महत्वपूर्ण तथ्य
1.नीतिश्लोकाः पाठ महाभारत के उद्योग पर्व से लिया गया है।
2. महाभारत में कुल एक लाख श्लोक हैं, इसलिए इ लक्षश्लोकात्मिका कहा जाता है तथा 18 पर्व है।
3. धृतराष्ट्र के नीतिविषयक प्रश्नों का उत्तर विदुर के द्वारा दिया जाता है, वही विदुरनीति के नाम से जाना जाता है।
4. विदुरनीति एवं भगवद्गीता महाभारत का अंग होते हुए भी स्वतंत्र ग्रंथ है।
5. नरक के तीन दरवाजे हैं- काम, क्रोध तथा लोभ ।
6. मनुष्य में छः प्रकार के दोष हैं- निद्रा, तन्द्रा, भय, क्रोध, आलस्य तथा देरी से काम करने की आदत ।
7. कुल की रक्षा आचरण से होती है।
8. पथ्य (रोगी को दिया जानेवाला भोजन) के समान कडुआ किन्तु हित कारक वाणी बोलनेवाला तथा सुननेवाला दोनों दुर्लभ हैं।
9. कुल का दीपक, स्वामी आदि की रक्षा विशेष रूप से करनी चाहिए।
10. विनय अपयश को, पराक्रम अनर्थ को, क्षमा क्रोध को तथा अच्छे आचरण कुलक्षण को मार देता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ किस ग्रंथ से संकलित है ?
【A】 विदुर नीति से
【B】 नीतिशतक से
【C】 चाणक्य नीति दर्पण से
【D】 शुक्र नीति से
Ans :- A
2. रूप की रक्षा किससे होती है ?
【A】 सत्य से
【B】 योग से
【C】 उबटन
【D】 वृत्ति से
Ans :- C
3. परम तृप्ति देने वाली क्या है ?
【A】 विद्या
【B】 लोभ
【C】 क्रोध
【D】 दीर्घसूत्रता
Ans :- D
4. अपनी उन्नति चाहने वालों को कितने दोषों को त्याग देना चाहिए ?
【A】 सात
【B】 छः
【C】 पाँच
【D】 आठ
Ans :- B
5. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ महाभारत के किस पर्व से संकलित हैं ?
【A】 वन पर्व
【B】 उद्योग पर्व
【C】 शांति पर्व
【D】 भीष्म पर्व
Ans :- B
6. ‘अपृष्टो बहुभाषते’ किस पाठ की उक्ति है ?
【A】 नीतिश्लोकाः
【B】 मन्दाकिनीवर्णनम्
【C】 अलसकथा
【D】 मङ्गलम्
Ans :- A
7. ‘परपीड़न’ से क्या मिलता है ?
【A】 पुण्य
【B】 लाभ
【C】 हानि
【D】 पाप
Ans :- D
8. बिना बुलाए कौन आता है ?
【A】 सज्जन
【B】 दुर्जन
【C】 मूर्ख
【D】 कोई नहीं
Ans :- C
9. विनय को कौन मारता है ?
【A】 सुकीर्ति
【B】 अपकृति
【C】 अकीर्ति
【D】 अनाकीर्ति
Ans :- C
10. विदुर नीति से संकलित पाठ का नाम क्या है ?
【A】 नीतिश्लोक
【B】 भारत महिमा
【C】 मंगलम
【D】 मंदाकिनी वर्णन
Ans :- A
11. नर्क के द्वार कितने प्रकार के हैं, जिनसे व्यक्ति का नाश होता है ?
【A】 चार प्रकार के
【B】 पाँच प्रकार के
【C】 तीन प्रकार के
【D】 सात प्रकार के
Ans :- C
12. कुल की रक्षा किससे होती है ?
【A】 सत्य से
【B】 विद्या से
【C】 रूप से
【D】 सदाचार
Ans :- D
13. धर्म की रक्षा किससे होती है ?
