महत्वपूर्ण तथ्य—
*मेरुरज्जु मेडुला से निकलता है।
*मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है।
*हृदय का धड़कना अनैच्छिक क्रिया है।
*दो न्यूरॉन के मध्य खाली स्थान को सिनेप्स कहते हैं।
*शरीर का संतुलन सेरीबेलम बनाए रखता है।
*मस्तिष्क सोचने, हृदय धड़कन और शरी के संतुलन के लिए उत्तरदायी है।
*पॉन्स, मेडुला और अनुमस्तिष्क पश्च मस्तिष्क का हिस्सा है।
*दिमाग संवेदीग्राही अंग नहीं है।
*तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को नेफ्रॉन कहते हैं।
*मानव शरीर की सबसे लंबी कोशिका न्यूरॉन है।
*मानव शरीर का औसत भार 4 ज्ञह होता है।
*मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि यकृत या लीवर है।
*रक्त में ग्लूकोज की मात्रा का नियंत्रण इंसुलिन के द्वारा होता है।
*एड्रिनल गंथि रूधिर चाप का नियंत्रण करता है।
*ग्वाइटर या घेघा रोग आयोडीन की कमी के कारण होता है।
*अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हार्मोन बनाने के लिए सोडियम, क्लोरिन तथा फॉस्फोरस की आवश्यता होती है।
*टेस्टेस्टेरॉन वृषण द्वारा स्त्रावित होता है।
*किशोरावस्था में होनेवाले शारीरिक परिवर्तन टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजेन के कारण होता है।
*पिट्युटरी ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन वृद्धि हार्मोन है।
*हार्मोन को रासायनिक दूत कहा जाता है।
*एड्रिनलिन हार्मोन को आपातकाल का हार्मोन कहा जाता है।
*नर जनन हार्मोन एंड्रोजन है।
*इन्सुलीन की कमी से मधुमेह नामक रोग होता है।
*जड़ का अधोगामी वृद्धि गुरुवानुवर्तन कहलाता है।
*ऑक्जिन और जिबरेलिन्स पौधों के तनों की लंबाई में वृद्धि करता है।
*ऐबसिसिक एसिड के प्रभाव से पित्तयाँ मुरझा जाती है।
*फलों को पकाने का कार्य इथीलीन हार्मोन के द्वारा होता है।
अनुवर्तन- पौधों द्वारा बाह्य उद्दीपनों को ग्रहण कर उसके अनुसार गति को अनुवर्तन या अनुवर्तनी गति कहते हैं।
अनुवर्तन निम्नलिखित प्रकार के होते हैं—
1. प्रकाश-अनुवर्तन- पौधे के अंगों द्वारा प्रकाश की ओर गति को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।
2. गुरुत्वानुवर्तन- पौधे के अंगों द्वारा गुरुत्वाकर्षण की दिशा में गति को गुरुत्वानुवर्तन कहते हैं।
3. जलानुवर्तन- पौधे के अंगों द्वारा जल की ओर गति को जलानुवर्तन कहते हैं।
पादप हार्मोन- पौधों की जैविक क्रियाओं के बीच समन्वय स्थापित करनेवाले रासायनिक पदार्थ को पादप हार्मोन या फाइटोहॉर्मोन कहते हैं।
रासायनिक संघटक तथा कार्यविधि के आधार पर पादप हार्मोन को पाँच वर्गों में विभाजित किया गया है-
1. ऑक्जिन
2. जिबरेलिन्स
3. साइटोकाइनिन
4. ऐबसिसिक एसिड
5. एथिलीन
ऑक्जिन के कार्य- यह कोशिका विभाजन और कोशिका दिर्घन में सहायक होता है। ऑक्जिन तने के वृद्धि में भी सहायक होते हैं। यह प्रायः बीजरहित फलों के उत्पादन में भी सहायक होते हैं। यह पौधों के ऊपरी भाग में पाया जाता है। यह प्रकाशानुवर्तन के लिए उतरदयी है।
जिबरेलिन्स के कार्य- यह पौधे के स्तंभ की लंबाई में वृद्धि करते हैं। इनके उपयोग से बड़े आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है। बीजरहित फलों के उत्पादन में ये ऑक्जिन की तरह सहायक होते हैं।
साइटोकाइनिन के कार्य-ये पौधों में जीर्णता को रोकते हैं एवं पर्णहरित को काफी समय तक नष्ट नहीं होने देते हैं। इससे पित्तयाँ अधिक समय तक हरी और ताजी बनी रहती है।
ऐबसिसिक एसिड के कार्य- यह ऐसा रासायनिक यौगिक है, जिसे किसी भी पौधे पर छिड़कने पर शीघ्र ही पित्तयों का विलगन हो जाता है। यह पित्तयों के मुरझाने और विलगन होने में सहायक होते हैं।
एथिलीन के कार्य- यह पौधे के तने के अग्रभाग में बनता है और विसरित होकर फलों के पकाने में सहायता करता है। अतः इसे फल पकानेवाला हार्मोन भी कहा जाता है। कृत्रिम रूप से फलों को पकाने में इसका उपयोग किया जाता है।
जंतुओं में नियंत्रण और समन्वय
जंतुओं में विभिन्न क्रियाओं के बीच समन्वय और नियंत्रण निम्नांकित दो प्रकार के होते हैं।
1. तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय
जंतुओं के शरीर में एक विशेष प्रकार का ऊतक पाया जाता है, जिसे तंत्रिका ऊतक कहते हैं। तंत्रिका ऊतक जिस कोशिका का बना होता है, उसे तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहते हैं। तंत्रिका ऊतक से तंत्रिका तंत्र का निर्माण होता है। तंत्रिका तंत्र मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा विभिन्न प्रकार की तंत्रिकाओं से बना होता है।
