महत्वपूर्ण तथ्य
1.प्राचीन संस्कृति की पहचान संस्कारों से होती है ।
2. संस्कार मनुष्य के क्रमशः परिमार्जन दोषों को दूर करने एवं गुण को धारण करने में योगदान करते हैं।
3. संस्कार मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं- जन्मपूर्व, शैशव, शैक्षणिक, गृहस्थ एवं मरणोत्तर
4. जन्मपूर्व तीन संस्कार, शैशव-षट्, शैक्षणिक- पाँच गृहस्थ एक एवं मरणोत्तर एक संस्कार। इस तरह कुल संस्कार 16 होते हैं।
5. जन्मपूर्व संस्कार – गर्भाधान, पुंसवन् सीमन्तोनयन संस्कार है।
6. शैशव संस्कार – जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूडाकर्म एवं कणवेध संस्कार है।
7. शैक्षणिक संस्कार-अक्षुरारम्य, उपनयन, वेदारम्य, केशान्त एवं समावर्तन संस्कार है।
8. विवाह संस्कार के पूर्व मनुष्य गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है।
9. विवाह संस्कार में होनेवाले कार्यक्रम – वाग्दानम्, अग्निस्थापन, प्राणिग्रहण, लाजाहोम, सप्तपदी सिन्दूरदान इत्यादि है।
10. अन्त्योष्टि संस्कार मरणे के पश्चात् होता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.‘भारतीय संस्कार’ कितने हैं ?
(A) 24
(B) 20
(C) 18
(D) 16
Ans :- (D) 16
2. सीमन्तोन्नयन संस्कार किस संस्कार में गिना जाता है ?
(A) शिक्षा संस्कार में
(B) मृत्यु के बाद के संस्कार में
(C) जन्मपूर्व संस्कार में
(D) विवाह संस्कार में
Ans :- (C) जन्मपूर्व संस्कार में
3. शिक्षा संबंधी कितने संस्कार हैं?
(A) 2
(B) 3
(C)5
(D) 6
Ans :- (C) 5
4. बचपन में कितने संस्कार हैं ?
(A) 2
(B) 4
(C) 5
(D) 6
Ans :-(D) 6
5 .संस्कारों का मौलिक अर्थ क्या है ?
(A) समारोह का आयोजन
(B) लोगों का सम्मिलन
(C) दोष दूर होते हैं तथा गुणों का निर्माण होता है
(D) दान-धर्म होता है
Ans :- (C) दोष दूर होते हैं तथा गुणों का निर्माण होता है
6. भारतीयों में संस्कार से किसका निर्माण किससे होता है ?
(A) सहिष्णुत्व
(B) व्यक्तित्व
(C) करुणत्व
(D) मानवत्व
Ans :- (B) व्यक्तित्व
7. वेद की पढ़ाई शुरू करना किस संस्कार के अन्तर्गत है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (D) शिक्षा
8. संस्कारों को कितने भाग में बाँटा गया है ?
(A) 2
(B) 4
(C)5
(D) 6
Ans :- (C) 5
9.मरने के बाद कितने संस्कार हैं?
(A) 1
(B) 3
(C) 5
(D) 6
Ans :- (A) 1
10. किस संस्कार के द्वारा मनुष्य गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (C) विवाह
11. पुंसवन् किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (A) जन्म पूर्व
12.अंत्येष्ठि संस्कार कब होता है?
(A) जन्म पूर्व
(B) पाणिग्रहण
(C) मरने के उपरांत
(D) जीवन
Ans :- (C) मरने के उपरांत
13. अक्षर आरंभ करना किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A). जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (D) शिक्षा
14. सप्तपदी किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (C) विवाह
15. गुरु के घर से अलग होकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करना किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (C) विवाह
16. सिन्दुर दान किस संस्कार के अन्तर्गत आता है?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (C) विवाह
17.कौन शब्द सीमित रूप में व्यंग्य रूप में व्यवहार होता है ?
(A) विकारी
(B) अविकारी
(C) संस्कार
(D) ज्ञान शब्द
Ans :- (C) संस्कार
18. गर्भधारण करना किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) विवाह
(D) शिक्षा
Ans :- (A) जन्म पूर्व
19. जन्म से पहले कितने संस्कार हैं?
(A) 2
(B) 3
(C) 5
(D) 6
Ans :- (B) 3
20. गृहस्थ के कितने संस्कार हैं?
(A) 11
(B) 13
(C) 15
(D) 16
Ans :- (D) 16
21. नामकरण किस संस्कार के अन्तर्गत आता है ?
(A) जन्म पूर्व
(B) गृहस्थ
(C) शैशव
(D) शिक्षा
Ans :- (C) शैशव
22. भारतीय संस्कृति का परिचय किससे मिलता है ?
(A) संस्कृत से
(B) ज्ञान से
(C) संस्कारों से
(D) विज्ञान से
Ans :- (C) संस्कारों से
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारतीय संस्कार का वर्णन किस रूप में हुआ है ?