【A】 सत्य से
【B】 विद्या से
【C】 वृत्ति से
【D】 कोई नहीं
Ans :- A
14. ‘विदुरनीति’ किस ग्रन्थ का अंश विशेष है ?
【A】 रामायण का
【B】 महाभारत का
【C】 उपनिषद् का
【D】 वेद का
Ans :- B
15. क्षमा किसकी हत्या करता है ?
【A】 धर्म
【B】अर्थ
【C】 काम
【D】 क्रोध
Ans :- D
16. काम, क्रोध और लोभ किसके द्वार हैं ?
【A】 स्वर्ग
【B】 नरक
【C】 पृथ्वी
【D】 कोई नहीं
Ans :- B
17. खानदान की रक्षा किससे होती है ?
【A】 सत्य
【B】 अभ्यास
【C】 उबटन
【D】 आचरण
Ans :- D
18. अपयश को कौन नष्ट करता है ?
【A】 नम्रता
【B】 पराक्रम
【C】 क्षमा
【D】 सद्व्यवहार
Ans :- A
19. अशुभ लक्षणों को कौन समाप्त करता है ?
【A】 नम्रता
【B】 पराक्रम
【C】 क्षमा
【D】 सद्व्यवहार
Ans :- D
20. प्रश्नोत्तर रूप में कौन ग्रंथ है ?
【A】 मनुस्मृति
【B】 मेघदूत
【C】 रामायण
【D】 विदुर नीति
Ans :- D
21. घर की लक्ष्मी कौन होती है ?
【A】 पुरुष
【B】 स्त्री
【C】 बालक
【D】 कोई नहीं
Ans :- B
22. कौन ऐसा धन है जिससे संतुष्टि मिलती है ?
【A】 धर्म
【B】 अर्थ
【C】 विद्या
【D】 क्रोध
Ans :- C
23. किससे सुख की प्राप्ति होती है ?
【A】 धर्म
【B】 अहिंसा
【C】 काम
【D】 क्रोध
Ans :- A
24. किसके प्रश्न का उत्तर विदुर देते हैं ?
【A】 दुशासन
【B】 कृष्ण
【C】 अर्जुन
【D】 धृतराष्ट्र
Ans :- D
25. किससे विद्या की रक्षा होती है ?
【A】 सत्य
【B】 अभ्यास
【C】 उबटन
【D】 आचरण
Ans :- B
26. धर्म की रक्षा किससे होती है ?
【A】 सत्य
【B】 अभ्यास
【C】 उबटन
【D】 आचरण
Ans :- A
27. ‘नीतिश्लोक’ के रचनाकार कौन हैं ?
【A】 कालिदास
【B】 महात्मा वाल्मीकि
【C】 महर्षि वेदव्यास
【D】 महात्मा विदुर
Ans :- D
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पण्डित किसे कहा गया है ? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒महात्मा विदुर ने पण्डित की व्याख्या बड़े ही रोचक ढंग से की है। जिसके कार्य में शीत, उष्ण, भय, प्रेम, समृद्धि अथवा असमृद्धि बाधा नह पहुँचाते है वही पण्डित है। सभी तत्व को जानने वाला, अपने कर्म को योग की तरह जानने वाला और मनुष्य-धर्म निभानेवाला ही पण्डित है।
2. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर मूर्ख कौन है ?
उत्तर ⇒‘नीतिश्लोकाः’ पाठ में महात्मा विदूर ने मूर्ख मनुष्य के तीन लक्षण बतलाए हैं। ऐसा व्यक्ति जो बिना बुलाए आता है तथा बिना पूछे ही अधिक बोलता है। वह अविश्वासी पर भी विश्वास करता है।
3. नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर अधम नर किसे कहा गया है?
उत्तर ⇒ नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर वैसे व्यक्ति जो बिना बुलाए आ जाते हैं, बिना पूछे बहुत बोलते हैं और अविश्वासियों पर विश्वास करते हैं, अधम कहलाते हैं।
4. वे छः दोष कौन-कौन हैं जो ऐश्वर्य-प्राप्ति में अवरोध उत्पन्न करते हैं?