तंत्रिका तंत्र आंतरिक संवेदना या उद्दीपन जैसे प्यास, भूख, रोग इत्यादि तथा बाह्य संवेदना जेसे भौतिक, रासायनिक, यांत्रिक या विद्युतीय प्रभाव को ग्रहण करने, शरीर के विभिन्न भागों में उनका चालन करने तथा संवेदनाओं का प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए अंगों को प्रेरित करने का कार्य करता है।
तंत्रिका कोशिका- यह मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका होती है। प्रत्येक न्यूरॉन में एक ताराकार कोशिकाकाय होता है जिसे साइटॉन कहते हैं। साइटॉन से अनेक पतले तंतु निकले होते हैं। इन तंतुओं में से जो अधिक लंबा होता है, उसे एक्सॉन कहते हैं।
एक्सॉन बहुत लंबा होता है तो वह तंत्रिका तंतु कहलाता है। कई तंत्रिका तंतुओं के मिलने से तंत्रिका बनता है।
मनुष्य की मस्तिष्क- मस्तिष्क एक अत्यंत महŸवपूर्ण कोमल अंग है। तंत्रिका तंत्र के द्वारा शरीर की क्रियाओं के नियंत्रण और समन्वय में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इसी की होती है। मस्तिष्क क्रेनियम नामक हड्डी से सुरक्षित रहता है। इन हड्डीयों के अंदर मस्तिष्क मेनिंजीज झिल्ली से ढ़का होता है। मेनिंजीज और मस्तिष्क के बीच सेरीब्रोस्पाइनल द्रव्य भरा होता है।
इसका औसतन आयतन लगभग 1650 ml तथा औसत भार करीब 1.5 kg होता है। मस्तिष्क को प्रमुख तीन भागो में बाँटा गया है-
1. अग्रमस्तिष्क
2. मध्यमस्तिष्क
3. पश्चमस्तिस्क
1. अग्रमस्तिष्क – यह दो भागों (क) प्रमस्तिष्क या सेरिब्रम तथा (ख) डाईएनसेफ़्लॉन में बाँटा होता है।
(क) प्रमस्तिष्क या सेरिब्रम- यह मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है। यह मस्तिष्क का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है। यह बुद्धि और चतुराई का केंद्र है। मानव में किसी बात को सोचने-समझने की शक्ति, स्मरण शक्ति, कार्य को करने की प्रेरणा, घृणा, प्रेम,भय,हर्ष,कष्ट के अनुभव जैसी क्रियाओ का नियंत्रण और समन्वय सेरीब्रम के द्वारा ही होता है। यह मस्तिष्क के अन्य भागों के कार्यो पर भी नियंत्रण रखता है। जिस व्यक्ति में यह औसत से छोटा होता है। वह व्यक्ति मंदबुद्धि होता है।
(ख) डाइएनसेफ्लोन- यह कम या अधिक ताप के आभास तथा दर्द और रोने जैसी क्रियाओ का नियंत्रण करता है।
2. मध्यमस्तिष्क- यह संतुलन एवं आँख की पेशियों को नियंत्रित करने के केंद्र होते हैं।
3. पश्चमस्तिस्क- यह दो प्रकार के होते हैं।
(क) अनुमस्तिष्क या सेरीबेलम
(ख) मस्तिष्क स्टेम
(क) अनुमस्तिष्क या सेरीबेलम- अनुमस्तिष्क मुद्रा समन्वय,संतुलन, ऐक्षिक पेशियों की गति इत्यादि का नियंत्रण करता है। यदिमस्तिष्क से सेरीबेलम को नष्ट कर दिया जाय तो सामान्य ऐच्छिक गतियाँ असंभव हो जाएगी। उदहारण के लिए हाथों का परिचालन ठीक से नहीं होगा, अर्थात वस्तुओं को पकड़ने में हाथों को कठिनाई होगी। पैरों द्वारा चलना मुश्किल हो जायेगा आदि। इसका कारण यह है की हाथों और पैरों की ऐक्षिक पेशियों का नियंत्रण सेरीबेलम के नष्ट होने से समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार, बातचीत करने में कठिनाई होगी, क्यूंकि तब जीभ और जबरों की पेशियों के कार्यों का समन्वय नहीं हो पायेगा इत्यादि।
ख. मस्तिष्क स्टेम –
1. पॉन्स बैरोलाई
2. मेडुला आब्लांगेटा
1. पॉन्स बैरोलाई – यह श्वसन को नियंत्रित करता है।
2. मेडुला आब्लांगेटा- मेडुला द्वारा आवेगो का चालन मस्तिष्क और मेरुरज्जु के बीच होता है। मेडुला में अनेक तंत्रिका केंद्र होते है जो हृदय स्पंदन या हृदय की धड़कन, रक्तचाप और श्वसन गति की दर का नियंत्रण करते है। मस्तिष्क के इसी भाग द्वारा विभिन्न प्रतिवर्ती क्रियाओ जैसे खाँसना,छींकना,उलटी करना पाचक रसो के स्त्राव इत्यादि का नियंत्रण होता है।
मस्तिष्क के कार्य
1. आवेग ग्रहण- मस्तिष्क सभी संवेदी अंगों से आवेगो को ग्रहण करता है। मस्तिष्क में ही ग्रहण किये गए आवेगों का विश्लेषण भी होता है।
2. ग्रहण किये गए आवेगों की अनुक्रिया- विभिन्न संवेदी अंगों से जो आवेग मस्तिष्क में पहुँचते हैं, विश्लेषन के बाद मस्तिष्क उनकी अनुक्रिया के लिए उचित निर्देश निर्गत करता है।
3. विभिन्न आवेगों का सहसम्बन्ध- मस्तिष्क को भिन्न-भिन्न संवेदी अंगो से एक साथ कई तरह के आवेग या संकेत प्राप्त होते है। मस्तिष्क इन आवेगों को सहसंबंधित कर विभिन्न शारीरिक कार्यों का कुशलतापूर्वक समन्वय करता है।
