महत्वपूर्ण तथ्य
1. लेखक- अनामिका
2. जन्म- 17 अगस्त 1961 ई०, मुजफ्फरपुर (बिहार)
3. उम्र- 59 वर्ष
4. इनके पिता श्यामनंदन किशोर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में हिंदी विभाग के अध्यक्ष थे।
5. कवियित्री अनामिका दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम० ए० और पी॰ एच॰ डी॰ करने के बाद सत्यवती कॉलेज दिल्ली में अध्यापन कार्य आरम्भ किया।
6. प्रमुख रचनाएँ- इन्होंने गद्य और पद्य दोनों में लेखन कार्य किया- गलत पत्तों की चिट्ठी अनुष्ठुप पोस्ट-एलिएट पोएट्री तथा स्त्रीत्व का मानचित्र आदि।
अक्षर ज्ञान
चौखटे में नहीं अँटता
बेटे का ‘क‘
कबुतर ही है न-
फुदक जाता है जरा-सा !
अर्थ:- कवियित्री अनामिका बच्चों के अक्षर ज्ञान के बारे में कहती है कि जब माता-पिता बच्चों के अक्षर सिखाना आरंभ करते हैं तब बाल्यावस्था के कारण बच्चा बड़ी कठिनाई से ‘क‘ वर्ण का उच्चारण कर पाता है।
पंक्ति से उतर जाता है
उसका ‘ख‘
खरगोस की खालिस बेचैनी में !
गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग‘
घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ‘।
अर्थ:- इसके बाद ‘ख‘ वर्ण की बारी आती है। इस प्रकार ‘ग‘ तथा ‘घ‘ वर्ण भी सिखता है। लेकिन अबोधता के कारण बच्चा इन वर्णों को क्रम से नहीं बोल पाता। कभी ‘क‘ कहना भूल जाता है तो कभी ‘ख‘। तात्पर्य यह कि व्यक्ति का प्रारंभिक जीवन सही-गलत के बीच झूलता रहता है। जैसे ‘क, ख, ग, घ‘ के सही ज्ञान के लिए बेचैन रहता है।
‘ङ‘ पर आकर थमक जाता है
उससे नहीं सधता है ‘ङ‘ ।
‘ङ‘ के ‘ड‘ को वह समझता है ‘माँ‘
और उसके बगल के बिंदू (.) को मानता है
गोदी में बैठा ‘बेटा‘
माँ-बेटे सधते नहीं उससे
और उन्हें लिख लेने की
अनवरत कोशिश में
उसके आ जाते हैं आँसु।
पहली विफलता पर छलके आँसु ही
हैं सायद प्रथमाक्षर
सृष्टि की विकास- कथा के।
अर्थ:- कवियित्री कहती हैं कि बच्चा ‘ङ‘ वर्ण का सही उच्चारण नहीं कर पाता है। वह बार-बार लिखता है, ताकि वह उसकी सही उच्चारण कर सके, लेकिन अपने को सही उच्चारण करने में असमर्थ जानकर रो पड़ता है। तात्पर्य यह कि अक्षर-ज्ञान जीवन की विकास-कथा का प्रथम सोपान है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘अक्षर-ज्ञान’ कविता बच्चों के किस स्तर की शिक्षण-प्रक्रिया से सम्बन्धित हैं !
(A) प्रारंभिक शिक्षण प्रक्रिया
(B) मध्य शिक्षण प्रक्रिया
(C) माध्यमिक शिक्षण प्रक्रिया
(D) उच्च माध्यमिक शिक्षण
Ans ⇒ A
2. कवयित्री अनामिका का जन्म कहाँ हुआ?
(A) पटना
(B) ‘भागलपुर
(C) गया
(D) मुजफ्फरपुर
Ans ⇒ D
3. अनामिका के पिता का नाम है-
(A) रामनंदन किशोर
(B) कमल किशोर
(C) श्यामनंदन किशोर
(D) ब्रजकिशोर
Ans ⇒ C
4. अनामिका के पिता किस विश्वविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष थे?
(A) पटना विश्वविद्यालय
(B) मगध विश्वविद्यालय
(C) भागलपुर विश्वविद्यालय
(D) बिहार विश्वविद्यालय
Ans ⇒ D
5. अनामिका ने एम० ए० किस विश्वविद्यालय से किया?
(A) बिहार विश्वविद्यालय
(B) दिल्ली विश्वविद्यालय
(C) रॉची विश्वविद्यालय
(D) पटना विश्वविद्यालय
Ans ⇒ B
6. कवयित्री अनामिका किस कॉलेज में प्राध्यापिका हैं?
