कृतज्ञ बालक था। निर्मला के पूछने पर बताया- माँ बहुत मारती थी, इसलिए उसकी याद नहीं आती, परन्तु पैसा भेजने के संबंध पर बोला- माँ-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है।
15.उसके गीत को सुनकर लेखक को लगता कि जैसे कोई पहाड़ की निर्जनता में अपने किसी बिछुड़े हुए साथी को बुला रहा है।
16.लेखक अपने को ऊँचा तथा मुहल्ले के लोगों को तुच्छ मानने लगा, क्योंकि उनके यहाँ नौकर था।
17.बहादुर की वजह से घर के लोग आलसी हो गए।
18.कभी-कभी एक गलती के लिए निर्मला और कौशल दोनों ही मारते थे, जिस कारण बहादुर से अधिक गलतियाँ होने लगीं।
19.लेखक के यहाँ आई एक रिश्तेदार के रुपये गुम हो जाते हैं। दोष बहादुर पर लगता है।.
20.लेखक के पूरे परिवार की मार डाँट से तंग आकर बहादुर जान बचाकर वहाँ से भाग पड़ता है।
21.लेखक बहादुर का त्याग देखकर भौंचक्का रह जाता है, क्योंकि उसने अपनी तनख्वाह, वस्त्र, विस्तर तथा जूते सब कुछ वहीं छोड़ गया था।
22.लेखक बहादुर की ईमानदारी तथा उसका त्याग देखकर एक अजीब-सी लघुता का अनुभव करता है तथा अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहता है, यदि मैं न मारता, तो शायद वह न जाता ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘मौत का नगर’ किस लेखक की कहानी-संग्रह है ?
(a) अनामिका
(b) महादेवी वर्मा
(c) डॉ० रामविलास शर्मा
(d) अमरकान्त
Ans :- (d) अमरकान्त
2. अमरकान्त को किस कहानी लेखन के लिए पुरस्कृत किया गया ?
(a) मौत का नगर
(b) ग्राम सेविका
(c) डिप्टी कलक्टरी
(d) जिंदगी और जोंक
Ans :- (c) डिप्टी कलक्टरी
3. ‘बीच की दीवार’ किसकी रचना है ?
(a) रामचन्द्र शुक्ल का
(b) अमरकांत जी का
(c) बाबू राम सक्सेना का
(d) गुणाकर मुले का
Ans :- (b) अमरकांत जी का
4. नौ-दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ है ?
(a) रूक जाना
(b) भाग जाना
(c) मार देना
(d) मर जाना
Ans :- (b) भाग जाना
5. बहादुर तुमको अपनी माँ की याद आती है। ऐसा कौन पूछता है ?
(a) निर्मला
(b) किशोर
(c) लेखक
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (a) निर्मला
6. किसने बहादुर की डंडे से पिटाई कर दी ?
(a) कहानीकार
(b) किशोर
(c) फौजी
(d) पहरेदार
Ans :- (b) किशोर
7. नाश्ता-पानी के बाद बातों की क्या छनने लगी ?
(a) पुरी
(b) पुआ
(c) जलेबी
(d) इनमें सभी
Ans :- (c) जलेबी
8. ‘बहादुर’ शीर्षक कहानी के कहानीकार हैं ?
(a) अमरकांत
(b) राजेन्द्र यादव
(c) कमलेश्वर
(d) ज्ञान रंजन
Ans :- (a) अमरकांत
9. निर्मला कौन थी ?
(a) कहानीकार की नौकरानी
(b) कहानीकार की बहन
(c) कहानीकार की पत्नी
(d) कहानीकार की मौसी
Ans :- (c) कहानीकार की पत्नी
10. बहादुर कहाँ से भागकर आया था ?
(a) पूना से
(b) इंदौर से
(c) पटना से
(d) नेपाल से
Ans :- (d) नेपाल से
11. कहानीकार के लड़के का नाम था ?
(a) किसलय
(b) काशू
(c) केशू
(d) किशोर
Ans :- (d) किशोर
12. बहादुर कौन था ?
(a) कहानीकार का चपरासी
(b) पहरेदार
(c) नौकर
(d) फौजी
Ans :- (c) नौकर
13. अमरकांत जी ने स्वाधीनता संग्राम में कब भाग लिया ?
(a) 1943 ई० में
(b) 1941 ई. में
(c) 1942 ई० में
(d) 1939 ई. में
Ans :- (c) 1942 ई० में
14. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था ?
(a) गरीबी के कारण
(b) माँ की मार के कारण
(c) शहर घूमने के लिए
(d) भ्रमवश
Ans :- (b) माँ की मार के कारण
15. रिश्तेदार की पत्नी के कितने रुपए खो गए थे ?
