महत्वपूर्ण तथ्य
1.विश्वशान्ति पाठ का संदेश है कि शान्ति से ही विश्वकल्याण संभव हो सकता है ।
2. इस पाठ में अशान्ति वातावरण के चित्रण तथा उसके समाधान का उपाय निरूपित किया गया है ।
3. आज सम्पूर्ण संसार अशान्ति रूपी सागर के किनारे स्थित है।
4. अशान्ति के दो कारण हैं-द्वेष और असहिष्णुता ।
5. एक देश दूसरे देश के उन्नति से ईर्ष्या करता है तथा उसकी उन्नति को नाश करने का प्रयास करता है।
6. द्वेष ही असहिष्णुता उत्पन्न करता है।
7. यदि परोपकार की भावना पैदा की जाय तो स्वार्थ मिटाया जा सकता है।
8. यहाँ महापुरूषों, विद्वानों चिन्तकों की आवश्यकता है, जो मनुष्य के कर्त्तव्यों का बोध कराये।
9. केवल उपदेश काफी नहीं है, बल्कि कार्य रूप देना आवश्यक है।
10 देशों के बीच विवाद मिटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संस्था है।
11. भगवान बुद्ध पहले कह चुके हैं-वैर से वर का शमन असम्भव है।
12. आज ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना पैदा करने की जरूरत है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.विश्व शांति पाठ में किस वातावरण का चित्रण किया गया है ?
(A) अशांति
(B) शांति
(C) देश भक्ति
(D) वैज्ञानिक
Ans :- (A) अशांति
2. देशों के बीच झगड़ों को शांत करने के लिए कौन संस्था है ?
(A) राष्ट्रसंघ
(B) संयुक्त राष्ट्रसंघ
(C) उच्च न्यायालय
(D) सर्वोच्च न्यायालय
Ans :- (B) संयुक्त राष्ट्रसंघ
3. दुःख का विषय क्या है ?
(A) अशांति
(B) शांति
(C) सार्वभौमिक अशांति
(D) सार्वभौमिक शांति
Ans :- (C) सार्वभौमिक अशांति
4. असहिष्णुता कौन पैदा करता है?
(A) स्वार्थ
(B) परमार्थ
(C) द्वेष
(D) प्रसन्नता
Ans :- (C) द्वेष
5. अशांति मानवता का क्या कर रही है ?
(A) उन्नति
(B) विनाश
(C) ऊपर
(D) नीचे
Ans :- (B) विनाश
6. किसके बिना ज्ञान भार स्वरूप है?
(A) शास्त्र
(B) विवेक
(C) व्यवहार
(D) पुस्तक
Ans :- (C) व्यवहार
7. क्रिया के बिना क्या भार है?
(A) धन
(B) दौलत
(C) सामान
(D) ज्ञान
Ans :- (D) ज्ञान
8. विश्वशांति का कौन काल माना जा सकता है ?
(A) सूर्योदय
(B) सूर्यास्त
(C) रात्रि
(D) उषा काल
Ans :- (A) सूर्योदय
9. बैर को कौन बढ़ाता है?
(A) अबैर
(B) बैर
(C) स्वार्थ
(D) परमार्थ
Ans :- (C) स्वार्थ
10. मानवता के विनाश का भय किससे है?
(A) शस्त्रं
(B) अस्त्र
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B) अस्त्र
11. अनेक राज्यों में परस्पर क्या चल रहे हैं ?
(A) उष्ण युद्ध
(B) अस्त्र युद्ध
(C) शस्त्र युद्ध
(D) शीत युद्ध
Ans :- (D) शीत युद्ध
12. क्या बलपूर्वक निवारणीय है?
(A) धर्मोपदेशः
(B) कर्मोपदेशः
(C) अर्थोपदेश:
(D) स्वार्थोपदेश:
Ans :- (D) स्वार्थोपदेश:
13. अशांति के कारण कितने हैं ?
(A) 1
(B) 2
(C)3
(D) 4
Ans :- (B) 2
14. भारतीय दर्शन का मूल तत्व किसे माना जाता है?
(A) शांति
(B) अशांति
(C) बैर
(D) अबैर
Ans :- (A) शांति
15. अशान्ति सागर के तटों के बीच कौन स्थित है?
(A) मानवः
(B) दानवः
(C) जीवः
(D) संसार:
Ans :- (D) संसार:
16. उदार चरित्र वाले क्या मानते हैं?
