महत्वपूर्ण तथ्य
1.’नागरी लिपि’ साहित्य की निबंध- विधा है।
2.प्रस्तुत पाठ के लेखक का नाम गुणाकर मूले है।
3.गुणाकरमूले का जन्म 1935 ई० में महाराष्ट्र के अमरावती जिले के एक गाँव में हुआ था।
4.प्रस्तुत निबंध गुणाकर मूले की पुस्तक ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ से लिया गया है। इसमें हिन्दी की अपनी लिपि नागरी या देवनागरी के ऐतिहासिक विकास की रूपरेखा स्पष्ट की गई है।
5.यहाँ हमारी लिपि की प्राचीनता, व्यापकता और शाखा विस्तार का प्रवाहपूर्ण शैली में प्रामाणिक आख्यान प्रस्तुत किया गया है।
6.गुणाकर मूले का निधन- 2009 ई० में हो गया ।
7.लेखक की प्रमुख कृतियाँ- ‘अक्षरों की कहानी’, ‘भारत : इतिहास और संस्कृति’, ‘प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘मैंडलीफ’, ‘भारतीय लिपियों की कहानी’, ‘अंतरिक्ष यात्रा’, ‘भारतीय विज्ञान की कहानी’ आदि।
8.हिन्दी तथा इसकी विविध बोलियाँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
9.हमारे पड़ोसी देश नेपाल की नेपाली (खसकुरा) व नेवारी भाषाएँ भी इसी लिपि में लिखी जाती हैं।
10.देवनागरी लिपि के बारे में एक और महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि संसार में जहाँ भी संस्कृत – प्राकृत की पुस्तकें प्रकाशित होती हैं, वे प्रायः देवनागरी लिपि में ही छपती है।
11.बांग्ला लिपि प्राचीन नागरी लिपि की पुत्री नहीं, तो बहन अवश्य है।
12.अभी कुछ समय पहले तक दक्षिण भारत में पोथियाँ लिखने के लिए नागरी लिपि का व्यवहार होता था ।
13.दक्षिण भारत की यह नागरी लिपि नंदिनागरी कहलाती थी ।
14.पहले-पहल विजयनगर के राजाओं के लेखों की लिपि को ही नंदिनागरी नाम दिया गया था।
15.श्रीलंका के पराक्रमबाहु विजयबाहु (बारहवीं सदी) आदि शासकों के सिक्कों पर भी नागरी अक्षर देखने को मिलते हैं।
16.उत्तर भारत में अल्पकाल के लिए इस्लामी शासन की नींव डालनेवाले महमूद गजनबी (ग्यारहवीं सदी, पूर्वार्द्ध) के लाहौर के टकसाल में ढाले गए चाँदी के सिक्कों पर भी हम नागरी लिपि के शब्द देखते हैं।
17.महमूद गजनवी के बाद के मुहम्मद गोरी, अलाउद्दीन खिलजी, शेरशाह आदि शासकों ने भी अपने सिक्कों पर नागरी लिपि के शब्द खुदवाए हैं।
18.बादशाह अकबर ने ऐसा सिक्का चलाया था, जिस पर राम-सीता की आकृति है और नागरी लिपि में ‘रामसीय’ शब्द अंकित है।
19.उत्तर भारत की इस नागरी लिपि को हम देवनागरी के नाम से जानते हैं।
20.ईसा की आठवीं-नौंवी सदी से नागरी लिपि का प्रचलन सारे देश में था। यह एक सार्वदेशिक लिपि थी।
21.नागरी लिपि की सबसे मुख्य पहचान यह है कि इसके अक्षरों के • सिरों पर पूरी लकीरें बन जाती हैं और वे शिरोरेखाएँ उतनी ही लंबी रहती हैं, जितनी कि अक्षरों की चौड़ाई होती है।
22.’पादताडितकम्’ नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहते थे।
23.देवनगर की लिपि होने से उत्तर भारत की प्रमुख लिपि को बाद में देवनागरी नाम दिया गया होगा।
24.अनेक विद्वानों का मत है कि दक्षिण भारत में नागरी लिपि का प्राचीनतम लेख राष्ट्रकूट राजा दंतिदुर्ग का सामांगड दानपत्र (754 ई०) है।
25.देवगिरि के यादव राजाओं के नागरी लिपि में बहुत सारे लेख मिलते हैं।
26.नागरी लिपि के लेख न केवल पश्चिम तथा पूर्व भारत से, बल्कि * सुदूर दक्षिण भारत से भी मिले हैं।
27.मिहिर भोज ( 840-81 ई०) की ग्वालियर प्रशस्ति नागरी लिपि ( संस्कृत भाषा ) में है ।
28.12वीं सदी के बाद हम उत्तर भारत के सभी हिन्दू शासकों को देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. नागरी लिपि के आरंभिक लेख हमें कहाँ से मिलते हैं?