(a) ग्यारह रुपए
(b) पच्चास रुपए
(c) बीस रुपए
(d) सौ रुपए
Ans :- (a) ग्यारह रुपए
16. रुपए खोने का प्रपंच किसने रचा था ?
(a) कहानीकार के मित्र ने
(b) कहानीकार के भाई ने
(c) कहानीकार के रिश्तेदार ने
(d) कहानीकार के साले ने
Ans :- (c) कहानीकार के रिश्तेदार ने
17. जहाँ प्रतिष्ठा नहीं, वहाँ क्या रहना यह बात किसके मन में उत्पन्न हुई ?
(a) किशोर
(b) निर्मला
(c) बहादुर
(d) लेखक
Ans :- (c) बहादुर
18. बहादुर लेखक के घर से अचानक क्यों चल गया ?
(a) दूसरी नौकरी मिल जाने के कारण
(b) माँ की याद आने के कारण
(c) स्वयं के प्रति लेखक तथा उसके घरवालों के व्यवहार में आए परिवर्तन के कारण
(d) उपर्युक्त सभी
Ans :- (c) स्वयं के प्रति लेखक तथा उसके घरवालों के व्यवहार में आए परिवर्तन के कारण
19. ‘बहादूर’ कहानी के लेखक अमरकान्त का जन्म कब हुआ ?
(a) 1920 ई० में
(b) 1925 ई० में
(c) 1930 ई० में
(d) 1935 ई. में
Ans :- (b) 1925 ई० में
20. अमरकान्त का जन्म कहाँ हुआ ?
(a) बलिया, उत्तर प्रदेश
(b) छपरा, बिहार
(c) इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
(d) खगड़िया, बिहार
Ans :- (a) बलिया, उत्तर प्रदेश
21. इन्हें किस पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया ?
(a) पद्मभूषण
(b) साहित्य अकादमी पुरस्कार
(c) भारत रत्न
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (b) साहित्य अकादमी पुरस्कार
22. “जिंदगी और जोंक’ किसकी कहानी है ?
(a) प्रेमचंद
(b) सुदर्शन
(c) महीप सिंह
(d) अमरकांत
Ans :- (d) अमरकांत
23. बहादुर का पूरा नाम क्या था ?
(a) खुश बहादुर
(b) दिल बहादुर
(c) कुल बहादुर
(d) गुल बहादुर
Ans :- (b) दिल बहादुर
24. निर्मला आँखों पर क्या रखकर रोने लगी ?
(a) रूमाल
(b) हाथ
(c) आँचल
(d) इनमें कोई नहीं
Ans :- (c) आँचल
25. लेखक के घर में किसकी नितांत आवश्यकता थी ?
(a) नौकर की
(b) चापलूस की
(c) चपरासी की
(d) पहरेदार की
Ans :- (a) नौकर की
26. माँ के डर से लड़का रात भर कहाँ छिपा रहा ?
(a) पहाड़ों पर
(b) जंगलों में
(c) पड़ोसी के घर
(d) विद्यालय में
Ans :- (b) जंगलों में
27. लड़के ने हंडिया से कितने रुपये निकाले ?
(a) पाँच रुपये
(b) दो रुपये
(c) तीन रुपये
(d) छह रुपये
Ans :- (b) दो रुपये
28. इस मुहल्ले में बहुत …. लोग रहते है ?
(a) तुच्छ
(b) धनी
(c) गरीब
(d) विश्वासी
Ans :- (a) तुच्छ
29. बहादुर लेखक की पत्नी निर्मला को किस रूप में देखता था?
(a) देवी के रूप में
(b) बहन के रूप में
(c) भाभी के रूप में
(d) माँ के रूप में
Ans :- (d) माँ के रूप में
30. बहादुर पर कितने रुपये की चोरी का इल्जाम लगा था ?
(a) 10 रुपये
(b) 11 रुपये
(c) 12 रुपये
(d) 13 रुपये
Ans :- (b) 11 रुपये
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।
उत्तर :- पहला बार दिखे बहादुर की उम्र बारह-तेरह वर्ष की थी। उसका रंग गोरा, मुँह चपटा एवं शरीर ठिगना चकैठ था । वह सफेद नेकर, आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग का पुराना जूता पहने था।
2. कहानीकार ‘अमरकान्त’ को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था ?
