महत्वपूर्ण तथ्य—
*हरे पौधे उत्पादक कहलाते हैं।
*पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है।
*ओजोन परत वायुमंडल के ऊपरी सतह में पाया जाता है।
*ओजोन परत हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है।
*प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत सूर्य है।
*डी० डी० टी० जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है।
*ओजोन के एक अणु में तीन परमाणु होते हैं।
किसी जीव के चारों ओर फैली हुई भौतिक या अजैव और जैव कारकों से निर्मित दुनिया जिसमें वह निवास करता है एवं जिससे वह प्रभावित होता है, उसे उसका पर्यावरण या वातावरण कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर पौधे, जानवर और अन्य मानव किसी मनुष्य के पर्यावरण का जैविक हिस्सा है।
पारिस्थितिक तंत्र- जीवमंडल के विभिन्न घटक तथा उसके बीच ऊर्जा और पदार्थ का आदान-प्रदान सभी एक साथ मिलकर पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं।
एक पारिस्थितिक तंत्र के निम्नांकित दो मुख्य अवयव होते हैं—
1. अजैव अवयव- जिसमें जीवन नहीं है यानी निर्जीव है।
2. जैव अवयव- जो जीवित है यानी सजीव है।
अजैव अवयव को तीन वर्गों में बाँटा गया है-
1. भौतिक वातावरण- इसमें मृदा, जल तथा वायु सम्मिलित हैं।
2. पोषण- इसके अंतर्गत विभिन्न अकार्बनिक एवं कार्बनिक पदार्थ आते हैं।
3. जलवायु- सूर्य की रोशनी, तापक्रम, आर्द्रता, दाब इत्यादि मिलकर जलवायु का निर्माण करते हैं।
जैव अवयव को तीन वर्गों में बाँटा गया है-
1. उत्पादक- जैसे हरे पौधे, जो भोजन का संश्लेषण करते हैं।
2. उपभोक्ता– जो पौधों और उनके विभिन्न उत्पादों कोखाते हैं।
3. अपघटनकर्ता- ये मृत उत्पादक तथा उपभोक्ताओं का अपघटन करते हैं तथा इससे उत्पन्न पोषणों और गैसों को फिर वातावरण में छोड़ देते हैं।
उत्पादक- जिनमें प्रकाशसंश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता होती है, उसे उत्पादक कहते हैं। जैसे- हरे पौधे।
एक पारिस्थितिक तंत्र में हरे पौधे की उपस्थिति क्यों अनिवार्य है?
एक पारिस्थितिक तंत्र में हरे पौधे की उपस्थिति इसलिए अनिवार्य है क्योंकि ये निम्नलिखित कार्यों का संपादन करते हैं-
1. ये पारिस्थितिक तंत्र में रहनेवाले जीवों के प्रकार का निर्धारण करते हैं।
2. ये सौर-ऊर्जा, जो समस्त जीवों के लिए ऊर्जा का मूल स्त्रोत है, को ग्रहण करने में समर्थ है।
3. ये मिट्टी से प्रमुख तत्त्वों को अवशोषित करने में समर्थ है।
4. ये वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
उपभोक्ता- ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए पूर्णरूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं। सभी जंतु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं।
1. प्राथमिक उपभोक्ता- ऐसे उपभोक्ता जो पोषण के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्पादक, अर्थात हरे पौधे को खाते हैं, प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। जैसे- गाय, भैंस, बकरी, हिरण, खरगोश आदि।
2. द्वितीयक उपभोक्ता- कुछ जंतु; जैसे शेर, बाघ, कुछ पक्षी, सर्प, मेढ़क, मांसाहारी होते हैं तथा वे शाकाहारी प्राथमिक उपभोक्ता को खाते हैं, द्वितीयक उपभोक्ता कहलाते हैं।
3. तृतीयक उपभोक्ता- सर्प जब मेढ़क (द्वितीयक उपभोक्ता) को खाता है तब वह तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता(तृतीयक उभोक्ता) कहलाता है। जैसे- बाघ, शेर, चीता, गिद्ध आदि।
अपघटनकर्ता या अपमार्जक- पौधों और जंतुओं (उत्पादक और उपभोक्ता) के मृत शरीर तथा जंतुओं के वर्ज्य पदार्थों का जीवाणुओं और कवकों के द्वारा अपघटन किया जाता है। अतः जीवाणु और कवक अपघटनकर्ता या अपमार्जक कहलाते हैं।