(a) पूर्वी भारत
(b) पश्चिमी भारत
(c) दक्षिणी भारत
(d) उत्तरी भारत
Ans :- (c) दक्षिणी भारत
2. बेतमा दानपत्र किस समय का है?
(a) 1020 ई.
(c) 1021 ई.
(d) 1022 ई.
(d) 1023 ई.
Ans :- (a) 1020 ई.
3. उत्तर भारत से नागरी लिपि के लेख कब से मिलने लगते है ?
(a) आठवीं सदी
(b) छठी सदी
(c) नौंवी सदी
(d)चौथी सदी
Ans :- (a) आठवीं सदी
4. गुणाकर मुले ने मिडिल स्तर की पढ़ाई किस भाषा में की ?
(a) मराठी भाषा में
(b) पंजाबी भाषा में
(c) बांग्ला भाषा में
(d) अंग्रेजी भाषा में
Ans :- (a) मराठी भाषा में
5. मुले ने अंग्रेजी व हिन्दी की पढ़ाई कहाँ पर की ?
(a) दिल्ली में
(b) जौनपुर में
(c) वर्धा में
(d) इलाहाबाद में
Ans :- (c) वर्धा में
6. नेपाली भाषा किस लिपि में लिखी जाती है ?
(a) गुरूमुखी लिपि मे
(b) खरोष्ट लिपि में
(c) ब्राह्मणी लिपि में
(d) देवनागरी लिपि में
Ans :- (d) देवनागरी लिपि में
7. गुणाकर मूले का जन्म कब हुआ ?
(a) 1935 ई० में
(b) 1936 ई. में
(c) 1937 ई. में
(d) 1938 ई० में
Ans :- (a) 1935 ई० में
8. गुणाकर मूले का जन्म कहाँ हुआ था ?
(a) केरल
(b) तमिलनाडु
(c) महाराष्ट्र
(d) उत्तर प्रदेश
Ans :- (c) महाराष्ट्र
9. इन्होंने किस पुस्तक में पुरानी लिपियों की विस्तृत जानकारी दी है?
(a) संस्कृति
(b) अक्षर कथा
(c) प्राचीन भारत का इतिहास
(d) पुरालिपिशास्त्र
Ans :- (b) अक्षर कथा
10. गुप्तों की राजधानी को क्या कहा जाता होगा ?
(a) पाटलिपुत्र
(b) कुसुमपुर
(c) विलासपुर
(d) देवनगर
Ans :- (d) देवनगर
11. बांग्ला लिपि प्राचीन नागरी लिपि की है ?
(a) पुत्री
(b) बहन
(c) भगिनी
(d) बहू
Ans :- (b) बहन
12. केरल के शासकों के द्वारा सिक्कों पर ‘वीर केरलस्य’ शब्द किस लिपि में लिखी गई है ?
(a) नागरी लिपि में
(b)ब्राह्मी लिपि में
(c) नदिनागरी लिपि में
(d) गुरूमुखी लिपि में
Ans :- (a) नागरी लिपि में
13. पहले-पहल किन राजाओं के लेखों के लिपि को ही नंदिनागरी नाम दिया गया था ?
(a) देवगिरि के राजाओं का
(b) विजयनगर के राजाओं का
(c) राष्ट्रकूट के राजाओं का
(d) चोल राजाओं का
Ans :- (b) विजयनगर के राजाओं का
14. उत्तर भारत की विशेष स्थापत्य शैली को क्या कहते हैं?
(a) ललित शैली
(b) अभिनागर शैली
(c) विभ्राट शैली
(d) नागर शैली
Ans :- (d) नागर शैली
15. देवनागरी लिपि में मुद्रण के टाइप कब बने?
(a) दो सदी पहले
(b) दो दशक पहले
(c) बीसवीं सदी मे
(d) 11वीं सदी में
Ans :- (a) दो सदी पहले
16. नागरी लिपि कब एक सार्वदेशिक लिपि थी?
(a) पन्द्रहवीं सदी में
(b) ईसा पूर्व काल में
(c) 8वीं-11वीं सदी में
(d) कभी नहीं
Ans :- (c) 8वीं-11वीं सदी में
17. पहले दक्षिण भारत की नागरी लिपि क्या कहलाती थी?