उत्तर :- लेखक की पत्नी निर्मला सबेरे से शाम तक खटती रही थीं। सभी रिश्तेदारों के यहाँ नौकर देखकर लेखक को उनसे जलन भी हुई थी। नौकर नहीं होने के कारण लेखक और उसकी पत्नी लगभग अपने को अभागे समझने लगे थे। इन परिस्थितियों में नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था।
3. लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो ?
उत्तर :- लेखक के घर में ऐसा वातावरण उपस्थित हो गया था जिससे लगता था कि लेखक को नौकर रखना अब बहुत जरूरी है। लेकिन नौकर कैसा हो और कहाँ मिलेगा यही प्रश्न लेखक को एक भारी दायित्व के रूप में महसूस हो रहा था । इसी कारण लगता है कि उस पर एक भारी दायित्व आ गया है।
4. बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द क्यों उड़ा दिया गया ? विचार करें।
उत्तर :- प्रथम बार नाम पूछने में बहादुर ने अपना नाम दिलबहादुर बताया । यहाँ दिल शब्द का अभिप्राय भावात्मक परिवेश में है। बहादुर को उदारता से दूर रहकर मन और मस्तिष्क से केवल अपने घर के कार्यों में लीन रहने का उपदेश दिया गया। इस प्रकार से निर्मला द्वारा उसके नाम से दिल शब्द उड़ा दिया गया ।
5. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था ?
उत्तर :- एक बार बहादुर ने अपनी माँ की प्यारी भैंस को बहुत मारा । माना भैंस की मार का काल्पनिक अनुमान करके एक डंडे से उसकी दुगुनी पिटाई की। लड़के का मन माँ से फट गया और वह चुपके से कुछ रुपया लिया और घर से भाग गया।
6. किन कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया ?
उत्तर :- लेखक के घर में प्रारंभ में बहादुर को अच्छा से रखा गया । कुछ समय पश्चात् पत्नी एवं पुत्र दोनों उसकी पिटाई बात-बात पर कर देते थे। एक रिश्तेदार लेखक ने भी बहादुर की पिटाई कर दी। बार-बार प्रताड़ित होने से एवं मार खाने के कारण एक दिन अचानक बहादुर भाग गया।
7. घर आए रिश्तेदारों ने कैसा प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला ?
उत्तर :- लेखक के घर आए रिश्तेदारों ने अपनी झूठी प्रतिष्ठा कायम करने के लिए रुपया-चोरी का प्रपंच रचा । उन्होंने बहादुर पर इस चोरी का दोषारोपण किया । इस आरोप से बहादुर को पिटाई लगी। रिश्तेदार के प्रपंच के चलते लेखक के घर का काम करने वाले बहादुर के जाने की घटना घटी और घर अस्त-व्यस्त हो गया।
8. बहादर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :- बहादुर क आन स घर क सदस्या को आराम मिल रहा था। घर खब साफ और चिकना रहता। सभी कपड़े चमाचम सफेद दिखाई देते । निर्मला की तबीयत काफी सुधर गई।
9. बहादूर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस ‘पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है ?
उत्तर :- रिश्तेदार न सोचा कि नौकर पर आरोप लगाने से लोगों को लगेगा कि ऐसा हो सकता है। बहादुर इस आरोप से बहुत दु:खी होता है। उसके अंतरात्मा पर गहरी चोट लगती है। उस दिन से वह उदास रहने लगता है।
10. निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफसोस हुआ ?
उत्तर :- जब रिश्तेदार की सच्चाई का आभास हुआ और यह बात समझ में आ गई कि बहादुर निदोष था तब निर्मला को पश्चात्ताप हआ। वह यह सोचकर अफसोस कर रही थी कि वह बिना बताये क्यों चला गया।
11. बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है ?
उत्तर :- बहादुर घर के सभी कार्य को कुशलतापूर्वक करता था। घर के सभी सदस्य को आराम मिलता था । किसी भी कार्य हेतु हर सदस्य बहादुर को पुकारते रहते थे। वह घर के कार्य से सभी को मुक्त रखता था। साथ रहते-रहते सबसे हिलमिल गया था। डाँट-फटकार के बावजूद काम करते रहता था। यही सब कारणों से उसके चले जाने पर सबको पछतावा होता है।
12. साले साहब से लेखक को कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा ?
