मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
महत्वपूर्ण तथ्य—
*किसी वस्तु का प्रतिबिंब आँख के रेटिना दृष्टिपटल पर बनता है।
*आँख उत्तल लेंस की भाँति व्यवहार करता है।
*पुतली की साइज को परितारिका नियंत्रित करता है।
*मंद प्रकाश में पुतली फैल जाती है।
*रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा तथा वास्तविक प्रतिबिंब अभिनेत्र लेंस द्वारा बनता है।
*नेत्र का रंगीन भाग परितारिका या आइरिस होता है। इसी के रंग से नेत्र का रंग निर्धारित होता है।
*वायुमंडलीय अपवर्तन की घटना के कारण सूर्य हमें वास्तविक सूर्योदय से लगभग 2 मिनट पहले दिखाई देता है था सूर्यास्त के 2 मिनट बाद तक दिखाई देता है।
*लाल रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य सबसे बड़ा होता है।
*टिंडल प्रभाव प्रकाश के प्रकीर्णन परिघटना को प्रदर्शित करता है।
*वायुमंडल में लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन अधिक होता है।
*तरंगदैर्घ्य को ऐंगस्ट्रम में व्यक्त किया जाता है। जो लंबाई का मात्रक है।
मानव नेत्र– मानव नेत्र या आँख एक अद्भुत प्रकृति प्रदत्त प्रकाशीय यंत्र है।
बनावट– मानव नेत्र या आँख लगभग गोलिय होता है। आँख के गोले कोनेत्रगोलक कहते हैं। नेत्रगोलक की सबसे बाहरी परत सफेद मोटे अपारदर्शी चमड़े की होती है, जिसे श्वेत पटल कहते हैं। श्वेत पटल का अगला कुछ उभरा हुआ भाग पारदर्शी होता है, जिसे कॉर्निया कहते हैं।
कॉरॉयड– श्वेत पटल के नीचे गहरे भूरे रंग की परत होती है, जिसे कॉरॉयड कहते हैं। यह परत आगे आकर दो परतों में विभक्त हो जाती है। आगे वाली अपारदर्शी परत सिकुड़ने-फेलनेवाली डायफ्राम के रूप में रहती है, जिसे परितारिका या आइरिस कहते हैं।
नेत्र लेंस– पुतली के ठीक पीछे नेत्र लेंस होता है जो पारदर्शी मुलायम पदार्थ का बना होता है।
रेटिना या दृष्टिपटल– नेत्रगोलक की सबसे भीतरी सूक्ष्मग्राही परत को दृष्टिपटल या रेटिना कहते हैं।
जलीय द्रव– कॉर्निया और नेत्र-लेंस के बीच का भाग को जलीय द्रव कहते है।
काचाभ द्रव– लेंस और रटिना के बीच का भाग काचाभ द्रव होता है।
कार्य– नेत्र देखने का कार्य करती है। यह एक फोटो कैमरा की तरह कार्य करता है। बाहर से प्रकाश कॉर्निया से अपवर्तित होकर पुतली में होता हुआ लेंस पर पड़ता है। लेंस से अपवर्तन होने के बाद किरणें रेटिना पर पड़ती है और वहाँ वस्तु का प्रतिबिंब बनता है। इसके बाद मस्तिष्क में वस्तु को देखने की संवेदना उत्पन्न होती है।
आँख के लेंस की सिलियरी पेशियों के तनाव के घटने-बढ़ने के कारण उसकी फोकस-दूरी परिवर्तित होती है जिससे हम दूर अथवा निकट स्थित वस्तुओं को साफ-साफ देख सकते हैं।
नेत्र की समंजन क्षमता– नेत्र के लेंस की क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है समंजन कहलाती है।
आँख द्वारा अपने सिलियरी पेशियों के तनाव को घटा-बढ़ा कर अपने लेंस की फोकस-दूरी को बदलकर निकट या दूर की वस्तु को साफ-साफ देखने की क्षमता को समंजन–क्षमता कहते हैं।
जब हम दूर की वस्तु का देखते हैं, तो नेत्र की फोकस-दूरी बढ़ जाती है तथा निकट की वस्तु को देखते हैं, तो नेत्र की फोकस-दूरी कम हो जाती है।
समंजन क्षमता की एक सीमा होती है। सामान्य आँख अनंत दूरी से 25 सेमी तक की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है।
दूर बिंदू– वह दूरस्थ बिंदू जहाँ तक कोई नेत्र, वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है, नेत्र का दूर-बिंदू कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए दूर-बिंदू अनंत पर होता है।
निकट–बिंदू– वह निकटस्थ बिंदू जहाँ पर स्थित किसी वस्तु को नेत्र सुस्पष्ट देख सकता है, नेत्र का निकट-बिंदू कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए निकट-बिंदु 25 सेमी होता है।
दृष्टि दोष– कई कारणों से नेत्र बहुत दूर स्थित या निकट स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बनाने की क्षमता खो देता है। ऐसी कमी दृष्टि दोष कहलाती है।
मानव नेत्र में दृष्टि दोष मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं-
1. निकट–दृष्टि दोष
2. दूर–दृष्टि दोष
3. जरा–दूरदर्शिता
4. अबिंदुकता
1. निकट–दृष्टि दोष–जिस दोष में नेत्र निकट की वस्तुओं को साफ-साफ देखसकता है, किन्तु दूर की वस्तुओं को साफ-साफ नहीं देख सकता है, निकट दृष्टि दोष कहलाता है।
दोष के कारण– इस दोष के दो कारण हो सकते हैं-
1. नेत्रगोलक का लंबा हो जाना, अर्थात नेत्र-लेंस और रेटिना के बीच की दूरी का बढ़ जाना।
2. नेत्र-लेंस का आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाना जिससे उसकी फोकस-दूरी का कम हो जाना
उपचार– इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है।
2. दूर-दृष्टि दोष–जिस दोष में नेत्र दूर की वस्तुओं को साफ-साफ देख सकता है, किन्तु निकट की स्थित वस्तुओं को साफ-साफ नहीं देख सकता है। दूर-दृष्टि दोष कहलाता है।