(a) नंदिनागरी
(b) कोंकणी
(c) ब्राह्मी
(d) सिद्धम
Ans :- (d) सिद्धम
18. गुणाकर मूले ने विभिन्न विषयों पर कितने निबंध लिखें ?
(a) 1500 से अधिक
(b) 2500 से अधिक
(c) 3500 से अधिक
(d) 4500 से अधिक
Ans :- (b) 2500 से अधिक
19. भारतीय लिपियों की किहानी’ किनकी प्रसिद्ध रचना है?
(a) गुणाकर मूले
(b) नलिन विलोचन शर्मा
(c) महादेवी वर्मा
(d) सुमित्रानन्दन पंत
Ans :- (a) गुणाकर मूले
20. इस्लामी शासक का आरंभ काल है?
(a) 12वीं सदी से
(b) 13वीं सदी से
(c) 14वीं सदी से
(d) 15वीं सदी से
Ans :- (a) 12वीं सदी से
21. गुणाकर मूले की मृत्यु कब हुई?
(a) 1995 ई. में
(b) 1999 ई. में
(c) 2005 ई. में
(d) 2009 ई. में
Ans :- (d) 2009 ई. में
22. किस शासक ने अपने सिक्कों पर राम-सीता की आकृति और नागरी लिपि में ‘रामसीय’ शब्द अंकित करवाए थे ?
(a) शेरशाह सूरी
(b) हरिहर
(c) अकबर
(d) चन्द्रगुप्त द्वितीय
Ans :- (c) अकबर
23. ‘नागरी लिपि’ शीर्षक निबंध के निबंधकार हैं ?
(a) गुणाकर मुले
(b) रामचंद्र शुक्ल
(c) डॉ. भोलानाथ तिवारी
(d) बाबूराम सक्सेना
Ans :- (a) गुणाकर मुले
24. ‘नागरी लिपि’ शीर्षक पाठ किस पुस्तक से लिया गया है?
(a) अक्षरों की कहानी
(b) भारतीय लिपियों की कहानी
(c) अक्षर कथा
(d) इनमें कोई नहीं
Ans :- (b) भारतीय लिपियों की कहानी
25. मराठी भाषा की लिपि कौन-सी है?
(a) ब्राह्मी
(b) नंदिनागरी
(c) देवनागरी
(d) मराठी लिपि
Ans :- (c) देवनागरी
26. टकसाल का संबंध है ?
(a) सिक्कों से
(b) अभिलेखों से
(c) लिपि से
(d) अनाज के ढेरों से
Ans :- (a) सिक्कों से
27. श्रवणबेलगोला स्थान का संबंध है ?
(a) जैन धर्म से
(b) बौद्ध धर्म से
(c) सिक्ख धर्म से
(d) वैष्णव धर्म से
Ans :- (a) जैन धर्म से
28. ‘सिद्धम’ क्या है?
(a) मंत्र
(b) सिद्ध योगी
(c) साधु
(d) एक प्रकार की लिपि
Ans :- (d) एक प्रकार की लिपि
29. किसे ‘देवनगरी’ की संज्ञा दी गई है ?
(a) प्रयाग
(b) काशी
(c) मथुरा
(d) उज्जैन
Ans :- (b) काशी
30. हिन्दी के आदिकवि कौन हैं?
(a) सरहपाद
(b) तुलसी
(c) वाल्मीकि
(d) निराला
Ans :- (a) सरहपाद
31. अमोघवर्ष कौन था?
(a) एक विद्वान
(b) प्रख्यात राष्ट्रकूट राजा
(c) एक कवि
(d) राजवैद्य
Ans :- (b) प्रख्यात राष्ट्रकूट राजा
32. मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति किस भाषा में है ?
(a) प्राकृत
(b) अपभ्रंश
(c) संस्कृत
(d) हिन्दी
Ans :- (c) संस्कृत
33. ‘बेतमा’ कहाँ है?
(a) इंदौर के पास
(b) इलाहाबाद के पास
(c) पुणे के पास
(d) पटना के पास
Ans :- (a) इंदौर के पास
34. दक्षिण भारत के पांड्य प्रदेश से किस राजा के पलियम ताम्रपत्र मिले हैं?
(a) महेंद्रपाल
(b) राजा वरगुण
(c) राजा भोज
(d) श्रीगंग राजा
Ans :- (b) राजा वरगुण
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. लेखक ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?
