दही वाली मंगम्मा
महत्वपूर्ण तथ्य
1.शीर्षक – ‘दही वाली मंगम्मा’
2. लेखक – ‘श्री निवास’ मास्ती वेंकटेश अव्यंगार (कर्नाटक)
3. भाषा – कन्नड़
4. हिंदी रूपांतरण : बी0 आर0 नारायण , जन्म 6 जून , 1891 ई0
5. कहानी का मुख्य पात्र :-
* मंगम्मा (दही बेचने का काम करती है)
* मां जी कथावाचक की पत्नी
* रंगरप्पा – जुआरी , शौकीन मियाज
* मंगम्मा का बेटा नंजम्मा, ( मंगम्मा की बहू )
* पोता
6. कहानी का स्थान : – बेंगलूर शहर के अंतर्गत वेंकटपुर अवलूर गांव की कहानी है
7. कहानी की विशेषता : मां के विविध रूप और छबिया है अपने स्वभाव और चरित्र के भाव वैभव और वात्सल्य के साथ मॉ के हृदय की भावना को महिमा मंडित किया है
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मंगम्मा क्या बेचती थी ?
(A) दूध
(B) दही
(C) मक्खन
(D) घी
Ans :- (B) दही
2. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कहानीकार कौन है ?
(A) श्री निवास
(B) सातकौड़ी होता
(C) ईश्वर
(D) सुजाता
Ans :- (A) श्री निवास
3. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का प्रमुख पात्र कौन है ?
(A) लक्ष्मी
(B) मंगम्मा
(C) पाप्पाति
(D) सीता
Ans :- (B) मंगम्मा
4. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथावाचक कहाँ से हैं ?
(A) पटना से
(B) दिल्ली से
(C) बेंगलूर से
(D) कलकत्ता से
Ans :- (C) बेंगलूर से
5. ‘दही बाली मंगम्मा’ कहानी किसे संदेश देती है ?
(A) माताओं
(B) पुत्रियों
(C) बहुओं
(D) छात्रों
Ans :- (C) बहुओं
6. मंगम्मा के परिवार के कुल कितने सदस्य थे ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
Ans :- (C) चार
7. श्रीनिवास का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) बिहार
(B) उड़ीसा
(C) मध्यप्रदेश
(D) कर्नाटक
Ans :- (D) कर्नाटक
8. कथाकार को बरसों से मंगम्मा कौन-सी वस्तु दिया करती थी ?
(A) दूध
(B) घी
(C) सब्जी
(D) दही
Ans :- (D) दही
9. मंगम्मा की बहू का नाम क्या था ?
(A) रंगम्मा
(B) नंजम्मा
(C) संजम्मा
(D) कंजम्मा
Ans :- (B) नंजम्मा
10. दही वाली मंगम्मा किस भाषा में रचित कहानी है ?
(A) उड़िया
(B) तमिल
(C) कन्नड़
(D) गुजराती
Ans :- (C) कन्नड़
11. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का हिन्दी अनुवादक कौन है ?
(A) बी. आर. नारायण
(B) श्रीनिवास
(C) गोपालदास नागर
(D) ईश्वर पेटलीकर
Ans :- (A) बी. आर. नारायण
12. रंगप्पा कौन था ?
(A) मंगम्मा का पुत्र
(B) नंजम्मा का भाई
(C) मंगम्पा का पौत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (D) इनमें से कोई नहीं
13. मंगम्मा एवं नंजम्मा के बीच झगड़ा मिटाकर अच्छा संबंध स्थापित करने का माध्यम कौन था ?
(A) मंगम्मा का बेटा
(B) मंगम्मा का पोता
(C) रंगप्पा
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B) मंगम्मा का पोता
14. ‘कथावाचक’ को मंगम्मा क्या कहती थी ?
(A) बहन जी
(B) मौसी जी
(C) माँ जी
(D) काकी जी
Ans :- (C) माँ जी
15. दही वाली मंगम्मा का कथावाचक कौन है ?
(A) एक शिक्षिका
(B) बेंगलूर की एक सम्भ्रान्त महिला
(C) एक कलाकार
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B) बेंगलूर की एक सम्भ्रान्त महिला
16. अधिक बुद्धिमान कौन थी ?
(A) मंगम्मा
(B) गाँव की एक अन्य महिला
(C) नंजम्मा
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (C) नंजम्मा
17. ‘मंगम्मा’ प्रतिनिधित्व करती है-
(A) एक नगरीय महिला की
(B) एक ग्रामीण महिला की
(C) एक सम्भ्रांत महिला की
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans :- (B) एक ग्रामीण महिला की
18. बहू की दशा है-
(A) मगरमच्छ सी
(B) मछली सी
(C) सम्मान
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans : – (A) मगरमच्छ सी
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. रंगप्पा कौन था ? और वह मंगमा से क्या चाहता था ?
उत्तर- रंगप्पा गाँव का लंपट और जुआड़ी था । वह मंगग्मा से धन चाहता था । इतना ही नहीं वह मंगग्मा के अनाथ समझकर उसकी इजत भी लूटना चाहत था !
2. कथावाचक ने सास और बहु की उपमा किस-किससे दी ?