उत्तर ⇒ आलस्य, निद्रा, तंद्रा, भय, क्रोध, और दीर्घसूत्रता (किसी काम को देरी से करना) ये छः दोष हैं जो ऐश्वर्य प्राप्ति में अवरोध उत्पन्न करते हैं।
5. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ में नरक के कितने द्वार हैं? उसका नाम लिखें।
उत्तर ⇒ नरक के तीन द्वार हैं-काम, क्रोध और लोभ।
6. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर ‘मूढ़चेता नराधम्’ के लक्षणों को लिखें।
उत्तर ⇒जिन व्यक्तियों का स्वाभिमान मरा हुआ होता है, जो बिना बुलाए किसी के यहाँ जाता है, बिना कुछ पूछे बक-बक करता है। जो अविश्वसनीय पर विश्वास करता है ऐसा मूर्ख हृदयवाला मनुष्यों में नीच होता है। अर्थात् ऐसे ही व्यक्ति को ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ में मूढचेतानराधम कहा गया है।
7. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ से किसी एक श्लोक को साफ-साफ शब्दों में लिखें।
उत्तर ⇒ षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता ।
निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध: आलस्यं दीर्घसूत्रता ।
8. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर पण्डित के लक्षण क्या हैं ?
उत्तर ⇒ धर्म एवं कर्म प्रवचनीय पण्डित सर्वत्र नहीं मिलते हैं। जिसके कार्य में शीत, उष्ण, प्रेम, समृद्धि, असमृद्धि बाधा नहीं पहुंचाते हैं वही पण्डित है। जीवों के तत्त्वों को जाननेवाला तथा कर्म को जाननेवाला ही पण्डित है।
9. अपनी प्रगति चाहनेवाले को क्या करना चाहिए ?
उत्तर ⇒ अपनी प्रगति चाहनेवाले. को निद्रा, तंद्रा, भय, क्रोध, आलस और देर से काम करने की आदत को त्याग देना चाहिए।
10. छह प्रकार के दोष कौन हैं ? पठित पाठ के आधार पर वर्णन करें।
उत्तर ⇒मनुष्य के छः प्रकार के दोष निद्रा, तन्द्रा, भय, क्रोध, आलस्य तथा दीर्घसूत्रता ऐश्वर्य-प्राप्ति में बाधक बननेवाले होते हैं। जो पुरुष ऐश्वर्य चाहते हैं उन्हें इन दोषों को त्याग देना चाहिए । अन्यथा, केवल चाहने से ऐश्वर्य प्राप्त नहीं हो सकता।
11. नीतिश्लोकाः पाठ में नराधाम किसे कहा गया है ?
उत्तर ⇒ नरक जाने के तीन रास्ते हैं-काम, क्रोध तथा लोभ। इनसे आत्मा नष्ट हो जाती है। इन तीनों को छोड़ देना चाहिए।
12. नीतिश्लोकाः पाठ के अनुसार कौन-सा तीन वस्तु त्याज्य है ?
उत्तर ⇒ नीतिश्लोक पाठ के अनुसार उन्नति की इच्छा रखने वाले मनुष्यों को काम, क्रोध और लोभ त्याग देना चाहिए।
13. नीतिश्लोकाः के आधार पर कैसा बोलनेवाले व्यक्ति कठिन से मिलते हैं ?