4. सूचनाओं का भण्डारण- मानव मस्तिष्क का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य सूचनाओं को भंडार करना है। मस्तिष्क में विभिन्न सूचनाएं चेतना या ज्ञान के रूप में संचित रहती है। इसलिए मस्तिष्क को ‘चेतना का भंडार‘ या ‘ज्ञान का भंडार‘ कहा जाता है।
प्रतिवर्ती चाप
न्यूरोनों में आवेग का संचरण एक निश्चित पथ में होता है। इस पथ को प्रतिवर्ती चाप कहते है।
हार्मोन- ये विशिष्ट कार्बनिक यौगिक है जो बहुत कम मात्रा में अन्तः स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते है। इनकी बहुत थोड़ी मात्रा ही विभिन्न प्रकार के शारीरिक क्रियात्मक कार्यों के नियंत्रण और समन्वय के लिए पर्याप्त होती है।
हार्मोन रक्त-परिसंचरण के माध्यम से विभिन्न अंगों तक पहुँचते हैं।
मनुष्य के अंतःस्त्रावी तंत्र
मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतःस्त्रावी ग्रंथियाँ निम्नलिखित हैं-
1. पिट्युटरी ग्रंथि
2. थाइरॉइड ग्रंथि
3. पाराथाइरॉइड ग्रंथि
4. एड्रिनल ग्रंथि
5. अग्न्याशय की लैंगरहैंस की द्वीपिकाएँ
6. जनन ग्रंथियाँ : अंडाशय तथा वृषण
1. पिट्युटरी ग्रंथि-
पिट्युटरी ग्रंथि कई अन्य अंतःस्त्रावी ग्रंथियों का नियंत्रण करती है, इसलिए इसे मास्टर ग्रंथि कहते हैं।
पिट्युटरी ग्रंथि दो भागों में बँटा होता है- अग्रपिंडक और पश्चपिंडक
अग्रपिंडक द्वारा स्त्रावित वृद्धि हार्मोन है तथा पश्चपिंडक द्वारा स्त्रावित हार्मोन शरीर में जल-संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।
2. थाइरॉइड ग्रंथि-
इस ग्रंथि से थाइरॉक्सिन हार्मोण प्रवाहित होता है। इस हार्मोन में आयोडीन अधिकमात्रा में रहता है।थाइरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसाके सामान्य उपापचय का नियंत्रण करता है। अतः यह शरीर के सामान्य वृद्धि, विशेषकर हड्डियों, बालों इत्यादि के विकास के लिए अनिवार्य है।
आयोडिन की कमी से थाइरॉइड ग्रंथि द्वारा बननेवाला हॉर्मोन थाइरॉक्सिन कम बनता है। इस हार्मोन के बनने की गति को बढ़ाने के प्रयास में कभी-कभी थाइडॉइड ग्रंथि बढ़ जाती है,जिसे घेघा या गलगंड कहते है। थाइरॉक्सिन की कमी से शारीरिक तथा मानसिक वृद्धि प्रभावित होती है।
3. पाराथाइरॉइड ग्रंथि- इसके द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन रक्त में कैल्सियम की मात्रा नियंत्रण करते हैं।
4. एड्रिनल ग्रंथि- एड्रीनल ग्रंथि के दो भाग होते हैं-बाहरी कॉर्टेक्स औरअंदरूनी मेडुला
एड्रीनल कॉर्टेक्स (बाहरी कॉर्टेक्स) द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन-
1. ग्लूकोकॉर्टिक्वायड्स- ये कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा-उपापचय का नियंत्रण करते हैं।
2. मिनरलोकॉर्टिक्वायड्स- इनका मुख्य कार्य वृक्क नलिकाओं द्वारा लवण के पुनः अवशोषण एवं शरीर में अन्य लवणों की मात्रा का नियंत्रण करना है। यह शरीर में जल संतुलन को भी नियंत्रित करता है।
3. लिंग हार्मोन- ये हार्मोन पेशियों तथा हड्डियों के परिवर्द्धन, बाह्यलिंगों बालों के आने का प्रतिमान एवं यौन-आचरणका नियंत्रण करते हैं।
एड्रीनल मेडुला(अंदरूनी मेडुला) द्वारा स्त्रावित हार्मोन और उसके कार्य-
एड्रीनल ग्रंथि के इस भाग द्वारा निम्नलिखित दो हार्मोन स्त्रावित होते हैं-
1. एपिनेफ्रीन- अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव, डर, गुस्सा एवं उत्तोजना की स्थिति में इस हार्मोन का स्त्राव होता है।
2. नॉरएपिनेफ्रीन- ये समान रूप से हृदय-पेशियों की उत्तेजनशीलता एवं संकुचनशीलता को तेज करते है
3. अग्नयाशय की लैंगरहैंस की द्विपिकाएँ
इसके हार्मोन रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करते है। ग्लूकोस का मात्रा का नियंत्रण इंसुलिन नामक हार्मोन के द्वारा होता है।
6. जनन ग्रन्थियाँ ( अंडाशय तथा वृषण )
अंडाशय के द्वारा कई हार्मोन का स्त्राव होता है बालिकाओ के शरीर में यौवनावस्था में होनेवाले सभी परिवर्तन इन हार्मोन के कारण होते है।
वृष्ण द्वारा स्त्रावित हार्मोन को टेस्टोस्टेरॉन कहते हैं।
अण्डाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. हॉर्मोन स्रावित होता है :
[ A ] अंत: स्रावी ग्रंथि से
[ B ] बहिस्रावी ग्रंथि से
[ C ] नलिका ग्रंथि से
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ A ] अंत: स्रावी ग्रंथि से
2. ग्वाइटर अथवा घेघा पनपता है-
[ A ] चीनी की कमी से
[ B ] आयोडीन की कमी से
[ C ] रक्त की कमी से
[ D ] मोटापा से
उत्तर ⇒ [ B ] आयोडीन की कमी से
3. ‘थॉयरॉक्सिन’ का स्रवण कहाँ होता है?