उत्तर :- लेखक ने गुजराती, बांग्ला और ब्राह्मी लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है।
2. देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?
उत्तर :- देवनागरी लिपि में मुख्यतः नेपाली, मराठी, संस्कृत, प्राकृत और हिन्दीभाषाएँ लिखी जाती हैं।
3. नागरी लिपि के आरंभिक लेख कहाँ प्राप्त हुए हैं। उनके विवरण दें।
उत्तर :- विद्वानों के अनुसार नागरी लिपि के आरंभिक लेख विध्य पर्वत के नीचे के दक्कन प्रदेश से प्राप्त हुए हैं।
4. नागरी लिपि कब एक सार्वदेशिक लिपि थी ?
उत्तर :- ईसा की 8वीं-11वीं सदियों में नागरी लिपि पूरे देश में व्याप्त थी। अतः उस समय यह एक सार्वदेशिक लिपि थी।
5. देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आयी है?
उत्तर :- करीब दो सदी पहले पहली बार देवनागरी लिपि के टाइप बने और इसमेंपुस्तकें छपने लगी। इस प्रकार ही देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता आयी है।
6. उत्तर भारत में किन शासकों के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते हैं ?
उत्तर :- विद्वानों का विचार है कि उत्तर भारत में मिहिरभोज, महेन्द्रपाल आदि गुर्जर प्रतिहार राजाओं के अभिलेख में पहले-पहल नागरी लिपि लेख प्राप्त होते हैं।
7. गुर्जर प्रतिहार कौन थे ?
उत्तर :- विद्वानों का विचार है कि गुर्जर-प्रतिहार बाहर से भारत आए थे। ईसा की आठवीं सदी के पूवार्द्ध में अवंती प्रदेश में इन्होंने अपना शासन स्थापित किया और बाद में कन्नौज पर भी अधिकार कर लिया था। मिहिरभोज, महेन्द्रपाल आदि प्रख्यात प्रतिहार शासक हुए।
8. ब्राह्मी और सिद्धम लिपि की तुलना में नागरी लिपि की मुख्यपहचान क्या है?
उत्तर :- गुप्तकाल की ब्राह्मी लिपि तथा उसके बाद की सिद्धम लिपि के अक्षरों के सिरों पर छोटी आड़ी लकीरें या छोटे ठोस तिकोन हैं। लेकिन नागरी लिपि की मुख्य पहचान यह है कि इसके अक्षरों के सिरों पर पूरी लकीरें बन जाती हैं और ये सिरो रेखाएँ उतनी ही लम्बी रहती हैं जितनी की अक्षरों की चौड़ाई होती है।
9. नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं ? लेखक इस संबंध में क्या जानकारी देता है ?
उत्तर :- नागरी नाम की उत्पत्ति तथा इसके अर्थ के बारे में विद्वानों में बड़ामतभेद है । एक मत के अनुसार गुजरात के नागर ब्राह्मणों ने पहले-पहल नागरी लिपि का इस्तेमाल किया। इसलिए इसका नाम नागरी पड़ा। एक दूसरे मत के अनुसार बाकी नगर सिर्फ नगर है, परन्तु काशी देवनगरी है। इसलिए काशी में प्रयुक्त लिपि का नाम देवनागरी पड़ा।
10. नागरी लिपि के साथ-साथ किसका जन्म होता है ? इस संबंध में लेखक क्या जानकारी देता है?
उत्तर :- नागरी लिपि के साथ-साथ अनेक प्रादेशिक भाषाओं ने भी जन्म लियाहै। 8वीं-9वीं सदी से आरंभिक हिन्दी का साहित्य मिलने लग जाता है । इसी काल में आर्य भाषा परिवार की आधुनिक भाषाएँ मराठी, बँगला आदि जन्म ले रही थीं।
11. नंदिनागरी किसे कहते हैं ? किस प्रसंग में लेखक ने उसकाउल्लेख किया है ?
उत्तर :- दक्षिण भारत की यह नागरी लिपि नंदिनागरी कहलाती थी। कोकण के शिलाहार, मान्यखेट के राष्ट्रकूट, देवगिरि के यादव तथा विजयनगर के शासकों के लेख नंदिनागरी लिपि में है। पहले-पहल विजयनगर के राजाओं के लेखों की लिपि को ही नंदिनागरी लिपि नाम दिया गया था।
12. ‘नागरी लिपि’ पाठ का सारांश लिखें।
अथवा, देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?