(A) अयं निजः
(B) परोवेति
(C) वसुधैव कुटुम्बकम्
(D) स्वर्थेवसर्वम्
Ans :- (C) वसुधैव कुटुम्बकम्
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.’ ‘विश्वशान्तिः’ पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर⇒ विश्वशान्तिः शब्द का शाब्दिक अर्थ विश्व की शान्ति है। आज सर्वत्र ईर्ष्या, द्वेष, असहिष्णुता, अविश्वास, असंतोष आदि जैसे दुर्गुण विद्यमान हैं। ये दुर्गुण जहाँ विद्यमान हो वहाँ की शान्ति की कल्पना कैसे की जा सकती है। शान्ति भारतीय दर्शन का मूल तत्व है। यह शान्ति धर्ममूलक है। धर्मों रक्षित रक्षितः-ऐसा प्राचीन संदेश विश्व का अस्तित्व और रक्षा के लिए ही प्रेरित है। इस पाठ का मुख्य उद्देश्य, व्यक्ति, समाज और राष्ट्रों को आपसी द्वेष, असंतोष आदि से दूर कर शान्ति, सहिष्णुता आदि का पाठ पढ़ाना है।
2. अशान्ति का प्रमुख कारण कौन-कौन है ? तथा इसका निदान क्या है ?
उत्तर⇒ अशान्ति का प्रमुख कारण द्वेष और असहिष्णुता है। आज हर देश दसेरे देश की उन्नति को देखकर ईर्ष्या की अग्नि से जल रहा है। उसकी उन्नति को नष्ट करने के लिए छल-प्रपंच आदि का सहारा ले रहा है। आयुधों की होड़ में आज मानवता विनष्ट हो रही है। निर्वैर से शान्ति की कल्पना की जा सकती है। अतः परोपकार, सहिष्णुता आदि को धारण कर ही अशान्ति को दूर किया जा सकता है।
3. विश्वशान्तिः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर⇒ आज विश्वभर में विभिन्न प्रकार के विवाद छिड़े हुए हैं जिनसे देशों में आंतरिक और बाह्य अशांति फैली हुई है । सीमा, नदी-जल, धर्म, दल इत्यादि को लेकर स्वार्थप्रेरित होकर असहिष्णु हो गये हैं। इससे अशांति का वातावरण बना हुआ है। इस समस्या को उठाकर इसके निवारण के लिए इस पाठ में वर्तमान स्थिति
का निरूपण किया गया है।
4. वर्तमान में विश्व की स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर⇒ वर्तमान में प्रायः विश्व के सभी देशों में अशांति और कलह छाए हुए हैं। कुछ देशों में आंतरिक समस्याएँ हैं तो कुछ देशों में परस्पर शीतयुद्ध चल रहे हैं। संपूर्ण संसार में अशांति के कारण मानवता का विनाश हो रहा है । विध्वंसकारी अस्त्रों द्वारा मानवता के विनाश का भय सर्वत्र व्याप्त है।
5. अशांति के मूल कारण क्या हैं ?
उत्तर⇒ वास्तव में अशांति के दो मूल कारण हैं-द्वेष और असहिष्णुता । एक देश दूसरे देश की उन्नति देख जलते हैं, और इससे असहिष्णुता पैदा होती है। ये दोनों दोष आपसी वैर और अशांति के मूल कारण हैं।
6. विश्व अशान्ति का क्या कारण है ? तीन वाक्यों में हिन्दी में उत्तर दें।
उत्तर⇒ अशांति के मूल कारण हैं-द्वेष और असहिष्णुता । स्वार्थ से यह अशांति बढ़ती है। इस अशांति को वैर से नहीं रोका जा सकता । करुणा और मित्रता से ही वैर नष्ट कर संसार में शांति लाई जा सकती है।
7. विश्व शांति के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर⇒ केवल उपदेश से विश्व शांति नहीं होगी। हमें उपदेशों के अनुसार आचरण करना होगा । हमलोग जानते हैं कि क्रिया के बिना, अर्थात व्यवहार के बिना ज्ञान भार-स्वरूप है । वैर कभी भी वैर से शांत नहीं होता। हमें निर्वैर दया, परोपकार, सहिष्णुता और मित्रता का भाव दूसरों के प्रति रखनी होगी, तभी विश्वशांति हो सकती है।
8. विश्व में शांति कैसे स्थापित हो सकती है ?
उत्तर⇒ विश्व में शांति का आधार एकमात्र परोपकार है। परोपकार की भावना मानवीय गुण है । संकटकाल में सहयोग की भावना रखना ही लक्ष्य हो तभी हम निर्वेर, सहिष्णुता और परोपकार से शांति स्थापित कर सकते हैं।
9. ‘विश्वशांति’ पाठ के आधार पर भारतीय दर्शन का मूल तत्त्व बतलाएँ।
उत्तर⇒ भारतीय दर्शन का मूल तत्त्व शांति है। इसमें संदेह नहीं, क्योंकि धर्म का आधार भी शांति ही है। इसी भाव से विश्व की रक्षा तथा कल्याण संभव है इसलिए हमें जन जागरण द्वारा सहिष्णुता, परोपकार और निर्वेर के महत्त्व पर प्रकाश डालना चाहिए।