[ A ] थॉयराइड
[ B ] यकृत
[ C ] वृक्क .
[ D ] वृषण
उत्तर ⇒ [ A ] थॉयराइड
4. मानव में डायलिसिस थैली है-
[ A ] नेफ्रॉन
[ B ] न्यूरॉन
[ C ] माइटोकॉन्ड्रिया
[ D ] कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ A ] नेफ्रॉन
5. भोजन का पचना किस प्रकार की अभिक्रिया है ?
[ A ] उपचयन
[ B ] संयोजन
[ C ] अपचयन
[ D ] विस्थापन
उत्तर ⇒ [ A ] उपचयन
6. कौन-सा पादप नियंत्रक फल बेचने वालों द्वारा उपयोग किया जाता है?
[ A ] ऐब्सिसिस अम्ल
[ B ] जिबरेलिन
[ C ] इथाइलीन
[ D ] ऑक्सिन
उत्तर ⇒ [ C ] इथाइलीन
7. वह संरचना जो उद्दीपन की पहचान कराती है, कहलाती है-
[ A ] ग्राही
[ B ] प्रभावक
[ C ] उत्तरदायित्व
[ D ] बेचैनी
उत्तर ⇒ [ A ] ग्राही
8. निम्नलिखित में से कौन-सी एक अंतःस्रावी और बाह्य स्रावी ग्रंथि दोप्रकार की होती है?
[ A ] अग्नाशय
[ B ] थायराइड
[ C ] पैराथायराइड
[ D ] पिट्यूटरी
उत्तर ⇒ [ A ] अग्नाशय
9. कौन-सी अंत:स्रावी ग्रंथि वृक्क के दोनों ओर ऊपर स्थित होती है ?
[ A ] गोनेड्स
[ B ] पिट्यूटरी
[ C ] अग्नाशय
[ D ] एड्रीनल
उत्तर ⇒ [ D ] एड्रीनल
10. जीवों में ध्वनि ग्रहण करने के लिए संवेदी अंग है-
[ A ] प्रकाशग्राही
[ B ] ध्रणग्राही
[ C ] श्रवणग्राही
[ D ] स्पर्शग्राही
उत्तर ⇒ [ C ] श्रवणग्राही
11. वृक्क के ऊपर स्थित अंत:स्रावी ग्रंथि है-
[ A ] पीयूष ग्रंथि
[ B ] पिनियल ग्रंथि
[ C ] अधिवृक्क ग्रंथि
[ D ] None of these
उत्तर ⇒ [ C ] अधिवृक्क ग्रंथि
12. इनमें कौन फल पकाने के लिए प्रयुक्त होते है ?
[ A ] ऑक्जिन
[ B ] जिबरेलिन्स
[ C ] एथिलीन
[ D ] साइटोकाइनिन
उत्तर ⇒ [ B ] जिबरेलिन्स
13. अधिकतर पादप नियंत्रक उत्पन्न होते हैं-
[ A ] बढ़ते तने के अग्र भाग पर
[ B ] बढ़ती जड़ के अग्र भाग पर
[ C ] फ्लोएम की संवहनी नलियों पर
[ D ] a और b दोनों पर
उत्तर ⇒ [ D ] a और b दोनों पर
14. बीजरहित फलों के बनने को कहते हैं-
[ A ] अनिषेक फलन
[ B ] अनिषेक अण्डपी
[ C ] अग्र प्रभाविकता
[ D ] इनमें कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ C ] अग्र प्रभाविकता
15. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
[ A ] इंसुलिन
[ B ] थायरॉक्सिन
[ C ] एस्ट्रोजन
[ D ] साइटोकाइनिन
उत्तर ⇒ [ D ] साइटोकाइनिन
16. बीजरहित पौधों के उत्पादन में ये सहायक होते हैं –
[ A ] सॉइटोकाइनिन
[ B ] ऑविजन
[ C ] जिबरेलिन्स
[ D ] ऑक्जिन एवं जिबरेलिन्स दोनों
उत्तर ⇒ [ D ] ऑक्जिन एवं जिबरेलिन्स दोनों
17. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं-
[ A ] दुमिका
[ B ] सिनेटिक दरार (सिनेप्स)
[ C ] एक्सॉन
[ D ] आवेग
उत्तर ⇒ [ B ] सिनेटिक दरार (सिनेप्स)
18. मस्तिष्क उत्तरदायी है-
[ A ] सोचने के लिए ।
[ B ] हृदय स्पंदन के लिए
[ C ] शरीर का संतुलन बनाने के लिए
[ D ] उपरोक्त सभी
उत्तर ⇒ [ D ] उपरोक्त सभी
19. बहुकोशिकीय जीवों में निम्न में से किस प्रकार का समन्वय पाया जाता है?
[ A ] रासायनिक समन्वय
[ B ] तंत्रिका समन्वय
[ C ] उपर्युक्त दोनों
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ C ] उपर्युक्त दोनों
20. तंत्रिका कोशिकाएँ कितने प्रकार की होती हैं ?
[ A ] 1
[ B ] 2
[ C ] 3
[ D ] 4
उत्तर ⇒ [ C ] 3
21. प्रतिवर्ती चाप कहाँ बनते हैं ?
[ A ] मेरुरज्जु
[ B ] मस्तिष्क
[ C ] पेशी ऊतक
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ A ] मेरुरज्जु
22. शरीर की प्रधान नियंत्रक ग्रंथि किसे कहा जाता है?
[ A ] जनन ग्रंथि
[ B ] पीयूष ग्रंथि
[ C ] थाइरॉयड ग्रंथि
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ B ] पीयूष ग्रंथि
23. अंत:स्रावी ग्रंथियाँ होती हैं-
[ A ] नलिकाविहीन
[ B ] नलिकायुक्त
[ C ] दोनों
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ A ] नलिकाविहीन
24. थाइरॉयड ग्रंथि की अल्पक्रियता के कारण कौन-सा रोग उत्पन्न होता है –
[ A ] अवटुवामनता
[ B ] अवटुअल्पक्रियता
[ C ] मिक्सिडीमा
[ D ] ये सभी
उत्तर ⇒ [ D ] ये सभी
25. अग्न्याशय द्वारा निम्न में से कौन-सा हॉर्मोन स्रावित होता है?