उत्तर :- हिन्दी तथा इसकी विविध बोलियाँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।नेपाली, जेवारी और मराठी की लिपि भी नागरी है। संस्कृत और प्राकृत की पुस्तक भी देवनागरी में ही प्रकाशित होती है। गुजराती हापि भी देवनागरी से बहुत भिन्न नहीं। बंगला लिपि भी प्राचीन नागरी लिपि की वहन ही है। सच तो यह है कि दक्षिण भारत की अनेक लिपियाँ नागरी की भाँति ही प्राचीन ब्राहमो से विकसित हैं। बारहवीं सदी के श्रीलंका के शासकों के सिक्के पर भी नगई अवर मिलते हैं महमूट गजनवी, मुहम्मद गोरी, अलाउदीन खिलजी, शेरशाह ने भी अपने नाम नागरी में खुदवाए हैं और अकबर के सिक्के में भी ‘रामसीय’ शब्द ऑकत है। वस्तुतः ईसा की आठवीं-नौवीं सदी से नागरी लिपि का प्रचलन सारे देश में था। नागरी नाम को लेकर तरह तरह के विचाः हैं। किन्तु इतना निश्चित है कि ‘नागरी’ शब्द किसी बड़े नगर से संबंधित है। कशी को देवनगर कहते थे, हो सकता है, वहाँ प्रयुक्त लिपि का नाम ‘देवनागरी’ पड़ा हो। बैस, गुप्तों की राजधानी पटना भी ‘देवनगर’ थी इसके नाम पर यह नामकरण हो सकता है। जो भी हो, यह नगर-विशेष की लिपि नहीं थी। आठवीं-ग्यारहवीं सदी में यह सार्वदेशिक लिपि थी। नागरी लिपि के साथ अनेक प्रादेशिक भाषाएँ जन्म लेती हैं, यथा, मराठी, बंगला आदि। नागरी लिपि के लेख न कंवल पश्चिम तथा पूर्व बल्कि सूदूर दक्षिण से भी मिले हैं।
13. नागरी की उत्पत्ति के संबंध में लेखक का क्या कहना है ? पटना से नागरी का क्या संबंध लेखक ने बताया है ?
उत्तर :- यह मान्य है कि नागरी लिपि किसी नगर अर्थात् किसी बड़े शहर से संबंधित है । ‘पादताडितकम्’ नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है कि पटलीपुत्र अर्थात् पटना को नगर नाम से पुकारते थे। अतः इम यह भी जानते हैं कि स्थापत्य की उत्तर भारत की एक विशेष शैली को नागर शैली कहते हैं । अत: नागर या नागरी शब्द उत्तर भारत के किसी बड़े नगर से संबंध रखता है। विद्वानों के अनुसार उत्तर भारत का यह बड़ा नगर निश्चित रूप से पटना ही होगा। चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम देव था। इसलिए गुणों की राजधानी पटना को देवनगर भी कहा जाता था । देवनगर की लिपि होने से उत्तर भारत की प्रमुख लिपि को बाद में देवनागरी नाम दिया गया था।
14. निबंध के आधार पर काल-क्रम से नागरी लेखों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें ।
उत्तर :- निबंध के आधार पर कालक्रम से नगरी लेखों से संबंधित प्रमाण इसप्रकार मिलते हैं-11वीं सदी में राजेन्द्र जैसे प्रतापी चेर राजाओं के सिक्कों पर नागर अक्षर देखने को मिलते हैं। 12वीं सदी के केरल के शसकों के सिक्कों पर ‘वीर केरलस्य’ जैसे शब्द नागरी लिपि में अंकित हैं। दक्षिण से प्राप्त वरगुण क पलयम ताम्रपत्र भी नागरी लिपि में 9वीं सदी की है। 1000 ई० के आस-पास मालवा नगर में नागर लिपि का इस्तेमाल होता था। विक्रमादित्य के समय पटना में देवनागरी का प्रयोग मिलता है। ईसा की 8वीं से 11वीं सदियों में नागरी लिपि पूरे भारत में व्याप्त थी। 8वीं सदी में दोहाकोश की तिब्बत से जो हस्तलिपि मिली है, वह नागरी लिपि में है। 754 ई० में राष्ट्रकूट राजा दंतिदुर्ग का दानपत्र नागरी लिपि में प्राप्त हुआ है। 850 ई० में जैन गणितज्ञ महावीराचार्य के गणित सार-संग्रह की रचना मलती है जो नागरी लिपि में है।