आहार शृंखला- एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकपथीय प्रवाह उसमें स्थित शृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस शृंखला को आहार शृंखला कहते हैं।
कुछ सामान्य आहार शृंखला निम्नलिखित हैं-
घास → ग्रासहॉपर → मेढ़क → सर्प → गिद्ध
शैवाल → छोटे जंतु → छोटी मछली → बड़ी मछली → मांसाहारी पक्षी
घास → हिरण → बाघ
अपशिष्ट- प्रतिदिन अपने कार्यकलापों से उत्पन्न अनावश्यक पदार्थों को हम जहाँ-तहाँ फेंक देते हैं। इन्हीं अनावश्यक पदार्थों को अपशिष्ट कहते हैं।
इन अपशिष्ट पदार्थों को दो समूहों में बाँटा जा सकता है-
1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट और
2. अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट
1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट- ऐसे अवांछित पदार्थ, जिन्हें जैविक अपघटन के द्वारा पुनः उपयोग में आनेवाले पदार्थों में बदल दिया जाता है, जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट कहलाते हैं। जैसे- जंतुओं के मल-मूत्र, कृषि द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट, कागज, कपास से निर्मित कपड़े, जंतुओं और पेड़-पौधों के मृत शरीर आदि।
2. अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट- प्रदूषण के ऐसे कारक जिनका जैविक अपघटन नहीं हो पाता है तथा जो अपने स्वरूप को हमेशा बनाए रखते हैं, अर्थात प्राकृतिक विधियों द्वारा नष्ट नहीं होते हैं, अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट कहलाते हैं। जैसे- कीटनाशक एवं पीड़कनाशक, शीशा, ऐलुमिनियम, प्लैस्टिक आदि।
आजोन परत एवं ओजोन अवक्षय
ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना ओजोन का एक स्तर वायुमंडल से 15 km से लेकर लगभग 50 km ऊँचाईवाले क्षेत्र के बीच पाया जाता है। यह सूर्य के प्रकाश में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेता है जो मनुष्य में त्वचा-कैंसर, मोतियाबिंद तथा अनेक प्रकार के उत्परिवर्तन को जन्म देती है।
1980 के बाद ओजोन स्तर में तीव्रता से गिरावट आई है। अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन के स्तर में इतनी कमी आई है कि इसे ओजोन छिद्र की संज्ञा दी गई है। ओजोन छिद्र का मुख्य कारण क्लारोफ्लोरोकार्बन का व्यापक उपयोग का होना है।
क्लारोफ्लोरोकार्बन का व्यापक उपयोग एयरकंडीशनों, रेफ्रिजरेटरों, शीतलकों, जेट इंजनों, अग्निशामक उपकरणों आदि में होता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ओजोन परत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि वह अवशोषित करती है –
[ A ] ऊष्मा को
[ B ] पराबैंगनी किरणों को
[ C ] सूर्य की ऊष्मा को
[ D ] अवरक्त किरणों को
Ans ⇒ (B)
2. प्रत्येक पारितंत्र होता है –
[ A ] गतिशील तंत्र
[ B ] प्रगतिशील तंत्र
[ C ] अस्थायी तंत्र
[ D ] गत्यात्मक तंत्र
Ans ⇒ (D)
3. पर्यावरण मुख्य रूप से कितने घटकों का बना होता है ?
[ A ] 1
[ B ] 2
[ C ] 3
[ D ] 4
Ans ⇒ (B)
4. पारितंत्र के जैविक घटकों की श्रेणियाँ निम्न में से कौन हैं ?
[ A ] उत्पादक
[ B ] उपभोक्ता
[ C ] अपघटक
[ D ] ये सभी
Ans ⇒ (D)
5. ऑक्सीजन सभी प्रकार के वायवीय जीवों के लिए आवश्यक है जबकि ओजोन एक-
[ A ] द्रव है.
[ B ] घातक विष है
[ C ] अक्रिय धातु है
[ D ] सभी गलत है
Ans ⇒ (B)
6. कृत्रिम पारितंत्र का उदाहरण है –
[ A ] वन, तालाब
[ B ] झील, तालाब
[ C ] बगीचा, खेत
[ D ] सभी सही हैं
Ans ⇒ (C)
7. ओजोन परत पाया जाता है –
[ A ] वायुमण्डल के नीचले सतह में
[ B ] वायुमण्डल के ऊपरी सतह में
[ C ] वायुमण्डल के मध्य सतह में
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B)
8. निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं ?