[ A ] इंसुलिन
[ B ] ग्लूकोगॉन
[ C ] दोनों
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ C ] दोनों
26. पत्तियों का मुरझाना किस पादप हार्मोन के कारण सम्भव हो पाता है ?
[ A ] जिबरेलिन
[ B ] साइटोकाइनिन
[ C ] एब्सिसिक अम्ल
[ D ] सभी सही है
उत्तर ⇒ [ C ] एब्सिसिक अम्ल
27. सावित होने वाले हार्मोन का समय और मात्रा किस क्रियाविधि द्वारानियंत्रित की जाती है?
[ A ] स्रावण
[ B ] परिशुद्धन
[ C ] अनुक्रिया
[ D ] पुनर्भरण
उत्तर ⇒ [ D ] पुनर्भरण
28. जड़ का अधोगामी वृद्धि है:
[ A ] प्रकाशानुवर्तन
[ B ] गुरुत्वानुवर्तन
[ C ] जलानुवर्तन
[ D ] रसायनानुवर्तन
उत्तर ⇒ [ B ] गुरुत्वानुवर्तन
29. पॉन्स, मेडुला और अनुमस्तिष्क :
[ A ] अग्रमस्तिष्क का हिस्सा है
[ B ] मध्य मस्तिष्क का हिस्सा है।
[ C ] पश्च मस्तिष्क का हिस्सा है
[ D ] प्रमस्तिष्क का हिस्सा है।
उत्तर ⇒ [ C ] पश्च मस्तिष्क का हिस्सा है
30. निम्नलिखित में कौन-सी अनैच्छिक क्रिया नहीं है ?
[ A ] वमन
[ B ] चबाना
[ C ] लार आना
[ D ] हृदय का धड़कना
उत्तर ⇒ [ B ] चबाना
31. अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए क्या आवश्यक है ?
[ A ] सोडियम
[ B ] क्लोरिन
[ C ] फॉस्फोरस
[ D ] इनमें से सभी
उत्तर ⇒ [ A ] सोडियम
32. मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
[ A ] अग्र मस्तिष्क
[ B ] मध्य मस्तिष्क
[ C ] अनुमस्तिष्क
[ D ] इनमें से सभी
उत्तर ⇒ [ C ] अनुमस्तिष्क
33. पादप हार्मोन ‘साइटोकिनिन’ सहायक है:
[ A ] प्ररोह के अग्रभाग की लम्बाई में वृद्धि के लिए
[ B ] तने के वृद्धि के लिए
[ C ] पादप का प्रकाश की ओर मुड़ने के लिए
[ D ] इनमें से सभी
उत्तर ⇒ [ A ] प्ररोह के अग्रभाग की लम्बाई में वृद्धि के लिए
34. अनुकुंचन गति किस पौधे पर प्रमाणित की जाती है ?
[ A ] छुई-मुई पर
[ B ] घृत कुमारी पर
[ C ] कैण्डुला पर
[ D ] कैक्टस पर
उत्तर ⇒ [ A ] छुई-मुई पर
35. वृक्क किस तंत्र का भाग है ?
[ A ] पाचन तंत्र का
[ B ] परिसंचरण तंत्र का
[ C ] उत्सर्जन तंत्र का
[ D ] श्वसन तंत्र का
उत्तर ⇒ [ C ] उत्सर्जन तंत्र का
36. इन्सुलिन की कमी के कारण कौन-सा रोग होता है ?
[ A ] एड्स
[ B ] बेरी-बेरी
[ C ] घेघा
[ D ] मधुमेह
उत्तर ⇒ [ D ] मधुमेह
37. खोपड़ी के अग्र सिरे पर स्थित न्यूरॉन को शरीर के विभिन्न भागोंसे प्राप्त होता है :
[ A ] जल
[ B ] खून
[ C ] संकेत
[ D ] वायु
उत्तर ⇒ [ C ] संकेत
38. अवटुग्रन्थि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आवश्यक है :
[ A ] लोहा
[ B ] वसा
[ C ] प्रोटीन
[ D ] आयोडीन
उत्तर ⇒ [ D ] आयोडीन
39. लीडिंग कोशिकाएँ कहाँ मिलती है ?
[ A ] वृषण में
[ C ] पीयूष ग्रन्थि में
[ B ] अण्डाशय में
[ D ] परावटु ग्रन्थि में
उत्तर ⇒ [ A ] वृषण में
40. ऑक्सिन पादप हॉर्मोन पौधों के किस क्रिया में सहायता करता है –
[ A ] वृद्धि में
[ B ] श्वसन में
[ C ] भोजन में
[ D ] जनन में
उत्तर ⇒ [ A ] वृद्धि में
41. तंत्रिका तंत्र का भाग है :
[ A ] मस्तिष्क
[ B ] रीढ़
[ C ] रज्जु
[ D ] इनमें सभी
उत्तर ⇒ [ D ] इनमें सभी
42. एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन एवं रिलैक्सिन हॉर्मोन्स स्रावित होते है ?
[ A ] अण्डाशय से
[ B ] वृषण से
[ C ] एड्रीनल ग्रन्थि से
[ D ] अग्नाशय से
उत्तर ⇒ [ A ] अण्डाशय से
43. इनमें से कौन मादा जनन हॉर्मोन है ?
[ A ] प्रोजेस्टेरॉन
[ B ] एस्ट्रोजन
[ C ] ऐस्टडियॉल
[ D ] इनमें सभी
उत्तर ⇒ [ D ] इनमें सभी
44. कुछ जानवर जुगाली करते है ?