कारण– इस दोष के दो कारण हो सकते हैं।
1. नेत्र गोलक का छोटा हो जाना अर्थात नेत्र लेंस और रेटिना के बीच की दूरी का कम हो जाना।
2. नेत्र लेंस का आवश्यकता से अधिक पतला हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी का बढ़ जाना।
उपचार– दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है।
3. जरा–दूरदर्शिता– जिस दोष में नेत्र निकट और दूर की वस्तुओं को साफ-साफ देख नहीं सकता है, जरा-दूरदर्शिता कहलाता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ वृद्धावस्था में नेत्र-लेंस की लचक कम हो जाने पर और सिलियरी मांसपेशियों की समंजन-क्षमता घट जाने के कारण यह दोष उत्पन्न होता है। इससे आँख के निकट-बिंदू के साथ-साथ दूर-बिंदू भी प्रभावित होता है।
उपचार– इस दोष को दूर करने के लिए बाइफोकल लेंस का व्यवहार करना पड़ता है जिसमें दो लेंस एक ही चश्मे में ऊपर-नीचे लगा दिए जाते हैं।
4. अबिंदुकता–इस दोष में नेत्र क्षैतिज के वस्तुओं को देख सकता किंतु उर्ध्वाधर की वस्तुओं को नहीं देख सकता है।
उपचार– इस दोष को दूर करने के लिए बेलनाकार लेंस का उपयोग किया जाता है।
तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
जब हम तारों को देखते हैं, तो उसकी रोशनी घटती बढ़ती रहती है, जिसे टिमटिमाना कहते हैं।
वायुमंडल में ठंडी और गर्म हवाएँ हमेशा बहती रहती है। जब तारों की किरणें वायुमंडल में पहुँचती है, तो वायुमंडल के अपवर्तनांक के कारण मुड़ जाती है। जिसके कारण तारों का प्रकाश थोड़े समय के लिए कट जाता है, जिसे टिमटिमाना कहते हैं।
तारे टिमटिमाते हैं, किंतु चंद्रमा तथा ग्रह नहीं टिमटिमाते, क्यों?
तारों की तुलना में चंद्रमा और ग्रह पृथ्वी के बहुत निकट है। तारों को प्रकाश का लगभग बिंदु-स्त्रोत समझा जाता है, जबकि चंद्रमा या ग्रह फैला हुआ अर्थात विस्तृत पिंड जैसा प्रतित होता है। इसलिए चंद्रमा या ग्रह से आती किरणों में वायुमंडलीय घट-बढ़ के कारण हुआ थोड़ा विचलन मालुम नहीं पड़ता है। अर्थात नहीं टिमटिमाते हैं।
स्पेक्ट्रम या वर्णपट- जब श्वेत प्रकाश को प्रिज्य से होकर गुजारा जाता है, तो सात रंगों की एक रंगीन पट्टी प्राप्त होती है, जिसे स्पेक्ट्रम या वर्णपट्ट कहते हैं।
वर्ण-विक्षेपण- श्वेत प्रकाश को सात रंगों में विभक्त होने की घटना को वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
सर्वप्रथम न्यूटन ने प्रिज्म की सहायता से स्पेक्ट्रम प्राप्त किया था।
वर्ण-विक्षेपण में सर्वाधिक कम विचलन लाल रंग और सबसे कम विचलन नीले रंग का होता है।
लाल रंग का तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक और नीले रंग का तरंगदैर्घ्य सबसे कम होता है।
इंद्रधनुष-वर्षा होने के बाद जब सूर्य चमकता है और हम सूर्य की ओर पीठ करके खड़े होते हैं, तो हमें कभी-कभी आकाश में एक अर्द्धवृताकार रंगीन पट्टी दिखाई देती है, जिसे इंद्रधनुष कहते हैं।
प्रकाश का प्रकीर्णन- प्रकाश का किसी कण पर पड़कर छितराने की घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
आकाश का रंग नीला क्यों प्रतीत होता है ?
सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो उसका वायुमंडल के कणों से प्रकीर्णन होता है। नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। यहीं प्रकीर्णित प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचता है। इसलिए आकाश नीला प्रतीत होता है।
चंद्रमा पर खड़े व्यक्ति या अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला क्यों प्रतीत होता है?
चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है। इसलिए चंद्रमा पर खड़े अंतरिक्षयात्री को आकाश काला प्रतीत होता है, क्योंकि वायुमंडल न होने के कारण प्रकीर्णन नहीं होता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल क्यों दिखाई देता है ?
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य को अधिक दूरी तय करना पड़ता है और इसे अधिक कणों से होकर गुजरना पड़ता है। जिसके कारण नीले रंगों के प्रकाश का प्रकाश का प्रकीर्णन हो जाता है, लेकिन लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता। यहीं कारण है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मानव नेत्र के किस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं,
( A ) कॉर्निया
( B ) परितारिका
( C ) पुतली
( D ) रेटिना या दृष्टिपटल
Ans ⇒ (D) रेटिना या दृष्टिपटल
2. तारों के टीमटीमाने की व्याख्या किस सिद्धांत पर आधारित है ?
( A ) अपवर्तन के सिद्धांत
( B ) प्रकीर्णन के सिद्धांत
( C ) वर्ण विक्षेपण का सिद्धांत
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (A) अपवर्तन के सिद्धांत
3. नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी अधिक हो जाने से कौन-सा दृष्टि दोष होता है ?