[ A ] घास, पुष्प तथा चमड़ा
[ B ] घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
[ C ] फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस
[ D ] केक, लकड़ी एवं घास
Ans ⇒ (A )
9. निम्न में कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं ?
[ A ] घास, गेहूँ तथा आम
[ B ] घास, बकरी तथा मानव
[ C ] बकरी, गाय तथा हाथी
[ D ] घास, मछली तथा बकरी
Ans ⇒ (B)
10. वन-पारिस्थतिक तंत्र में हिरण होते हैं ।
[ A ] उत्पादक
[ B ] प्राथमिक उपभोक्ता
[ C ] द्वितीयक उपभोक्ता
[ D ] तृतीयक उपभोक्ता
Ans ⇒ (B)
11. जीवमंडल में ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है –
[ A ] अणु
[ B ] सूर्य का प्रकाश
[ C ] रासायनिक ऊर्जा
[ D ] विद्युत
Ans ⇒ (B)
12. घासस्थली पारितंत्र में उत्पादक हैं –
[ A ] घास
[ B ] कीड़े
[ C ] हिरण
[ D ] जंगल
Ans ⇒ (A)
13. ओजोन के अणु में ऑक्सीजन के कितने परमाणु हैं ?
[ A ] 1
[ B ] 3
[ C ] 2
[ D ] 4
Ans ⇒ (B)
14. अपघटक का उदाहरण है ।
[ A ] कवक
[ B ] बाघ
[ C ] बकरी
[ D ] हरे पौधे
Ans ⇒ (A)
15. ‘चिपको आन्दोलन’ का मुख्य उद्देश्य संरक्षित करना था ।
[ A ] मिट्टी को
[ B ] वृक्षों को
[ C ] जल को
[ D ] बिजली को
Ans ⇒ (B)
16. पर्यावरण के अन्तर्गत आते है ।
[ A ] जलमण्डल
[ B ] स्थलमण्डल
[ C ] जैवमण्डल
[ D ] इनमें सभी
Ans ⇒ (D)
17. पादप खाने वाले जीव को कहते है ।
[ A ] शाकाहारी
[ B ] मांसाहारी
[ C ] सर्वाहारी
[ D ] इनमें सभी
Ans ⇒ (A)
18. निम्न में कौन एक जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित होने वाला पदार्थ है –
[ A ] सूखे घास-पत्ते
[ B ] पॉलीथीन गैस
[ C ] रबड़
[ D ] प्लास्टिक की बोतले
Ans ⇒ (A)
19. हरे पौधे कहलाते है-
[ A ] उत्पादक
[ B ] अपघटक
[ C ] उपभोक्ता
[ D ] आहार-शृंखला
Ans ⇒ (A)
20. इनमें मुर्दाखोर है –
[ A ] चील
[ B ] सियार
[ C ] कौआ
[ D ] सभी
Ans ⇒ (D)
21. निम्नलिखित में कौन अजैव निम्नीकरण है ?
[ A ] कागज
[ B ] लकड़ी
[ C ] कपड़ा
[ D ] प्लास्टिक
Ans ⇒ (D)
22. निम्न में से कौन-से पर्यावरण के जैविक घटक नहीं है ?
[ A ] पौधे
[ B ] वायु
[ C ] जन्तु
[ D ] मनुष्य
Ans ⇒ (B)
23. निम्न में से कौन-सा जैव अनिम्नीकरणीय प्रदूषक है ?
[ A ] गोबर गैस
[ B ] प्लास्टिक
[ C ] पानी
[ D ] कागज
Ans ⇒ (B)
24. प्रकृति में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है –
[ A ] कोयला
[ B ] सूर्य
[ C ] पानी
[ D ] कागज
Ans ⇒ (B)
25. निम्नलिखित में से कौन स्थलीय परितंत्र नहीं है ?