(A) सत्यवती कॉलेज
(B) श्रीकृष्ण रामरूची कॉलेज
(C) सुन्दरवती कॉलेज
(D) पटना कॉलेज
Ans ⇒ A
7. अनामिका किस विभाग में प्राध्यापिका हैं ?
(A) हिन्दी
(B) संस्कृत
(C) अंग्रेजी
(D) इतिहास
Ans ⇒ C
8. अनामिका किस विषय में लेखन कार्य करती हैं ?
(A) संस्कृत में
(B) अंग्रेजी में
(C) हिन्दी में
(D) हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों में
Ans ⇒ D
9. ‘गलत पते की चिट्ठी’ किनकी रचना है?
(A) वीरेन डंगवाल की
(B) यतीन्द्र मिश्र की
(C) अज्ञेय की
(D) अनामिका की
Ans ⇒ D
10. ‘बीजाक्षर’ किस प्रकार की रचना है?
(A) काव्य संकलन
(B) कहानी संकलन
(C) निबंध
(D) उपन्यास
Ans ⇒ A
11. ‘अक्षर ज्ञान’ कविता कहाँ से ली गई है?
(A) गलत पते की चिट्ठी से
(B) ‘कवि ने कहा’ से
(C) ‘कहती हैं औरतें’ से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ B
12. ‘अक्षर-ज्ञान’ कविता के रचनाकार हैं-
(A) महादेवी वर्मा
(B) अनामिका
(C) सुमित्रानन्दन पंत
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ B
13. बेटे का ‘क’ कहाँ नहीं अटता है ?
(A) कॉपी में
(B) किताब में
(C) चौखटे में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ C
14. कौन फुदक जाता है ?
(A) तोता
(B) खरगोश
(C) मैना
(D) कबूतर
Ans ⇒ D
15. ‘पंक्ति ‘ से कौन-सा अक्षर उतर जाता है?
(A) अ
(B) ब
(C) ख
(D) क
Ans ⇒ C
16. किसकी खालिश बेचैनी है?
(A) कबूतर की
(B) खरगोश की
(C) तोते की
(D) कौवे की
Ans ⇒ B
17. ‘ग’ अक्षर की समानता किससे दिखाया गया है ?
(A) गदहा से
(B) गणेश से
(C) गमले से
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ C
18. घड़े सा लुढ़कता हुआ किस अक्षर को कहा गया है?
(A) ख
(B) क
(C) घ
(D) ब
Ans ⇒ C
19. बालक किसे माँ समझता है ?
(A) ड
(B) म
(C) ख
(D) ज
Ans ⇒ A
20. ‘ङ’ के बिन्दु को बालक क्या मानता है?
(A) माँ
(B) बेटा
(C) मैना
(D) तोता
Ans ⇒ B
21. बालक को आँसू कब छलके ?
(A) पिटाई लगने पर
(B) खिलौने नहीं
(C) मिठाई नहीं मिलने पर
(D) पहली विफलता पर
Ans ⇒ D
22. ‘बीजाक्षर’ किसकी कृति है?
(A) कृष्णा सोबती की
(B) अर्चना वर्मा की
(C) अनामिका की
(D) स्नेहलता की
Ans ⇒ C
23. ‘गलत पते की चिट्ठी’ किस विधा की कृति है?
(A) उपन्यास की
(B) काव्य संकलन की
(C) निबंध की
(D) कहानी की
Ans ⇒ B
24. ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक कविता में किस मनोविज्ञान का आधार लिया गया है?
(A) स्त्री मनोविज्ञान
(B) बाल मनोविज्ञान
(C) वृद्ध मनोविज्ञान
(D) किशोर मनोविज्ञान
Ans ⇒ B
25. ‘अक्षर-ज्ञान’ किनकी काव्य कति है?
(A) अर्चना वर्मा की
(B) कृष्णा सोबती की
(C) स्नेहलता की
(D) अनामिका की
Ans ⇒ D
26. अनामिका का जन्म कब हुआ?
(A) 7 अप्रैल, 1959 को
(B) 17 मई, 1960 को
(C) 17 अगस्त, 1961 को
(D) 17 सितम्बर, 1962 को
Ans ⇒ C
27. ‘खालिस’ शब्द है-
(A) ग्रीक
(B) फारसी
(C) अरबी
(D) देवनागरी
Ans ⇒ C
28. अबोध बालक के अक्षर पाटी पर क्या नहीं अँटता ?
(A) ‘क’
(B) ‘ख’
(C) ‘ङ’
(D) ‘ब’
Ans ⇒ A
29. किसका ध्यान ‘क’ लिखते समय कबूतर पर होता है ?
