महत्वपूर्ण तथ्य
1.शीर्षक :- ‘धरती कब तक घूमेगी’
2. लेखक :- ‘साँबर दइया ‘ राजस्थानी समाज में गहरे अर्थबोध के चर्चित कथाकार
3. भाषा :- राजस्थानी भाषा पर आधारित
4. हिंदी रूपांतरण :- कहानीकार ने स्वयं किया है
5. कहानी का मुख्य पात्र :-
*सीता (मां)
*तीन बेटे – कैलाश , नारायण और बिज्जू
*तीन बहुँए, पोते – पोतियाँ, भँवरी, पुष्पा , राधा
6. कहानी का स्थान :- राजस्थानी समाज में रचे-बसे जन -जीवन पर आधारित कहानी
7. कहानी की विशेषता :- ‘धरती कब तक घूमेगी’ शीर्षक कहानी राजस्थानी कहानी तीन बेटे …….. दो वक्त की रोटी……..एक माँ की कहानी है अर्थात एक मां ……तीन बेटे ……..दो वक्त की रोटी, इस कहानी में मध्य वर्गीय परिवार के यथार्थ को पूर्ण विश्वसनीयता के साथ चित्रित किया गया है इस कहानी में नारी मनोविज्ञान की गहराई के साथ प्रस्तुत किया गया है , कहानी कला के सारे तत्वों का सुन्दर समन्वय हुआ है ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. सीता को अपने घर ही में कैसा महसूस होता है ?
(A) घुटन
(B) आनंद
(C) सुख
(D) सुख
Ans :- (A) घुटन
2. धरती कब तक घूमेगी शीर्षक कहानी का कहानीकार कौन है ?
(A) श्रीनिवास
(B) सुजाता
(C) सांवर दइया
(D) सातकौड़ी होता
Ans :- (C) सांवर दइया
3. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी का प्रमुख पात्र कौन है ?
(A) पाप्पाति
(B) मंगम्मा
(C) लक्ष्मी
(D) सीता
Ans :- (D) सीता
4. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहाँ की कहानी है ?
(A) बिहार की
(B) गुजरात की
(C) राजस्थान की
(D) उड़ीसा की
Ans :- (C) राजस्थान की
5. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी में किसकी प्रधानता दी गई है ?
(A) नारी
(B) पुरुष
(C) बच्चों
(D) कोई नही
Ans : – (A) नारी
6. ‘धरती कब तक घूमेगी’ किस भाषा की रचना है-
(A) उड़िया
(B) राजस्थानी
(C) कन्नड़
(D) तमिल
Ans :- (B) राजस्थानी
7. ‘धरती कब तक घूमेगी’ के अनुवादक कौन हैं ?
(A) बी. आर. नारायण
(B) के० ए० जमुना
(C) गोपाल दास नागर
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (D) इनमें से कोई नहीं
8. ‘धरती कब तक घूमेगी’ संकलित हैं-
(A) ‘समकालीन भारतीय साहित्य से’
(B) आधुनिक तमिल कहानियों से
(C) ‘माँ’ से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (A) समकालीन भारतीय साहित्य से
9. सीता घर छोड़कर क्यों चली गयी?
(A) भोजन नहीं मिलने के कारण
(B) 50-50 रु० देने की बात सुनकर
(C) घर अच्छा नहीं होने के कारण
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B) 50-50 रु० देने की बात सुनकर
10. सीता को कितने पुत्र थे?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
Ans :- (B) तीन
11. सीता के बड़े लड़के का नाम था-
(A) शालीग्राम
(B) कैलाश
(C) सर्वेश
(D) शंकर
Ans :- (B) कैलाश
12. अर्द्धविक्षिप्त सी अवस्था किसकी थी ?
(A) नारायण
(B) कैलाश
(C) सीता
(D) कोई नहीं
Ans :- (C) सीता
13. कैलास की पली का नाम क्या था?
(A) राधा
(B) लक्ष्मी
(C) सवीता
(D) कविता
Ans :- (A) राधा
14. कैलास ने अपनी माँ (सीता) को कितने रुपए प्रति माह देने के लिए कहा?