( A ) निकट-दृष्टि दोष
( B ) दूर-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दूरदर्शिता
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (B) दूर-दृष्टि दोष
4. नेत्र में किसी वस्तु का बना प्रतिबिम्ब होता है।
( A ) काल्पनिक, सीधा तथा छोटा
( B ) काल्पनिक, उल्टा तथा बड़ा
( C ) वास्तविक, उल्टा तथा छोटा
( D ) वास्तविक, उल्टा तथा बड़ा
Ans ⇒ (C) वास्तविक, उल्टा तथा छोटा
5. जो नेत्र निकट स्थित वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता उस नेत्र में होता है ।
( A ) दूर-दृष्टि दोष
( B ) निकट-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दृष्टि दोष
( D ) वर्णाधता
Ans ⇒ (A) दूर-दृष्टि दोष
6. श्वेत प्रकाश की किरण जब किसी प्रिज्म से होकर गुजरती है, तब जो रंग (वर्ण) सबसे अधिक विचलित होता है, वह है।
( A ) नीला
( B ) लाल
( C ) बैंगनी
( D ) नीला और लाल दोनो
Ans ⇒ (C) बैंगनी
7. अपने लेंस की फोकस-दूरी को बदलकर दूर या निकट की वस्तु को साफ-साफ देख सकने के आँख के गुण को कहते हैं।
( A ) दूरदृष्टिता
( B ) समंजन-क्षमता
( C ) निकटदृष्टिता
( D ) जरा-दूरदर्शिता
Ans ⇒ (B) समंजन-क्षमता
8. जरा-दूरदर्शिता से पीड़ित व्यक्तिं का उपचार किस प्रकार के लेंस से किया जाता है?
( A ) अवतल
( B ) बाइफोकल
( C ) अपसारी
( D ) अभिसारी
Ans ⇒ (B) बाइफोकल
9. एक स्वस्थ मानव नेत्र के लिए निकट तथा दूर बिंदु क्रमशः होते हैं।
( A ) 0 एवं 25 m
( B ) 0 एवं अनंत
( C ) 25 cm एवं 250 cm
( D ) 25 cm एवं अनंत
Ans ⇒ (D) 25 cm एवं अनंत
10. विभिन्न दूरियों पर की वस्तुओं के प्रतिबिम्ब को फोकस करने के लिए आँख के लेंस की फोकस-दुरी परिवर्तित होती है।
( A ) पुतली द्वारा
( B ) रेटिना द्वारा
( C ) सिलियरी पेशियों द्वारा
( D ) आइरिस द्वारा
Ans ⇒ (C) सिलियरी पेशियों द्वारा
11. जो नेत्र दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता उस नेत्र में होता है।
( A ) दूर-दृष्टि दोष
( B ) निकट-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दृष्टि दो
( D ) वर्णाधंता
Ans ⇒ (B) निकट-दृष्टि दोष
12. किस दृष्टि-दोष में किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना के आगे बनता है ?
( A ) निकट-दृष्टि दोष में
( B ) दूर-दृष्टि दोष में
( C ) जरा-दूरदर्शिता में
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (A) निकट-दृष्टि दोष में
13. नेत्र की समंजन-क्षमता कम हो जाने से उत्पन्न होता है।
( A ) निकट-दृष्टि दोष
( B ) दूर-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दृष्टि दोष
( D ) वर्णाधंता
Ans ⇒ (C) जरा-दृष्टि दोष
14. चन्द्रमा पर खड़े अंतरिक्ष यात्री को आकाश प्रतीत होता है-
( A ) नीला
( B ) उजला
( C ) लाल
( D ) काला
Ans ⇒ (D) काला
15. श्वेत रंग कितने रंगों के मेल से बना है?
( A ) तीन
( B ) चार
( C ) पाँच
( D ) सात
Ans ⇒ (D) सात
16. दृश्य प्रकाश में किस वर्ण का तरंगदैर्घ्य अधिकतम होता है?
( A ) बैंगनी
( B ) लाल
( C ) नीला
( D ) पीला
Ans ⇒ (B) लाल
17. इन्द्रधनुष का वनना किस परिघटना पर आधारित है?
( A ) प्रकाश का परावर्तन
( B ) प्रकाश का अपवर्तन
( C ) प्रकाश का वर्ण विक्षेपण
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (C) प्रकाश का वर्ण विक्षेपण
18. जो नेत्र निकट स्थित वस्तु को साफ नहीं देख सकता उस नेत्र में होता है ।
( A ) दूर दृष्टि दोष
( B ) निकट दृष्टि दोष
( C ) जरादृष्टि दोष
( D ) वर्णान्धता
Ans ⇒ (A) दूर दृष्टि दोष
19. किसी कोलायडी विलयन में निलंबित कणो से प्रकाश के प्रकीर्णंन को कहा जाता है-
( A ) वायुमंडलीय प्रभाव
( B ) किंडल प्रभाव
( C ) टिंडल प्रभाव
( D ) क्वींटल प्रभाव
Ans ⇒ (C) टिंडल प्रभाव
20. सामान्य मानव नेत्र को दूर बिन्दु-
( A ) 25 सेमी पर होता है
( B ) 25 मिमी पर होता है
( C ) 25 मी० पर होता है
( D ) अनंत पर होता है
Ans ⇒ (D) अनंत पर होता है
21. निकट दृष्टि दोष वाले व्यक्ति के चश्में में होता है ।
( A ) उत्तल लेंस
( B ) अवतल लेंस
( C ) बेलनाकार लेंस
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B) अवतल लेंस
22. मानव नेत्र में उपस्थित लेंस है –
( A ) उत्तल
( B ) कोई लेंस नहीं होता
( C ) अवतल
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) उत्तल
23. निम्न में से किस दृष्टि दोष में नेत्र को क्रिस्टलीय लेंस धुंधला अपारदर्शी हो जाता है ?
( A ) निकट-दृष्टि
( B ) मोतियाबिंद
( C ) दीर्घ-दृष्टि
( D ) जरा-दरदर्शिता
Ans ⇒ (B) मोतियाबिंद
24. स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ?
( A ) काँच की सिल्ली
( B ) अवर्तल दर्पण
( C ) उत्तल लेंस
( D ) प्रिज्म
Ans ⇒ (D) प्रिज्म
25. स्पेक्ट्रम में किस रंग की किरण का विचलन/झुकाव कम होता है?