(A) कवयित्री
(B) अबोध बालक
(C) ज्ञानी
(D) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ B
30. बालक. ‘ङ’ के ‘ड’ को क्या समझता है?
(A) माँ
(B) बालक
(C) कवि
(D) इनमें कोई नहीं
Ans ⇒ A
31. कविता ‘अक्षर-ज्ञान’ में ‘कु’ को व्या कहा गया है?
(A) भाई-बहन
(B) मा-बटा
(C) पिता-पुत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ B
32. खालिसु (खरा या शुद्ध) बेचैनी किसकी है?
(A) माँ की
(B) पिता की
(C) बेटे की
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans ⇒ C
33. कविता में ‘घ’ से किसका बोध कराया गया है?
(A) घड़ी
(B) घमंड
(C) घंटी
(D) घड़ा
Ans ⇒ D
34. कवयित्री अनामिका ने इसमें से किसका सम्पादन किया ?
(A) कहती है औरत
(B) गलत पते की चिट्ठी
(C) बीजाक्षर
(D) अनुष्टुप
Ans ⇒ A
35. कवयित्री अनामिका की आलोचनात्मक लेखन है-
(A) कहता है औरतें
(B) स्त्रीत्व का मानचित्र
(C) मातृत्व
(D) आज की नारी
Ans ⇒ B
36. कवयित्री अनामिका को किस सम्मान से सम्मानित किया गया ?
(A) राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार
(B) भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार
(C) गिरजा कु माथुर पुरस्कार
(D) इनमें सभी
Ans ⇒ D
37. कवयित्री.द्वारा अंग्रेजी में लिखी गई आलोचनात्मक लेखन है-
(A) मेमोरिबल पोएट्री
(B) पोस्ट-एलिएट पोएट्री
(O) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें सभी
Ans ⇒ A
38. विफलता पर छलक पड़ते हैं-
(A) आँसू
(B) ‘क’
(C) पानी
(D) ‘ख’
Ans ⇒ A
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कविता में ‘क’ का विवरण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता में कवयित्री छोटे बालक द्वारा प्रारम्भिक अक्षर-बोध को साकार रूप में चित्रित करते हुए कहती हैं कि ‘क’ को लिखने में अभ्यास-पुस्तिका का चौखट छोटा पड़ जाता है। कर्मपथ भी इसी प्रकार प्रारंभ में फिसलन भरा होता है।
प्रश्न 2. बेटे के आँसू कब आते हैं, और क्यों ?
अथवा, कवियित्री के अनुसार बेटे को आँसू कब आता है, और क्यों ?
उत्तर ⇒ सीखने के क्रम में बारंबार प्रयास करने पर भी जब बालक विफल हो जाता है तब पहली विफलता पर आँसू आ जाते हैं। क्योंकि कठिनतम प्रयास के बाद विफल होना कष्टदायी स्थिति उत्पन्न करता है।
प्रश्न 3. “अक्षर-ज्ञान” शीर्षक कविता किस तरह एक सांत्वना और आशा जगाती है ? स्पष्ट करें।
अथवा, कविता किस तरह एक सांत्वना और आशा जगाती है ? विचार करें।
उत्तर ⇒ कविता में एक प्रवाह है जो विकासवाद के प्रवाह का बोध कराता है। सांत्वना और आशा सफलता का मूलमंत्र है । अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया अति संघर्षशील होती है। लेकिन अक्षर ज्ञान करवाने वाली ममता की मूर्ति माँ सांत्वना और आशा का बोध कराती है।
प्रश्न 4. खालिस बेचैनी किसकी है? बेचैनी का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर ⇒ खालिस बेचैनी खरगोश की है। ‘क’ सीखकर ‘ख’ सीखने के कर्मपथ पर अग्रसर होता हुआ साधक की जिज्ञासा बढ़ती है और वह आगे बढ़ने को बेचैन हो जाता है। बेचैनी का अभिप्राय है आगे बढ़ने की लालसा, जिज्ञासा एवं कर्म में उत्साह ।
प्रश्न 5. कविता के अंत में कवयित्री ‘शायद’ अव्यय का क्यों प्रयोग करती हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ⇒ यहाँ कविता के अंत में कवयित्री ‘शायद’ अव्यय का प्रयोग करके यह स्पष्ट करना चाहती है कि जो अक्षर-ज्ञान में बच्चों को मसक्कत करना पड़ता है वही मसक्कत सृष्टि के विकास में करना पड़ा होगा । शायद सृष्टि का प्रारंभिक क्रम इसी गति से चला होगा।
प्रश्न 6. बेटे के लिए “ङ’ क्या है, और क्यों ?