उत्तर ⇒ सत्य (कल्याणकारी) एवं अप्रिय बातों को कहनेवाले और सुननेवाले व्यक्ति इस संसार में बड़ी कठिनाई से मिलते हैं, दुर्लभ हैं। नीतिश्लोकाः पाठ में ऐसा कहा गया है।
14. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर नराधम के लक्षण लिखें।
उत्तर ⇒ मूर्ख हृदय वाला मनुष्यों में नीच बिना बुलाए हुए प्रवेश करता है, बिना पूछे हुए बहुत बोलता है, अविश्वसनीय व्यक्ति पर विश्वास करता है। ये नराधम के लक्षण हैं।
15. विज्ञान की शिक्षा देनेवाले शास्त्र का परिचय दें।
उत्तर ⇒ प्राचीन भारत में विज्ञान की विभिन्न शाखाओं की पुस्तकों की रचना हुई। आयुर्वेदशास्त्र में चरक संहिता और सुश्रुत तो शास्त्रकार के नाम से ही प्रसिद्ध हैं। वहीं रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान अंतर्भूत हैं। ज्योतिषशास्त्र में भी खगोल विज्ञान, गणित इत्यादि शास्त्र हैं। आर्यभट्ट की पुस्तक आर्यभट्टीय नाम से विख्यात है। इसी तरह बराहमिहिर की बृहत्संहिता विशाल ग्रंथ है जिसमें अनेक विषयों का समावेश है। वास्तुशास्त्र भी यहाँ व्यापक शास्त्र है। कृषि विज्ञान पराशर के द्वारा रचित हैं।
16. नीच मनुष्य कौन है ? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ जो बिना बुलाये हुए किसी सभा में प्रवेश करता है, बिना पूछे हुए बहुत बोलता है, नहीं विश्वास करने पर भी बहुत विश्वास करता है ऐसा पुरुष ही नीच श्रेणी में आता है।
17. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर स्त्रियों की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर ⇒ स्त्रियाँ घर की लक्ष्मी हैं। ये पूजनीया तथा महाभाग्यशाली हैं। ये पुण्यमयी और घर को प्रकाशित करनेवाली कही गई हैं । अतएव स्त्रियाँ विशेष रूप से रक्षा करने योग्य होती हैं।
18. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर सुलभ और दुर्लभ कौन हैं ?
उत्तर ⇒ सदा प्रिय बोलनेवाले, अर्थात जो अच्छा लगे वही बोलनेवाले मनुष्य सुलभ हैं । अप्रिय और जीवन को सही मार्ग पर ले जानेवाले वचन बोलने वाले तथा सुननेवाले मनुष्य दोनों ही प्रायः दुर्लभ हैं।
19. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर ⇒ ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ महात्मा विदुर-रचित ‘विदुर-नीति’ से उद्धत है। इसमें महाभारत तथा भागवत गीता में समान चित्त को शांत करनेवाला आध्यात्मिक श्लोक हैं। इन श्लोकों में जीवन के यथार्थ पक्ष का वर्णन किया गया है । इससे संदेश मिलता है कि सत्य ही सर्वश्रेष्ठ है । सत्य मार्ग से कदापि विचलित नहीं होना चाहिए।
20. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर ⇒ विदुर-नीति से नीतिश्लोकाः पाठ उद्धृत है। इसमें महात्मा विदुर ने मन को शांत करने के लिए कुछ श्लोक लिखे हैं। इन श्लोकों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सांसारिक सुख क्षणिक और आध्यात्मिक सुख स्थायी है। सुंदर आचरण से हम बुरे आचरण को समाप्त कर सकते हैं। काम, क्रोध, लोभ आर मोह को नष्ट करके नरक गमन से बच सकते हैं।
21. नीतिश्लोकाः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर ⇒ इस पाठ में व्यासरचित महाभारत के उद्योग पर्व के अंतर्गत आठ अध्यायों की प्रसिद्ध विदरनीति से संकलित दस श्लोक हैं। महाभारत युद्ध के आरंभ में धृतराष्ट्र ने अपनी चित्तशान्ति के लिए विदुर से परामर्श किया था। विदुर ने उन्हें स्वार्थपरक नीति त्याग कर राजनीति के शाश्वत पारमार्थिक उपदेश दिये थे। इन्हें ‘विदुरनीति’ कहते हैं। इन श्लोकों में विदुर के अमूल्य उपदेश भरे हुए हैं।