( A ) लाल
( B ) हरा
( C ) पीला
( D ) बैंगनी
Ans ⇒ (A) लाल
26. दीर्घ-दृष्टि के निवारण के लिए उपयोग किया जाता है-
( A ) गोलीय बेलनाकार लेंस
( B ) उत्तल लेंस
( C ) समोत्तल लेन्स
( D ) अवतल लेंस
Ans ⇒ (B) उत्तल लेंस
27. प्रिज्म से प्रकाश की कौन सी परिघटना घटती है ?
( A ) परावर्तन
( B ) अपवर्तन
( C ) वर्ण विक्षेपण
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (C) वर्ण विक्षेपण
28. प्रकाश के किस रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है ?
( A ) बैंगनी
( B ) हरा
( C ) लाल
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ (A) बैंगनी
29. आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है-
( A ) प्रकाश के परावर्तन के कारण
( B ) प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
( C ) प्रकाश के अपवर्तन के कारण
( D ) इनमें कोई भी नहीं
Ans ⇒ (B) प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
30. आँख व्यवहार होता है-
( A ) अवतल दर्पण की तरह
( B ) उत्तल लेंस की तरह
( C ) समतल दर्पण की तरह
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (B) उत्तल लेंस की तरह
31. एक साधारण प्रिज्म कितने सतहों से घिरा होता है।
( A ) 6
( B ) 4
( C ) 5
( D ) 3
Ans ⇒ (C) 5
32. यदि किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे बनता है, तो वह व्यक्ति किस दृष्टि दोष से पीड़ित है?
( A ) दूर-दृष्टि दोष से
( B ) निकट-दृष्टि दोष से
( C ) जरा-दूरदर्शिता से
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) दूर-दृष्टि दोष से
33. किसी माध्यम में छोटे-छोटे कणों के निलंबन को कहा जाता है
( A ) कोलॉइड
( B ) पुंज
( C ) प्रकाश
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) कोलॉइड
34. नेत्र गोलक का व्यास लगभग होता है
( A ) 2.3 cm
( B ) 2.4 cm
( C ) 3.3 cm
( D ) 3.4 cm
Ans ⇒ (A) 2.3 cm
35. विद्युत सिग्नल कौन उत्पन्न करता है
( A ) परितारिका
( B ) प्रकाश सुग्राही
( C ) पुतली
( D ) इनमें सभी
Ans ⇒ (B) प्रकाश सुग्राही
36. सिग्नलो की व्याख्या कहां होती है
( A ) मस्तिष्क में
( B ) पुतली में
( C ) रेटिना में
( D ) कॉर्निया में
Ans ⇒ (A) मस्तिष्क में
37. मानव नेत्र में किस प्रकार का लेंस पाया जाता है ?
( A ) उत्तल
( B ) अवतल
( C ) बलयाकार
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) उत्तल
38. पुतली के साइज को नियंत्रित करने वाला गहरा पेशीय डायफ्राम क्या कहलाता है ?
( A ) परितारिका
( B ) अभिनेत्र लेंस
( C ) नेत्र पटल
( D ) रेटिना
Ans ⇒ (A) परितारिका
39. आँख की पुतली किस प्रकार कार्य करती है ?
( A ) दृक तंत्रिका की भाँति
( B ) पुतली की भाँति
( C ) परितारिका की भाँति
( D ) परिवर्ती द्वारक की भाँति
Ans ⇒ (D) परिवर्ती द्वारक की भाँति
40. कॉर्निया के पीछे एक संरचना होती है उसे—
( A ) पुतली कहते हैं
( B ) नेत्र पटल कहते हैं
( C ) रेटिना कहते हैं
( D ) परितारिका कहते हैं
Ans ⇒ (D) परितारिका कहते हैं
41. निकट दृष्टिदोष उत्पन्न होने का क्या कारण है ?
( A ) अभिनेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाना
( B ) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का घट जाना
( C ) नेत्र गोलक की लम्बाई घट जाना .
( D ) सभी कथन सत्य हैं
Ans ⇒ (A) अभिनेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाना
42. निकट दृष्टि दोष दूर करने के लिए किस लेंस का व्यवहार होता है ?
( A ) उत्तल
( B ) अवतल
( C ) समतल
( D ) सभी
Ans ⇒ (B) अवतल
43. आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है
( A ) परितारिका
( B ) पक्ष्माभी पेशियाँ
( C ) पुतली
( D ) लेंस
Ans ⇒ (A) परितारिका
44. नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश किरणों का अधिकांश अपवर्तन होता है-
( A ) नेत्रोद अंतर पृष्ठ पर
( B ) अभिनेत्र के अंतरपृष्ठ पर
( C ) कॉर्निया के बाहरी पृष्ठ पर
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (C) कॉर्निया के बाहरी पृष्ठ पर
45. मंद प्रकाश में किसकी शिथिलता से पुतली पूर्ण रूप से फैल जाती है।
( A ) कॉर्निया
( B ) परितारिका
( C ) एरिस
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B) परितारिका
46. नेत्र गोलक के गोल होने पर देख पाते हैं
( A ) निकट की वस्तुओं को
( B ) दूर की वस्तुओं को.
( C ) 25 cm की दूरी पर की वस्तुओं को
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) निकट की वस्तुओं को
47. वस्तु को हटा लेने के बाद भी नेत्र पटल पर प्रतिबिम्ब कितने सेकेण्ड तक रहता है ?
( A ) 1/10s
( B ) 1/20s
( C ) 1/16s
( D ) 1/5s
Ans ⇒ (A) 1/10s
48. दृष्टि निर्बंध सिद्धांत का उपयोग कहाँ किया जाता है ?