[ A ] जंगल
[ B ] एक्वेरियम
[ C ] घास के मैदान
[ D ] मरुस्थल
Ans ⇒ (B)
26. CFC है –
[ A ] क्लोरोफ्लोरो कार्बन
[ B ] कार्बन फ्लोरो कार्बन
[ C ] कार्बनफ्लोरो कार्बन
[ D ] कार्बन फ्लोरो क्लोरो
Ans ⇒ (A)
27. मृत शरीर को पचाने वाले जीवों को –
[ A ] उत्पादक कहते हैं
[ B ] अपघटक जीव कहते हैं
[ C ] स्वपोषी कहते हैं
[ D ] परभोक्ता कहते हैं
Ans ⇒ (B)
28. वनों की अधिक कटाई का परिणाम होगा –
[ A ] कम वर्षा
[ B ] भूस्खलन
[ C ] भूमि अपरदन तथा बाढ़
[ D ] उपरोक्त सभी
Ans ⇒ (D)
29. निम्न में कौन जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है –
[ A ] डी० डी०टी०
[ B ] कागज
[ C ] वाहित मल
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (A)
30. ओजोन परत पायी जाती है –
[ A ] स्ट्रेटोस्फियर में
[ B ] एक्सोस्फियर में
[ C ] आयनास्फियर में
[ D ] ट्रोपोस्फियर में
Ans ⇒ (A)
31. निम्न में से कौन एक जलीय आहार श्रृंखला है ?
[ A ] घास → बकरी → शेर
[ B ] शैवाल → जलीय कीट → मछली
[ C ] घास → जलीय कीट → मछली → मनुष्य
[ D ] घास → मछली → मनुष्य
Ans ⇒ (B)
32. निम्नांकित में से किसे आप ‘उपभोक्ता’ की श्रेणी में रखेंगे ?
[ A ] हरे पौधे
[ B ] नील हरित शैवाल
[ C ] जंगली जानवर
[ D ] फूल और पत्ते
Ans ⇒ (C)
33. जैव वातावरण में शामिल हैं –
[ A ] मृदा, जल तथा वायु
[ B ] जन्तु, पौधे तथा मनुष्य
[ C ] सूर्य का प्रकाश, वायु, वर्षा
[ D ] इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ (B)
34. वैसे जीव जो पौधे एवं जन्तु दोनों का भक्षण करते हैं, कहलाते हैं –
[ A ] मांसाहारी
[ B ] शाकाहारी
[ C ] सर्वभक्षी
[ D ] उभयचर
Ans ⇒ (C)
35. जीवाणु एवं कवक कहलाते हैं –
[ A ] उत्पादक
[ B ] अपघटक
[ C ] उपभोक्ता
[ D ] आहार-शृंखला
Ans ⇒ (B)
36. सौर ऊर्जा जीवमंडल में निम्न में से किसके द्वारा प्रवेश करती है ?
[ A ] हरे पौधे
[ B ] जन्तु
[ C ] कवक
[ D ] बैक्टीरिया
Ans ⇒ (A)
37. जैवघटक के उदाहरण है ।
[ A ] पौधे
[ B ] मनुष्य
[ C ] [ A ] एवं [ B ] दोनों
[ D ] इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (C)
38. उत्पादकों पर निर्भर रहने वाले जीव कहलाते है ।
[ A ] उपभोक्ता
[ B ] अपघटन कर्ता
[ C ] [ A ] एवं [ B ] दोनों
[ D ] इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ (A)
39. उपभोक्ताओं को कितने श्रेणियों में बाँटा गया है।
[ A ] दो
[ B ] चार
[ C ] तीन
[ D ] पाँच
Ans ⇒ (C)
40. इनमें से कौन सर्वाहारी जीव है ?
[ A ] हिरण
[ B ] मनुष्य
[ C ] तिलचट्टा
[ D ] [ B ] एवं [ C ] दोनों
Ans ⇒ (D)
41. सूक्ष्म उपभोक्ता जीव कहलाते है।
[ A ] जीवाणु
[ B ] कवक
[ C ] [ A ] एवं [ B ] दोनों
[ D ] गिद्ध
Ans ⇒ (C)
42. इनमें से कौन वन आहार श्रृंखला बनाता है ?
[ A ] बाघ, घास, हिरण
[ B ] घास, हिरण, बाघ
[ C ] हिरण, बाघ, घास
[ D ] घास, बाघ, हिरण
Ans ⇒ (B)
43. सूर्य के द्वारा निकला हुआ पराबैंगनी किरण कहाँ अवशोषित होता है ?