[ A ] स्वास्थ्य के लिए
[ B ] भोजन के पाचन के लिए
[ C ] दूध बनाने के लिए
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ B ] भोजन के पाचन के लिए
45. रूधिर दाब तथा हृदय स्पंदन किस हॉर्मोन के द्वारा बढ़ता है ?
[ A ] प्रोजेस्टेरॉन
[ B ] ऐस्टडियॉल
[ C ] एड्रीनलिन
[ D ] रिलैक्सिन
उत्तर ⇒ [ C ] एड्रीनलिन
46. हमारे शरीर में विभिन्न जैविक कार्यों का नियंत्रण होता है :
[ A ] तंत्रिका द्वारा
[ B ] रसायनों द्वारा
[ C ] तंत्रिक एवं रसायनों द्वारा
[ D ] इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ [ C ] तंत्रिक एवं रसायनों द्वारा
47. ऐबसिसिक एसिड किस तरह का रसायन है ?
[ A ] ऑक्जिन की तरह
[ B ] जिबरेलिन्स की तरह
[ C ] साइटोकाइनिन की तरह
[ D ] वृद्धिरोधक की तरह
उत्तर ⇒ [ D ] वृद्धिरोधक की तरह
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पादप हॉर्मोन क्या हैं ?
उत्तर ⇒ पादप (पौधे) में कुछ रासायनिक पदार्थों की वृद्धि होती है । ये उनकी गतिविधि को नियंत्रण तथा समन्वय करते हैं । वे ही रसायन पादप हॉर्मोन कहलाते हैं।
2. प्रकाशानुवर्तन और गुरुत्वानुवर्तन में क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒ प्रकाशानुवर्तन – पौधे के शीर्ष प्रकाश की दिशा में अग्रसर होते हैं । इसे प्रकाशानुवर्तन कहा जाता है।
गुरुत्वानुवर्तन – पौधे के जड़ गुरुत्वाकर्षण की दिशा में अग्रसर होते हैं इसे गुरुत्वानुवर्तन कहा जाता है।
3. प्रतिवर्ती क्रिया तथा प्रतिवर्ती चाप में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ प्रतिवर्ती क्रिया-वह क्रिया है जिसे मेरूरज्जू नियंत्रित करता है तथा यह क्रिया हमारी इच्छा से नियंत्रित नहीं होती । इसके विषय में हम सोच नहीं सकते।प्रतिवती चाप न्यूरॉनों में आवेग संचरण एक निश्चित पथ में होता है। इस पथ को प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
4. मनुष्य में चीनी के पाचन में कौन-सा हॉर्मोन सहायक है ?
उत्तर ⇒ चीनी के पाचन में इन्सलिन सहायक है, जिसकी कमी से मधुमेह हो जाता है।
5. पीयूष ग्रंथि को ‘मास्टर ग्रंथि’ क्यों कहते हैं ?
उत्तर ⇒ पीयूष ग्रंथि मस्तिष्क के आधार तल पर ऑप्टिक काइज्मा के पीछे सेलाटर्सिका गुहा में बन्द रहती है। शरीर का शायद ही कोई ऐसा अंग हो जो पीयूष ग्रंथि से प्रभावित न होता हो। इसी कारण इसे ‘मास्टर ग्रंथि’ भी कहते हैं।
6. आयोडीन की कमी से कौन-सी बीमारी होती है तथा कैसे ?
उत्तर ⇒ आयोडीन की कमी से घेघा (Goitre) रोग होता है। आयोडीन की कमी के कारण थायरॉक्सिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में स्रावित नहीं हो पाता है, जिससे थॉयराइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ जाता है, जिसके फलस्वरूप गले में सूजन हो जाता है। शरीर की इस अवस्था को घंघा रोग के नाम से जाना जाता है।
7. गुरुत्वानुवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ पौधों की वह गति जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की दिशा में होती है, गुरुत्वानुवर्तन कहलाती है।
8. पिट्यूटरी ग्रंथि के मध्य पिंडक से कौन-सा हार्मोन स्रावित होता है ? इसके क्या कार्य हैं ?
उत्तर ⇒ मध्य पिंडक हमेशा अग्र पिंडक से ढंका होता है, जिसके द्वारा मेलेनोसाइट स्टीमलेटिंग हॉर्मोन स्रावित होता है। यह शरीर के रंग को निर्धारित करता है।
9. मादा में प्रसव के समय कौन-सा हार्मोन स्रावित होता है ? इसका क्या कार्य है ?
उत्तर ⇒ मादा में प्रसव से पूर्व रीलैक्सिन नामक हार्मोन स्रावित होता है। यह नन स्टीरॉयड हार्मान है, जो प्यूबिक सिम्फैसिस को रीलैक्स करता है।
10. रवत में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने वाला हॉर्मोन किस ग्रंथि द्वारा स्त्रावित होते हैं ?
उत्तर ⇒ रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने वाला हॉर्मोन अग्न्याशय में विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं के समूह, लैंगरहैंस की द्वीपिकाएँ (Islets of Langerhans) द्वारा स्रावित होते हैं।
11. मनुष्य के मस्तिष्क को कितने भाग में बाँटा गया है, नाम सहित बताएँ।
उत्तर ⇒ मनुष्य के मस्तिष्क को तीन भागों में बाँटा गया है।
(i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)
(ii) मध्यमस्तिष्क (Mid Brain)
(iii) पश्चमस्तिष्क (Hind Brain)
12. पेरूरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा ?