( A ) चलचित्र प्रक्षेपन में
( B ) फोटोग्राफी कैमरे में
( C ) सूक्ष्मदर्शी में
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) चलचित्र प्रक्षेपन में
49. कॉर्निया के पीछे क्या है जो काले रंग की पेशियों का समुच्चय है-
( A ) परितारिका
( B ) नेत्र पटल
( C ) दृष्टि पटल
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A) परितारिका
50. आयु में वृद्धि होने पर मानव नेत्र में समंजन . क्षमता घट जाती है यह दोष कहलाती है
( A ) अबिंदुकता
( B ) दीर्घ दृष्टि दोष
( C ) लघु दृष्टि दोष
( D ) जरा दृष्टि दोष
Ans ⇒ (D) जरा दृष्टि दोष
51. कॉर्निया में दोष अर्थात् उसके पूर्णतः गोलीय न होने के कारण किस प्रकार का नेत्र दोष होता है ?
( A ) अबिंदुकता
( B ) दीर्घ दृष्टि दोष
( C ) जरा दृष्टि दोष
( D ) लघु दृष्टि दोष
Ans ⇒(A) अबिंदुकता
52. अबिन्दुकता नेत्र दोष वाले व्यक्ति के चश्मे में किस तरह के लेंस से दोष का निवारण होता है ?
( A ) अवतल लेंस
( B ) बेलनाकार लेंस
( C ) उत्तल लेंस
( D ) द्विफोकसी लेंस
Ans ⇒ (B) बेलनाकार लेंस
53. दोष रहित नेत्र 25 cm और अनंत के बीच रखी वस्तु को आसानी से देख पाता है, इसके बीच की दूरी को कहते हैं
( A ) दृष्टि परिसर
( B ) अनंत बिन्दु परिसर
( C ) निकट बिन्दु परिसर
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ (A) दृष्टि परिसर
54. मानव नेत्र दो हैं अतः इनका दृष्टि क्षेत्र होगा
( A ) 180°
( B ) 150°
( C ) 160°
( D ) 120°
Ans ⇒ (A) 180°
55. दूर-दृष्टिवाली आँखें साफ-साफ देख सकती
( A ) दूर की वस्तुओं को
( B ) निकट की वस्तुओं को
( C ) बड़ी वस्तुओं को
( D ) इनमें से कोई नही
Ans ⇒ (A) दूर की वस्तुओं को
56. दीर्घ दृष्टिदोष होने का क्या कारण है ?
( A ) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का घटना
( B ) नेत्र गोलक का बड़ा हो जाना
( C ) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का घटना
( D ) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक हो जाना
Ans ⇒ (D) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक हो जाना
57. अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है
( A ) पुतली द्वारा
( B ) दृष्टिपटल द्वारा
( C ) पक्ष्माभी द्वारा
( D ) परितारिका द्वारा
Ans ⇒ (C) पक्ष्माभी द्वारा
58. रेटिना प्रकाश को परिवर्तित करता है—
( A ) विद्युत ऊर्जा में
( B ) विद्युत सिगनल में
( C ) वास्तविक प्रतिबिम्ब में
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B) विद्युत सिगनल में
59. नेत्र दान करने वाले व्यक्ति की आयु सीमा होगी
( A ) 10 वर्ष
( B ) 25 वर्ष
( C ) 60 वर्ष
( D ) इनमें से सभी
Ans ⇒ (D) इनमें से सभी
60. मृत्यु के पश्चात् कितने घंटे के अंदर नेत्र निकाल लेना चाहिए ?
( A ) 2 से 3 घंटे के भीतर
( B ) 4 से 6 घंटे के भीतर
( C ) 8 से 10 घंटे के भीतर
( D ) 10 से 12 घंटे के भीतर
Ans ⇒ (B) 4 से 6 घंटे के भीतर
61. इनमें से कौन व्यक्ति नेत्र दान कर सकता है ?
( A ) संक्रामक रोग से पीडित
( B ) मधुमेह का रोगी
( C ) दमे का रोगी
( D ) ( B ) एवं ( C ) दोनों
Ans ⇒ (D) (B) एवं (C) दोनों
62. कौन रंग है जिसका खतरे के सिग्नल में उपयोग होता है ?
( A ) नीला रंग
( B ) बैंगनी रंग
( C ) लाल रंग
( D ) पीला रंग
Ans ⇒ (C) लाल रंग
63. श्वेत प्रकाश जब प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो जो रंग सबसे अधिक विचलित होता है, वह है-
( A ) लाल
( B ) पीला
( C ) बैंगनी
( D ) नीला
Ans ⇒(C) बैंगनी
64. प्रकाश एक पतली झिल्ली से होकर नेत्र में प्रवेश करता है। इस झिल्ली को कहते हैं
( A ) नेत्र पटल
( B ) कॉर्निया
( C ) परितारिका
( D ) पुतली
Ans ⇒(B) कॉर्निया
65. प्रिज्म से होकर सूर्य का श्वेत प्रकाश गुजरने पर श्वेत प्रकाश सात रंगों में विच्छेदित हो जाता है। इसमें लाल रंग के प्रकाश का, विचलनं–
( A ) बैंगनी प्रकाश से कम है।
( B ) हरे प्रकाश से कम है
( C ) आसमानी से कम है
( D ) सभी रंगों से कम है
Ans ⇒ (D) सभी रंगों से कम है
66. चूजे के दृष्टिपटल में कौन-सी कोशिकाएँ नहीं होती हैं
( A ) संशलाका कोशिकाएँ
( B ) शंकु कोशिकाएँ
( C ) ऊपर दिए दोनों
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B) शंकु कोशिकाएँ
67. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का गोला दिखता है
( A ) गोलाकार
( B ) अण्डाकार
( C ) चपटा
( D ) घनाकार
Ans ⇒ (C) चपटा
68. काँच का अपवर्तनांक किस वर्ण के लिए अधिकतम है ?
( A ) लाल
( B ) पीला
( C ) बैंगनी
( D ) आसमानी
Ans ⇒ (C) बैंगनी
69. लाल गुलाब को हरे प्रकाश में देखा जाए तो यह कैसा प्रतीत होगा ?