(A) 50 रुपया
(B) 100 रुपया
(C) 60 रुपया
(D) 80 रुपया
Ans :- (A) 50 रुपया
15. किसके भीतर आँसुओं का समुद्र भर गया :
(A) सीता के
(B) कैलास के
(C) राधा के
(D) बिज्जू के
Ans :- (A) सीता के
16. सीता कितने-कितने दिन एक लड़के के पास रहती थी:
(A) एक-एक महीना
(B) दो-दो महीना
(C) तीन-तीन महीना
(D) चार-चार महीना
Ans :- (A) एक-एक महीना
17. सीता अपने को मानती है:
(A) भिखारिन
(B) बेकार
(C) समझदार
(D) दु:खी
Ans :- (A) भिखारिन
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सीता का चरित्र चित्रण करें ।
उत्तर–सीता एक विधवा पर सहिष्णु महिला थी। वह बहुओं की विषाक्त बातों का कभी उत्तर नहीं देती। वह अपने हृदय को पत्थर कर अपने ही घर में विराना बनकर रह रही थी। बेटों ने उसे एक-एक महीने पाली पर रखा तो वह कुछ। नहीं बोली पर जब उसे 50 रु० प्रतिमाह देने की बात बेटों ने बिना उससे राय लिए। ही तय कर की तो उसका स्वाभिमान जगा और वह घर से निकल पड़ी। इस प्रकार सीता सुख-दु:ख में समरस रहनेवाली, शान्त प्रकृति की स्वाभिमानिनी और दृढ़ निश्चय प्रकृति की महिला है।
2 . ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करें।
उत्तर- इस कहानी का शीर्षक ‘धरती कब तक घूमेगी’ घटना-प्रधान है । सीता अपने बेटों और उनसे अधिक बहुओं का विष सहते-सहते परेशान हो जाती है। उसे अपना पूर्व का जीवन स्मरण हो आता है। उसने आकाश की ओर दृष्टि उठाकर देखी और फिर पृथ्वी की ओर देखकर महसूस किया कि पृथ्वी और आकाश के बीच घुटन भरी हुई है। दो रोटियाँ ही सबकुछ नहीं, इनके अलावे भी तो कुछ है और वही अलावा वाली इच्छाएँ ही तो दुख भोगने को बाध्य करती हैं। सीता को आशा है कि धरती घूमेगी, पर कब तक घूमेगी? अतः यह शीर्षक सार्थक है।
3. “इस समय उसकी आँखों के आगे न तो अँधेरा था और न ही उसे धरती और आकाश के बीच घुटन हुई।’ सप्रसंग व्याख्या करें।
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ सिद्धहस्त कथाकार सांवर दइया की लेखनी से स्यूत ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी से उद्धत हैं। बेटे और बहुओं के विषाक्त वातावरण में रहते सीता प्रायः अर्द्धविक्षुब्ध हो चुकी थी। उसे धरती और आकाश संकुचित दीख पड़ रहे थे क्योंकि मन का भाव ही मनुष्य बाह्य प्रकृति में देखता है। घर के घुटन ने उसे मानसिक अस्वस्थ बना दिया था। महीने-महीने पाली बदलकर तो उसने पाँच वर्षों की लम्बी अवधि काट दी पर 50 रु० प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह देने की बात से वह तिलमिला उठी और कठोर निर्णय न लेते हुए अपने कुछ फटे-पुराने कपड़े लेकर उस घुटन भरे घर से तडके निकल पडी। इस समय मन शान्त और हृदय उद्वेग राहत था। उसकी आँखों के आगे। ग अभी न तो अँधेरा था और न धरती-आकाश के बीच घुटन । उसका मन जैसे शांत और निर्मल हो गया प्रकृति भी वैसी ही दीख रही थी।
4. सीता क्या सोचकर घर से निकल पड़ी ?
उत्तर -प्रतिमाह 50-50 रु० देने की बात सुनकर सीता को हार्दिक पीड़ा हुई। उसने सोचा कि जब मुझे मजदूरी ही करनी है तो कहीं भी कर लूँगी और रोटी खा लँगी। यही सोचकर वह घुटन में घर से निकल पड़ी।
5. सीता अपनी स्थिति को किससे तुलना करती है ?
उत्तर—बच्चों का खेल-‘माई-माई रोटी दे’। भिखारिन आती है और कहती है-“माई-माई रोटी दे” अन्दर से उत्तर मिलता है-यह घर छोड़ दूसरे घर जा। सीता भी अपने को उस भिखारिन जैसी मानती है। इसे भी महीना पूरे होते ही वही आदेश सुनाई देता है।
6. सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती है ?
उत्तर सीता विधवा होने के बाद बेटे और बहुओं से उपेक्षित हो गई है। बात-बात पर उसे मात्र दो रोटियों के लिए ताने सुनने पड़ते हैं। इससे वह सर्वदा अपमानित महसूस करती है । उसे लगता है कि धरती आकाश सिमटकर बहत छोटा हो गया है। इसलिए सीता अपने ही घर में घुटन महसूस करती है।
7. पाली बदलने पर बच्चों की खुशी, माता-पिता की नाखशी का कारण क्या था? ‘नगर’ शीर्षक कहानी के आधार पर बतायें।
उत्तर -बच्चों के निष्कलुष हृदय में अपनी दादी के लिए प्यार है। अत: पाली बदलने पर बच्चे हर्षित होकर उसके पास आते और कहते-“दादीजी, कल से आप हमारे घर खाना खायेंगी, हम साथ ही साथ खायेंगे। बच्चों के लिए दादी का सान्निध्य और प्यार आनन्ददायक था। अतः वे खुश होते पर उसनमा अपनी माँ को भार समझते थे, इसलिए वे नाखुश होते ।