[ A ] क्षोभ परत में
[ B ] आयन परत में
[ C ] ओजोन परत में
[ D ] बर्हि परत में
Ans ⇒ (C)
44. पराबैंगनी किरण के कारण मनुष्य में कौन-सा रोग उत्पन्न होता है ।
[ A ] त्वचा कैंसर
[ B ] एड्स
[ C ] टॉयफाइड
[ D ] मलेरिया
Ans ⇒ (A)
45. वायुमण्डल कितने परतों में बँटा हुआ है ?
[ A ] चार
[ B ] पाँच
[ C ] तीन
[ D ] छ
Ans ⇒ (B)
46. इनमें से कौन मानव-निर्मित जैव निम्नीकरण है ।
[ A ] आक्सीजन
[ B ] बायोगैस
[ C ] मिथेन
[ D ] CFC
Ans ⇒ (B)
47. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्या उत्पन्न होती है ?
[ A ] नाले-नालियों में अवरोध
[ B ] मृदा-प्रदूषण
[ C ] मानव शरीर में जैव आवर्धन
[ D ] इनमें सभी
Ans ⇒ (D)
48. निम्न में से कौन आहार श्रृंखला सही है ।-
[ A ] चूहे, घास, मोर, सर्प
[ B ] घास, चूहे, सर्प, मोर
[ C ] सर्प, घास, चूहे, मोर
[ D ] मोर, सर्प, घास, चूहे
Ans ⇒ (B)
49. किसी पारिस्थितिक तंत्र में ग्रहण करनेवाले होते हैं ।
[ A ] उत्पादक
[ B ] उपभोक्ता
[ C ] अपघटनकर्ता
[ D ] सूक्ष्मजीव
Ans ⇒ (A)
50. निम्नलिखित में कौन उत्पादक है ?
[ A ] सर्प
[ B ] मेढ़क
[ C ] ग्रासहॉपर
[ D ] घास
Ans ⇒ (D)
51. मैदानी पारिस्थितिक तत्र में तृतीयक उपभोक्ता है ।
[ A ] हरा पौधा
[ B ] मेढ़क
[ C ] ग्रासहॉपर
[ D ] सर्प
Ans ⇒ (D)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रदूषण से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ पर्यावरण में अवांछनीय पदार्थों का मिलना प्रदूषण कहलाता है। यह वायु, जल तथा मिट्टी सबको प्रदूषित कर सकता है ।
2. वायु-प्रदूषण के कारक कौन-कौन से है ?
उत्तर ⇒ वायु प्रदूषण का मुख्य कारक है—कार्बन डाइऑक्साइड गैस, सल्फर डाइऑक्साइड गैस एवं कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ।
3. ओजोन स्तर का क्या महत्त्व है ?
उत्तर ⇒ ओजोन स्तर सूर्य के प्रकाश में स्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों (ultravioletravs) का अवशोषण कर लेता है जो मनुष्य में त्वचा-कैंसर, मोतियाबिंद तथा अनेक प्रकार के उत्परिवर्तन (mutation) को जन्म देती है ।
4. कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र का कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र के दो उदाहरण हैं –
(j) फुलवारी और
(ii) जलजीवशाला या एक्वैरियम
5. पर्यावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ किसी जीव के चारों ओर फैली हुई भौतिक या अजैव और जैव कारकों से निर्मित दुनिया जिसमें वह निवास करता है तथा जिससे वह प्रभावित होता है, उसे उसका पर्यावरण या वातावरण कहा जाता है । उदाहरण के तौर पर पौधे, जानवर किसा मनुष्य क पर्यावरण का जैविक हिस्सा हैं । जिस धरती पर वह रहता है एवं फसल उपजाता है, जल जो वह पीता है एवं सिंचाई के लिए उपयोग में लाता है, हवा जा उसकी प्राण वाय है, ये उसके भौतिक वातावरण का भाग है। इसके अलावा वायुमंडलीय कारक जैसे सूर्य की रोशनी, वर्षा, तापक्रम एवं नमी आदि भी भौतिक वातावरण के ही भाग हैं ।
6. उत्पादक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ वैसे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता रखते हैं. उत्पादक कहलाते हैं। ऐसे जीव सूर्य के प्रकाश ऊर्जा को विकिरण ऊर्जा के रूप में ग्रहण
कर क्लोरोफिल की उपस्थिति में रासायनिक स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं । जो कार्बनिक यौगिक के रूप में हरे पौधों की उत्तकों में संचित रहता है। जैसे हरे पौधे। ये मिट्टी से प्रमुख तत्वों को अवशोषित करने में समर्थ हैं तथा साथ ही वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
7. जैव अनिम्नीकरण अपशिष्टों से पर्यावरण को क्या हानि पहुँचती है ?