( A ) पीला
( B ) बैंगनी
( C ) काला
( D ) नीला
Ans ⇒ (C) काला
70. प्रकाश का प्राथमिक वर्ण कौन है ?
( A ) लाल
( B ) नीला
( C ) हरा
( D ) तीनों
Ans ⇒ (D) तीनों
71. पेशियों के शिथिल होने पर अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी लगभग होती है
( A ) 3.5 cm
( B ) 2.5 cm
( C ) 4.2 cm
( D ) 2.7cm
Ans ⇒ (B) 2.5 cm
72. अति सूक्ष्म कण किस तरह के प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं ?
( A ) लाल
( B ) पीला
( C ) नीला
( D ) बैंगनी
Ans ⇒ (C) नीला
73. किसी प्रिज्म से होकर गुजरने वाली प्रकाश के लिए आपतन कोण (i) और अपवर्तन कोण (r) हो, तो निर्गत कोण का मान क्या होगा ?
( A ) Lr के बराबर होगा
( B ) Lr से छोटा होगा
( C ) Li + Lr के बराबर होगा
( D ) Li के बराबर होगा
Ans ⇒ (D) Li के बराबर होगा
74. वास्तविक सूर्यास्त और आभासी सूर्यास्त के बीच लगभग कितने समय का अंतर होता है ?
( A ) 1 मिनट
( B ) 2 मिनट
( C ) 3 मिनट
( D ) 4 मिनट
Ans ⇒ (B) 2 मिनट
75. उदय और अस्त होते समय सूर्य दिखाई देता है:
( A ) पीला
( B ) लाल
( C ) नीला
( D ) काला
Ans ⇒(B) लाल
76. Å (एंगस्ट्रान) का मान क्या होता है ?
( A ) 10-10 m
( B ) 10-8 m
( C ) 10-11 m
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ ( A ) 10-10 m
77. ‘प्रिज्म से प्रकाश की कौन सी परिघटना घटती है ?
( A ) परावर्तन
( B ) अपवर्तन
( C ) वर्ण विक्षेपण
( D ) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (C) वर्ण विक्षेपण
78. नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी अधिक हो जाने से कौन-सा दृष्टि दोष ” होता है ?
( A ) निकट-दृष्टि दोष
( B ) दूर-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दूरदर्शिता
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (B) दूर-दृष्टि दोष
79. किस दृष्टि-दोष में किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना के आगे बनता है ?
( A ) निकट-दृष्टि दोष में
( B ) दूर-दृष्टि दोष में
( C ) जरा-दूरदर्शिता में
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (A) निकट-दृष्टि दोष में
80. नेत्र की समंजन-क्षमता कम हो जाने से उत्पन्न होता है ।
( A ) निकट-दृष्टि दोष
( B ) दूर-दृष्टि दोष
( C ) जरा-दृष्टि दोष
( D ) वर्णांधता
Ans ⇒ (C) जरा-दृष्टि दोष
81. तारों के टिमटिमाते प्रतीत होने का कारण है
( A ) वायुमंडलीय अपवर्तन
( B ) वायुमंडलीय वर्ण-विक्षेपण
( C ) वायुमंडलीय प्रकीर्णन
( D ) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (A) वायुमंडलीय अपवर्तन
82. एक प्रिन्म द्वारा श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम में वर्ण-विक्षेपण जिस घटना के कारण होता है, वह घटना है।
( A ) परावर्तन
( B ) अपवर्तन
( C ) विकीर्णन
( D ) कोई नहीं
Ans ⇒ (B) अपवर्तन
83. किसी कण पर पड़कर प्रकाश के एक अंश के विभिन्न दिशाओं में छितराने को कहते हैं
( A ) प्रकाश का परावर्तन
( B ) प्रकाश का अपवर्तन
( C ) प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण
( D ) प्रकाश का प्रकीर्णन
Ans ⇒ (D) प्रकाश का प्रकीर्णन
84. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई पड़ता है, क्योंकि वायुमंडल के कण
( A ) लाल रंग को बहुत अधिक प्रकीर्णित कर देते हैं
( B ) नारंगी रंग को बहुत अधिक प्रकीर्णित कर देते हैं
( C ) नीले रंग को बहुत अधिक प्रकीर्णित कर देते हैं
( D ) पीले रंग को बहुत कम प्रकीर्णित कर देते हैं
Ans ⇒ (C) नीले रंग को बहुत अधिक प्रकीर्णित कर देते हैं
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. स्पेक्ट्रम क्या है?
उत्तर ⇒ जब श्वेत प्रकाश (सूर्य का प्रकाश) किसी प्रिज्म से होकर गुजरता है तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है। प्रकाश के अवयवी वर्गों के इस पैटर्न को स्पेक्ट्रम कहते हैं।
2. टिंडल प्रभाव क्या है?
उत्तर ⇒ जब किसी घने जंगल के वितान से सूर्य का प्रकाश गुजरता है तो टिंडल प्रभाव को देखा जाता है। जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश को प्रकीर्णन कर देती हैं।
3. मोतियाबिंद क्या है?
उत्तर ⇒ बढ़ती उम्र के कारण कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लेंस धुंधला तथा दुधिया हो जाता है। इसके चलते नेत्र से किसी वस्तु को देखना आसान नहीं होता है। इसे मोतियाबिंद कहा जाता है। इस दोष को शल्य चिकित्सा से दूर किया जाता है।
4. प्रकाश के प्रकीर्ण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ जब प्रकाश की किरण वायुमंडल से होकर गुजरती है तथा वायु के कण द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होता है और प्रकाशपुंज के मार्ग को देख पाते हैं। वास्तविक विलयन से प्रकाश की किरणें गुजरती हैं तो प्रकाश किरणपुंज का भाग विलयन द्वारा प्रकीर्णित हो जाता है और विलयन पारदर्शी दिखती है।
5 .दो आंखों की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर ⇒ वस्तु को दो आंखों से देखने की उपयोगिता निम्न है ?