उत्तर :- लेखक को साले साहब से एक दुखी लड़का का किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा । किस्सा था कि बहादुर नेपाली था, उसका बाप युद्ध में मारा गया था और उसकी माँ सारे परिवार का भरण-पोषण करती थी।
13. ‘बहादुर’ का चरित-चित्रण करें।
उत्तर :- ‘बहादुर’ कहानी का नायक है। उम्र तेरह-चौदह है। ठिगना कद, गोरा शरीर और चपटे मुँह वाला बहादुर अपनी माँ की उपेक्षा और प्रताड़ना का शिकार है। अपने काम में चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीला है। मानवीय भावनाएँ हैं, सबसे बड़ी बात है कि वह स्वाभिमानी और ईमानदार है।
14. काम-धाम के बाद रात को अपने बिस्तर पर गये बहादुर का लेखक किन शब्दों में चित्रण करता है ?
उत्तर :- रात को काम-धाम करने के बाद वह भीतर के बरामदे में एक टटी हुई बँसखट पर अपना बिस्तर बिछाता था। वह बिस्तरे पर बैठ जाता और अपनी जेब से कपड़े की एक गोल-सी नेपाली टोपी निकालकर पहन लेता, जो बाईं ओर काफी झुकी रहती थी। फिर वह छोटा-सा आइना निकालकर बन्दर की तरह उसमें अपना मुँह देखता था। वह बहुत ही प्रसन्न नजर आता था। इसके बाद कुछ और भी चीजें जेब से निकालकर बिस्तर पर खेलता था। गीत गाता था।
15. “बहादुर’ कहानी का सारांश लिखिए।
उत्तर :- कथाकार अपनी बहन के विवाह में घर गय तो भाभियों के आगे-पीछे नौकरी की भीड़ और पत्नी की खटनी देख ईर्ष्या हुई। प नो निर्मला भी ‘नोकर’ की रट लगाने लगी। अंत में साले साहब एक नेपाली ले आए। नाम दिल बहादुर। बहादुर के आने पर महल्ले वालों पर रौब जमा। ‘बहादुर ने भी इतनी खूबी से काम सभाला कि अब हर काम के लिए सभी उसी पर निर्भर हो गए। बेटे किशोर न न सिर्फ अपने सभी काम बहादुर पर छोड़ दिए अपितु जरा-सी चूक पर मार-पीट करने लगा। पत्नी ने भी पड़ोसियों के उकसावे में आकर उसकी रोटी सेकनी बंद कर दी ओर हाथ भी चलाने लगी। एक दिन मेहमान आए। उनकी पत्नी ने कहा अभी-अभी रूपये रखे थे, मिल नहीं रहे हैं। बहादुर आया था, तत्काल चला गया। बहादुर से पूछ-ताछ शुरू हुई। उसने कहा कि न रूपये देखे, न लिया। कथाकार ने भी पूछा ओर मेहमान ने भी अलग ले जाकर पूछा, पुलिस में देने की धमकी दी लेकिन बहादुर मुकरता रहा। अंत में कथाकार ने झल्लाकर एक तमाचा जड़ दिया। बहादुर रोने लगा। इसके बाद तो जैसे सभी उसके पीछे पड़ गए। – एक दिन कथाकार जब घर आए तो मालूम हुआ कि बहादुर चला गया, ताज्जुब तो तब हुआ जब पाया गया कि बहादुर यहाँ का कुछ भी लेकर नहीं गया बल्कि अपने सामान भी छोड़ गया है। लेखक व्यथित हो गया-चोरी का आरोपी न मालिक का कोई समान ले गया, अपना।इस प्रकार हम पाते हैं कि ‘बहादुर’ कहानी छोटा-मुँह बड़ी बात कहती है क्योंकि ‘नौकर’ जैसे आदमी को नायकात्व प्रदान करती है और कथाकार के अन्तर की व्यथा को अभिव्यक्त करती है।
16. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए । लेखक ने इसका शीर्षक नौकर क्यों नहीं रखा।
उत्तर :- प्रस्तुत कहानी में एक बालक का चित्रण किया गया है। बालक जो लेखक के घर में नौकर का काम करता है कहानी का मुख्य पात्र है। इसमें बहादुर नौकरी करने के पूर्व स्वछंद था। वहाँ माँ से मार खाने के बाद घर से भाग गया था। उसके बाद लेखक के घर काम करने के लिए रखा जाता है। यहाँ उसके नौकर के रूप में चित्रण के साथ-साथ उसके बाल-सुलभ मनोभाव का चित्रण भी किया गया है। ईमानदार, कर्मठ एवं सहनशील बालक के रूप में चित्रित है। प्रताड़ना, झूठा आरोप उसे पसंद नहीं था । अंतत: फिर वह भागकर स्वछंद हो जाता है साथ ही लेखक के पूरे परिवार पर अपने अच्छी छवि का चित्र अंकित कर जाता है। ऐसे में बहादुर ही इसका नायक कहा जा सकता है। इस कहानी के केन्द्र में बहादुर है। अतः यह शीर्षक सार्थक है। इसमें बालक को केवल नौकर की भूमिका में नहीं रखा गया है बल्कि उसमें विद्यमान अन्य गुणों की चर्चा की गई है। इसलिए नौकर शीर्षक नहीं रखा गया।