उत्तर- कथावाचक ने पानी में खड़े बच्चे का पाँव खींचनेवाले मगरमच्छ से बहु को और ऊपर से बाँह पकड़कर बचनेवाला रक्षक की उपमा सास को दी है।
3. दही वाली मंगग्मा कहानी का सन्देश अस्पष्ट करें।
उत्तर-यह कहानी आधुनिक बहुओं को सन्देश देती है कि वे आवेश देखकर सभी सदस्यों को मिलाकर रखें। इसके लिए बुद्धि का प्रयोग करना ‘नंजम्मा’ के चरित्र से सीखें।
4.इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर- इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को बुढापे में अधिकार के पचड़े में न पड़कर योग्य उत्तराधिकारी को स्वयं अधिकार सौंप देना चाहिए| जिससे न समाज में उपहास हो और न मूर्खों की दाल ही गले ।
5. शीर्षक की सार्थकता अस्पष्ट करें।
उत्तर- इस कथा का मुख्य पात्र हैं “मंगम्मा उसी को लेकर माँजी कहानी प्रारंभ करती है और सर्वत्र वह बनी रहती है। उसकी दही बेचने की क्रिया भी अद्योपान्त है। अत: दही वाली मंगम्मा बहुत उचित शीर्षक है।
6. दही वाली मंगग्मा कहानी में बहू ने सास को मनाने के लिए कौन सा तरीका अपनाया ?
उत्तर- बहू बुद्धिमती थी। उसने सोंच समझकर बच्चे को दादी के पास भेज ‘दिया । बच्चा जब दादी के साथ बाजार जाने को मचल रहा था| तो बेटा-बहू ने उसे समझाया अपनी गलती भी उन्होंने स्वीकार की। पोता ही समझौते का जरिया बन गया| जो बहु की योजना थी।
7. ‘दही वाली मंगग्मा कहानी का कथावाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए।
उत्तर- इस कहानी का कथावाचक बेंगलूर की रहनेवाली एक संभ्रान्त महिला थी | जिसे मंगम्मा माँ जी कहती थी । वह अंधविश्वासों से दूर और समझदार थी। तथा सांसारिक परिस्थितियों को भलीभाँत समझती थी।
8.मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
उत्तर- मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अधिकार को लेकर विवाद था। मंगम्मा अपने बेटे पोते और बहू पर भी अपना अधिकार बनाये रखना चाहती थी| जिसे उसकी बहू मानने को तैयार नहीं थी और यही विवाद का कारण था ।
9. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर- मंगम्मा गाँव की सीधी-सादी नारियों का प्रतिनिधित्व करती है। आज गाँव-शहर सभी जगह मंगम्मा का प्रतिमूर्ति मिलती है। वह अपमान और कष्ट सहकर भी प्रतिष्ठा से रहना चाहती है। वह बेटे-बहू और पोते पर अपना स्वत्व सर्वदा बनाये रखना चाहती है। इस प्रकार वह एक भारतीय नारी है जो सम्मान के साथ जीना चाहती है।
10. मंगम्मा और नंजम्मा में कौन अधिक बुद्धिमती है ?
उत्तर- दोनों नारियाँ अधिकार के लिए झगड़ती हैं| किन्तु नंजम्मा अपनी नाटकीय योजना से उसे परास्त कर यहाँ तक कि दही बेचने वाला आय का साधन भी उसके हाथ से खुशी-खुशी ले लेती है। अत: इस व्यवहार से कथाकार ने नंजम्मा को मंगम्मा से अधिक बुद्धिमती बना दिया है।
11. दही वाली मंगग्मा कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- मंगमा अवलूर के समीप वेंकटपुर के रहनेवाली थी | और रोज दही बेचने बेंगलूर आती थी। मंगम्मा का पति नहीं था | और बेटा-बहू से गृह-कलह के कारण अलग हो गई। प्रत्यक्ष में तो झगड़े का कारण पोते की पिटाई थी | किन्तु मूल रूप में सास-बहू की अधिकार सम्बन्धी ईष्र्या थी। औरत को अकेली जानकर कुछ अवांछित तत्व के लोग उसके धन और प्रतिष्ठा पर भी आँखें उठाते । रंगप्पा भी ऐसा ही किया| जिसे बहू की पैनी निगाहों ने ताड़ लिया। उसने पोते को उसके पास भेजने का एक नाटक किया। अब मंगम्मा पोत के लिए मिठाई भी बाजार से खरीदकर ले जाने लगी ।
एक दिन कौवे ने उसके माथे से मिठाई का दोना ले उडा। अंधविश्वास के कारण मंगम्मा भयभीत हो उठी। | बहू के द्वारा नाटकीय ढंग से पोते को दादी के पास भेजने का बहू का मंत्र – बड़ा कारगर हुआ । दूरी बढ़ने से भी प्रेम बढ़ता है। मानसिक तनाव घटता है। हुआ भी ऐसा ही । मंगम्मा को भी बहू में सौहार्द| बेटे और पोते में स्नेह नजर आने लगी। बड़े-बूढों ने भी समझाया। बहू ने मंगम्मा का काम अपने जिम्मे ले लिया। बहू ने बड़ी कुशलता से पुन: परिवार में शान्ति स्थापित कर लिया और पूर्ववत रहने लगी।