उत्तर- भारतीय संस्कृति अनूठी है। जन्म के पूर्व संस्कार से लेकर मृत्यु के बाद अन्त्येष्टि संस्कार का अनुपम उदाहरण संसार के अन्य देशों में नहीं है। यहाँ की संस्कृति की विशेषता है कि जीवन में यहाँ समय-समय पर संस्कार मनाये जाते हैं। आज संस्कार सीमित एवं व्यंग्य रूप में प्रयोग किये जा रहे हैं । संस्कार व्यक्तित्व की रचना करता है। प्राचीन संस्कृति का ज्ञान संस्कार से ही उत्पन्न होता है । संस्कार मानव में क्रमशः परिमार्जन दोषों को दूर करने और गुणों के समावेश करने में योगदान करते हैं
2.भारतीय जीवन में संस्कार का क्या महत्व है ?
उत्तर- भारतीय जीवन में प्राचीन काल से ही संस्कार ने अपने महत्व को संजाये रखा हुआ है। यहाँ ऋषियों की कल्पना थी कि जीवन के सभी मुख्य अवसरों में वेदमंत्रों का पाठ, वरिष्ठों का आशीर्वाद, हवन एवं परिवार के सदस्यों का सम्मेलन होना चाहिए। संस्कार दोषों का परिमार्जन करता है। भारतीय जीवन दर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत स्वरूप संस्कार है।
3.भारतीय संस्काराः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर- भारतीय जीवन-दर्शन में चौल कर्म (मुंडन), उपनयन, विवाह आदि संस्कारों की प्रसिद्धि है। छात्रगण संस्कारों का अर्थ तथा उनके महत्त्व को जान सकें, इसलिए इस स्वतंत्र पाठ को रखा गया है जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति के एक महत्त्वपूर्ण पक्ष का व्यवस्थित परिचय मिल सके ।
4.‘भारतीयसंस्काराः’ पाठ के आधार पर ऋषियों की कल्पना का वर्णन करें।
उत्तर- ऋषियों की कल्पना थी कि जीवन के प्रायः सभी मुख्य अवसरों पर वेदमंत्रों का पाठ, बड़े लोगों का आशीर्वाद, हवन और परिवार के सदस्यों का सम्मेलन होना चाहिए। ऐसा करने से संस्कारों का पालन होता है।
5.संस्कार कितने प्रकार के हैं और कौन-कौन ?
उत्तर- संस्कार सोलह प्रकार के हैं। इन सोलह संस्कारों को मुख्य पाँच प्रकारों में बाँटा गया है-तीन जन्म से पूर्ववाले संस्कार, छह शैशव संस्कार, पाँच शिक्षा-संबंधी संस्कार, एक विवाह के रूप में गृहस्थ संस्कार तथा एक मृत्यु के बाद
अंत्येष्टि संस्कार । कुल मिलाकर सोलह संस्कार हैं।
6. शिक्षासंस्कार का वर्णन करें।
उत्तर- शिक्षासंस्कारों में अक्षरारंभ, उपनयन, वेदारंभ, मुण्डनसंस्कार और समापवर्तन संस्कार आदि आते हैं। अक्षरारंभ में बच्चा अक्षर-लेखन और अंक-लेखन आरंभ करता है। उपनयनसंस्कार में गुरु के द्वारा शिष्य को अपने घर में लाना होता है। वहाँ शिष्य शिक्षा नियमों का पालन करते हुए अध्ययन करते थे । गुरु के घर में ही शिष्य वेदारंभ किया करते थे। केशान्त (मुण्डन) संस्कार में गुरु के घर में प्रथम क्षौरकर्म, अर्थात मुण्डन होता था। समापवर्तन संस्कार का उद्देश्य शिष्य का गुरु के घर से अलग होकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करना होता था।
7.विवाहसंस्कार का वर्णन करें।
उत्तर- विवाहसंस्कार से ही लोग गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है। विवाह को एक पवित्र संस्कार माना गया है, जिसमें अनेक प्रकार के कर्मकाण्ड होते हैं । उनमें वाग्दान, मण्डप-निर्माण, वधू के घर में वर पक्ष का स्वागत, वर-वधू का परस्पर निरीक्षण, कन्यादान, अग्निस्थापन, पाणिग्रहण, लाजाहोम, सिन्दूरदान इत्यादि कई कर्मकांड शामिल हैं। सभी क्षेत्रों में समान रूप से विवाहसंस्कार का आयोजन होता है।
8.’भारतीयसंस्काराः’ पाठ में लेखक का क्या संदेश है ?
उत्तर- ‘भारतीयसंस्काराः’ पाठ में लेखक का संदेश है कि भारतीयों के व्यक्तित्व का निर्माण संस्कारों से होता है। जीवन में सही समय पर संस्कारों का अनुष्ठान होना चाहिए । विदेशी भी भारतीय संस्कारों के प्रति उन्मुख और जिज्ञासु है ।
9. ‘भारतीयसंस्काराः’ पाठ में लेखक का क्या विचार है ?
उत्तर- भारतीयसंस्कार पाठ में लेखक का विचार है कि मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण सुसंस्कार से ही होता है इसलिए विदेशी भी सुसंस्कारों के प्रति उन्मुख और जिज्ञासु है।
10.‘भारतीयसंस्काराः’ पाठ में लेखक क्या शिक्षा देना चाहता है ?
उत्तर- लेखक इस पाठ से हमें यह शिक्षा देना चाहता है कि संस्कारों के पालन से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। संस्कारों का उचित समय पर पालन करने से गुण बढ़ते हैं और दोषों का नाश होता है। भारतीय संस्कृति की विशेषता संस्कारों के कारण ही है । लेखक हमें सुसंस्कारों का पालन करने का संदेश देते हैं।