उत्तर ⇒ मेरूरज्ज आघात के कारण विभिन्न प्रकार के आतरिक संवेदना या उद्दीपनों को ग्रहण करना मश्किल हो जाता है। भौतिक, रासायनिक एव यात्रिक आदि को ग्रहण कर उनका संवहन शरीर के विभिन्न भागों में करना असंभव हो जाता है। इसके कारण शरीर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाती है।
13. मानव शरीर में कैल्सियम-फॉस्फोरस सामंजन हेतु आवश्यक दो हॉर्मोन का नाम लिखें।
उत्तर ⇒ पाराथायरायड ग्रंथि से पाराथार्मोन तथा कैल्सिटोनिन नामक दो हॉर्मोन निकलते हैं, जो कैल्सियम फास्फोरस, सामंजन हेतु आवश्यक है ।
14. मस्तिष्क के महत्त्वपूर्ण कार्यों का वर्णन करें ।
उत्तर ⇒ मस्तिष्क के महत्त्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं –
(i) आवेग ग्रहण करना तथा मस्तिष्क में ग्रहण किये गये आवेगों का विश्लेषण करना।
(ii) ग्रहण किये गये आवेगों की अनुक्रिया।
(iii) विभिन्न आवेगों का सहबंधन कर विभिन्न शारीरिक कार्यों का कुशलतापूर्वक समन्वय करना।
(iv) सूचनाओं का भंडारण करना। मस्तिष्क में अनेक सूचनाएँ चेतना या ज्ञान के रूप में रहती है। इसी कारणवश, मानव मस्तिष्क को चेतना या ज्ञान का भंडार भी कहा गया है।
15. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है ?
उत्तर ⇒ पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोनों के कारण होता है। अपने कछ विशिष्ट भागों को प्रभावित करने के लिए पादप विशिष्ट हॉर्मोनों को उत्पन्न करते हैं। पादपों में प्रकाश जिस ओर रहेगा उसी दिशा की ओर प्ररोह बढेगा। पादपों में जलानवर्तन और रसायनावर्तन इसी प्रकार होता है। गुरुत्वानुवर्तन जड़ों को नीचे की ओर मोडकर अनुक्रिया करता है। परागनलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना रसायनावर्तन का ही उदाहरण है।
16. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर ⇒ अंगतंत्रों के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है। बिना नियंत्रण के अंगों के कार्य करने का समय एक नहीं होता एवं वे व्यवस्थित ढंग से अपने कार्य का संपादन नहीं कर सकेंगे। इसलिए, जीवों के विभिन्न अंगों एवं अंगतंत्रों का समन्वय एवं नियंत्रण उनके विभिन्न कार्यों के कुशल संचालन के लिए आवश्यक है।
17. हॉर्मोन थाइरॉक्सिन का क्या महत्त्व है ?
उत्तर ⇒ हॉर्मोन थाइरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के सामान्य उपापचय (general metabolism) का नियंत्रण करता है। अतः यह शरीर की सामान्य वृद्धि, विशेषकर हड्डियों, बालों इत्यादि के विकास के लिए आवश्यक है। आयोडिन की कमी से थायरॉइड ग्रंथि द्वारा बननेवाला हॉर्मोन कम बनता है जिसकी गति को बढ़ाने के प्रयास में कभी-कभी थायरॉइड ग्रंथि बढ़ जाती है जिसे घेघा या गलगंड (goitre) कहते हैं। थायरॉक्सिन मानसिक व शारीरिक वृद्धि को प्रभावित करता है।
18. नर तथा मादा जनन हार्मोन के नाम एवं कार्य लिखें।
उत्तर ⇒ नर तथा मादा जनन हार्मोनों के नाम एवं कार्य निम्नलिखित हैं –
(i) नर जनन हार्मान (Testosterone/Androgen)
(ii) मादा जनन हार्मोन (Progesterone and Estrogen)
कार्य:
(i) हार्मोन के निर्माण में सहायक होना।
(ii) द्वितीय जनन लक्षण को नियंत्रित करना।
(iii) गर्भावस्था में होने वाली क्रियाओं में सहायक होना।
19. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?
उत्तर ⇒ अंगतंत्रों के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है । बिना नियंत्रण के अंगों के कार्य करने का समय एक नहीं होता एवं वे व्यवस्थित ढंग से अपने कार्य का संपादन नहीं कर सकेंगे। इसलिए, जीवों के विभिन्न अंगों एवं अंगतंत्रों का समन्वय एवं नियंत्रण उनके विभिन्न कार्यों के कुशल संचालन के लिए आवश्यक है।
20. जिबरेलिन्स की मुख्य उपयोगिता क्या है ?
उत्तर ⇒ जिबरेलिन्स नामक पादप हॉर्मोन एक जटिल कार्बनिक यौगिक है। कोशिका-विभाजन एवं दीर्घन द्वारा ये पौधे के स्तंभ की लंबाई में वृद्धि करते हैं । इनके उपयोग से बड़े आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है। बीजरहित फलों के उत्पादन में ये ऑक्जिन की तरह सहायक होते हैं ।
21. कोई व्यक्ति अनजाने में जब किसी गर्म सतह को स्पर्श करता है, तो अचानक अपना हाथ पीछे खींच लेता है, इस प्रतिक्रिया का क्या कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब कोई व्यक्ति गर्म सतह को अचानक स्पर्श करने के बाद हाथ पाछ खींच लेता है, तो इसे प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं । यह हमें विभिन्न घटनाओ से बचाता है।
22. साइटोकाइनिन के प्रमुख कार्य की चर्चा करें।
उत्तर ⇒ साइटोकाइनिन एक पादप हार्मोन है, जिनके मुख्य कार्य हैं –
(i) कोशिकाद्रव का विभाजन
(ii) बीज की प्रसप्ति को खत्म कर उसकी अंकरण को प्रात्साहित करता है।
(iii) पौधों की पत्तियों को अधिक समय तक हरी एवं ताजी बनाये रखता है।
(iv) पत्तियों में जीर्णता को रोकता है।
23. मनष्य के शरीर में पायी जाने वाली अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखे।
उत्तर ⇒ मनुष्य के शरीर में पायी जाने वाली अंत:स्रावी ग्रंथियाँ निम्नलिखित है –
(i) पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland)
(ii) थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland)
(iii) पाराथायरॉइड ग्रंथि (parathyroid gland)
(iv) एड्रीनल ग्रंथि (adrenal gland)
(v) अग्न्याशय की लैंगरहैंस की द्वीपिकाएँ (Islets of Langerhans)
(vi) जनन ग्रंथियाँ (gonads) : अंडाशय (ovary) व वृषण (testes)
24. साइटोकाइनिन कोशिका विभाजन में कौन-सी भूमिका अदा करती है ?