उत्तर ⇒ बेटे के लिए ‘ङ’ उसको गोद में लेकर बैठी माँ है । माँ स्नेह देती है, वात्सल्य प्रेम देती है । ‘ङ’ भी ‘क’ से लेकर ‘घ’ तक सीखने के क्रम के बाद आता है। वहाँ स्थिरता आ जाती है, साधनाक्रम रुक जाता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कर्मरत बालक माँ की गोद में स्थिर हो जाता है।
प्रश्न 7. कविता में तीन उपस्थितियाँ हैं । स्पष्ट करें कि वे कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता में प्रवेश, बोध और विकास तीन उपस्थितियाँ आयी हैं। अक्षर-ज्ञान की प्रक्रिया सबसे पहले प्रवेश के वातावरण में प्रारंभ हुई है। उसके बाद बोध में कुछ परिपक्वता दिखाई पड़ने लगती है। अंत में विकास क्रम उपस्थित होता है जहाँ निरंतर आगे बढ़कर अक्षर को मूर्तरूप देने का प्रयास सफल होता है।
प्रश्न 8. ‘कवयित्री अनामिका की ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर ⇒ अबोध बालक हिंदी वर्णमाला के अक्षर पाटी पर (स्लेट पर) साधने चला है। वह ‘क’ लिखता है, पर उसका ‘क’ निर्धारित स्थान की सीमा का उल्लंघन कर जाता है, वह चौखटे में नहीं अँटता। उसे बताया गया है कि ‘क’ से कबूतर होता है। उसका ध्यान ‘क’ लिखते समय कबूतर पर होता है, उसका ‘क’ रेखा के इधर-उधर फुदक जाता है। ‘ख’ के साथ भी यही होता है। वह जानता है-‘ख’ से खरहा होता है। ‘ख’ लिखते समय उसका ध्यान ‘ख’ से ज्यादा खरहा पर होता है। परिणामस्वरूप उसका ‘ख’ रेखा से उतर जाता है। वह अबोध बालक ‘ग’ भी ठीक से नहीं लिख पाता। उसका ‘ग’ टूटे हुए गमले-सा इधर-उधर बिखर जाता है। घड़ा जैसे लुढ़कता है ठीक उसी तरह उस बालक का ‘घ’ भी लुढ़कता हुआ-सा दिखता है। रेखाओं के बीच वह ‘घ’ सही-सही नहीं बैठा पाता। ‘ङ’ लिखते समय तो वह बहुत परेशान हो जाता है। वह ‘ङ’ को दो हिस्सों में बाँटता है-‘ड’ और ‘ड’ के बगल में लगनेवाला बिंदु ( .)। ‘ड’ उसे माँ की तरह दिखाई पड़ता है और बगल का बिंदु (.) माँ की गोद में बैठे हए बेटे की तरह। माँ और बेटे को एकसाथ साधने में अपने को असमर्थ पाता है। वह ‘ङ’ लिखने की कोशिश करता है, पर हर बार वह असफल हो जाता है। अपनी विफलता के कारण उसके आँखों में आँसू आ जाते हैं। बालक के उन सजह-निश्छल आँस की बँदों पर कवयित्री टिप्पणी करती है कि “पहली विफलता पर छलके ये आँसू ही/हैं शायद प्रथमाक्षर/सष्टि की विकास-कथा के।” सृष्टि की विकास-कथा विफलता पर छलके हुए आँसू के प्रथमाक्षर से ही लिखी गई है शायद!
प्रश्न 9.“गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग’/ घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ’ ” की व्याख्या कीजिए।
उत्तर ⇒ प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्य पुस्तक के ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक से उद्धत हैं। प्रस्तुत अंश में हिन्दी साहित्य की समसामयिक कवयित्री अनामिका ने अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया में संघर्षशीलता का मार्मिक वर्णन किया है।
कवयित्री कहती हैं कि बच्चों को अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया कौतकपूर्ण है। एक चित्रमय वातावरण में विफलताओं से जूझते हुए, अनवरत प्रयासरत आशान्वित निरंतर आगे बढ़ते हुए बच्चे की कल्पना की गई है। ‘ग’ को सीखना गमले की तरह नाजुक है जो टूट जाता है। साथ ही ‘घ’ घड़े का प्रतीक है जिसे लिखने का प्रयास किया जाता है लेकिन लुढ़क जाता है। अर्थात् गमले की ध्वनि से बच्चा ‘ग’ सीखता है और ‘घड़े’ की ध्वनि से ‘घ’ सीखता है।