उत्तर ⇒ प्रदूषण के ऐसे कारक जिनका जैविक अपघटन नहीं हो पाता है तथा – जो अपने स्वरूप को हमेशा बनाए रखते हैं, अर्थात् प्राकृतिक विधियों द्वारा नष्ट नहीं होते हैं, जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट कहलाते हैं । विभिन्न प्रकार के रसायनों, जैसे काटनाशक एवं पीड़कनाशक DDT, शीशा, आर्सेनिक, ऐलमिनियम, प्लास्टिक, रेडियोधर्मी पदार्थ जैसे प्रदूषण के कारक पर्यावरण को अत्यधिक हानि पहुंचाते हैं। यह लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं चूँकि यह अपघटित नहीं होते ।
8. पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादकों के क्या कार्य हैं ?
उत्तर ⇒ पारिस्थितिक तंत्र में पौधे उत्पादक का कार्य करते हैं। इसके द्वारा निम्नलिखित कार्य होते हैं –
(i) किसी भी पारितंत्र में रहने वाले जीव की प्रकृति का निर्धारण हरे पौधों या उत्पादक के द्वारा होता है।
(ii) वायुमंडल में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड के बीच का संतुलन हरे पौधों द्वारा ही होता है।
(iii) केवल हरे पौधे ही पारितंत्र के मूल ऊर्जा स्रोत सौर ऊर्जा का प्रग्रहण कर सकते हैं।
9. मैदानी पारिस्थितिक में उत्पादक एवं उच्चतम श्रेणी के उपभोक्ता का नाम बताएँ ।
उत्तर ⇒ मैदानी ‘पारिस्थितिक में उत्पादक हरे घास’ होते हैं, तथा बाज ‘उच्चतम श्रेणी’ के उपभोक्ता ।
10. पारिस्थितिक तंत्र क्या है ? पारिस्थितिक तंत्र के किन्हीं दो जैव घटकों के नाम लिखें।
उत्तर ⇒ ‘जीवमंडल के विभिन्न घटक तथा उसके बीच ऊर्जा और पदार्थ का आदान प्रदान, सभी एकसाथ मिलकर पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं । ‘पारिस्थितिक तंत्र के दो जैव घटकों के नाम हैं-
(i) पौधे और (ii) जंतु
11. पारिस्थितिकी दक्षता को परिभाषित करें ।
उत्तर ⇒ किसी भी पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह की दक्षता उसके भोज्य पदार्थ के सेवन तथा उसे जैव मात्रा में परिवर्तित करने की क्षमता पर निर्भर करता है, पारिस्थितिकी दक्षता कहलाता है ।
12. पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए।
उत्तर ⇒ पारितंत्र के आहार श्रृंखला में क्रमबद्ध तरीके से कई जीव एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। जिस पारितंत्र के आहार श्रृंखला का प्रत्येक चरण एक पोषीस्तर को निरुपित करता है। पारिस्थितिक तंत्र में चार, पाँच या उससे भी अधिक पोषी स्तर की संभावनाएँ हो सकती हैं। इसे निम्न आहार श्रृंखला द्वारा समझा जा सकता है।
पेड़ → हिरण → बाघ →
यहाँ पेड़-पौधा प्रथम पोषी स्तर है, हिरण द्वितीय पोषी स्तर हैं तथा बाघ तृतीय – एवं उच्चतम श्रेणी के पोषी स्तर हैं।
13. आहार श्रृंखला को परिभाषित करें।
उत्तर ⇒ पारिस्थितिक तंत्र के सभी जैव घटक शृंखलाबद्ध तरीके से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं तथा अन्योन्याश्रय संबंध रखते हैं । यह श्रृंखला आहार श्रृंखला कहलाती है।
(सूर्य) (पेड़-पौधे) (हिरन) (बाघ)
सौर ऊर्जा → उत्पादक → प्राथमिक → द्वितीयक
उपभोक्ता उपभोक्ता
14. आहार-जाल से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ पारिस्थितिक तंत्र में सामान्यतः एक साथ कई आहार श्रृंखलाएँ हमेशा सीधी न होकर एक-दूसरे से आड़े-तिरछे जुड़कर एक जाल जैसी संरचना बनाती हैं। किसी भी पारितंत्र में आहार ‘शृंखला का यह जाल आहार-जाल कहलाता है।
15. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर ⇒ ओजोन (03) के अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बनते हैं। यह वायुमंडल के ऊपरी सतह में पाया जाता है । यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है । यही पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है जिससे मानव में त्वचा का कैंसर हो जाता है। यह वायुमंडल में 15 km से लेकर 50 km ऊँचाई तक पाया जाता है । अतः यह हमारे पारितंत्र के लिए काफी लाभदायक है।