(i) वस्तु की दूरी का अंदाजा ठीक लगाया जा सकता है ।
(ii) वस्तु त्रिदिशाओं का प्रभाव ठीक से प्राप्त किया जा सकता है ।
(iii) दोनों आंख एक दूसरे को सेकंड के एक भाग के लिए आराम देती रहती है |
6. दूर दृष्टिदोष से आपका क्या अभिप्राय है ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ?
उत्तर ⇒ इस दृष्टि दोष में नेत्र निकट की वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है इस स्थिति में प्रतिबिंब दृष्टिपटल के पीछे बनता है दीर्घ दृष्टि के लिए एक निकट बिंदु होता है।
दोष का निवारण :- इस दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है यह प्रतिबिंब को दृष्टि पटल पर बनाने में मदद करता है ।
7 .प्रकाश का वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब कांच की प्रिज्म से प्रकाश का पुंज गुजारा जाता है तो यह सात रंगों में बैठ जाता है जिसे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं इन सात रंगों को बैगनी, हल्के नीले ,नीला ,हरा, पीला, ऑरेंज और लाल वर्ण क्रम में व्यवस्था प्राप्त होती है। यह सभी रंग अलग-अलग कौन पर मुड़ते हैं। लाल रंग सबसे कम मुड़ता है और बैगनी सबसे अधिक। वर्णक्रम को VIBGYOR के द्वारा याद रखा जा सकता है । प्रकाश का विक्षेपण प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है । प्रकाश के विभिन्न रंगों के द्वारा निर्वाह या हवा में समान वेग से दूरी तय की जाती है।
8 .समंजन क्षमता को परिभाषित कीजिए। एक वयस्क में सामान्य दृष्टि के लिए इसका मान क्या होता है ?
उत्तर ⇒ अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता, जिसके द्वारा विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए लेंस की फोकस दूरी को कम अथवा अधिक किया जाता है, समंजन क्षमता कहलाती है। सामान्य दृष्टि के लिए, युवा-वयस्कों में समंजन 25 cm. तथा अनन्त के बीच होता है, इसलिए समंजन क्षमता 4 डाइऑप्टर होती है।
9. जरा दूरदर्शिता तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ दोनों स्थितियों में नजदीकी वस्तु को ना देख पाना तथा अभिनेत्र लेंस की अधिक फोकस दूरी के कारण है। दीर्घ दोष में, अभिनेत्र लेंस बीच में पतला हो जाता है या नेत्र गोलक छोटा हो जाता है। यदि दोस्त पक्ष्माभी पेशियों के कमजोर पड़ जाने से है तो वह लेंस की फोकस दूरी को कम नहीं कर पाती है और इस दोस्त को जरा दूरदर्शिता दोस्त कहते हैं ऐसा दोस्त अधिकतर आयु में वृद्धि होने पर हो जाता है।
10 . सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तर ⇒ किसी वस्तु को आराम से सुस्पष्ट देखने के लिए इसे अपने नेत्रों से कम-से-कम 25 cm. (जो कि सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी है) दूर रखना होता है। अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से नीचे तक नहीं घट सकती । यदि कोई वस्तु नेत्र के अत्यधिक निकट है, तो अभिनेत्र लेंस इतना अधिक वक्रित नहीं हो पाता कि वस्तु का प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल पर बने, जिसके फलस्वरूप परिणामी प्रतिबिम्ब धुंधला-सा बनता है।
11 .तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
उत्तर ⇒ जब तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे बढ़ते हुए अपवर्तनांक वाले माध्यम से गुजरना पड़ता है। इसके कारण तारों का प्रकाश लगातार पृथ्वी की त्रिज्या की तरफ मुड़ता जाता है। माध्यम के अपवर्तनांक में अनियमित उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, जिसके कारण तारों का प्रकाश कभी हमारी आँखों तक पहुँचता है, कभी नहीं पहुँचता। इसके कारण हमें तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं।
12 . दृष्टि निर्बध क्या है ? किस प्रकार चलचित्र संभव होता है ?
उत्तर ⇒ रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब वस्तु के हटाए जाने के 1/10 सेकेण्ड तक स्थिर रहता है। इसे दृष्टि निर्बध कहते हैं । यदि चलचित्र कैमरे द्वारा खींचे गए अचल चित्रों में दृश्यों के क्रम को किसी परदे पर लगभग 24 प्रतिबिम्ब बनाता प्रति सेकेण्ड अथवा इससे अधिक दर पर प्रक्षेपित किया जाए तो प्रतिबिम्बों के क्रमागत प्रभाव निर्बाध रूप से एक-दूसरे में मिश्रित अथवा विलीन होते प्रतीत होते हैं। इस सिद्धान्त से चलचित्र संभव हो पाता है।
13 . स्वच्छ आकाश का रंग हमें नीला दिखाई पड़ता है जबकि किसी अन्तरिक्ष यात्री को काला प्रतीत होता है, क्यों ?
उत्तर ⇒ सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तब प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। रंग के प्रकीर्णन में नीले रंग की अधिकता होती है, इसलिए आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है।
14. रेलवे के सिग्नल का प्रकाश लाल रंग का ही क्यों होता है ?
उत्तर ⇒ – रेलवे के सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है और लाल रंग अधिक दूरी से भी साफ-साफ दिखलाई पड़ जाती है
15 . निकट दृष्टि दोष एवं दूर दृष्टि दोष में अंतर लिखें |
उत्तर ⇒
निकट दृष्टि दोष | दूर दृष्टि दोष |
1. नेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है | 1.नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है |
2.नेत्र गोलक लंबा हो जाता है | 2.नेत्र गोलक छोटा हो जाता है |
3.इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है | 3.इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है |
16. दृष्टिदोष क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर ⇒ सामान्य नेत्र द्वारा 25 सेमी० पर की वस्तु को स्पष्ट देखा पाता है। जब इस स्पष्ट दर्शन की न्यूनतम दूरी पर वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो कहा जाता हे कि नेत्र में दृष्टिदोष है। यह मुख्यतः चार प्रकार का होता है
(i) निकट दृष्टिदोष
(ii) दीर्घ दृष्टिदोष
(iii) जरा दृष्टिदोष
(iv) अबिंदुकता
17. जरा-दूरदृष्टिता क्या है ?