उत्तर ⇒ साइटोकाइनिन एक प्रकार का पादप हार्मोन है, जो कोशिका द्रव के विभाजन को प्रोन्नत करता है। यह कभी भी अकेले कार्य नहीं करता है, हमेशा ऑक्जिन के साथ मिलकर यह कोशिका विभाजन को प्रोत्साहित करता है। यह पत्तियों में जीर्णता को भी रोकता है।
25. आयोडीनयुक्त नमक लेने की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर ⇒ थायरायड ग्रंथि के द्वारा थाइरॉक्सिन नामक हॉमोन का स्राव होता है। थाइरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयोडीन का होना आवश्यक है। यह कार्बोहाइटेट प्रोटीन तथा वसा के सामान्य उपापचय को नियंत्रित करता है।
26. वृद्धि नियंत्रक पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर ⇒ जो पदार्थ बहुत अल्प मात्रा में स्रावित होकर विसरण के द्वारा पौधों के विभिन्न अंगों में पहुँचते हैं, वे उनकी वृद्धि एवं कई उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वय करते हैं। इन पदार्थों को वृद्धि नियंत्रक पदार्थ कहते हैं। ये कार्बनिक यौगिक हैं, जो पौधों से तो उत्पन्न नहीं होते हैं परंतु पादप-हार्मोन की तरह व्यवहृत होते हैं। उदाहरण के लिए ऑक्जिन, जिबरैलिन, साइटोकाइनिन इत्यादि।
27. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है ?
उत्तर ⇒ मस्तिष्क का मुख्य सोचने वाला भाग अग्र-मस्तिष्क है । इसमें विभिन्न ग्राही संवेदी आवेग प्राप्त करने के लिए क्षेत्र होते हैं । सामान्य प्रतिवर्ती क्रिया जैसे पतली के आकार में परिवर्तन तथा कोई सोची क्रिया जैसे की खिसकाना’ के मध्य एक पेशी गति का सेट है जिसपर हमारे सोचने का कोई नियंत्रण नहीं है । क्रियाओं में से कई मध्य मस्तिष्क तथा पश्च मस्तिष्क से नियंत्रित होती है
28. स्पर्शानुकुंचन क्या है? छुईमई की पत्तियों में कौन-सी गति प्रदर्शित होती है ?
उत्तर ⇒ पौधों में बाह्य उद्दीपनों को ग्रहण करने की विशेष क्षमता होती है। स्पर्श के प्रति अनुक्रिया को स्पर्शानुकुंचन कहते हैं। छईमई की पत्तियों को स्पर्श के कारण जल की मात्रा में परिवर्तन हो जाता है। जिसके कारण इनकी आकृति बदल जाती है तथा ये नीचे झुक जाती है।
29. तंत्रिका ऊतक कैसे क्रिया करता है ?
उत्तर ⇒ मनुष्य में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र बहुत विकसित होता है। इसमें
(i) मस्तिष्क,
(ii) मेरुरज्जु तथा
(iii) संबंधित तंत्रिकाएँ होती हैं।
मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र का मुख्य केंद्र होता है और शरीर के सभी अंगों का समन्वयन करता है। यह खोपड़ी में स्थित होता है। मेरुरज्जु, रीढ़ की हड्डी के बीच में स्थित होता है। तंत्रिकायें महीन धागे के आकार की संरचनायें होती हैं जो मस्तिष्क और मेरुरज्जु से जुड़ी होती हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं से जुड़ी होती हैं। कार्य के आधार पर तंत्रिकाओं को दो भागों में बाँटा गया है
(i) संवेदी तंत्रिकायें – संवेदी तंत्रिकायें वे होती हैं जो उद्दीपन को प्रभावी भागों से मस्तिष्क और मेरुरज्जु को ले जाती हैं।
(ii) प्रेरक तंत्रिकायें – प्रेरक तंत्रिकायें वे होती हैं जो उद्दीपन का उत्तर प्रभावित भागों तक ले जाते हैं।
30. मनष्य में कौन-सी ऐसी ग्रंथि है, जिससे इंजाइम तथा हॉर्मोन दोनों स्त्रावित होता है ?
उत्तर ⇒ अग्न्याशय (Pancreas) एक ऐसी ग्रंथि है जिससे इंजाइम तथा हॉर्मोन दोनों स्रावित होते हैं। यह छोटी आँत के पास पायी जाती है।
31. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं ?
उत्तर ⇒ अगरबत्ती या किसी गंध का पता हम अग्रमस्तिष्क से करते हैं। गंध का पता करने के लिए संवेदी केन्द्र होता है, जिससे गंध की सुचना प्राप्त होती है। नासिका में उपस्थित घ्राण ग्राही के कारण हम एक अगरबती की गंध का पता लगाते हैं।
32. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए अभिकल्पना की संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
उत्तर ⇒ जलानुवर्तन दर्शाने के लिए हम लकडी का ऊपर से खुला बक्सा लेंगे। इसमें मिट्टी व खाद्य का मिश्रण डालेंगे । इसके एक सिरे पर हम एक पौधा लगाएँगे। बक्से में पौधे की विपरीत दिशा में एक कीप मिट्टी में गाड़ देंगे, पौधों को उसी कीप से प्रतिदिन पानी डालेंगे। लगभग एक हफ्ते के बाद पौधे के निकट की मिट्टी हटाकर हम ध्यान से देखेंगे। पौधे की जड़ों की वृद्धि उसी दिशा में दिखेगी जिस दिशा से कीप द्वारा पौधे की सिंचाई की जाती थी।