सप्रसंग व्याख्या
17. ‘यदि मैं न मारता, तो शायद वह न जाता’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी साहित्य के सशक्त कथाकार अमरकांत के द्वारा रचित ‘बहादुर’ नामक शीर्षक से उद्धृत है। यहाँ बहादुर के भागने पर लेखक के पश्चात्ताप में एक अजीब सी लघुता का अनुभव कराया गया है।
– इस गद्यांश से पता चलता है कि बहादुर को भगाने में लेखक की भूमिका भी कार्य कर रही है। घर के सभी सदस्य बहादुर को तिरस्कृत और प्रताड़ित कर रहे थे। केवल लेखक ही उससे प्यार और ममता का भाव रखते थे। बहादुर लेखक की सहानुभूति के आधार पर ही अभी तक उस घर में उपस्थित था। लेकिन जब एक दिन लेखक ने भी उसकी मारपीट की तो वह अंत:करण से कराह उठा और बर्दाश्त करने की क्षमता नष्ट हो गयी जिससे घर से भाग गया।
18. उसकी हँसी बड़ी कोमल और मीठी थी, जैसे फूल की पंखुड़ियाँ बिखर गई हों। व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी साहित्य के प्रमुख कथाकार अमरकांत द्वारा लिखित ‘बहादुर’ शीर्षक से अवतरित है। प्रस्तुत अंश में कथा के प्रमुख नायक बहादुर की स्वाभाविक, निश्छल और निष्कपट हँसी का वर्णन किया गया है।
प्रस्तुत व्याख्यांश में लेखक दफ्तर से आने के बाद परिवार के सदस्यों से घर के अनुभव सुनते, बाद में बहादुर की बारी आती। बहादुर कोई बहुत-सी मामूली घटना का रिपोर्ट देता। रिपोर्ट देते समय वह बिल्कुल निडर, नि:संकोच और स्वाभाविक हो जाता। उसे लगता कि मैं साहब को बहुत मजेदार बात सुना रहा हूँ। बात सुनाते समय अंदर ही अंदर इतना आनंदित होता कि वह हँसने लगता । उसकी हँसी इतनी कोमल और मीठी होती थी जैसे फूल की पंखुडियाँ बिखर गई हों।
19. पर अब बहादुर से भूल-गलतियाँ अधिक होने लगी थीं । व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- प्रस्तत गद्याश हिन्दा कथा जगत के प्रकांड पंडित भो लिखित ‘बहादुर’ नामक शीर्षक से अवतरित है । इस गद्यांश में बहादा की भल और गलतियों के स्वरूप को एक रेखाचित्र के रूप में दर्शाया गया है।
प्रस्तुत अंश के माध्यम से पता चलता है कि बहादुर एक ईमानदार नेक. कर्मठ. सुशील और भावुक नौकर था। वह दबाव में रहकर काम करने का इच्छुक नहीं था। वह प्यार और मधुरता का कायल था। लेकिन इधर कुछ दिनों से लेखक के परिवार के कुछ सदस्य उसके साथ काफी कठोरता बरतने लगे, जिससे बहादुर के भावुक हृदय पर ठेस लगी। इसी कारण वह अन्यमनस्क रूप से कार्य करने लगा। उसके हृदय में हमेशा डर व्याप्त रहता । इसी कारण अब उससे भूल और गलतियाँ अधिक होने लगी थीं।
20. अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता। व्याख्या कीजिए।
उत्तर : – प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध कथाकार अमरकांत के द्वारा लिखित बहादुर नामक शीर्षक से उद्धृत है। इस गद्यांश में लेखक ने निर्मला के माध्यम से भीतर और बाहर के यथार्थ एवं सहजता को चित्रित किया है। बहादुर के भाग जाने पर निर्मला अपनी भूल और पश्चात्ताप की ज्वाला में जल रही है। बहादुर पर रुपया चोरी का झूठा लांछन लगाये गये थे। इसी तथ्य पर स्वाभाविक अफसोस निर्मला के हृदय से उभरकर सामने आता है कि इतना दिन काम किया लेकिन एक पैसा वह वेतन के रूप में नहीं लिया । यहाँ तक कि अपने कुछ सामान भी छोड़कर चला गया। शायद अगर कुछ पैसा लेकर जाता तो इतना अफसोस नहीं होता।