उत्तर ⇒ आयु में वृद्धि होने के साथ-साथ मानव नेत्र की समंजन-क्षमता घट जाती है। अधिकांश व्यक्तियों का निकट बिंदु दूर हट जाता है। संशोधक चश्मों के बिना उन्हें पास की वस्तुओं को आराम से देखने में कठिनाई होती है। इस दोष को जरा दूर-दृष्टिता कहा जाता है। यह दोष पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुबेल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण उत्पन्न होता है। कभी-कभी नेत्र में दोनों प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते हैं जिन्हें द्विफोकसी लेंसों की सहायता से दूर किया जाता है।
18. जरादूरदर्शित तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ⇒ जरादृष्टि दोष को दूर करने के लिए चश्मे में द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। चश्मे के ऊपरी भाग में अवतल लेंस और इसी चश्मे के नीचले भाग में उत्तल लेंस लगाया जाता है। इससे जरादृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को और नजदीक की वस्तुओं को आसानी से देख पाता है।
दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को देख पाता है लेकिन नजदीक की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है। अतः इस दोष वाले व्यक्ति के चश्में में उत्तल लेंस लगाया जाता है।
19. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी बढ़ा देते हैं तो नेत्र से प्रतिबिम्ब की दूरी को क्या होता है ?
उत्तर ⇒ नेत्र से वस्तु की दूरी बढ़ा देने पर भी आँख अपने समंजन शक्ति के द्वारा प्रतिबम्ब को रेटिना पर बनाता है। यह स्वस्थ आँख के लिए सम्भव है। नेत्र और रेटिना के बीच की दूरी सदा स्थिर रहती है। दृष्टि परास 10 सेमी० से अनंत बिंदु तक होती है। इस परास पर कहीं भी वस्तु को रखा जाए तो प्रतिबिम्ब रेटिना
पर ही बनेगा।
20. किसी बिंब को देखने के लिए नेत्र का सामंजन किस प्रकार किया – जाता है?
उत्तर ⇒ अभिनेत्र लेंस की वक्रता में कुछ सीमाओं तक पक्ष्माभी पेशियों द्वारा रूपान्तरित किया जा सकता है। इसकी वक्रता में परिवर्तन होने से इसकी फोकस दूरी भी बदल जाती है। जब पेशियाँ शिथिल होती हैं तो अभिनेत्र लेंस पतला हो जाता है। ऐसी दशा में फोकस दूरी बढ़ जाती है। अतः दूर रखी वस्तुओं को देखने में समर्थ होते हैं। जब हम पास की वस्तुओं को देखते हैं तो पक्ष्माभी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं। अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी घट जाती है। इससे निकट रखी वस्तु को स्पष्ट देख पाते हैं।
21. नेत्र में जरा दृष्टि दोष का क्या कारण है ?
उत्तर ⇒ यह बुढ़ापे का नेत्र-दोष है। इस उम्र में नेत्र में सिलियरी पेशियों का लचीलापन समाप्त हो जाता है। नेत्र में संधान शक्ति की कमी के कारण दूर बिंदु और निकट बिंदु का समंजन नहीं हो पाता है।
22. आँखों की सुग्राहिता का क्या अर्थ है ?
उत्तर ⇒ मद्धिम प्रकाश में भी वस्तु को देखने वाली आँख को सुग्राही आँख कहा जाता है। यह गुण सुग्राहिता कहलाती है।
23. निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष में किन्हीं तीन अंतरों को लिखें।
उत्तर ⇒ (i) दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की चीजों को स्पष्ट देखता है लेकिन निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाता है।
(ii) दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति नजदीक की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है लेकिन निकट-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आसानी से स्पष्ट देख पाता है।
(iii) दूर दृष्टि दोष के निवारण में चश्मे में उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है लेकिन निकट दृष्टि दोष वाले के निवारण हेतु चश्मे में अवतल लेंस का उपयोग होता है।
24. दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतारना पसंद करता है। क्यों ?
उत्तर ⇒ दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की चीजों को आसानी से देख पाता है। अत: वह चश्मा उतारकर ही दूर की वस्तुओं को आसानी से देख पाता है। यही कारण है कि दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश की ओर देखने पर अपना चश्मा उतार देता है।
25. मानव नेत्र में कौन-सा गुण है, जिससे सिनेमा के पर्दे पर चलते हुए तस्वीर को देखते हैं ?
उत्तर ⇒ जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो उसकी तस्वीर हमारे मानस पटल, पर 1/10 सेकेण्ड तक छायी रहती है। इसके पश्चात् कोई दूसरा तस्वीर सामने आता है तो यह चलती हुइ प्रतीत होती है।
26. स्पेक्ट्रम में किस रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य महत्तम और किस रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होता है।
उत्तर ⇒ स्पेक्ट्रम में लाल रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य महत्तम होता है लेकिन बैंगनी रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होता है। अतः लाल रंग के प्रकाश का विचलन कम और बैंगनी रंग के प्रकाश का विचलन महत्तम होता है।
27. प्रकीर्णित प्रकाश का वर्ण किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर ⇒ यह प्रकीर्णन करने वाले कणों के साइज पर निर्भर करता है। अत्यंत सूक्ष्म कण मुख्य रूप से नीले प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं जबकि बड़े साइज के कण अधिक तरंगदैर्घ्य के प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं।
28. कैसे व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।
उत्तर ⇒ उच्च रक्त चाप वाले व्यक्ति, मधुमेह का रोगी, दमे का रोगी जिन्हें कोई संक्रामक रोग नहीं है नेत्रदान कर सकते हैं। एड्स, हेपटाइटिस-B, टेटनस, हैजा से मरने वाले व्यक्ति ही नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।