16. पारितंत्र में अपघटकों की भूमिका बताइए।
उत्तर ⇒ पारितंत्र में कुछ सूक्ष्म जीव जैसे बैक्टीरिया, कवक (Fungi) एवं प्रोटोजोआ पाये जाते हैं। ये सूक्ष्म जीव पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीर एवं वयं पदार्थों (excretory substance) का अपघटन करते हैं। अतः ये अपघटक कहलाते हैं। ऐसे जीव पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीर एवं वर्ण्य पदार्थों में उपस्थित जटिल कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक तत्त्वों में विघटित कर देते हैं। इस अकार्बनिक पदार्थ को पौधे पुनः मिट्टी से ग्रहण करते हैं और वृद्धि करते हैं। अतः पारितंत्र में अपघटक की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
17. निचले पोषी स्तर पर सामान्यतः ऊपरी पोषी स्तर की तुलना में जीवों की संख्या अधिक क्यों रहती है ?
उत्तर ⇒ सामान्यत: उच्च पोषी स्तर के जीवों को अपनी आवश्यकताओं की आपति के लिए ज्यादा मात्रा में खाद्य-पदार्थों की जरूरत होती है, अतः निचले पोषी स्तर पर जीवों की संख्या अधिक होती है । अगर विभिन्न पोषी स्तर के जीवों की संख्या का अवलोकन किया जाए तो एक पिरामिड के सदृश आकृति बनती है ।
18. उपभोक्ता से क्या समझते हैं ? प्राथमिक तथा द्वितीयक उपभोक्ता का उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए पूर्णरूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं । सभी जंतु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं। गाय, भैंस प्राथमिक उपभोक्ता एवं शेर, बाघ द्वितीयक उपभोक्ता के उदाहरण हैं।
19. ऐरोसॉल रसायन के हानिकारक प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर ⇒ कुछ सुगंध (perfumes), झागदार शेविंग क्रीम, कीटनाशी, गंधहारक (deodrant) आदि डिब्बों में आते हैं और फुहारा या झाग के रूप में निकलते हैं । इन्हें ऐरोसॉल कहते हैं । इनके उपयोग से वाष्पशील CFC (क्लोरोफ्लोरो कार्बन) वायुमंडल में पहुँचकर ओजोन स्तर को नष्ट करते हैं । CFC का उपयोग व्यापक तौर पर एयरकंडीशनरों, रेफ्रीजरेटरों, शीतलकों (coolants), जेट इंजनों, अग्निशामक उपकरणों आदि में होता है।
20. संख्या का पिरामिड किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ अगर विभिन्न पोषी स्तर के जीवों की संख्या का अवलोकन किया जाय तो एक पिरामिड के सदृश आकृति बनती है जिसे संख्या का पिरामिड (pyramid of numbers) कहा जाता है। सामान्यतः उच्च पोषी स्तर के जीवों को अपनी आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए ज्यादा मात्रा में खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है, अत: निचले पोषी स्तर पर जीवों की संख्या अधिक होती है ।
21. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का वातावरण में बढ़ने का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर ⇒ कल-कारखानों एवं उद्योगों के कारण अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ वातावरण में काफी बढ़ गए हैं ।
22. किसी भी परितंत्र में जैव घटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर – किसी भी पारितंत्र में निम्न जैव घटक हैं
पेड़-पौधे, जंतु, सूक्ष्मजीव आदि। किसी भी पारितंत्र में हरे पौधे तथा प्रकाश-संश्लेषी बैक्टीरिया जो अपना भोजन प्रकाश-संश्लेषण के द्वारा बनाते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। इन्हें स्वपोषी भी कहते हैं। किसी भी पारितंत्र में वैसे जीव जो अपने भोजन का संश्लेषण स्वयं नहीं कर पाते, अपितु प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उत्पादकों पर निर्भर करते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं।